आज घर पे सारे सदस्य यशोधा देवी को लेकर झूम उठे, क्योंकि आज का दिन भी खास था। उमर के नए पड़ाव पर यशोधा देवी काफी खुश थी, एक तो इतना प्यार करनेवाला परिवार जो मिली थी, ऊपर से उससे भी ज़्यादा प्यार और रोमांस करनेवाला पतिदेव जो आज भी किसी आशिक़ से कम नहीं था। लेकिन आज तो जैसे हस हो गई थी क्योंकी जिस तरह से उनके साथ बाथरूम में बेशर्मी की गई, उससे तो ऐसा लगा जैसे उनकी पति में इमरान हाशमी का भूत सवार हुए हो!
रामधीर की हरकतों को याद करती हुई वोह शर्मा जाती है और तभी धीमे क़दमों से पीछे से उसे एक लड़की जकड़ लेती है। वह लड़की थी रोमी जी मस्त नहा के खिली खिली लग रही थी और सबसे पहले उसने अपने ही दादी को जकड़ लिया प्यार से "हैप्पी बर्थडे दादोमा!!!!!!!" केहके उनकी फूली हुई मोटे गालों को प्यार से चूम लेती है।
ऐसे वक्त में राहुल और अजय भी आ जाते है।
अजय : बस कर रिमी! हमे भी तो विश करने दे!
राहुल : अरे भाई! जाने भी दो। यह तो ठहरी नटखट! यह किसी को विश नहीं करने देगी।
रिमी : (ज़ुबान बाहर निकालकर) ऊऊऊऊऊऊ! जाओ आप लोग! दादिमा मुझसे ज़्यादा प्यार करती है!! क्यों दादी?
याधोशा देवी : देखो अगर ऐसी बात है तो में अपने पोते से भी एक एक चुम्मा लूंगी, इसी गाल पे!
अजय और राहुल तो लेकिन माननेवाले नहीं थे, दोनों एक एक गाल पर चूम लेते है और उन्हें देख रामधीर अख़बार रखके बोल पड़ा "अरे भाई! यह क्या मेरे अपने पोते मेरा पत्ता काट रहा है क्या!" और इतना कहके वह हसने लगते है। उनकी वाक्य से सब हंसे और रोमी मूह में हाथ रखे "च्ची दादाजी! कुछ भी बोलते हो जाओ!"
राहुल : अरे क्या पता हो भी सकता है! दादीमा है ही इतनी हॉट! क्यों अजय?
अजय : अब क्या बोलूं भइया! (भोला सूरत लिए) लेकिन सच तो यह है के आज दादाजी बड़े हैंडसम लग रहे है (इतना कहना था के वह चुप चाप रामधीर के बहू बैठके उनके कंधों को मसलने लगा, जैसे मसाज कर रहा हो। दादाजी प्यार से उसे गलो पर चूम लेता है, पर चुम्बन के एहसास से अजय थोड़ा सिहिर उठा। क्या पता क्यों लेकिन यह एहसास कुछ नया नहीं था। इस मुद्दे पर हम लोग धीरे धीरे आयेंगे।
खैर घर पर सभी औरतें बढ़िया खाना बनाने में जुट गए। आज का मेनू था चिकन कोरमा! आशा और रमोला सारे के सारे बर्तन, कांधा और चिकन तयार करते हुए शुरुवात कर लेते है। दूसरे और रिमी और नमिता भी अलग से मदत कर रहे थे। यशधा और राहुल एक साथ बेठेके टाइमपास करने लगे।
यादोशा देवी : अब राहुल बेटा! एक बहू लादे घर पे! अब बस में कुछ नहीं सुनना चाहती हूं!
राहुल : देखो दाडोमा! लड़की तो मैंने देख रखी है। लेकिन....
यशोधा देवी : (मुस्कुराके) लेकिन क्या मेरा बच्चा?
राहुल : (शरारती अंदाज में) लेकिन दाडमा! वोह थोड़ी मोटी है! थोड़ी उमर में बरी! और सच कहूं! बिल्कुल आपकी बड़ी बहू जैसी!
यशोधा : (कुछ सोचकर) बेशरम!!!!!! (पीठ में मारती हुई) अपने मा के बारे में बात कर रहा है तू! (हसने लगी)
राहुल भी हसने लगा, लेकिन सुबह के घटना के बाद अपने मा को लेके नई उमंगे जागृत करने लगा, क्या पता आज अचानक इतनी मामूली घटना को लेके वह इतना क्यों भावना में डूब रहा था। ना जाने क्या दिखा आज उसे आशा के आंखों में। जी कर रहा था बस वही के वही केवल अंडरवेयर पहने अपने मा को बाहों में लेकर उसकी आंखो में डूब जाए।
वोह सोच में था के उसके आंखों के सामने चुटकी बाजाती है रिमी "ओय मिस्टर! ऐसे ही बैठेगा या मदात भी करेगा किचेन में!"
"तेरी तो!!!" कहके राहुल उसके पीछे पीछे भागने लगा और दोनों के मासूमियत देखकर यादोधा देवी मुस्कुरा उठा । कुछ मिनटों बाद महेश और गौरव अपने मा को विश करके उनका पैर चू लेता है। घर परिवार हो तो ऐसा हो, प्यार से भरपूर और कुछ दूरी पे खड़ी गाजोधरी मुस्कुरा रही थी, मन में हजारों लट्टू फुट उठे और खुद को बोल परी "अब तो तीर लगाना ही पड़ेगा, यशोधा देवी अब आप की खैर नहीं!!"
दूसरे और खाना करीब बन चुका था, चिकन कोरमा की सुगंध से सब पागल हो उठे। रिमी बहुत ज़्यादा उत्तेजित थी और नमिता उसे दांट ने लगी क्योंकि बार बार वोह बस किचेन में बकियो को सताने में मगन थी। रिमी और नमिता की पक्की दोस्ती और बेहनपयार देखकर आशा और रमोला दोनों खुश हुए और धान्य था ऐसे परिवार का।
राहुल ना जाने क्यों अचानक सोफे में से उठकर अपने मा के पीछे खड़ा हो गया, कुछ ऐसे के अपने बेटे के गरम सांसें आशा अपने कंधो और गले के आसपास महसूस करने लगी। अपने मन में मुस्कुराती हुई ना जाने क्यों आशा कुछ खास आश्चर्य नहीं थी क्योंकि राहुल बड़े प्यार से उसकी मदत करने में जुट गया।
आशा : क्या बात है! आज बड़ा दिल आ रहा है मा पर!
राहुल : बस ऐसे ही, में आपका हर वक्त ऐसे ही हेल्प किया करूंगा।
सीन कुछ मनमहोक और अजीब भी था। राहुल मा के पीछे चिकपे चिपके उसकी सहायता करने लगा और यह यह दृश्य देखकर रीमी एक जोर की सिटी बजाती है "ओय होए! मा बेटे का प्यार तो देखो!"
नमिता : (बर्तन रखती हुई) कभी हमारा भी ऐसे सहायता किया कर! (हंसकर)
अजय : इंपॉसिबल! राहुल अपने मा के बराबर किसी को भी नहीं रखेगा!
रमोला : (बनावटी गुस्से में) हाए! एक तेरा बेटा और दूसरा वोह! (अजय के तरफ)
अजय : अरे मोम! आप चिकन की जिमिदारी लो, में भी ऐसे पीछे आके खड़ा हो जाऊंगा!
सब के सब हसने लगे। रामधीर अपने परिवार से बहुत खुश और संतुष्ट था। लेकिन फिर भी आज ना जाने क्यों उसे अपने सुहाग कामुकता के दिन बहुत याद आ रहा था। कैसे वोह पहली रात को उसने अपने पत्नी का उठघटन किया था और कैसे बार बार वोह सिसक उठी, हर चुम्बन पर, हर हमले पर!
अचानक अजय उठ गया और सबको ऐलान करने लगा के शाम को एक छोटा सा सरप्राइज था सब के लिए। सब के सब थोड़े हैरान और थोड़े उत्साहित होने लगे।
रिमी : लेट मी गेस! आप गाना गाओगे!
नमिता : मेरे खयाल से कोई मस्त डांस परफॉर्मेंस होगा, है ना अजय?
दोनों बहने एक कातिल मुस्कान के साथ अजय के तरफ देखने लगे, एक बात तो थी के दोनों बहनों के होंट एक दम रसभरे और लालिमा से भरे हुए थे। अगर कहीं ऐसा हुआ के इन दोनों के होंठ एक दूसरे से गलती से भी कहीं टकरा गए, तो कमायत आ सकता है। जहां नमिता थोड़ी सी सुडौल और गड्राई थी, वहा रिमी एकदम स्लिम और प्यारी सी परी जैसी।
शाम का इंतज़ार सब करने लगे और चिकन का आनंद लेने सब दिनिंग टेबल पर टूट परे।