hotaks444
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बाहर खड़ी प्रिया ने भी अपने उरोजों को बेपर्दा कर दिया और उनपर वो गीली उंगलियाँ लगा कर अपने निप्पल्स को ज़ोर से दबा दिया, उसे ठीक वही एहसास हुआ जैसा उसके जीजू बूब्स चूस्टे हुए देते है...उसके पूरे शरीर में जल तरंग सी बज उठी.मस्ती भरी एक लहर उसके बूब्स से होती हुई नाभि तक और फिर दक्षिण में स्थित चूत तक जा पहुँची.. जिसके एहसास ने उसे सिसकारी मारकर अपने पंजों पर खड़े होने पर मजबूर कर दिया.
अजय ने अपने सारे कपड़े उतार दिए, और प्राची को भी नंगा कर दिया,
अजय उठकर प्राची के सिर के पास आ गया और उसने अपना चॉकलेटी लॅंड उसे चूसने के लिए दे दिया..
वो भी किसी बागड बिल्ली की तरह उसपर झपट पड़ी..आख़िरकार लंड चूसना उसका सबसे फ़ेवरेट काम जो था..उसने अजय के लंड को सड़प -2 करके चूसा और अपने हाथ से उसकी गोटियां सहलाती रही...फिर कुछ देर बाद उसने उसकी गोटियों को चूसा और लंड सहलाती रही...ऐसा उसने करीब 3-4 बार किया..अजय को उसकी यही बात सबसे अच्छी लगती थी की वो उसके लंड को ऐसे चूस्कर पूरा सम्मान देती थी..
उसने अपना लंड चुस्वाते हुए दरवाजे की तरफ देखा,जहाँ छुपकर बैठी हुई पूजा भी अपनी 3 उंगलियों को किसी लंड की तरहा चूस रही थी...अजय उसे दिखाना चाहता था की ऐसे चूसा कर मुझे,ताकि जो मज़े इस वक़्त प्राची दे रही है वो भी दे सके..पूजा समझ गयी और उसने मन ही मन निश्चय कर लिया की अगला मौका मिलने तो दो जीजू,ऐसा चूसूंगी की लंड में दर्द हो जाएगा...
अजय का लंड अब एकदम कड़क हो चुका था, यानी चुदाई के लिए बिलकुल तैयार ..उसे ये भी पता था की ऐसी हालत में सिर्फ़ 2-4 आसन ही है जिनमे वो प्राची की चुदाई कर सकता है...ताकि उसे ज़्यादा झटके ना लगे..और मज़ा भी पूरा मिले.
वो प्राची की टाँगो के बीच आकर बैठ गया, और उसने उसकी बर्गर जैसी फूली हुई चूत को देखा..
वो एकदम लिसलिसा रही थी, अपने ही रस में डूबी हुई सी...अजय ने अपने गीले लंड को उसकी चूत के मुहाने पर रखा और धीरे से झटका देकर उसे अंदर खिसका दिया..
''उूुुुउउम्म्म्मममममममममममम....... सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स............. आआआआअहह''
बस यही निकला प्राची के होंठों से...और उसने अपने पूए शरीर को बिस्तर पर पूरी तरह से फेला कर अपने आप को अजय के सामने बिछा दिया...दोनो हाथों को उपर की तरफ और टाँगो को नीचे से फेला कर वो चुदाई का भरपूर मज़ा लेने लगी.
और बाहर खड़ी पूजा ने जब ये सब होते हुए देखा तो उसने भी एक ही झटके में अपनी निक्कर नीचे गिरा दी..नीचे उसने पेंटी नही पहनी हुई थी...और फिर उसने अपने हाथ में पकड़ी एक मोमबत्ती ली और उसे अपनी चूत के अंदर घुसेड दिया..
ये मोमबत्ती उसने किचन से ली थी, ज़्यादा मोटी तो नही पर काफ़ी लंबी थी वो,उसकी लंबाई देखकर पूजा को पहली ही बार मे ये एहसास हो गया था जैसे जीजू के लंड का क्लोन है वो...उसने तुरंत वो मोमबत्ती अपने रूम में लेजाकर छुपा दी थी और अभी यहाँ आते हुए वो उठाती ले आई, उसे पता था की आज की रात ये केंडल बहुत काम आने वाली है.
केंडल के बत्ती वाले हिस्से को अपनी चूत में खिसका कर धीरे-2 धक्का दिया और वो किसी मालगाड़ी की तरह उसकी चूत की सुरंग में रेंगती हुई अंदर जाने लगी..
अंदर अजय की रेलगाड़ी भी अपनी स्पीड पकड़ चुकी थी...और उसने संभलकर धक्के लगाते हुए प्राची की चुदाई करनी शुरू कर दी..
प्राची मदहोशी में आकर चिल्लाए जा रही थी..
''आआआआआआआआअहह मेरे राजा............ उफफफफफफफफफफ्फ़ क्या मज़ा देता है ये लंड ............. अहह इतने दिनों से प्यास ही नही बुझ रही थी...... आआआआआआजजज मज़ा आया है......... आज जमकर चोदो मुझे....अजय ....... चोदो मेरी चूत को.......अपने मूसल जैसे लॅंड से......''
बाहर ज़मीन पर लेटकर अपनी चूत में मोबतती डालती हुई पूजा भी फुसफुसाई : "उम्म्म्मम ...मेरे राजा.....मेरी चूत में भी डालो ना अपना मूसल..... झटके दे-देकर चोदना मुझे तो....अपनी जान को...अपनी साली को....आअह मेरे सेक्सी जीजू............ मुझे भी चोदो ना....''
काश ऐसा सभी सालियां बोले तो अजय जैसे जीजों को बाहर मुँह ही ना मारना पड़े...घर की बात घर में ही रह जाए.
अजय अब बेड पर लेट गया और उसने बड़ी ही सावधानी से प्राची को अपने उपर बिठा लिया...प्रेग्नेन्सी के बाद उसका वजन काफ़ी बढ़ चुका था,लेकिन अजय भी काफ़ी ताकतवर था, उसने उसे बड़ी ही आसानी से संभाल लिया...और प्राची उसके लंड पर बैठकर धीरे-2 अपने शरीर को हिलाने लगी..अजय ने हाथ उपर करके उसके मुम्मों को पकड़ लिया और उन्हे निचोड़ डाला...उत्तेजना में भरकर प्राची ने उसके हाथ की उंगलियों को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया...अब अजय का एक हाथ उसके मुँह में था और दूसरा उसके निप्पल्स पर..
पूजा ने केंडल निकाल कर अपनी 3 उंगलियाँ अपनी शहद उड़ेलती चूत में डाल दी और जितना शहद इकट्ठा हुआ था उसे समेट कर अपने मुँह तक ले आई और उसे चूस डाला...ठीक वैसे ही जैसे उसकी बहन प्राची इस वक़्त अजय की उंगलियों को चूस रही थी.
अजय के लंड पर उछल रही प्राची की स्पीड अब बड़ चुकी थी...लेकिन अजय ने उसकी कमर पर हाथ रखकर उसके झटकों को कंट्रोल किया हुआ था...और ऐसे ही करते-2 प्राची की चूत ने पानी छोड़ दिया...जो अजय के लंड को पूरी तरह तर-बतर करता हुआ उसकी बॉल्स तक पहुँच गया...
अब एक बार फिर अजय ने प्राची को पीठ के बल लिटा कर अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया...और उसकी दोनो जांघे पकड़ कर धीरे-2 उसे चोदने लगा..
पूजा ने भी अपनी केंडल एक बार फिर से अपनी चूत में डाल ली थी और उसे बड़ी तेज़ी से अंदर बाहर करने लगी...वो भी अपने आख़िरी पड़ाव में थी अब...उसकी केंडल को अंदर बाहर करने की गति इतनी तेज थी की एक पल के लिए तो उसे ऐसा लगा की चूत के घर्षण से निकलने वाली गर्मी से वो केंडल ही ना जल उठे.
अजय भी झड़ने वाला था...प्राची को ये एहसास होते ही उसने कहा : "अजय...प्लीज़ ....मेरे उपर निकालो सारा पानी...मुझे अपने प्यार से भिगो दो आज...''
उसके ऐसा कहने की देर थी की अजय के लंड का बाँध फूट पड़ा...और उसने बिना कोई देरी किए अपना बाजूका उसकी चूत से निकाल कर अपनी हथेली में पकड़ा और प्राची के शरीर पर फायर करने लगा..एक के बाद एक सफेद और चिपचिपी गोलियाँ निकलती गयी उसकी गन से...जो उसके उभरे हुए पेट से लेकर उसके सख़्त मुम्मो तक और उसके भी उपर उसके मुँह और बालों तक को भिगो गयी ..
ऐसी बारिश में नहाने की कल्पना मात्र से ही बाहर सिसकारियाँ मार रही पूजा भी झड़ गयी...अपने जीजे के नाम की केंडल को चूत में लेकर..और बुदबुदाई : "उम्म्म्मममममममममम जीजू.....मेरे प्यारे जीजू...... सिर्फ़ मेरे जीजू..... मेरे ही मेरे जीजू.........''
अंदर प्राची और अजय की ट्रेन शांत हुई और बाहर पूजा की....
प्राची : "उम्म्म्म....मैं तो पूरी भीग गयी आपके पानी से.....''
और मुस्कुराती हुई वो उठ खड़ी हुई और बोली : "मैं ज़रा बाथरूम में जाकर गर्म पानी से शावर ले लेती हू...ये बालों में भी लगा है...ऐसे तो निकलेगा नही ये...''
अजय कुछ आयी बोला...वो तो अभी तक गहरी साँसे लेकर अपने ऑर्गॅज़म से उभरने की कोशिश कर रहा था.
प्राची को बेड से उठता देखकर पूजा भागकर अपने रूम में चली गयी और चादर उपर तान कर सोने का नाटक करने लगी..
प्राची भी रूम से निकलकर बाथरूम की तरफ गयी...और ना जाने क्या सोचकर वो पूजा के रूम की तरफ मुड़ गयी और उसके अधखुले दरवाजे से अपनी बहन को सोता हुआ देखकर वो मुस्कुराइ और फिर बाथरूम में गयी..
अगर इस वक़्त उसने उसकी चादर को खींच कर देख लिया होता तो वो जान लेती की वो भी मदरजात नंगी है इस वक़्त जैसी की वो थी...और वो भी अभी-2 झड़कर हटी थी जैसे की प्राची खुद.
लेकिन इस भेद को शायद सारी उम्र ऐसे ही रहना था,इसलिए प्राची के हाथो ऐसा कुछ नही हुआ..
उसके बाथरूम मे जाते ही पूजा उछलकर चादर से निकल आई...और बिल्ली की तरह दबे पाँव भागती हुई सी वो अपने जीजू के रूम में घुस गयी....और वो भी एकदम नंगी.
अजय ने अपने सारे कपड़े उतार दिए, और प्राची को भी नंगा कर दिया,
अजय उठकर प्राची के सिर के पास आ गया और उसने अपना चॉकलेटी लॅंड उसे चूसने के लिए दे दिया..
वो भी किसी बागड बिल्ली की तरह उसपर झपट पड़ी..आख़िरकार लंड चूसना उसका सबसे फ़ेवरेट काम जो था..उसने अजय के लंड को सड़प -2 करके चूसा और अपने हाथ से उसकी गोटियां सहलाती रही...फिर कुछ देर बाद उसने उसकी गोटियों को चूसा और लंड सहलाती रही...ऐसा उसने करीब 3-4 बार किया..अजय को उसकी यही बात सबसे अच्छी लगती थी की वो उसके लंड को ऐसे चूस्कर पूरा सम्मान देती थी..
उसने अपना लंड चुस्वाते हुए दरवाजे की तरफ देखा,जहाँ छुपकर बैठी हुई पूजा भी अपनी 3 उंगलियों को किसी लंड की तरहा चूस रही थी...अजय उसे दिखाना चाहता था की ऐसे चूसा कर मुझे,ताकि जो मज़े इस वक़्त प्राची दे रही है वो भी दे सके..पूजा समझ गयी और उसने मन ही मन निश्चय कर लिया की अगला मौका मिलने तो दो जीजू,ऐसा चूसूंगी की लंड में दर्द हो जाएगा...
अजय का लंड अब एकदम कड़क हो चुका था, यानी चुदाई के लिए बिलकुल तैयार ..उसे ये भी पता था की ऐसी हालत में सिर्फ़ 2-4 आसन ही है जिनमे वो प्राची की चुदाई कर सकता है...ताकि उसे ज़्यादा झटके ना लगे..और मज़ा भी पूरा मिले.
वो प्राची की टाँगो के बीच आकर बैठ गया, और उसने उसकी बर्गर जैसी फूली हुई चूत को देखा..
वो एकदम लिसलिसा रही थी, अपने ही रस में डूबी हुई सी...अजय ने अपने गीले लंड को उसकी चूत के मुहाने पर रखा और धीरे से झटका देकर उसे अंदर खिसका दिया..
''उूुुुउउम्म्म्मममममममममममम....... सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स............. आआआआअहह''
बस यही निकला प्राची के होंठों से...और उसने अपने पूए शरीर को बिस्तर पर पूरी तरह से फेला कर अपने आप को अजय के सामने बिछा दिया...दोनो हाथों को उपर की तरफ और टाँगो को नीचे से फेला कर वो चुदाई का भरपूर मज़ा लेने लगी.
और बाहर खड़ी पूजा ने जब ये सब होते हुए देखा तो उसने भी एक ही झटके में अपनी निक्कर नीचे गिरा दी..नीचे उसने पेंटी नही पहनी हुई थी...और फिर उसने अपने हाथ में पकड़ी एक मोमबत्ती ली और उसे अपनी चूत के अंदर घुसेड दिया..
ये मोमबत्ती उसने किचन से ली थी, ज़्यादा मोटी तो नही पर काफ़ी लंबी थी वो,उसकी लंबाई देखकर पूजा को पहली ही बार मे ये एहसास हो गया था जैसे जीजू के लंड का क्लोन है वो...उसने तुरंत वो मोमबत्ती अपने रूम में लेजाकर छुपा दी थी और अभी यहाँ आते हुए वो उठाती ले आई, उसे पता था की आज की रात ये केंडल बहुत काम आने वाली है.
केंडल के बत्ती वाले हिस्से को अपनी चूत में खिसका कर धीरे-2 धक्का दिया और वो किसी मालगाड़ी की तरह उसकी चूत की सुरंग में रेंगती हुई अंदर जाने लगी..
अंदर अजय की रेलगाड़ी भी अपनी स्पीड पकड़ चुकी थी...और उसने संभलकर धक्के लगाते हुए प्राची की चुदाई करनी शुरू कर दी..
प्राची मदहोशी में आकर चिल्लाए जा रही थी..
''आआआआआआआआअहह मेरे राजा............ उफफफफफफफफफफ्फ़ क्या मज़ा देता है ये लंड ............. अहह इतने दिनों से प्यास ही नही बुझ रही थी...... आआआआआआजजज मज़ा आया है......... आज जमकर चोदो मुझे....अजय ....... चोदो मेरी चूत को.......अपने मूसल जैसे लॅंड से......''
बाहर ज़मीन पर लेटकर अपनी चूत में मोबतती डालती हुई पूजा भी फुसफुसाई : "उम्म्म्मम ...मेरे राजा.....मेरी चूत में भी डालो ना अपना मूसल..... झटके दे-देकर चोदना मुझे तो....अपनी जान को...अपनी साली को....आअह मेरे सेक्सी जीजू............ मुझे भी चोदो ना....''
काश ऐसा सभी सालियां बोले तो अजय जैसे जीजों को बाहर मुँह ही ना मारना पड़े...घर की बात घर में ही रह जाए.
अजय अब बेड पर लेट गया और उसने बड़ी ही सावधानी से प्राची को अपने उपर बिठा लिया...प्रेग्नेन्सी के बाद उसका वजन काफ़ी बढ़ चुका था,लेकिन अजय भी काफ़ी ताकतवर था, उसने उसे बड़ी ही आसानी से संभाल लिया...और प्राची उसके लंड पर बैठकर धीरे-2 अपने शरीर को हिलाने लगी..अजय ने हाथ उपर करके उसके मुम्मों को पकड़ लिया और उन्हे निचोड़ डाला...उत्तेजना में भरकर प्राची ने उसके हाथ की उंगलियों को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया...अब अजय का एक हाथ उसके मुँह में था और दूसरा उसके निप्पल्स पर..
पूजा ने केंडल निकाल कर अपनी 3 उंगलियाँ अपनी शहद उड़ेलती चूत में डाल दी और जितना शहद इकट्ठा हुआ था उसे समेट कर अपने मुँह तक ले आई और उसे चूस डाला...ठीक वैसे ही जैसे उसकी बहन प्राची इस वक़्त अजय की उंगलियों को चूस रही थी.
अजय के लंड पर उछल रही प्राची की स्पीड अब बड़ चुकी थी...लेकिन अजय ने उसकी कमर पर हाथ रखकर उसके झटकों को कंट्रोल किया हुआ था...और ऐसे ही करते-2 प्राची की चूत ने पानी छोड़ दिया...जो अजय के लंड को पूरी तरह तर-बतर करता हुआ उसकी बॉल्स तक पहुँच गया...
अब एक बार फिर अजय ने प्राची को पीठ के बल लिटा कर अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया...और उसकी दोनो जांघे पकड़ कर धीरे-2 उसे चोदने लगा..
पूजा ने भी अपनी केंडल एक बार फिर से अपनी चूत में डाल ली थी और उसे बड़ी तेज़ी से अंदर बाहर करने लगी...वो भी अपने आख़िरी पड़ाव में थी अब...उसकी केंडल को अंदर बाहर करने की गति इतनी तेज थी की एक पल के लिए तो उसे ऐसा लगा की चूत के घर्षण से निकलने वाली गर्मी से वो केंडल ही ना जल उठे.
अजय भी झड़ने वाला था...प्राची को ये एहसास होते ही उसने कहा : "अजय...प्लीज़ ....मेरे उपर निकालो सारा पानी...मुझे अपने प्यार से भिगो दो आज...''
उसके ऐसा कहने की देर थी की अजय के लंड का बाँध फूट पड़ा...और उसने बिना कोई देरी किए अपना बाजूका उसकी चूत से निकाल कर अपनी हथेली में पकड़ा और प्राची के शरीर पर फायर करने लगा..एक के बाद एक सफेद और चिपचिपी गोलियाँ निकलती गयी उसकी गन से...जो उसके उभरे हुए पेट से लेकर उसके सख़्त मुम्मो तक और उसके भी उपर उसके मुँह और बालों तक को भिगो गयी ..
ऐसी बारिश में नहाने की कल्पना मात्र से ही बाहर सिसकारियाँ मार रही पूजा भी झड़ गयी...अपने जीजे के नाम की केंडल को चूत में लेकर..और बुदबुदाई : "उम्म्म्मममममममममम जीजू.....मेरे प्यारे जीजू...... सिर्फ़ मेरे जीजू..... मेरे ही मेरे जीजू.........''
अंदर प्राची और अजय की ट्रेन शांत हुई और बाहर पूजा की....
प्राची : "उम्म्म्म....मैं तो पूरी भीग गयी आपके पानी से.....''
और मुस्कुराती हुई वो उठ खड़ी हुई और बोली : "मैं ज़रा बाथरूम में जाकर गर्म पानी से शावर ले लेती हू...ये बालों में भी लगा है...ऐसे तो निकलेगा नही ये...''
अजय कुछ आयी बोला...वो तो अभी तक गहरी साँसे लेकर अपने ऑर्गॅज़म से उभरने की कोशिश कर रहा था.
प्राची को बेड से उठता देखकर पूजा भागकर अपने रूम में चली गयी और चादर उपर तान कर सोने का नाटक करने लगी..
प्राची भी रूम से निकलकर बाथरूम की तरफ गयी...और ना जाने क्या सोचकर वो पूजा के रूम की तरफ मुड़ गयी और उसके अधखुले दरवाजे से अपनी बहन को सोता हुआ देखकर वो मुस्कुराइ और फिर बाथरूम में गयी..
अगर इस वक़्त उसने उसकी चादर को खींच कर देख लिया होता तो वो जान लेती की वो भी मदरजात नंगी है इस वक़्त जैसी की वो थी...और वो भी अभी-2 झड़कर हटी थी जैसे की प्राची खुद.
लेकिन इस भेद को शायद सारी उम्र ऐसे ही रहना था,इसलिए प्राची के हाथो ऐसा कुछ नही हुआ..
उसके बाथरूम मे जाते ही पूजा उछलकर चादर से निकल आई...और बिल्ली की तरह दबे पाँव भागती हुई सी वो अपने जीजू के रूम में घुस गयी....और वो भी एकदम नंगी.