Incest Porn Kahani चुदासी फैमिली - Page 5 - SexBaba
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Incest Porn Kahani चुदासी फैमिली

मौसम कुछ बदल किए हुए था और बहुत ही सुहानी हवा चल रही थी, कार अपनी रफ़्तार में शहर से बाहर जा चुकी थी, मनोहर ने कार चलाते हुए सोनू को देखा जो कि बहुत ही खूबसूरत लग रही थी उसने वाइट कलर की कुरती और लेग्गी पहना हुआ था, 

मनोहर : सोनू बहुत काले बदल घिर आए है लगता है जोरदार बारिश होगी, सोनू ने बदलो की ओर देखते हुए कहा, हाँ पापा मौसम तो बहुत खराब है और ऐसे में आप लोंग ड्राइव पर जा रहे है,

मनोहर : मुस्कुराते हुए ऐसे मौसम में ही तो लोंग ड्राइव का मज़ा है, फिर हाइवे पर एक सिंगल रोड जाता हुआ दिखा तब मनोहर ने कहा सोनू इस रास्ते पर आगे जाकर एक वॉटर फॉल है हम चले उधर


सोनू ; मुस्कुराते हुए चलिए तब मनोहर ने उस ओर कार टर्न की और कहने लगा सोनू तुम बहुत गुम्सुम हो अगर तुम्हे कंफर्ट नही लग रहा हो तो हम वापस चले, सोनू ने मुस्कुराते हुए कहा पापा आपसे किसने कह दिया कि मुझे कंफर्ट नही लग रहा,

मनोहर : तो फिर कुछ बात करो इतनी गुम्सुम सी क्यो हो, वैसे तुम पर यह वाइट कलर की कुरती और लेग्गी बहुत अच्छी लग रही है

सोनू : मुस्कुराते हुए पापा आप ही तो लाए थे यह ड्रेस भूल गये

मनोहर : हुन्न याद है मुझे, पर लगता है तुमने आज पहली बार ही इसे पहना है

सोनू ; हाँ पापा मोका ही नही लगा इसलिए, तभी बिजली की गड़गड़ाहट हुई और सोनू के चेहरे का रंग उड़ गया और उसने रोड के आसपास देखा तो कहा पापा यह रोड तो बहुत सुनसान है और आस पास बहुत झाड़िया है, 


मनोहर : हाँ सोनू लेकिन आगे 5किमी बाद एक उँचा हिल आएगा और फिर वहाँ से दूर दूर तक मैदान नज़र आएगा वहाँ कार कुछ उचाई पर होगी फिर वहाँ से नज़ारा देखना बड़ा अच्छा नज़र आएगा, कुछ देर बाद तेज बारिश शुरू हो गई और मनोहर को वाइपर ऑन करना पड़ा, सोनू ने सब ग्लास उपर किए लेकिन तभी एक जोरदार आवाज़ के साथ बिजली कडकी और ऐसा लगा जैसे उनके सामने ही गिरी हो सोनू बहुत घबरा गई तभी बारिश की बूँदो ने विशाल रूप ले लिया और मूसलाधार बारिश शुरू हो गई और मनोहर को अब ड्राइव करने में भी दिक्कत होने लगी तब मनोहर ने कार रोकते हुए कहा सोनू आगे रास्ता भी गड़बड़ है और इतनी तेज बारिश में आगे का रोड भी नज़र नही आरहा है इसलिए गाड़ी कुछ देर यही रोक लेते है बारिश रुकने के बाद चलते है,

सोनू : पापा मैं तो कहती हूँ हम वापस चलते है मौसम बहुत ज़्यादा ही खराब हो गया है

मनोहर : डोंट वरी बेटी अभी बारिश रुक जाएगी और मनोहर ने सोनू के गालो पर हाथ फेरा, बाहर बारिश की धुन्ध के कारण कुछ नज़र नही आ रहा था और मनोहर ने कहा तुम्हारा ध्यान बटाने के लिए लो मैं म्यूज़िक ऑन कर देता हूँ और फिर म्यूज़िक शुरू हो गया, मनोहर सोनू से बाते कर रहा था और उसकी नज़रे बार बार सोनू के मोटे मोटे बोबो और लेग्गी से में कसी उसकी मोटी गुदाज जाँघो पर जा रही थी, उसका लंड पेंट में खड़ा हो गया था सोनू पापा की नज़रो को ताड़ रही थी और उसकी नज़रे भी बार बार पापा के लंड के उभार पर जा रही थी, दोनो के चेहरे पर सेक्स की लाली उभर आई थी और जब दोनो की नज़रे मिलती तो दोनो के चेहरे खिल जाते थे मनोहर बार बार सोनू की गदराई जाँघो पर हाथ रख कर बात कर रहा था और उसका लंड जांघे सहलाने पर झटके लेने लगता था जिसे देख कर सोनू की बुर भी पिघलने लगी थी, बारिश बहुत भयानक हो रही थी लेकिन नसों में रक्त के बहाव ने दोनो के कानो पर जैसे रूई लगा दी थी, और दोनो बाते कुछ और कर रहे थे लेकिन उनके दिमाग़ में कुछ और ही चल रहा था,



मनोहर: सोनू की जाँघो को सहलाते हुए, बेटी जब से तुमने पार्क में एक्सर्साइज़ शुरू की है तुम्हरा फिटनेस कुँवारी लड़कियो की तरह हो गयी है

सोनू : मुस्कुराते हुए कहने लगी पापा आपकी भी बॉडी शॅप में आ गई है आप अपनी उमर से 5 साल कम लगने लगे हो

मनोहर : मतलब अब मैं फिर से जवान लगने लगा हूँ


सोनू मन में कहती है आप का मोटा लंड देख कर तो यही लगता है कि आप कितने जवान है, अपनी बेटी की चूत तो फाड़ कर रख दी है आपने

सोनू : मुस्कुराते हुए पापा मैने तो एग्ज़्क्र्साइज़ ही इसीलिए शुरू की थी ताकि कुछ वजन कम हो कुछ समय से मैं बहुत मोटी होती जा रही थी ना


मनोहर : हाँ लेकिन वैसे औरतो का बदन थोड़ा हेल्ती ही अच्छा लगता है, फिर मनोहर ने सोनू के मोटे मोटे आमो को और गदराई जाँघो और उस पर फैले हुए चुतड़ों को देखते हुए मन में सोचा बेटी तुम कितनी ही कसरत कर लो लेकिन तुम्हारे मोटे बोबो गदराई जांघे और मोटी गान्ड का साइज़ तो और भी बढ़ता ही जा रहा है, पूरी नंगी करने पर तो तुम कयामत नज़र आती होगी

मनोहर : सोनू एक बात कहूँ

सोनू : कहिए पापा


मनोहर : तुम सुबह जब एक्सरसाइज़ करती हो तब तुम्हारा फिगर देख कर कोई भी पागल हो जाए
 
सोनू : मुस्कुराते हुए कहने लगी रहने दीजिए पापा इतना अच्छा भी नही है मेरा फिगर, मुझसे अच्छा फिगर तो सुधा का है

मनोहर : नही बेटी सुधा से कहीं लाख गुना अच्छा शेप है तुम्हारी बॉडी का, मुझे तुम्हारी जाँघो का और पीछे के उभरे हुए नितंबो का साइज़ बहुत अच्छा लगता है, मनोहर ने सोनू की जाँघो को दबाते हुए कहा


सोनू : मुस्कुराते हुए पापा क्या कर रहे है, लगता है आपका मन अपनी बहू पर भी खराब हो गया है

मनोहर : सच सोनू तुम्हारी मस्तानी चाल देख कर तो में पागल हो जाता हूँ

सोनू : मुस्कुराते हुए अच्छा तो इसी लिए आप मेरे पीछे पीछे पार्क में घूमने जाते है, तभी अचानक बहुत तेज बिजली कदकी और सोनू मनोहर से एक दम से सिमट गई और मनोहर ने सोनू के बोबो को कस कर पकड़ कर दबा दिया और सोनू आह पापा क्या कर रहे है कहने लगी, मनोहर ने कहा बेटी मैं तुम्हारें मोटे मोटे पके आमो और भारी चुतड़ों को देख देख कर पागल हुआ जा रहा हूँ सच कहूँ तो मैं तुम्हे पूरी नंगी करके देखना चाहता हूँ


सोनू : शरमा कर पापा के लंड के उभार को देख कर कहने लगी , पापा कैसी बाते कर रहे है भला कोई अपनी बहू को नंगी करके देखता है क्या

मनोहर सोनू के बोबो को फिर से पकड़ कर मसल्ते हुए कहने लगा बेटी मेरा तो मन तुम्हे ख़ूब रगड़ रगड़ कर चोदने का कर रहा है

सोनू : अया सीयी पापा छोड़ दीजिए प्लीज़ भला कोई अपनी बहू के साथ ऐसा करता है क्या, और वैसे भी मुझे आपसे बहुत डर लगता है

मनोहर : क्यो मुझसे क्यो डर लगता है

सोनू : शरमाते हुए वो आपका बहुत बड़ा और मोटा है

मनोहर : मुस्कुराते हुए अच्छा तो कल तुमने मेरे इसको बहुत अच्छे से खिड़की से देखा था, पर बेटी यह जितना बड़ा और मोटा होता है उतना ही मज़ा आता है तुम तो अच्छी तरह जानती हो, देखो यह कितना मस्त हो रहा है तुम्हे देख देख कर और मनोहर ने अपनी पेंट खोल कर ज़िप नीचे की और अपना मोटा लंड बाहर निकाल लिया उसकी इस हरकत से सोनू की साँसे तेज हो गई और वह शरमाने का नाटक करते हुए कहने लगी बाप रे पापा आपका तो बहुत मोटा है

मनोहर : क्या रोहित से भी मोटा है,ज़रा हाथ लगा कर देखो ना और मनोहर ने सोनू के हाथ को पकड़ कर अपने काले मोटे लंड पर रख दिया, सोनू ने उसके लंड पर से हाथ हटाना चाहा तब मनोहर ने ड्राइविंग सीट छोड़ कर सोनू के पास आ गया और उसको बाँहो में दबोच कर पागलो की तरह उसके गालो को चूमने लगा और उसके बोबो को खूब कस कस कर दबोचने लगा, 

सोनू के सब्र का बाँध टूट गया और उसने भी मनोहर के लंड को मुट्ठी में जाकड़ लिया तब मनोहर ने कहा बेटी अपने पापा का लंड पी कर देखो बहुत मज़ा आएगा, सोनू ने कहा पापा इतना मोटा लंड में नही सह पाउन्गी तब मनोहर ने कहा बेटी जब सुधा कुँवारी होकर इसे बड़े आराम से पूरा का पूरा ले चुकी है तो तुम्हारी चूत तो रोहित रोज ही फाड़ता होगा तुम तो इसे आसानी से ले लोगि, तब सोनू ने कहा पापा मुझे डर लग रहा है, तब मनोहर ने कहा डरो नही और इसे चूस कर देखो बहुत टेस्टी है और फिर मनोहर ने उसके मुँह को पकड़ कर अपने खड़े लंड की ओर झुका लिया और सोनू मुँह खोल कर अपने पापा का लंड पीने लगी, मनोहर तो जैसे सातवे आसमान पर पहुच गया


एक हाथ से वह सोनू के बोबो को मसल्ने लगा और दूसरे हाथ से सोनू की उभरी हुई गदराई गान्ड और जाँघो को सहलाने लगा,

मनोहर : सोनू मुझे भी तुम्हारी चूत चाटनी है इतना कह कर मनोहर ने सोनू की लेग्गी को गान्ड की तरफ से नीचे सरका दिया और सोनू के चूतड़ नंगे हो गये और मनोहर ने अब सोनू की गुदा को सहलाते हुए उसकी फूली फांको वाली चूत को अपनी उंगलियो से छेड़ा तो सोनू ने कस कर मनोहर के लंड को चूसना शुरू कर दिया, अब मनोहर ने सोनू को पीछे की सीट पर चलने का इशारा किया और सीट को नीचे कर दिया और खुद लेट गया और सोनू से कहा कि वह उसके मुँह पर अपनी गोरी गोरी मोटी गान्ड रखे और सोनू मुस्कुराते हुए अपनी गान्ड मनोहर के मुँह पर रख कर जैसे ही बैठी मनोहर ने अपनी जीभ निकाल कर सोनू की गान्ड और चूत को खूब तबीयत से चाटना शुरू कर दिया और सोनू के मुँह से आह सी ओह पापा जी चूसो और चूसो मेरी गान्ड और चूत जैसी आवाज़ निकलने लगी और दूसरे हाथ से मनोहर के लंड को दबोच कर उसे अपनेमुंह में लेने लगी, मनोहर किसी पागल कुत्ते की तरह सोनू की चूत और गान्ड को चाट रहा था और सोनू उसके लंड के फूले हुए सुपाडे को खूब कस कस कर चूस रही थी, तभी सोनू ने अपनी गान्ड हिलाते हुए कसकस कर मनोहर केमुंह पर अपनी चूत रगड़ना शुरू कर दिया और मनोहर पागलो की तरह उसकी चूत पीने लगा, कुछ ही देर में दोनो ने अपने मुँह से एक दूसरे के लंड और चूत को बुरी तरह चूसना चाटना शुरू कर दिया 


और उधर सोनू की चूत ने मनोहर के मुँह में पानी छोड़ दिया तो इधर मनोहर के लंड से वीर्य की पिचकारी सोनू के मुँह में छूट गई और दोनो एक दूसरे के रस को पागलो की तरह चाटने चूसने लगे, कुछ देर तक दोनो एक दूसरे के लंड और चूत को चाटते रहे और मनोहर का लंड फिर से तन गया और सोनू की बुर फिर से कूदने लगी वह दोनो कई सालो के भूखे लग रहे थे और एक दूसरे की चूत और लंड को छोड़ ही नही रहे थे , 

सोनू को पापा के लंड को चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था और मनोहर अपनी बहू की चिकनी फूली चूत को फांके फैला फैला कर चाट रहा था, तभी सोनू एक दम से उठ बैठी और कहने लगी पापा अब प्लीज़ चोदिये ना, तब मनोहर ने सोनू को पूरी नंगी कर दिया उसके पूरे बदन को अपने बदन से सटा कर चूमने लगा, तब सोनू ने कहा पापा प्लीज़ अब मत तडपाइए मुझे चोद दीजिए ना तब मनोहर ने सोनू की जाँघो को फैलाया और अपने लंड को सोनू की चूत के छेद में लगा कर कस कर धक्का दिया 

और सोनू के मुँह से हल्की सी सिसकारी निकल गई और मनोहर का पूरा लंड सोनू की चूत में समा गया अब मनोहर गहरे मगर लंबे धक्के अपनी बहू की चूत में मारने लगा , अब मनोहर की स्पीड बढ़ गई और वह तबीयत से सोनू की चूत ठोकने लगा पूरी गाड़ी उसके धक्को से हिल रही थी और गाड़ी के अंदर थपक थपक की आवाज़े घुंज रही थी, मनोहर खूब रगड़ रगड़ कर सोनू की चूत मार रहा था और सोनू खूब कस कस कर अपनी गान्ड उठाते हुए मनोहर के लंड की ओर अपनी चूत मार रही थी, कुछ ही देर में दोनो ने एक दूसरे को कस कर जाकड़ लिया और खूब चूत और लंड की घिसाई के बाद दोनो ने खूब पानी छोड़ा और एक दूसरे से कस कर चिपक गये मनोहर ने सोनू की गान्ड में हाथ भर कर उसकी चूत को खूब कस कर अपने लंड से चिपकाए हुए था 

और उसका लंड खूब गहराई में वीर्य की बोछार कर रहा था और सोनू अभी तक अपनी गान्ड को उठा उठा कर मनोहर के लंड की ओर अपनी चूत मार रही थी और कुछ देर बाद दोनो सुस्त पड़ गये और फिर मनोहर ने सोनू को चूमते हुए कहा बहू आज तो तुमने मज़ा ला दिया और सोनू मुस्कुराते हुए अपने कपड़े पहनने लगी और बाहर देखा तो बारिश कुछ कम हो चुकी थी और मनोहर ने कहा बहू एक राउंड और हो जाए फिर चलते है तब सोनू ने कहा पापा अभी नही अगली बार जितना जी चाहे कर लेना, तब मनोहर ने कहा ठीक है लेकिन अगली बार मुझे तुम्हारी गान्ड मारनी है, तब सोनू ने कहा ठीक है लेकिन एक शर्त है, 
 
तब मनोहर ने कहा कैसी शर्त तब सोनू ने कहा में चाहती हूँ आप मेरी और सुधा की गान्ड एक साथ मारे, अपनी बहू और बेटी को जब आप एक साथ पूरी नंगी करके चोदेगे तो देखना आपको मज़ा आ जाएगा, तब मनोहर ने कहा यह तुमने बहुत अच्छी बात कही है अब अगली बार जब भी मोका लगेगा मैं तुम्हे और सुधा को पूरी नंगी करके खूब रगड़ रगड़ कर चोदुन्गा और तुम दोनो की मोटी गान्ड को तेल लगा लगा कर मारूँगा, तब सोनू ने हँसते हुए कहा मार लीजिए पर अब चलिए भी और मनोहर ने गाड़ी अपने घर की ओर घुमा ली

दोनो घर पहुच गये थे घर में आज वैसे भी कोई नही था घर के अंदर जाते ही मनोहर ने सोनू को अपनी गोद में उठा लिया, सोनू ने हँसते हुए कहा पापा आप भी ना बहुत ठर्की है अभी तो मुझे चोदा है आपने और आपका लंड फिर खड़ा हो गया,मनोहर उसे अपने रूम में ले गया और पूरी नंगी कर दिया और सोनू को दीवार के सहारे झुका कर उसकी मोटी गान्ड को फैला कर चाटने लगा और सोनू आह पापा जी कह कर सीसीयाने लगी अब मनोहर ने उसकी फूली चूत की फांको को भी खूब फैला दिया और चूत और गान्ड के छेद को जीभ से दबा दबा कर चूसने लगा और सोनू के पेर काँपने लगे मनोहर ने उसकी जाँघो को खूब दबोचते हुए कभी उसकी गान्ड और कभी चूत से अपनी जीभ रगड़ने लगा,


कुछ देर बाद मनोहर ने पीछे से सोनू की चूत में लंड पेल दिया और फिर उसके मोटे मोटे बोबो को मसल्ते हुए कस कस कर धक्के देने लगा और सोनू उन्ह उनन्ह आ सीईइ जैसी आवाज़े निकालने लगी मनोहर ने सोनू की जाँघो में हाथ भर के उसे अपने लंड पर चढ़ा लिया और ड्रेसिंग टेबल के मिरर के सामने ले गया सोनू ने जब अपने आप को मिरर में देखा तो उसे शरम आ गई मनोहर का मोटा लंड उसकी चूत में घुसा था और मनोहर ने दोनो जाँघो को फैला रखा था जिससे उसकी चूत उभर कर सामने दिखाई दे रही थी और उपर गुदाज पेट उठा हुआ पेडू और मोटे मोटे पके आमो की तरह दूध बहुत मस्त नज़र आ रहे थे,

मनोहर सोनू को अपने लंड पर खड़े खड़े कुदा रहा था और सोनू पूरा का पूरा लंड अपनी चूत में ले रही थी अब मनोहर ने सोनू को उतार दिया और उसकी गान्ड में थप्पड़ मारते हुए उसे कुतिया बना दिया और पीछे से जब उसकी फूली चूत की फांके उभर कर आई तो मनोहर ने अपना मोटा काला लंड एक ही धक्के में सोनू की चूत में पेल दिया और फिर खूब कस कस कर सोनू की गान्ड दबाते हुए लंड पेलने लगा

कुछ देर बाद मनोहर बहू को नंगी लेकर बेड पर लेट गया और सोनू की गान्ड को सहलाते हुए पीछे से लेटे लेटे लंड पेलने लगा और सोनू अब तक ना जाने कितनी बार पानी छोड़ चुकी थी फिर कुछ देर बाद मनोहर ने सतसट लंड पेलना शुरू कर दिया और उसका पानी छूट गया,

अगले दिन नीलम और सुधा शादी से वापस आ गये थे सुधा मनोहर के पास जा रही थी उसने जीन्स और टॉप पहना हुआ था तभी सोनू आ गई और उसने पूछा कहाँ चली तो उसने बताया कि पापा के पास और मुस्कुराने लगी तब सोनू ने कहा यह क्या ड्रेस पहना है स्कर्ट और टीशर्ट पहन कर जा और नीचे पैंटी मत पहनना सुधा ने कहा भाभी मम्मी ने देख लिया तो तब सोनू ने मुस्कुराते हुए कहा मेरी रंडी रानी तुझे अपनी मोटी जांघे खोल कर तो सिर्फ़ पापा को दिखाना है मम्मी को नही चल अब जल्दी से जैसा में कहती हूँ कर ले और फिर सुधा ने एक स्कर्ट पहन ली और टीशर्ट और पैंटी नही पहनी और जाकर पापा के बेड पर तकिया लगा कर बैठ गई और जैसे ही उसने अपनी जाँघो को फैलाया मनोहर सुधा की गुदाज फूली चूत और उसकी फांको को देख कर मस्त हो गया और वह सुधा के करीब सरक आया और उसकी चूत को अपने हाथो से सहलाने लगा

सुधा : आ पापा क्या कर रहे हो सुधा ने नशीली आँखे करते हुए कहा 

तब मनोहर ने एक उंगली सुधा की चूत में डाल कर उसके होंठो को चूम लिया और कहा बेटी जब से तेरी चूत मारी है तब से मेरा लंड और भी ज़्यादा खड़ा होने लगा है, 

सुधा ने हँसते हुए कहा अब तो आपको मेरी चूत सहला कर ही तसल्ली करना पड़ेगी मम्मी जो घर में है, तब मनोहर ने कहा तेरी बुर सहलाने में ही मज़ा आ रहा है बस तू भी अपने पापा की लूँगी में हाथ डाल कर अपने पापा का केला सहला दे फिर सुधा ने भी हँसते हुए मनोहर की लूँगी में हाथ डाल कर उसका मोटा लंड पकड़ कर दबोचना शुरू कर दिया, 

उधर नीलम सोनू के रूम में बैठी थी और शादी के अनुभव बता रही थी,

नीलम : अरे क्या बताऊ बहू कल तो शादी में भी बड़ा मज़ा आया एक 25 साल के लड़के का हाथ ग़लती से मेरे चुतड़ों पर टकरा गया फिर तो वह मेरे पीछे ही पड़ गया और बार बार मेरे चुतड़ों को छुने की कोशिश करने लगा. एक दो बार तो उसने मेरी गुदा को भी साड़ी के उपर से सहला दिया में तो उसकी इस हरकत से पानी पानी हो रही थी, पर सोनू मुझे यह समझ नही आता कि जवान लोंडो को मुझमे ऐसा क्या नज़र आता है जो मेरी गान्ड देखते ही उनका लंड खड़ा हो जाता है


सोनू : नीलम की गोरी पिंदलियों को दबाते हुए कहने लगी मम्मी आपका बदन इतना गदराया हुआ है और आपके चुतड़ों का साइज़ देखो आजकल जवान लड़को को अपनी माँ की उमर की भरे बदन की औरते ज़्यादा पसंद आती है उनकी उठी हुई मोटी गान्ड और उभरा हुआ पेट देख कर उनका लंड बड़ा जल्दी खड़ा होता है, 


कई लड़के इसीलिए अपनी मम्मी की मोटी गान्ड और पेट को सहलाने से नही चूकते है, 

नीलम : थोड़ा जांघे भी दबा ना और नीलम ने अपनी साड़ी उपर कर ली और फिर कहने लगी अच्छा अगर कोई लड़का अपनी मम्मी के उभरे हुए पेट और नाभि को सहलाए तो इसका मतलब क्या होगा

सोनू : नीलम की मोटी मोटी गदराई जाँघो को दबाते हुए मम्मी इसका मतलब तो सीधा यही हुआ कि वह लड़का अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके खूब रगड़ रगड़ कर चोदना चाहता है

नीलम: लेकिन बहू कोई भी लड़का सीधे अपनी मम्मी से यह तो नही कह पाता होगा कि वह उसकी खुद की मम्मी को पूरी नंगी करके चोदना चाहता है, फिर अगर उसको अपनी मम्मी को चोदना है तो क्या करेगा


सोनू : अपने हाथ को आगे लेजा कर नीलम की जाँघो के जड़ तक सहलाते हुए कहने लगी, मम्मी बिना औरत की मर्ज़ी के उसे कोई नही चोद सकता है वह लड़का तभी अपनी मम्मी को चोद पाएगा जब उसकी मम्मी भी अपने बेटे का मोटा लंड लेना चाहती हो, और सोनू ने इस बार नीलम की फूली चूत पर हाथ रख कर हल्के से दबोच लिया और नीलम के मुँह से एक सिसकारी निकल गई आह बहू,
 
फिर नीलम ने थोड़ी जांघे और चौड़ी कर ली और सोनू अब अपनी सास की फूली चूत को आराम से सहलाने लगी तब नीलम ने कहा, बहू अगर कोई माँ भी अपने बेटे का लंड लेना चाहे तब वह कैसे अपने बेटे से कहेगी किउसे चोद दे

सोनू ; मम्मी अगर औरत को अपने बेटे का मोटा लंड अपनी चूत में घुस्वाना है तो उसे खुद अपने बेटे को बार बार अपनी बाँहो में भर कर अपने गदराए बदन का एहसास दिलाना होगा और बेटे को इशारे से समझाना होगा कि वह उससे चुदना चाहती है, और फिर बेटे का हाथ एक बार अपनी माँ की मोटी गान्ड या चूत तक पहुच गया तो फिर उसका लंड अपनी माँ की चूत में घुसने में देर नही करेगा, तभी नीलम का फोन बजा और सामने संगीता थी और उसने बताया कि 4 दिन बाद होली है इसलिए वह लोग परसो वहाँ पहुच रहे है, फोन रखने के बाद नीलम ने सोनू से कहा ले तेरी जेठानी भी परसो आ रही है, तब सोनू ने कहा यह तो बड़ी अच्छी बात है, तब नीलम ने कहा अरे बड़ी अड्वान्स है वह देखना घर में आधी नंगी ही रहेगी वह तो तेरे पापा के सामने भी हाफ पेंट और टीशर्ट में घूमती है, सोनू ने कहा में जानती हूँ मम्मी सुधा बता रही थी कि भाभी बहुत मॉडर्न है, अच्छा मम्मी जेठ जी का कैसा नेचर है, तब नीलम ने कहा पहले तो मेरा बेटा बहुत सीधा था पर उस रंडी ने उसे भी बिगाड़ कर रख दिया है, वह आएगा तो तू खुद ही मिल लेना, उसके बाद फिर दोनो अपने कामो में लग गये,

आज रोहित छुट्टी पर था और बेड पर लेटा हुआ था शाम के 4 बज रहे थे और सुधा उसके रूम में आई उसने जीन्स और शॉर्ट शर्ट पहनी हुई थी वाइट शर्ट में उसके बोबे ऐसा लग रहा था कि बटन तोड़ कर बाहर आ जाएगे, शर्ट के अंदर उसकी ब्रा साफ नज़र आ रही थी और जीन्स में उसकी मोटी जांघे किसी का भी लंड खड़ा कर सकती थी, चूत के उपर का उभार देख रोहित का लंड करवटें लेने लगा था तभी सुधा की आवाज़ से उसकी निंद्रा भंग हुई और सुधा ने कहा भैया मुझे मार्केट तक ड्रॉप कर देंगे, रोहित ने कहा क्यो नही और रोहित उसे बाइक पर लेकर निकल गया मार्केट में एक ब्यूटी पार्लर पर सुधा ने उसे उतारने को कहा और फिर बोली भैया मुझे टाइम लग जाएगा आप चले जाओ बाद में मैं रिक्शा करके आ जाउन्गा, तब रोहित ने कहा वैसे तुझे कितना टाइम लगेगा क्योकि मैं अपने दोस्त शेखर के यहाँ जा रहा हूँ लॉट्ते वक़्त तुझे पिकप कर लूँगा तब सुधा ने कहा 1 घंटे से ज़्यादा लगेगा तब रोहित ने कहा अच्छा जब तू फ्री हो जाए तो मुझे कॉल कर देना में आ जाउन्गा
 
सुधा ने मुस्कुराते हुए कहा ओके भैया और पलट कर जाने लगी जब रोहित ने अपनी बहन की मोटी गान्ड जो जीन्स में बहुत मारने लायक लग रही थी को देखा तो वह देखता ही रह गया सुधा की चाल में काफ़ी बदलाव आ गया था जिसे देख रोहित को कुछ अजीब लगा और उसने मन में सोचा सुधा की गान्ड तो और भी मोटी हो गई है कहीं इसने किसी से ठुकाई तो नही करवा ली हो ना हो कुछ तो बात है इसकी चाल तो बिल्कुल चुदि हुई लोंड़ी की तरह हो गई है, यह सोचते हुए रोहित शेखर के घर पहुच गया और बाइक लगा कर अंदर गया और डोरबेल बजा दी, दरवाजा खुला और सामने खड़ी गदराई और गोरे बदन की पूजा को देख कर रोहित के होश उड़ गये क्योकि जब उसने पहले पूजा को देखा था तो इतनी गदराई नही थी शादी के बाद तो चुद चुद कर उसका पेट उभर आया था वह पिंक साड़ी में थी और उसकी पिंक स्लीवलेस डीप गले वाली चोली से उसके दूध उफान मार रहे थे, 

उसकी नज़र जब पूजा के दूध और उभरे हुए पेट और गहरी नाभि पर पड़ी तो उसके मुँह से अनायास ही निकल गया बाप रे

पूजा : मुस्कुराते हुए तू रोहित है ना, बहुत बड़ा हो गया है तू तो एक दम गबरू जवान, पर तूने मुझे देखते ही बाप रे क्यो कहा

रोहित : कुछ नही दीदी वो तो बस ऐसे ही निकल गया

पूजा ने रोहित को खा जाने वाली नज़रो से देखते हुए कहा तू मेरा फिगर देख कर कॉमेंट्स कर रहा था ना

रोहित : नही दीदी यह आप क्या कह रही है

पूजा : अच्छा में सब समझती हूँ चल अंदर आ और पूजा जब पलट कर अंदर जाने लगी तो रोहित की नज़र जब उसके भारी चुतड़ों पर पड़ी तो उसकामुंह खुला का खुला ही रह गया और उसने अपने लंड को मसला पूजा ने तुरंत पलट कर उसे अपने चुतड़ों को घूरते हुए अपने लंड को मसलता देख लिया, रोहित ने मारे डर के अपने हाथ को झट से लंड पर से हटाया तभी अंदर से शेखर आ गया और उसने कहा आजा प्यारे आज कैसे याद आ गई, आ बैठ और रोहित सोफे पर बैठ गया और पूजा उसे घुरती हुई शेखर से बोली भैया ज़रा मेरे रूम में आना और शेखर का हाथ पकड़ कर अपने रूम की ओर ले जाने लगी और शेखर कहता रहा क्या हुआ दीदी, अब तो रोहित की गान्ड फटी उसने सोचा कि पूजा दीदी उसकी शिकायत करेगी, 

कुछ देर बाद शेखर बाहर आया और उसके पीछे पीछे पूजा भी आ गई और शेखर ने कहा यार कल दीदी का बर्तडे है तो तू भी आ जाना साथ में सेलेब्रेट करेगे

रोहित : मुस्कुराते हुए क्यो नही ज़रूर आ जाउन्गा तभी पूजा ने कहा रोहित अगर नही आया तो तुझे फाइन भरना पड़ेगा, तब रोहित ने शरमाते हुए कहा नही नही दीदी ज़रूर आ जाउन्गा उसके बाद पूजा अपनी मोटी गान्ड हिलाते हुए अंदर चली गई जाते हुए उसने एक बार रोहित को फिर खा जाने वाली नज़रो से देखा

उसके जाने के बाद शेखर ने कहा क्यो प्यारे देखा तूने मेरी दीदी कितना भारी माल है, दो दिन से खूब कस कस कर चोद रहा हूँ उसके बाद भी इतनी गरम है कि उसकी चूत पानी छोड़ती ही रहती है, तब रोहित ने कहा वह तो तेरी दीदी को देख कर ही लग रहा है पर ये बता आंटी कहाँ है नज़र नही आ रही है, तब शेखर ने कहा मम्मी 8 दिनो के लिए मैके गई है


रोहित : तो फिर तूने बताया नही कि क्या प्रोग्रेस है, दीदी को तो तूने फसा ही रखा है मम्मी पर भी तो डोरे डाल रहा था

शेखर : अबे चूतिए में तेरे जैसा भोन्दु थोड़े ही हूँ कि घर में एक से एक माल हो और मलाई कोई और खाए मैने तो मम्मी की फूली चूत की पॅपी भी ले ली है यार क्या बताऊ इतना बड़ा भोसड़ा है मेरी मम्मी का उस पर उसने चूत के बाल भी बना रखे थे सच में मज़ा आ गया था उसकी फूली चूत को चूमने में

रोहित : उसने कुछ कहा नही जब तूने उसकी चूत को चूमा था

शेखर : अबे वह सो रही थी तब मैने धीरे से उसकी साड़ी उपर करके जब उसकी फूली चूत को देखा तो देखता ही रह गया मुझसे रहा नही गया और मैने उसकी चूत की पॅपी ले ली, 

तब रोहित ने कहा उसकी नींद नही खुली जब तूने चूत की पॅपी ली,


तब शेखर ने कहा नही यार वह बड़ी पक्की नींद सोती है इसलिए कुछ प्राब्लम नही हुई,

तब रोहित ने मुस्कुराते हुए कहा कहीं ऐसा तो नही कि वह जाग रही हो सोने का नाटक कर रही हो,

तब शेखर ने कहा जो भी हो मुझे तो मज़ा आ गया था लेकिन तू साले मेरा कोई काम नही करवा रहा है 

रोहित : कौन सा काम 

तब शेखर ने कहा यार एक बार अपनी बहन सुधा की दिलवा दे, 

तब रोहित ने कहा यार वह मुझसे ही नही पटी तो तुझे कहाँ से दिलवा दूं तब शेखर ने कहा अच्छा सुधा ना सही एक बार सोनू भाभी की ही दिलवा दे, उसकी बात सुन कर रोहित भड़क गया और कहने लगा तेरी माँ की चूत मादरचोद मुँह संभाल कर बात कर, 

तब शेखर ने कहा अच्छा बेटा खुद की बारी आईतो माँ बहन एक करने लगा और अभी जब मेरी दीदी के चुतड़ों को देख देख कर लंड मसल रहा था उसका क्या, मुझे दीदी ने तेरी हरकतों के बारे में सब बता दिया है, 
 
रोहित : गुस्से में कहने लगा में ऐसा कुछ नही कर रहा था तेरी दीदी, को ग़लतफहमी हुई है, आगे से मैं तेरे घर नही आउन्गा 

शेखर : उसका हाथ पकड़ कर बैठते हुए अरे यार तू तो बुरा मान गया में तो मज़ाक कर रहा था 


रोहित : देख शेखर कोई मेरी सोनू के बारे में मुझसे उल्टी बात करेगा तो में उसकी अम्मा भी चोद सकता हूँ

शेखर : और अपनी दोस्ती का क्या 

रोहित : माँ चुदाने गई दोस्ती यारी बहन के लोड्‍े तू चोद अपनी माँ और बहन को पर मुझसे ऐसी गान्ड्मरि बाते आज के बाद की तो समझ लेना फिर और रोहित उठ कर वहाँ से चला गया, शेखर ने उसको बहुत आवाज़ दी पर वह वहाँ रुका नही, उसके जाते ही पूजा बाहर आई और उसने आते ही शेखर के गाल पर एक चाँटा जड़ दिया और कहने लगी कुत्ते क्या ज़रूरत थी तुझे उसकी बीबी के बारे में बोलने की, अगर वह कल बर्त डे पर नही आया तो मैं तुझे कभी अपनी चूत मारने नही दूँगी समझे, शेखर ने कहा दीदी तुम फिकर क्यो करती हो कल रोहित का लंड तुम्हारी चूत में जाएगा चाहे जैसे भी हो,पर क्या करूँ उसकी बीबी उसकी बहन और यहाँ तक की उसकी मम्मी नीलम बहुत ही मस्त माल है मेरा तो लंड खड़ा हो जाता है उन्हे देख कर,


तब पूजा ने कहा देख भैया तुझे मम्मी को चोदना है या उसकी माँ बहनो को, तब शेखर ने कहा मम्मी को तब पूजा ने कहा तो फिर तू मुझे रोहित से चुदवा दे में तुझे मम्मी को चोदने में हेल्प करूँगी और उसकी माँ बहनो को भूल जा, तब शेखर ने कहा ठीक है दीदी आगे से मैं उससे यह सब बाते नही करूँगा, पूजा यह हुई ना कुछ बात अब जा और उसे मना ले कल मुझे उसका मोटा तगड़ा लंड किसी भी सूरत में चाहिए,


शेखर बाइक से रोहित के पीछे पीछे मार्केट से गुजरा तो पार्लर के सामने रोहित खड़ा नज़र आ गया और शेखर बाइक से उतर कर उसके सामने घुटने टेक कर बैठ गया और हाथ जोड़ते हुए कहा यार एक बार अपने दोस्त को माफ़ नही करेगा, उसकी इस तरह से माफी माँगते देख रोहित ने कहा ठीक है माफ़ किया तब शेखर ने कहा दोस्त आगे से मैं कभी सुधा या सोनू भाभी के बारे में कोई ग़लत बात ना करूँगा और ना सोचूँगा,


तब रोहित ने कहा अचानक तू इतना अच्छा कैसे बन गया तब शेखर ने कहा दीदी ने हम दोनो की बात सुन ली थी फिर उन्होने मुझे तमाचा मारा और कहा कि अगर तूने रोहित से माफी नही माँगी तो वह मुझे कभी अपनी चूत चोदने नही देंगी इसलिए दोस्त में तेरे सामने झुक गया क्योकि तू नही जानता में अपनी दीदी को बहुत प्यार करता हूँ और उसे चोदे बिना नही रह सकता हूँ, अब तो तू मुझसे नाराज़ नही हैं ना, रोहित नही यार मैने तुझे माफ़ किया तब शेखर ने कहा तो फिर कल दीदी के बर्त डे पर टाइम से आ जाना इतना कह कर शेखर वहाँ से चला गया और रोहित सुधा के आने के लिए कॉल करने लगा तभी सुधा भी बाहर आ गई और फिर उसकी खूबसूरती देख रोहित उसे देखता ही रह गया

सुधा : भैया कैसी लग रही हूँ में

रोहित : बहुत मस्त लग रही है

सुधा : अच्छा भैया एक बात पुछू सुधा ने बाइक पर टाँगे चौड़ी करके बैठते हुए पूछा

रोहित : पूछो, 

सुधा : मुस्कुराते हुए कहने लगी अच्छा बताइए भाभी ज़्यादा सुंदर लगती है या में


रोहित : हँसते हुए यह तूने कैसा सवाल पुछा है 

सुधा : बताइए ना भैया सुधा ने रोहित को अपनी बाँहो में जकड़ते हुए पुछा जिससे उसके मोटे मोटे दूध रोहित की पीठ में दब गये

रोहित : तुझे सच सुनना है या झूठ

सुधा : सच

रोहित : ठीक है लेकिन एक शर्त पर बता सकता हूँ

सुधा : कौन सी शर्त 

रोहित : यही कि तू अपनी भाभी से नही कहेगी

सुधा : पक्का नही कहूँगी


रोहित : मुझे तू सबसे खूबसूरत लगती है, अगर तू मेरी बहन नही होती तो मैं तुझसे शादी कर लेता, अब तू यह बात अपनी भाभी को मत कह देना

सुधा : भैया मैं आपकी और मेरी कोई भी बात भाभी से नही कहती हूँ

रोहित : पर तेरी भाभी तो मुझे तेरी सब बात बता देती है

सुधा : चौंकते हुए कौन सी बात बताई है भाभी ने आपसे

रोहित : यही कि तू आज कल पैंटी नही पहनती है


सुधा : शरमाते हुए क्या भैया आप भी ना कैसी बाते कर रहे है मुझसे 

रोहित : क्यो क्या ग़लत कह दिया मैने क्या यह सच नही है कि तू पैंटी नही पहनती है

सुधा : झेप्ते हुए तुनक कर क्या भैया मैने पैंटी पहनी हुई है


रोहित : अच्छा अभी पता चल जाएगा और रोहित ने बाइक को एक कच्चे रास्ते पर ले लिया जो किसी गाँव को जाता था और उस रास्ते पर सुनसान था कहीं कोई नज़र नही आ रहा था तब रोहित ने बाइक रोकी और सुधा को उतरने को कहा और फिर मुस्कुराते हुए कहने लगा दिखा अपनी जीन्स को नीचे सरका कर कि तूने पैंटी पहनी है या नही

सुधा ; आश्चर्य से रोहित को मुँह फाड़ कर देखते हुए कहने लगी भैया आप पागल हो क्या कैसी बात कर रहे हो, 
 
रोहित ; अच्छा तू नही उतारती है तो में खुद ही देख लेता हूँ और रोहित ने उसकी जीन्स के पीछे जहाँ उसका आस क्रॅक नज़र आ रहा था वहाँ से सीधे अंदर हाथ भर दिया और उंगलियो को जैसे ही मोड़ा उसकी उंगली उसकी बहन सुधा की गुदा से टकरा गई और रोहित ने उंगली मोड़ कर कस कर उसकी गान्ड के छेद में दबा दी यह सब इतनी जल्दी हुआ कि सुधा कुछ कर भी नही पाई और उसकी गान्ड में रोहित की उंगली जाते ही वह ज़ोर से सीस्या पड़ी, आह भैया क्या कर रहे हो, लेकिन रोहित ने अपने हाथ को बाहर नही निकाला और उसके चुतड़ों को दबोचते हुए कहा, अब बता तू पैंटी क्यो नही पहनती है

सुधा का चेहरा लाल हो गया था और वह उसका हाथ निकालने की कोशिश करती हुई कहने लगी ओह भैया प्लीज़ हाथ बाहर निकाल लो अब से में कसम से रोज पैंटी पहनूँगी

रोहित : सुधा की गुदा को कुरेदते हुए कहने लगा पहले मुझे बता तू पैंटी क्यो नही पहनती है


सुधा : ओह भैया क्या बताऊ बस ऐसे ही नही पहनी

रोहित ने अपने हाथ को बाहर निकाला तब सुधा को थोड़ी राहत महसूस हुई पर वह कुछ सोचती इससे पहले ही रोहित ने उसकी कसी हुई मोटी चुचियो को अपने हाथ में भर कर दबोच लिया और सुधा आह भैया सीयी छोड़ो ना यह आप क्या कर रहे हो कोई भाई अपनी बहन के साथ ऐसा करता है क्या

रोहित ने उसके मोटे मोटे चुचो को एक बार और कस कर दबोचते हुए कहा में जानता हूँ तू पैंटी क्यो नही पहनती है और रोहित ने उसके चुचो को छोड़ दिया सुधा की साँसे धुकनी की तरह चलने लगी और वह रोहित से थोड़ा दूर होकर कहने लगी क्या जानते है आप और यह कैसी हरकत कर रहे है, सुधा के चेहरे पर थोड़े कठोर भाव थे


रोहित : अब ज़्यादा बनो मत में सब जानता हूँ आज कल तुम्हे मोटे तगड़े लंड के अलावा कुछ दिखाई नही देता है

सुधा : शर्म से पानी पानी होते हुए अपनी नज़रे ज़मीन पर गढ़ा लेती है और फिर नज़रे उपर उठा कर कहती है भैया आज आपको क्या हो गया है जो इतनी गंदी बाते मुझसे कर रहे है, तब रोहित कहता है सुधा में तुझे चोदना चाहता हूँ, और में जानता हूँ भी मुझसे अपनी चूत मरवाना चाहती है,

सुधा सकपकाते हुए भैया यह आप क्या बोल रहे है, तभी रोहित ने सुधा के पास आकर उसे पकड़ लिया और उससे कहा अब नाटक छोड़ सुधा में जानता हूँ उस दिन जब मैने आँखो में पट्टी बाँधी हुई थी तब तूने मेरा लंड खूब तबीयत से चूसा था और मेरा रस भी पिया था,


रोहित की बात सुन कर सुधा पानी पानी हो गई और उसकी नज़रे ज़मीन में गढ़ी जा रही थी, रोहित ने उसको अपनी बाँहो में भर लिया और उसका लंड खड़ा हो गया, वह सुधा के मोटे मोटे बोबो को मसल्ते हुए उसके रस भरे होंठो को अपने मुँह में लेकर चूसने लगता है और सुधा उसको कस कर पकड़ लेती है सुधा की चूत से भी पानी बहने लगता है, रोहित सुधा की जीभ को अपने मुँह में लेने की कोशिश करता है और सुधा उसे अपनी जीभ निकाल कर देती है और रोहित उसकी पूरी जीभ को अपने मुँह में लेकर चूस्ते हुए उसके बड़े बड़े दूध को खूब कस कस कर मसल्ने लगता है, तभी रोहित की आँखे खुलती है और उसे दूर कोई साइकल से आता हुआ नज़र आता है और वह सुधा को छोड़ कर दूर करते हुए कहता है सुधा कोई आ रहा है, उसकी बात सुन कर सुधा उससे दूर हो जाती है, उसके बाद रोहित उससे कहता है सुधा में तुझे पूरी नंगी करके चोदना चाहता हूँ, सुधा मंद मंद मुस्कुराते हुए नीचे देखती रहती है तब रोहित कहता है कुछ तो बोलो 


सुधा : भैया मुझे शर्म आती है, 

रोहित-- पगली अब मुझसे क्यो शर्मा रही है, 

सुधा : पर यह सब कैसे होगा घर में सब लोग होते है

रोहित : मेरी बात ध्यान से सुन तू सोनू को बोल कि तुझे भैया का लंड फिर से चूसना है, सोनू पक्का मेरी आँखो में पट्टी बाँध कर तुझे यह मोका देगी बस फिर हमारा काम बन जाएगा और सोनू को यह पता भी नही चलेगा कि हमने पहले ही सेट्टिंग की हुई है, मैं तुझे पट्टी बाँधे बाँधे सोनू समझ कर चोदुन्गा और फिर आगे सब हमारे हाथ में होगा



सुधा : मुस्कुराते हुए भैया आप बड़े खराब हो अब चलो भी 

रोहित : लेकिन यह बात तू सोनू से शेयर नही करना तब सुधा ने बाइक पर बैठते हुए कहा नही करूँगी अब चलो भी और सुधा पीछे से रोहित से चिपक गई और रोहित घर की ओर चल पड़ा, 
 
रात को 8 बजे सुधा और सोनू मनोहर के रूम में कोई मूवी देख रहे थे रोहित अपने रूम में बैठा था उसके बेड पर कपड़े रखे हुए थे जिसे शायद सोनू छत से सूखने के बाद उठा कर लाई थी, तभी रोहित की नज़र एक पिंक कलर की बड़ी मुलायम और नेट वाली पैंटी पर पड़ी और उसने उसे उठा लिया और पहले उसे फैला कर देखा 38 साइज़ की पैंटी थी उसका लंड पैंटी को देख कर खड़ा हो गया और उसने उसे सूंघने के लिए नाक से लगाया और सूंघते हुए अपनी आँखे बंद की तभी नीलम उसके रूम में एंटेर हो गई और रोहित को पैंटी सूंघते देख लिया रोहित ने भी देखा कि उसकी मम्मी ने उसे पैंटी सूंघते देख लिया है उसने जल्दी से पैंटी अपने नाक से हटाई और अपने हाथ को साइड में कर लिया नीलम के चेहरे पर एक कामुक मुस्कान थी और उसने रोहित से मुस्कुराते हुए कहा यह क्या हो रहा था,

रोहित : झेप्ते हुए मंद मंद मुस्कुरा कर कहने लगा कुछ नही मम्मी 

नीलम जीन्स और टीशर्ट में उसके सामने खड़ी खड़ी मुस्कुरा रही थी उसकी गदराई जांघे जीन्स में साफ नज़र आ रही थी और उसका उठा हुआ पेट और बड़े बड़े बोबे टीशर्ट में समा नही रहे थे


नीलम रोहित के पास आकर बैठ गई और उसकी जाँघो पर हाथ फेरते हुए कहने लगी मर्द औरतो की पैंटी के साथ ऐसा ही करते है सो तुझे पैंटी सूंघते देख यह बात तो समझ आई लेकिन तू मेरी पैंटी क्यो सूंघ रहा है यह बात मुझे समझ नही आई और नीलम ने रोहित के हाथ से अपनी पैंटी ले ली,

रोहित : हकलाते हुए वो वो मम्मी मुझे नही पता था यह आपकी पैंटी है

नीलम : मुस्कुराते हुए झूठ मत बोल रोहित तू सोनू की तो सभी पैंटी को पहचानता ही होगा, तो फिर तूने इस पैंटी को देख कर यह तो ज़रूर सोचा होगा कि यह सोनू की नही है तब तूने यह भी सोचा ही होगा कि यह या तो सुधा की या फिर मेरी होगी

रोहित : घबराते हुए, नही मम्मी मैने आपका तो बिल्कुल नही सोचा

नीलम : वो क्यो


रोहित : मम्मी में आपका सोच ही नही सकता था कि यह पैंटी आपकी होगी क्योकि इतनी छोटी पैंटी आपको कैसे आएगी

नीलम: अरे नही रे यह मेरी ही है

रोहित : इंपॉसिबल मम्मी इतनी छोटी पैंटी आपको कैसे आएगी जब कि आपके चुतड़ों ..................

नीलम : मुस्कुराते हुए मादक निगाहो से रोहित को देखती हुई बोली आगे बोल क्या मेरे चुतड़ों.......


रोहित : मम्मी आपकी कमर इतनी मोटी है यह पैंटी आपको कैसे आती होगी

नीलम : रोहित को गाल पर चपत लगाते हुए कहने लगी कमर कमर क्या लगा रखा है साफ साफ क्यो नही कहता कि मेरे चुतड़ों का साइज़ बहुत बड़ा है

रोहित : मुस्कुराते हुए, वही मम्मी, लेकिन मम्मी आप इतनी छोटी पैंटी क्यो पहनती है आप कंफर्ट महसूस कर लेती है इसमे

नीलम : रोहित के गालो को मुस्कुरा कर खिचती हुई कहने लगी हट पगले यह सब बाते कोई माँ अपने बेटे से थोड़े ही करती है

रोहित : नीलम के गले में बाँहे डाल कर कहने लगा बताओ ना मम्मी आप इतनी छोटी पैंटी क्यो पहनती है


नीलम : पगले तेरे पापा को में ऐसी ही छोटी छोटी पैंटी में अच्छी लगती हूँ, पर हम बड़ी उमर की औरतो का पैंटी पहनना और ना पहनना बराबर ही है

रोहित : वह क्यो

नीलम : अरे यह छोटी छोटी पैंटी पहनो या ना पहनो बात बराबर है मैं पहनती हूँ तो आधी से ज़्यादा तो यह आगे और पीछे से अंदर ही घुस जाती है

रोहित : मम्मी एक बार मुझे यह पैंटी पहन कर दिखाओ ना

नीलम : मंद मंद मुस्कुराते हुए, तू पागल है क्या कोई बेटा अपनी मम्मी को पैंटी में देखता है क्या

रोहित : प्लीज़ मम्मी एक बार पहन कर दिखा दो ना

नीलम : पागल कोई आ जाएगा, अगर सोनू ने आकर देख लिया तो वह क्या सोचेगी

रोहित : प्लीज़ मम्मी एक बार बस, में देखना चाहता हूँ आप इस पैंटी में कैसी लगती है, रोहित का लंड यह सोच सोच कर खड़ा हो गया था कि उसकी मम्मी उस छोटी सी गुलाबी पैंटी में कैसी लगती होगी


नीलम : रोहित के पाजामे में खड़े लंड का टॅट देख कर मन ही मन बहुत खुस हो रही थी और कहने लगी, नही बेटे सोनू आ जाएगी

रोहित : अपनी मम्मी के हाथो से पैंटी लेकर मम्मी के सामने ही उसे सूंघते हुए कहने लगा प्लीज़ मम्मी बस एक बार इसे पहन कर दिखा दो
 
नीलम : मंद मंद मुस्कुराते हुए उसके हाथ से पैंटी छुड़ा कर कहती है पगले कही के अपनी मम्मी की पैंटी सूंघ रहा है, आज नही में फिर कभी तुझे इसे पहन कर दिखा दूँगी,

रोहित ; खुस होते हुए मम्मी कब दिखाओगी 

नीलम : रात को छत पर आ जाना में तुझे वही दिखा दूँगी

रोहित : नही मम्मी छत पर तो रात को अंधेरा होता है मुझे कुछ दिखाई नही देगा

नीलम ; अच्छा तो कल मोका देख कर तुझे दिखा दूँगी

रोहित : नही मम्मी में रात भर कैसे कल का इंतजार करूँगा 

नीलम : हँसते हुए बेटा तू तो मुझे पैंटी में देखने के लिए पागल हुआ जा रहा है, सोनू को देखता ही होगा ना रोज पैंटी में फिर ऐसे क्यो मरा जा रहा है

रोहित : नही मम्मी मुझे तो आपको पैंटी में देखना है सोनू को देखने में मुझे उतना मज़ा नही आता है

नीलम; क्यो सोनू अच्छी नही लगती तुझे पैंटी में

रोहित : अच्छी लगती है पर आप की बात कुछ और है, मुझे आपके जैसा भरा हुआ बदन अच्छा लगता है


नीलम : हुन्न में सब जानती हूँ तुझे मेरे चुतड़ों का साइज़ कुछ ज़्यादा ही अच्छा लगता है इसीलये मेरे चुतड़ों को दिन भर घूरता रहता है

रोहित : मम्मी आपके चूतड़ है ही इतने मोटे मोटे की में इन्हे देख देख कर पागल हो जाता हूँ

नीलम : जानती हूँ तभी तो तेरा यह इतना डंडे जैसा कड़क हो रहा है, नीलम ने रोहित के लंड को पाजामे के उपर से पकड़ कर दबाते हुए कहा और रोहित के मुँह से सिसकारी निकल पड़ी अया मम्मी क्या कर रही है तभी नीलम ने उसके लंड को अच्छे से मुट्ठी में पकड़ कर दबाते हुए अपनी आँखे फाड़ कर देखते हुए कहा बाप रे तेरा लंड तो बहुत मोटा और बड़ा है,

रोहित : आ स छोड़िए ना मम्मी आप तो ऐसे कह रही है जैसे पापा का मुझसे छोटा हो


नीलम ; पगले यह तो तेरे पापा के बराबर ही मोटा और लंबा है पूरा अपने बाप पर गया है, पता नही सोनू कैसे लेती होगी इसे, उसकी तो जान ही ले लेता होगा तू

रोहित : अरे नही मम्मी वह तो बड़े आराम से ले लेती है, वह कोई कुँवारी थोड़ी है जो उसे दिक्कत होगी


नीलम : अरे इतने मोटे डंडे से तो मेरी जैसी तंदुरुस्त औरत भी पस्त हो जाए, तू सोनू की तो हालत बिगाड़ देता होगा, मुझे तो लगता है यह तेरे पापा से भी मोटा है

रोहित ; मुस्कुराते हुए मम्मी देख लो ना पापा से मोटा है या नही और रोहित अपने पाजामे की एलास्टिक को खींच कर अपने मोटे लंड को जैसे ही बाहर निकालता है उसके मोटे लंड और फूले हुए गुलाबी सुपाडे को देख कर नीलम की आँखे फटी की फटी रह जाती है और वह एक दम से उसके हाथ को हटा कर उसके पाजामे के एलास्टिक को छुड़ा देती है और लंड वापस पाजामे में छुप जाता है और नीलम कहती है पागल है क्या रोहित कोई आ जाएगा

रोहित ; मम्मी एक बार इसे हाथ में लेकर दबा कर तो देखो कितना मोटा है

नीलम का चेहरा पूरा लाल पड़ गया था और उसने कहा नही बेटे बाद में देखूँगी अभी में जा रही हूँ,


रोहित : अच्छा मम्मी रात को छत में आ जाइए वही आप इसे दबा कर देख लेना और में भी मोबाइल की टॉर्च से आपको इस पैंटी में देख लूँगा 

नीलम ; मुस्कुराते हुए तू बहुत बिगड़ गया है में जानती हूँ तू मानेगा नही, एक काम करना सोनू को सुला कर आना में भी तेरे पापा के सो जाने के बाद आउन्गि

रोहित : ठीक है मम्मी 

नीलम : चल अब नीचे आ जा में भी सोनू और सुधा को बुलाती हूँ खाना लगाने के लिए और फिर नीलम मुस्कुराते हुए वहाँ से चली जाती है

सभी लोग खाने की टेबल पर बैठे थे और खाना खा रहे थे मनोहर नज़रे बचाते हुए सोनू को मुस्कुरा कर देख रहा था और सोनू भी स्माइल कर रही थी उधर नीलम और रोहित की नज़रे इशारो में आपस में बाते कर रही थी, पर साथ ही रोहित सुधा पर भी नज़रे मार रहा था और जब सुधा उसकी ओर देखने लगती तब रोहित उसके मोटे मोटे बोबो को खा जाने वाली नज़रो से देखने लगता था,
 
सभी ने खाना खाया उसके बाद अपने रूम में चले गये, रोहित कहीं घूमने गया था और सुधा सोनू के रूम में बैठी थी, दोनो ननद भाभी गाउन पहने हुई थीं तभी सोनू ने सुधा की मोटी गदराई गान्ड पर हाथ फेरते हुए कहा ननद रानी कहाँ खोई हुई हो, कही पापा का लंड तो याद नही आ रहा है

सुधा : मुस्कुराते हुए भाभी एक बात कहूँ

सोनू : बोल ना

सुधा : उस दिन बहुत मज़ा आया था जब आप मुझे भैया के पास ले गई थी और भैया ने आँखो में पट्टी बाँधी हुई थी आप ने भी कमाल की प्लॅनिंग की थी भैया तो अब तक यही सोचते होगे कि उन्होने आपकी चूत चाटी थी


सोनू : हँसते हुए कहने लगी लगता है तुझे भैया के लंड को चूसने का मन कर रहा है तू कहे तो आज फिर रोहित की आँखो में पट्टी बाँध देती हूँ

सुधा : नखरा छोड़ते हुए कहने लगी नही भाभी कहीं भैया को पता लग गया तो

सोनू : अरे उन्हे कुछ पता नही चलेगा

सुधा : मुस्कुराते हुए ठीक है तो आप मुझे मिस कॉल कर देना

सोनू : ठीक है, सोनू सोचने लगी आज रोहित का लंड इसकी चूत में पेल्वा ही देती हूँ, रोहित भी अपनी बहन की चूत मारने का मज़ा ले लेगा

उधर नीलम रूम में लेटे लेटे मनोहर के लंड से खेल रही थी लेकिन उसकी आँखो के सामने रोहित का मोटा तगड़ा लंड झूल रहा था और मनोहर नीलम की चूत को सहलाते हुए सोनू और सुधा की मस्त फूली चूत को याद कर रहा था इसी वजह से नीलम की चूत खूब पानी छोड़ रही थी और मनोहर की नसें खूब फूल रही थी, दोनो एक दूसरे से बिना कुछ बोले एक दूसरे के लंड और चूत को सहला रहे थे



उधर रोहित कच्छे में बाद पर बैठा हुआ सोच रहा था कि पता नही सुधा ने सोनू से बात की या नही, सोनू ड्रेसिंग टेबल के सामने मेकप में लगी हुई थी तभी सोनू ने पलट कर कहा सुनो जी में कैसी लग रही हूँ

रोहित : अप्सरा 


सोनू : अच्छा उस दिन आपको कैसा लगा था जब मैने आपकी आँखो में पट्टी बाँधी थी और आपने मेरी चूत चूसी थी और मैने आपका लंड चूसा था

रोहित : चौंकते हुए कहने लगा जानेमन बहुत मज़ा आया था, रोहित समझ गया कि सुधा ने ज़रूर सोनू से कहा होगा

सोनू : चलिए आज फिर वैसे ही करे और रोहित ने अपनी आँखो में पट्टी बाँध ली और सोनू ने सुधा के सेल पर मिस कॉल कर दिया और सोनू तो जैसे तैयार ही बैठी थी, वह तुरंत अपने रूम से बाहर निकल कर सोनू के रूम में धीरे से एंटर हुई और सामने अपने भैया की आँखो में बँधी पट्टी देख कर खुश हो गई, सोनू ने धीरे से उसे रोहित के लंड के पास बैठ जाने को कहा और रोहित के लंड को उसकी कच्छि से बाहर निकाल लिया, सुधा ने अपने भैया का कड़क लंड देखा तो उसके मुँह में पानी आ गया और उसने झट से रोहित के लंड को अपने हाथो में दबोच लिया और रोहित के मुँह से आअहह की सिसकारी निकल गई,

रोहित : सोनू तुम भी पूरी नंगी होकर अपनी गान्ड मेरे मुँह में रखो ना

सोनू : ठीक है और सोनू ने सुधा को मॅक्सी उतार कर रोहित के मुँह में अपने चुतड़ों को रखने को कहा और सुधा पूरी नंगी होकर अपने भैया के मुँह पर बैठ गई, अपनी बहन की रसीली चूत की और गान्ड की मादक गंध सूंघते ही रोहित समझ गया कि उसकी बहन उसके मुँह पर अपनी गान्ड रख कर बैठी है और उसने अपनी जीभ निकाल कर सुधा की गान्ड और चूत के छेद को चाटना शुरू कर दिया और सुधा के मुँह से सिसकारी निकलते निकलते बची, तब रोहित ने कहा वाह सोनू क्या मस्त गंध है तुम्हारी चूत और गान्ड की अब मेरे लंड को भी चूसो ना, रोहित की बात सुन कर सुधा ने अपने भैया के लंड को चाटना शुरू कर दिया और सोनू भी रोहित के लंड को चाटने लगी, दोनो ननद भोज़ाई मिल कर रोहित के लंड को चाट रही थी जिससे रोहित को बहुत मज़ा आ रहा था और वह खूब कस कस कर सुधा की चूत और गान्ड के छेद को छूने लगा था


रोहित : ओह सोनू मेरा रस निकल जाएगा अब मेरे लंड पर बैठ जाओ अब मुझसे नही सहा जाता है, उसकी बात सुन कर सोनू ने मुस्कुराते हुए सुधा की ओर इशारे से देख कर पूछा कि वह लंड पर बैठेगी तब सुधा ने स्माइल देते हुए रोहित के मुँह से गान्ड हटा कर उसके खड़े लंड पर बैठने लगी और सोनू सुधा की बुर को सहलाते हुए रोहित के लंड को पकड़ कर सुधा की चूत से सटा दिया और सुधा धीरे धीरे रोहित के लंड पर चूत रख कर बैठने लगी और सोनू लंड को सुधा की चूत की गहराई में घुसते हुए देखने लगी, सुधा की चूत पूरी गुलाबी थी और वह हल्के हल्के सीसियाते हुए अपने भैया के लंड पर अपनी चूत का दबाव डालते हुए बैठ रही थी और थोड़ी देर में ही रोहित का लंड अपनी बहन की चूत में पूरा समा गया और सुधा उपर नीचे होने लगी, रोहित ने मुस्कुराते हुए कहा क्या बात है सोनू आज तेरी चुत तो बिल्कुल कुँवारी लोन्डियो की तरह टाइट लग रही है तब सोनू ने हँसते हुए कहा अरे मेरी चूत तो वैसी ही है तुम्हारा लंड ही कुछ ज़्यादा मोटा हो गया है, 


रोहित : पर सोनू तेरी गान्ड सहलाने पर ऐसा लग रहा है जैसे यह तेरी गान्ड ना हो कितनी ज़्यादा मोटी और मासल लग रही है

सोनू : मुस्कुराते हुए, रहने दो जी आपकी तो आदात है चोदते मुझेहो और आपके ख्यालो में दूसरी लड़कियों की गान्ड और चूत रहती है, सोनू ने अपनी बुर सहलाते हुए कहा, तब रोहित ने कहा अच्छा सोनू अब तुम कुतिया बन जाओ में तुम्हे पीछे से चोदुन्गा और सोनू ने कहा ठीक है और फिर सुधा घोड़ी बन गई और रोहित ने अपनी बहन के नंगे चुतड़ों को अपने हाथो में भर कर सहलाया और उसकी मोटी गान्ड पर थप्पड़ मारते हुए अपने लंड को पीछे से सुधा की चूत में पेल दिया और फिर सुधा के चुतड़ों को दबोचते हुए रोहित सटा सट लंड अपनी बहन की चूत में पेलने लगा और सोनू यह देख देख कर गरम हो रही थी कि कैसे एक भाई अपनी बहन को पूरी नंगी करके चोद रहा है, अब रोहित का लंड खूब तेज तेज सुधा को चोदने लगा और सुधा अपने मुँह को दबाए खूब तबीयत से अपने भैया के लंड को ले रही थी और फिर उसका पानी छूट गया और वह पस्त हो गई तब रोहित ने कहा क्या हुआ जानेमन आज तो तुम्हारा पानी जल्दी ही छूट गया अभी तो मुझे मज़ा ही नही आया, तब सोनू नेसूधा को हटाते हुए उससे इशारे में और चुदने के बारे में पुछा तो सुधा ने मना कर दिया वह मस्त हो चुकी थी इसलिए वह चुप चाप रूम से बाहर हो गई और सोनू अपनी मोटी गान्ड रोहित के लंड की ओर करके झुक गई और कहने लगी लो फिर से पेलो जी अभी मेरा पेट नही भरा है और खूब कस कस कर चोदो और रोहित ने सोनू की मोटी गान्ड को सहलाते हुए फिर से लंड पेल दिया,
 
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