Intimate Partners अंतरंग हमसफ़र - Page 3 - SexBaba
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Intimate Partners अंतरंग हमसफ़र

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][size=x-large][font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अंतरंग हमसफ़र भाग 20[/font][/font][/size]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे अंतरंग हमसफ़र

द्वितीय अध्याय

परिवार से मेलजोल

भाग -12

कुंवारी फूफेरी बहन की धुआंधार चुदाई
[/font]


[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर मैं आगे कहानी सुनाते हुए बोला प्रीती, मैं बस अलका के कौमार्य को भंग करने ही वाला थाl

अलका ने अपनी आँखें बंद कर लीं क्योंकि मेरी उंगली उसकी पवित्रता में घुस गई थी। उसने दर्द से मिला जुला आनंद अनुभव किया जिससे वह अभी तक परिचित नहीं थी। उसने मुझे और जोश में चूमा अब मेरी ऊँगली धीरे-धीरे उसकी योनि में आगे पीछे होने लगी और हरेक बार पहले से अधिक गहरी जा रही थी। अलका ने मेरे होठों को चूसते हुए मेरा सिर अपने हाथों से पकड़ लिया। उसका शरीर फिर से वासना और उत्तेजना से तपने लगा।

मेरा लंड भी खड़ा हो कर मेरे हाथ के पीछे तब टकराया जब मेरी उंगलिया उसकी योनि की मालिश कर रही थी और फिर लंड महाराज ने आगे बढ़कर अपनी प्रेमिका अलका की चूत को रगड़ दिया। इस दोतरफा ऊँगली और लंड के एकसाथ हुए हमले से अलका एकदम उचक गयीl

मैं धीरे से अलका को पलट कर उसकी पीठ पर लिटा दिया और उसे अधिक आक्रामक तरीके से चूमा। इससे अलका के मम्मे मुझे और भी साफ साफ दिख रहे थेl. मेरे लंड का बुरा हाल थाl मैं धीरे धीरे उनके मम्मों के ऊपर हाथ घुमाने लगा।

फिर मैं उसके निप्पल मसलने लगा और मैं कभी इस तरफ की चूची को दबाता, कभी उस तरफ की चूची को मींजताl मैं उसकी घुंडियों को काफी देर तक मसलता रहाl

थोड़ी देर बाद चाची के मुँह से सिसकारियां निकलने लगींl अब मैं समझ गया कि चाची भी कामवासना से गरम हो चुकी हैं और मैंने मौका ना गँवाते हुए उसके होंठों को चूम लिया और फिर ऊपर वाले लिप को अपने होंठों में लेकर चूसने लगा l

फिर मैंने मम्मों को छोड़कर उसको अपनी बांहों में जकड़ लिया और उसको लगातार पागलों की तरह किस करने लगाl वो भी कामुक सिसकियाँ लेते हुए आहें भरने लगींl

वो मेरे बालों पर अपने हाथ फेर रही थींl मैं धीरे धीरे नीचे आकर उसके पेट को चूमने लगाl फिर मैं उसकी नाभि पर आयाl अब मैंने उसका एक हाथ अपने लंड पर रख दिया, जिसे वो सहलाने लगींl

मैंने अपने हाथों पर अपने वज़न का संभाला तो अलका की चूत पर मेरा कठोर लंड महसूस किया।

हमने एक-दूसरे को देखा, दोनों एक ही बात सोच रहे थे, दोनों की समान इच्छाएँ थीं और दोनों एक साथ एक ही लक्ष की तरफ़ बढ़ रहे थे।

ऐसा करने से मेरा लंड उत्तेजना की ताज़ा स्थिति के रूप में उठा और उसकी योनि का दरवाज़ा खटखटाने लगा। मेरी उंगलियों ने उसकी योनि की दरार को महसूस किया फिर धीरे से एक फिर दूसरी अंदर सरका दी फिर मैंने उंगलिया ऊपर नीचे की और उंगलियों की मदद से दरार की थोड़ा फैलाया l

अब वह सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वह अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी। अब उसके ऐसा करने से मेरे लंड में भी सनसनी होने लगी थी।

मैं उसके माथे फिर से चूमा, एक हाथ नीचे ले लिया और धीरे-धीरे उसकी योनि पर अपने लंड को मला, ऊपर और उसके भगनासा के नीचे। उस पर उसका रस मला और अपने लंड को अच्छी तरह से चिकना कर दिया। तत्पश्चात लंऔर लंड मुंड का अग्रभाग दुसरे हाथ से लंड की पकड़ कर दरार पर रगड़ कर अलका की चूत की छेद की द्वार पर लगा दिया l

मैंने पुछा तुम तैयार हो, मेरी प्यारी अलका?

अलका ने मुझे देखा और सिर हिलाया। वह मुझसे प्यार करती थी, उसने मुझ पर भरोसा किया और अब वह मेरी थी। उसने पहले ही मुझे अपना दिल, अपना दिमाग, अपनी आत्मा दे दी थी और अब वह अपने शरीर को मुझे सौंपने के अंतिम कगार पर थी और उसने मुझे चूम कर पूर्ण समर्पण का इशारा कर दिया l

मैंने धीरे से अपने कूल्हों को आगे बढ़ाया और लंड का सर के अंदर घुस गया। अलका ने अपनी आँखें बंद कर लीं सुख और दर्द में मिलेजुले एहसास उसके होश उड़ गए। आह! ओह!

लेकिन चूत बहुत टाइट थी और आराम से अंदर जा नहीं रहा था, मेरे लिए भी रुकना मुश्किल हो रहा था। फिर मैंने एक कस कर ज़ोर लगाया और लैंड दो इंच अंदर चला गया। अलका चीखने चिलाने लगी । हाअ, दीदीपककक्क! आईसीईई, आआआआ और ज़ोर से, उउउईईईई माँ, आहहहाँ!

आआहहl l उह्ह्ह ह्ह हाँl आईईईl प्लीज आहl l मैं बस तुम्हारी हूँl l हाँ और उह्ह्ह्ह l उह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हl

वो अपने अन्दर उस गहरायी में हो रहे उस अनुभव को लेकर बहुत आश्चर्यकित थीl

यहाँ तक की वोह मेरे लिंग को अपनी योनी के दीवारों पर महसूस कर रही थी। एक बार फिर मैं पीछे हटा और फिर अन्दर की ओर दवाब दिया। मैंने थोड़ा-सा लंड पीछे किया उठा और फिरसे धक्का दिया, लंड लगभग आधा अंदर चला गया था । मेरे लंड को अलका के योनी रस ने भिगो दिया था, जिससे वह चिकना हो गया था और आसानी से अन्दर और बाहर हो पा रहा था और अगली बार के धक्के में मैंने थोडा दवाब बड़ा दिया। अलका ने अपनी बाहें मेरे कंधे पर लपेट दी थीं और अपने नितम्बो को ऊपर कि ओर उठा दिया। अन्दर अवरोध महसूस होने लगा था। लंड झिल्ली तक पहुँच अलका की हायमन से टकरा रहा था और जब उसने उसे भेदकर आगे बढ़ना चाहा तो अलका ज़ोर से चिलाने लगी कि आह! बहुत दर्द हो रहा है मैं मर जाउंगीl

मैंने पूरी ताकत के एक धका लगा दिया "ओह माँ" अलका के मुह से निकला। उसके स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर एंठन में आ गया जैसे ही मेरा गर्म, आकार में बड़ा लिंग पूरी तरह से गीली हो चुकी कुंवारेपन की झिल्ली चीरता योनी को भेद कर अंदर घुस गया l लिंग अन्दर और अन्दर चला गया था। अलका भी योनी के अंदर मेरे लिंग के सम्पूर्ण स्पर्श को पाकर व्याकुलता से पगला गयी थीl उधर मेरे हिप्स भी कड़े होकर दवाब दे रहे थे और लिंग अन्दर जा चूका था l

वो दर्द के मारे चिलाने लगी आहहहहह! दीपक उउउउउइइइइइइ! ओह्ह्ह्हह! बहुत दर्द हो रहा है प्लीज बहुत दर्द हो रहा है मैं दर्द से मर जाऊँगी l अलका की चूत बहुत टाइट थी मैंने उसकी चूत की तीव्र गर्मी महसूस की जिसने मेरे लंड की जकड़ लिया था। मैंने अलका को इस आक्रमण के बाद में समायोजित होने के लिए समय दिया और उसकी श्वास के सामान्य होने तक उसे आराम दिया। कुछ देर बाद उसने अपने कूल्हों को ऊपर की और उठा दिया तो मैंने धीरे-धीरे अपना पूरा 8 इंच अन्दर तक उसमें सरका दीया। उसकी चूत बहुत कसी हुई थी और उसने लंड की जकड़ लिया था और जब भी मैं लंड की आगे को धक्का लगाता था तो उसकी कराहने की आवाज़ मेरे कानो से टकरा रही थीl

आआहहl l उह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हl

अलका ने मुझे अपनी बाहों में मजबूती से पकड़ लिया और मुझ में से ऐसे लिपट गयी जैसे मुझ में समा जाना चाहती हो। उसने ख़ुद को मुझे दे दिया था। उसका शरीर अब मेरा था और जैसे ही मैंने अपने शरीर को उसके ऊपर रखा, भावनाओं का एक प्रवाह ने अलका बह गयी। उस पल की तीव्रता ने उसे अभिभूत कर दिया था और उसके आँसू उसके गालो पर बहने लगे। मैंने अपना वज़न उसके ऊपर से उठाया। उसने अपनी आंसुओं से भीगी हुई आँखों को खोल कर मुझे देखा। मैंने उसके सिर को चूमा और फिर उसकी आँखों को चूमा, उसके आंसू को अपने ओंठो से पि गया।

उस पल में, अलका की सभी चिंताओं, डर और दर्द को गायब हो गए और उसे अपने जीवन की सार्वभौमिक सच्चाई का एहसास हुआ। मैंने सही मायने में उसे पूरा कर दिया था।

उसने मेरे चेहरे को पकड़ा और मेरे होठों को नम्रता से चूमा और मैंने धीरे-धीरे अपने कूल्हों को आगे और पीछे ले जाना शुरू कर दिया। मैंने धीरे से लंड वापस खींचा और अपना लंड फिर से अंदर सरका दिया। अलका साँसे धीरे-धीरे निगलने लगी क्योंकि मेरे लंड के सुख ने उसके होश उड़ा दिए थे। उसकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी और जैसे ही मैंने पंप करना शुरू किया, मैंने देखा मेरे लंड चारों तरफ़ से उसके मिश्रित लाल तरल पदार्थों में भीगा हुआ था।

मैंने देखा और महसूस किया कि मेरा लंड अब पहले से आसानी से अलका की चूत में घुस रहा था। पर उसकी चुत बहुत टाइट थी। । जैसे-जैसे मैंने अपनी गति बढ़ायी, अलका को ख़ुशी उसके मुख से निकलने वाली आनंद भरी आवाजों से साफ़ पता लग रही थी। मैंने चूचियों को चूसा और चूसा और मैं देख सकता था कि वह मूड में है। वह अपनी चूत को ऊपर की तरफ़ उठा रही थी।

मुझे लग रहा था उसकी चुत संकुचन कर रही थी और मेरे हर धक्के के साथ महसूस कर रहा था की जैसे उसकी चुत मेरे लंड को चूस रही हो। उन्होंने ख़ुद को अपने हाथ से आगे बढ़ाया और अपनी लय जारी रखी। अलका ने समर्थन के लिए मेरी बाहों को पकड़ रखा था और मेरे हर धक्के का साथ उसने अपने कूल्हों को ऊपर उठा कर दिया। जिससे हमारे जिस्मो के निचले हिस्से का मिलन हवा में होता था। मैंने उसके स्तन की मालिश करने के लिए एक हाथ का उपयोग किया और उसके निप्पल को चुटकी में लिया और महसूस किया कि उसकी चूत मेरे लंड को ज़ोर से चूसने लगती। मैंने अपने सिर को नीचे किया और उसकी गर्दन को चूम लिया।

अब अलका कामुक उन्माद में थी। उसके हाथ मेरे नितम्बो पर चले गए और उसने अपने नितम्ब नीचे दबा दिए। साथ-साथ उसने अपने पैरों को यथासंभव फैला दिया और अपने नितंबों को पूरा ऊपर उठा कर मेरे धक्के की ले में मिला दिए। हर बार जब हमारी पैल्विक हड्डियाँ टकराती थीं तो उसने महसूस किया कि उनके संभोग की कठिन और तेज लहर आने वाली थी।

"ओह, मत रोको, मुझे कुछ हो रहा है।" वह हांफने लगी

मैंने अपनी लय और गति को जारी रखा अलका ख़ुशी से चीख पड़ी और अपने पैरों को मेरे चारों ओर लपेटकर मुझे अपनी और खींच लिया। उसने अपनी चूत को मेरे लंड पर धकेल दिया और अपने कामोन्माद की लहर में अपनी चूत को मेरे लंड के चारो और घुमाया और अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँच गयी। मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, उसका जिस्म एक बार फिर काम्पा, कुछ देर के बाद वह पहले से बहुत अधिक तीव्रता से झड़ गई। ।

"हे भगवान!" कहते हुए उसके पेअर पहले अकड़े फिर ढीले पड़ गए और उसने मुझे उसके ऊपर खींच मुझ से कस कर लिपट गयी और मेरे कान में फुसफुसायी "आई लव यू"।

उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव देख कर मैं अब दुनिया के शीर्ष पर था। निरंतर लगातार तेज पंपिंग के कारण अब मेरे अंडकोषों में भी दबाब बढ़ने से दर्द होने लगा था। मैंने फिर से गति पकड़ी और इस बार सभी सज्जनता भूल गया। अब मुझे भी अपनी संतुष्टि की आवश्यकता थी। मैंने अलका के पैरों को उठाया और उन्हें अपनी छाती पर रखा और हर जोरदार धक्के के साथ योनि के अंदर गहरी पैठ बनाने लगा। फिर मैंने अलका के घुटनो को पीछे धकेल दिया, जीसे उसके घुटने उसके स्तनों को छू रहे थे और अलका महसूस कर सकती थी कि मेरा लंड उसकी गहराइयों को छू रहा है। उसने मेरे लंड को अपनी पूरी गहराईयो में और भी अच्छे से महसूस किया और जान गई कि मैं भी फटने की कगार पर हूँ।

मेरे अंडकोषों पर पड़ रहे दबाब को अनुभव करते हुए, मैंने अपने धक्को की गति को बढ़ा दिया और कमरे में हमारे सेक्स की आवाज़ें गूंज रही थीं। दोनों जोश में उबल रहे थे। शुद्ध कच्ची वासना और कामिच्छा इच्छा से मेरी एक गहरी मर्दाना कराह निकली और मेरे लंड ने उसकी योनि में अपना लावा उगल दिया।

अलका ने महसूस किया कि मैंने लावे से उसकी गर्भाशय को नहला दिया हो और वह शुद्ध कामुकता में कराहने लगी। मैं बिना रुके लगातार पंप करता रहा मुझे लगा मेरे अंडकोषो ने कई बार लावा उगला और लगा जैसे खाली हो गए हो। उसके बाद मुझे मेरे अंडकोष एकदम हलके महसूस होने लगे।

और अंतिम प्रयास से अपनी छाती के पसीने के साथ उसके ऊपर गिर गया।

जब मेरी उखड़ी हुई साँसे कुछ सामान्य हो गयी और धीरे से लंड को बाहर निकाला। मैं बिस्तर पर लेट गया और अलका को अपनी बाहों में खींच लिया। उसे चूमा, हम दोनों ने बस एक-दूसरे को अपने प्यार में पकड़े रखा और धीरे-धीरे सोते हुए सो गए तभी एक नरम आवाज़ ने हमारे पहले मिलन की तन्द्रा को तोडाl

वो आवाज़ किसकी थी? और उसने क्या कहा ये कहानी के अगले भाग मेंl

आगे क्या हुआ -- ये कहानी जारी रहेगीl

आपका दीपक

द्वितीय अध्याय[/font]
 
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे अंतरंग हमसफ़र

द्वितीय अध्याय

परिवार से मेलजोल

भाग -13

फूफेरी बहनो की धुआंधार चुदाई [/font]



[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने आँखे खोली तो सामने जेन खड़ी थी और बोल रही थी दीपक! बहुत-बहुत बधाई! आपने मेरी बहन अलका को बहुत प्यार से चोदा और फिर अलका को भी बधाई दी। अलका शर्मा कर चादर खींच कर ढकने लगी तो जेन बोली मैंने आपकी दोनों की पहली चुदाई पूरी लाइव देखि है अब मुझ से क्या शर्मा रही हो।

तो वह बोली आप कब आयी थी? तो जेन बोली मैं सोई ही नहीं थी मैं तो सोने का नाटक कर रही थी और फिर रोज़ी के साथ मिल के मैंने सब देखा। बहुत सुन्दर नज़ारा था। तो मैंने उठ कर जेन को पकड़ा और किश करते हुए उसके स्तन दबाने लगा।

तो जेन बोली पहले आप का लंड को साफ़ कर लू और उसने एक रुमाल उठाया और मेरा लंड जो अलका के रसो । मेरे वीर्य और उसके कुंवारे लहू में सना हुआ था और साफ़ किया और फिर अलका की चूत को भी साफ़ किया। जब उसने अलका की चूत को छुआ तो वह कराह उठी, तो जेन ने पुछा अलका दर्द हो रहा है क्या? तो अलका ने अपनी गर्दन हिला कर स्वीकृति दी तो रोज़ी ने वही रखी क्रीम जेन को पकड़ा दी जो उसने अलका की चूत के अंदर बाहर लगा दी।

अलका बोली दीपक अब आप जेन से प्यार करो। तो जेन थोड़ा हिचकी तो अलका बोली मैंने भी आप दोनों की चुदाई देखि थी। उसी को देख कर मेरी Xforum भड़क गयी और मैंने भी आज ही अच्छा मौका देखते हुए दीपक से आज ही चुदने का मन बना लिया।

तो मैंने पुछा तुमने सब देखा। तो वह बोली जब मेरी माँ का आपसे बात करने के लिए फ़ोन आया तो मैं आपको ढूँढने यहाँ आयी तो पता चला आप जेन के साथ जंगल में घूमने गए हो। तो मैं वहाँ भी गयी तो वहाँ मैंने आपको जेन को नंगी करते हुए देखा तो मैं भी वही छूप कर सार नज़ारा देखती रही। फिर जब आप लोग वापिस आने लगे तो मैं चुपचाप वापिस आ गयी और आपसे मिल का माँ से फ़ोन पर बात करवाई।

अब न तो किसी से कोई पर्दा था न डर तो मैंने जेन को दबोच लिया और उसकी नाईट ड्रेस एक झटके में उतार डाली। जेन बोली अरे आराम से, ये क्या हो गया है आपको। तो मैंने बोलै यहाँ मेरे कमरे में आराम करने थोड़ी आयी हो। आराम करना था तो अपने कमरे में करती यहाँ तो रात भर मेहनत करनी पड़ती है । और हम चारो हस पड़े।

मैं जेन के एकदम गोल-गोल सुडोल बड़े-बड़े मम्मे, की तरफ़ लपका, उसने मुझे रोक दिया।

वो बोली-दीपक थोड़ा रुको, सब तुम्हारा ही है।।

मैंने उसे देख कर मुस्काराते हुए उसके होंठों पर एक जोरदार किस कर दी।

मैंने उसके खुले बालों को पीछे किया और मैं उसे किस करते हुए । मेरे हाथ उसके मम्मों को सहलाते हुए उसके चुचकों के खींचते हुए उसे अपने पास खींच लिया और उसकी चूचियाँ दबाने लगा।

फिर मैं उसकी चूचियों को चूसने में लग गया। मैंने 5 मिनट तक चूचियों को ख़ूब चूसा, मेरा लंड और कड़क हो गया था।

मैंने उसे बिस्तर पर लिटा लिया और उसकी योनि पर हाथ फ़ेरा, उसने भी मेरा लंड पकड़ कर सहलाया। मैंने जेन की योनि में उंगली करना शुरू कर दिया और जेन जो हमारी लाइव चुदाई देख कर पहले ही-सा गरम थी और उसकी चूत भी गीली थी और चुदवाने के लिए त्यार थी।

मैं घुटनो के बल बैठ गया और धीरे से अपना 8 इंच लम्बा लंड को जेन की चूत के छेद पर टिका कर।

मैंने धीरे से धक्का लगाया और पूरा लंड एक ही झटके में पूरा अंदर डाल दिया। हालाँकि उसकी चूत सूजी हुई थी पर गीली होने के कारण लंड पूरा अंदर चला गया। वह बोली प्लीज थोड़ा आराम से करो। अभी मैं भी चुदाई में नई ही हूँ, मैंने धीरे-धीरे शॉट लगाने शुरू किए। सूजने के कारण उसकी योनि थोड़ी कस गई थी। मेरा मोटा लम्बा लंड अटक-अटक कर जा रहा था। मुझे अब ज़्यादा ताकत लगा कर उसकी चूत में डालना पड़ रहा था।

हर धक्के पर उसके मुँह से हल्की-हल्की चीख निकल रही थी-'आआहहह आह, ज़ोर से करो, और ज़ोर से' और फिर मैंने स्पीड बढ़ा दी।

मैंने अलका की तरफ़ देखा उसकी की हालत भी खराब हो रही थी। उसके मुँह से अजीब-अजीब आवाजें निकाल रही थी। उसे देख कर मेरी रफ़्तार में बेतहाशा तेजी आ गई। चुदाई से जेन भी अपने उत्कर्ष पर पहुँच रही थी। फिर जो जेन पहले कह रही थी धीरे करो वही बोलने लगे और ज़ोर से और ज़ोर लगा कर चोदो बहुत मज़ा आ रहा है।

आठ-दस धक्कों के बाद मेरे लंड की पिचकारी छूटी और मैंने जेन की चूत में अपना लावा भरता चला गया। मैं हैरान था जो अंडकोष थोड़ी देर पहले लग रहा था खाली हो गए हो उनमे इतना लावा इतनी जल्दी कहाँ से आ गया! ये ही नयी-नयी जवानी का कमाल था।

मैं जेन के ऊपर लेट गया और जेन की तरफ़ देखा तो उसके चेहरे पर सन्तुष्टि के भाव थे और कुछ देर में मेरी साँसे सामान्य हो गयी। मैंने महसूस किया अलका मेरी पीठ से आकर चिपक गयी थी। अलका मेरी पीठ पर बेतहाशा किस करे जा रही थी। मैंने अलका को खींचा पलटा और उसे बिस्तर पर लिटा कर किस किया।

"कृपया, मुझे और चाहिए, मुझे फिर से चोदो" अलका ने विनती की।

तभी जेन बोली दीपक किसका इंतज़ार कर रहे हो, अलका को फिर से चोदो।

मैंने उसके चूतड़ को देखने के लिए उसे घुमाया। उसके चूतड़ निश्चित तौर पर बेहद सेक्सी चूतड़ थे जिन्हे मैंने अभी तक देखा था, यहाँ तक कि पोर्न स्टार्स को भी उससे जलन होगी।

उसने फिर कहा हम फिर से करेंगे न।

उसकी प्यार भरी गुहार सुन कर मेरा लंड जाग गया और उसने मेरा सर पकड़ा और मेरे ओंठो से अपने ओंठ लगा कर किस करने लगी और फिर अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल कर सुपड-सुपड कर चाटने लगी। फिर उसका हाथ मेरे लंड पर पहुँचा तब तक लंड अपनी कठोरता प्राप्त कर के पूरा लम्बा हो गया था और उसने हाथ नीचे सरका कर लंड को पकड़ा और हाथ ऊपर नीचे किया। । फिर थोड़ा सरक कर चूत को लंड के नज़दीक ला कर लंड को योनि पर रगड़ा और छेद पर ठिका कर उसने अपने चूतड़ उठा कर अंदर लेने की कोशिश करने लगी।

मैंने चूचियों को चूसा और चूसा और मैं देख सकता था कि वह मूड में है। फिर मेरे हाथ उसके स्तनों से खेल रहे थे और उसके निप्पलों को उमेठ रहे थे। अलका गिड़गिड़ाने लगी-प्लीज अब मत तड़पाओ, जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो प्लीज़!

फिर वह डरते हुए बोली-प्लीज धीरे-धीरे डालना, मैंने देखा था तुमने कैसे बेदर्दी से जेन को अभी चोदा है।

अलका तो चूमते हुए धीरे से अपने लंड को उसकी गीली चूत में डाल दिया। दो झटको में पूरा लंड अंदर चला गया और उसके गर्भशय से टकराया उसकी चूत नयी और टाइट थी और उसे चूत में थोड़ा दर्द महसूस हो रहा था। मैं अपने लंड को अच्छी तरह से और धीरे से चूत के अन्दर-बाहर कर रहा था। चूत अंदर से बहुत गर्म थी और मेरा लंड उसे महसूस कर रहा था।

हर बार मेरे लंड को उसकी चूत में धकेलने से उसकी मांसपेशियों में कसाव आ जाता था और इसलिए मुझे और भी रोमांच हो रहा था। मैंने फिर धीरे-धीरे स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी। तो वह बोलने लगी मुझे चोदो, मुझे कस के चोदो प्लीज, मुझे ज़ोर से चोदो।

मुझे मज़ा आ रहा था वह भी सच में मज़ा ले रही थी। मैंने ज़ोर से धक्के देने शुरू कर दिए उसके चिल्लाने की मुझे जोश आने लगा। कुछ देर बाद उसने नीचे से अपने नितम्ब उठा कर एक दो झटके दिए और मुझे कस कर पकड़ लिया। I

वह अपनी चूत को ऊपर की तरफ़ उठा रही थी। मेरे धक्के बदस्तूर पूरी ताकत के साथ जारी थे। वह एक बिंदु पर पहुँच रही थी, जहाँ वह नियंत्रित नहीं कर सकती थी। वह बोली ज़ोर से चोदते जाओ।

अचानक उसका जिस्म थोड़ा थर्राया और उसने मुझे ज़ोर से भींच लिया दीपक मैं गयी गई।

ये कहकर वह निढाल हो गई। मैंने भी उसे दबोचा और कस कर धक्के लगाते रहा और फिर अलका के अन्दर अपना वीर्य की पिचकारियाँ मारी।

उसके बाद मैंने उन दोनों के सामने एक बार रोज़ी को भी चोदा और फिर चारो चिपक कर सो गए।

सुबह मेरी आँख खुली तो अलका मेरे पास खड़ी थी। उसने मुझे किश किया और जो नज़राना मैंने उसे दिया था, उसे देते हुए बोली इसे आप ही मेरी तरफ़ से संभाल कर रखियेगा। ये मैं किसी को नहीं दिखा नहीं सकती किसी ने पुछा कहाँ से आया, तो क्या जवाब दूँगी और उसे बेड के किनारे पड़े स्टूल पर रख दिया।
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ll द्वितीय अध्याय समाप्त ll
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]आगे क्या हुआ...ये कहानी तृतीय अध्याय में जारी रहेगीl


आपका दीपक[/font]
 
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे अंतरंग हमसफ़र

द्वितीय अध्याय

परिवार से मेलजोल[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]
अब तक की कहानी का सार;
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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]आपने मेरी कहानिया "झट शादी पट सुहागरात-1-4" में पढ़ा कैसे मेरी सहयोगी प्रीती दुल्हन बन कर सुहागरात मनाने को तैयार हो गयी और उसके बाद मेरी और मेरे घर की देखभाल करने वाली रोज़ी और रूबी मिली और मेरी सभी प्रेमिकाओ और उनकी चुदाई के बारे में पूछने लगी तो मैंने उसे बताया किस तरह मैं रोज़ी और रूबी से मिला और कैसे मेरी और रोज़ी की पहली चुदाई हुई। फिर उसके बाद रूबी को चोदा और फिर हमारे गाँव के प्रवास के आखिरी दिन जंगल में हमने ग्रुप सेक्स और मेरे फूफेरे भाइयो बॉब और टॉम के साथ प्रेमिकाओ की अदला बदली का कार्यक्रम बनाया। वहाँ रोज़ी की सहेली टीना की पहली चुदाई की। फिर छोटे योनि के छेद वाली मोना को मैंने चोदा। रोज़ी मेरे साथ शहर आ गयी। उसके बाद मेरी बुआ और उनकी तीन बेटियों लंदन से दिल्ली हमारे घर आये।

मेरा दोनों बहनो रोज़ी और रूबी के साथ हमारा पहला थ्रीसम हुआ वहाँ मेरी बुआ भी अपनी तीनो बेटिया जेन लूसी और सिंडी के साथ छुट्टिया बिताने आयी थी। अगले दिन सुबह मेरी सबसे बड़ी फूफेरी बहन जेन ने जंगल में पेड़ो के नीचे हरी घास के मैदान पर अपना कुंवारापन मुझे समर्पित कर दिया और दूसरी बुआ के बेटी अलका और जेन का रात को मेरे साथ सोने का कार्यक्रम बन गया और फिर मैंने बॉब और जेन के साथ मिल कर अपनी बाक़ी फूफेरी बहनो को भी प्यार मुहब्बत और मजो की हसीं दुनिया में ले जाने का प्लान बनाया। उसी रात में फूफेरी बहन अलका मेरे पास आयी और मैंने उसका कौमर्य भंग कर दिया और एक दुसरे के बाहो में सो गए

ये कहानी आगे तृतीय अध्याय में जारी रहेगीl

आपका दीपक[/font]
 
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे अंतरंग हमसफ़र

तृतीय अध्याय

खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग -1


नयी लड़किया और तालाब पर नज़ारे
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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जब हम सुबह उठे तो अलका मुझे वह नज़राना वापिस दे रही थी, तो मैंने उसे अपने ऊपर खींच कर किस करा तो वह बोली छोड़ो, मुझे बाथरूम जाना है। नीचे सब चिपचिपा लगा रहा है। मैंने देखा साइड में जेन और रोज़ी चिपक कर सो रही थी तो मैं उठा और उसके साथ में बाथरूम चला गया।

और उसके अंगो को धोया और उसने मेरे अंगो को धोया। फिर मैंने उनके सारे बदन और चूत पर क्रीम लगाई। उसने मुझे किश कर थैंक यू बोला और बोली तुम बहुत प्यारे हो और मेरे लंड पर क्रीम लगाई। उसके छूने से मेरा लंड एक बार फिर जागने लगा। फिर हम कमरे में वापिस आ गए तो अलका शीशे के सामने खड़ी हो कर चूत देखते हुए बोली। देखो तुमने मेरा क्या हाल किया है, कैसे सूज गयी है मेरी चूत और बोली अभी तक दर्द हो रहा है। मैं उसे बिस्तर पर ले गया और लिटा कर चूत पर किश करके उससे बोला बहुत दर्द हो रह है तो दवाई दे देता हूँ।

इतने में हमारी आवाजे सुन कर रोज़ी उठ गयी और बोली मेरे पास एक देसी आयुर्वेदिक क्रीम है वह लगा देती हूँ, जल्द ही आराम मिल जाएगा और क्रीम निकाल कर अलका की चूत और पूरे शरीर पर जहाँ-जहाँ मेरे चूसने या चाटने से उसके गोरे बदन पर जो निशाँ पड़ गए थे वहाँ क्रीम लगा दी। मैं भी उसके साथ लेट गया और उसे बाहों में ले कर प्यार से चूमने लगा। अलका मेरी बाए और थी तब तक जेन भी जाग चुकी थी और वह मेरी दायी और आके मुझे चूमने लगी। उनके देख रोज़ी भी मेरे ऊपर आ कर पट लेट गयी। अब मेरी तीनो प्रेमिकाए मेरे साथ चिपक गयी फिर तीनो एक साथ मुझे चूमने लगी। मेरा एक हाथ अलका के स्तनों से खेल रहा था तो दुसरे हाथ में जेन के निप्पल थे और मुझे चूमते हुए रोज़ी के स्तन मेरी छाती पर गड रहे थे।

सच में बहुत मज़ा आ रहा था। मैंने अलका को चूमा और कहा तुम तीनो लाजवबाब नगीने हो और मैं बहुत खुश हूँ के तुम मेरी हो और मुझे तुम्हारा कौमार्य भंग करके तुम्हे प्यार की दुनिया में ले जाने का मौका मिला है।

तुम सब सुन्दर हो नहीं-नहीं बहुत सुन्दर हो।

तो अलका बोली अच्छा बताओ तुम्हे हमारा क्या-क्या सुन्दर लगता है?

मैंने कहा मैं एक का नहीं बताऊंगा ये तुम तीनो के लिए है।

फिर मैंने उनकी तारीफ करनी शुरू की :-

ओह, तुम सुंदर हो, मेरी प्रिय जानेमन तुम सब बहुत सुंदर हो!

तुम्हारी हिरणी जैसी बड़ी-बड़ी सुन्दर आँखे हैं।

तुम्हारे बाल पर्बतो से उतरती हुई मादा बकरियों के झुंड की तरह हैं।

तुम्हारे दांत मोतियों की माला जैसे हैं।

तुम्हारे ओंठ लाल रंग के गुलाब की पंखुड़ियों जैसे और रस भरे हैं जिन्हे कोई एक बार चूसना शुरू करे तो रुकने का नाम ही न ले।

तुम्हारा चाँद जैसा चेहरा बहुत प्यारा है।

चाँद पर तो फिर भी दाग है पर तुम्हारा चेहरा बिलकुल बेदाग़ है।

तुमने मेरा दिल चुराया है।

मेरी प्रेमिका तुमने अपनी आँखों की एक झलक से मेरा दिल चुरा लिया है।

तो अलका शर्माते हुए बोली अरे आप तो कविता करने लगेl अच्छा बस करो, अब हम नहाने जाएंगी। बाक़ी कविता आप बाद में सुनाना।

मैंने कहा जल्दी क्या है? पहले एक-एक राउंड हो जाए तो अलका बोली नाश्ते का समय होने वाला है और बाक़ी लोग हमारा नाश्ते पर इंतज़ार कर रहे हैं।

हम तैयार हो कर नाश्ते के लिए गएl वहाँ अलका की एक स्कूल की दो सहेलिया रुखसाना अपनी बहन हुमा आयी l

वहाँ बॉब और टॉम अलका की एक स्कूल की साथी रुखसाना अपनी बहन हुमा खूबसूरत युवा लड़कियों के आगमन से खुश थे, जो की हमारे घर पर एक सप्ताह रुकने के लिए आयी थी।

हुमा और रुखसाना वास्तव में लम्बी और बहुत सुंदर युवतिया थीl जिनके सुंदर अंग अच्छी तरह से भरे हुए थेl उन्नत वक्ष स्थल, सुन्दर गोल चेहरा, गुलाबी गाल, बड़ी बड़ी काली आँखें और काले लम्बे बाल, चेरी के रूप में लाल रंग के साथ पूर्ण सुंदर सूजन और मोती की तरह सफ़ेद दांत, जिनकी दिल चुरा लेने वाली मुस्कराहट चेहरे को कभी न छोड़ती हो, ऐसे रूप और लावण्य की मल्लिकाये थी दोनों।

इन दोनों को देख कर और यहाँ रुकने की बात सुन कर टॉम और बॉब ने मेरे हाथ पकड़ लिए, जिनसे उनकी ख़ुशी झलक रही थी क्योंकि इन नई सुन्दर युवतियों के आने पर हमारे प्यार के खेल में नए खिलाड़ियों के शामिल होने की संभावना बढ़ गयी थी। मैंने भी उन्हें बधाई दी, क्योंकि टॉम और फिर बॉब ने भी ने मुझे अपनी बहनों के साथ स्वतंत्रता लेने में अपनी काफ़ी मजबूरियों जताई थी।

रुखसाना और हुमा ख़ास तौर पर जेन और उसकी बहनो से मिलने आयी थी और बहुत जल्दी ही उनके साथ घुल मिल गयी और लंदन में क्या-क्या देखने और घूमने को है ये पूछती रही। जेन ने उन्हें लंदन आने का न्योता दिया और उनसे वादा किया अगर वह लंदन आएँगी तो जेन उन्हें ख़ुद सब दिखाने ले जाएंगी।

वो सुबह शानदार ढंग से ठीक और सुहावनी थीl न ज़्यादा गर्म न ज़्यादा सर्द, करीब एक घंटे तक मैं और मेरे फूफेरे भाई मैदान में टहलते रहे। हमने सिगरेट पी और जब हमें अंदाजा हो गया की अब लड़कियाँ मैदान से आगे पार्क की छोटी झील में नहाने के लिए जा रही हैं। हम छुपते छुपाते वहाँ पहुँचे और गहरी चुप्पी के साथ, बहनों और उनकी सहेलियों के आगमन का इंतज़ार किया।

जिसे हम लोग झील कहते हैं वह घनी झाड़ियों, पेड़ो और पौधों से घिरा हुआ लगभग एक एकड़ का छोटा-सा तालाब था, जो दूर से दिखाई भी नहीं देता था। या यु कहिये छुपा हुआ तालाब है। जिसका पता केवल घर के वासियो को ही है, इस तालाब को हम लोग अक्सर प्राइवेट स्विमिंग पूल के तौर पर भी इस्तेमाल करते थे। तालाब से लगभग बीस या तीस वर्ग गज की दूरी पर, जिसमें पेड़ों के बीच में घिरा हुआ या कहिये छुपी हुई एक झोपड़ी, या गर्मियों का घर था, जहाँ स्नान करने वाले अपने कपडे बदल सकते थे।

तालाब का किनारे पर बारीक रेत थी और तालाब के किनारे एक ग्रिल थी जिसे पकड़ कर तालाब के गहराई से बाहर निकल सकते थे। एक ग्रिल और थी जो तालाब के गहराई में जाने से रोकती थीl नदी से आ रही नहर से जुडी ताजे पानी की एक पतली-सी जलधारा थी जो तालाब में गिरती थी l फिर तालाब से एक नहर निकलती थी, जो मैदान और खेतो की तरफ़ जाती थी।

उस तालाब में जाने के लिए इस झोपड़ी का पिछला दरवाज़ा एक बहुत संकरे फुट-पाथ पर खुलता था, जो की काफ़ी घने पेड़ो के बीच से निकलता था, ताकि कोई भी दल बिना दिखे सुरक्षित उस तालाब तक आ और जा सके। स्नान के मौसम में आमतौर पर उस गर्मियों के घर में शराब, बिस्कुट और केक का भंडार रखने के अलावा, उसके अंदर को आराम की सीटों और सोफों के साथ सुसज्जित किया गया था। इसके इलावा वहाँ एक सुन्दर साफ़ सुथरा टॉयलेट भी था जहाँ तौलिये इत्यादि रखे हुए थे और दूसरा दरवाज़ा तालाब के किनारे पर खुलता था। तालाब में आने और जाने का यही एकमात्र रास्ता था। पूरी व्यवस्था में दादाजी के शौक़ीन मिज़ाज की शानदार झलक थी।

मैंने उस झोपडी की चाबी आशा अम्मा से ले ली थी और हम सब ने उस झोपडी से होते हुए दरवाज़ा बंद करके सावधानी से एक घने पेड़ पर चढ़कर, छिपे हुए सिगरेट को फूंकते हुए, कुछ अधीरता के रोमांच के साथ लड़कियों की प्रतीक्षा करने लगे। वहाँ से हमे तालाब का अच्छा नज़ारा मिल रहा था।

इसे देखकर बॉब मुझ से बोला भाइ ये तो बहुत बढ़िया जगह है, मस्ती करने के लिए और सब कुछ गुप्त रहे इसका भी पूरा ध्यान रखा गया है। यहाँ तक के तालाब के चारो और एक काँटों लगा लोहे का गुप्त बाड़ा (चारदीवारी) भी है जो की अब पेड़ो और झाड़ियों में पूरा छिप गया है। जिससे कोई अनचाहा मेहमान यहाँ नहीं आ सकताl ये किसने बनवाया है?

मैंने कहा जहाँ तक मैं जानता हूँ ये जगह ज़मीन जायदाद तो हमारी पुश्तैनी है और ये मैंने एक बार पिता जी से सुना था कि ये तालाब या झील का निर्माण मेरे पूर्वजो ने ही करवाया था।

टॉम बोला हाँ लगता है काफ़ी शौक़ीन थे हमारे पूर्वज। यहाँ पर अपनी प्रेमिकाओ के साथ गुप्त रूप से मस्ती की जा सकती है और मेरा हाथ दबा कर बोला भाई जल्दी से कोई कार्यक्रम बनाओ। मैं तो मरा जा रहा हूँ टीना रूबी और मोना से यहाँ पर मस्ती करने के लिए। तो मैंने कहा तो भाई कल रात क्या कुछ नहीं कर पाए। तो बॉब बोला कहाँ कल दोनों बहने लूसी और सिंडी देर तक जाग कर टीवी देखती रही इसलिए कोई मौका ही नहीं मिला।

इस तरह कुछ दस मिनट के इंतज़ार के बाद हमें पास आती हुई लड़कियों की टोली की हँसी की आवाज़ सुनाई दी तो मैंने सबको ख़ामोश रहने का इशारा किया और अपनी सिगरेट बुझा कर फेंक दी। फिर हमने बंद ताला के चाबी से खुलने की आवाज़ सुनी, फिर हमने चहचहाती हुई और ख़ुशी से उछलती हुई लड़कियों की आवाजे सुनाई दी। ओह ये तो बहुत सुन्दर हैl

उसके बाद अलका की आवाज़ आयी ये ख़ास तौर पर लड़कियों के लिए बनाया गया है ताकि वे गुप्त रूप से जल क्रीड़ाये कर सकेl सबने अलका को थैंक यू कहा इस गुप्त जगह पर लाने के लिए। मैंने भी अपने दोनों फूफेरे से कहा मुझे भी ये जगह अलका ने ही दिखाई थी । आप उसे भी मौका मिलने पर धन्यवाद ज़रूर दे देना।

फिर जैसे मैंने और जेन ने मिल कर बनायीं थी उसी हमारी पूर्वत योजना के अनुसार जेन की आवाज़ सुनाई दीं: "आह! इस प्यारे गर्म दिन हमें यहाँ बिना कपड़ो के और नहाते हुए देखकर लड़कों को क्या मज़ा नहीं आएगाl"

जिसके बारे में रुखसाना ने हँसते हुए जवाब दिया: "अगर वह मुझे नहीं दीखते है, ये मुझे छुप कर देखते हैं तो मुझे कोई आपत्ति नहीं हैl" तो हुमा बोली हाँ अगर हमे नहीं पता कोई हमे देख रहा है तो क्या हर्ज हैl उन्हें भी तो नज़ारे लेने का हक़ है। फिर ये नज़ारे एक दिन तो किसी ने लूटने ही है।

इस पर लूसी बोली न बाबा मुझे तो डर लगता है और सिंडी बोली मुझे भी शर्म आती हैl मैं तो कभी किसी के साथ नहीं नहायी।

तो जेन बोली जल्द ही वह समय आने वाला है, बहनो। हम सब अब जवान हो चुकी हैं और जल्द ही हम सब अपना साथी ढूँढ कर उसके साथ प्रेम भरी मस्तिया करने वाली हैंl रुखसाना बोली हमारे यहाँ तो पर्दा होता है ऐसा खुल कर करने की सोच भी नहीं सकतीl

हुमा बोली यहाँ तो सब सहेलिया ही हैं, तो अलका जिसे हमारी योजना का कुछ पता नहीं था, बोली तो बहनो हटा दो सब परदे और ले लो मजे। यहाँ कौन से लड़के हमे देखेंगे।

आगे क्या हुआ ... ये कहानी जारी रहेगी।

आपका दीपक l[/font]
 
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे अंतरंग हमसफ़र

तृतीय अध्याय

खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग -2


लड़कियों की तालाब पर मस्ती के मादक कामुक नज़ारे.[/font]


[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]इन अगले कामुक भागो में ज़रूर आपको भी उत्तेजना का आभास होगाl सोचिए मैंने इन लम्हो को देखा, जिया, भोगा और लिखा हैl मेरा क्या हाल हुआ होगाl

अब आगे पढ़िए तालाब पर फिर क्या हुआ, मजे लीजिये।

, इस तरह लड़किया आपस में बात कर रही थी तो रुखसाना बोली हमारे यहाँ यु तो पर्दा होता है फिर भी लड़के हमे यु घूरते रहते हैं जैसे कपड़ो के नीचे हमारे बदन को ताड़ रहे हो। तो जेन बोली रुखसाना लगता है तुम्हारा दीवाना तो मेरा भाई बॉब भी हो गया है। वह नाश्ते के टेबल पर नाश्ता कम कर रहा था और तुम्हे ज़्यादा ताड़ रहा था। लगता है उसे तुम पसंद आ गयी हो।[/font]



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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अलका बोली मेरी सहेली है ही ऐसी सुन्दर की इसको जो देख ले वह दीवाना हो जाए और जेन दी आपने ग़ौर नहीं किया की टॉम भी हुमा को वैसे ही ताड़ रहा था और रुखसाना को छेड़ते हुए पूछने लगी तुम्हे हमारा भाई बॉब कैसा लगा तो वह पहले तो शर्मायी फिर बहुत पूछने पर बोली। हाँ मैंने भी ग़ौर किया था वह मुझे ही देख रहा था। जब भी मैं उधर देखती थी तो वह मुझे ही देख रहा होता था और हमारी आँखे मिलने पर धीरे से आँखे झुका लेता था। तो हुमा बोली मैंने तो कुछ नहीं देखा मैं तो नाश्ते में व्यस्त थी बहुत स्वादिस्ट नाश्ता था और सब लड़किया ज़ोर से हसने लगी।

तो अलका बोली अच्छा रुखसाना ये तो बता तुझे मेरे मौसेरा भाई बॉब कैसा लगा तो वह बोली अभी तक ऐसा कुछ सोचा नहीं है, बाक़ी इस विचार में कोई बुराई तो नहीं है लगी। तो जेन बोली बो लड़कियों से बात करने में डरता है पर उसकी आँखे बता रही थी वह रुकसाना को पहली ही नज़र में पसंद करने लगा है। फिर उत्साह से बोली तुम्हारे साथ उसे देखने के विचार में कुछ रमणीय है, जो मेरी प्रिय बहनो दोस्तों और भाइयो को भी निश्चित तौर पर उत्तेजित करेगा।

रुखसाना बोली मैं भी हरेक लड़की की तरह चाहती हूँ बॉब जैसा कोई सुन्दर बांका नौजवान मुझे पसंद करे लगी। लगता है, बॉब को तो पहले ही मुझसे प्यार हो गया हैl क्या कहती हो दोस्तों मुझे भी बॉब को मुझे पसंद करना चाहिए?

तो सब बोली हाँ-हाँ तुम दोनों की जोड़ी अच्छी रहेगी।

फिर जेन बोली और मैंने कही पढ़ा है कि एक लड़की जिस लड़के को जीतना चाहती हो उसे अपने जिस्म के सभी आकर्षण दिखा कर अपने प्रति आकर्षत करे और एकांत में उसे आज़ादी देने के लिए बेहोशी या सोने का नाटक करे और वह सारे अंग दिखाए जो एक लड़के की कमजोरी होते हैं।

उनकी ये बाते सुन बॉब थोड़ा शरमाया पर उत्तेजित हो गया और अपने लंड पर हाथ फिराने लगा और उसकी पेण्ट में आये तनाव के कारण वहाँ तम्बू बन गया।

"लूसी ने कहा," वह सब ठीक है, लेकिन यहाँ हमारे देखे जाने का कोई डर नहीं है, मैं यहाँ पर पानी में मस्ती करने आयी हूँ। अब बाते बंद करो अपने कपडे निकालो। जल्दी, से पानी में चलो इस मौसम में आज बहुत मज़ा आएगा। "

जेन ने घुटनो तक स्कर्ट और टी शर्ट पहन रखी थी, लूसी ने मिनीस्कर्ट और बिना बाजू की टी शर्ट और सिंडी ने एक बहुत छोटी-सी निकार जो बमुश्किल उसकी जांघो के जोड़ को ढक रही थी और उतनी ही छोटी बिना बाजू की टॉप जो पहन रखी थी। वही अलका ने हाफ जीन और गुलाबी शर्ट और रुखसाना और हुमा ने घागरा और लहंगा हुआ था और छोटी-सी कुर्ती पहनी हुई थी। सभी एक से बढ़ कर एक सुन्दर और ऐसा लग रहा था फैशन शो ने आयी हो।

क्योंकि वे पानी में प्रवेश करने की जल्दी में थी तो सबने जल्दी से अपने टॉप को छोड़कर अपने बाक़ी कपडे निकाले और झोपडी से निकल कर तालाब के किनारे पर आ गयी।[/font]



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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लूसी बोली अलका चुकी तुम रुखसाना की इतनी तारीफ़ कर रही हो तो हम बहनो को भी ने एक बार रुखसाना को इन कपड़ो से आज़ाद करके देखना चाहिए इसमें क्या-क्या ख़ास है। जिससे हमारा भाई इस पर मोहित हो गया है। उसने हंसी के साथ कहा, आओ, लड़कियों, उसे लेटाओ और इसकी कुर्ती को इसके जिस्म से दूर करो। "

मुझे लगा अब सही मौका है इसका फायदा उठाना चाहिए तो मैं नीचे उतर कर छुपते हुए उस झोपडी में घुस गया और लड़कियों के कपडे उठा कर छुपा दिए और वापिस पेड़ पर आकर छुप गया और लड़कियों का खेल देखने लगा।

सुंदर रुखसाना से केवल थोड़ा से विरोध किया लेकिन बाक़ी लड़कियों ने उसे घेर कर पकड़ लिया और उसकी क़मीज़ को चंचलता से खींच कर उतार दिया। उसने कहा: "मेरे प्रशंसको तुम मेरा सब कुछ ऐसे ही नहीं देख सकती इसके बाद तुम्हे भी अपने सब कपडे उतारने पड़ेंगे। फिर रुखसाना, सिंडी जो मेरी बुआ की बेटी थी उसे देखते हुए बोली तुम्हारे जंगल में तो अभी कोई पेड़ क्या अभी छोटी-छोटी घास भी नहीं उगी है क्योंकि उसे उसके बदन पर कोई बाल नहीं मिलाl

सिंडी बोली बाल तो अभी हुमा के बदन पर भी नहीं है। हुमा बोली हम सब के हिस्से का जंगल रुखसाना और लूसी ने जो ऊगा रखा है। फिर लूसी बोली जेन और अलका तुमने तो लगता है जंगल की कल ही सफ़ाई की हैl यह एक बहुत अच्छी आदत है।"

अलका बोली देखो तो लूसी की बुर कितनी छोटी-सी है औ फिर अलका रुखसाना के स्तनों को देखती हुई बोली ये तो बड़े सुदृढ़ और गोल-गोल और दूध से भरे हैं। हमारे भाई को कभी भी दूध की कमी नहीं होगी। तो जेन बोली आगे हमारे भतीजे भतीजियों को भी ख़ूब दूध मिलता रहेगा। फिर सभी ज़ोर से हसने लगी। ।

उनकी ऐसी बाते सुन कर हमारे हथियार तन गए और लग रहा था अभी पेण्ट फाड़ कर बाहर आ जाएंगे। तो बॉब मेरे कान में फुसफुसाया अब हमे भी अपने कपडे त्याग दने चाहिए। मैंने कहा अभी ठोड़ी देर रुक जाओ पर तब तक टॉम ने अपनी पेण्ट उतार कर अपना लंड बाहर निकाल लिया और टॉम को दिखाते हुए बोला देख लो मेरा हथियार तुम से लम्बा और तगड़ा हैl

टॉम ने भी अपना लंड बाहर निकाल लिया और वह भी बिलकुल तना हुआ था। फिर मुझे बोले आप भी पेण्ट उतार दो फिर हमे इन्हे दबोच कर इनकी गन्दी बाते करने के लिए इन्हे सबक सिखाना चाहिए। तो मैंने कहा अभी ठोड़ी देर रुको और देखो लड़किया आगे क्या करती हैं।

फिर जल्द ही रुखसाना नरम हरी घास पर उसकी पीठ पर लेटी हुई थी। उसके चेहरा उत्तेजना और शर्म से एकदम लाल हो गया था, क्योंकि लड़कियों ने उनकी सुंदर योनी को देखने के लिए उजागर कर दिया था और खुशकिस्मती से वह नज़ारे बिलकुल हमारे सामने पेड़ की उचाई पर बैठे होने के कारण बिलकुल हमे बिलकुल स्पस्ट दिख रहे थे।[/font]



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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]सुंदर योनी को नरम बालो ने ऐसे घेर रखा था जैसे धुंध तारे को घेरता है। चमकदार धूप में संगमरमर की तरह चमकती उसकी खूबसूरत सफेद पेट और जांघो के बीचो बीच उसकी योनि के चारो और ये बाल उसकी योनि के अलंकरण थे। सभी बहनें अपने दोस्तो के साथ-साथ शरमा रही थीं और बहुत प्यार की नजरों से देख रही थीं और हस रही थी और सबने अपने बाक़ी कपडे भी निकल दिए और बिलकुल वैसी हो गयी जैसी की वह पैदा हुई थी।

उनकी हंसी वहाँ गूंज रही थी और फिर हम इन असली अप्सराओं के खेल का गवाह बन जाते हैं। कुछ देर बाद रुखसाना और हुमा अपने घुटनों पर हो गई, उसके बाद बारी में सभी चारो बहनों ने चुंबन करने के लिए अपने दोस्तो को उनके योनि को प्रस्तुत किया। फिर हुमा ने सब की योनि को चूमा और उसके बाद रुखसाना ने भी चूमा सबसे आख़िर में सिंडी थी तो रुखसाना ने हुमा के नितम्बो के चारो तरफ़ अपनी बाहो का घेरा बनाते हुए बोली इस बिना बाल वाली खूबसरत छोटी-सी योनि को तो मैं चूसूंगी।

और उसके होंठ सैन्य की योनि से चिपक गए और फिर उस युवा लड़की ने उत्साह के साथ अपने हाथों को रुखसाना के सिर पर रख दिया और फिर उधर जेन भी हुमा की बाल रहित योनि को चूसने चाटने लगा गयी और अलका अपने दोस्त हुमा और लूसी रुखसाना की तरफ़ घुटने टेककर, उन दोनों की योनी, छाती और हर आकर्षण को सहलाने लगे।

ये रोमांचक दृश्य पांच या छह मिनट तक चला और उसके बाद चुंबन और पागल उत्तेजना में चुने के बाद वे सब एक के ऊपर एक ढेर होकर गिर गयी। सब एक दुसरे में खो गयी इस बीच हमने भी अपने सब कपडे निकाल कर पेड़ पर ही छुपा दिए और चुपके से जा कर उनके सब कपडे उठा लाये और छिपा दिएl मैंने कहा दोस्तों अब ये हमसे नहीं बच पाएंगी। अब इन्हे हमारी सब बात माननी पड़ेगी l ो बॉब ने कहा अब चले नीचे इनके सामने, तो मैंने कहा बस कुछ देर और इंतज़ार करो।

एक के बाद एक, सभी लड़कियों ने-ने अपनी दोस्त की रमणीय गर्म योनि के सुर्ख लाल होंठो को चूमा और फिर उसे-उसे पलट कर पट्ट पेट के बल लिटा कर अपनी हस्ती खिलखुलाती हुई दोस्त को उसके दूधिया सफ़ेद नितम्बो पर खुले हाथों से चपत मारने लगीl जिससे वह झूठ मूठ चिलाने लगी बचाओ-बचाओ बॉब मुझे बचाओ, दीपक मुझे बचाओ।


आगे क्या हुआ ... ये कहानी जारी रहेगी।

आपका दीपक l[/font]
 
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे अंतरंग हमसफ़र

तृतीय अध्याय

खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग -3

तुम ने पुकारा और हम चले आये- लड़कियों के साथ तालाब पर मस्ती. 
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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]एक के बाद एक, सभी लड़कियों ने अपनी दोस्त के दूधिया सफ़ेद नितम्बो पर खुले हाथों से चपत मारने लगी जिससे वह झूठ मूठ चिलाने लगी "बचाओ बचाओ, बॉब मुझे बचाओ"।

तो अलका बोली, खाली बॉब ही क्यों दीपक और टॉम को भी बुला ले बचाने को पर अब तुझे बचाने कोई नहीं आने वाला है यहाँ और ज़ोर से उसके नितम्बो पर दो चपत लगा दी। इस पर रुखसाना दर्द से बिलबिला कर लगता हैl दुखता हैl बोली और फिर से चिल्लाई बचाओ मुझे बचाओ दीपक बॉब और टॉम कोई तो मुझे बचाओ।

मैंने बॉब से कहा अब हमारा समय आ गया है, हमने बड़े-बड़े पत्तो और टहनियों की मदद से बाँध कर अपने गुप्तांगो को छुपा लिया और लड़कियों को आश्चर्यचकित करते हुए,पेड़ से नीचे, तुम ने पुकारा और हम चले आये गाते हुए हम उनके पास ऐसे कूद गए, जैसे आसमान से आये हो रुखसाना को बचाने के लिए l

मैं बोला इस लड़की को अकेली देख कर आप क्यों मार रहे हो उसे छोड़ दो और बॉब रुखसाना के पास जाकर उसका हाथ पकड़ कर बोला-ऐ हसीन मोहतरमा! तुम डरो मत हम तुह्मे बचाने आ गए हैं और टॉम शरारत में गाने लगा तुम ने पुकारा और हम चले आये।

एक पल के लिए तो लड़कियों को कुछ समझ नहीं आया। सब की सब ज़ोर से डर के चिल्लाई और अपने हाथों में अपने शरमाते चेहरे को छिपा लिया और फिर जब तक वह हमें पहचानी तो उन्होंने अपने कपडे ढूँढने शुरू किये और अपने हाथो से अपने वक्षो और योनि प्रदेश को छुपाते हुए भागने लगी पर उन्हें कोई सुरक्षित जगह नहीं दिखी क्योंकि झोपडी के गेट के आगे मैं खड़ा हो गया था।

जब बचने का कोई उपाय समझ नहीं आयेा तो वह सब हमसे दूर भागने लगी। तो हम भी उनके पीछे भागे तो वह चिलायी आप लोग यहाँ कैसे आ गए ये क्या बदतमीजी है जाईये यहाँ से। तो बॉब बोला हम ने आपकी बचाने की पुकार सुनी इसीलिए यहाँ आये है आप ही ने हमे पुकारा था बचाने के लिए।

तो टॉम बोला पहले तो आपने हमे पुकारा अब जब हम आ गए बचाने तो हमे धन्यवाद देने की जगह हम ही पर नाराज हो रही हैं आप और फिर ठोड़ी नक़ल करते हुए बोला "ये तो कोई अच्छी बात नहीं है"।

वे सब बहुत चकित थे, अपनी पूर्ण नग्न अवस्था के कारण शर्मसार भी थी। उन्हें अभी तक कुछ भी समझ नहीं आया था तो अब अपने आप को छुपाने के लिए उन्हें तालाब में ही उतर जाना ठीक लगा और सब से पहले रुखसाना तालाब में उतर गयी। उसके पीछे-पीछे बाक़ी लड़किया भी तालाब में चली गयी और बोली आप लोग प्लीज यहाँ से चले जाओ।

तो बॉब बोला मोहतरमा आप हुकुम करेंगे तो हम चले जाएंगे पर आप कब तक तालाब में ऐसे रह पाएंगी क्योंकि बिना कपड़ो के आप सब वापिस घर नहीं जा सकती और आप सब के कपडे हमारे पास हैं। उन्हें वापिस लेने के लिए तो आपको बाहर आना ही होगा और जलवा अफरोज होकर अपने हुस्न के दीदार हमे करवाने ही पड़ेंगे।

वैसे हम सब भी तालाब में आ सकते हैं इसकी भी कोई हमे मनाही तो नहीं है। बेहतर यही होगा की आप सब हमारी बात को समझे और माने। वह मिन्नत करने लगी की हम उनके कपडे लौटा दे और यहाँ से चले जाए पर हम कहाँ इतनी आसानी से मांनने वाले थे और हमारे लंड महाराज अपने पूरे शबाब पर थे और पत्तो के बीच से सर उठा कर अपनी उपस्थिती दर्ज करा रहे थे जिसे देखकर लड़किया शर्म से पानी के अंदर पानी-पानी हुई जा रही थी।

हमारी बाते सुन कर उन्हें स्थिति की वास्तविकता समझ आने लग गयी थी। " कितने अशिष्ट और कैसे कामुक विचार हैं आप तीनो के? l प्लीज, इन विचारो को अपने दिमाग़ से निकाल दीजिये हमे हमारे कपडे लौटा दीजिये और यहाँ से चले जाइये। तो बॉब बोला तो चिल्लाने से पहले जो आप सब जो कर रही थी क्या वह अशिष्ट और कामुक नहीं था।

तो रुखसाना बोली क्या आप अचानक मेरी चिल्लाहट सुन यहाँ नहीं आये हैं पहले से ही यहाँ थे और आपने सब देखा और सुना है। बुरी फस गयी आज तो मैं! तो अब तो आपसे समझौता ही करना पड़ेगा। बताइये हमे क्या करना होगा।

तो बॉब कुछ देर सोचने लगा। तो मैंने कहा जो खेल आप खेल रही थी उसे ही जारी रखना होगा और हमे भी इसमें शामिल करना होगा। अब हरेक लड़की एक-एक करके बाहर निकलेगी और फिर हम लड़के एक-एक करके उसका मुआयना निरिक्षण करेंगे और लड़की भी चाहे तो लड़के के मुआयना कर सकती है और फिर सब पानी में गेंद से खेलेंगे साथ में नहाएंगे और फिर तालाब के किनारे एक दौर पकड़ा पकड़ी का होगा। जिसके नियम सब मिल कर बना लेंगे।

तो सब लड़किया ने आपस में मिल कर पानी के अंदर ही कुछ कानाफूसी करते हुए मंत्रणा की फिर जेन बोली अब चुकी और कोई रास्ता नहीं है हम सब आपके साथ सहयोग करने को त्यार हैं पर एक शर्त है कि आप तीनो हमारा ये राज और यहाँ जो भी हुआ है और आगे भी हम सब के बीच जो भी होगा किसी को नहीं बताएँगे। सब लोग राज को राज रखने का वादा करिये l तो हमने कहा ठीक है हम वादा करते हैं तो लड़कियों ने भी वादा किया वह ये राज किसी से नहीं कहेंगी।

तो एक लड़की मीठी से आवाज़ में बोली आप सब भी पहले उन पत्तो और टहनियों को अपने जिस्म से दूर कीजिये ताकि हम भी आपके जलवो का नज़ारा कर सके। ये तो बराबरी का हिसाब नहीं हुआ की आप हमे ऐसे देखे और हम आपको इन पत्तो में देखे। तो हमने भी एक झटके में उन पत्तो को दूर कर दिया और हमारे प्यार की गाडी के इंजन अपनी पूरी कठोर उत्तेजक स्थिति में उजागर हो गए और लड़किया उन्हें मुँह खोले देखती रही। फिर हमने हमारे कूल्हे हिला कर हमारे लंड से उन महारानियो को तीन बार तुनक कर तीन तोपों की सलामी दी। जिसे देख सब हस पड़ी।

मैं बोला जब हमे पता चला आप सब यहाँ नहाने आ रही हैं और मेरा भाई बॉब तो रुखसाना और टॉम हुमा के हुस्न के जलवे देखने के लिए बेकरार हो गया था, तो हम भी आप सबको यहाँ नहाते हुए देखने चले आये थे। हम सब लड़के आपसे आपके खेल में व्यवधान डालने के लिए क्षमा चाहते हैं। हम वैसे यहाँ आये तो आप सब को नहाते देखने के लिए थे पर जब आप सब एक दुसरे को चूमने चाटने लगी तो हमपे उत्तेजना और कामवासना हावी हो गयी और हम से रुका नहीं गया और हम बीच में कूद गए। इसके लिए आप हमे माफ़ कर दीजिये और अब हमे अपने जलवे जो हमने कुछ दूरी से देखे हैं, नज़दीक से दिखा दीजिये ताकि हमारी जलती और तड़पती हुई आँखों को कुछ हरियाली देखने से राहत मिल जाए।

तो मैंने पुछा अब कोई किसी से नाराज तो नहीं है और इस खेल के लिए सब तैयार है l अब आपसे प्राथना है के अब खेल को पुनः जारी किया जाए तो सबसे पहले कौन आ रहा है। सब लडकिया एक दुसरे को देखती रही तो हिम्मत करके उनमे से उम्र में सबसे बड़ी जेन सबसे पहले बाहर आयी। जब वह पानी से बाहर आ रही थी तो जिस तरह से धीरे-धीरे उसका हुस्न पानी से निकल कर हमारी प्यासी आँखों के आगे उजागर हो रहा था, उससे हमारी उत्तेजना और बढ़ गयी और बॉब तो अपने लंड को पकड़ने लगा तो मैंने उसे इशारे से रोका। तीनो के लंड महाराज ने फिर भी तुनक कर जेन के हुस्न को सलामी तो दे ही दी।

तो बॉब ने पहले उसका मुयायना किया और उसकी तारीफ की और वह एक तरफ़ खड़ी हो गयी तो उसके बाद टॉम ने उसका मुआयना किया और फिर मैंने भी जेन को मुयायना किया और उसके स्तन दबा कर और उसकी गोलाइयों को महसूस किया और फिर चूत पर हाथ फिराते हुए कहा आप सच में शानदार हुस्न की मल्लिका हैं।

उसके बाद अलका बाहर आयी फिर लूसी और उसके बाद सिंडी जब आयी तो उसकी छोटी-सी बाल रहित संकरे छेद वाली चुत देख कर मैं सोचने लगा इसकी संकरी चुदाई करने में कितना मज़ा आएगा। l उसके बाद जब रुखसाना आयी तो बॉब उसे आते देख आगे बढ़ गया उसे झुक कर सलाम किया और जब वह बहार निकल रही तो उसका हाथ पकड़ कर उसे आगे ले आया और उसके लंड ने भी रुखसाना को तीन बार तुनक कर सलाम किया और फिर उसके एक-एक अंग का काफ़ी देर तक मुआयना करता रहा। तो टॉम बोला भाई सब कुछ अभी देख लोगों, कुछ बाद के लिए भी रहने दो।

आख़िर में हुमा आयी तो उसका चेहरा बहुत प्यारा थाl, गालो में जब वह मुस्कुराती थी तो डिंपल पड़ते थे जिससे उसकी खूबसूरती में भी चार चाँद लग जाते थे। उसकी भी छोटी-सी योनि थी जिसपे हलके-हलके रुए थे जो बाहर नरम और सुनहरे रंग के थेl जिसका पहला मुआयना टॉम ने आगे हो कर किया और सब एक लाइन में खड़ी हो गयी l हमारे प्रेम के प्रचंड इंजनों को देखते हुए सब बहुत शर्मा रही थीl

हम सब से एक बार फिर सबका एक साथ मुआयना किया l फिर सबकी तारीफ करते हुए, मैंने कहा आप सब शानदार आकर्षक हुस्न की मल्लिका हैl आप सब में से एक को सर्वश्रेष्ठ चुनना बहुत मुश्किल है, और मैं आप सब को घर वापिस पहुँचने पर एक भेंट देना चाहूंगा।

मैंने कहा अब आगे खेल शुरू करते हैं तो टॉम झोपडी में से एक गेंद उठा लाया और उसे तालाब में फेंक दिया l फिर दो दल बनाये गए स्वाभिक तौर पर एक दल जिसमे सब लड़किया थी और दूसरा लड़को का और फिर सब लड़कियों ने एक गोल घेरा बना लिया जिसके अंदर हम तीनो लड़के थे और अब लड़कियों ने लड़को को गेंद मारनी थी और लड़को ने बचना था।

सब लड़कियों ने अपना-अपना निशाना चुन लिया था जहाँ रुखसाना और जेन ने बॉब को चुना था, वही दोनों स्कूल के सहेलियों अलका और हुमा ने टॉम को चुना और मेरी फूफेरी हमउम्र बहनो लूसी और सिंडी ने मुझे चुना। यहाँ तक की कई बार जब मैं रुखसाना से निशाने में था, तब भी उसने मेरी जगह बॉब पर ही निशाना साधा और इसे तरह हुमा भी टॉम पर निशाना साधती रही और सिंडी मुझ पर चुना। जब सब आउट हो गए तो अब लड़को ने लड़कियों को जल्द ही आउट कर लिया तो उसके बाद जिसने जिसको आउट किया था, वह उसके साथ पानी में खेलने लगा। बॉब रुखसाना के साथ टॉम हुमा के साथ और मैं बारी-बारी से चारो बहनो पर पानी डालता रहा।

फिर मैं सिंडी को पकड़ कर तालाब में एक तरफ़ चला गया और उसके साथ खेलने लगा मैंने पानी में उसके स्तनों को धोया। मैंने देखा अब सभी यही कर रहे थे कोई किसी की पीठ और कोई केले के तने जैसी चिकनी टांगो को मल रहा था। मैंने महसूस किया सिंडी के हाथ मेरे सारे बदन पर चल रहे थे और रुखसाना के हाथ मेरे खड़े लंड से खेल रहे थे और उसका दूसरा हाथ बॉब की लंड से खेल रहा था। वही टॉम उसके स्तनों से खेल रहा था फिर सब एक साथ हो गए और पता नहीं कौन किसके साथ क्या कर रहा था। किसके बदन पर कितने हाथ थे बस हाथ जिस्मो पर चल रहे थे।

आगे क्या हुआ... ये कहानी जारी रहेगी...

आपका दीपक...[/font]
 
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे अंतरंग हमसफ़र

तृतीय अध्याय

खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग -4

नग्न सामूहिक कामुक खेल
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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]सभी पूरे नग्न थे और शर्म त्याग चुके थे और इन खेलो का पूरा आंनद ले रहे थे l इन मस्तियो और कामुक खेलो के कारण भी हम सब की आपस में शर्म और झिझक बिलकुल ख़त्म हो गयी थीl

फिर तालाब में सब एक साथ हो गए और पता नहीं कौन किसके-किसके बदन पर कितने हाथ थे ये तो नहीं पता बस हाथ जिस्मो पर चल रहे थे।

फिर सबसे पहले लूसी तालाब से निकलते हुए बोली मैं तो अब थक गयी हूँ, कुछ देर धुप में लेटूंगीl उसके पीछे-पीछे सभी तालाब से बाहर निकल आये और हरी घास पर लेट गए। कुछ देर बाद जब सब सूख गए, तो हुमा बोली अब क्या करना है! बताइये दीपक?

तो मैंने कहा अब एक खेल पकड़ा पकड़ी का हो जाए। तो मैंने कहा अब लड़किया 6 हैं और लड़के तीनl ऐसा करते हैं तीन दल बना लेते है पहले लड़किया अपना साथी लड़की चुन ले। और फिर दोनों मिल कर एक लड़के को पकड़ेंगे। फिर जो लड़की लड़के को पकड़ेगी उस को दूसरी लड़की और लड़का मिल कर पकड़ेंगे। कोई भी पानी में नहीं जाएगा l कोई भी किसी को किश नहीं करेगा और पकड़नेवाले अपना एक-एक हाथ पकड़ कर भागने वाले लड़के या लड़की को पकड़ेंगे। जो जीतेगा उसे इनाम मिलेगा और जो हारेगा उसे सजा मिलेगी। क्या मिलेगा ये सरप्रीइज है।

तो तीन दल इस प्रकार बने। रुखसाना और जेन, हुमा और उसकी सहेली अलका और दोनों बहने लूसी तथा सिंडी। और अब तीनो को एक-एक लड़के को पकड़ना था l मैंने कहा एक प्रथम राउंड हो जाए जिसकी हार जीत गिनी नहीं जायेगी इसके लिए समय रहेगा 10 मिनट अगर 10 मिनट में नहीं पकड़ पाए तो वह जोड़ी हारी हुई हुए मानी जाएगी।

तो बॉब बोला ठीक है फिर जो पकड़ा जाएगा उसे पकड़ने वाले तो कुछ इनाम देना होगा .. तो लड़किया बोली क्या इनाम होगा ये आपस ने तय कर लेंगेl

रुखसाना उम्मीद के अनुसार बॉब के पीछे भागी। रुखसाना कोशिश कर रही थी। बॉब को रुखसाना ही पकडे ताकि उसके बाद फिर वह बॉब का हाथ पकड़ कर जेन के पीछे भागे। जब बॉब ने रुखसाना की इच्छा को समझा तो जान भुझ कर जेन की पकड़ में आ गयाl उसके बाद दोनों ने उसके साथ लिपट कर उसे पकड़ लिया। जब जेन और रुखसाना बॉब के पीछे भाग रही थी उसे पकड़ने तो देखे में बड़ा मज़ा आ रहा थाl नग्न बॉब का हथियार बड़ी तेजी के साथ झूल रहा था और वही भागती हुई लड़कियों के ऊपर नीचे होते हुए स्तन भी बड़ा मजेदार नज़ारा पेश कर रहे थे।

जेन ने तय किया पकडे जाने वाले को पकड़नेवाले को चुम्बन देना होगा, जिसे सबने मान लिया l

उसके बाद सब बोले इस के लिए 5 मिनट का समय काफ़ी रहेगाl अब सब भागेंगे तो फिर खेल शुरू हुआ l मैं पहले बहुत तेज भागा और लड़कियों से बहुत दूर जाकर खड़ा हो गया, और बाक़ी सबको भागते हुए देखने लगा l भागते हुए बॉब और टॉम के हिलते हुए खड़े लंड, भागती हुई नग्न लड़कियों, उनके हिलते हुए स्तन, एक अलग ही मंज़र पेश कर रही थीl मैं उन्हें ही देखता रह गया और लड़कियों लूसी तथा सिंडी ने मुझे आकर पकड़ लिया और मेरे को कस कर पकड़ने के लिए मुझ से लिपट गयी ताकि मैं भाग न सकूl सच में जब वह दोनों मुझ से लिपटी, एक मेरेी छाती ले लिपट गयी और मेरी पीठ से लिपट गयी और उनके स्तन मेरी पीठ और छाती से चिपक गएl

दोनों में मुझसे चुम्बन माँगा जो मैंने सहर्ष दे दिया l

मैं बता नहीं सकता क्या एहसास थाl बहुत मज़ा आया और मन कर रहा था दोनों मेरे साथ ऐसे ही चिपकी रहेl किसी ने शोर नहीं मचाया के पकड़ लिया पकड़ लियाl दूर से जेन चिल्लाई लूसी ने दीपक को पकड़ लियाl अब दीपक और सिंडी मिल कर लूसी को पकड़ेंगे l फिर हम तीनो भागे और इस बार सिंडी ने भागती हुई लूसी को पकड़ लिया और फिर मैं और सिंडी लूसी के पीछे भागे और उसे मैंने पकड़ा। इसमें पकड़ने के बाद लिपटने में बहुत मज़ा आ रहा था और सब बहुत खुश हो रहे थे और ज़ोर जोर से हस रहे थेl

इसी तरह सब दो-दो बारी पकडे गए तो बॉब बोला ठीक है फिर जो पकड़ा जाएगा उसे पकड़ने वाले तो कुछ और इनाम देना होगाl लड़किया बोली क्या इनाम होगा ये आपस ने तय कर लेंगे पर बॉब लड़कियों की पकड़ में नहीं आया l जबकि उसने रुखसाना को पकड़ लिया और पकड़ने के बाद रुकसाना से चुम्बन माँगा, जो उसने धीरे से उसके गालो पर कर दियाl

इसमें सब बहुत थक गएl रुखसाना बोली इतना तेज भागने से मैं तो बहुत थक गयी हूँ और पसीना-पसीना हो गयी हूँl मैं तो अब और नहीं भागुंगी और तालाब में नहाने जा रही हूँl सबने इस विचार का समर्थन किया l अब कोई नहीं भागेगा और सब तालाब में जा कर नहा लेते हैंl

फिर सब तालाब में चले गए और नहाये और दस मिनट बाद बॉब बोला अब तो भूख भी लगने लगी है। मैंने बोला झोपडी में कुछ खाने पीने और हलके नाश्ते इंतज़ाम हैl वहाँ चलते हैं सब बाहर निकले और कुछ देर धुप में बिठा कर ख़ुद को सुखाया l

फिर बॉब ने रुखसाना को कमर में बाहे डाल कर पकड़ा और गर्मियों के घर में ले गयाl उसके पीछे-पीछे मैं और टॉम उनकी बहनों, हम भी उस झोपडी में चले गए। टॉम ने सबको शैम्पेन और खाने का समान जैसे बिस्कुट केक नमकीन और फल सबको पेश किये। रुखसाना और हुमा पहले तो हिचकी फिर दोस्ती के नाम पर सबने जाम उठाये और हम तीनो प्रत्येक घुटने पर एक युवा महिला के साथ बैठ गए l मेरा अज़ीज़ दोस्त बॉब के साथ रुख़्सान और जेन थी, टॉम के साथ दो करीबी सहेलिया हुमा और अलका थी।

जबकि मेरी फूफेरी बहने लूसी अवं सिंडी मेरे साथ बैठीl हमने लड़कियों को शैंपेन के कई गिलास दिए, जो उन्हें शर्म की भावना से उबरने के लिए निगल लिएl जब वे हमारी गर्दन के साथ लिपटी हुई थी, तब हमने उनके उत्तेजित शरीर के कम्पन को महसूस किया l उनके हाथ और हमारे हाथ छाती पर, स्तनों पर और शर्ट के नीचे और हर निषिद्ध स्थान पर महसूस हो रहे थे और ये सब क़ुदरती होने के साथ ही हम सबकामुक और उत्तेजित हो गए थेl

हम में से प्रत्येक के पास हमारे लंड पर दो नाज़ुक हाथ, दो बाहे हमारे गर्दन के चारों ओर, दो चेहरे हमारे दोनों तरफ़ गाल के साथ गाल चिपकी हुई, दो जोड़ी होंठो के दो सेट चुम्बन के लिए, नम और चमकदार आंखों, दो जोड़ी उन्नत गोल और सुदृढ़ स्तनों की थी और हम उन्हें चूमते-चूमते चूसते और दबाते हुए पूरे मजे ले रहे थेl जो जोड़ी हाथ हमारे कठोर लंड के ऊपर नीचे हो रहे थे जिसके कारण जल्द ही हमने उनकी हाथ और उनके स्तनों पर पिचकारियाँ मार दीl

शराब से उत्साहित और अत्यंत प्रिय लड़कियों को आनंद देने के लिए उत्तेजित हो, मैं ने लूसी की टांगों को चौड़ा किया और मेरे घुटनों पर बैठकर, उसकी कुंवारी योनी को तब तक सहलायाl चूमा और चूसा, जब तक वह चरमोत्कर्ष पर पहुँच कर ख़र्च नहीं हो गईl जबकि प्रिय सिंडी भी मेरे साथ वही अपने मुँह और हाथो से कर रही थी और उसने मेरे लंड की कठोरता द्वारा ख़र्च की गयी आखिरी बूंद को भी बड़े प्रेम से चूस लियाl जब उसने सब चाट लिया तो लूसी ने भी अपना मुँह सिंडी के मुँह से लगा कर, मेरा सारा वीर्य जो सिंडी के मुँह पर लगा था उसे भी चाट लिया।

इस बीच बॉब मेरी नक़ल करते हुए मेरे उदाहरण का अनुसरण कर रहा था l रुखसाना ने उसकी कामुक जीभ के आगे सम्पूर्ण समर्पण किएl जब प्यार की सनक उसे ख़र्च बिंदु पर ले आईl वह ख़ुशी से चिल्लायी और उसने उसके सिर को अपने जाँघि के बीच माउंट की ओर दबायाl जबकि जेन उस समय अपने भाई के पेट और लंड और फिर उसके अंडकोषों पर बेतहाशा चुंबन करती रही और बॉब भी एक तेज उत्सर्जन करने के बाद, दोनों को चूमते हुए उनके स्तन दबाता रहा l

उधर टॉम पहले तो हुमा की बाल रहित योनि के कर हाथ फेरता रहा l फिर छोटी-सी योनि देखकर अति उत्साहित होकर उसमे ऊँगली घुसाने की कोशिश कर रहा था l उसके बहुत संकरी और टाइट होने के कारण असफल रहाl पहले तो उसने उसके स्तनों को चूमा चाटा और फिर उसके चूचको को खिंचाl फिर चूसा और हाथ से अलका का एक हाथ अपने लंड पर रख कर, अलका का दूसरा हाथ हुमा की योनि के दाने को छेड़ने के लिए प्रेरित कर, उसके दोनों स्तन और चूचक एक-एक करके तब तक चूसता रहा, जब तक वह इस दोहरे हमले से चरमोत्कर्ष पर पहुँच कर ख़र्च नहीं हो गयी l उधर अलका ने अपने हाथ चलाते हुए उसके लंड को चूसा जिससे वह भी उसके बाद एक बार फिर स्खलित हो गया l

इसके बाद एक राउंड और हुआ जिसमे कोई भी किसी के भी साथ प्रेमालाप करने के लिए स्वतंत्र था l जल्द ही बॉब तो टॉम इसमें एक बार फिर उत्तेजना के चार्म पर पहुँच कर निढाल हो गिर गएl सभी लड़किया मेरे साथ लग गयी और मैंने सभी को चरम पर लेजाकर सबसे आखिर में हुमा के स्तनों पर अपने वीर्य की पिचकारियां मारीl

जब हम इस रोमांचक ग्रुप सेक्स के बाद हम सब थोड़ा संयत हुए, तो हमारे बीच के सभी उतावलेपन गायब हो गएl हमने एक दुसरे से कल मिल कर कार्यक्रम फिर दोहराने का वादा किया और वर्तमान में सभी ने एक साथ स्नान करके ख़ुद को संतुष्ट कियाl लड़किये के कपडे लौटाए और उन्हें बड़ी उत्सुकता से कपडे पहनते हुए देखते रहेl हालाँकि कपडे पहनते हुए देखने का अनुभव कपडे उतारते हुए देखने से थोड़ा कम उत्तेजक था, पर फिर भी हमारे लिंग उन्हें देखते हुए बड़ी जल्दी कठोर होने लगेl

बहुत लंबे समय तक लड़कियों के बाहर रहने के कारण कोई कुछ ग़लत होने का संदेह कर सकता है इस डर से घर लौट आए।

जब हम घर वापिस पहुँचे तो बुआ और फूफा लौट आये थे और दोपहर का खाना लग ही रहा था। उनके साथ मेरी छोटी बुआ (अलका की माँ) भी थी और तीनो बहुत खुश नज़र आ रहे थे। सब लड़किये के चेहरे की लाली को देख कर बुआ बोली सुबह की सैर का सब लड़कियों के स्वस्थ्य पर अच्छा असर हो रहा हैl सबको मेरे साथ ये सैर जारी रखनी चाहिएl अलका ने रुखसाना और हुमा का परिचय दोनों बुआओँ और फूफा जी से करवाया l और उनसे उनके आने और एक हफ्ते रुकने का मंतव्य बताया, तो उन्हों ने उनका स्वागत किया और ख़ुशी से उन्हें सबके साथ रुकने की इजाज़त दी l साथ ही अलका से भी कहा अगर वह चाहे तो वह भी सब के साथ रुक सकती है और रूबी और आशा अम्मा से सबके रुकने और रहने का इन्तेजाम करने को कहा।

दोपहर का खाना खाने के बाद बॉब ने कहा वह थोड़ा थक गया है, इस लम्बी सैर के बाद और आराम करना चाहता है और अपने कमरे में चला गया, हमेशा जैसा की वह ज़रूर खाने के बाद स्मोक करता है, पर आज उसने मुझे और टॉम को सिगरेट पीने के लिए भी आमनत्रित नहीं किया जो मुझे बहुत अजीब लगा।

उसके बाद छोटी बुआ ने सभी को अपने घर आने के लिए आमंत्रित किया तो सबने बोला सभी अभी तो लम्बी सैर के बाद और फिर वहाँ कुछ खेल खेलने के कारण थक गए हैl इसलिए आराम करना चाहते हैं हाँ रात के खाने पर वही मिलते हैं और अलका सब को वहाँ ले आएगी l तब उसने अपनी बड़ी बहन (मेरी बड़ी बुआ) और फूफा जी को भी आमंत्रित किया की चलिए दोपहर के खाने के बाद चाय वहाँ पीते हैंl वह छोटी बुआ के साथ चले गए और जाते-जाते रूबी, टीना और मोना को छोटी बुआ की शाम के डिनर में सहायता करने के लिए बोल कर चले गएl

उनके जाने के बाद अलका और जेन, लूसी और सिंडी मेरे पास आ कर बोली आज हम दोनों की माँ बहुत खुश हैl ज़रूर इस टूर पर ऐसा कुछ हुआ है जिससे इनके रिश्ते सुधर गए हैं, इसी कारण ये तीनो इतने खुश हैंl नहीं तो, कभी भी छोटी बुआ यहाँ नहीं आती थी और बड़ी बुआ का छोटी बुआ के घर चले जाना तो आठवां आश्चर्य है l तो मैंने पुछा क्या आपको मालूम है ये आपस में क्यों नाराज थी। तो दोनों बोली हमे ज़्यादा कुछ कभी किसी ने नहीं बताया। हमने तो सिर्फ़ इनके व्यवहार में आये परिवर्तन से अंदाजा लगाया है l

तो मैंने कहा जेन सब आपके कमरे में चलते हैं, वहाँ आशा अम्मा को बुला कर पूंछते है l वे सबसे पुरानी है उन्हें सब पता होगा l

जेन के कमरे में जा कर हमने रूबी को आशा अम्मा को बुला कर लाने को कहा और उनके आने के बाद उन्हें घेर लिया और फिर मैंने उनसे बुआ और फूफा का सारा माजरा पुछा।

आगे क्या हुआ, मेरी दोनों बुआ की क्या कहानी थी? ये अगले भाग में पढ़िए।

ये कामुक कहानी जारी रहेगी l

आपका दीपक[/font]
 
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तृतीय अध्याय

खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग -5


सौतेली बहने


तो प्रीती ने उत्सुकता से पुछा तो आपकी दोनों बुआ का क्या किस्सा था?

फिर मैं आगे कहानी सुनाते हुए बोला प्रीती, तुम्हे ये राज इसलिए बता रहा हूँ क्यंकि अब तुम मुझ से शादी करने के बाद मेरे परिवार का हिस्सा बन गयी हो l मुझे लगता है तुम्हे ये राज पता होने चाहिए ताकि तुम्हे भविष्य में कोई दिक्कत न हो।

तो हमने आशा अम्मा को बुला कर अपनी बुआ के बारे में पूछा तो आशा अम्मा पहले तो बोली ऐसी कोई बात नहीं हैl मैंने जब ज़ोर दिया और कहा आप बताइये ये जानने की मेरी इच्छा है। तो वह बोली वैसे तो ये परिवार का मसला है तो इसे परिवार के बाहर बताना मेरे लिए उचित नहीं और फिर मुझे किसी अन्य को बताने के लिए मुझे मना भी किया गया हैl मैंने जब ज़ोर दिया और कहा यहाँ तो सभी परिवार के हो लोग हैंl तो वह बोली आपकी ऐसी इच्छा है इसलिए मुझे जितना मालूम है उतना आपको बता देती हूँ।

तो आशा अम्मा बोली जैसे कि आप जानते तो छोटे कुमार आपके परिवार में पुरुष रसिक रहे हैं। उनकी एक से अधिक पत्निया रही हैं और विवाहेतर सम्बन्ध भी रहे है तो आपके दादा जी की भी वैसे तो कई पत्निया थीl उसके इलावा भी जो मेरी जानकारी में थी कुछ अन्य स्त्रियों से उनके सम्बन्ध थे जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं। उन सबके बारे में आपको एक डायरी जो आपके दादा जी अपने कमरे में आपके लिए छोड़ गए हैं उसमे पता लग जाएगा l आप उस पढ़ लीजियेगा।

तो मैंने कहा ठीक है आशा अम्मा वह मैं देख लूँगा आप बड़ी और छोटी बुआ के बारे में बताये। तो आशा अम्मा बोली आपके दादा जी की दो मुख्य पत्निया थी जिनसे उन्हें विशेष लगाव था l एक आपकी दादी थी, जिनसे आपके पिताजी और बड़ी बुआ है और दूसरी अलका की नानी थीl जो उनकी सबसे छोटी और प्रिय पत्नी थी जिससे उनके एक संतान थी आपकी छोटी बुआ अर्थात अलका की माँ, उन दिनों दोनों बहनो में अच्छी बनती थी। चुकी आपके दादा जी की अनेक सन्तानो में केवल एक ही लड़का, जो की आपके पिताजी हैं, इसलिए वह आपकी दादी का बहुत मान करते थे और उसकी कोई बात नहीं टालते थे।

समय के अनुसार जब आपके पिताजी बड़े हो गए तो वे पहले विदेश में पढ़ने गएl फिर उसके बाद भी आपके दादाजी के जैसे ही विदेश जाते रहते थे और पढाई के दौरान वहाँ उनकी मित्रता जेन आपके पिताजी से हुई। जेन के पिताजी को व्यापार में बहुत बड़ा नुक्सान हुआ तो कुमार आपके पिताजी ने अपने दोस्त की बिज़नेस दुबारा खड़ा करने में बड़ी मदद की।

फिर एक दिन दोनों मित्रो से अपनी दोस्ती को रिश्तेदारी में बदलने का प्रस्ताव रखा और अपनी बहन की शादी उनसे करने का प्रस्ताव रखाl आपके फूफा जी ने भी अपने बहन के विवाह का प्रस्ताव आपके पिताजी के साथ रखा। उसके जब जेन आपके पिताजी, यहाँ आये तो उन्हें सबसे पहले छोटी बुआ मिली जो की उस समय जवान हो गयी थी और बहुत सुन्दर थी और आज भी बहुत सुन्दर हैं और उन्हें देखते ही छोटी बुआ पसंद आ गयी और उन्होंने उसे ही दिमाग़ में रखते हुए अपनी विवाह के लिए स्वीकृति दे दीl तुम्हारी दादी ने उनसे तुम्हारी बड़ी बुआ का विवाह करने का प्रस्ताव किया और चुकी उनकी चलती थी और तुम्हारे फूफा जी चुकी तुम्हारे पिताजी के अहसान के नीचे दबे हुए थे वह अपनी मन की बात तो नहीं बोल सके।

तो तुम्हारी बड़ी बुआ का उनसे विवाह हो गया और उन्होंने उससे पहले ही चुपचाप तुम्हारी छोटी बुआ से सम्बन्ध कर लिया था, जिसके कारण अलका हुई। वक़्त के साथ तुम्हारी बड़ी बुआ के कोई लड़का नहीं हुआ तो उन्हों ने और भी विवाह कर लिए और उनसे तुम्हारे फूफेरे भाई और अन्य बहने हुई। पर तुम्हारे फूफा जी के तुम्हारी बड़ी बुआ के साथ सम्बन्ध बहुत अच्छे नहीं रहे।

तुम्हारी छोटी बुआ बड़ी बुआ के कारण कभी तुम्हारे फूफा जी के पास लंदन नहीं गयी पर उससे मिलने तुम्हारे फूफा जी साल में कई बार आते रहे। इसेी कारण दोनों बहनो के भी सम्बन्ध बिगड़ गए।

पर आज तो दोनों बहने फिर हस बोल रही थी l पता नहीं ये जादू कैसे हुआ पर अच्छा है के परिवार के सम्बन्ध सुधर गएl मुझे बस इतना ही पता है इस बारे में ये कह कर आशा अम्मा चली गयी।

मैं बोलै निश्चित तौर पर जब बहनो के सम्बन्ध सुधरे, तो पति पत्नी के भी सम्बन्ध सुधर गए लगते हैं इसे कारण से तीनो खुश थी।

तो मैंने अलका को और जेन लूसी और सिंडी को बधाई दी और जेन ने अलका को अपने साथ लंदन आने का आमंत्रण दिया। जेन मुझे बोली आपको एक बात बताऊl मेरी एक (आंटी) बुआ है मुझे लगता है उसके साथ मामाजी ने विवाह किया हुआ है और जब भी वे लंदन आते है तो हमारे घर केवल दिन में ही रुकते हैं।

मैने कहा अब जब लंदन आऊँगा तो उनसे ज़रूर मिलूंगा। उसके बाद जेन और बाक़ी बहनो ने मुझे चुम्बन करके बिदा किया और सब बहने अपने कमरों में आराम करने चली गयी।

तभी दो ही मिनट में अलका वापिस आ गयी और मेरा हाथ पकड़ कर बोली दीपक चलो तुम्हे कुछ दिखाना हैl

तभी दो ही मिनट में अलका वापिस आ गयी और मेरा हाथ पकड़ कसर बोली दीपक चलो तुम्हे कुछ दिखाना है मैंने कहा क्या हुआ कहाँ क्या दिखाना है तो बोली चलो तो lअलका मुझे खींचती हुई अपने घर की और ले चली और रास्ते में जेन मिली तो उसे भी साथ ले चलीl फिर अपने घर में उसे गुप्त रास्ते से प्रवेश किया और हमे फुसफुसाते हुए बोली कोई आवाज मत करना और छुप कर चुपचाप देखनाl हम एक तरफ छुप गएl

हमने देखा छोटी बुआ बड़ी बुआ को पकड़ कर फूफा जी के पास ले आयी और दोनों फूफा जी के साथ दोनों तरफ चिपक कर बैठ गयी और उन्हें एक साथ किश करने लगीl

फूफा जी बोले मैं आप दोनों को बेहद चाहता हूँl इतना सुनना था कि बड़ी बुआ ने फूफा को अपने सीने में दाब लिया। उनके होंठ मिल गए।

बड़ी बुआ अपने को रोक नहीं पाई और फूफा के चेहरे को अपनी हथेली में भरकर उठाया। फूफा की आँखों के कोनों पर दो आँसू चमक रहे हैं। दोनों बुआ यह देख कर तड़प उठी। बड़ी बुआ ने अपनी उँगलियों से उनको पोंछ कर उनके चेहरे को अपने सीने पर खींच लिया। वो किसी बच्चे की तरह बुआ की छातियों से अपना चेहरा सटाये हुए थे।

इतने में छोटी बुआ भी फूफा जी के होंठो को किश करने आ गयी और फूफा जी ने अपने होंठ खोल कर उनके होंठों का स्वागत किया। फूफा जी ने दोनों बहनो को इस तरह चूमना शुरू किया मानो बरसों के भूखे हों। कोटि बुआ उनके चौड़े सीने के बालों में अपनी उँगलियाँ फेर रही थी। छोटी बुआ ने बड़ी बुआ के जिस्म पर बंधी गाउन की उस डोर को खींच कर खोल दिया।

अब बड़ी बुआ सिर्फ सैंडल पहने, पूरी तरह नंगी उनके सामने थी। छोटी बुआ ने भी फूफा के पायजामे के ऊपर से उनके लंड को अपने हाथों से थाम कर सहलाना शुरू किया।

फिर छोटी बुआ ने पायजामे की डोरी को खोल कर उनके लंड को बाहर निकाला। उनका लंड काफी मोटा था। उनके लंड के ऊपर का सुपाड़ा एक टेनिस की गेंद की तरह मोटा था।

फूफा जी गोरे-चिट्टे थे, लेकिन लंड काफी काला था। उनके लंड के मुँह से पानी जैसा चिपचिपा रस निकल रहा है। वो मेरी बुआओँ की हरकतों को गौर से देख रहे थे।

छोटी बुआ ने अपनी जीभ पूरी बाहर निकाली और स्लो-मोशन में अपने सिर को उनके लंड पर झुकाया। बड़ी बुआ की आँखें लगातार फूफा के चेहरे पर टिकी हुई थी और दोनों बेतहाशा किश कर रहे थे।

तभी बड़ी बुआ ने भी छोटी बुआ के गाउन की डोरी खींच कर अलग कर दिया और फिर छोटी बहन के जिस्म पर हाथ फेरने लगीl

छोटी बुआ ने अपनी जीभ उनके लंड के टिप पर लगाई और उससे निकलने वाले रस को चाट कर अपनी जीभ पर ले लिया। फिर उसी तरह धीरे-धीरे मैंने अपना सिर उठा कर अपनी जीभ पर लगे उनके रस को उनकी आँखों के सामने किया और मुँह खोल कर जीभ अंदर कर ली।

छोटी बुआ को अपना रस पीते देख वो खुशी से भर उठे और वापस बड़ी बुआ के चेहरे पर अपने होंठ फिराने लगे। वो बड़सी बुआ के होंठों को, कानों को, आँखों को, गालों को चूमे जा रहे थेl बड़ी बुआ का हाथ भी फूफा के लणड और अंडकोषों पर चला गया और उनके अंडकोषों को को अपनी मुठ्ठी में भर कर सहला रही थी।

बड़ी बुआ ने उनके सिर को पकड़ कर नीचे अपनी चूचियों से लगाया। उन्होंने जीभ निकाल कर दोनों चूचियों के बीच की गहरी खाई में फ़िराई। फिर एक मम्मे को अपने हाथों से पकड़ कर उसके निप्पल को अपने मुँह में भर लिया। बुआ के निप्पल पहले से ही तन कर कड़े हो गये थे।

वो एक निप्पल को चूस रहे थे और दूसरे मम्मे को अपनी हथेली में भर कर मसल रहे थे। पहले तो उन्होंने धीरे-धीरे मसला मगर कुछ ही देर में दोनों मम्मे पूरी ताकत से मसल-मसल कर लाल कर दिये। बड़ी बुआ उत्तेजना में सुलगने लगी।

बड़ी बुआ "सीईऽऽ... आआ...आहहऽऽऽऽ... मममऽऽऽ... ऊँऊँऽऽऽऽ" जैसी आवाजें निकालने से खुद को नहीं रोक पा रही थी।

उनके होंठ दोनों मम्मों पर घूमने लगे और जगह-जगह बुआ के मम्मों को काट-काट कर अपने मिलन की निशानी छोड़ने लगे। पूरे मम्मों पर लाल-लाल दाँतों के निशान उभर आये। और साथ के साथ फूफा जी के हाथ छोटी बुआ के मम्मो पर भी चल रही थे और उनके निप्पलों को मसल रहे थेl

"आगे भी कुछ करोगे या इनसे ही चिपके रहने की मर्ज़ी है?" छोटी बुआ उनको प्यार भरी एक झिड़की दी।

निप्पल लगातार चूसते रहने की वजह से दुखने लगे थे, मम्मों पर जगह-जगह उनके दाँतों के काटने से लाल-लाल निशान उभरने लगे थे।

बड़ी बुआ काफी उत्तेजित हो गई थी, लग रहा था काफी दिनों के बाद सेक्स कर रही हैं ।

इतना सुनना था कि उन्होंने बड़ी बुआ को अपने सीने में दाब लिया। उनके होंठ मिल गए ।

आगे क्या हुआ ...ये कहानी जारी रहेगी ।

आपका दीपकl

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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]दीपक कुमार[/font]
 
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][size=x-large]मेरे अंतरंग हमसफ़र

तृतीय अध्याय

खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग -6


सौत बनी साथी[/font]
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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फूफा जी ने बड़ी बुआ की चुत को सहलाना शुरू कर दियाl थोड़ी ही देर में बड़ी बुआ की चुत गीली होने लगीl वह ज़ोर जोर से कामुक सिसकरियाँ भरने लगीl[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फूफा जीने एक उंगली बड़ी बुआ की चुत के अन्दर डाल दी, तो बड़ी बुआ ने ज़ोर की सिसकारी लीl[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरा लंड अब तक बहुत ज़्यादा सख्त हो चुका थाl[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]थोड़ी देर तक फूफा जी बड़ी बुआ की चुत में अपनी उंगली अन्दर बाहर करते रहे l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फूफा जी ने बड़ी बुआ की टाँगें पकड़ कर नीचे की ओर खींचा तो बड़ी बुआ बिस्तर पर लेट गई। अब फूफा जी ने बड़ी बुआ की दोनों टाँगें उठा कर फूफा जीके नीचे दो तकिये लगा दिये, जिससे बुआ की चूत ऊपर को उठ गई। बड़ी बुआ ने अपनी टाँगों को चौड़ा करके छत की ओर उठा दिया, फिर फूफा जी के सिर को पकड़ कर अपनी चूत के ऊपर दबा दिया। फूफा जी अपनी जीभ निकाल कर बड़ी बुआ की चूत के अंदर उसे डाल कर घुमाने लगे। बुआ के पूरे जिस्म में सिहरन-सी दौड़ने लगी। बड़ी बुआ अपनी कमर को और ऊपर उठाने लगी जिससे फूफा जी की जीभ ज़्यादा अंदर तक जा सके।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बड़ी बुआ के हाथ बिस्तर को मजबूती से थामे हुए थे, बुआ मुँह खुल गया। बुआ ज़ोर से चीख पड़ी-हाँऽऽऽ और अंदर आआहहह ऊऊहह इतने दिन कहाँ थे पागल हो जाऊँगी l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]ऊऊहहह ऊऊईई छोटी ये क्या कर रहे हैं मुझे संभालो मेरा छूटने वाला हैl[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]एकदम से बड़ी बुआ की चूत से रस की बाढ़-सी आई और बाहर की ओर बह निकली। बड़ी बुआ का पूरा जिस्म किसी पत्ते की तरह काँप रहे थे काफ़ी देर तक बुआ झड़ना चलता रहा l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जब सारा रस फूफा जी के मुँह में उड़ेल दिया तो बड़ी बुआ ने फूफा जी के सर को पकड़ कर उठाया। फूफा जीकी मूछें, नाक, होंठ सब बुआ के रस से सने हुए थे। फूफा जी ने अपनी जीभ निकाली और अपने होंठों पर फिराई।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"छी... गंदे!" बड़ी बुआ ने फूफा जी से कहा।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"इसमें गंदी वाली क्या बात हुई? यह तो टॉनिक है। तुम मेरा टॉनिक पी कर देखना... अगर जिस्म में रंगत ना आ जाये तो कहना।"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"जानू अब आ जाओ!" बड़ी बुआ ने फूफा जी को अपने ऊपर खींचा, "मेरा जिस्म तप रहा है। नशे की खुमारी कम होने की बजाय बढ़ती जा रही है... इससे पहले कि पागल हो जाऊँ अंदर डाल दो।"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फूफा जी ने अपने लंड को बड़ी बुआ के मुँह से लगाया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"एक बार मुँह में तो लो... चूत में बाद में डालूँगा। पहले एक बार प्यार तो करो इसे!"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बड़ी बुआ ने फूफा जीके लंड को अपनी मुठ्ठी में पकड़ा और अपनी जीभ निकाल कर उसे चूसना और चाटना शुरू कर दिया। बुआ अपनी जीभ से फूफा जीके लंड को एकदम नीचे से ऊपर तक चाट रही थी और अपनी जीभ से फूफा जीके लंड के नीचे लटकते हुए अंडकोषों को भी चाट रही थी। फूफा जीका लंड बड़ा प्यारा लग रहा था। छोटी बुआ फूफा जी के लंड को चाटते हुए बड़ी बुआ और फूफा जी के चेहरे को देख रही थी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बड़ी बुआ का उत्तेजित चेहरा बड़ा प्यारा लग रहा था। दिल को सकून मिल रहा था कि छोटी बुआ बड़ी बुआ और फूफा जी ने मुझे इतना प्यार दिया था और तीनो के रिश्ते सुधर गए थे।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]छोटी बुआ ने मुस्कुराते हुए कहा-पहले बड़ी बुआ से प्यार की दो बातें कर लो बाद में अपने औजार पर ज्यादा-सा तेल लगा लेनाl फिर अपना औजार को बड़ी बुआ के छेद में बहुत ही धीरे-धीरे घुसा देनाl जल्दीबाजी मत करना, नहीं तो दीदी बहुत चिल्लाएगीl समझ गए नाl[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फूफा जीके लंड से चिपचिपा-सा बेरंग का प्री-कम निकल रहा था जिसे बड़ी बुआ बड़ी बेकरारी से चाट कर साफ़ कर देती थी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बुआ काफ़ी देर तक फूफा जीके लंड को तरह-तरह से चाटती रही। फूफा जीका लंड काफ़ी मोटा था इसलिये मुँह के अंदर ज़्यादा नहीं ले पा रही थी और इसलिये जीभ से चाट-चाट कर ही उसे गीला कर दिया था।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कुछ देर बाद फूफा जीका लंड झटके खाने लगा। फूफा जी ने बुआ के सिर पर हाथ रख कर रुकने का इशारा किया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"बस...ll बस...ll और नहीं! नहीं तो अंदर जाने से पहले ही निकल जायेगा।" कहते हुए फूफा जी ने बड़ी बुआ के हाथों से अपने लंड को छुड़ा लिया l[/font]




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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फूफा जी ने कहा आज तुम दोनों को क्या हो गया है कहाँ तो एक दुसरे से बात भी नहीं करती थी और अब ये सब एक साथ l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तो बड़ी बोली जानू इसका पूरा श्रेय दीपक को है ... वह कुछ दिन जब वह पहले छोटी से मिला तो किसी बात पर उसने कहा जब प्यार के लिए समय कम है तो झगड़ा क्यों करना अगर अपना दायरा बढ़ा लो और सबको जो मिले उसे मिल बाँट लो तो ज़्यादा ही मिलता है l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]यही बात उसने मुझे भी कही जब छोटी बुआ ने उससे पुछा बॉब और टॉम ने तुम्हे तंग तो नहीं किया। बस यही बात घर कर गयी और हमे लगा पहले जिस भी कारण से जो भी हुआ उसे भूल कर आगे बढ़ना चाहिए l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और हम बहने जब आपस में मिली तो किसी को भी कुछ नहीं कहना पड़ा बस आपस में गले लग गयी l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तो फूफा जी बोले तो फिर आ जाओ छोटी बुआ की जान तुम दोनों को आज बहुत प्यार करूंगा l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और बड़ी बुआ की टाँगों को फैला कर फूफा जीके बीच घुटने मोड़ कर झुक गए।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फूफा जी ने अपने लंड को बुआ की चूत से सटाया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"आपका बहुत मोटा है। बड़ी की चूत को फाड़ कर रख देगा।" छोटी बुआ ने घबराते हुए कहा, "धीरे-धीरे करना नहीं तो बड़ी दर्द से मर जायेगी" l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वो हंसने लगे।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"आप बहुत खराब हो! इधर तो जान की पड़ी है।" छोटी बुआ ने फूफा जी से कहा।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]छोटी बुआ ने भी अपने हाथों से बड़ी की चूत को चौड़ा कर फूफा जीके लंड के लिये रास्ता बनाया। फूफा जी ने अपने लंड को बड़ी बुआ की चूत के दर पर टिका दिया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]छोटी बुआ ने फूफा जीके लंड को पकड़ कर बड़ी की फैली हुई चूत के अंदर खींचा।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"अंदर कर दो..." छोटी बुआ की आवाज़ भारी हो गई थी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फूफा जी ने अपने जिस्म को बड़ी बुआ के जिस्म के ऊपर लिटा दिया। फूफा जीका लंड बड़ी बुआ की चूत की दीवारों को चौड़ा करता हुआ फूफा जी अंदर जाने लगा। बड़ी बुआ सब कुछ भूल कर फूफा जी के सीने से लग गई। बस सामने सिर्फ़ फूफा जी ज़ थे और कुछ नहीं। वह ही इस वक़्त बुआ के पति आशिक, बुआ के सैक्स पार्टनर और जो कुछ भी मानो, थे।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जैसे ही फूफा जी का लंड बुआ की चूत को चीरता हुआ आगे बढ़ा बुआ के मुँह से "आहहऽ" की आवाज निकली और फूफा जीका लंड पूरा का पूरा बुआ की चूत में धंस गया। और छोटी बुआ बड़ी बुआ के निप्पलों को सहलाने लगी और माथे पर प्यार से हाथ फिराने लगी l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फूफा जी इस पोजीशन में छोटी बुआ के होंठों को चूमने लगे। तो बड़ी बुआ अपने नितम्ब ऊपर उठा कर फूफा जी के लंड को और अंदर लेने का यत्न करने लगी l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फूफा जी बड़ी बुआ से बोले "अच्छा तो अब पता चला कि मुझसे मिलने के लिये तुम भी इतनी बेसब्र थी... कहकर वो अपने हाथों का सहारा लेकर बुआ के जिस्म से उठे और साथ-साथ उनका लंड भी बुआ की चूत को रगड़ता हुआ बाहर की ओर निकला और फिर वापस पूरे जोर से छोटी बुआ की चूत में अंदर तक धंस गया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"ऊऊऊहह दर्द कर रहा है। आपका वाकयी काफी बड़ा है। बुआ की चूत छिल गई। बुआ ने उनके आगे-पीछे होने की ताल से अपनी ताल भी मिलाई।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हर धक्के के साथ उनका लंड छोटी बुआ की बुआ की चूत में अंदर तक घुस जाता और उनकी कोमल झाँटें बुआ की मुलायम त्वचा पर रगड़ खा जाती। वो जोर-जोर से बुआ को ठोकने लगे उनके हर धक्के से पूरा बिस्तर हिलने लगता। काफी देर तक वो ऊपर से धक्के मारते रहे।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बुआ ने नीचे से अपनी टाँगें उठा कर उनकी कमर पर लपेट ली थी और उनके बालों भरे सीने में तने हुए निप्पल रगड़ रही थी। इस रगड़ से एक सिहरन सी पूरे जिस्म में दौड़ रही थी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बुआ ने अपने हाथों से उनके सिर को पकड़ कर अपने होंठ उनके होंठों पर लगा कर अपनी जीभ उनके मुँह में घुसा दी। छोटी बुआ इसी तरह उनके लंड को अपनी चूत में लेने के लिये अपनी कमर को उचका रही थी। उनके जोरदार धक्के बुआ पागल बना रहे थे। उन्होंने अपना चेहरा ऊपर किया तो बुआ उनके होंठों की छुअन के लिये तड़प कर उनकी गर्दन से लटक गई।[/font]


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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फूफा जी के शरीर में दम काफी था जो बुआ के जिस्म का बोझ उठा रखा था। बुआ अपने हाथों और पैरों के बल पर उनके जिस्म पर झूल रही थी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]इसी तरह बुआ को उठाये हुए वो लगातार चोदे जा रहे थे, बुआ "आआहह! माँआ! मम्म! ऊफ़्फ़! आआहह!" जैसी आवाजें निकाले जा रही थी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उनके धक्कों से तो बुआ निढाल हो गई थी। वो लगातार इसी तरह पंद्रह मिनट तक ठोकते रहे। इन पंद्रह मिनट में बुआ दो बार झड़ चुकी थी लेकिन उनकी रफ़्तार में कोई कमी नहीं आई थी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उनके सीने पर पसीने की कुछ बूँदें जरूर चमकने लगी थीं। बुआ ने अपनी जीभ निकाल कर उन नमकीन बूँदों को चाट लिया। वो बुआ की इस हरकत से और जोश में आ गए।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]पंद्रह मिनट बाद उन्होंने बड़ी बुआ की चूत से अपने लंड को खींच कर बाहर निकाला।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उन्होंने छोटी बुआ को किसी बार्बी डॉल की तरह एक झटके में उठाकर हाथों और पैरों के बल घोड़ी बना दिया। छोटी बुआ की चूत अब उनके सामने थी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"मम्म डाल दोओ आज मुझे जितना जी में आये मसल डालो... आआआह मेरी गर्मी शाँत कर दो।"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]छोटी बुआ छटपटा रही थी उनके लंड के लिये।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"एक मिनट ठहरो।" कहकर उन्होंने रुमाल उठाया और चूत को अच्छी तरह साफ़ करने लगे। यह जरूरी भी हो गया था, छोटी बुआ की चूत में इतना रस निकला था कि पूरी चूत चिकनी हो गई थी। उनके इतने मोटे लंड के रगड़ने का अब एहसास भी नहीं हो रहा था।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जब तक लंड के रगड़ने का दर्द नहीं महसूस होता तब तक मज़ा उतना नहीं आ पाता है। इसलिये छोटी बुआ भी उनके इस काम से बहुत खुश हुई। छोटी बुआ ने अपनी टाँगों को फैला कर अपनी चूत के अंदर तक का सारा पानी सोख लेने में मदद की। छोटी बुआ की चूत को अच्छी तरह साफ़ करने के बाद उन्होंने अपने लंड पर चुपड़े बड़ी बुआ के रस को भी रुमाल से साफ़ किया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]छोटी बुआ ने बेड के सिरहने को पकड़ रखा था और कमर उनकी तरफ़ कर रखी थी। उन्होंने वापस अपने लंड को छोटी बुआ चूत के द्वार पर लगा कर एक और जोरदार धक्का दिया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"हम्म उहफ़्फ़" छोटी बुआ के मुँह से एक आवाज निकली और छोटी बुआ ने उनके लंड को अपनी चूत में रगड़ते हुए अंदर जाते हुए वापस महसूस किया। वो दोबारा जोर-जोर से धक्के लगाने लगे। उनके धक्कों से छोटी बुआ के बड़े-बड़े स्तन किसी पेड़ पर लटके आमों की तरह झूल रहे थे।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]छोटी बुआ के गले पर पहना हुआ नेकलेस उनके धक्कों से उछल-उछल कर छोटी बुआ की चूचियों को और छोटी बुआ की ठुड्डी को टक्कर मार रहे थे l छोटी बुआ ने उसके लॉकेट को अपने दाँतों से दबा लिया जिससे कि वो झूले नहीं।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फूफा जी ने छोटी बुआ की इस हरकत को देख कर छोटी बुआ के नेकलेस को अपने हाथों में लेकर अपनी ओर खींचा। छोटी बुआ ने अपना मुँह खोल दिया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अब ऐसा लग रहे थे मानो वह किसी घोड़ी की सवारी कर रहे हों और नेकलेस उनके हाथों में दबी उसकी लगाम हो। वह इस तरह छोटी बुआ की लगाम थामे बुआ को पीछे से ठोकते जा रहे थे।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तभी छोटी बुआ बोली आज जानू अपना रस बड़ी में डालो। बड़ी बुआ को घोड़ी बना कर छोटी बुआ ने फूफा जी का लंड बड़ी बुआ की छूट पर लगा कर फूफा जी के नितम्बो को आगे की और दबा दिया और फूफा जी ज़ोर से बुआ को पीछे से ठोकने लगे .l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तभी छोटी बुआ बोली आज जानू अपना रस बड़ी में डालो। बड़ी बुआ को घोड़ी बना कर छोटी बुआ ने फूफा जी का लंड बड़ी बुआ की छूट पर लगा कर फूफा जी के नितम्बो को आगे की और दबा दिया और फूफा जी ज़ोर से बुआ को पीछे से ठोकने लगे।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"जानू ... ऊऊहह...जानू ... मेरा झड़ने वाला है... तुम भी मेरा साथ दो प्लीईऽऽऽज़!" बड़ी बुआ ने फूफा जी से बड़ी बुआ के साथ झड़ने की गुज़ारिश की।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फूफा जी ने बड़ी बुआ की पीठ पर झुक कर बड़ी बुआ के झूलते हुए दोनों मम्मों को अपनी मुठ्ठी में पकड़ लिया और पीछे से अपनी कमर को आगे पीछे ठेलते हुए जोर-जोर के धक्के मारने लगे।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बड़ी बुआ ने अपने सिर को झटका देकर अपने चेहरे पर बिखरी अपनी ज़ुल्फों को पीछे किया तो बड़ी बुआ के दोनों मम्मों को मसलते हुए फूफा जी के हाथों को देखा। उनके हाथ बड़ी बुआ के निप्पलों को अपनी चुटकियों में भर कर मसल रहे थे और छोटी बुआ फूफा जी को लिप करने लगी l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"अम्मंह...जानू ...जानू!" मैं झड़ रही हूँ...जानू तुम भी आ जाओ... तुम भी अपनी धार छोड़ कर मेल कर दो। "[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फूफा जी ने महसूस किया कि उनका लंड भी झटके लेने लगा है। उन्होंने छोटी बुआ की गर्दन के पास अपना चेहरा रख दिया। उनकी गर्म-गर्म साँस छोटी बुआ की गर्दन पर महसूस हो रही थी।[/font]


[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]deduplicate list online[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उन्होंने लगभग छोटी बुआ के कान में फुसफुसाते हुए कहा, " ... मेरा निकल रहा हैl[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]" आज दीदी को भर दो छोटी बुआ ने कहा और एक साथ बड़ी बुआ और फूफा जी दोनों के जिस्म से अमृत की धारा बह निकली।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उनकी उँगलियों ने छोटी बुआ की चूचियों को बुरी तरह निचोड़ और तीनो बिस्तर पर गिर पड़े, वह बड़ी बुआ के ऊपर ही पड़े हुए थे, तीनो के जिस्म पसीने से लथपथ हो रहे थे।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बड़ी बुआ बोली "आआहह जानू! आज आपने मुझे वाकई ठंडा कर दिया आपने मुझे वो... मज़ा... दिया जिसके... लिये मैं ... काफ़ी सालो से तड़प रही थीll मममऽऽऽ।" बुआ का चेहरा तकिये में धंसा हुआ था और वह बड़बड़ाये जा रही थी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फूफा जी बहुत खुश हो गये और बड़ी बुआ की नंगी पीठ को चूमने लगे और बीच-बीच में बड़ी बुआ की पीठ पर काट भी लेते।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके बाद मैं और अलका दोनों वहाँ से चुपचाप खिसक लिए और अलका ने मुझे चुम कर मेरे गले लग गयी और कहा थैंक यू तुमने मेरे माँ और मौसी को दुबारा एक करवा दियाl[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके बाद वह जेन के पास चली गयी[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे दिमाग़ में दुबारा वही खटक रहा था क्या कारण है की आज बॉब अपने कमरे में इतनी जल्दी चला गया और उसने साथ में सिगरेट पीने की पेशकश भी नहीं की। तो मैं बॉब के कमरे की तरफ़ चला गया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने जाकर बॉब का कमरा खटखटाया और जब उसने दरवाज़ा खोला तो किसी भी कोने से ये नहीं लगा की वह सो रहा था या सोने जा रहा था। मैंने उससे उसके आराम में खलल डालने के लिए क्षमा मांगी और फिर बोला भाई आज हमने दोपहर के खाने के बाद साथ में सिगरेट नहीं पि इसलिए मैं आपके पास आ गयाl लगता है आज वहाँ तालाब पर हुई गतिविधियों ने आपको थका दिया है।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बॉब बोलै नहीं ऐसी कोई बात नहीं है मैं माँ और पिताजी के सामने सिगरेट नहीं पीना चाहता था। वह अशिष्ट होता। फिर मुझे जोरदार तलब लगी थी और आप मेरी बहनो के साथ बात कर रहे थे l जिसमे मैं विघ्न नहीं डालना चाहता था इसीलिए जल्दी से अपने कमरे में आकर सिगरेट पीने लगा l अगर आपको कुछ अन्यथा लगा तो मुझे माफ़ कर दीजिये और मुझे सिगरेट जला कर दे दी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर मैंने बॉब के साथ उसके कमरे में सिगरेट पी। सुबह की घटनाओं ने हम दोनों को सबसे अशांत और उत्तेजित स्थिति में छोड़ दिया था। "मैं कहता हूँ, मेरे भाई," उसने कहा, " मेरे लिए रुखसाना के लिए कल का इंतज़ार करना काफ़ी मुश्किल है। इसके अलावा, जब हम बहुत सारे लोग एक साथ हो तो ऐसा मौका मिलना लगभग असंभव है। मुझे लगता है हमारा अपने प्रयासों में असफल होने की संभावना ज़्यादा हैl कोई और रास्ता निकालना चाहिए नहीं तो मैं इसके लिए मर जाऊँगा। उसका कमरा मेरे कमरे के साथ ही है, मुझे अभी अपना भाग्य आज़माना चाहिएl[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसे जल्दबाजी में कुछ भी करने से रोकने की कोशिश की, क्योंकि हम अभी तक निश्चित नहीं थे कि रुखसाना ने अभी तक ये नहीं जताया था के वह भी इतनी जल्दी अपना कौमार्य समर्पण करने के लिए उत्साहित और तैयार थी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हालाँकि जैसे इन मामलो अक्सर होता है वैसे ही वॉव को समझाने के लिए मेरे द्वारा दिए गए कारण, तर्क और वितर्क सब व्यर्थ साबित हुए। फिर बॉब बोला "इधर देखें," उन्होंने कहा, "ओह रुखसाना! उसके विचार ही मेरे लिंग को कितना उत्तेजित और तैयार कर देते हैंl" उसने पतलून को खोलकर अपना कठोर हो चूका लिंग बहार निकाल लिया। उसकी नसों विकृत ही चुकी थी और फूली हुई साफ़ नज़र आ रही थी। उसका तैयार उबलता हुआ गर्म खून फटने के लिए तैयार और ख़ुद बॉव बहुत उत्तेजित था,। तभी मैंने कहा भाई तुझे और तेरे लड़ को अगर जल्द राहत नहीं पहुँचाई गयी तो ज़रूर तुम्हे कुछ हो जाएगा।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने सिगरेट को अपने होठों से हटा दिया और रूबी को बुलायाl वहाँ अंदर आकर उसने जब बॉब की हालत देखि तो तुरंत वह अपने घुटनों पर हो कर उसने लंड को पहले पकड़ कर सहलाया, फिर चूमा और, चूसा, और फिर अपनी ड्रेस उठा कर योनि के अंदर ले कर तेजी से ऊपर नीचे होने लगी। जिससे जल्दी ही उसके हथियार ने रूबी की योनि के अंदर अपना सारा लावा उगल दिया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]इससे बॉब को कुछ समय के लिए राहत मिली पर कुछ ही देर बाद जैसे ही बातचीत में रुख़्साना का नाम आया l बॉब का लिंग फिर सर उठाने लगा और जल्द ही पूरा खड़ा हो गया तो मैंने उसके लंड को पकड़ कर सहलाया और बोला बस थोड़ी देर और इंतज़ार करोl मुन्ना, जल्द ही तुम अपने मक़सद में कामयाब होकर अपने गंतव्य पर पहुँच जाओगे।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बॉब! आज खेल में भी रुखसाना तुम्हे बार बारदेख रही थी और मैंने देखा था वह तुम्हारा लंड देखते हुए दो बार उसका हाथ भी अपनी योनि पर चला गया था।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर मैंने उससे पुछा क्याँ तुमने उससे उसका फ़ोन नंबर लिया है। तो वह बोलै नहीं वह तो नहीं लिया। मैं तो उसकी ख़ूबसूरती में ऐसा खो गया की मूझे कुछ होश नहीं रहा। हाँ सब को दिख रहा था, तुम्हारा उसके प्रति दीवानापण।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तो फिर वह बोलै भाई प्लीज उसका नंबर दिलवा दोl तो मैंने कहा नंबर या तो अलका से लेना पड़ेगा या जेन के पास से लेना पड़ेगा। तो मैंने पहले जेन को व्हाट्सप मैसेज किया (हिन्दी अनुवाद) ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं जेन से: हाय कैसी होl[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जेन; हाय मैं ठीक हूँ आप कैसे हो l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं: मुझे तुमसे थोड़ी मदद चाहिए l[/font]


[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जेन: बोलो मैं तुम्हारे लिए क्या कर सकती हूँ l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं: बॉब को रुकसाना का फ़ोन नंबर चाहिए तुम्हारे पास है क्या l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जेन: नहीं मेरे पास नहीं है मैं लेना भूल गयी l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जेन: आप अलका से ले लो उसके पास ज़रूर होगा l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं: अच्छा याद दिलाया मुझे सबके नंबर रखने चाहिए आगे से धयान रखूँगा l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं अच्छा मुझे अलका लूसी और सिंडी का नंबर भी भेज दो l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जेन: xxxxxxxxx, अलका xxxxxxxxxxl लूसी xxxxxxxxxxl सिंडी l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं: थैंक यू l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं: लूसी और सिंडी कहाँ है l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जेन: अपने कमरों में होंगी l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं: लव यू टेक केयर l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके बाद मैंने अलका का और बाक़ी सबका नंबर सेव कर लिया और अलका को व्हाट्सप मैसेज किया (हिन्दी अनुवाद) ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं अलका से: हाय, अलका कैसी हो मैं दीपकl[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अलका: हाय, मुझे पता है मेरे पास तुम्हारा नंबर है l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं: तुमने कब लिया मेरा नंबर l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अलका: वह कल मौसी ने दिया था, जब वह माँ के साथ जा रहे थे के कोई ज़रूरत हो तो दीपक से बात कर लेना l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं: मेरे पास नहीं था मुझे जेन से लेना पड़ा l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं: तुम्हारे पास नंबर था तो फिर कॉल क्यों नहीं किया l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अलका: फिर मैं आप से मिलना चाहती थी इसलिए कॉल नहीं किया था l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं: अच्छा क्या कर रही हो ज़्यादा बिजी तो नहीं हो l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अलका: नहीं कुछ ख़ास नहीं l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं: मुझे तुमसे थोड़ी मदद चाहिए l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अलका: बताइये l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं: बॉब को रुकसाना का फ़ोन नंबर चाहिए l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अलका: ज़रूर प्लीज वेट लव बर्ड्स की मदद करनी ही चाहिए (स्माइली) l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अलका: xxxxxxxxxx रुखसाना l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं: हुमा का भी दे दो, टॉम का फ़ोन भी आता ही होगा (स्माइली) l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अलका: xxxxxxxxxxl हुमा l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं: थैंक्स, आज डिनर पर तुम्हारे घर कितने बजे चलना है l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अलका: वही नार्मल समय परl बाक़ी माँ से पूछ कर बता दूँगी l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अलका: मेरे पास सब के नंबर नहीं हैं l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं: मुझे भेज देना मैं सबको व्हाट्सउप कर दूंगा l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अलका: सबके नंबर शेयर कर लो l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं: ठीक है टेक केयर l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और उसके बाद मैंने अलका को सबके नंबर भेज दिए l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने बॉब को रुखसाना का और टॉम को हुमा का नंबर भेज दिया और बॉब उसका नंबर सेव करने लग गया l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उधर नंबर मिलते ही टॉम का मास्ज आया थैंक्स भाई इसकी बहुत ज़रूरत थी। तुमने मेरी मुराद बिन मांगे ही पूरी कर दी है। तुम बहुत अच्छे भाई हो l अपने भाई की ज़रूरतों का बहुत अच्छा ख़्याल रखते हो। l मैंने उसे मैसेज भेजा भाई के लिए कुछ भी। ज़्यादा माखन मत मार उससे बात कर।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और बॉब से कहा पहले रुखसाना को मैसेज भेज ताकि वह तेरा नंबर सेव कर ले।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]आगे क्या हुआ ये अगले भाग में पढ़िए।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]ये कामुक कहानी जारी रहेगी l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]आपका दीपक[/font]
 
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे अंतरंग हमसफ़र

तृतीय अध्याय

खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग -7

बॉब की रुखसाना के लिए बेकरारी.
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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]
फिर मैं आगे कहानी सुनाते हुए बोला जब मैंने बॉब को रुखसाना का नंबर दे दिया और उसे रुख़्साना को मैसेज करने को कहा। मैंने उसे थोड़ा सब्र रख कर संयत होने को कहा क्योंकि अधिक अधीर होने से बना हुआ काम भी बिगड़ सकता हैl तो बॉब थोड़ा संयत हुआ और मुझसे रुखसाना से मिलवाने के लिए मिन्नत करने लगा l मैंने बॉब से कहा इसके लिए मुझे भी इसमें अपना हिस्सा चाहिए जिसके लिए बॉब सहर्ष तैयार हो गया, तो हमने आपस में सलाह करके आगे का पूरा प्लान बनाया।

जिसकी पहली शर्त थी की पहले वह रुखसाना के कमरे में जाए, या उसे अपने या मेरे कमरे में आमंत्रित करे उसे मनाये और उसकी उत्साही सहमति; प्राप्त करे l फिर उसे सम्भोग में संलग्न करे उसका कौमार्य बॉब को ही भंग करना होगा l तब मैं उन्हें उनकी मस्ती के बीच में आश्चर्यचकित करने के लिए उनके कामुक प्रलाप में शामिल हो जाऊँगा और उससे पहले उन दोनों के मिलन को आसान करने में उनकी मदद करूंगा।

उसके बाद बॉब ने रुखसाना का नंबर सेव कर लिया और रुखसाना को व्हाट्सप मैसेज किया (हिन्दी अनुवाद) ।





बॉब रुखसाना से: हाय बेबी मैं बॉब, रुखसाना आप कैसी हो।

रुखसाना: हाय, आपके पास मेरा नंबर कहा से आया।

रुखसाना: मैं अच्छी हूँ, आप कैसे हो।

बॉब; मैंने आपका नंबर दीपक भाई से लिया l आप क्या कर रही हैं।

बॉब: मेरी हालात ठीक नहीं है।

रुखसाना: अरे क्या हुआ आपको, मैं कुछ ख़ास नहीं आपके बारे में ही सोच रही थी।

बॉब: बस एक पल भी चैन नहीं आ रहा है।

रुखसाना: ऐसा क्या हो गया।

बॉब: मन बहुत बेचैन है।

रुखसाना; आप कहाँ पर है।

बॉब: अपने कमरे में।

रुखसाना: ठीक है मैं पांच मिनट में आती हूँ तब तक अपना ख़याल रखो।

रुखसाना: आपका कमरा कौन-सा है कहाँ पर है।

बॉब: बस आपके कमरे के साथ में जो दाए हाथ पर कमरा है वह मेरा है।





फिर प्लान के अनुसार बॉब जल्दी से अपने सारे कपड़े निकाल कर बिस्तर पर चादर ले कर लेट गया l

मैंने कहा बॉब थोड़ा-सा अभिनय करोl तुम्हारा काम जल्द ही बन सकता है l दरवाज़ा को बिना चिटकनी लगाये भिड़ा कर छोड़ दिया और मैं उस कमरे में छिप गया।

कुछ देर बाद दरवाज़ा खटखटाया और रुखसाना की आवाज़ आयी, बॉब बॉब।

तो बॉब ने थोड़ी धीमे आवाज़ में कहा आ जाईये दरवाज़ा खुला है।

तो रुखसाना अंदर आ गयी।

उसने लाल रंग की सुन्दर ड्रेस पहनी हुई थी जिसमे वह बहुत सुन्दर लग रही थी और उसने थोड़े-सा शृंगार भी किया हुआ था।

बॉब आँखे बंद कर लेट गया था।

रुखसाना बोली बॉब आप कैसे हैं।

फिर वह बोला कौन है।

और आँखे खोल कर बोला अरे रुखसाना आप हैं और मुस्करा दिया।





अरे आप तो ठीक लग रहे हैं और मुस्कुरा रहे हैं।

तो मिर्ज़ा ग़ालिब के चेले ने मौके पर शेर चिपका दिया।

" उन के देखे से जो आ जाती है मुंह पर रौनक़,।
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है"।l

रुखसाना आ कर उसके पास बैठ गयी और बॉब उठने का प्रयास करने लगा l रुखसाना को अपने पास आया देख उसका पहले से उत्तेजित लंड पूरा भड़क कर कड़क हो गया और चादर में तम्बू बन गया l जिसे छुपाने के लिए बॉब ने एक टांग मोड़ ली।

रुखसाना ने उसके माथे पर हाथ रखा तो उत्तेजना के कारण तपते बॉब का बदन उसे गर्म महसूस हुआl वह बोली अरे लगता है आपकी तो बुखार आ गया है l इसके लिए दवा ली क्या आपने।

तो बॉब ने कहा अब आप आ गयी है तो दवा भी मिल जायेगी l

रुखसाना ने पुछा क्या मतलब आपका?

तो बॉब बोलाl मेरी बिमारी भी आप है और इसका इलाज़ भी आप ही के पास है।

बॉब बोलाl मुझे आप बहुत अच्छी लगती हैं।

रुखसाना बोली मैं आपकी कितनी अच्छी लगती हूँ?

बॉब ने सिखाये अनुसार फिर एक शेर चिपका दिया।

" हुस्न-ए-मह गरचे ब-हंगाम-ए-कमाल अच्छा है।
उस से मेरा मह-ए-ख़ुर्शीद-जमाल अच्छा है "।l

1-हुस्न-ए-मह =चांद की ख़ूबसूरती,

2l मह-ए-ख़ुर्शीद-जमाल-ख़ूबसूरत सूरज का चांद l

लड़कियों को हमेशा अपनी खूबसूरती की तारीफ अच्छी लगती है और फिर शेरो शायरी भी हो तो बस कहने ही क्या।









बॉब बोलता गया मैं अब आपके बिना नहीं रह सकता l फिर उसका हाथ पकड़ कर अपने दिल के पास रख कर बोलाl देखिये मेरी धड़कन कितनी तेज हो गयी हैl

रुखसाना बोली हाँ ये तो काफ़ी तेज हो गयी हैl आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए

बॉब बोलाl मुझे मेरी बिमारी का और उसका इलाज़ पता है बस आप थोड़ा-सा मेरा साथ दीजिये।

तो रुखसाना बोली आपकी मदद करके मुझे बहुत ख़ुशी होगी।

देखिए खेल में जब मैंने आपको पकड़ा था तो आपने वादा किया था मनचाहा इनाम मिलेगा l

बॉब फिर बोला

" देखिए पाते हैं उश्शाक़ बुतों से क्या फ़ैज़।
इक बरहमन ने कहा है कि ये साल अच्छा है "॥

(उश्शाक़-चुंबन-बोसा)

और फिर बॉब ने दुसरे हाथ से उसका सर नीचे कर उसके होठो पर किस किया।

और बॉब बोला मैं पहली ही झलक से आपका दीवाना हो गया हूँl मैं आपसे प्यार करने लगा हूँ और अब आपके बिना नहीं रह सकता, आप बस मेरी हो जाईये।

और फिर दुबारा से उसे बेतहासा चूमने लगा और रुखसाना भी उसका साथ देने लगी फिर चुम्बन तोड़ कर बोली अब कुछ ज़्यादा हो रहा हैl बॉब आप ख़ुद को नियंत्रित कीजिये इतना ज़्यादा चुम्बन ठीक नहीं हैl मुझे भी कुछ होता है।

चाचा ग़ालिब के चेले को फिर मौका मिला उसने फिर चिपकाया।

" बोसा देते नहीं और दिल पर है हर लहज़ा निगाह l
जी में कहते हैं कि मुफ़्त आए तो माल अच्छा है "।l

(लहज़ा-पल, लम्हा)

तो रुखसाना शर्माते हुए और मुस्कुराते हुए बोली क्या अब थोड़ा आराम मिला आपको।

तो बॉब ने जवाब दिया

" हजारो ख्वाहिशे ऐसी कि हर ख़्वाहिश पर दम निकले।
बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले।l "

फिर बॉब ने अपने चादर हटा दी और उसका हाथ पकड़ कर अपने खड़े हुए लंड पर रख दिया और बोलाl अब अपने इस मरीज का भी इलाज़ कर दो।

तो रुखसाना ने पहले लंड को सहलाया और फिर बॉब के तरफ़ देख कर मुस्कुरायी फिर लंड की तरफ़ मुँह किया सर को झुकाया और लंड के अगर भाग पर एक किश की और फिर मुँह खोल कर हलके-हलके चूसने लगी इस अचानक मिली ख़ुशी से बॉब का लंड बहुत जल्दी अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँच गया और उसमे मुँह में पिचकारियाँ मार दी जिसे वह पूरा चाट गयी और उसके बाद उसे जीभ में भर कर एक गोला बना कर बॉब को देख कर मुस्कुरायी।

तो चाचा ग़ालिब का कच्चा शागिर्द बोला।

" बे-तलब दें तो मज़ा उस में सिवा मिलता है।
वो गदा जिस को न हो ख़ू-ए-सवाल अच्छा है "। ।

गदा -भिखारी, भिक्षु,

ख़ू-ए-सवाल -इश्क़ करने वाले, प्रेमी

उसके बाद रुखसाना कुछ नहीं बोली और मुँह में उसकी जीभ पर रखे बॉब के वीर्य के गोले को मुँह में घुमाया और बॉब के ओंठो के साथ अपने ओंठ जोड़ कर अपनी जीभ और वीर्य के गोले को बॉब के मुँह में सरका दिया और जीभ से उस पर धक्का मारा और वह उस गोले को निगल गया और फिर काफ़ी देर तक दोनों ऐसे-सी चुम्बन करते रहे फिर वह अलग हुई।

और चचा ग़ालिब ने एक आखिरी शेर दे मारा।

" क़तरा दरिया में जो मिल जाए तो दरिया हो जाए।
काम अच्छा है वह जिस का कि मआल अच्छा है "।l

मआल -परिणाम, नतीजा, अन्त

तो वह वही पड़ा ग़ालिब का दीवान उठा का बोली चचा ग़ालिब के नए-नए चेले जी क्या आपको उनकी कोई और नज़्म भी याद है l जब बॉब कुछ नहीं बोला।

तो वह हाथ छुड़ा कर दूर हट गयी और वापिस जाने लगी तो बॉब ने कहा अरे आप कहाँ जा रही हैं।

तो वह बोली

" ख़त्म हुआ खेल बंजारे का अब रुखसती की तैयारी हैं।
जुड़ा था जो रिश्ता कभी तेरे शहर से उसे अलविदा कहने की बारी हैं "॥

अभी आप थोड़ा ग़ालिब पढ़ लीजिये और आराम कीजिये बाद में मिलते हैं।

तो बॉब उठ कर खड़ा हो गया और उसे पकड़ कर अपनी तरफ़ खींचा और गले लगा कर बोला आप तो हमसे रूठ कर यु मत जाईये ये सब आप के ही लिए था।

तो बॉब बोला रुखसाना आप जानती नहीं हो मेरी क्या हालात हैl में ज़्यादा इंतज़ार करने की स्थिति में नहीं हूँ मैं आपसे दूर ज़्यादा देर नहीं रह सकता हूँ और अगर मैं आपसे नहीं मिला तो मर जाऊँगा।

तो उसने बॉब को एक चुम्बन किया और जाने लगी और बोली आप दो घंटो में मेरे कमरे में आइये l अभी मुझे जेन के पास जाना है नहीं तो कही वह मुझे ढूँढते हुए यही न आ जाए और भाग गयी।

फिर बोली मैं मैसेज करूंगी तब तुम मेरे कमरे में आ जाना।

तो उसके बाद मैंने बॉब को बोला अब तुम नहा कर त्यार हो जाओ l तब तक मैं जेन के कमरे में जा कर देखता हूँ क्या कर सकते हैं।




उसके बाद मैं जेन के कमरे में चला गया और उसे बताया कैसे उसका भाई रुखसाना के लिए बिलकुल बेकरार हो चूका है l अगर हमने इन दोनों को नहीं मिलवाया तो कह रहा है वह मर जाएगाl इसलिए हमे उसकी मदद करनी होगी l रुखसाना जेन के कमरे में जाने से पहले शायद फ्रेश होने अपने कमरे में चली गयी थी lहम बात कर ही रहे थे की इतने में रुखसाना आ गयी तो मैं चुप कर उनके कमरे से निकल गया l जेन ने उसका स्वागत किया और फिर आज सुबह तालाब पर हुई मस्तियो की बात करते हुए उससे पूछने लगीl उसे कैसा लगा आज के खेल मेंl

तो रुख़्साना बोली आज जैसा मज़ा तो उसे पहले कभी नहीं आया और उसे बहुत अच्छा लगा।

जेन ने फिर पुछा और क्या-क्या अच्छा लगा तो उसने कहा तालाब, शराब और खेल और मस्ती सब कुछl जेन ने पुछा बस यही और मेरा भाई बॉब नहीं अच्छा लगा तुमको l तो जेन बोली मुझे भी उसकी हरकते देख कर यही लग रहा था l उसकी आँखे सारा समय तुम पर ही टिकी हुई थी l किसी और की तरफ़ तो वह देख भी नहीं रहा था।

तो रुखसाना शर्माते हुए बोली और मुझे आपका भाई बॉब अच्छा लगा l मुझे लगता है वह मुझे प्यार करने लगा है और जब वह मुझे ऐसे प्यार से देखता है मुझे भी कुछ-कुछ होने लगता है l आपा कुछ करो न के हमारा मिलन हो जाए।

तो जेन ने पुछा अब कहाँ से आ रही हो?

रुखसाना ने बॉब के कमरे में जो हुआ था वह सब कह सुनायाl जेन बोली रुखसाना मालूम है लड़का लड़की के मिलन में क्या होता है l तो रुखसाना बोली ज़्यादा तो नहीं पता पर यही पता है दोनों बहुत प्यार करते हैं l तो जेन बोली लगता है तुम्हे सब करके दिखाना पड़ेगा और जेन ने मुझे फ़ोन अपने कमरे में बुलाया।

आगे क्या हुआ ये अगले भाग में पढ़िए।

ये कामुक कहानी जारी रहेगीl

आपका दीपक 
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