hotaks444
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मौसम कुछ बदल किए हुए था और बहुत ही सुहानी हवा चल रही थी, कार अपनी रफ़्तार में शहर से बाहर जा चुकी थी, मनोहर ने कार चलाते हुए सोनू को देखा जो कि बहुत ही खूबसूरत लग रही थी उसने वाइट कलर की कुरती और लेग्गी पहना हुआ था,
मनोहर : सोनू बहुत काले बदल घिर आए है लगता है जोरदार बारिश होगी, सोनू ने बदलो की ओर देखते हुए कहा, हाँ पापा मौसम तो बहुत खराब है और ऐसे में आप लोंग ड्राइव पर जा रहे है,
मनोहर : मुस्कुराते हुए ऐसे मौसम में ही तो लोंग ड्राइव का मज़ा है, फिर हाइवे पर एक सिंगल रोड जाता हुआ दिखा तब मनोहर ने कहा सोनू इस रास्ते पर आगे जाकर एक वॉटर फॉल है हम चले उधर
सोनू ; मुस्कुराते हुए चलिए तब मनोहर ने उस ओर कार टर्न की और कहने लगा सोनू तुम बहुत गुम्सुम हो अगर तुम्हे कंफर्ट नही लग रहा हो तो हम वापस चले, सोनू ने मुस्कुराते हुए कहा पापा आपसे किसने कह दिया कि मुझे कंफर्ट नही लग रहा,
मनोहर : तो फिर कुछ बात करो इतनी गुम्सुम सी क्यो हो, वैसे तुम पर यह वाइट कलर की कुरती और लेग्गी बहुत अच्छी लग रही है
सोनू : मुस्कुराते हुए पापा आप ही तो लाए थे यह ड्रेस भूल गये
मनोहर : हुन्न याद है मुझे, पर लगता है तुमने आज पहली बार ही इसे पहना है
सोनू ; हाँ पापा मोका ही नही लगा इसलिए, तभी बिजली की गड़गड़ाहट हुई और सोनू के चेहरे का रंग उड़ गया और उसने रोड के आसपास देखा तो कहा पापा यह रोड तो बहुत सुनसान है और आस पास बहुत झाड़िया है,
मनोहर : हाँ सोनू लेकिन आगे 5किमी बाद एक उँचा हिल आएगा और फिर वहाँ से दूर दूर तक मैदान नज़र आएगा वहाँ कार कुछ उचाई पर होगी फिर वहाँ से नज़ारा देखना बड़ा अच्छा नज़र आएगा, कुछ देर बाद तेज बारिश शुरू हो गई और मनोहर को वाइपर ऑन करना पड़ा, सोनू ने सब ग्लास उपर किए लेकिन तभी एक जोरदार आवाज़ के साथ बिजली कडकी और ऐसा लगा जैसे उनके सामने ही गिरी हो सोनू बहुत घबरा गई तभी बारिश की बूँदो ने विशाल रूप ले लिया और मूसलाधार बारिश शुरू हो गई और मनोहर को अब ड्राइव करने में भी दिक्कत होने लगी तब मनोहर ने कार रोकते हुए कहा सोनू आगे रास्ता भी गड़बड़ है और इतनी तेज बारिश में आगे का रोड भी नज़र नही आरहा है इसलिए गाड़ी कुछ देर यही रोक लेते है बारिश रुकने के बाद चलते है,
सोनू : पापा मैं तो कहती हूँ हम वापस चलते है मौसम बहुत ज़्यादा ही खराब हो गया है
मनोहर : डोंट वरी बेटी अभी बारिश रुक जाएगी और मनोहर ने सोनू के गालो पर हाथ फेरा, बाहर बारिश की धुन्ध के कारण कुछ नज़र नही आ रहा था और मनोहर ने कहा तुम्हारा ध्यान बटाने के लिए लो मैं म्यूज़िक ऑन कर देता हूँ और फिर म्यूज़िक शुरू हो गया, मनोहर सोनू से बाते कर रहा था और उसकी नज़रे बार बार सोनू के मोटे मोटे बोबो और लेग्गी से में कसी उसकी मोटी गुदाज जाँघो पर जा रही थी, उसका लंड पेंट में खड़ा हो गया था सोनू पापा की नज़रो को ताड़ रही थी और उसकी नज़रे भी बार बार पापा के लंड के उभार पर जा रही थी, दोनो के चेहरे पर सेक्स की लाली उभर आई थी और जब दोनो की नज़रे मिलती तो दोनो के चेहरे खिल जाते थे मनोहर बार बार सोनू की गदराई जाँघो पर हाथ रख कर बात कर रहा था और उसका लंड जांघे सहलाने पर झटके लेने लगता था जिसे देख कर सोनू की बुर भी पिघलने लगी थी, बारिश बहुत भयानक हो रही थी लेकिन नसों में रक्त के बहाव ने दोनो के कानो पर जैसे रूई लगा दी थी, और दोनो बाते कुछ और कर रहे थे लेकिन उनके दिमाग़ में कुछ और ही चल रहा था,
मनोहर: सोनू की जाँघो को सहलाते हुए, बेटी जब से तुमने पार्क में एक्सर्साइज़ शुरू की है तुम्हरा फिटनेस कुँवारी लड़कियो की तरह हो गयी है
सोनू : मुस्कुराते हुए कहने लगी पापा आपकी भी बॉडी शॅप में आ गई है आप अपनी उमर से 5 साल कम लगने लगे हो
मनोहर : मतलब अब मैं फिर से जवान लगने लगा हूँ
सोनू मन में कहती है आप का मोटा लंड देख कर तो यही लगता है कि आप कितने जवान है, अपनी बेटी की चूत तो फाड़ कर रख दी है आपने
सोनू : मुस्कुराते हुए पापा मैने तो एग्ज़्क्र्साइज़ ही इसीलिए शुरू की थी ताकि कुछ वजन कम हो कुछ समय से मैं बहुत मोटी होती जा रही थी ना
मनोहर : हाँ लेकिन वैसे औरतो का बदन थोड़ा हेल्ती ही अच्छा लगता है, फिर मनोहर ने सोनू के मोटे मोटे आमो को और गदराई जाँघो और उस पर फैले हुए चुतड़ों को देखते हुए मन में सोचा बेटी तुम कितनी ही कसरत कर लो लेकिन तुम्हारे मोटे बोबो गदराई जांघे और मोटी गान्ड का साइज़ तो और भी बढ़ता ही जा रहा है, पूरी नंगी करने पर तो तुम कयामत नज़र आती होगी
मनोहर : सोनू एक बात कहूँ
सोनू : कहिए पापा
मनोहर : तुम सुबह जब एक्सरसाइज़ करती हो तब तुम्हारा फिगर देख कर कोई भी पागल हो जाए
मनोहर : सोनू बहुत काले बदल घिर आए है लगता है जोरदार बारिश होगी, सोनू ने बदलो की ओर देखते हुए कहा, हाँ पापा मौसम तो बहुत खराब है और ऐसे में आप लोंग ड्राइव पर जा रहे है,
मनोहर : मुस्कुराते हुए ऐसे मौसम में ही तो लोंग ड्राइव का मज़ा है, फिर हाइवे पर एक सिंगल रोड जाता हुआ दिखा तब मनोहर ने कहा सोनू इस रास्ते पर आगे जाकर एक वॉटर फॉल है हम चले उधर
सोनू ; मुस्कुराते हुए चलिए तब मनोहर ने उस ओर कार टर्न की और कहने लगा सोनू तुम बहुत गुम्सुम हो अगर तुम्हे कंफर्ट नही लग रहा हो तो हम वापस चले, सोनू ने मुस्कुराते हुए कहा पापा आपसे किसने कह दिया कि मुझे कंफर्ट नही लग रहा,
मनोहर : तो फिर कुछ बात करो इतनी गुम्सुम सी क्यो हो, वैसे तुम पर यह वाइट कलर की कुरती और लेग्गी बहुत अच्छी लग रही है
सोनू : मुस्कुराते हुए पापा आप ही तो लाए थे यह ड्रेस भूल गये
मनोहर : हुन्न याद है मुझे, पर लगता है तुमने आज पहली बार ही इसे पहना है
सोनू ; हाँ पापा मोका ही नही लगा इसलिए, तभी बिजली की गड़गड़ाहट हुई और सोनू के चेहरे का रंग उड़ गया और उसने रोड के आसपास देखा तो कहा पापा यह रोड तो बहुत सुनसान है और आस पास बहुत झाड़िया है,
मनोहर : हाँ सोनू लेकिन आगे 5किमी बाद एक उँचा हिल आएगा और फिर वहाँ से दूर दूर तक मैदान नज़र आएगा वहाँ कार कुछ उचाई पर होगी फिर वहाँ से नज़ारा देखना बड़ा अच्छा नज़र आएगा, कुछ देर बाद तेज बारिश शुरू हो गई और मनोहर को वाइपर ऑन करना पड़ा, सोनू ने सब ग्लास उपर किए लेकिन तभी एक जोरदार आवाज़ के साथ बिजली कडकी और ऐसा लगा जैसे उनके सामने ही गिरी हो सोनू बहुत घबरा गई तभी बारिश की बूँदो ने विशाल रूप ले लिया और मूसलाधार बारिश शुरू हो गई और मनोहर को अब ड्राइव करने में भी दिक्कत होने लगी तब मनोहर ने कार रोकते हुए कहा सोनू आगे रास्ता भी गड़बड़ है और इतनी तेज बारिश में आगे का रोड भी नज़र नही आरहा है इसलिए गाड़ी कुछ देर यही रोक लेते है बारिश रुकने के बाद चलते है,
सोनू : पापा मैं तो कहती हूँ हम वापस चलते है मौसम बहुत ज़्यादा ही खराब हो गया है
मनोहर : डोंट वरी बेटी अभी बारिश रुक जाएगी और मनोहर ने सोनू के गालो पर हाथ फेरा, बाहर बारिश की धुन्ध के कारण कुछ नज़र नही आ रहा था और मनोहर ने कहा तुम्हारा ध्यान बटाने के लिए लो मैं म्यूज़िक ऑन कर देता हूँ और फिर म्यूज़िक शुरू हो गया, मनोहर सोनू से बाते कर रहा था और उसकी नज़रे बार बार सोनू के मोटे मोटे बोबो और लेग्गी से में कसी उसकी मोटी गुदाज जाँघो पर जा रही थी, उसका लंड पेंट में खड़ा हो गया था सोनू पापा की नज़रो को ताड़ रही थी और उसकी नज़रे भी बार बार पापा के लंड के उभार पर जा रही थी, दोनो के चेहरे पर सेक्स की लाली उभर आई थी और जब दोनो की नज़रे मिलती तो दोनो के चेहरे खिल जाते थे मनोहर बार बार सोनू की गदराई जाँघो पर हाथ रख कर बात कर रहा था और उसका लंड जांघे सहलाने पर झटके लेने लगता था जिसे देख कर सोनू की बुर भी पिघलने लगी थी, बारिश बहुत भयानक हो रही थी लेकिन नसों में रक्त के बहाव ने दोनो के कानो पर जैसे रूई लगा दी थी, और दोनो बाते कुछ और कर रहे थे लेकिन उनके दिमाग़ में कुछ और ही चल रहा था,
मनोहर: सोनू की जाँघो को सहलाते हुए, बेटी जब से तुमने पार्क में एक्सर्साइज़ शुरू की है तुम्हरा फिटनेस कुँवारी लड़कियो की तरह हो गयी है
सोनू : मुस्कुराते हुए कहने लगी पापा आपकी भी बॉडी शॅप में आ गई है आप अपनी उमर से 5 साल कम लगने लगे हो
मनोहर : मतलब अब मैं फिर से जवान लगने लगा हूँ
सोनू मन में कहती है आप का मोटा लंड देख कर तो यही लगता है कि आप कितने जवान है, अपनी बेटी की चूत तो फाड़ कर रख दी है आपने
सोनू : मुस्कुराते हुए पापा मैने तो एग्ज़्क्र्साइज़ ही इसीलिए शुरू की थी ताकि कुछ वजन कम हो कुछ समय से मैं बहुत मोटी होती जा रही थी ना
मनोहर : हाँ लेकिन वैसे औरतो का बदन थोड़ा हेल्ती ही अच्छा लगता है, फिर मनोहर ने सोनू के मोटे मोटे आमो को और गदराई जाँघो और उस पर फैले हुए चुतड़ों को देखते हुए मन में सोचा बेटी तुम कितनी ही कसरत कर लो लेकिन तुम्हारे मोटे बोबो गदराई जांघे और मोटी गान्ड का साइज़ तो और भी बढ़ता ही जा रहा है, पूरी नंगी करने पर तो तुम कयामत नज़र आती होगी
मनोहर : सोनू एक बात कहूँ
सोनू : कहिए पापा
मनोहर : तुम सुबह जब एक्सरसाइज़ करती हो तब तुम्हारा फिगर देख कर कोई भी पागल हो जाए