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- Dec 5, 2013
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यहाँ से मैं कपड़े बदल के आती हूँ बाहर फिर बताईं कराईं गे और आज कुछ ख़ास्स बात भी करनी है मैने
मैं बिल्लो की बात सुन के खुश हो गया क्यों क मैं समझ रहा था क बिल्लो ने जो भी ख़ास्स बात करनी है वो ये ही हो सकती है की फरजाना तैयार है और इसी खुशी मैं
मैने फिर से बिल्लो के साथ चिपकना चाहा तो उस ने मुझे ढाका दे के हटाया और बोली यार तुम निकलो बाहर
मैं बिल्लो की तरफ देख के बोला यार तुम अम्मी की टेन्सन नहीं लो अम्मी ने अगर देख भी लिया तो कोई मसाला नहीं है वो कुछ नहीं बोलेंगी तुम्हें तो बिल्लो ने कहा हाँ मुझे पता है लेकिन मैं फिर भी अभी उन के सामने ऐसा कुछ नहीं कर पावंगी मुझे शरम आए गी उन से पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ विक्की मान जाओ मेरी जान अभी जाओ यहाँ से और मुझे कपड़े पहन लेने दो
मैं बिल्लो की बात मानते हो बोला ठीक है लेकिन एक शर्त पे जाओंगा की तुम ये गीली क़मीज़ भी उतार के एक बार मेरे सामने नंगी हो जाओ तो जाओंगा वरना जो भी हो मैं नहीं जाने वाला समझी
बिल्लो ने बेबसी से मेरी तरफ देखा और बोली विक्की वेसे तुम ना हो बड़े कामीने और इतना बोलते ही अपनी गीली शर्ट भी उतार डाली और मेरे सामने पूरी नंगी खड़ी हो गई और बोली अब खुश
मैं बिल्लो को अच्छी तरह देखते हो बोला अब बस कहाँ जान-ए-मान अब तो और भी नियत खराब हो रही है तो बिल्लो ने मुझे ढके देते हो रूम से निकल दिया और दरवाजे को अंदर से बंद कर लिया और फिर कपड़े पहन के ही रूम से बाहर आई तो तब तक मैं टुबेवेल के किनारे पे बेता अम्मी और अबू को धान (राइस) की फसल मैं काम करते हो देखता रहा
बिल्लो बाहर आ के मेरे पास ही बैठ गई और मेरी तरफ देखते हो बोली हन तो विक्की अब बताओ क्या इरादा है तुम्हारा फरजाना तो तैयार है लेकिन वो शर्मा रही है बोलती है की उस मैं इतनी हिम्मत नहीं है वो तुम्हारे साथ कुछ कर सके
बिल्लो की बात ख़तम होते ही मैं जल्दी से बोल पड़ा तो फिर अब क्या हो गा तो बिल्लो मेरी बेसब्री पे हंस पड़ी और आहिस्ता से बोली वेसे
विक्की हो तुम भी कोई पके बहनचोद कितनी जल्दी है तुम्हें अपनी ही बेहन को काली से फूल बनाने की
मैने भी बिल्लो की बात पे हंस पड़ा और बोला हाँ यार वाएसे बात तो तुम्हारी भी कुछ ग़लत नहीं है लेकिन खैर छोडो इन बातों को ये बताओ क अब क्या करना पड़े गा क्या कहती है फरजाना
बिल्लो ठंडी आअहह भरते हो बोली वो तैयार तो है लेकिन जो भी करना हो गा तुम्हें खुद ही करना हो गा क्यों की वो अपने आप मैं इतनी हिम्मत नहीं पति लेकिन वो तुम्हें किसी भी काम से मना नहीं करे गी
बिल्लो की बात सुन के मैं सोच मैं पड़ गया और बोला यार तो फिर तुम ये भी बता डालो क मैं आख़िर करू क्या तो बिल्लो ने कहा क तुम ने उस दिन जिस तरह रात फरजाना के साथ मस्ती की थी आज रात फिर से उस के रूम मैं चले जाना लेकिन आज का प्लान ये हो गा की
तुम पूरी आज़ादी के साथ उसे जिस तरह मर्ज़ी छोड़ना वो तुम्हारा साथ देगी लेकिन खुद कुछ नहीं करेगी
मैं बिल्लो की बात सुन के चुप हो गया और फिर कुछ सोचते हो बोला ठीक है बिल्लो मैं फरी बाजी से बात करता हूँ फिर आज ये काम भी कर ही डालते हैं तुम फरजाना को बता देना क तैयार रहे आज
बिल्लो के साथ कुछ देर तक और इस बारे मैं बात करने के बाद मैं उठा और घर को चल दिया बिल्लो के साथ ही और बिल्लो भी मेरे साथ ही हुमारे घर आ गई और फरजाना के पास चली गई तो मैं बाजी को इशारा करते हो अपने रूम मैं चला गया तो बाजी भी मेरे पीछे ही रूम मैं आ गई
मैने बाजी को अपने पास बैठने के लिए बोला और फिर सारी बात जो बिल्लो के साथ होई थी बता दी तो बाजी कुछ देर तक सोचती रही और फिर खुद ही हंस दी और खड़ी हो के बोली
मैं अभी आती हूँ और रूम से बाहर निकल क बिल्लो को आवाज़ दे के बुला लिया जो की बाहर फरजाना के साथ ही बैठी होई थी
बिल्लो के आने के बाद बाजी ने एक बार उस से सब कुछ पूछा और फिर बिल्लो की तरफ देखते हो बोली यार तुम ऐसा करो क एक बार इस बारे मैं मेरे सामने फरजाना से बात करो फिर मैं भी तुम्हारे साथ मिल के उसे संभाल लून गी
बाजी की बात सुन के मैं बोला लेकिन बाजी करना क्या चाहती हो कुछ पता तो चले तो बाजी ने कहा देखो भाई फरजाना की शरम अपनी जगह ठीक है क्यों की
तुम बाहर के कोई अंजन होते तो इतना मसाला नहीं था लेकिन तुम उस के बड़े और सगे भाई हो लेकिन मैं ना सिर्फ़ लड़की हूँ बलके उस की बड़ी बेहन भी हूँ मैं उसे समझा लूगी तुम ये मुझ पे छोड दो और मज़े करो
मैं बाजी की बात सुन के खामोश हो गया तो बाजी बिल्लो का हाथ पकड़ के उठ खड़ी होई और बोली चलो ज़रा फरजाना के पास बैठते हैं और दोनो मेरे रूम से निकल गई तो मैं वापिस बिस्तेर पे लेट गया और सोचने लगा क कहीं बाजी सारा काम ही ना खराब कर डाले लेकिन मैं कुछ कर भी तो नहीं सकता था
खैर काफ़ी टाइम गुज़र गया और दुपेहर का खाना भी खा लिया जो की फरीदा ही लाई थी
मेरे लिए लेकिन मैने उस से भी कोई बात नहीं की और खाने के बाद कुछ देर नॉवेल मैं बिज़ी रहा
3 बजे तक भी बाजी मेरे रूम मैं नहीं तो मैं बुक को साइड पे रख के सो गया और जुब आँख खुली तो 6 से ऊपर टाइम हो चुका था मैने उठ के हाथ मुह धोया और वापिस रूम मैं आ के बैठ गया और
बाजी को आवाज़ लिगाई की पानी पीला दूँ बाजी मेरे लिए पानी ले के आई तो मैने . से बाजी की तरफ देखा और पानी पकड़ लिया
और बोला क्या बात होई फरजाना से आप की तो बाजी हंसते हो बोली यार मारे क्यों जा रहे हो कुछ ना कुछ हो ही जाए गा
बाजी इतना बोल के फिर से निकल गई और मैं बेता बाजी को कोस्टा रहा क्यों क बाजी कुछ भी
नहीं बता रही थी और मैं इसी टेन्सन और सोचों से परेशान था क आख़िर क्या बात होई हो गी और क्या फरजाना मान जाएगी क्या हो गा लेकिन मुझे कोई भी कुछ ब्ताने को तैयार नहीं था
खैर रात होई खाना खाया गया और मैं फिर से अपने रूम मैं जहाँ आज का सारा दिन ही निकल गया था मेरा रूम मैं मैं अकेला लेटा हुआ तंग आ चुका था और मेरा दिल चाह रहा था क मैं ऊपर छत पे चला जाओं तो मैं उठा और रूम से निकल के छत पे आ गया और वहाँ खुद ही बिस्तेर बिछा के लेट गया
कोई 1 अवर गुज़रा हो गा क बाजी मुझे धौंदती होई ऊपर आई और मुझे देखते ही बोली क्या भाई पूरा घर छान मारा तुम्हें ढूँदने के लिए और तुम हो क यहाँ आराम से लेते हो हो
क्यों आप को क्या काम था मेरे साथ जो पागलों की तरह पोर घर मैं धौंदती फिर रही हो तो बाजी मेरा लहज़ा सुन के हंस दी और बोली भाई काम था नहीं तुम ज़रा चलो मेरे साथ फिर बतती हूँ
मैं बिल्लो की बात सुन के खुश हो गया क्यों क मैं समझ रहा था क बिल्लो ने जो भी ख़ास्स बात करनी है वो ये ही हो सकती है की फरजाना तैयार है और इसी खुशी मैं
मैने फिर से बिल्लो के साथ चिपकना चाहा तो उस ने मुझे ढाका दे के हटाया और बोली यार तुम निकलो बाहर
मैं बिल्लो की तरफ देख के बोला यार तुम अम्मी की टेन्सन नहीं लो अम्मी ने अगर देख भी लिया तो कोई मसाला नहीं है वो कुछ नहीं बोलेंगी तुम्हें तो बिल्लो ने कहा हाँ मुझे पता है लेकिन मैं फिर भी अभी उन के सामने ऐसा कुछ नहीं कर पावंगी मुझे शरम आए गी उन से पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ विक्की मान जाओ मेरी जान अभी जाओ यहाँ से और मुझे कपड़े पहन लेने दो
मैं बिल्लो की बात मानते हो बोला ठीक है लेकिन एक शर्त पे जाओंगा की तुम ये गीली क़मीज़ भी उतार के एक बार मेरे सामने नंगी हो जाओ तो जाओंगा वरना जो भी हो मैं नहीं जाने वाला समझी
बिल्लो ने बेबसी से मेरी तरफ देखा और बोली विक्की वेसे तुम ना हो बड़े कामीने और इतना बोलते ही अपनी गीली शर्ट भी उतार डाली और मेरे सामने पूरी नंगी खड़ी हो गई और बोली अब खुश
मैं बिल्लो को अच्छी तरह देखते हो बोला अब बस कहाँ जान-ए-मान अब तो और भी नियत खराब हो रही है तो बिल्लो ने मुझे ढके देते हो रूम से निकल दिया और दरवाजे को अंदर से बंद कर लिया और फिर कपड़े पहन के ही रूम से बाहर आई तो तब तक मैं टुबेवेल के किनारे पे बेता अम्मी और अबू को धान (राइस) की फसल मैं काम करते हो देखता रहा
बिल्लो बाहर आ के मेरे पास ही बैठ गई और मेरी तरफ देखते हो बोली हन तो विक्की अब बताओ क्या इरादा है तुम्हारा फरजाना तो तैयार है लेकिन वो शर्मा रही है बोलती है की उस मैं इतनी हिम्मत नहीं है वो तुम्हारे साथ कुछ कर सके
बिल्लो की बात ख़तम होते ही मैं जल्दी से बोल पड़ा तो फिर अब क्या हो गा तो बिल्लो मेरी बेसब्री पे हंस पड़ी और आहिस्ता से बोली वेसे
विक्की हो तुम भी कोई पके बहनचोद कितनी जल्दी है तुम्हें अपनी ही बेहन को काली से फूल बनाने की
मैने भी बिल्लो की बात पे हंस पड़ा और बोला हाँ यार वाएसे बात तो तुम्हारी भी कुछ ग़लत नहीं है लेकिन खैर छोडो इन बातों को ये बताओ क अब क्या करना पड़े गा क्या कहती है फरजाना
बिल्लो ठंडी आअहह भरते हो बोली वो तैयार तो है लेकिन जो भी करना हो गा तुम्हें खुद ही करना हो गा क्यों की वो अपने आप मैं इतनी हिम्मत नहीं पति लेकिन वो तुम्हें किसी भी काम से मना नहीं करे गी
बिल्लो की बात सुन के मैं सोच मैं पड़ गया और बोला यार तो फिर तुम ये भी बता डालो क मैं आख़िर करू क्या तो बिल्लो ने कहा क तुम ने उस दिन जिस तरह रात फरजाना के साथ मस्ती की थी आज रात फिर से उस के रूम मैं चले जाना लेकिन आज का प्लान ये हो गा की
तुम पूरी आज़ादी के साथ उसे जिस तरह मर्ज़ी छोड़ना वो तुम्हारा साथ देगी लेकिन खुद कुछ नहीं करेगी
मैं बिल्लो की बात सुन के चुप हो गया और फिर कुछ सोचते हो बोला ठीक है बिल्लो मैं फरी बाजी से बात करता हूँ फिर आज ये काम भी कर ही डालते हैं तुम फरजाना को बता देना क तैयार रहे आज
बिल्लो के साथ कुछ देर तक और इस बारे मैं बात करने के बाद मैं उठा और घर को चल दिया बिल्लो के साथ ही और बिल्लो भी मेरे साथ ही हुमारे घर आ गई और फरजाना के पास चली गई तो मैं बाजी को इशारा करते हो अपने रूम मैं चला गया तो बाजी भी मेरे पीछे ही रूम मैं आ गई
मैने बाजी को अपने पास बैठने के लिए बोला और फिर सारी बात जो बिल्लो के साथ होई थी बता दी तो बाजी कुछ देर तक सोचती रही और फिर खुद ही हंस दी और खड़ी हो के बोली
मैं अभी आती हूँ और रूम से बाहर निकल क बिल्लो को आवाज़ दे के बुला लिया जो की बाहर फरजाना के साथ ही बैठी होई थी
बिल्लो के आने के बाद बाजी ने एक बार उस से सब कुछ पूछा और फिर बिल्लो की तरफ देखते हो बोली यार तुम ऐसा करो क एक बार इस बारे मैं मेरे सामने फरजाना से बात करो फिर मैं भी तुम्हारे साथ मिल के उसे संभाल लून गी
बाजी की बात सुन के मैं बोला लेकिन बाजी करना क्या चाहती हो कुछ पता तो चले तो बाजी ने कहा देखो भाई फरजाना की शरम अपनी जगह ठीक है क्यों की
तुम बाहर के कोई अंजन होते तो इतना मसाला नहीं था लेकिन तुम उस के बड़े और सगे भाई हो लेकिन मैं ना सिर्फ़ लड़की हूँ बलके उस की बड़ी बेहन भी हूँ मैं उसे समझा लूगी तुम ये मुझ पे छोड दो और मज़े करो
मैं बाजी की बात सुन के खामोश हो गया तो बाजी बिल्लो का हाथ पकड़ के उठ खड़ी होई और बोली चलो ज़रा फरजाना के पास बैठते हैं और दोनो मेरे रूम से निकल गई तो मैं वापिस बिस्तेर पे लेट गया और सोचने लगा क कहीं बाजी सारा काम ही ना खराब कर डाले लेकिन मैं कुछ कर भी तो नहीं सकता था
खैर काफ़ी टाइम गुज़र गया और दुपेहर का खाना भी खा लिया जो की फरीदा ही लाई थी
मेरे लिए लेकिन मैने उस से भी कोई बात नहीं की और खाने के बाद कुछ देर नॉवेल मैं बिज़ी रहा
3 बजे तक भी बाजी मेरे रूम मैं नहीं तो मैं बुक को साइड पे रख के सो गया और जुब आँख खुली तो 6 से ऊपर टाइम हो चुका था मैने उठ के हाथ मुह धोया और वापिस रूम मैं आ के बैठ गया और
बाजी को आवाज़ लिगाई की पानी पीला दूँ बाजी मेरे लिए पानी ले के आई तो मैने . से बाजी की तरफ देखा और पानी पकड़ लिया
और बोला क्या बात होई फरजाना से आप की तो बाजी हंसते हो बोली यार मारे क्यों जा रहे हो कुछ ना कुछ हो ही जाए गा
बाजी इतना बोल के फिर से निकल गई और मैं बेता बाजी को कोस्टा रहा क्यों क बाजी कुछ भी
नहीं बता रही थी और मैं इसी टेन्सन और सोचों से परेशान था क आख़िर क्या बात होई हो गी और क्या फरजाना मान जाएगी क्या हो गा लेकिन मुझे कोई भी कुछ ब्ताने को तैयार नहीं था
खैर रात होई खाना खाया गया और मैं फिर से अपने रूम मैं जहाँ आज का सारा दिन ही निकल गया था मेरा रूम मैं मैं अकेला लेटा हुआ तंग आ चुका था और मेरा दिल चाह रहा था क मैं ऊपर छत पे चला जाओं तो मैं उठा और रूम से निकल के छत पे आ गया और वहाँ खुद ही बिस्तेर बिछा के लेट गया
कोई 1 अवर गुज़रा हो गा क बाजी मुझे धौंदती होई ऊपर आई और मुझे देखते ही बोली क्या भाई पूरा घर छान मारा तुम्हें ढूँदने के लिए और तुम हो क यहाँ आराम से लेते हो हो
क्यों आप को क्या काम था मेरे साथ जो पागलों की तरह पोर घर मैं धौंदती फिर रही हो तो बाजी मेरा लहज़ा सुन के हंस दी और बोली भाई काम था नहीं तुम ज़रा चलो मेरे साथ फिर बतती हूँ