hotaks444
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अभी नीलम थोड़ा आगे जाकर एक दुकान के सामने फिर से झुक गई और उसकी मोटी गान्ड के उभार को देख कर रोहित ने धीरे अपनी पूरी उंगली को थूक में भिगो लिया और इस बार बिना डरे उसने धीरे से उंगली अपनी मम्मी की मोटी गान्ड में डाल कर जैसे ही उंगली को अंदर दबाया थूक की चिकनाहट से उसकी उंगली पूरी की पूरी उसकी मम्मी की मोटी गान्ड में गुदा में समा गई और नीलम के मुँह से आह सीई जैसी कराह निकल गई, रोहित अपनी मम्मी की गान्ड में उंगली धीरे धीरे चलाने लगा और नीलम झुकी हुई आनद के सागर में गोते खाने लगी, रोहित नीलम की मोटी गान्ड के बिल्कुल पीछे खड़ा हुआ था ताकि किसी की नज़र ना पड़े और अब उसकी उंगली गपगाप उसकी मम्मी की गुदाज गान्ड में अंदर बाहर हो रही थी, तभी दो लोग रोहित के पास से निकले और एक भाई का धक्का रोहित की कोहनी में लगा और उसकी पूरी उंगली सट से नीलम की मोटी गान्ड में जड़ तक समा गई और नीलम के मुँह से ओह्ह की आवाज़ निकली तब दुकानदार ने पूछा क्या चाहिए बहन जी, नीलम ने अपने माथे का पसीना पोछते हुए कहा यह मथानी कैसी दी तब रोहित ने वापस अपनी उंगली को बाहर खिचते हुए फिर से अपनी मम्मी की गुदाज गान्ड में पेल दी और नीलम आनद से दोहरी हो गई रोहित को अपनी मम्मी की कसी हुई गुदा में उंगली पेलने से एक अनोखा मज़ा मिल रहा था और उसका लंड फटा जा रहा था उधर नीलम की चूत पूरी पानी पानी हो गई थी,
दूसरी तरफ सुधा और सोनू की चूत भी काफ़ी गीली हो गई थी और झूला झूलते हुए दोनो ने कई बार डरने का बहाना करते हुए मनोहर को पकड़ने की आक्टिंग करते हुए उसके खड़े और मोटे लंड को दबा दबा कर महसूस किया और मनोहर ने सुधा और सोनू की मोटी जाँघो और बड़े बड़े बोबो को उन्हे पकड़ने के बहाने से खूब सहलाया उसका लंड पूरी औकात में खड़ा था फिर कुछ देर बाद वह झूले से नीचे उतर आए, तभी सोनू की निगाह सामने जूस सेंटर पर गई और वह मनोहर से मुस्कुराते हुए कहने लगी पापा मुझे जूस पीना है, मनोहर ने एक दम से चौुक्ते हुए उसकी ओर देखा तो सोनू ने हँसते हुए जूस सेंटर की ओर इशारा किया तब मनोहर भी मुस्कुरा कर सुधा और सोनू के चुतड़ों को थामे हुए जूस सेंटर की ओर चल दिया, जूस पीते हुए सुधा और सोनू एक दूसरे को देख देख कर मुस्कुरा रही थी उसके बाद मनोहर पैसे देने गया तब सुधा ने कहा भाभी कुछ खास मज़ा नही आ रहा है, कुछ करो ना, सोनू उसकी बात सुनते हुए कहने लगी रुक जा में कुछ सोचती हूँ, फिर सोनू के दिमाग़ में एक आइडिया आया और उसने मुस्कुराते हुए कहा सोच लिया तब सुधा ने कहा बताओ ना भाभी क्या सोचा है, तब सोनू ने कहा तू पापा को आने दे फिर तू खुद ही समझ जाएगी उसके बाद मनोहर वापस आया और कहने लगा हाँ भाई अब कहाँ चलना है,
सोनू ने कहा पापा एक प्राब्लम है तब मनोहर ने कहा क्या हुआ बेटे तब सोनू ने मनोहर के कान के पास आते हुए धीरे से कहा पापा सुधा को बहुत तेज पेशाब लगी है, यह सुनते ही मनोहर ने सुधा की ओर देखा तब सुधा ने भी ऐसा मुँह बना लिया जैसे उससे अभी मूत आ आएगा, तब मनोहर ने कुछ सोचते हुए कहा बेटी यहाँ तो कॉंप्लेक्स नही मिलेगा हमे मेले के आख़िरी छोर पर जाना पड़ेगा तब सोनू ने कहा तो चलिए ना पापा मुझे भी बहुत तेज लगी है, सोनू ने भी मुँह बनाते हुए कहा तब मनोहर ने नज़र बचाते हुए अपने खड़े लंड को सहलाया और कहने लगा ठीक है चलो और फिर तीनो मेले के एंड पॉइंट की ओर जाने लगे,
उधर रोहित ने अपनी मम्मी की मोटी गान्ड अपनी उंगली से मार मार कर उसे बहाल कर दिया था, लेकिन नीलम के पेर झुके होने की वजह से दर्द करने लगे थे और वह धीरे से सीधी हुई तब रोहित ने सट से अपनी उंगली बाहर निकाल ली और नीलम ने उसकी ओर देखा तो उसका चेहरा लाल पड़ा हुआ था और उसने रोहित से कहा बेटे मेरे तो पेर दर्द कर रहे है चल कही बैठ कर कुछ खाते पीते है तब रोहित उसे एक रेस्टोरेंट में ले गया और वहाँ खाने की चीज़ो का ऑर्डर कर दिया और साथ में चाइ भी,
रोहित की नज़रे बार बार नीलम के भारी मोटे मोटे दूध पर जा रही थी जिसे नीलम ने नोटीस किया और जब दोनो की नज़रे मिली तो दोनो एक दूसरे को देखते हुए मुस्कुरा दिए तभी उनकी टेबल पर नाश्ता आ गया और दोनो खाने लगे,
नीलम : रोहित को मुस्कुराते हुए देख कर, बेटे तू कहीं सोनू को मिस तो नही कर रहा क्योकि मेले जैसे महॉल में तो लोग अपनी बीबी के साथ घूमना फिरना पसंद करते है
रोहित : नही मम्मी मुझे तो आपके साथ अच्छा लग रहा है, नीलम ने उसकी बात सुन कर एक स्माइल दी और फिर से खाने लगी
रोहित : मम्मी एक बात कहूँ
नीलम : बोल बेटे
रोहित : मम्मी उस दिन आपके पेट को सहलाते हुए चूमने पर बहुत अच्छा लगा था सच में आपका पेट बहुत अच्छा है
नीलम: रोहित को आँखे फाड़ फाड़ कर देखती हुई स्माइल देकर कहने लगी बेटे अब तो तेरे पास सोनू जैसी अप्सरा है फिर तुझे अपनी मम्मी का पेट क्यो पसंद आया है
रोहित : मम्मी आपके पेट के आगे सोनू की तुलना कहाँ
नीलम ; क्यो सोनू अच्छी नही लगती तुझे
रोहित : नही वो बात नही है मम्मी बस वह थोड़ी स्लिम है और मुझे.........
नीलम : रुक क्यो गया और तुझे क्या स्लिम लड़की पसंद नही है
रोहित : मुस्कुराते हुए मम्मी अब में आपसे कैसे कहूँ
नीलम : आखे दिखाते हुए अरे तू फिर शरमाने लगा, में सब जानती हूँ तू क्या कहना चाहता है
रोहित : मम्मी को मुस्कुराते हुए देख कर कहने लगा अच्छा तो बताइए में क्या कहना चाहता हूँ
नीलम ; बाइट मुँह में डालती हुई, यही कि तुझे सोनू जैसी स्लिम लड़की की बजाय मेरे जैसे मोटी तगड़ी औरते पसंद है यही ना
रोहित : मुस्कुराते हुए इधर उधर देख कर अग्री करता है
नीलम : सही कहा ना , आख़िर तेरी माँ हूँ अपने बेटे के दिल का हाल नही समझूंगी क्या
तब रोहित ने मन ही मन में कहा मम्मी काश तुम यह भी समझ जाती कि में तुम्हारी मोटी गुदाज गान्ड को पूरी नंगी करके पहले खूब चूसना चाहता हूँ और फिर तबीयत से अपने मोटे लंड से तुम्हारी मोटी गान्ड मारना चाहता हूँ
नीलम : क्या सोचने लगा में सही कह रही हूँ ना
रोहित : मम्मी आप तो अंतर्यामी है रोहित ने हँसते हुए कहा
नीलम : अच्छा सोनू को पता है कि तुझे गदराए बदन की औरते ज़्यादा अच्छी लगती है
रोहित पानी मम्मी के मुँह से गदराए बदन जैसे शब्द सुन कर पागल हुआजा रहा था और उसका लंड फिर से खड़ा हो गया था
दूसरी तरफ सुधा और सोनू की चूत भी काफ़ी गीली हो गई थी और झूला झूलते हुए दोनो ने कई बार डरने का बहाना करते हुए मनोहर को पकड़ने की आक्टिंग करते हुए उसके खड़े और मोटे लंड को दबा दबा कर महसूस किया और मनोहर ने सुधा और सोनू की मोटी जाँघो और बड़े बड़े बोबो को उन्हे पकड़ने के बहाने से खूब सहलाया उसका लंड पूरी औकात में खड़ा था फिर कुछ देर बाद वह झूले से नीचे उतर आए, तभी सोनू की निगाह सामने जूस सेंटर पर गई और वह मनोहर से मुस्कुराते हुए कहने लगी पापा मुझे जूस पीना है, मनोहर ने एक दम से चौुक्ते हुए उसकी ओर देखा तो सोनू ने हँसते हुए जूस सेंटर की ओर इशारा किया तब मनोहर भी मुस्कुरा कर सुधा और सोनू के चुतड़ों को थामे हुए जूस सेंटर की ओर चल दिया, जूस पीते हुए सुधा और सोनू एक दूसरे को देख देख कर मुस्कुरा रही थी उसके बाद मनोहर पैसे देने गया तब सुधा ने कहा भाभी कुछ खास मज़ा नही आ रहा है, कुछ करो ना, सोनू उसकी बात सुनते हुए कहने लगी रुक जा में कुछ सोचती हूँ, फिर सोनू के दिमाग़ में एक आइडिया आया और उसने मुस्कुराते हुए कहा सोच लिया तब सुधा ने कहा बताओ ना भाभी क्या सोचा है, तब सोनू ने कहा तू पापा को आने दे फिर तू खुद ही समझ जाएगी उसके बाद मनोहर वापस आया और कहने लगा हाँ भाई अब कहाँ चलना है,
सोनू ने कहा पापा एक प्राब्लम है तब मनोहर ने कहा क्या हुआ बेटे तब सोनू ने मनोहर के कान के पास आते हुए धीरे से कहा पापा सुधा को बहुत तेज पेशाब लगी है, यह सुनते ही मनोहर ने सुधा की ओर देखा तब सुधा ने भी ऐसा मुँह बना लिया जैसे उससे अभी मूत आ आएगा, तब मनोहर ने कुछ सोचते हुए कहा बेटी यहाँ तो कॉंप्लेक्स नही मिलेगा हमे मेले के आख़िरी छोर पर जाना पड़ेगा तब सोनू ने कहा तो चलिए ना पापा मुझे भी बहुत तेज लगी है, सोनू ने भी मुँह बनाते हुए कहा तब मनोहर ने नज़र बचाते हुए अपने खड़े लंड को सहलाया और कहने लगा ठीक है चलो और फिर तीनो मेले के एंड पॉइंट की ओर जाने लगे,
उधर रोहित ने अपनी मम्मी की मोटी गान्ड अपनी उंगली से मार मार कर उसे बहाल कर दिया था, लेकिन नीलम के पेर झुके होने की वजह से दर्द करने लगे थे और वह धीरे से सीधी हुई तब रोहित ने सट से अपनी उंगली बाहर निकाल ली और नीलम ने उसकी ओर देखा तो उसका चेहरा लाल पड़ा हुआ था और उसने रोहित से कहा बेटे मेरे तो पेर दर्द कर रहे है चल कही बैठ कर कुछ खाते पीते है तब रोहित उसे एक रेस्टोरेंट में ले गया और वहाँ खाने की चीज़ो का ऑर्डर कर दिया और साथ में चाइ भी,
रोहित की नज़रे बार बार नीलम के भारी मोटे मोटे दूध पर जा रही थी जिसे नीलम ने नोटीस किया और जब दोनो की नज़रे मिली तो दोनो एक दूसरे को देखते हुए मुस्कुरा दिए तभी उनकी टेबल पर नाश्ता आ गया और दोनो खाने लगे,
नीलम : रोहित को मुस्कुराते हुए देख कर, बेटे तू कहीं सोनू को मिस तो नही कर रहा क्योकि मेले जैसे महॉल में तो लोग अपनी बीबी के साथ घूमना फिरना पसंद करते है
रोहित : नही मम्मी मुझे तो आपके साथ अच्छा लग रहा है, नीलम ने उसकी बात सुन कर एक स्माइल दी और फिर से खाने लगी
रोहित : मम्मी एक बात कहूँ
नीलम : बोल बेटे
रोहित : मम्मी उस दिन आपके पेट को सहलाते हुए चूमने पर बहुत अच्छा लगा था सच में आपका पेट बहुत अच्छा है
नीलम: रोहित को आँखे फाड़ फाड़ कर देखती हुई स्माइल देकर कहने लगी बेटे अब तो तेरे पास सोनू जैसी अप्सरा है फिर तुझे अपनी मम्मी का पेट क्यो पसंद आया है
रोहित : मम्मी आपके पेट के आगे सोनू की तुलना कहाँ
नीलम ; क्यो सोनू अच्छी नही लगती तुझे
रोहित : नही वो बात नही है मम्मी बस वह थोड़ी स्लिम है और मुझे.........
नीलम : रुक क्यो गया और तुझे क्या स्लिम लड़की पसंद नही है
रोहित : मुस्कुराते हुए मम्मी अब में आपसे कैसे कहूँ
नीलम : आखे दिखाते हुए अरे तू फिर शरमाने लगा, में सब जानती हूँ तू क्या कहना चाहता है
रोहित : मम्मी को मुस्कुराते हुए देख कर कहने लगा अच्छा तो बताइए में क्या कहना चाहता हूँ
नीलम ; बाइट मुँह में डालती हुई, यही कि तुझे सोनू जैसी स्लिम लड़की की बजाय मेरे जैसे मोटी तगड़ी औरते पसंद है यही ना
रोहित : मुस्कुराते हुए इधर उधर देख कर अग्री करता है
नीलम : सही कहा ना , आख़िर तेरी माँ हूँ अपने बेटे के दिल का हाल नही समझूंगी क्या
तब रोहित ने मन ही मन में कहा मम्मी काश तुम यह भी समझ जाती कि में तुम्हारी मोटी गुदाज गान्ड को पूरी नंगी करके पहले खूब चूसना चाहता हूँ और फिर तबीयत से अपने मोटे लंड से तुम्हारी मोटी गान्ड मारना चाहता हूँ
नीलम : क्या सोचने लगा में सही कह रही हूँ ना
रोहित : मम्मी आप तो अंतर्यामी है रोहित ने हँसते हुए कहा
नीलम : अच्छा सोनू को पता है कि तुझे गदराए बदन की औरते ज़्यादा अच्छी लगती है
रोहित पानी मम्मी के मुँह से गदराए बदन जैसे शब्द सुन कर पागल हुआजा रहा था और उसका लंड फिर से खड़ा हो गया था