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From this section you can read all the indian sex stories arranged from the various users. So what you are going to read stories like 'Office girl with her lover', 'Indian mom with her son. Lots of erotic tales are posted here. So guys hold your cock for the amazing sexual fantasies.
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]चिकनी संकरी और छोटी चूत वाली हुमा की पहली चुदाई.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]इस तरह से मेरे द्वारा तड़पाने और फिर उसके बाद हुमा के स्तनों को चूसने के कारण हुमा बहुत तेजी से झड़ गयी और मैं उसे स्तन चूसता रहा जिससे वह जल्द ही फिर गर्म हो गयी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जब तक मैं पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हो गया, मैंने उसके स्तन नहीं छोड़े। उसके नरम स्तनों पर मेरे निरंतर आक्रमण के कारण उसके स्तन लाल हो गए। उसके मुलायम खरबूजे पर कई काटने के निशान दिखाई दे रहे हैं। मैं उन्हें प्यार करता रहा। लगभग 1 घंटा हो गया था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरा लंड फनफना रहा था। दृश्य बहुत कामुक था। मैं हुमा के इतने सुंदर स्तन को देखकर सब कुछ भूल गया था। मैं चुंबन करते हुए उसके शरीर के ऊपरी हिस्से के हर इंच चाट रहा था। मैं उसके खूबसूरत बदन को सूँघ रहा था और उसकी मादक ख़ुशबू का आनंद ले रहा था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने अपना सर नीचे किया और उसके बाएँ निप्पल को अपने मुँह में ले लिया। मैं एक बच्चे की तरह उसके निप्पल को चूस रहा था जिसे अपनी माँ के दूध की बहुत ज़रूरत थी। साथ ही मैं उसके दूसरे स्तन को दबाए और सहला रहा था। लगभग 10 मिनट मैं उसके नुकीले निप्पलों को बारी-बारी से चूसा।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे चूसने से उसके स्तन लाल हो गए और वह दुबारा से उत्तेजित हो कराहने लगी। आह चूसो और ज़ोर से चूसो तो मैंने नीपल्ले को दांत से कुतर दिया तो वह मचल गयी और बोली प्लीज काटो मत दर्द होता है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर उसने कहा प्लीज दीपक आप भी तो अपने कपडे निकालो। तो मुझे ध्यान आया तो उसने मेरे कुर्ते को ऊपर किया और मैंने बाजू ऊपर कर दिए और उसने मेरा कुरता निकाल दिया। तो मैंने उसे अपने छाती से चिपका लिया। वाह क्या एहसास था। कोमल नरम और दृढ वक्ष मेरी छाती से लग रहे थे और वही उत्तेजित कठोर हो चुके निप्पल भी अपनी उपस्थिति मेरी छाती में चुभते हुए गढ़ कर दर्ज करा रहे थे। मेरे हाथ उसकी नरम चिकने पीठ को अपनी छाती में दबा रहे थे। उसके हाथ मेरे गले के चारो और डले हुए, हम दोनों आलिंगनबद्ध हो कर एक दुसरे में समाने का प्रयास कर रहे थे।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तो मुझे भी कुछ शेर याद आ गए[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]इश्क ने हमसे कुछ ऐसी साजिशें रची हैं,[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मुझमें मैं नहीं हूँ अब बस तू ही तू बसी है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरी ज़िन्दगी मेरी जान हो तुम और क्या कहूँ[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे लिए सकून का दूसरा नाम हो तुम।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जिनसे सुन वह मेरे साथ एक बेल को तरह लिपट गयी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]पहले तो मैंने उसे गले लगाया और फिर उसकी गर्दन और कंधो को चूमा फिर उसे उल्टा लिटा दिया और मैं अपनी कोहनियो के बल उसके ऊपर आ गया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसकी गोरी चिकनी पीठ एकदम कमाल की थी। मैंने अपना सर नीचे किया और उसकी पीठ को सहलाने लगा। मैंने उसे पलटा कर उसकी पीठ पर चूमा चूसा और प्यार से काटा। वह जोर-जोर से कराह रही थी। मैंने अपनी जीभ को उसकी रीढ़ पर गर्दन से लेकर गांड और गांड तक चला दिया। कई बार मैंने ऐसा किया। वह प्रेम रस से सराबोर थी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसे फिर पलटा और फिर से उसके ओंठो को चूमा फिर उसकी जीभ को चूसा और फिर मैंने देखा इसकी त्वचा इतनी कोमल थी की मैंने जहाँ-जहाँ पहले उसके बदन को चूसा था वहाँ उसके बदन पर निशाँ पद गए थे। नीचे आते हुए उसकी सारी नंगी त्वचा पर चूमा और जहाँ निशाँ पड़ गए थे सहलाया फिर चूमा, चाटा और दुबारा चूसा। मैंने उसकी बाल रहित कांख को चाट लिया। मैंने कई मिनट तक उसके स्तनों के बीच के स्थल को चाटा। वह मजे से कराह रही थी। फिर स्तनों को भी चूमते हुए उसके निप्पलों को चूसा।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं और नीचे गया और उसका पेट चाट लिया। मैंने अपनी जीभ उसके नाभि में घुसाई और उसे थपथपाया। वह मजे से चिल्ला रही थी। मैंने उसका लहंगा खोला और हाथ उसके पैरो पर फेरते हुए उसकी टांगो पर फेरते हुए उसकी जांघो पर ले गया हुए और फिर उसकी गीली पेंटी को स्पर्श किया तो हुमा अब ये समझ गयी मेरा अगला निशाना उसकी योनि होगी। उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे दूसरा हाथ जो इस बीच उसके स्तनों को दबाते हुए उसके चुचकों को मसलते हुए खेल रहा था। वह हाथ भी नीचे लाया और उसके लहंगे का नाडा खोल कर उसका लेहंगा ढीला कर दिया और उसे थोड़ा नीचे सरकाया तो जहाँ लहंगा था वहाँ पर भी लाल निशाँ पड़ गए थे तो मैंने उन निशानों को पहले तो सहलाया। तो उसकी कराह निकली आआह! फिर किश किया और जीभ से चाट लिया। उसकी नाज़ुक पतली कमसिन कमर बल खाने लगी और उसके चूतड़ ऊपर को उठ गए तो मैने लेहंगा थोड़ा और नीचे किया, तो उसने चूतड़ और उठा कर सहयोग किया तो मैंने उसका लहंगा निकाल दिया। वह बोली ये गहने चुभ रहे हैं।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अब मैंने उसके सारे गहने भी उतार दिए। वह मेरे सामने सिर्फ़ पेंटी में थी और पूरे बदन को पागलो की तरह चूमने लग गया। उसने मेरी पैंट की ज़िप खोली और मेरा लण्ड बाहर निकाल लिया। यह सीधे हवा में खड़ा हो गया। उसने धीरे से अपना एक हाथ मेरे लंड के आस पास घुमाया और दूसरे हाथ से मेरे सर को अपने स्तन पर दबाया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसकी मुलायम उंगलियाँ मेरे लंड के चारों ओर लिपटी हुई थी। मेरा लंड उसकी उंगलियों के नीचे धड़क रहा था। मुझे बहुत अच्छा लगा। दृश्य बहुत कामुक था। मैं हुमा के इतने सुंदर स्तन को देखकर सब कुछ भूल गया। मैं चुंबन और उसके शरीर के ऊपरी हिस्से के हर इंच चाट रहा था। मैं उसके खूबसूरत बदन को सूँघ रहा था और उसकी मादक ख़ुशबू का आनंद ले रहा था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अब मैंने उसके-उसके माथे से उसके पैर की उंगलियों तक उसके पूरे शरीर को चूमना शुरू कर दिया। मैं तब उसके स्तनों पर चुम्बन कर रहा था। जब मैंने उसकी पेंटी को भी उतार डाला और चुम्बन तोड़ कर देखा की उसकी कुंवारी चूत पर अभी बाल आये ही नहीं थे। । मेरे हाथ उसकी बुर के ऊपर गए । एक अलग ही कोमलता का एहसास था। उसकी बुर के आस पास के क्षेत्र को मखमल जैसा था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसकी नाभि को चूमा उसकी जांघों पर, चुंबन और उन पर चूमते और चूसते हुए हलके से दन्त लगा कर काटा भी लिया और बोलै तुझे खा जाऊँगा।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तो वह बोली प्लीज काटो मत दर्द होता है। तो मैंने पुछा कहाँ दर्द हो रहा है तो उसने मैंने जहाँ कटा था वहाँ पर मेरा सर दबा दिया तो मैंने हलके से चुम कर चाट लिया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसकी चूत बहुत खूबसूरत थी। बिना बालो वाली चकनी जिस पर हलके-हलके नरम रूए थे। मैं नीचे गया और उसके पैरों को फैला दिया। मैं उसकी जांघों चूमने शुरू कर दिया। उसकी जाँघ का अंदरूनी हिस्सा बहुत संवेदनशील था। मैंने उसके पैर खोल दिया। मैं उनके बीच में आया और पहली बार उसकी चूत पर अपने होंठ रख दिए। वह चरम सुख में थी और बहुत खुश थी। सबसे पहले मैं उसकी योनि के होंठों पर चूमा और फिर उन्हें थोड़ी देर के लिए मेरी जीभ के साथ मला। फिर मैंने उनको बड़ी मुश्किल से खोला उसकी योनि काफ़ी ज़्यादा [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]ये मालूम होने पर की उसकी योनि बहुत टाइट है तो मेरे मन में विचार आया इसमें लंड घुसाने के लिए काफ़ी ज़ोर लगाना पड़ेगा और संकरी चूत बहुत मज़ा देगी और अपनी जीभ हुमा की चूत में घुसा दी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं उसकी चूत को चाटने लगा। तब तक उसकी चूत का बहुत सारा रस उसकी गांड तक जा चुका था। तो अब मैंने अपना एक हाथ उसकी गांड के नीचे रखा और उसकी चूत को बहुत गहरे तक चाटते हुए उसकी भगनासा को ऊँगली से ढूँढा और उंगली करने लगा। इस दो तरफ़ा हमले को संभालना हुमा के लिए बहुत ज़्यादा था। वह बहुत जल्दी चार्म पर पहुँची और कांपते हुए उसने अपना कॉमर्स मेरे मुँह में भर दिया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वह अब एक सच्चे पोर्न-स्टार की तरह कराह रही थी। उसकी चूत पूरी गीली थी, सच में उसकी चूत का रस उसकी गांड तक गीला था। हम काफ़ी समय से इसका आनंद ले रहे थे और मेरा लंड पूरा सख्त हो गया था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं उस दृश्य प्यार करता था और धीरे-धीरे मैं उसे योनि के ओंठो को चूमा। उसने कहा, "दीपक, अब मुझे तंग मत करो, अपना लंड अंदर डाल दो।" मैंने उसकी बातों को अनसुना कर दिया। मैं उसकी चूत को चाटते हुए मैं उसके निप्पलों को मसल रहा था और अपनी उंगलियों को उसके निप्पलों पर घुमा रहा था और उसके बूब्स से खेल रहा था। वह और भी ज़्यादा कराह रही थी। उसके हाथ मेरे बालों पर थे और वह लगातार मज़े से कराह रही थी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसकी क्लिट को थोड़ा-सा दबाया और उसकी क्लिट को चूसता रहा जबकि मैंने अपनी बीच की उंगली उसकी चूत में घुसा दी। जैसे-जैसे मैं उसकी चूत में ऊँगली कर रहा था वह उत्तेजना से अपनी पीठ को उठा रही थी। मैंने उसका सारा जूस छाता और अपनी जीभ से उसे साफ़ किया। उसने कहा, "हे भगवान, तुम एक विशेषज्ञ हो। आपने अभी भी लंड अंदर नहीं घुसाया है-है और मैं दूसरी बार अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँच चुकी हूँ। दीपक तुम बहुत अच्छे हो।"[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने फिर उसे घुमाया। अब वह बिस्तर का सामना कर रही थी। मैंने उसके दोनों नितम्ब पकड़ कर फैला दिए। फिर मैं उसकी गांड के छेद को चाट रहा था और उसकी गांड के छेद और चूत के बीच का क्षेत्र। वह ज़ोर से कराह रही थी और अपार ख़ुशी से चिल्ला रही थी। हाल उसके चीखने और कराहने से भर गया था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसको फिर पलटा और मैं ऊपर की ओर चला गया और उसके होंठ और उसके स्तन दबाने पर चूमा। वह अपने होठों से अपनी चूत का रस चख रही थी। उसके शरीर को बिस्तर से उठने की ज़रा भी शक्ति नहीं थी। मैंने अपनी पेण्ट और अंडरवियर निकाल दिया और मेरा 8 इंच लंबा मोटा सख्त लंड बाहर निकल आया। यह हवा में अपनी पूरी शान के साथ नाच रहा था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हुमा में मेरे लंड को पकड़ कर सहलाया वह मेरे लंड को पाकर बहुत खुश थी। मैंने कहा, "हुमा जानेमन! अब आप सम्भोग की असली क्रिया के लिए तैयार है। इस रात को आप अपने जीवन में कभी नहीं भूलोगी।" मैंने अपना लंड उसकी चूत के ऊपर रखा और उसकी चुत को अपने लंड के सर से रगड़ दिया। उसके हाथ मेरे नितम्बो पर गए और वह मेरे लंड को अपने अंदर ले जाने के लिए उसे नीचे धकेल रही थी लेकिन वह असफल रही।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसने मेरी तरफ़ देखा और उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी गदराई नरम और टाइट चुत के द्वार पर रख दिया। "प्लीज, अब मुझे चोदो। मैं इसके लिए तड़प रही हूँ।" मैं उसे देखकर मुस्कुराया। "लेकिन प्लीज बहुत धीरे से करना क्योंकि तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है। बहुत धीरे-धीरे मेरे अंदर प्रवेश करो।"[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने अपनी उंगलियों से उसकी चूत को थोड़ा-सा खोला और लंड तो ऊके ऊपर रखा। मैंने थोड़ा-सा धक्का दिया लेकिन लंड फिसल गया। मैंने हुमा से कहा तुम अपनी चूत को अपनी पतली उंगलियों से खोलो और जब उसने ऑन दोनों हाथो के मदद से चूत की टाइट होंठो को थोड़ा ज़ोर लगाकर खोला। तो मैंने लंड पकड़ कर उसके छोटे से छेद पर लगाया और फिर हल्का-सा धक्का दिया। मेरा लंडमुंड का अग्रभाग उसकी चुत में घुस गया। वह दर्द से रो रही थी। मैंने अपने डिक को बहुत हल्का-सा पीछे किया और फिर से थोड़ा और जो से धक्का दिया। मेरे लंड का आधा, मशरूम सिर उसके योनी में घुस गया। वह दर्द से रो रही थी, "कृपया मुझे छोड़ दो मैं इसे नहीं ले सकती, यह बहुत बड़ा है।"[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने अपना मूवमेंट रोक दिया और उसके निप्पलों को एक-एक करके चूसा ताकि उसे आराम महसूस हो। कुछ मिनट बाद उसका रोना सिसकने थम गया। मैं समझ गया और उसके बिना कोई संकेत दिए मैंने अपने डिक को फिर थोड़ा-सा बाहर निकाल लिया और उसे पहले से तेज ताकतवार धक्का दिया। इस बार लंड और आगे जजाकर उसकी झिल्ली से टकराया।और उसकी कुंवारे पण की झिल्लि का पहला चुम्बन मेरे लंड ने किया वह फिर से चिल्लाई आह्हः मैं मर गयी रुखसाना आपा अलका बाजी प्लीज मुझे बचा लो मुझे बहुत दर्द हो रहा है। ये मेरे अंदर क्या लोहे की गर्म सख्त रोड घुसा दी है दीपक जी ने बहुत दर्द हो रहा है, बताया भी नहीं और एक दम से घुसा डाला बड़े ज़ालिम हो आप दीपक जी। मुझे भी लगा मेरा लंड बहुत फस कर जा रहा था। उसकी योनि सच में बहुत टाइट थी और मुझे भी लंड पर ऐसा कसाव महसूस हो रहा था जैसा मैंने पहले कभी भी महसूस नहीं किया था, , पर बहुत अच्छा लग रहा था। ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसका चिलाना सुन फिर से अपना मूवमेंट रोक दिया और उसके निप्पलों को एक-एक करके चूसना जारी रखा ताकि उसे आराम महसूस हो। कुछ मिनट बाद उसका चिलाना कम हुआ। मुझे पता था अब अगले धक्के को झेल पान इसके लिए बहुत मुश्किल होगा। वह मिन्नत करने लगी प्लीज मुझ से नहीं होगा आप इसे बहार निकाल लो प्लीज बहुत दर्द हो रहा है। मैं मर जाऊँगी फिर बोली एक बार बाहर निकाल लो फिर दुबारा थोड़ी देर बाद डाल लेना तब मैं नहीं रोकूंगी। क्या आप मुझे मरते हुए देख सकोगे? मुझे पता था कि ग़र अब बाहर निकल लिया तो ये फिर दर्द के डर के मारे कभी किस से नहीं चुद पाएगी क्योंकि अब उसे जिस दर्द का थोड़ा-सा अनुभव हुआ है, उससे वह कभी दुबारा नहीं गुजरना चाहेगी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने कहा अच्छा अब नहीं धक्का मरूंगा अभी इसक यही पड़ा रहने दो अगर बाहर निकलूंगा तो फिर इतना ही दर्द होगा जब तुम्हारा दर्द कम हो जाएगा तो तब निकाल लूँगा और उसे किस करते हुए उसका बदन सहलाने लगा। उसकी ऐसी चिल्लाहट सुन रोज़ी रूबी और रुखसाना बिस्तर के पास आ गयी और उसे सान्तवना देते हुए रुखसाना बोली। मेरी प्यारी बहना अभी थोड़ी देर में तेरा दर्द कम हो जाएगा ।। फिर रूबी बोली याद करो दीपक ने क्या बताया था पहले मिलन पर चूत की मांसपेशिया लंड के प्रवेश पर थोड़ा एडजस्ट होती हैं और लंड के लिए चूत में जगह बनाती हैं। । इसी कारण आपको दर्द हो रहा है। रोज़ी ने उसकी चूत को सहलाया और उसके दाने को छेड़ने लगी । जिससे उसकी उत्तेजना उसके दर्द पर हावी हो गयी और उसका रोना चिलाना काफ़ी कम हो गया पर उसकी आँखों से आंसू निकल आये।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसके आंसुओ को पी कर कहा मेरी रानी बहुत दर्द हुआ क्या वह धीरे से बोली हाँ बहुत दर्द हो रहा है। आपका बहुत बड़ा है और मेरी चूत बहुत छोटी से है मुझे लगता है फट गयी है हैं। रुखसाना बोली अच्छा अब दीपक और नहीं फाड़ेंगे। रूबी बोली हैं दीपक आप प्लीज इसको बाहर निकल लो। और मुझे मेरे हिप्स को दबा कर इशारा किया की अब काम पूरा कर दो। उधर रोज़ी में मेरा लंड पकड़ा और मैंने उसके ओंठो पर अपने ओंठ लगाए और अब की बार लंड को पीछे ले जाकर पूरा ज़ोर लगा कर धक्का दे दिया और मेरा पूरा लंड उसकी योनी में चला गया और मेरे होंठों ने उसके ओंठो को अपने अंदर दबा लिया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वह दर्द को बर्दाश्त नहीं कर सकती थी और साथ ही चिल्ला भी नहीं सकती थी क्योंकि मैंने उसके होंठ दबाए थे। वह मेरे होंठों को बड़ी मुश्किल से काटता है। मेरे होठों से खून आ रहा था। जैसे ही मैंने उसके ओंठो को छोड़ा वह ज़ोर से चिल्ला पड़ी अल्लाह फाड़ डाली हाय बेदर्दी ने मेरी चूत फाड् डाली।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अब तो मैं मर ही जाऊँगी। अम्मी! हाय! मेरी अम्मी! मुझे इन्होने मिल कर मार डाला। इस लम्बे बड़े लंड के चककर में मैं फ़स गयी। इससे तो अच्छा था टॉम के छोटे पतले लंड से चुद लेती। अलका बाजी तुमने मुझे फसा दिया लम्बे मोटे लंड के लालच में। यही बोली थी दीपक के मोटे लम्बे लंड से सील तुड़वा कर और चुदाई का बहुत मज़ा आया। ये क्यों नहीं बताया की इतना दर्द भी होता है। मैं मर गयी । आह मर गयी। ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तो दोस्तों चिकनी संकरी और छोटी से चूत वाली हुमा की पहली चुदाई की कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][size=x-large]हुमा की पहली चुदाई. [/font][/size]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने हुमा की संकरी बाल रहित कुंवारी योनि में अपने कठोर लंड को पूरा का पूरा जड़ तक घुसा दिया। वह दर्द के मारे रोनी लगी तो फिर मैंने कहा कि अच्छा में 2 मिनट में बाहर खींच लूँगा। अब और नहीं फाड़ूँगा और धीरे से उन्हें सहलाने लगा और चूमने लगा। जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ और उसकी योनि मेरे लंड के हिसाब से एडजस्ट हो गयी। कुछ देर के बाद वह शांत हुई अब में उसके बूब्स को चूसने लगा था। अपने एक हाथ से उसके बालों और कानों के पास सहलाने लगा था। फिर कुछ देर के बाद मैंने उसके कानों को भी चूमना शुरू कर दिया तो कुछ देर के बाद वह फिर से गर्म हो गई। मैंने उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और उसके दोनों पैरों को फैलाया और अपना लंड 2 इंच बाहर निकालकर फिर से एक ज़ोर का शॉट मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ चूत की जड़ में समा गया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने अपने लंड को धीरे-धीरे से हुमा की चूत से बाहर करने की कोशिश चालू कर दी और वह भी अह्ह्ह-अह्ह्ह और आझ्ह् अह्। करने लगी। हुमा की चूत संकुचन करने लगी और हुमा की चूत मेरे लणड को कसने लगी और लण्ड को जकड लिया सच में बता नहीं सकता कितना मज़ा आ रहा था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वो ज़ोर से चिल्लाने लगी कि नहीं मुझे छोड़ दो, नहीं में मर जाउंगी, अपना लंड बाहर निकाल लो, लेकिन मैंने उसे अनसुना करते हुए एक ज़ोर का धक्का और लगाया तो वह और ज़ोर से चिल्लाई। लंड उसकी कसी हुई संकरी चूत की दीवारों रगड़ते हुए जस तक चूत में समा गया। फिर मैंने उसके लिप्स पर किस करते हुए उसके मुँह को बंद किया और अपने धक्के लगाता गया। लंड चूत के कसी और संकरी होने के कारण फस-फस कर जा रहा था। उसकी कसी संकरी चूत में लंड आगे पीछे करने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। उसकी चूत में स्राव होने लगा जिससे चिकनी हो गयी और लंड को अंदर बाहर करना थोड़ा आसान हो गया। अब वह झटपटा रही थी और अपने बदन को इधर से उधर करने लगी, लेकिन में नहीं माना। एक ज़ोर का झटका लगाया, पूरा लंड बाहर खींचा और फिर एक ही जोरदार झटके में पूरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया। उसकी आह निकल गयी, अब में धक्के पर धक्के लगाए जा रहा था और अब उसकी आँखों से आसूँ निकल रहे थे।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने पूरी ताकत से धक्के लगाना जारी रखा। हर बार मैंने अपने डिक को पूरी तरह से बाहर निकाल लिया और पूरी तरह से उसकी योनी में ज़ोर से धक्का दिया। हर बार मेरा लंड उसकी चूत में पूरा समां रहा था। धीरे-धीरे उसका दर्द गायब हो गया और उसे भी मज़ा आने लगा। कमरा हमारी घुरघुराहट और कराहने की आवाज़ से भर गया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जैसे ही मैंने अपने लंड को उसके अंदर धकेलना शुरू किया उसने अपने कूल्हों को ऊपर उठाते हुए बिस्तर पर सिर रख दिया और कराहने लगी क्योंकि उसे लगने लगा था कि मेरा सख्त मांस उसके अंदर गहराई तक जा रहा है। मैंने हुमा की गोल गांड को पकड़ लिया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने अपने कूल्हे से एक जोरदार धक्का दिया और मेरा पूरा लंड हुमा के अंदर चला गया। वह रोइ और उसने अपनी आँखें बंद कर लीं और अपने हाथ से बेडशीट पकड़ ली। मैंने फिर से अपने लंड को सर तक खींचा और वापस हुमा की चूत में धकेल दिया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर 10 मिनट की और बेरहम चुदाई के बाद जब उसकी चीखे कम हुई और सिसकारी में बदलने लगी तो मैंने अपना लंड आधा बाहर कर लिया और अंदर बाहर करने लगा। फिर अचानक से हुमा ने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और झड़ गयी और मुझे चूमने लगी। फिर मैंने कहा कि अब कैसे हो? तो हुमा बोली मज़ा आ रहा है। बहुत मज़ा आ रहा है। आप का लंड बड़ा ज़ालिम लेकिन प्यारा और मस्त है। अलका सच कह रही थी आप बहुत अच्छा चोदते हो। चोदो मुझे और चोदो और फिर मैंने उसकी जमकर धुनाई करते हुई चुदाई की और अपना रस उसकी चूत में ही डाल दिया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसको चूमा और कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही लेटा रहा और उसको किश करता रहा और वह भी मेरा साथ देती रही। फिर में उसके बूब्स को चूसने लगा था और अपने एक हाथ से उसके बालों और कानों के पास सहलाने लगा था और फिर कुछ देर के बाद मैंने उसके कंधो और गर्दन पर चूमा तो उसने मुझे कस का पकड़ लिया। वह फिर से गर्म हो गई थी। फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया तो इस बार वह बिलकुल नहीं चिल्लाई। कुछ देर के बाद मैंने पूछा कि मज़ा आ रहा है। फिर वह बोली कि हाँ बहुत मज़ा आआआआ रहा है,। हाईईईईई, म्म्म्मम करने लगी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]थोड़ी देर के बाद वह अपनी कसी हुई चूत के अंदर मेरे धक्को से अपने अंदर हो रहे घर्षण का आनंद लेना शुरू कर रही थी। खासकर मेरे प्रेम रस के पहले चिकनाई भरे इंजेक्शन के बाद। उसके नितंब मेरे से मिलने के लिए तड़प उठे थे और उसकी बाहें मेरे शरीर के चारो और घिर गयी और अब दोनों चाहते थे ये घर्षण का सिलसिला कभी न रुके।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं उसको चूमता रहा और उनके बूब्स को सहलाता रहा। मैंने विशेष कोशिश की के मेरा लण्ड चूत से बहार न निकले। मैं अपना लण्ड हल्का से पीछे करता था फिर कस कर धक्का लगा कर अंदर करता रहा। उसकी कसी हुई संकरी चूत में जैसे घिस-घिस कर रगड़ते हुए मेरा लंड अंदर बाहर जा रहा था। आपको बता नहीं सकता कि हम दोनों को उस समय कितना मज़ा आ रहा था। जब भी मैंने लंड को आगे धक्का लगाता था तो वह भी अपने चूतड़ उठा कर मेरा साथ देती थी। मेरा लंड उसकी कसी हुई संकरी चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो दोनों के आह निकलती थी। फिर मेरे हाथ उसके बूब्स को मसलने लगे फिर मैं उसकी चूचियों को खींचने लगता था तो हुमा सिहर जाती थी और सिसकने लगती थी। उसके बाद हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए। मैं हुमा को बेकरारी से चूमने लगा और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे। जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी फिर मैंने हुमा की जम कर चुदाई की और दोनों ने इस बार काफ़ी देर तक बिना रुके चुदाई की।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और जब तक कि इस तरह दोनों एक साथ चुदाई करते हुए साथ में है झड़ गए। उसके बाद भी हम दोनों ही अलग होने के लिए अनिच्छुक लग रहे थे और झड़ने के बाद भी चिपके हुए चुम्बन लेते रहे।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरा लंड अभी भी उसकी योनि के अंदर ही था और चुमबन और उत्तेजना से बहुत जल्द ही पुनः कठोर हो गया था। मैंने धीरे से पुछा अब कैसा लग रहा है वह बोली[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरी ज़िन्दगी मेरी जान हो तुम और क्या कहूँ.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे लिए सकून का दूसरा नाम हो तुम।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तुम्हारी चुदाई से ही मुझे आराम मिलेगा। मैंने उसकी चूत पर हाथ लगाया तो मैंने देखा वह सूज गयी थी। मैंने उसको सहलाया तो वह कराह उठी। तो मैंने सोचा अभी इसे थोड़ा आराम करने देना चाहिए।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने धीरे ले उसकी टूटी हुई कौमार्य के खून से सने हथियार को बाहर निकाला तो मेरा लंड अभी भी कठोर था। सब ने हमे घेर लिया और मुबारकबाद दी। रुखसाना ने भी अपने बहन को उसकी कौमार्य की रुकावट की परेशानी से छुटकारा मिलने पर उसके बधाई दी। बॉब के स्थान पर मेरे लंड की प्रचंड स्थिति देखते हुए. मेरे लंड पर अपना हाथ रख मेरे ऊपर अपना दावा किया। मैं देख सकता था की जैसे ही उसने मेरे कठोर लंड पर हाथ रखा, उसकी आँखें मेरे साथ सम्भोग की इच्छा से भरी थीं। वह अब मेरे साथ उस आनंद की पुनरावृत्ति के लिए उत्सुक थी जो उसने अभी-अभी चखना शुरू किया था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]रुखसाना उस समय वस्त्रहीन हो चुकी थी और वह बिस्तर पर पेट के बल लेट गयी और अपने सर को और कंधो को नीचे टिकाते हुए उसने अपने नितम्ब और कूल्हे इस तरह से ऊपर उठा दिए के मेरे आगे उसकी कोमल योनि उजागर हो गयी। मेरे लिए रुकना कठिन हो गया। मैंने उसकी योनि को चूमा और फिर उसके अपर लेट गया। और इसके नितम्ब मेरे नीचे थे और क्या सुखद एहसास था। उसके नरम और गोल नितम्बो की दरार के बीच उसकी योनि से स्पर्श कर रहा था। मैंने पीछे से उसके स्तनों को पकड़ कर दबा दिया। फिर उसकी पीठ को चूमा और उसकी सारी पीठ की गीली चटाई कर दी और उसके नितम्बो को चूमा। फिर उसको पलटा और धीरे-धीरे मैंने अपना लंड उसकी कोमल योनी में डाला।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर मैंने धीरे-धीरे उसकी चुदाई शुरू की। उसकी योनी ने मेरा लंड उसमे तेजी से अंदर बाहर होते हुए धड़कने लगा और उसे तब तक चोदता रहा जब तक वह झड़ नहीं गयी तो उसके बाद उसके साथ ही लेटी हुई हुमा ने मेरा लंड बाहर निकाल लिया और उसे अपनी चूत पर खींच कर रगड़ने लगी और फिर उसने चूतड़ उठा कर लंड को अंदर फसाया और मेरे नितम्बो को दबा कर मुझे इशारा किया। मैंने भी एक जोरदार धक्का लगा कर लंड और लंड उसकी संकरी चूत जो की मेरी और उसकी चिकनाई से तर थी, उसमे पूरा अंदर कर दिया। मैंने उसके बूब्स को दबाये और उसके निपल्स को अपनी जीभ से हिलाने लगा।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदमय चुदाई थी। हमने बार-बार ऐसा किया और जब हम थक गए, तो रुखसाना ने मेरे लंड को नए सिरे से चूसा। सारी रात कमरा हमारे मजे भरी कराहो और आवाजों से गूंजता रहा। यह सब इसी तरह अगले दिन की सुबह तक चला और सब थक कर वही सो गए।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]दोस्तों कहानी जारी रहेगी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हुमा की आनंदभरी चुदाई. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]संकरी बाल रहित कुंवारी योनि वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया। उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और फिर सुबह थक कर उसके साथ चिपक कर सो गया। फिर इस बीच बाक़ी सब लोगों ने क्या किया ?[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं तो सारी रात हुमा के हुस्न और ख़ूबसूरती में इतना खोया हुआ था के मुझे कुछ होश नहीं की बाक़ी लोग क्या कर रहे थे। बाद में मेरे यही पूछने पर रोज़ी जो की मेरे बिस्तर के पास ही सब देख रही थी ने बताया की सब के सब हमारी चूमने चाटने और कराहे ओह आह सुन कर गर्म हो गए और पहले तो उनके हाथ उनके सीनो पर चल रहे थे फिर उनके हाथ अपने-अपने गुतंगो पर पहुँचे और अपने-अपने गुप्तांगो को सहला रहे थे। किसी ने अपने कपडे ख़ुद उतारे और किसी ने दुसरे के कपडे चूमते हुए उतारे। कुछ देर बाद सब से सब नंगे हो कर एक दुसरे के अंगो पर पहुँच कर उन्हें छेड़ रहे थे और उसके बाद एक दुसरे को चूमने लग गए।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बॉब ने इस बीच रुखसाना और रूबी को चोदा और टॉम ने मोना और टीना दोनों को चोदा। जहाँ एक तरफ़ जेन और अलका वही दुसरे तरफ़ लूसी और सिंडी एक दुसरे के अंगो को पहले सहलाती रही। फिर एक दूसरी की चूत को चूसती रही फिर सब ने अपनी जगह बदली और एक दुसरे तो चूमने और सहलाने के बाद सब थक कर सिर्फ़ आपकी और हुमा की चुदाई सांस रोके, रात भर देखते रहे।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]आपको तो पता नहीं हुमा के साथ क्या हो गया था? । आप हुमा को बिना रुके बार-बार चोदते रहे और जब रुखसाना आपके पास गयी तो जब आप झड़कर रुकते थे तो रुखसाना लंड बाहर निकालती थी तो वह अर्ध कठोर ही होता था। रुखसाना उसे चूस कर दुबारा कड़ा कर देती थी और हुमा की चूत से लगा के आपकी पीठ दबा कर इशारा कर देती थी और आप फिर शुरू हो जाते थे। हुमा भी बड़े मजे ले-ले कर सारी रात चुदती रही।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तो मैंने पुछा और तुमने क्या रात भर किया तो रोज़ी बोली आपकी नॉन स्टॉप चुदाई देखती रही और अपनी चूत में ऊँगली करती रही और पता नहीं कितनी बार झड़ी। और फिर आप दोनों को वही छोड़ कर वही सो गए और सुबह मैंने सब को रूबी की मदद से उनके कमरों में पहुँचा दिया[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]देर तक सोने के कारण अगली सुबह मैं लगभग नाश्ते के समय उठा और देर से नाश्ते पर पहुँचा, तो जेन और उनकी बहनों ने ब्रेकफास्ट टेबल पर हमारी देर से उपस्थिति पर मुझे टोकते हुए कहा, " आपने हमारे लिए बिस्तर का इंतज़ाम करके और पिक्चर चलाने के बाद आपने हमे अपने हाल पर छोड़ दिया था और अपने साथियो को भूल कर आप पता नहीं कहाँ खो गए थे। हुमा की हालत भी मेरे जितनी ही बुरी थी, क्योंकि वह वास्तव में अभी भी जो रात में हुआ था उसी की यादो में खोई हुई थी। उसने अपना नाश्ता भी अपने कमरे में ही किया। मेरा मन ही नहीं था हुमा को छोड़ कर कही जाने का।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नाश्ते पर फूफा जी ने मुझ से पुछा की यहाँ आस पास कौन जी जगह है जहाँ घूमने जा सकते हैं। तो मैंने प्रस्ताव किया के वह ताज महल आगरा ज़रूर देखने जाए और चुकी जेन और उसकी बहने ने ताजमहल देखा भी नहीं था तो सब बहने उत्साहित हो गयी। तो अलका ने प्रस्तावित किया की सब लोग मथुरा भी जा सकते हैं। उसके बाद भारतपुर जा कर वहाँ झील पर पक्षियों को देख सकते हैं। वहाँ काफ़ी दुर्लभ पक्षी दूर देशो से आते हैं और आजकल मार्च में काफ़ी मज़ा आएगा। उसके बाद वहाँ से जयपुर भी जा सकते हैं।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जिस पर फूफा जी और सब ने कहा ठीक है देखो क्या इंतज़ाम हो सकता है। तो मैंने मेरा एक दोस्त के पिताजी जिनका टूर और ट्रेवल का काम था उनसे बोल कर एक मिनी एयर कंडिशन्ड बस और रहने घूमने और खाने पीने का सब बंदोबस्त करवा दिया और पूरा एक हफ्ते का कार्यक्रम बन गया। और फिर फूफा जी ने कहा सब लोग एक घंटे में त्यार हो जाओ। अभी निकलते हैं। तो फिर फूफा जी बुआ जी छोटी बुआ जी बुआ के सब बच्चे, रुखसाना और रूबी, मोना और टीना तीनो सहायता के लिए।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरा मन था कि इस समय का फायदा उठाया जाए और हुमा के पास ही रहा जाए तो मैंने कहा मुझे यहाँ कुछ काम हैं उन्हें मैं आप लोगों की अनुपस्थिति में निपटा लूँगा। चुकी हुमा की भी तबीयत ठीक नहीं है और वह भी जाना नहीं चाहती। तो ये सुन कर सब बहने और रुखसाना मुस्कुरा दी और रुखसाना बोली हाँ उसे तो बस में उलटी भी आती है वह नहीं जायेगी। मैंने रुखसाना का हाथ पकड़ कर उसे दबा कर मेरी मनोस्तिथि समझने के लिए थैंक यू कहा। तो तय हो गया चुकी मैं नहीं जा रहा तो रोज़ी भी नहीं जायेगी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर जब सब त्यार हो कर सामन बाँधने चले गए तो मैं हुमा को सबके घूमने की और हमारे रुकने की बात बताई तो वह खुश हो कर मुझ से लिपट गयी। मुझे चूमते हुए बोली ये आपने-आपने बहुत अच्छा किया अब मैं बिना किसी हिचक के आप के साथ रह कर प्यार कर सकुंगी। मैं उसके साथ रुखसाना के पास धन्यवाद करने गया तो वह बोली जैसे कल रात को आप हुमा के साथ दीवाने हो कर नॉन स्टॉप सम्भोग कर रहे थे तो मैंने वही देख कर सोचा आप दोनों को एक साथ रहने का मौका दिया जाए।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]दीपक मेरी बहन के साथ एक हफ्ते का चुदाई करके हनीमून मना लीजिये। फिर बता दीजिये मेरा नंबर कब आएगा तो मैंने कहा "आप भी रुक जाओ।" तो वह हसते हुए बोली मैं तो बस देखती ही रह जाऊँगी। आप दोनों एक दुसरे को छोड़ने वाले नहीं हो और इसका नमूना मैं कल रात देख ही चुकी हूँ। तो मैं क्यों बनु कबाब में हड्डी। इसलिए अभी आप दोनों मजे कीजिये और फिर बाद में मैं अपना हिस्सा आप से ज़रूर वसूल लूंगी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर रुखसाना हुमा से गले लगते हुई बोली हुमा! इतने मजे मत लूटना की हमारे लिए कुछ भी न बचे।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]एक घंटे बाद सब त्यार हो कर बस में बैठ कर मथुरा के लिए निकल गए और घर में केवल मैं हुमा और रोज़ी रह गए। उनके जाते ही उसने मुझे मुस्कुरा कर देखा और मैं खींचता हुआ उसके पास पहुँचा और हमारे होंठ जुड़ गए। मैंने एक ही झटके में हुमा को बिस्तर पर पटक कर उसके कपडे लगभग फाड़ते हुए उतार दिए और एक ही झटके में जोरदार धक्के के साथ अपना पूरा का पूरा लंड उसकी चुत में जड़ तक घुसा दिया और तब तक तेज-तेज धक्के मारता रहा जब तक दोनों झड़ नहीं गए। फिर उस दिन दोपहर के भोजन तक हमने घर के हर कोने में एक दुसरे को चूमते रहे।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तो दोस्तों कहानी जारी रहेगी। आगे मैंने हुमा के साथ एक हफ्ते तक हनीमून कैसे मनाया और हमने क्या-क्या किया आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हुमा के साथ मस्तिया जारी हैं. .[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जब सब चले गए तो उनके जाते ही मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे। फिर रोज़ी मेरे पास आयी और मुझे बताया कि हुमा ने अपना नाश्ता नहीं किया है क्योंकि वह नाश्ते के समय खाने की इच्छुक नहीं थी। मैं उसके साथ गया और हमारे दोपहर के भोजन के लिए कुछ चीजों का चयन किया॥ इसमें बहुत सारे फल हैं, कटे हुए पके हुए आम, अंगूर केले और स्ट्रॉबेरी के साथ अन्य विदेशी फल, चॉकलेट, केक, दूध के शेक और शहद, भारतीय मिठाईया, और साथ में रोज़ी ने हमारे लिए विशेष रूप से जो हलवा बनाया था ले लिया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने हुमा को अपने दोपहर के भोजन का आनंद लेने के लिए कहा, लेकिन उसने कहा कि वह भूखी नहीं है। तो मैंने उसे खाने के लिए फल दिए, लेकिन उसने वह भी नहीं खाया, इसलिए मैंने कहा कि मुझे तुम्हें खिलाने दो। मैंने उससे आँखें बंद करने के लिए कहा और अगर वह आंखों को खोलेगी तो उसे दंडित किया जाएगा। उसे फिर उसे वह बस्तु प्लेट भर के खानी व पड़ेगी, जिसको खाने की वह पहली बार में अनिच्छुक थी। हुमा ने इस योजना पर कुछ ज़्यादा उत्साह नहीं दिखाया और बोली मैं बहुत कम ही खाती हूँ। मैंने कहा अच्छा दोनों मिल कर खाते हैं और मुझ पर भरोसा करो। वह बोली मैंने तो आपको आपने सब कुछ सौंप दिया है आप पर भरोसा नहीं करूंगी तो कहाँ जाऊँगी। तो मैंने उसे ठोस मिल्क शेक पीने को दिया जो उसने बहुत थोड़ा-सा पिया और बोली बस। मैं ज़्यादा दूध नहीं पीती।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]इस बात पर मैंने उसके ओंठ को चूमा और उसके मुंह में मेरे मुंह से एक अंगूर पारित कर दिया। और उसने उसे पकड़ा एक दंश खाने के बाद बाक़ी हिस्सा वापस मेरे मुंह में धकेल दिया और बोली अच्छा जैसा आप कहो। तो यह अनुमान लगाते हुए कि मैं उसे खाने पिलाने की योजना को कैसे पूरा करने जा रहा हूँ, उसने अपनी आँखें बंद कर लीं।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने एक आम का टुकड़ा अपने होंठों में लिया और उसके मुँह में धकेल दिया। उसने थोड़ी मात्रा में खा लिया और वापस मेरे मुँह में आधा घुसाने की कोशिश की लेकिन मैंने उसे वापस कर दिया। उसने उसे पूरा खा लिया और मैंने एक और टुकड़ा दिया तो उसने वह पूरा मेरे मुँह में धकेल दिया जिसे मैंने भी खा लिया और उसने फिर मुझसे कहा। तुम ऐसे मेरी आदत खराब कर दोगे।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उससे कहा कि मेरे प्यार तुम हो ही बिगाड़ने लायक और आप इस सप्ताह में बिगड़ जाने के लिए तैयार रहें। इसके बाद मैंने उसे बहुत सारे स्ट्रॉबेरी, अंगूर और फिर तरबूज और अन्य फल दिए।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं उसे खिलाने के लिए एक चम्मच का उपयोग कर सकता था, लेकिन मैंने उसको ऐसे ही आने हाथ और मुँह से खिलाने का फ़ैसला किया। उसके और भी करीब चला गया। वह सचमुच मेरे हाथ और मुँह से खा रही थी। मैं उसे खिलाते हुए हर बार खाने और फलो के कुछ टुकड़े उसके स्तनों के बीच की जगह गिरा देता था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसने मेरे होंठो पर एक गहरा चुंबन दे दिया। मैं उसे मेरे हाथ और मेरे मुंह के साथ खिला रहा था, मैंने मुँह भर के एक ग्रास ले लिया और उसके मुंह में गहरे चुंबन में धक्का दे दिया। हमारे लार और भोजन का संयोजन हमें एक उन्माद में मिला, मैं उसे खिला और सान रहा था। उसके बड़े-बड़े गोल स्तन खाने से सान गए थे, और निप्पल उत्तेजना से उभर गए थे, जिन्हें मैंने मुँह में लेकर ख़ूब चूसा।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने एक चाकलेट का पैकेट फाड़ा, चाकलेट को अपने मुँह में रखा और अपने मुंह को हुमा के मुंह के पास लाया! चाकलेट देख हुमा के मुंह में पानी आ गया और हुमा भी आगे बढ़ कर मेरे मुंह से चाकलेट खाने लगी। अब मैंने मुंह से सारी चाकलेट अपने और हुमा के मुंह पर लगा दी, मैं हुमा के मुंह पर लगी चाकलेट खाने लगा, हुमा भी मेरे मुंह पर लगी चाकलेट चाटने लगी, हमने चाट-चाट कर एक दूसरे का मुंह साफ़ किया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]fix my json[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसे पीने के लिए कुछ मिल्क शेक दिया लेकिन उसने बहुत कम मात्रा में पिया और मुँह बनाते हुए बोली कि उसे दूध पसंद नहीं है। फिर मैंने केक के शहद ऊपर डाला और उसे अपने मुँह से खिलाया। जिसे हमने आधा-आधा खाया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर मैंने एक छोटी-सी हरी मिर्च ली और हुमा के ओंठो को मिर्च से छुआ और फिर उसके मुँह में डाल दी। मुँह में मिर्ची के जाते ही वह ज़ोर से चिल्लाई! लेकिन उसने आँखें नहीं खोलीं। वह रोती चिलाती हुई बोल रही थी है जल गयी, मेरा मुँह जल गया मेरी जीभ जल गयी। उह! आह! मर गयी, उसने हरी मिर्च को इस डर से थूक नहीं दिया कि उसे ज़्यादा मिर्ची खानी पड़ सकती है और उसने मुझसे कुछ मीठा माँगा। मैंने उसे दूध का शेक दिया। जिसे उसने ख़ूब पीया और बोली मेरा मुँह और जीभ जल गयी और फिर मैंने उसे अपनी जीभ बाहर निकालने के लिए कहा। उसकी जीभ पर बहुत सारा शहद डाल। उसने कुछ राहत महसूस की। लेकिन शहद उसके चेहरे, स्तन और जाँघों पर फैल गया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसे गले लगाया और मेरे शरीर के खिलाफ उसे दबाया और परिणामस्वरूप कुछ शह्द मेरी छाती और जांघो पर लग गई।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसके ओंठो को चूमना शुरू किया और फिर उसके चेहरे और स्तन पर लगे शहद को चाटा और फिर उसकी जांघों को भी चाटा और बोला अब आँखे खोल कर मुझे देखो उसने आँखे खोली और मुस्कुरायी उसकी मुस्कराहट बहुत भोली, मनमोहन और सुंदर थी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हम फिर किस करने लग गए। बता नहीं, ये सब कितना कामुक था। मैं अपने आप को रोक नहीं पा रहा था, मैं उसे देखता रहा।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने शैम्पेन के दो गिलास बनाये और हम दोनों ने अपने सुखद और मजे के नाम पर एक जाम उठाया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके बाद हुमा को मैं अपने हाथ से खाना खिला रहै था और हमने शैम्पेन के जाम उठाये।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने शैम्पेन की बोतल को उठाया और उसके बूब्स पर दो बार उड़ेल दिए। उसने मुझे आश्चर्य से देखने लगी ये क्या कर रहे हो? वह मेरी हर हरकत देख रही थी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं बस मुस्कुरा दिया और झुक कर चाटने लगा और उसके बाद मैं बस उसके स्तन और निप्पलों को चाटता और चूसता रहा। मैं बता सकता था कि वह उत्तेजित हो रही थी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने अपना सिर बग़ल में घुमाया और नीचे की ओर उसकी चूत की तरफ़ बढ़ा। मैं उसकी चूत के होठों को नमी और शैंपेन की बूंदों जो उसकी चूत और जाँघों तक छिटक गई थी से चमकती हुई देख रहा था। मैं उसको चूमते हुए नीचे उसकी नाभि और यनि के आस पास चूमते हुए उसकी योनि को चूमा और फिर चाटने लगा। उसकी योनि के रस और शैम्पेन के मिले जुले रस का स्वाद अध्भुत था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं उसकी गंध सूंघ का महसूस कर सकता हूँ उसका शरीर सम्भोग के लिए त्यार था क्योंकि ऐसे समय में दोनों के शरीर से एक ख़ास गंध निकलती है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे लिए यह गंध थी जारी रखने के लिए एक निमंत्रण थी और मैंने वही किया। मैंने उसकी योनि की गहराई में अपनी जीभ उतार दी और उसे चाटा। उसकी योनि की उंगलियों से खोलते हुए अपनी जीभ से योनि की गहराई की तहों को महसूस करते हुए उसकी कामुकता का नमकीन और शराब मिला तीखा स्वाद चखा।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरा हाथ उसके स्तन और उसके नितम्बो तक चला गया। मेरा हाथ और नीचे गया, दाएँ और बाएँ नितम्बो के बीच की दरार में होती हुई मेरी उंगलियाँ उसके गीलेपन की ओर बढ़ रही थीं। मैंने उसकी योनि में आगे से एक उंगली डाली, और उसकी योनि की संकरी दीवारी की दृढ़ता को महसूस किया। और उसके मुँह से मेरे लंड को निकालने से पहले उसे उत्तेजित करने के लिए उसकी योनि के दाने को सहलाना शुरू कर दिया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं फिर उसकी चूत को चाटने लगा। मैंने हुमा को पीछे होने और मेरे लिए अपनी टाँगे फैलाने के लिए कहा। जो उसने किया, उसके अपने हाथो ने उसकी योनि के होंठों तक पहुँच कर, उन्हें अलग किया ताकि मैं अपने चेहरे को उसके अंदर और गहराई से डुबो सकूँ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर वह बोली प्लीज दीपक! अब और मत तड़पाओ अब मेरे अंदर अपना लंड घुसा डालो और मुझे चोदो! कस कर ज़ोर से चोदो। प्लीज अब जल्दी करो। मुझ से बर्दाश्त नहीं हो रहा। अब आ जाओ मेरे अंदर। वह गिड़गिड़ाने लगी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मुझेलगा अब इसे और तड़पाना ठीक नहीं है और मेरा लंड भी फटने को हो रहा था। मैंने अपने लंड पर शैम्पेन की बोतल से थोड़ी-सी शराब में भिगोया और उसके छेद पर रख कर एक धक्का लगा दिया। । उसकी योनि अब कौमार्य के प्रतिरोध के बिना मेरे लंड का स्वागत किया और मेरा लंड उस ज़ोर दार धक्के के कारण उसकी योनि दीवारों से रगड़ खाता हुआ जड़ में समा गया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वो बोली फाड़ ही डालोगे क्या। आराम से करो। वह बोली आराम से घुसाया करो फिर धीरे-धीरे स्पीड बढ़ा कर ज़ोर से किया करो। मैंने कहा अच्छा अब आराम से करूंगा और उसे किश किया। जिसका उसने गर्मजोशी से जवाब दिया। और फिर मेरी कमर चलने लगी और वह भी लये से लये मिला कर साथ देने लगी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे धक्को के गति और ताकत बढ़ती गयी और जल्द ही हम दोनों एक साथ चरमोत्कर्ष पर पहुँच गए। मैंने योनि में ढेर सारी पिचकारियाँ मारी, और उसकी चूत ने भी संकुचन करते हुए मेरे लंड से मेरे वीर्य की एक-एक बूँद निचोड़ ली और मैं उसकी बाहो में समा कर उसके ऊपर ही लेट गया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तो दोस्तों कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][size=x-large]हुमा से जुदाई [/font][/size]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं बोला नाश्ता ख़त्म होने के बाद, फूफा जी का फ़ोन आया और उन्हें आज के युवाओं के गैर जिम्मेदाराना रवैये के बारे में कुछ अविश्वसनीय, विडंबनापूर्ण टिप्पणी की और कहा कि बॉब को कुछ महत्त्वपूर्ण कागजात देने जाना था लेकिन बॉब उन्हें देना भूल गया है और फिर कहा: " दीपक, क्या आप मुझे उपकृत करने के लिए कुछ दर्जन मील जा पाएंगे। आप कृपया मेरी अलमारी में रखे कुछ गोपनीय कागजात को श्रीमती लिली नामक महिला तक पहुँचा दे।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने हामी भर दी, लेकिन मैंने देखा कि मेरे इस ब्यान से हुमा बहुत नाराज हो गयी थी। हुमा इस क़दर नाराज़ थी कि अब वह वापस जाना चाहती थी। मैंने उससे रुकने के लिए अनुरोध किया और जल्द ही वापस लौट आने का वादा किया, लेकिन वह इतनी नाराज थी कि उसने मुझे तुरंत उसके घर वापस जाने के लिए व्यवस्था करने के लिए कहा, मैंने उसे रोकने के लिए बहुत कोशिश की लेकिन सब कुछ व्यर्थ सिद्ध हुआ। उसने एक टैक्सी बुलाई और तुरंत निकल गईl[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तब तक मेरी टैक्सी भी दरवाजे पर आ गई, मैं तुरंत टैक्सी में बैठकर निकल गया। सफ़र के दौरान मेरे विचार बहुत कामुक थे शायद इसलिए की मेरी योजना की अगले पूरे हफ्ते हुमा की चुदाई और चुदाई करूंगा पर पानी फिर गया था l इस बीच सफर में भी कुछ बहुत सुंदर लड़किया नजय आयी और उन्हें देख मैंने अपने लंड को मसला जब मैं श्रीमती लिए के घर के प्रवेश द्वार पर पहुँचा तो मैं बहुत ज़्यादा काम उत्तेजित था गेटकीपर जल्द ही मुझे घर के अंदर ले गया और मेरी दस्तक का तुरंत एक गोरी और सुंदर युवा कन्या ने दरवाज़ा खोला। उसे देख मैंने फिर अपने लंड को मसला l[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]श्रीमती लिली घर पर थी और उस सुंदर युवा कन्या ने मुझे मैं ड्राइंग-रूम में बैठ कर इंतज़ार के लिए आग्रह किया, क्योंकि श्रीमती लिली अभी भी अपने शौचालय में थी और वह जल्द ही अपने निजी कक्ष में मुझसे भेंट करेंगी। इस विनम्र संदेश ने मेरे सभी रोमांटिक प्रेमपूर्ण विचारों को पुनर्जीवित कर दिया, जो मैंने अपने सफ़र में महसूस किये थे।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जल्द ही वह कन्या आयी और मुझे श्रीमती लिली के निजी कक्ष में ले गयी। जैसे ही मैंने उनके कक्ष में प्रवेश किया, मैंने पाया कि श्रीमती लिली लगभग तेईस साल की एक सुंदर गोरी महिला थी, उसने चेहरे की सबसे आकर्षक अभिव्यक्ति के साथ मेरा स्वागत किया, उसकी बड़ी, भरी, गहरी आँखो ने मन की बात को जान लिया क्योंकि उसने अपना हाथ बढ़ाया मेरा हाथ पकड़ा और यह कहते हुए मुझे अपने पास एक सीट पर खींच बिठा लिया, "तो, तुम दीपक हो, अपने अंकल को बोलना कि मुझे आपको देखकर बहुत प्रसन्नता हुई और आप अपने आपके पिता, अंकल और कजिन और चचेरे भाइयों से भी आकर्षक हैं।"[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर घंटी बजाते हुए, उसने जारी रखा, "आप सफ़र के बाद थक गए होंगे! क्या आप मेरे साथ एक कप चॉकलेट लेंगे? तब तक मैं आपके अंकल के कागजत को देखती हूँ" एक दराज खोलकर और कानूनी दस्तावेजों जैसे कागजों के कई बंडलों को मेज पर बिछाते हुए उन्हें देखने लगी। जैसे ही उस नौकरानी ने प्रवेश किया (वह वही बहुत सुंदर लड़की थी जिससे मैं श्रीमती लिली के यहाँ सबसे पहले मिला था। -" डेज़ी, दो कप चॉकलेट लाओ, कुछ बिस्कुट के साथ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जल्द ही वह कन्या आयी और मुझे श्रीमती लिली के निजी कक्ष में ले गयी। जैसे ही मैंने उनके कक्ष में प्रवेश किया, मैंने पाया कि श्रीमती लिली लगभग तेईस साल की एक सुंदर गोरी महिला थी, उसने चेहरे की सबसे आकर्षक अभिव्यक्ति के साथ मेरा स्वागत किया, उसकी बड़ी, भरी, गहरी आँखो ने मन की बात को जान लिया क्योंकि उसने अपना हाथ बढ़ाया मेरा हाथ पकड़ा और यह कहते हुए मुझे अपने पास एक सीट पर खींच बिठा लिया, "तो, तुम दीपक हो, अपने अंकल को बोलना कि मुझे आपको देखकर बहुत प्रसन्नता हुई और आप अपने आपके पिता, अंकल और कजिन और चचेरे भाइयों से भी आकर्षक हैं।"[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर घंटी बजाते हुए, उसने जारी रखा, "आप सफ़र के बाद थक गए होंगे! क्या आप मेरे साथ एक कप चॉकलेट लेंगे? तब तक मैं आपके अंकल के कागजत को देखती हूँ" एक दराज खोलकर और कानूनी दस्तावेजों जैसे कागजों के कई बंडलों को मेज पर बिछाते हुए उन्हें देखने लगी। जैसे ही उस नौकरानी ने प्रवेश किया (वह वही बहुत सुंदर लड़की थी जिससे मैं श्रीमती लिली के यहाँ सबसे पहले मिला था। -"डेज़ी, दो कप चॉकलेट लाओ, कुछ बिस्कुट के साथ," जब वह चली गयी तो वह बोली "आपको क्या लगता है डेज़ी एक सुन्दर लड़की नहीं है? मेरे पति के यहाँ वह मेरी शादी से भी पहली से सेवारत है। जब उन्होंने मुझसे शादी की तो ये बहुत छोटी थी । अब मेरे पति मुझसे दूर है; क्या आपको नहीं लगता कि एक युवा पत्नी को शादी के बाद ऐसे अकेला छोड़ना शर्म की बात है?"[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मुझे जवाब देने का मौका दिए बिना, वह काग़ज़ निकाल कर इधर उधर घूमती हुई जिज्ञासु तरीके से बोलते-बोलते चलती रही और वह ख़ुद को कागजात बिछाने और समझने में बहुत व्यस्त होने का ढोंग कर रही थी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कुछ देर बाद जब डेज़ी चॉकलेट ले आयी तो उसे दुसरी नौकरानी माधवी को यह बताने के आदेश के साथ बहहर भेज दिया गया कि उसकी मालकिन कुछ समय के लिए बहुत व्यस्त होगी और जब तक वह उसे पुकारती नहीं है तब तक उसे परेशान नहीं किया जाना चाहिए।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरी गोरी मेजबान की सबसे आकर्षक बात ये थी क्योंकि वह अपने पारदर्शी गाउन में घूम रही थी, जो ऊपर से खुला था, जिससे उसकी आकर्षक दूधिया छाती के ऊपरी भाग प्रदर्शित हो रहे थे वह केवल पेट के पास एक डोरी से बढ़ा हुआ था और उसकी गोरी लम्बी और चिकनी टाँगे जिनमे उसने खूबसूरत चप्पलो के अलावा कुछ भी नहीं पहना हुआ था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर उसने थर्मस में से दो कप चॉकलेट उँडेली, उसमे कुछ ख़ास खुशबूदार पदार्थ डाला और मुझे उनमें से एक के साथ पेश करते हुए नरम लाउंज में मेरे साथ चिपक कर बैठ गयी। "इसे मेरी तरह एक घूँट में ख़त्म करो यह आपको एक-एक घूंट पीने और इसे ठंडा होने देने से कहीं अधिक अच्छा लगेगा।" उसने कहा ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं उसे देख कर इतना प्रभावित था कि मैं उसके मश्वरे को ताल ही नहीं सका और हम दोनों ने एक घूँट में चॉक्लेट के अपने प्याले को पिया और मैंने लगभग तुरंत ही अपनेबदन में कामुक गर्माहट का रोमांच महसूस किया और जब मैंने मेरे प्यारे साथी को देखा तो उसकी आँखें में एक अजीब कामुक आग से चमक रही थी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तो दोस्तों कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]सेक्सी मेजबान की टांग में क्रैम्प. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली ने मुझे कप पकड़ाने के लिए हाथ थोड़ा ऊपर किया तो उसकी गाउन उसकी छाती से थोड़ी दूर एक तरफ गिर गई और अब वो ऊपर से लगभग पूरी तरह से नंगी थी, और मैंने न केवल हाथीदांत के दो सबसे उत्कृष्ट गोल, पूर्ण और पॉलिश किए हुए सफ़ेद संगेमरमर के गोल स्तन देखे, बल्कि उस संगेमरमर के ऊपर सजा हुआ गुलाबी मूंगा भी देखा, जो उनमें से प्रत्येक को सुशोभित कर रहा था। मैंने देखा उसने मेरी नज़र की दिशा को पकड़ लिया था, लेकिन उसने अपना हाथ नीचे करने की कोई जल्दी नहीं थी, और मैंने ठीक अंदाजा लगाया कि उसके आकर्षणो का यह उदार प्रदर्शन किसी भी तरह से अनजाने में नहीं था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वह पूर्ण अंडाकार सुंदर चेहरे के साथ स्त्री सौंदर्य की एक आदर्श आकृति थी! गुलाब के फूल जैसा मुँह और चेरी जैसे होंठ, छोटे-छोटे कान, उत्तम गोल चमकदार कंधे, पूर्ण और सुंदर भुजाएँ, लहराती हुई उत्तम छाती, गोल सुदृढ़ और मोठे स्तन जिन्हे मैं सहलाना और धीरे से दबाने का सौभाग्य प्राप्त करना चाहता था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]यह वास्तव में बहुत सुंदर थी और उस समय मेरे सामने अर्ध-नग्न थी और थोड़ा शर्मा रही थी। उसके गोरे गाल शर्म से लाल हो चमक रहे थे, उसके प्यारे चमकदार कंधे और उसकी उत्तम छाती लगभग पूरी तरह से नग्न थी! मैं अपनी आँखों को त्वचा के करीब ले गया तो मुझे दिखा की उसकी त्वचा की बनावट कितनी अच्छी थी। उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]इसके साथ हर पल और अधिक साहसी होते हुए और श्रीमती लिलि के जोशपूर्ण स्वभाव का लाभ उठाते हुए मैं अपने हाथ से सुकि टांगो को सहलाते हुए उसकी जांघो तक ले गया तो मैंने पाया कि मेरे हाथ और उसके शरीर की चिकनी त्वचा के बीच बहुत हल्के मलमल के उस गाउन के अलावा और कुछ नहीं था। उसका चिकना बदन मुझे बहुत अच्छा लगा![/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]यह स्वाभाविक ही था एक सुंदर महिला के गर्म, धड़कते शरीर को अपनी बाहों में महसूस करने में कुछ ऐसा रोमांचकारी है कि न केवल मेरा खून अधिक तेजी से चला, बल्कि मुझे यह महसूस होने लगा कि मेरा लिंग जो हुमा के छोड़ जाने के कारण उदास और निराश था, वह मेरे हाथो के लिली की जांघो के संपर्क में आने के बाद जगने लगा।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके सुंदर स्तन गोल, मोटे और मज़बूत दिखने वाले थे। मैं उन प्यारे, प्यारे चुलबुले स्तनों को अपने कब्जे में लेना चाहता था ताकि मैं उन्हें अपने हाथ में के कर दबाने के बाद, उन्हें और उनके गुलाबी चुचकों को मेरे मुंह से चूसूं! उसकी जाँघों थोड़ी अलग हो गयी और उसकी गाउन उनके बीच गिर गई और उसने अपने स्तनों की गोलाई और सुंदर रूप को मुझे पूरी तरह से दिखाया, जिससे मेरी कामोतेजना और उसे पाने की इच्छा और अधिक भड़क गयी। वह जानती थी वह मुझे उत्तेजित कर रही है, क्योंकि वह मेरे उत्तेजित हृदय की धड़कन को मेरे तेज साँसों से महसूस कर सकती थी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"आप मेरे पास सोफे पर बैठ जाइये," उसने इतनी मीठी आवाज़ में हँसते हुए कहा, " लेकिन अगर आप बुरा न मानें तो हम बिस्तर पर एक साथ बैठ सकते हैं![/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"मुझे ख़ुशी होगी," मैंने कहा, "अगर आप बिना पीठ के सहारे बैठे रहेंगे तो आप थक तो नहीं जाओगी?"[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"ओह!" उसने सबसे मासूम तरीके से कहा, "तुम बस मेरी कमर के चारों ओर अपना हाथ रखो, इससे फिर मुझे थकान महसूस नहीं होगी।"[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हालाँकि, मैं बैठ गया, जैसे उसने मुझे करने के लिए कहा था वैसा करते हुए और मैंने अपना बायाँ हाथ उसकी पतली कमर के चारों ओर खिसका दिया और उसे अपनी ओर थोड़ा-सा आलिंगन दिया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"आह!" उसने कहा, "यह सही है! मुझे कसकर पकड़ें! मुझे कसकर पकड़े रहना पसंद है!"[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसकी बातो से मुझे अंदाजा हो गया की उसका पति काफ़ी दिनों से यहाँ नहीं है और उसे अपने पति से दूर रहना अच्छा नहीं लग रहा है। उसकी पोशाक से दीखता हुआ उसका खूबसूरत अर्धनग्न बदन मुझे लुभा रहा था और वह मटक-मटक कर चल मुझे आकर्षित कर रही थी । फिर उसने नौकरो को भी बाहर भेज दिया था। अब हम दोनों बिलकुल अकेले थे, और उसकी आँखों में देखने के बाद काम देव मुझ में जाग गया थाl मैंने फटाफट खाली प्याला मेज पर रख दिया और अपनी बाजू उसके गले में डाल दी उसने मेरा चेहरा अपनी और किया तो मैंने उसके होंठ और गालों पर कई चुंबन जड़ते हुए अपने दूसरे हाथ से उसकी आमंत्रित करती हुई छाती को कब्जे में ले लियाl[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,] cursive font copy paste[/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वह शरमा गई और बोली, "ओह ओह! सर! आप मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं उसके हाथो में उसका चॉक्लेट का प्याला था?"[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"प्रिय आप मेरी इस धृष्टता को क्षमा करें और आप परेशान न हो, वास्तव में इस कप के कारण ही मैं ये हिम्मत कर पाया हूँ और इस सहायता के लिए मैं आपका और इस कप का बहुत आभारी हूँl मैं आपकी सुंदरता के आकर्षण से कैसे बच सकता हूँ और आपको चुने और चूमने के लालच से ख़ुद को मैं बचा नहीं पाया हूँl मुझे पूरा विश्वास हैं आप मुझे इसके लिए क्षमा कर देंगी।"[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं खिसका और उसके सामने अपने घुटनों पर बैठ गया दिया और अपना चेहरा उसकी गोद में छुपा लिया, मैंने अपनी बाहों को उसकी कमर के चारों और लपेट दिया और उसके पूरे बदन को उत्तेजना के कारण से कांपता हुआ महसूस किया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अचानक वह दर्द से चिल्लाने लगी और बोली, "आह! हाय! ओह! ओह! ओह! मेरे पैरों में ऐंठन आ गयी है। ओह! ओह!" और हाथ से प्याला नीचे फेंक दिया। "ओह, दीपक प्लीज मुझे छोड़ दो! हाय मर गयी हाय ओह! अब इसकी मालिश करनी होगी!"[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अब ये मेरे लिए एक शानदार मौका और आगे बढ़ने का भाग्यशाली अवसर था। "आप इतने भयानक दर्द में हैं और मैं मेडिकल का छात्र हूँ, कृपया आप मुझे अनुमति दे l" मैंने इस अवसर आका फायदा उठाने के लिए हिम्मत करते हुए उसके गाउन को ऊपर उठाते हुए और उसकी प्यारी पिंडलियों को अपने हाथों से सहलाया। अब तक मैंने कितनी ही लड़कियों की सुन्दर और प्यारी टाँगें देखीं है, लेकिन श्रीमती लिली की टाँगे अध्भुत थी और उन पर न कोई बाल न कोई दाग या चोट का निशाँ, कुछ भी नहीं था। गोरी चिकनी बेदाग़ और सुन्दर टाँगे देख मेरे बदन में आग लग गई थी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अपनी उंगलियों को धीरे-धीरे फिराते हुए मैं अपने हाथ धीरे-धीरे ऊपर और ऊपर उनकी जांघो तक ले गया और ख़ुद को उनकी नरम और गुलाबी त्वचा पर चुंबन करने से नहीं रोक सका। श्रीमती लिली ने एक गहरी कराह भरी और बोली, " ओह! आपका बहुत-बहुत धन्यवाद, मुझे बहुत नाज़ुक जगह पर दर्द हुआ था और वह ऐंठन अब दूर हो गई है और दर्द चला गया है। अगर आप नहीं होते तो पता नहीं मुझे कितनी देर ये कष्ट और सहना पड़ता ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"नहीं, नहीं, मैडम, आपकी खूबसूरत जांघों का तंत्रिका संकुचन मुझे विश्वास दिलाता है कि दर्द का केंद्र ऊपर है और वह दर्द कुछ ही क्षणों में फिर से वापस आ जाएगा, और आप कृपया मुझे पूरा मुआयाना करने दीजिये ताकि मैं इसका स्थायी इलाज़ कर सकूँ और आपको पूरी राहत मिले वास्तव में आपको इसके लिए मुझ से शर्म नहीं करनी चाहिए, क्योंकि मैं एक मेडिकल छात्र हूँ ।" हर पल और अधिक साहसी होते हुए और उसके जोशपूर्ण स्वभाव का लाभ उठाते हुए मैंने झट से जवाब दिया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तो दोस्तों कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,] सेक्सी मेजबान के साथ पहली बार संसर्ग [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वह बोली "ओह दीपक! तुम वास्तव में एक बदमाश जवान हो, तुम्हारे छुअन ने और चुंबन ने मुझे बेकरार कर दिया है, मैं एक सुन्दर छात्र का विरोध नहीं कर पा रही हूँ? ओह, दीपक, मैं तो केवल तुम्हारी हिम्मत देखने के लिए और तुम्हे आकर्षित करने के लिए कोशिश कर रही थी लेकिन अब मैं और अब मैं अपने ही जाल में फँस गयी हूँ!"[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके स्पर्श और उसकी सुंदरता ने मुझ पर अपना प्रभाव दिखाएँ शुरू कर दिया था, उसकी बाते सुन और उसके स्पर्श से और खूबसूरती के कारण मेरी पैंट में मेरा लंड खड़ा हो गया था और टेंट नज़र आने लगा था और उसके आँखों तुरंत निचली दिशा में गयी । उसने अपने परी जैसे सफेद और परिपूर्ण सुंदर टांगो को एक दूसरे पर मेरी उत्सुक आँखों में प्रदर्शित करने के लिए रखा ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कोमल और स्वादिष्ट सुगंध जो केवल युवावस्था में महिला से निकलती है वह मुझे महसूस हुई और उसके प्रचुर लहराते सुनहरे बाल मेरे गालो से टकराये जो रेशम की तरह लग रहे थे। मेरे हाथ उसके चमकते हुए आकर्षणो को छूने के लिए तरस रहे थे! फिर कुछ क्षण हम मौन में बैठे रहे।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके सुन्दर टांगो और छोटे-छोटे पैर, इतने प्यारे, सुंदर पैर और ऐसी उत्कृष्ट रूप से मुड़े हुए नंगे टखने, उसने अपनी चप्पलें की जोड़ी उतार फेंकी थीं। उसके छोटे से खुले हुए गाउन ने उसके कंधों और छाती के कुछ हिस्से को ढँका हुआ था, लेकिन वह गाउन उसके पूरे आकार को, सफेद भुजाओं, उसकी पतली कमर या उसके शानदार और चौड़े कूल्हों को छिपाने के लिए नाकाफी था। उसके इस रूप और इन नंगे पैरों और टांगो ने मेरी कामिच्छा को भड़का दिया और मैंने उसे पकड़ कर उसकी टांगो में सर घुसा कर उसकी जांघो पर एक चुंबन कर दिया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"आह! दीपक! इतनी जल्दी यह सब! आप तो दुःसाहसी होते जा रहे हैं।"[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर मैंने महसूस किया कि उसका हाथ मेरी सफेद पैंट के नीचे रेंगा और उसने मेरे पेण्ट के ज़िप को खोल दिया । और अपना हाथ धीरे से मेरी जाँघ के ऊपर रख दिया। और धीरे से अपनी विस्तारित उंगलियों को मेरी जांघ के अंदर की ओर खिसकाते हुए: वह मेरे लंड को छुआ जो-जो अब उग्र रूप से खड़ा और कठोर था![/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"प्लीज दीपक!" उसने मुझे थोड़ा मुझे दूर धकेलने की कोशिश की क्योंकि मैं उसकी प्यारी जांघों के बीच जाने की कोशिश कर रहा था। " श्रीमान, पहले सारे वस्त्र निकालिये मुझे औजार को देखना है, क्योंकि आपकी खुशियों के खजाने की गुफा अब बेपर्दा हो, अब आपके सामने ख़ुद को प्रकट कर रही है और उसने अपने गाउन को उतार कर नीचे फेंक दिया जो उसके द्वारा पहना गया एकमात्र कपडा था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर एक छोटे से विराम के बाद वह आगे बढ़ी उसने गर्व से अपने सूजे हुए स्तन पर नज़र डाली, "तो क्या आपको लगता है कि मैं खूबसूरत हूँ?"[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]ओह! "मैंने उसकी तारीफ करते हुए कहा," श्रीमती लिली! मुझे लगता है कि मैंने दुनिया में इतना प्यारा चेहरा और फिगर पहले कभी नहीं देखा था! "[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"क्या सच में! क्या आप जानते हैं कि मैंने क्या सोचा था, जब मैंने आपको टैक्सी में देखा था?" और आप मुझे लिली कहें![/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"मैंने सोचा था कि अगर मैं इतने अच्छे दिखने वाले, सुंदर युवक के साथ यात्रा कर रहा होती तो मुझे कोई आपत्ति नहीं होती!" और मैंने उसे अपने पास खींचा और उसके स्तन सहलाने लगा।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने कहा, "लिली! अब मैं अपने आप को संयमित करने में असमर्थ हूँ। मुझे नहीं याद कि मैंने कभी पहले इस तरह की प्यारी छाती और इस तरह के मोहक, सुस्वादु चुलबुले स्तन कब देखे हैं!" और इसके साथ ही उसकी छाती में मेरा हाथ फिसल गया और उसके एक स्तन को मेरे हाथ ने जब्त कर लिया और मैं उसे धीरे से दबाने लगा है और अपनी उंगलियों के बीच उसके कड़े हो चुके निपल्स को निचोड़ा और उसके बाद मेरे सामने प्रस्तुत चूचक के सुंदर उभरे हुए मुंह को चूमा और फिर चूसा।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"आह!" वह कराही, "दीपक तुम्हें ऐसा करने की अनुमति किसने दी है? ठीक है अब इसके बदले में मेरे पास आपको अच्छा महसूस कराने के कुछ है!"[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसकी फुर्तीले उँगलियों में मेरी खुली हुई पतलून में से अपने हाथ की एक फुसफुसाहट से मेरी कमीज़ निकाल दी थी और इसके साथ ही मेरे गर्म सख्त और उग्र, पागल घोड़े पर उसने तुरंत अपना कब्जा कर लिया ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसका स्पर्श अपने लंड पर महूस करते हुए उसके निप्पल को हल्का-सा कुतर दिया "आह!" वह फिर कराही, " आह! ओह! वाह ये कितना सुंदर है! कितना सुन्दर!! और इतना बड़ा! और ये सिर्फ़ कठोर ही नहीं है बल्कि लोहे की रोड की तरह इसका सर गर्म और लाल भी है! और तुम्हारे पास कितने अच्छे बड़े अंडकोष हैं जिनमे मेरे लिए ढेर सारा रस है! ये बहुत सुंदर है! ओह! मैं उन्हें खाली करना चाहूंगी! ओह! अब तुम मुझे पाओगे![/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और मेरे चेहरे को अपने पास खींचकर, मेरे ओंठो को चूम कर उसने अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी, सबसे कामुक और स्वादिष्ट शैली में मेरी जीभ चूसते हुए वह मेरे खड़े हुए लंड पर हाथ चलाती और साथ में मेरे अंडकोषों को संभाल रही थी। जबकि मैं एक हाथ से उसके स्तनों को दबाते हुए दुसरे हाथ से उसकी योनि के दाने को छेड़ रहा था। यह मेरे अधीर लंड के लिए बहुत अधिक था, और जल्द ही उसके हाथों और शरीर पर मैंने पिचकारियाँ मार दी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,] मेजबान के साथ संसर्ग[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली एक पल में ही खड़ी हो गई, बिलकुल नग्न और उसकी त्वचा चमक रही थी और सुंदरता से दीप्तिमान, मेरे सामने वास्तविक उत्तेजक और कामुक सुंदरता सभी से परिपूर्ण।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वह मेरे सामने, मध्यम कद की एक प्यारी महिला मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ नग्न, चेहरे और आकृति की ऐसी अद्भुत सुंदरता के साथ खड़ी थी, उसके जैसा मैंने कभी देखा या सोचा था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली न तो बिलकुल पतली थी न ही उसे मोटी कहा जा सकता है अपने आकार के लिए, वह पतली से थोड़ी बेहतर है और उसके शरीर के सभी अंग अनुपातिक थे । एक महिला के रूप में उसकी त्वचा अच्छी तरह से भरी हुई थी, उसका मांस लगभग पके आड़ू के गूदे की तरह सख्त और दृढ़ था। उसकी और लाली लिए हुए गोरी त्वचा निचला होंठ थोड़ा मोटा, ऊपरी ओंठ पतला जलीय हास्य के समुद्र में तैरती हुई हरी आँखे की पुतलीया, अच्छी तरह गोल लम्बी सुराही दार गर्दन पतली कलाई, लम्बी बाजुए लम्बी उंगलिये वाले हाथ, चौड़े कंधे, गर्दन का पिछला भाग बालो के नीचे से ढका हुआ था दो गोलार्द्धों की तरह अपने गोल फर्म स्तनों को बहादुरी से प्रदर्शित करती हुई, जो एकजुट होने पर आदर्श ग्लोब बन जाएंगे, स्पॉट पेट, पतली कमर, सांप की तरह चलने वाली चाल, कूल्हे पूरे गोल दृढ़ और लचीले, उत्कृष्ट रूप से ढाली हुई टाँगे और छोटे-छोटे पाँव, स्पार्कलिंग मुस्कान लिए हुए युवा, अति सुंदर, काव्यात्मक ईश्वर की उत्कृष्ट कृति मेरे सामने थी ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली का रूप इतना विशुद्ध रूप से परिपूर्ण था, उसके अतुलनीय अंग अनुपम रूप से सुशोभित, वे अतुलनीय अंग! दूधिया सफेदी और चिकनाई लिए हुए उसकी गोल और दृढ छाती की पहाड़ियों के ऊपर सजे हुए गुलाबी अंगूर उसके कामुक होने के कारण मोटे हो आमंत्रित कर रहे थे । इन सबसे अधिक उसका रोये के जैसे हल्के घुंघराले सुनहरी बालों से ढका हुआ त्रिकोणीय योनि क्षेत्र जिसमे मुड़ी हुई चिकनी जांघो ने उसकी गहरी कोमल दिखने वाली और अंदर की पतली रेखा बनाती हुई उस काम की देवी की पूर्णता की घोषणा की। केवल एक चीज जिसने सुंदरता से परिपूर्ण इस आकाशगंगा को थोड़ा प्रभावित किया, वह थी उसके पेट की हल्की से झुर्रि जो महीन रेखा की तरह उसके निष्पक्ष पेट की गहरी नाभि को पार कर गईं थी[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मुझे बहुत लम्बी या बौनी लड़की पसंद नहीं है। वह मेरे लम्बाई के हिसाब से बिलकुल सही थी ताकि वह अपने पंजो पर-पर खड़े हो मेरे ओंठो पर मुझे चुंबन कर सके और उसने मुझे चुंबन किया और अपनी जीभ की मेरे मुँह में धकेल दिया। उसके आलिंगन और चुंबन के कारण मेरा लंड एक दम से कठोर हो गया[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]ओह! तुम तो बड़े नटखट और अधीर हो, इतनी जल्दी! सच बताओ क्या तुम ये पहली बार कर रहे हो? कितनी शर्म की बात है! "[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं सोच ही रहा था की इससे पहले मैं कब इतनी जल्दी से उत्कर्ष पर पहुँच कर झड़ गया था? जहाँ तक मुझे याद है मैं पहले कभी भी इस प्रकार नहीं झडा था![/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं मन में बोला ना![/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं कुछ बोलता इससे पहले ही लिली मेरे लंड को पकड़ कर बोल पड़ी । नटखट लड़के, क्या तुमने सब ख़र्च कर दिया? तुम्हारे पास अब मेरे लिए बहुत कुछ नहीं बचा है? लेकिन ये तो अभी भी कठोर है! "उसने मेरे लिंग को अपने हाथ में पकड़ कर दबाया और लंडमुंड को ऊपरी चमड़ी से बाहर निकाल दिया। उसने आह भरी।" अपने कपड़े उतारो, श्रीमान और अब हम इसे आराम से करते हैं।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे पति मुझे इस प्रकार छोड़ के जाने केलिए इस सजा के पात्र हैं, भला क्या कोई अपनी नवविवाहिता पत्नी को इस प्रकार से छोड़ कर जाता है। प्रिय! कैसे मैं बताऊँ तुम मुझे कितने अच्छे लगे, तुम्हारे पास कितन बड़ा और शानदार पुरुष का अंग है और इसलिए-वे इसे क्या कहते हैं?- (अपने शब्दों पर शरमाते हुए वह बोली) लंड! ओह ये कितना अभद्र है! मेरे पति अपने युवा साथियों के बारे में यही कहते है। क्या यह अशिष्ट शब्द नहीं है? ओह दीपक! लेकिन ये इतना अर्थ से भरा हुआ है। जब भी मेरे पति ने किसी के लिए ऐसा कहा, मैं एक सुंदर, बड़े लंड वाले युवा की कामना करने से ख़ुद को रोक नहीं सकी। आज मेरी ये इच्छा पूरी हो गयी है और आपके अंकल ने आपको आज मेरे पास भेजा है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली ऐसे ही बोलती हुई मेरे लंड को पकडे हुए मुझे खींच कर दुसरे कमरे में ले गयी और मैंने रास्ते में अपने सब कपडे अपनी जूते जुराबे पेण्ट, जैकेट, कमीज और अंडरवियर सब रास्ते में उतार कर फेंक दिए जैसे अब मुझे कभी इनकी ज़रूरत नहीं पड़ने वाली। वह दौड़ती रही और मैं त्रिशंकु के समान नंगा हो गया था। फिर मैं उसकी और लपका और हम दोनों लिपट गए और चुंबन करने लगे हमारे होंठ जुड़ गए और उसकी जीभ मेरे खुले हुए मुँह में चली गयी और मैं उसकी जीभ को चूसने लगा । फिर गले, स्तनों और पेट को चूमने, और हर संभव तरीके से एक-दूसरे के आकर्षण को सहलाते और चूमते हुए, हमने धीरे-धीरे अन्य कमरे में बिस्तर की तरफ़ बढे । मैं रास्ते में एक दो बार रुका और खड़े-खड़े ही लंड ुकि योनि प्रदेश से टकरा कर अंदर घुसाने की कोशिश की लेकिन असफल रहा।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]आखिरकार जब लिली बिस्तर पर पहुँच गयी तो मैंने उसे बिस्तर के कोने पर बैठा दिया और उसने मुझे घुटने पर बैठने का और अपनी योनि को चूमने के लिए इशारा किया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, जो उसकी योनि के होठों से काफ़ी इंच-डेढ़ इंच दूर था। मैंने उसे परमानंद में चूसा और उसके संवेदनशील अंगों को इस तरह से सहलाया कि उसने एक या दो मिनट में मेरे सिर को अपने हाथों से पकड़कर योनि पर दबाया और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया यह सबसे स्वादिष्ट आनंददायक था; मेरी जीभ उसके मलाईदार उत्सर्जन में आनंदित हुई।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर लिली ने मुझ से बिस्तर पर आने और मुझ से चोदने का बार-बार अनुरोध किया और चुदाई का आनंद लेने के लिए भीख मांगी। तब मैंने उसके उत्तेजित भगशेफ को दांतो से कुतरते हुए उसकी जांघो और उसकी नाभि को चूमा और नाभि में अपनी जीभ घुसा दी और फिर एक दुसरे पर झपटते हुए, हम बिस्तर पर लुढ़क गए, उसके हाथ ने मेरे लंड को पकड़ लिया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]एक और क्षण में मैं लिली के ऊपर, उसकी चौड़ी-खुली जाँघों के बीच और उसकी सुंदर छाती पर आराम कर रहा था। मेरे सीने के खिलाफ उसके खूबसूरत बूब्स को नरम और लोचदार महसूस किया! और उसके सख्त हो चुके गुलाबी चूचक मेरे सीने में गड़ गए।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][size=x-large]लिली की योनि में मेरे लंड का प्रथम प्रवेश.[/font][/size]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जब मैं उसकी योनि को चाट रहा था और अपनी ऊँगली से उसकीयोनि ने घुसाने का प्रयास कर रहा था तो मैंने मह्सूस किया उसकी योनी बहुत टाइट थी। मैंने उससे पुछा की क्या वह कुंवारी है?[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"मेरे प्रिय दीपक! आपके लिए कुंवारी तो मुझे होना ही चाहिए, क्योंकि मेरे पति का लिंग मुझे खुश करने के लिए बहुत छोटा है और मेरी योनि जितनी तंग है। मैं उसके लिंग को अपनी सुहागरात में भी महसूस नहीं कर पायी थी और मुझे लगता है अब आपकी ख़ुशी का गहना मुझे भर देगा!" मुझे चूमते हुए उत्तर दिया ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हम बिस्तर पर लुढ़क गए, उसके तैयार हाथ ने मेरे लंड को पकड़ लिया और मैं उसके प्यारे शरीर पर चढ़ गया। मैं अब लिली के ऊपर, उसकी चौड़ी-खुली जाँघों के बीच और उसकी सुंदर छाती को अपने छाती से दबा कर मैंने अपने सीने के खिलाफ उसके खूबसूरत बूब्स को नरम और लोचदार महसूस किया! और उसके सख्त हो चुके गुलाबी चूचक मेरे सीने में गड़ गए। मैं उसके ओंठ चूसने लगा।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरा लंड जाकर उसकी योनि और भगनासा से टकराया उसकी हरकतें उसके शब्दों की तरह कामुक थीं। उसने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया अब मेरा लंड लिली की कुंवारी चूत के बिल्कुल सामने था। लिली ने हाथ बढ़ा के मेरे अंडकोशो को सहलाया और फिर लंड पकड़ा और अपनी चूत के लबो पर फैरने लगी। लिली की चूत केहल्का-सा अंदर मेरा गरम-गरम लंडमुंड जैसे ही लगा उस ने एक झरजरी-सी ली। मुझे भी इस में बहुत मज़ा आ रहा था। मैं थोड़ा और झुक गया अब लिली ने मेरा लंड चूत की फांको के बीच ऊपर से नीचे फेरने लगी।इससे लिली की गीली-गीली चूत में गुदगुदी होने लगी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अयाहआअहह! आह्म्म्म्मम।" लिली के मुँह से बाक़ायदा सिसकियाँ निकलने लगी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया, जबकि उस समय मैं भी उसकी स्वादिष्ट योनी में घुसने के लिए उतना ही उत्सुक तेज़ था। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया। लिली ने बड़ी ही मुश्किल से अपनी चीख अपने होंठो में दबाई लेकिन फिर भी ज़रा-सी निकल ही ग!. अया! आह! अह्ह्ह्ह! " लिली के मुँह से निकला वह दर्द से मरी जा रही थी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे साथ ये पहली बार हो रहा था जब किसी लड़की ने ख़ुद से अपनि योनि में मेरा लंड घुसा लिया हो । मैंने भी लंड को थोड़ा नीचे को दबा कर अपने कूल्हे नीचे धकेल दिए। मेरे बदन में लहरे-सी उठने लगीं और एक नया-सा सरूर आने लगा मेरी किस्सिंग में जोश-सा आ गया और मैंने लिली के पूरे चहरे को चूमना शुरू कर दिया। फिर उस के कानो पर आया और गर्दन पर और फिर दोनों हाथ में लिली के मम्मे पकड़ लीं और उस के लेफ्ट निपल को मुँह में ले कर चूसने लगा और ज़ुबान उस पर फैरने लगा। लिली के दोनों निपल्स हार्ड हो कर खड़े हो गये थे। मेरी ज़ुबान उस के निपल के गिर्द गोल-गोल घूम रही थी और वह मज़े की दुनियाँ में आँखे बंद किए उड़ रही थी। मैं दीवानो की तरह अब उस की मम्मों को चूस रहा था, काट रहा था और दोनों हाथो से ज़ोर-ज़ोर से सहला भी रहा था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अब मैं आहिस्ता-आहिस्ता अपने मोटे लंबे लंड को लिली की चूत में अंदर करने लगा। लिली अपना सिर इधेर उधेर मारने लगी। उस ने आँखे ज़ोर से बंद कर लीं थीं और टाँगो को बंद केरने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसकी टाँगों के बीच में था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बास्स्स! अया आह अह्ह्ह्ह! "लिली बोली" रूको।" मुझे बहुत दर्द हो रहा है तुम्हारा बहुत बड़ा है ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मे लिली की बात सुन वहीं रुक गया। उसकी तेज़-तेज़ साँसे ले रही थीं। उस के मम्मे उस के सीने पर पूरी तरहा फूल और पिचक रहे थे।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]यह तुम्हारा पहला मौका है इसलिए दर्द दे रहा है। अभी मज़ा आएगा। अब कुछ नहीं होगा। पहली बार होता है । ये बर्दाश्त कर लो तो समझो बहुत मज़ा आए गा, ज़रा-सी देर और।" मैंने लिली के बालो में हाथ फेरते हुए उस बोला तो लिली बोली मुझे मालूम है और लिली मेरे होंठो को चूमने लगी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]इतने में उसका दर्द कुछ कम हो गया। उसे किस्सिंग का मज़ा आने लगा उसकी योनि कितनी नरम थी और उस पकड़ मज़बूत महसूस हुई, इंच दर इंच मैंने अपने लंड की धीरे-धीरे उसमें दफनाया, जब तक कि मेरा लंड उसकी योनि के खिलाफ जाम नहीं हो गया, पहले मेरे अंडे लटक गए फिर जैसे-जैसे लंडअंदर गया उसके प्यारे सफेद नितम्बो के साथ चिपक गए। मैं आगे नहीं जा सका।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और अपनी चूत में फँसे हुए मेरे लंड का भी मज़ा लेते उसने ज़रा-सा अपनी गाँड को उठाया। मैं समझ गया कि यही टाइम है और मैंने ज़ोर का झटका दिया कि मेरा पूरा लंड लिली की चूत में घुस गया और मेरी हल्की-हल्की झांटें सिमरन की रोयें जैसी जनता वाले साफ़ सुथरे प्यूबिक एरिया से जा लगीं और मैं वहीं रुक गया। मुझे महसूस हो रहा था कि मेरा लंड किसी टाइट से शिकंजे में फँस गया है। लिली के मुँह से निकली हुई चीख मेरे मुँह में ही रह गई. वह अपना सर ज़ोर से दाई बाईं करने लगी। उस की आँखों से आँसू निकलने लगे। उसे महसूस हो रहा था कि जैसे उस की चूत में आग लग गई हो कोई दहकता हुआ लोहे का रोड उसकी चूत के अंदर घुसा दिया गया हो। मैं उस को चूमते हुए हाथो से लिली के मम्मों को दबा रहा था ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कुछ देर में लिली का दर्द कम हुआ और वह कुछ संभल गई. उस ने एक ज़ोर की साँस ली और बोली, "आअहह तुम ने मुझे मार ही डाला था आराम से करो मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ ।"[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और एक महिला के पास क्या है! मेरी हर हरकत से उसकी ख़ुशी का इज़हार हो गया! उसे सुनने के लिए आपने कल्पना की होगी कि यह पहली बार था जब उसकी इंद्रियाँ अपनी नींव से ही शक्तिशाली रूप से उत्तेजित हुई थीं! उसके हाथ कभी भी स्थिर नहीं थे, वे मेरे सिर के पीछे से मेरे शरीर की अंतरंग सीमा तक, जहाँ तक वे पहुँच सकते थे, मेरे ऊपर चल पड़े। वह आनंद देने और प्राप्त करने की कला में बिल्कुल पारंगत थी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हम एक दूसरे की बाँहों में लेट गए; एक दूसरे की आँखों में कोमलता से टकटकी लगाए। हम पहले बोलने के लिए बहुत बेदम थे। मैं महसूस कर रहा था कि उसका पेट मेरे खिलाफ दब रहा है और उसकी धड़कती हुई योनि ने मेरे लंड को पकड़ लिया था, जैसे कि वह उसका हाथ हो और फिर उसकी योनि संकुचन करते हुए लंड को चूसने लगी![/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मुझे पता था कि मेरे लंड ने कितनी टाइट योनि में प्रवेश कर कितनी डिग्री का आनंद लिया था! मुझे लगा कि वह फिट है! वह गले से लग गई! उसने मुझे अपनी बाहों में लगभग कुचल दिया और अपने पैरों को मेरी पीठ पर रख दिया, उसने मुझे अपने मोटे तौर पर दबाया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसके प्यारे से चेहरे को देखा और उसके सुंदर चेहरे को चूमने लगा और उसके ओंठो को पिया, उसके बदन जिसे मैंने अपनी बाहों में जकड़ा हुआ था को सहलाया और दबाया और जिसकी कोमल और कामुक जांघों को मैंने घेर लिया मेरा! मैं कामना कर रहा था कि वह शांत हो जाए । वह मेरी लगातार, लालसा वीनस थी और मैंने लंबे समय की उसकी कामुक इच्छाओं के कारण उसे पा लिया था और उसकी बांहो में स्वर्ग का आनद महसूस कर रहा था इससे पहले कि मैं उसकी अतुलनीय फांक की चुदाई शुरू करता, मुझे अपने बारे में कोई धारणा नहीं थी। लेकिन मेरी हवादार कल्पनाएँ उसके यह कहने से दूर हो गईं।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"आप एक शान दार लंड के मालिक औ और एक अच्छे चोदू हो और इसमें आपकी कोई गलती नहीं है! ओह! आप जानते हो कि यह कैसे करना है! कोई भी व्यक्ति उस तरह से चुदाई नहीं करता, जब तक उसे सिखाया न गया हो!"[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"नहीं" मैंने कहा, मेरी बाहों में उसे दबाकर और उसके गहरे लाल रंग का होंठो को चूमा, "मैंने इस तरह का कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है और न ही इसमें अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया गया हूँ । हाँ जहाँ तक बात है चुंबन की! मैंने कुछ अच्छे चुम्बन पीछे कुछ दिनों में देखे हैं और मैंने हमेशा उनका यथासंभव अभ्यास करने की कोशिश की है!"[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली ने सम्भोग का नया तरीका सिखाया.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने लिली की चुत में लंड धीरे-धीरे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और फिर धीरे-धीरे गति बढ़ाता गया । इससे मुझे और लिली को मज़ा आने लगा। मेरे हर शॉट के साथ लिली की आह-आह की सिसकियाँ गूंजने लगी। उस ने आँखे बंद कर लीं। लिली की कुंवारी चुत मुझे मिलेगी ये तो मैंने सपने में भी नहीं सोचा था और फिर उसकी चुत बहुत ही कसी गरम और करारी थी। जाने कब मेरे धक्को में तेज़ी आ गई. हम दोनों को ही पता ना चला लेकिन अब लिली को दर्द नहीं केवल मज़ा और सरूर आ रहा था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"आह!" उसने कहा। " मुझे ऐसा लगा! आप किसी भी पुरुष की तुलना में पैर का अंगूठा और एड़ी वाली चुदाई बेहतर कर पाएंगे और मैं ये कहने की हिम्मत इसलिए कर सकती हूँ क्योंकि मैंने अपनी बहन को बहुत सारे पुरुषो के साथ देखा है और मेरा दावा है आपके पास अभी तक इतनी महिलाओं नहीं रही होंगी जितने पुरुषो के साथ मैंने अपनी बहन को देखा है![/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं- पैर की अंगुली-एड़ी से आपका क्या मतलब है, लिली![/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली: ओह! क्या आप ये नहीं जानते? आप इसे किसी भी गति से कर सकते हैं! और शानदार! एड़ी और पैर की अंगुली वाली चुदाई में प्रत्येक स्ट्रोक को बहुत शुरुआत में शुरू करना होता है और इसे बहुत अंत में समाप्त करना है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं: वह कैसे लिली?[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली: अभी मुझे एक लंबा स्ट्रोक दो! "[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैनें यही किया। मैं तब तक पीछे हुआ और लंड को बाहर निकाल लिया जब तक कि मेरे लंड उसकी चूत के छिद्र से बाहर नहीं आ गया और फिर धीरे से लेकिन मजबूती से उसे अंदर जितना दूर और जितना गहरा हो सकता था ले गया और फिर मैंने उसके पेट पर आराम किया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"आअह्ह्ह," वह कराही,[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली: बस! इसी तरह आप इसमें लगभग लंड बाहर निकालते हैं, लेकिन पूरा नहीं निकालते और उस समय आप अपने पंजो पर हो जाते हैं और एड़ी बिस्तर से उठ जाती है और फिर पूरे ज़ोर से लंड को आगे धकेल देते हैं और तब तक नहीं रुकते हैं जब तक पूरा लंड अंदर जा कर लंडमुड योनि की आखरी दीवार से नहीं जा टकराता और आपके कूल्हे योनि और अंडकोष नितम्बो से तेजी नहीं टकरा जाते हैं और आपकी एड़ी अब सतह के समान्तर स्पाट हो जाती है![/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके बाद मैंने-मैंने वैसे ही एक शॉट लगाया ऑटो वह बोली ये बेहतर है और फिर मैं दुबारा शुरू हो गया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हाँ. हाँ. हाअँ. और. तेज़-तेज़. हा. हा-हा. आ. आ, हहाायी. ऊओ. आह. प्रिय. आह. ओह्ह. चोदो. हहान. और तेज़।" हर झटके के साथ लिली के मुँह से एक लफ्ज़ निकल रहा था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं लिली पर गिर गया और हाथ उसके स्तनों पर ले गया, उसके होंठ चूसने लगा। अब धक्कों में काफ़ी तेज़ी आ गयी थी। मेरा लंड लिली की गीली चूत में आराम से आ जा रहा था। मेरे हर झटके में मेरे बाल लिली की चूत को छू जाते थे। मेरे अंडकोषलिली के कूल्हों को छू जाते। दोनों पसीने में नहा गये थे जिस से कमरे में फूच-फूच की आवाज़े आ रही थीं। लिली अभी मजे में अपने कूल्हे अब ऊपर उठा-उठा कर मेरे स्ट्रोक से लय मिला कर चुदवा रही थी। दोनों मस्ती में चूर एक दूसरे को ख़ूब जोश से चोद रहे थे।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरा हर धक्का वह ब्याज के साथ लौटा रही थी, मेरे हर ताकतवर धक्के के साथ वह उतना ही जोश के साथ अपने कुल्हे और नितम्भ आगे पीछे करने लगी जीसे मेरा इंजन को उसकी चरम जड़ में समा जाता था! और उसकी योनि साथ-साथ संकुचन भी कर रही थी ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जल्द ही अब वह बारी-बारी उत्कर्ष पर पहुँच कर झड़ रही थी! मैंने एक सत्र के दौरान एक महिला के तेरह या चौदह बार झड़ने के बारे में सुना था, लेकिन यह लिली तो शुरू से अंत तक और कुछ नहीं कर रही थी लेकिन, यह तब तक नहीं हुआ था जब तक मैं अति रोमांचित, उग्र, उत्साही हो कर लगभग हिंसक छोटे-छोटे शॉट नहीं लगाने लगा था। हम दोनों ने अद्भुत मजे का अनुभव किया । वह लगभग चीख पड़ी! मुझे गले से लगा लिया! और उसने मेरे लंड को जलमग्न कर दिया, उसने मेरे मुँह को अपने हाथ से पकड़ लिया और जहाँ तक वह कर सकती थी, अपनी जीभ उसमें मारी, मेरे तालू को छूकर और अपनी गर्म साँस को मेरे मुँह में डाल दिया, इस बीच उसका पूरा शरीर सिर से एड़ी तक सचमुच उस जबरदस्त उत्तेजना से कांप गया![/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं भी चरम के काफ़ी नज़दीक ही था और लगभग तैयार था और फिर उसने महसूस किया कि मेरे वीर्य की बहुत तेज़ गर्म धाराएँ उसकी योनि के सबसे गहरे हिस्से के खिलाफ बहुत तेज प्रहार कर रही हैं जैसे मैंने कभी इससे पहले उत्सर्जन न किया हो![/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और हम लगभग तुरंत एक पारस्परिक उत्सर्जन में तैर गए, हम दोनों लगभग ख़ुशी से झूम उठे; यह केवल कुछ मिनट तक चला; मेरे उत्तेजित लंड पर उसकी योनि की सिलवटों की धड़कन और सिकुड़न ने मुझे नए सिरे से प्रयास करने के लिए जगाया और मैंने पूछा उसे ऐसा लगा? तो लिली ने कहा कि अरे आप बड़े ज़ालिम हो, लेकिन प्यारे और-और मस्त हो, चोदो मुझे और चोदो और वह कामुकता से भरी अपने होठों को दांतो से सहलाती हुई दिखाई दी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं पीछे हट गया और मैंने लंड को बाहर निकाला लंड उसके रस खून और मेरे वीर्य से सना हुआ था मैंने बिस्तर के पास पड़े हुए रुमाल से लंड और योनि के अंदर बाहर और जांघो पर लगे खून को साफ़ किया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अब मेरी इस प्यारी अप्सरा ने तुरंत मेरे उस हिस्से और उसके उपांगों की सबसे सूक्ष्म परीक्षा शुरू कर दी, जिसने उसे बहुत मजे दिए थे। उसके अनुसार, मेरा सब कुछ बिल्कुल सही था और उसने आज तक बहुत सारे पुरुषो को अपनेी बहन के साथ नग्न देखा था और उसके निरीक्षण में इतना शानदार और सुंदर लंड नहीं आया था और इतने सुंदर, संतुलित पत्थर जैसे मेरे अंडकोषों थे ने उसे विशेष रूप से प्रसन्न किया! और अब वह इनकी मालकिन थी! मेरे अंडकोषों के बारे में उसने कहा कि वे इतने बड़े हैं और उसे यक़ीन था कि वे वीर्य से भरे हुए हैं और उसने मुझसे कहा, उसका इरादा था, इससे पहले कि वह मुझे यहाँ से प्रस्थान करने के लिए अनुमति दे वह इन्हे खाली कर देना चाहती थी ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]इस पहले अभियान ने-ने बस हमारी भूख को बढ़ा दिया था और एक दूसरे के आकर्षण की सूक्ष्म परीक्षा के साथ और भी अधिक उत्तेजित होकर, हम फिर से गिर गए और एक और कामुक लड़ाई की स्वादिष्ट पीड़ा में डूब गए! मेरे उसे पहली बार चोदने में लगभग दो बज गए थे । अब मुझे की कोई जल्दी नहीं थी क्योंकि हुमा तो चली गयी थी और लिली भी अकेली थी और अब लिली जैसी शानदार स्त्री मेरे पास थी और हम दोनों अब और की लालसा रखते थे। मैं ताजा, युवा, मजबूत, जोरदार था और अभी कुछ दिन से ही मैं इस सुखों से अवगत हुआ था और इनका आनंद लेना शुरू किया था। मुझे कोई आश्चर्य नहीं कि मेरा भाग्य बहुत अच्छा था और लिली जैसी प्रेमीका मुझ से प्रसन्न थी और उसने मेरे प्रदर्शन को एक शानदार दावत कहा था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]ऐसी कहावत है कि प्रेम भोजन की भूख को नष्ट कर देता है। शायद यह तब होता है जब किसी का प्यार नहीं मिलता है, लेकिन पाठको मेरा अनुभव है, कि मैं हुमा के साथं अपने सुबह के नाश्ते के बाद अपने टिफिन के लिए लालायित था। और लिली की योनि की मलाई चाटने और मुँह का रस पीने के लिए पाकर मैं वास्तव में बहुत खुश था, हालाँकि मैंने उस दिन महिला के साथ संसर्ग करते हुए ख़ुद को इतना फिट पहले कभी महसूस नहीं किया था और शारीरिक बल के इतने कम नुक़सान के साथ शायद मुझे इतना आनंद कभी नहीं मिला, परन्तु, मैं जिन गर्म कामकु लड़ाइयों से गुज़रा था और गर्म कामुक हवा के झोंके के प्रभाव से मेरा मुँह फिर सूखने लगा था ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]निःसंदेह मेरे नियमित छात्र जीवन के सयमित जीवन, नियमित व्यायाम, नियमित भोजन और इससे पहले बहुत कम सेक्स करने के कारण मेरी शक्ति संवर्धित थी जिससे से मैंने अपने को अंदर से बहुत मज़बूत महसूस किया था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर लिली ने मेरे को कस के बाहों में ले लिया और मेरे फेस पर किस पर किस किए जा रही थी। अब हम दोनों लेट गये थे और मैं लिली के ऊपर था। दोनों एक दूसरे के होंठो को कस-कस के चूमने लगे।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली के होंठो पर अपनी जीभ चलाने लगा और लिली ने भी मुंह खोल दिया और अपनी जीभ निकाल के मेरी जीभ को चाटने लगी। ।मैंने अपनी पूरी जीभ लिली के मुंह में डाल दी। लिली मेरे दातों पर जीभ चलाने लगी।[/font]
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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं: ओह! लिली! ।मेरी जान! ।तेरी जीभ! और मुँह का रस बहुत मीठा है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली: दीपक, एयेए! आपके होंठ बड़े रसीलें हैं। आपकी जीभ शरबत है। आआहह![/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं: अह्ह्ह्ह! लिली! मैं तुम्हे खा जाऊँगा।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर मैंने उसकी जीभ को चूसा। मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली और अपने हाथ से उसकी योनि को सहलाने लगा, तो उसका शरीर सिहरने लगा और वह झड़ने लगी और मेरे हाथो को उनके चुत गीली-गीली लगने लगी। उसके बाद मैंने अपने हाथो के उसके मोमे दबाने लगा और तभी उनका निप्पल मुझे कड़ा-सा महसूस हुआ तो मैंने अपनी उंगलियों से निप्पल को खींचा और बोला "आप सबसे सुन्दर, गोरी और मस्त माल हो। आपको देखकर तो कोई भी पागल हो जाये जैसे की मैं हूँ आपको मालूम नहीं है मेरी क्या हालत है। मेरे मन आपको देख बेकाबू हो गया है लिली की गोल-गोल बूब्स से भरी उसकी छाती और भरे-भरे गालों के साथ उसकी नशीली आंखें मुझे नशे में कर रही थी। मैं बोला आपके होठों की बनावट तो ऐसी थी, अगर कोई एक बार उनका रस चूसना शुरू करे तो रूकने का नाम ही न ले।"[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं लिली पर चढ़ कर बेकरारी से चूमने लगा और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट तक उसका लिप्स किस लेता रहा मैंने अपना हाथ उठाया और उनके बूब्स दबाने लगा, वह भी मेरा साथ देने लगी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मै उसकी चुचियों को मसलने लगा और वह मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थी, फिर मैंने उनके मोमो को चूसना शुरू कर दिया उनके मोमो कड़क हो गए थे और चुच्चिया कह रही थी हमे ज़ोर से चूसो! मैंने चूचियों को दांतो से काटा लिली कराह उठी आह यह आह लिली कह रही थी धीरे-धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा ही है उसके बूब्स अब लाल हो चुके थे फिर मैंने उनकी नाभि को चूमा अपनी जीभ उनकी नाभि में डाल दी लिली मस्त हो गयी और मेरे सर अपने पेट पर दबाने लगी मैंने लिली के एक-एक अंग को चाट डाला और उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा तो उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था। उनकी चूत गीली होने लगी मैंने छूट को सहलाया तो लिली बोली बहुत अच्छा लग रहा है बहुत आराम मिल रहा है । सस्स्सस्स हहा करती हुई मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। अब वह सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वह अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी। अब उसके ऐसा करने से मेरे लंड में भी सनसनी होने लगी थी। फिर उसने मेरा लंड पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर मैंने उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और उसके दोनों पैरों को फैलाया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। अब जब मेरे लंड का सुपड़ा ही उसकी चूत में गया तो वह ज़ोर से चिल्लाई। फिर मैंने उसके लिप्स पर किस करते हुए उसके मुँह को बंद किया और अपने धक्के लगाता गया। अब वह झटपटा रही थी और अपने बदन को इधर से उधर करने लगी। में धक्के पर धक्के लगाए जा रहा था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर में उसके बूब्स को चूसने लगा था और अपने एक हाथ से उसके बालों और कानों के पास सहलाने लगा था और फिर कुछ देर के बाद मैंने उसके कानों को भी चूमना शुरू कर दिया तो कुछ देर के बाद वह फिर से गर्म हो गई। फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया और मैंने पूछा कि मज़ा आ रहा है। फिर वह बोली कि हाँ बहुत मज़ा आआआआ रहा है! हाईईईईई! म्म्म्मम! फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वह पूरी मस्ती में थी और मस्ती में कराह रही थी अआह्ह्ह! आाइईई! और करो, बहुत मज़ा आ रहा है। और अपने कूल्हे मेरे चोदने के ताल से ताल मिला कर ऊपर नीचे हिला रही थी और नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर चिल्ला रही थी और बडबड़ा रही थी। आहहहहहह! और चोदो मेरी चूत को, आज मत छोड़ना, और फिर कुछ देर के बाद वह बोली हाए मेरे राजा में झड़ने वाली हूँ और फिर मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वह भी कुछ देर के बाद झड़ गई और शांत पड़ गयी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं उसे चोदता रहा और तेजी सेअपने उत्कर्ष की ओर बढ़ रहा था, उसने कहा, "हम इसे ज़्यादा देर तक कर इसका और अधिक आनंद ले सकते हैं आप अब मेरे शरीर पर बैठो, दीपक और मेरी छाती पर स्तनों के बीच अपनी सुंदर कड़े और लम्बे लंड को रखो।"[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने लंड बाहर निकाला और लंड को उसके निप्पलों से टकराया और स्तनों केर बीच की दरार में रख दिया । वह पहले तो लंड अपने हाथ से सहलाती रही और अपने दो स्तनों को उसके पास ला कर लंड को स्तनों के बीच में दबा दिया तो मैं भी लंड स्तनों के बीच आगे पीछे करने लगा ताकि मैं उनके बीच काम कर सकूं। यह एक और स्वादिष्ट विचार था, लेकिन उसने मुझे उत्साहित करने के अपने सभी तरीकों को समाप्त नहीं किया था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसका दूसरा हाथ उसकी जाँघ के बीच में गया और मुझे लगा कि वह अपने आप को सहलाएगी लेकिन यह केवल उसकी उंगली को गीला करने के लिए था, उसने मेरे नीचे के छेद को उसके साथ सहलाया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसने कहा, "अब मैं आपके ऊपर आना चाहती हूँ मेरा मतलब मुझे आप पर सवारी करना है और इसे यथासंभव लंबे समय तक चलाना है, तो आइए हम अपनी स्थिति को उलट देते हैं।"[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं उनको चूमता रहा और उनके बूब्स को सहलाता रहा फिर में उनके नीचे और अब लिलि मेरे ऊपर थी। मेरे तनकर खड़े लंड पर धीरे-धीरे अपनी चूत दबाकर लंड को अंदर घुसा रही थी। में उसकी चूत की चमड़ी को अपने लंड की चमड़ी पर रगड़ते हुए देख रहा था और में आपको बता नहीं सकता कि मुझे उस समय कितना मज़ा आ रहा था। वह मेरे लंड पर धीरे से उठती और फिर नीचे बैठ जाती जिसकी वज़ह से लंड अंदर बाहर हो रहा था और वह ख़ुद अपनी चुदाई मेरे लंड से कर रही थी और बहुत मज़े कर रही थी। सच में लिली बहुत मादक लग रही थे उनके रेशमी सुनहरी बाल चारो तरफ़ फ़ैल गए थे ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]can i download my own photos from instagram[/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने भी अपने चूतड़ उठा कर लिली का पूरा साथ दिया l मेरा लंड उनकी चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो दोनों के आह निकलती थी ।फिर मेरे हाथ उनके बूब्स को मसलने लगे फिर मैं उनकी चूचियों को खींचने लगता था तो लिली सिहर कर सिसकने लगती थीl उसके बाद वह मेरे ऊपर झुक गयी और हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए। लिली मुझे बेकरारी से चूमने लगी और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी फिर वह तेजी से ऊपर नीचे होकर जम कर चुदाई करने लगी तो वह लगभग पच्चीस मिनट के लिए मेरे ऊपर सवार हुई और बीच-बीच में किश करने के लिए रुकी। और फिर हमारे शुक्राणु के एक शानदार प्रवाह में मिले।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लेकिन इसके अलावा, यह तथ्य था मेरी नई महिला साथी असाधारण रूप से सुंदर और कामोत्तेजक थी और इससे मुझमें जो कामुक उत्तेजना पैदा हुई है, वह निश्चित रूप से उस कारण के अनुपात में बहुत ज़्यादा थी जिसने इसे जन्म दिया था। भोजन के लिए अपनी भूख के बावजूद, मैं निश्चित रूप से बिस्तर पर उसके साथ रहा होता और उसकी हर्षित भुजाओं में आनंदित होता और उसे अपने मर्दाना जोश से भर देता, लेकिन उसने मुझे बताया कि वह हमेशा दोपहर में सोती थी और ख़ुद भूखी थी और मेरी शक्ति पर संदेह करते हुए, उसने चाहा कि मैं उस रात को उसकी प्यारी जांघों के बीच ख़र्च करने के लिए अपने बल के कुछ अच्छे हिस्से को बचा लू और आराम कर लू।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।[/font]