Indian Porn Kahani शरीफ़ या कमीना - Page 5 - SexBaba
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Indian Porn Kahani शरीफ़ या कमीना

आज दीपू भैया और तनु से फ़ोन पर बातें हुईं और फ़िर दीपू भैया का मेल आया, पेरिस से। उद्देश्य था कि वो फ़ोटो भेजें। उन दोनों की करीब ८० फ़ोटो थी। उन्होंने सब को जिप करके भेजा था और साथ में एक लिंक भी दिया था ड्राईव का एक मैसेज के साथ कि वहाँ पर विडियो है, अगर देखना चाहो तो। मम्मी-पापा दोनों खुब जोश में थे कि बेटी हनीमून पर पेरिस गई थी। हमारे परिवार में या आस-पास से भी कोई ऐसे हनीमून पर नहीं गया था। उन फ़ोटो को देखने के लिए मैं भी एक्साईटेड था, पर नेट का तो ऐसा ही है, जब आप सबसे ज्यादा उसकी सेवा लेना चाहेंगे तभी वो ससुरा धीमा हो जाएगा। करीब ६८ एमबी का जिप फ़ाईल डाऊनलोड होने का नाम ही नहीं ले रहा था। मम्मी-पापा को भी जल्दी पडी थी कि वो कब अपने बेटी-दामाद के हनीमून की फ़ोटो देखेंगे। पता नहीं क्यों मुझे लग रहा था कि कहीं उन फ़ोटो को मम्मी-पापा के सामने खोलना नहीं चाहिए, सो मैं कन्नी कटाने की कोशिश करते हुए बोला -


मै: अभी नेट बहुत धीमा है, शाम में ट्राई करता हूँ... फ़िर आपलोग को फ़ोटो दिखा दूँगा।
मम्मी: अरे बेटा, जरा एक बार और ट्राई कर लो ना.... चार दिन हो गया है बेटी का मुँह देखे हुए।

पापा के चेहरे पर भी कुछ ऐसा ही भाव था, तो मैंने फ़िर से ट्राई किया और लिंक पर क्लिक कर दिया। इसबार नेट मेहरबान हुआ और करीब ७ सेकेण्ड में वो जिप फ़ाईल मेरे कंप्यूटर पर था। मैंने नेट की स्पीड का लाभ लेते हुए उस विडियो वाले लिंक पर भी क्लीक कर दिया और जब तक वो डाऊनलोड हो रहा था तब तक जिप फ़ाईल को "तनु-हनीमून" नाम के फ़ोल्डर में खोल लिया।


मम्मी-पापा दोनों अब पूरे ध्यान से मेरे कम्प्यूटर स्कीन पर नजर गराए हुए थे और मैंने भी खुशी-खुशी "फ़ोटो-००१" को क्लीक कर दिया और सामने तनु दिखी एफ़िल टावर के सामने खडी हुई। गहरे चटख पीले रंग की लेगिंग्स और हरे रंग के गोल गले के टी-शर्ट में। मैंने अब F11 दबा कर स्लाई-शो चला दिया और अब बारी-बारी से एक-एक फ़ोटो करीब दस सेकेंड के अंतराल पर बदलने लगा। करीब ३० फ़ोटो निकल गया और सब में तनु या दीपू भैया या दोनों दिख रहे थे। कभी सडक किनारे खाना खाते, कभी बाजार में घुमते, एक कपडे की दुकान से शायद उन्होंने खरीदारी की थी, तनु एक फ़्रौक को अपने कंधों से लगा कर ऐसे नाप रही हो। उसी दुकान पर तनु के पीछे कई तरह की पैन्टी शो-केस में लगी दिख रही थी। मेरी नजर तो अब तनु से हट कर उन्हीं टुकडों पर थी। मम्मी-पापा अपनी लाड़ली बेटी को ऐसे खुश देख कर गदगद हो रहे थे। तभी एक फ़ोटो आ गया जिसमें दोनों एक बड़ी सी बिल्डिंग की सीढी पर बैठ कर एक-दूसरे को चूम रहे थे। ऐसा नहीं था कि वहाँ सिर्फ़ वही दोनों थे, आसपास भी कई जोड़ा थ्हा जो चुम्मा लेने में मग्न था, पर इसके साथ के अगले फ़ोटो में दोनों के चहरे का क्लोज-अप था और साफ़ दिख रहा था कि तनु की जीभ दीपू भैया के मुँह के भीतर है। मम्मी-पापा अब थोडा घबडाए, पर तभी फ़ोटो बदल गया और अगला फ़ोटो सामान्य था दोनों एक-दूसरे के हाथ को पकड़ कर ऊपर उठाए खडे थे।


अचानक मैंने गौर किया कि "नेक्स्ट पिक" के नाम में एक "X'' जोडा गया है, यह शायद कोई इशारा था, पर अब मैं जबतक कुछ सोचूँ वो फ़ोटो स्क्रीन पर था। वो फ़ोटो उनके होटल के कमरे का था जिसमें तनु शायद नहा कर बाथरुम से बाहर आई थी और उसके बदन पर सिर्फ़ एक तौलिया था, जो शायद थोड़ा कम चौड़ा था। उस फ़ोटो में तनु की करीब २५% चुच्ची तौलिये के ऊपर से दिख रही थी और ऐसे नीचे से लपेटने के कारण उसकी चूत अभी ढ़की हुई थी, पर उसकी गोरी पतली सी पुष्ट जाँघ स्पष्ट दिख रही थी। तनु ने मुस्कुराते हुए अपने दाहिने हाथ की बीच वाली ऊँगली ऊपर कर रखी थी, पता नहीं चल रहा था कि वो चुदने के बाद नहा कर आई थी या चुदाने के लिए नहा कर आई थी.... पर उसके पोज से लग रहा था कि अब इसके बाद आदम और हव्वा वाला खेल खेला गया था शायद। अगली फ़ोटो में वो बिस्तर पर बैठी दिखी, पैर उसने मोड़ा हुआ था जिससे उसकी चूत नहीं दिखी, पर एक तरफ़ झुके होने की वजह से उसके एक चुतडा का दीदार लगभग आधा हो रहा था उस फ़ोटो में। उस चुतड़ पर एक काला तिल साफ़ दिख रहा था और मम्मी तब बोली भी, "ये तिल इसके बदन पर बचपन से रह गया... है न जी?" वो मेरे पापा से पूछी, और पापा अब वहाँ से खिसक लेना चाहते थे कि अगली फ़ोटो फ़िर सामान्य आ गयी तो वो रुक गये। फ़ोटो-६२ अब सामने था। एक बार फ़िर हम सब आराम से फ़ोटो देखने लगे और तभी फ़िर ७०वें फ़ोटो में हमने देखा कि एक समुद्र है और करीब ३० लोग उसमें खेल रहे हैं, उसमें न दीपू भैया दिखे और ना ही तनु। यह फ़ोटो था उनका पलोमा बीच पर का। अगले फ़ोटो में तनु एक नीले टू-पीस बिकनी में समुद्र के सामने खड़ी मुस्कुरा रही थी, जबकि उसके ठीक पीछे एक जवान लड़की दिख रही थी जो सिर्फ़ एक पैन्टी पहने थी। मम्मी अब थोडा असहज हुई।
 
मम्मी: कैसा-कैसा जगह ये दोनों चला गया है?
पापा: अब यूरोप में है तो समुद्र किनारे ही न जाएगा। मंदिर थोडे न घुमेगा....

मैं यह सुन कर मुस्कुराया। अगली फ़ोटो में दीपू भैया अपने एक शौर्ट्स में बालू पर बैठे हुए दिखे और उनके एक तरफ़ एक लडकी पूरी नंगी लेटी हुई थी और उसका साथी उसकी मालिश कर रहा था शायद। गनीमत था कि वो पेट के बल लेटी थी, पर उसकी सुन्दर गोरी मस्त गाँड का नजारा क्या जबरद्स्त था यार। अगली फ़ोटो (नं ७३) में दीपू भैया बालू पर सीधा लेटे दिखे और तनु उनके ऊपर लेटी हुई थी उसी टू-पीस बिकनी में और उनके होठ को चूम रही थी। इस फ़ोटो में हमने उसके बिकनी को पीछे से देखा। पीठ पर एक पतली सी डोर, और ऐसी ही पतली डोर उसकी चुतड़ की फ़ाँक में से गुजरा हुआ था, वो अब पीछे से ९९% नंगी दिखी।

मम्मी: छी:.... कैसी बेशर्म हो गयी है यह लड़की.... बताओ तो जरा!!!!!!!!

मैं चुप, मुझे तो उसको बेशर्म बनाने का ठीका मिला था दीपू भैया की तरफ़ से।

पापा: अरे मालती, अब यह सब सोचना छोडो.... अब तो उसका पति जिसमें खुश वही सही है।
मम्मी: हाँ.... पर, ऐसे भी कोई फ़ोटो खींचता है भला.... अब इस फ़ोटो को तो कोई और से ही खींचवाया होगा ना।

अगली फ़ोटो में तनु नीचे बालू पर अपने बाँहों को बगल में फ़ैलाए लेटी थी और दीपू भैया उसकी नाभी को चूम रहे थे। मम्मी से अब वहाँ रहना मुश्किल हो रहा था तो बोली, मैं चाय बनाने जा रही हूँ, अब कितना फ़ोटो बचा है? मैंने जवाब दिया - पाँच (फ़ोटो -७५) स्क्रीन पर था, दोनों अब समुद्र में घुटनों तक पानी में दिख रहे थे। मम्मी चली गयी, एक तरह से अच्छा ही हुआ क्यों कि इसके बाद के पाँचों फ़ोटो में तनु ने एक-के-बाद-एक गजब के सेक्सी पोज दिए थे। फ़ोटो-७६ में उसने अपना ब्रा उतार दिया था और अपने बाँए हाथ में अपनी ब्रा पकड कर अपबे दाँए हाथ से अपनी चुच्चियों को ढक रखा था। इस फ़ोटो में न चाहते हुए भी उसकी एक चुच्ची करीब ७०% दिख रही थी जबकि दूसरी ठीक-ठाक ही ढकी हुई थी। इसके बाद की फ़ोटो में वो टाईटैनिक पोज दे रही थी, पीछे दीपू भैया भी थे, पर सामने खड़ी तनु की दोनों गोल-गोल ठ्स्स चुच्चियाँ तेज धूप में चमक रही थी। मुझे पता था कि पापा आज पहली बार अपनी जवान बेटी की चुच्ची को ऐसे खुले में देख रहे थे। मुझे बुरा भी लग रहा था कि मैं पापा के साथ अपनी बहन को ऐसे देख रहा हूँ, पर जब पापा ही चुप थे तो मैं क्यों कुछ बोलता। फ़ोटो-७८ में तनु अपने दोनों हाथों के अँगुठे को अपने पैन्टी के दोनों तरफ़ फ़ँसा कर खडी थी कि कब इशारा हो और वो पैन्टी उतारे। मैं अब सच में घबड़ा गया, क्या तनु ऐसे ही नंगी हो कर फ़ोटो खींचवा कर भेज दी है हमसब के लिए। फ़ोटो-७९.... तनु का फ़ोटो पीछे से था, पूरी नंगी.... उसके एक हाथ में उसकी पैन्टी झुल रही थी। अब आखिरी फ़ोटो... मैं भगवान को याद करने लग गया था और यह फ़ोटो शायद सबसे आर्टिस्टिक था। दीपू भैया और तनु दोनों एक-दूसरे से चिपके हुए थे, पूरी तरह से नंगे और सामने कैमरे में देखते हुए मुस्कुरा रहे थे। उनहोंने कैमरे के लिए अपने ऊँगलियों से V का निशान बनाया हुआ था। तनु की एक चुच्ची दीपू भैया के सीने से दबी हुई दिख तो रही थी, पर न तो उसका कोई निप्पल किसी फ़ोटो में दिखा था और ना ही उसकी चूत। पापा पता नहीं क्या सोच रहे थे, पर मेरी इज्जत बच गई और पापा के सामने तनु की चूत को मुझे नहीं देखना पड़ा। मेरी छॊटी बहन सच में मस्त गुडिया बन गई थी हनीमून पर जा कर।

मैं अब समझ रहा था कि ऐसे सब के साथ विडियो देखना खतरे से खाली नहीं है, क्या पता वो क्या भेजें होंगे, तो मैं अपना कम्प्यूटर बन्द करने लगा। मम्मी भी चाय ले कर मेरे ही कमरे में आ गई।

मम्मी: बताओ तो भला, कोई ऐसी फ़ोटॊ खींचता है, तनु उसकी बीवी है और तनु भी तो.... कैसी हो गई है शादी के बाद।
पापा: अब समय बदल गया है मालती। वैसे भी कहा गया है, जैसा देश वैसा भेष.... तो वो दोनों भी तो फ़्रांस में हैं।
मम्मी: हाँ..... ठीक है, पर फ़िर भी कुछ तो लिहाज करना था ना। बताओ तो यहाँ भेज रही है यह सब। घर में दो-दो मर्द हैं, जरा
भी ख्याल नहीं आया?
मै: अब छोड़ों भी मम्मी... आप भी ना, क्या सब बात ले कर बैठ गयीं। तनु खुश है शादी के बाद.... बस इतना ही हमारे लोग के
लिए काफ़ी है।
मम्मी: हाँ, ऐसे नंगी खडी हो कर रिझाएगी तो कोई भी मर्द उसको खुश रखेगा ही, दीपू तो वैसे भी उसका पति है।
पापा: क्या बोल रही हो मालती, तुमको मैंने खुश नहीं रखा है क्या? तुम कौन सा मुझे रिझा रही होती हो?

हम बाप-बेटे उनकी इस बात पर ठहाके लगाने लग गए और मम्मी बेचारी झेंप गई।
 
मम्मी का मूड अब कुछ-कुछ सही होने लगा था और पापा उनको समझाते हुए बोले।
पापा: मालती अब इस सब बातों पर ज्यादा ध्यान मत दो भई। बेटी की शादी हो जाने के बाद बेटी को उसके दामाद के हिसाब से
रंग जाने का मौका दो। अब अगर दीपू को ऐसी ही तनु पसंद है तो हम क्यों आपत्ति होनी चाहिए। अब तो दोनों एक-दूसरे के
साथ खुश रहें, बस यही हमारी इच्छा होनी चाहिए।
मम्मी: हाँ, आप ठीक कह रहे हैं... फ़िर भी, क्या ऐसी फ़ोटो उसको इस तरह हमारे पास भेजनी चाहिए? समधी-समधिन जी के
पास भी यही सब फ़ोटो भेजा होगा उन्होंने तो, सोच कर देखो...? फ़िर उस घर में एक कुँवारी बेटी भी है, बब्ली...।
पापा: यह बात भी ठीक है.... पर छोड़ो न उस घर की बात, वहाँ क्या भेजें या ना भेजें यह सब दीपू का काम है, न कि मेरी तनु
का। बब्ली उनलोगों की जवाबदेही है, न कि हमारी।

मम्मी को बब्ली का जिक्र आने के साथ थोडा बेहतर लगा, क्योंकि तब उनको लगा कि उनका समधियाना उनसे ज्यादा पेशोपेश में पड़ा होगा, अगर वो लोग भी यही सब फ़ोटो देख रहे होंगे। हरेक को अपने दुःख कम लगने लगता है अगर सामने वाला का दुःख अपने दुःख से बड़ा दिखे। हालाँकि मुझे कोई फ़र्क नहीं पड रहा था, मुझे पता था कि तनु हो या बब्ली.... दोनों को अब ऐसी फ़ोटो से कोई खास फ़र्क नहीं पडने वाला। वो दोनों ही लड़कियाँ हम तीनों लडकों के साथ चुदाई कर चुकी हैं और वो भी बेहिचक, एक-दूसरे की उपस्थिति में। वैसे मेरे बोलने को कुछ था नहीं अपने मम्मी-पापा के बीच में, सो मैं चुपचाप चाय की चुस्की लेता रहा और सोचता रहा कि विडियो में क्या सब है। थोडी देर में चाय खत्म होने के बाद मम्मी कप वगैरह समेट यह कह कर चली गई कि अब मैं नास्ता बनाने जा रही हूँ. आप दोनों नहा-धो कर तैयार हो जाइए। उनके जाने के बाद मैंने पापा के साथ एक रिस्क लिया।

मैं: पापा... तनु जो दो विडियो भेजी है, वो भी डाऊनलोड हो गया है। देखना है क्या?
पापा: हाँ... हाँ... क्यों नहीं? अभी ही चला लो, मम्मी भी अब किचेन में ही है। कहीं कुछ ऐसा-वैसा देख लेगी अगर विडियो में तो
फ़िर से हंगामा खडा कर देगी।
मैं: अब क्या ऐसा-वैसा.... तनु समझदार है, जो भेजी होगी, देख-समझ कर भेजी होगी।

यह कहते हुए मैंने पहली क्लीप चला दी। यह क्लीप उनके बीच वाले रिसार्ट की थी। लोग घूम-टहल रहे थे, रंग-बिरंगी तितलियाँ... उससे भी ज्यादा रंग-बिरंगी बिकनी में खिलखिलाती। उनके साथी उन्हें कहीं गोद में ले कर चुम रहे थे तो कहीं उनकी मालिश कर रहे थे, कुछ अधनंगे तो कुछ पूरे नंगे। मुझे थोडा असहज लग रहा था कि मैं यह सब पापा के साथ देख रहा हूँ और पापा को भी शायद, तभी वो बोले।

पापा: वैसे अगर कहा जाए तो तनु को यह सब ऐसा नहीं भेजना चाहिए था। थोड़ा ओवर है.... नहीं?
मैं: जी पापा..... पर शायद माहौल का असर हो...
पापा: हाँ.... हो सकता है। वैसे भी जैसा देश, वैसा भेष। अब जब सब यहाँ ऐसे हीं है तो बेचारी साड़ी थोडे ना पहनेगी बीच पर।
मैं: जी पापा। वैसे तनु ने जो भी फ़ोटो भेजा है, इतना ख्याल रखा है कि उसका कोई भी प्राईवेट पार्ट किसी फ़ोटो में ना दिखा जरा
भी, वर्ना यहाँ का माहौल तो दिख ही रहा है कि कैसा है। (तब विडियो में एक जोडा की चुदाई दिखी, पर जरा सा पाँच-सात
सेकेन्ड के लिए।)
पापा: हाँ.... फ़िर भी बाकी के लिए नहीं पर, लास्ट फ़ोटो तो... यार-दोस्तों के लिए ठीक है, पर अपने माँ-बाप-भाई को भेजने
लायक नहीं था। वो थोड़ा ज्यादा ही खुला हुआ था और कुछ सोचने के लिए बाकी ही नहीं था।
मैं: अच्छा छोडिए, अब जो भेज दी... सो भेज दी। हनीमून पर गये हैं तो यही सब न करेंगे वहाँ।
पापा: बदमाश...... तनु तुम्हारी छोटी बहन है।

उन्होंने "छोटी" पर जोर देकर कहा था और मैंने भी उसी फ़्लो में कह दिया।

मैं: अगर "बडी" बहन होती तब यह सब भेजना उसका ठीक हो जाता?
 
हमदोनों एक-दूसरे को देखकर हँसने लगे और तभी वो विडियो खत्म हो गया। दूसरा विडियो के नाम में फ़िर मुझे XX जुडा हुआ दिखा और मैं जरा हिचका। पर पापा के चेहरे से लगा कि वो अब उस विडियो को भी देखना चाह रहे हैं तो मैंने भी उसको चला दिया। यह विडियो उनके होटल के कमरे का था, बिस्तर पर तनु नीचे लेटी हुई थी और दीपू भैया उसके ऊपर चढकर उसको चोद रहे थे। सोचने के लिए कुछ भी बाकी नहीं था इस विडियो में। गनीमत बस इतना ही था कि विडियों में दोनों का आधा शरीर ही दिख रहा था सर से पेट तक। दीपू भैया के धक्कों के साथ तनु भी हिल रही थी। उसका सर कभी एक तरफ़ तो कभी दूसरी तरफ़ घूम रहा था। आँख बन्द और चेहरे के भाव से साफ़ लग रहा था कि वो मस्त हो कर चुद रही है। कभी-कभी उसकी गोल नंगी चुचियाँ भी दिख जा रही थी। करीब दो मिनट का विडियो था....और साफ़ लग रहा था कि तनु खुद अपने हाथों से अपने जाँघ खोल कर चुदा रही है। उसकी आह-आह-ओह-ओह की आवाज विडियो में साफ़ सुनाई दे रही थी। हर बीतते क्षण के साथ मेरा दिमाग खराब हो रहा था कि कहीं उसकी चुद रही चूत ना दिख जाए। बेचारे पापा का होठ सुख गया था। वो बेचारे भौंचक हो कर अपनी बेटी की हनीमून पर ऐसी चुदाई देख रहे थे। हम दोनों बस चुपचाप देखते रहे और विडियो अंत हो गया और तब एक मैसेज दिखा जो तनु की तरफ़ से था।

"थैंक्यू पापा... थैंक्यू मम्मी.... मैं इनसे शादी करके बहुत खुश हूँ। अब इन्हीं के साथ मेरा परिवार होगा। आपने मेरे लिए जो सब किया उसका एक बार फ़िर से धन्यवाद.... भैया को प्यार। आपसब ने मेरे लिए बहुत अच्छा जीवनसाथी चुना है....थैंक्स अ लौट.... आपकी तनु", और यही स्क्रीन अंत में स्थिर हो गया। पापा ने थूक गटकते हुए कहा, "यह विडियो तुम हटा दो, किसी भी हाल में मालती ना देख पाए, वर्ना वो गदर मचा देगी..... तनु भी ना....क्या कहा जाए"। बेचारे अब कमरे से बाहर निकल गए और मैंने उस विडियो को अपने प्राईवेट फ़ोल्डर में मूव कर दिया।

दिन में खाकर आराम करते समय मैंने बब्लू को बता दिया कि हमें कुछ फ़ोटो और दो विडियो क्लीप तनु ने भेजी है आज। मैंने फ़िर सुबह उनको देखते हुए जो-जो हुआ सब बताया। बब्लू तब बोला।

बब्लू: लगता है जिस विडियो क्लीप में दोनों सेक्स कर रहे हैं उसी का पूरा विडियो उन्होंने मेरे इ-मेल पर भेजा है। पूरे ३४ मिनट
का विडियो है, घनघोर चुदाई वाला। लगता है दोनों ने अपने-अपने मोबाइल से दो अलग-अलग वर्जन फ़िल्माया है। वैसे बाकी
की कई फ़ोटो और विडियो उन्होंने बब्ली की इ-मेल पर भेजी है, साथ में एक नोट भी कि पहले वो देख ले और फ़िर कुछ
फ़ोटो को हटा कर मम्मी-पापा को दिखाए। बीच पर दोनों की नंगी फ़ोटो भी हैं कुछ उस सेट में, और कुछ चुम्मा-चाटी वाली,
जो हमने मम्मी-पापा को नहीं दिखाया है। वो विडियो जो मेरे पास उन्होंने भेजा है, वो इतना गर्म है कि मुझे भी हिम्मत
नहीं पडी के एकबारगी से बब्ली को दिखा दूँ। एकदम पूरा ब्लू-फ़िल्म है तुम्हारी बहन का यार.... मस्त चुदी है।

बब्लू की ऐसी बात सुनकर मेरा लंड ठनक गया। मैंने उसको बोला।

मैं: ठीक है, शाम को मिलते हैं... मैं अपने पास वाली विडियो लेता आऊँगा, न होगा तो वही बब्ली को दिखा देंगे.... उसमें उनके
पेट तक ही हिस्सा दिखा है और है भी सिर्फ़ २ मिनट के करीब।
बब्लू: आओ ना... न होगा तो फ़िर से आज उनकी सुहागरात देखेंगे साथ में।
मैं: ठीक है.... वैसे तू तो साले अब बब्ली के साथ खुब मजे कर रहा होगा।
बब्लू: कहाँ यार...? वो अभी भी मेरे से बिदकती रहती है। ऊपर-ऊपर से करवाएगी सब, पर कहती है कि इस तरह से वो अपने
भाई से खुल कर हमेशा नहीं कर पाएगी। कहती है कि मेरे साथ महिने में एक-बार ही बहुत है, और इस माहिने का मेरी कोटा
हो गया है।
मैं: ठीक है फ़िर... आता हूँ शाम को तो उसको चोद दूँगा एक बार। मेरा लंड भी किसी चूत के इंतजार में सूख गया है यार"।
 
शाम को करीब सात बजे मैं नहा-धोकर फ़्रेश होकर बब्लू के घर चल पड़ा। मैंने घर पर बता दिया था कि बब्लू के घर जा रहा हूँ। आधे घंटे बाद घुमते-घामते जब मैं उसके घर पहुँचा तब पता चला कि अंकल-आँटी अपने एक दोस्त के घर गये हैं और करीब नौ बजे तक बाहर से ही खाना पैक करवा कर लेकर आएँगे। घर पर मेरा स्वागत बब्लू और बब्ली ने किया। बब्लू ने मेरे से गला मिला तो बब्ली भी मेरे से गले मिली पर जरा आगे जाते हुए मेरे होठ पर चुम्मा भी लिया। उसको ऐसे अपने बडे भाई के सामने मुझे चुमते जरा भी हिचक नहीं हुआ था। वैसे भी हमसब एक-दूसरे के सामने आपसे में चुदाई कर ही चुके थे। मैंने बब्ली को सीधे प्रस्ताव दे दिया।

मैं: बब्ली....आज चुदाओगी मुझसे। कई दिन हो गया, किसी को चोदे हुए।
बब्ली: पक्का... अभी तो मम्मी-पापा को कम-से-कम एक घन्टा और लगेगा, और तब तक तो हम दो राऊँन्ड कर लेंगे।
बब्लू; और, मैं यहाँ अपना लन्ड हिलाऊँगा क्या? मुझे तो चोदने नहीं दे रही हो दो दिन से कह रहा हूँ तो।
मैं: अओह.... और मुझे लग रहा था कि तुम बब्ली को अकेले खुऊब दबोच कर पेल रहे होगे यहाँ।
बब्लू: कहाँ यार.... यह साली अब मुझमें अपना भाई देखने लगी है, जब मुझे बहनचोद बना दी उसके बाद।
बब्ली: ही ही ही भैया, आ जाओ आप भी} आप दोनों की गर्मी शान्त कर देती हूँ आज। पर इसके बाद महिने में एक बार ही
आपके साथ करूँगी, भाभी आ ही जाएँगी तब तक, तो उनको जितना मन चोदते रहिएगा।

इसके बाद तनु और उसके विडियो की बात हम भूल-भाल कर अपनी मस्ती का सोचते हुए कमरे में जाने के लिए उठ खड़े हुए, और कमीनी बब्ली ने तब अपने मम्मी-पापा के बेडरूं की तरफ़ अपने कदम बढ़ा दिये। साली आज अपने मम्मी के बेड पर चुदने का मन बना ली थी शायद। बब्लू बोला भी, "ऊपर चलो ना, उधर किधर जा रही हो?" तब वो बोली थी, "आज भैया इसी बेडरूम में सेक्स करने का मन है, इसी बिस्तर पर तो मैं मम्मी के पेट में आई होऊँगी न आज से करीब सोलह साल पहले"। हम अबतक अंकल-आंटी के कमरे में पहुँच गये थे और बब्ली तो अपना कपडा भी उतारने लगी थी। वो आराम से पहले अपनी कुर्ती उतारी और फ़िर लेगिंग्स। इसके बाद अपना काला समीज उतार दी। फ़िर अपने सफ़ेद ब्रा को अपना हाथ पीछे ले जाकर खोलते हुए बोली, "आपलोग भी कपडा उतारिए न, बेकार समय मत बर्बाद कीजिए, साढे आठ तक हमें अपना सब खत्म भी करना है।" उसकी बात से हमें भी होश आ गया। मैं ज्यादा फ़ुर्ती में आ गया और बब्लू तो सिर्फ़ बरमुडा और टी-शर्ट में था तो हम दोनों भी एक साथ हीं नंगा हुआ और तब तक बब्ली पूरा नंगा हो कर बिस्तर पर पसर कर लेटकर अपने चूत को ऊँगली से सहलाना शुरु कर दी थी। हमदोनों दोस्त अब उसके अगल-बगल बिस्तर पर बैठ गये और हमारे हाथ अब उसके नंगे जिस्म पर इधर-ऊधर घुमने लगे थे और वो भी मेरे लंड को अपने हाथ से सहलाते हुए अपने भाई के लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी। दो मिनट भी नहीं लगा और हमदोनों के लंड को चो सहला और चूस कर खडा कर दी पूरी तरह से किसी भी लडकी की चूत को फ़ाडने लायक। बब्ली अब बोली, "मेरा बूर भी चाटिए न एक बार ठीक से"।
 
मैं उठा और उसके टाँग खोलकर उसके जाँघ के बीच में अपना सर घुसा दिया। बब्ली की चूत का वो इलाका अभी पसीने और नमी के कारण गजब का गंध दे रहा था। ऐसे तो उसको कोई भी दुर्गंध ही कहेगा पर जब लड़की चोदनी हो तो उस लडकी की चूत से ज्यादा स्वादिष्ट और खूश्बूदार कस्तुरी भी नहीं होता। मैं उसकी बूर को अपना जीभ पूरा फ़ैला कर जोर-जोर से चाटने लगा था, नीचे से ऊपर उसकी झाँट के गुच्छे तक। मैं उसकी बूर पर ढेर सारा थूक निकाल दिया और फ़िर खुब चुभला-चुभला कर उसकी बूर को चूसने-चाटने लगा। बब्ली अब कराहने लगी थी और कभी अपनी कमर, कभी टाँग तो कभी अपनी सर इधर-ऊधर घुमा रही थी। बब्लू उस समय अपनी बहन की चूचियों से खेल रहा था, कभी मसलता, कभी दबाता, कभी चूसता तो कभी चुभलाता। हम दोनों दोस्त मिलकर उसके पोर-पोर को चूम और चाट कर करीब दस मिनट में ही पूरा गर्मा दिये थे। वो अब बेदम हो गई थी और जोर-जोर से गाली देते हुए हमें चोदने के लिए आमंत्रित करने लगी थी।

बब्ली: आह्ह्ह्ह्ह्ह मादरचोद,,, साले, चोद अब मेरी बूर.... आह। साले ठरकी.... अब ज्यादा मत तड़पा रे कुतवा सब। चोद साले
मेरी बूर। फ़ाड दो मेरी बूर..... ओह मेरे राजा....आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह अब आ जओ ऊपर.... ऊऊऊओम्म्म्म्म्म्म्म

उसके मुँह से जो आवाज निकल रही थी, लग रहा था कि वो अब रो देगी। काम-वासना उसपर आज सब्से ज्यादा चढ़ी हुई दिख रही थी, और तब मैंने बब्लू को इशारा किया तो उसने मुझे पहले चोदने के लिए इशारा कर दिया। मैं अब उठा और उसके घुटनों को पकड कर दोनों तरफ़ फ़ैलाते हुए उसकी कसी बूर की फ़ाँक को खोल दिया पूरी तरह। बब्लू अब उसके एक तरफ़ बैठ कर उसकी चूचियों को सहलाते हुए अपने दूसरे हाथ से अपनी बहन का चूत खोलते हुए बोला।

बब्लू: आ जा मेरे यार, चोद दो मेरी प्यारी बहना को। बेचारी बहुत मचल रही है।
बब्ली: आह.... बहुत अच्छा भैया, ऐसे ही अपनी बहन को रोज चुदवाया कीजिए। आप दुनिया के सबसे अच्छे भैया है।
मै: थैंक्स दोस्त.... ऐसे ही बब्ली की बूर के होठ खोले रखो, अभी तुम्हारी बहन की बूर में अपना लन्ड पेलता हूँ।

अपने हाथ से अपने लन्ड को पकड़ कर बब्ली की खुली हुई बूर के मुहाने पर उसको भिरा कर मैंने धीरे-धीरे अपना लन्ड उसकी बूर में जड तक पेल दिया और कहा।
 
मैं: देख लो दोस्त... तुम्हारी बहन की बूर में मेरा पूरा लन्ड घुस गया है, अब हटो एक तरफ़, अब तुम्हारी बहन को चोद देता हूँ।
बब्लू: हाँ यार.... चोदो मेरी बहना को, हुमच-हुमच कर चोदना.... कोई कसर ना रहे। बेचारी बहुत तडप रही है।
मैं: अभी इसको मैं रंडी बना दूँगा दोस्त, तुम पाँच मिनट दो मुझे।

और मैंने बब्ली को अपनी बाँहों में भर कर उस पर झुकते हुए जोर-जोर शौट लगाने शुरु कर दिये और वो भी आह-आह कहते हुए अपना गाँड उछाल-उछाल कर मेरे धक्के के साथ तल मिला कर चुदने लगी थी। करीब चालिस जोर के धक्के के बाद मैं उसको दबोच कर जोर-जोर से और खुब तेजी से धक्के लगाने लगा और करीब २-३ मिनट की तेज चुदाई के बाद हांफ़ते हुए कहा।

मैं: अब मैं खलास होने वाला हूँ बब्ली, बूर में निकाल दूँ।
बब्ली: नहीं भैया, आप मेरे मुँह में गिराइए। अभी बब्लू भैया भी तो मेरी बूर चोदेंगे न। बेकार में बूर को साफ़ करना पड़ेगा।

मैंने भी बात को समझते हुए अपना लन्ड उसके चूत से बाहर खींच कर उसके मुँह में घुसा दिया और फ़िर कुछ धक्के के बाद हीं उसके मँह में झड़ गया। बब्ली भी एक रंडी की तरह मेरा पानी आराम से निगल गयी और फ़िर अपने भाई को बोली।

बब्ली: आइए भैया, अब आप भी चोद लीजिए.... वैसे भी अब समय ८ से ऊपर हो गया है।

बब्लू भी अब बिना देर किये, बब्ली को पलट दिया और फ़िर जब वो चौपाया बनी बिस्तर पर तब उसकी बूर में पीछे से अपना लन्ड पेल कर उसको मन से चोदने लगा और बब्ली भी अपने भाई के लन्ड से चुदते हुए तृप्त दिखने लगी। पाँच मिनट बाद बब्लू ने उसको फ़िर से सीधा लिटा दिया और उसके ऊपर आ कर सीधे-सीधे उसको चोदने लगा। कमरे में गप-गप थप-थप की आजान हो रही थी और मैं उन दोनों की चुदाई देखते हुए अपने कपड़े पहन रहा था। करीब पाँच मिनट और बीते कि बब्लू भी अपना लन्ड अपनी बहन की चूत से बाहर निकाल कर उसके मुँह से लगा दिया। बब्ली अब उसके लन्ड को प्यार से चूसते हुए उसको झड़ने में मदद की और फ़िर अपने भैया का भी सब माल खा गयी। वो दोनों भी अब बिस्तर से उठे और अपने कपड़े पहनने लगे थे। बिस्तर पर जहाँ बब्ली की कमर और गाँड थी, वहाँ पर गहरी सलवटें पड़ गई थी, साफ़ लग रहा था कि उस जगह किसी की खुब रगड़ कर चुदाई हुई है। बब्ली अब जल्दी-जल्दी बिस्तर को खींच-खींच कर सीधा करने की कोशिश की, पर फ़िर भी अनुभवी आँख देख ही सकती थी, पर हम अब जल्दी से बाहर आ गये और अपनी साँसों और चेहरे को ठीक करने की जुगत में लग गए। ८: ५५ हो गया था और अंकल-आंटी अब किसी भी समय आ सकते थे। मैं खुशी-खुशी अब अपने घर की तरफ़ चल दिया, मेरे पौकेट में एक पेन-ड्राईव था जिसमें मेरी बहन तनु की चुदाई का विडियो था और वो भी उसके हनीमून पर शूट किया हुआ।
 
सुबह को करीब पाँच बजे तनु का फ़ोन आया, वो भी मेरे पास। हैलो-हाय के बाद वो पूछी।

तनु: कैसा लगा भैया फ़ोटो सब? मम्मी-पापा कैसे रिएक्ट किये थे। कुछ फ़ोटो भेजने के बाद मुझे भी लगा कि शायद वो नहीं
भेजना चाहिए था। माँ तो बहुत गुस्सा होगी ना?
मैं: अरे ऐसा कुछ नहीं है। हाँ मम्मी को कुछ फ़ोटो शायद बुरी लगी, पर पापा ने सब संभाल लिया कि अब शादी के बाद दामाद
की मर्जी चलती है तो बेटी की फ़िक्र अब छोड दो।
पर तनु.... वो जो विडियो तुम भेजी थी ना, वो जरा मुझे भी ऊटपटांग लगा। अच्छा हुआ तब मम्मी कमरे में नहीं थी, वर्ना
वो तो उसी समय तुम्हारी खबर लेती।
तनु: हाँ वही तो.... पर इनको ना अब इसी सब का बुखार चढ गया हुआ है। वहाँ भी देखे ही थे इनका हाल भैया आप, यहाँ आ
कर तो जैसे पगला हीं गए हैं। वो तो मेरी जिद पर असल वीडियो में से उतना ही भेजे, वर्ना यह तो पूरा ही फ़िल्म बनाए हैं
करीब चालिस मिनट का। मुझे अब खुद देख कर शर्म आती है।
सौरी भैया......
मैं: अरे कोई बात नहीं तनु..... तुम अपने पति के साथ ही तो थी न, कोई ऐसी लाज की बात नहीं है... मेरे से तो पक्का हीं।
तनु: हाँ भैया.... अब आपसे कैसा शर्माना, ऐसा क्या है मेरा जो आपकी नजर से बचा हुआ है अब...।
मैं: हाँ तनु.... मुझे तो तुम्हारा स्वाद भी नहीं भुलेगा जीवन भर। बड़ी नमकीन हो तुम ;-)
तनु: छी... भैया, आप भी न..... मुझे आपसे बात नहीं करनी अब.... गंदे कहीं के।
मैं: अरे मेरी गुड़िया..... नाराज मत हो मेरी बहना... अच्छा बताओ, अब आज क्या सब प्रोग्राम है?
तनु: उसी के लिए तो फ़ोन की हूँ आपको। असल में अभी दो घन्टे में हमलोग एक न्यूडिस्ट कैंप में जाएँगे और वहाँ पर फ़ोन-
कैमरा सब जमा हो जाएगा अगले तीन दिन के लिए तो आपसब से बात नहीं हो पाएगी। मम्मी को बता दीजिएगा यह सब
अपनी तरह से, वो तो शौक्ड हो जाएँगी, जब वो सुनेंगी कि मैं ऐसी जगह जा रही हूँ।
 
मेरा लन्ड उसकी यह बात सुनकर एक झटका खा गया। मेरी बहन उस अनजान देश में कई लोगों के साथ अगले तीन दिन लगातार पूरी नंगी ही रहने वाली थी। मैं यही सोचते हुए बोला।

मैं: ठीक है तनु, बता दूँगा माँ को कि तुमलोग एक गाँव टाइप जगह में जा रहे हो दो-तीन दिन के लिए और वहाँ नेटवर्क का
प्रौब्लेम रहेगा तो तुम ही जब मौका मिलेगा फ़ोन कर लोगी।
वैसे तनु.... वो न्युडिस्ट कैंप को हमलोग कैसे देखेंगे भई?
तनु: अरे भैया, वो कल शाम बात हुई थी न उस रीसौर्ट से। वो बता रहे थे कि वहाँ हम अलग-अलग गतिविधियों की विडियो करवा
सकते है उनके फ़ोटोग्राफर से। फ़िर वो सब की एक क्लीप हमें दे देंगे, पर कुछ चार्ज लगेगा। देखते हैं क्या खर्च आता है, तो
कुछ तो आपसब के लिए लाऊँगी ही पक्का।
और हाँ, अंतिम पार्टी का तीन घन्टे का विडियो, वो लोग सब को देते हैं। दो कौपी हमदोनों को भी मिलेगा। उसमें पूरी रात
पार्टी चलेगी और सब लोग उसमें शामिल रहेंगे। वो तो आपको पक्का मिलेगा ही पूरा तीन घन्टे में सबकुछ।
मैं: वाह.... बताना, क्या सब हुआ वहाँ।
तनु: श्योर भैया...... और हाँ, कुछ और फ़ोटो और विडियो बब्लू भैया के पास भी ये भेजें हैं, देख लीजिएगा। वो हमदोनों का पूरा
विडियो है, पेरिस में हमारे पहले सेक्स का।
मैं: हाँ, कल गया था उसके घर ले आया हूँ, अभी देखा नहीं है। आज दोपहर में देखुँगा। बब्लू बता रहा था कि मस्त है, एकदम से
ब्लू-फ़िल्म टाइप।
तनु: थैंक्यू भैया.... और बब्ली कैसी है?
मैं: मस्त.... कल रगड़ कर चोदा उसको, उसकी मम्मी के बिस्तर पर। घर पर बब्लू और वो ही थी, तो मौका मिल गया।
तनु: बहुत मजे कर रहे हैं आजकल आप भैया..... अच्छा बाय, अब तीन दिन बाद ही बात होगी।
मैं: औल द बेस्ट मेरी गुड़िया.... मजे करो तुम भी।
मेरी नींद अब उचट गई थी तो मैं बिस्तर से निकल गया और वाशरूम में चला गया। थोडी देर में मम्मी की आवाज आई, "राज.... नीचे आओ बेटा, चाय तैयार है" और मैं नीचे चल पडा। चाय पीते हुए मैंने बता दिया कि अब तनु शायद अगले दो-तीन दिन फ़ोन नहीं करेगी। वो लोग एक दूर के गाँव में घूमने जा रहे हैं। मम्मी यह सुनकर भुनभुनाई।


मम्मी: पता नहीं इस लड़की तो क्या पाठ पढ़ा दिया है यह दीपू, कहाँ-कहाँ, कैसे-कैसे जगह पर ले जा रहा है मेरी बेटी को और
मेरी गाय सी बेटी उसके पीछे-पीछे चल दे रही है। पहले पता रहता तो मैं किसी और लडके से उसकी शादी तय करती।

पापा अब फ़िर उनको समझाते हुए बोले।

पापा: अरे मालती, वो बेचारा अगर तुम्हारी बेटी को इतने प्यार से सब जगह घुमाने ले जा रहा है तो तुम्हें क्या आपत्ति है भई?
घूमने दो, दो-चार दिन में लौट आएँगे तुम्हारे ही पास। फ़िर बाँध कर रख लेना अपनी बेटी को, मैं भी देख लूँगा।
मम्मी: अब क्या बाधुँगी, तनु तो अब पूरा हाथ से निकल गयी है बेशर्म कहीं की।
पापा: हा हा हा.... बेशर्म..... साल भर में बेटी की गोद न हरी हो तो तुम औरतें ही आसमान सर पर उठा लोगी। अब भला बच्चा
उसके गोद में आसमान से टपकेगा।

उनके चेहरे की चमक बता रही थी कि उनके दिमाग में वो दो मिनट वाला क्लीप चल रहा है, जिसमें तनु की चुदाई हो रही थी। मैं भी अब सोच रहा था कि पूरी चुदाई वाला विडियो अब पहले देख हीं लूँ फ़िर पापा को हल्का हिंट करके चेक करूँगा कि उनको दिखाया जाए कि नहीं। चाय के बाद पापा औफ़िस के लिए तैयार होने लग गये और मैं बाजार निकल गया कुछ घर का सामान लाने, मम्मी ने कल रात को ही लिस्ट दे दिया था।
 
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उसने अब मुझे उकसाया, "अच्छा यार, तेरे लिए यह मुश्किल है पर मेरे लिए तो नहीं.... अब मैं तो तनु के लिए ही आज मूठ निकालूँगा, तुझे अगर पिटना है तो पीट ले पर मैं तो यार तुमसे यह कह भी रहा हूँ, देख अगर यही मैं अगर बिना तुम्हें बताए निकाल दूँ तब? तुझे पता भी है कि कब-कौन-कहाँ तेरी बहन को याद करके मूठ मार रहा है? सोच कर देख यार, हम अबतक जिन लडकियों के लिए मूठ मारते रहे हैं, क्या उन सब के भाई को पता भी है यह बात?" बब्लू बात तो सही कह रहा था, हमदोनों ने साथ मिलकर न जाने कितनी लड़कियों के बारे में गन्दा बोलते हुए साथ में मूठ मारी थी, सो मैं अब बब्लू की बात सुनकर चुप रह गया और तब बब्लू फ़िर बोला, "अच्छा यार.... अब बस प्लीज गुस्सा छोड़ और बस इतना बता दे कि तनु की काँख में बाल है या वो साफ़ करके रखती है अपने काँख। बस इसी से थोड़ा अंदाजा लगा कर अपने दिमाग में उसकी बूर के बारे में सोचते हुए मूठ मार कर अपनी गर्मी शान्त कर लूँगा दोस्त"। असल में हमदोनों को लड़की की झाँट का जबर्दस्त पैशन था।

ब्लू-फ़िल्मों में हमने जिस भी लड़की को देखा, सब की झाँट साफ़ ही थी। एक बार बड़ा हिम्मत जुटा कर एक कोठे पर भी हम हो आए थे, पर वहाँ साली रंडी जो मिली उसकी भी झाँट सफ़ाचट थी। हम अक्सर बात करते थे कि झाँटों भरी बूर कैसी दिखेगी असल में। मैं बब्लू की बात सुन कर धीमे से कहा, "बाल है उसके काँख में तीन दिन पहले ही देखा था जब वो छोटे बाँह का कुर्ता पहनी थी"। बब्लू की आँख चमक उठी, "अच्छा... क्या वो बाल छोटे-छोटे थे, जैसे दाढ़ी बनाने के बाद उग जाते हैं या पूरा ही थे?" मैं भी अब थोड़ा खुलते हुए कहा, "नहीं-नहीं, बडे थे... एक इंच से ज्यादा ही थे, काले-गुच्छे में।" बब्लू अब चहका, "वाह.... मतलब कि तनु अपना बाल छिलती नहीं है। मतलब उसके बूर पर भी झाँट होगा एक-एक इंच का.... काला-काला और घुँघराला भी। वाह दोस्त.... जबरद्स्त बहिन है तुम्हारी तो", कहते हुए उसने अपना जींस का बटन खोलकर लंड बाहर निकाला और मैं चट से दौड़ कर कमरे का दरवाजा बन्द कर दिया।

लौट कर देखा कि बब्लू का लंड आधा ठनक गया है और उसका सुपाडा अब अपने खोल से बाहर निकल कर चमकने लगा है। वो अब अपनी ऊँगली से थूक निकाल कर अपने सुपाड़े पर चुपड़ रहा था। मुझे लौटता देख बोला, "आजा यार तू भी, दोनों साथ में तनु के बारे में बात करते हुए मूठ मारते हैं। तू साथ में तनु के बारे में बताना, बदलें में मैं कल अकेले तेरा पेमेंट करके तुझे कोठे पर एक घन्टे के लिए भेज दूँगा जिसके साथ भी तू जाना चाहे"। यह एक बडा औफ़र था मेरे लिए, इसके पहले दो बार हम दोनों ने एक साथ रंडी बूक की थी एक घन्टे के लिए और मैं हमेशा ही उसकी छाया में ही रह गया था, वो साला ज्यादा खुल कर मजे लेता था। मैंने भी अपना पैन्ट उतारते हुए कहा, "ठीक है साले, पर कल मुकर मत जाना मादरचोद"। वो मुस्कुराया और हम दोनों ने अपने हथेलियों से हाई-फ़ाईव किया। उस दिन पहली बार मेरी बहन तनु के बारे में गन्दी-गन्दी बाते करते हुए हम दोनों ने मूठ मारी। इसके बाद तो जब हम खुले तो फ़िर अक्सर ही हम तनु के बारे में बातें करते हुए अपना लंड झाडने लगे। मेरी तनु धीरे-धीरे पूरी तरह से जवान हो गयी और मेरी कमीनापंती भी बढती गयी। मैंने तनु की नंगी तस्वीरें भी खींची जब वो बाथरूम में नहा रही थी, हालाँकि बारहवीं के बाद मैं और बब्लू बाहर चले गये ग्रैजुएशन के लिए और धीरे-धीरे तनु के बदन की याद भी हमारे दिमाग से निकल गयी और हम अब बड़े शहर की नयी-नयी छोरियों के चक्कर में पड़ गये। हम अब कौलेज में नयी आजादी के साथ नयी लडकियों को चोदने लगे थे और तनु हमारे दिमाग से अब गायब हो चली थी।
मसंत कहानी है सही मजा इसी सब मे है दीदी को नंगा दोस्तो के साथ देखो। उसके साथ चुदाई के लिये बाहर से दोस्त लाओ। मजा तब है जब बहन के गांर मे अपना लंड और दोस्त उसी समय बूर में लंड डाले।बहन को सैंडविच बना के पेलो।
 
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