hotaks444
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हाई फ्रेंड्स मैं भी इक कहानी इस फोरम मे पोस्ट कर रहा हूँ दोस्तो मैं कोई राईटर नही हूँ मैं तो बस कॉपी पेस्ट कर रहा हूँ
कहानी अच्छी है या बुरी इसका क्रेडिट इस कहानी के लेखक को देना
किरण की कहानी
लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर
हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा
हेलो दोस्तो. एक नई कहानी लिखी है पढ़ के बताइए के कैसी लगी. कहानी कुछ ज़ियादा ही लंबी हो गई है पर आइ एम शुवर के आप को पसंद आएगी. मुझे मैल करना के कहानी कैसी लगी. थॅंक्स इन अड्वान्स.
मेरी एक नेट फ्रेंड है किरण. किरण एक शादी शुदा लड़की (औरत) है. लड़की इस लिए के अभी उसकी एज छोटी ही है और औरत इस लिए के उसकी शादी हो चुकी है और उसकी चुदाई भी हो चुकी है. किरण एक बोहोत ही अछी लड़की है यह मैं इस लिए जानता हू के मैं उस से चॅट करता रहता हू और मैं किरण से इंट्रोडक्षन करवाने के लिए अपनी एक और फ्रेंड ईशा जो कहने को तो शिकागो, अमेरिका मे रहती है पर सच तो यह है के ईशा मेरे दिल मे रहती है और मेरा दिल ईशा के नाम से ही धड़कता है मैं उसको अपनी जान से ज़ियादा प्यार करता हू और अपनी इशू जान का शुक्रिया अदा करना चाहता हू. ईशा मेरी जान थॅंक्स फॉर दा इंट्रोडक्षन. आइ लव यू बोथ.
किरण की शादी को लग भाग 7 – 8 महीने हुए हैं. इंडिया के ही एक बड़े मेट्रोपोलिटन सिटी मे रहती है. उस ने मुझे अपनी जीवन की बोहोत सारी घटनाएँ बताई है जो उसके साथ घटी है और वो चाहती है के मैं उसकी ज़िंदगी के बारे मे एक कहानी लिखू. उसने मेरी लिखी हुई कहानिया पढ़ी हैं और मेरी स्टोरी राइटिंग की स्किल से इंप्रेस हो के उसने मुझ से रिक्वेस्ट की है तो इसी लिए मैं लिख रहा हू. मेरी उस से चॅट होती रहती है और चॅट करते समय उसने अपने बारे मे सब कुछ बता दिया जिसको मैं ने नोट कर लिया और एक कहानी की तरह से लिख दिया. सब से पहले यह कहानी उसके पास फॉर्वर्ड की उसके अप्रूवल के लिए और फिर कुछ चेंजस अडिशन्स के साथ और उसकी इजाज़त से ही यह आप सब लोगो के लिए भेज रहा हू. होप के आप को भी पसंद आएगी. मुझे ज़रूर मैल करना के आप सब को यह कहानी कैसी लगी. आपको बता दू के यह कहानी हंड्रेड पर्सेंट सच है.
अब आगे की कहानी किरण की ज़ुबानी सुनिए :
मेरा नाम किरण है. मेरी एज 27 साल की है. गोरा चिटा रंग. 5’ 6” की नॉर्मल हाइट. चेहरा बदन 36 द – 32 – 36 का मेरा फिगर है. लोग और मेरी सहेलिया कहती है के मैं खूबसूरत हू. मेरी शादी को तकरीबन 8 महीने हुए हैं. पति के साथ
सुहाग रात और बाकी की सेक्स लाइफ कैसे गुज़र रही है वो तो मैं आप को बताउन्गि ही लैकिन मैं आपको उस से पहले के कुछ और घटनाए सुना ने जा रही हू.
मैं उस समय इंटर के 2न्ड एअर (+2 ) के एग्ज़ॅम दे रही थी. उमर होगी कोई 16 साल के लग भग. मेरे फाइनल एग्ज़ॅम से पहले प्रिपॅरेटरी एग्ज़ॅम होने वाले थे. जन्वरी का महीना था बे इंतेहा सर्दी पड़ रही थी. मैं दो दो रज़ाई ( ब्लंकेट टाइप ऑफ कवर विथ कॉटन स्टफ्ड इनसाइड ) ओढ़ के पढ़ रही थी.
उन्न दीनो मेरे एक कज़िन सुनील जिनकी एज होगी कोई 29 – 30 साल की. उन्हो ने अपने सिटी मे कोई नया नया बिज़्नेस स्टार्ट किया हुआ था तो वो कुछ खरीदारी के लिए यहा आए हुए थे और हमारे घर मे ही ठहरे थे. हमारा घर एक डबल स्टोरी घर है ऊपेर सिर्फ़ एक मेरा रूम और दूसरा स्टोर रूम है जिस्मै हमारे घर के स्पेर बेड्स, ब्लॅंकेट्स, बेडशीट्स वाघहैरा रखे रहते हैं. जब उनकी ज़रूरत होती है तो निकाले जाते है मौसम के हिसाब से. और एक दूसरा रूम जिस्मै मैं अकेली रहती हू और अपनी पढ़ाई किया करती हू. मेरा रूम बोहोत बड़ा भी नही और बिल्कुल छोटा भी नही बॅस मीडियम साइज़ का रूम थे जिस्मै मेरा एक बेड पड़ा हुआ था. वो डबल बेड भी नही और सिंगल बेड भी नही बलके डबल से थोडा छोटा और सिंगल से थोड़ा बड़ा बेड था. इतना बड़ा के कभी कभी मेरी फ्रेंड रात मे मेरे साथ पढ़ने के लिए आती और रात मे रुक जाती तो हम दोनो इतमीनान से सो सकते थे. और रूम मे एक पढ़ाई की टेबल और कुर्सी रखी है. एक मेरी कपबोर्ड और एक मीडियम साइज़ का अटॅच्ड बाथरूम है जिस्मै वॉशिंग मशीन भी रखी हुई थी. घर मे नीचे तीन कमरे थे. एक मम्मी और डॅडी का बड़ा सा बेडरूम, दूसरा एक बड़ा हॉल जैसा ड्रॉयिंग रूम जिसके एक कॉर्नर मे डाइनिंग टेबल भी पड़ी हुई थी यह ड्रॉयिंग कम डाइनिंग रूम था और एक स्पेर रूम किसी भी गेस्ट्स वाघहैरा के लिए था जिस्मै सुनील को ठहराया गया था.
हा तो मैं पढ़ाई मे बिज़ी थी. सर्दी जम्म के पड़ रही थी. मैं अपना लहाफ़ ओढ़े बेड पे बैठे पढ़ रही थी. बाइयालजी का सब्जेक्ट था और मैं एक ज़ुवालजी की बुक पढ़ रही थी. इत्तेफ़ाक़ से मैं रिप्रोडक्टिव सिस्टम ही पढ़ रही थी. जिस्मै मेल और फीमेल ऑर्गन्स की डीटेल्स के साथ ट्रॅन्सवर्स सेक्षन की फिगर बनी हुई थी. रात काफ़ी हो चुकी थी मैं अपने पढ़ाई को फाइनल टचस दे रही थी. कुछ फिगर्स देख के बनाए हुए थे नोट्स के लिए उस मैं ही कोलौरिंग कर रही थी और साथ मे लेबलिंग कर रही थी.
रात के शाएद 11 बजे होंगे पर सर्दी होने की वजह से सब जल्दी ही सो गये थे जिस से लगता था के पता न्ही कितनी रात बीत चुकी हो. घर मे मेरी मम्मी और डॅडी नीचे ही रहते थे और डिन्नर के बाद अपनी दवाइयाँ खा के अपने रूम मे जा के सो चुके थे. अचानक सुनील मेरे कमरे मे अंदर आ गये. मैं देख के हैरान रह गई और पूछा के क्या बात है तो उस ने बताया के नींद नही आ रही थी और तुम्हारे रूम की लाइट्स जलती देखी तो ऐसे ही चला आया के देखु तो सही के तुम सच मे अपनी पढ़ाई कर रही हो ( एक आँख बंद कर के ) या कुछ और.
मैं ने कहा के देख लो अपने कोर्स का ही पढ़ रही हू मेरे एग्ज़ॅम्स हैं मैं कोई खेल तमाशा नही कर रही हू. उस ने कहा के लाओ देखु तो सही के तुम क्या पढ़ रही हो और मेरे नोट्स और रेकॉर्ड बुक अपने हाथ मे ले के देखने लगा. सर्दी के मारे उसका भी बुरा हाल हो गया तो वो भी मेरे साथ ही लहाफ़ के अंदर घुस आया और मेरे बाज़ू मे बैठ गया.
रेकॉर्ड बुक के स्टार्टिंग मे तो माइक्रोस्कोप की फिगर थी और फिर सेल का डाइयग्रॅम था उसके बाद ऐसे हो छोटे मोटे डाइयग्रॅम्स फिर फाइनली उसने वो पेज खोल लिया जिस्मै मैं ने मेल और फीमेल के रिप्रोडक्टिव सिस्टम का डाइयग्रॅम बनाया हुआ था. मेरी तरफ मुस्कुरा के देखा और बोला के क्या यह भी तुम्हारे कोर्स मे है. मैं ने कहा हा तो उस ने कहा के अछा मुझे भी तो समझाओ के यह सिस्टम कैसे वर्क करता है. मैं शरम से पानी पानी हुई जा रही थी. मैं ने कहा मुझे नही पता तुम खुद भी तो साइन्स के स्टूडेंट थे अपने आप ही पढ़ लो और समझ लो. उस ने फिर से पूछा के तुम्है समझ मे नही आया क्या यह सिस्टम तो मैं ने कहा के नही तो उसने फिर पूछा के मैं समझा दू तो मेरे मूह से अंजाने मे “हूँ” निकल गया. उसने कहा थे ठीक है मैं समझाता हू और मेरी बुक और मेरी रेकॉर्ड बुक को खोल के पकड़ लिया.
कहानी अच्छी है या बुरी इसका क्रेडिट इस कहानी के लेखक को देना
किरण की कहानी
लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर
हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा
हेलो दोस्तो. एक नई कहानी लिखी है पढ़ के बताइए के कैसी लगी. कहानी कुछ ज़ियादा ही लंबी हो गई है पर आइ एम शुवर के आप को पसंद आएगी. मुझे मैल करना के कहानी कैसी लगी. थॅंक्स इन अड्वान्स.
मेरी एक नेट फ्रेंड है किरण. किरण एक शादी शुदा लड़की (औरत) है. लड़की इस लिए के अभी उसकी एज छोटी ही है और औरत इस लिए के उसकी शादी हो चुकी है और उसकी चुदाई भी हो चुकी है. किरण एक बोहोत ही अछी लड़की है यह मैं इस लिए जानता हू के मैं उस से चॅट करता रहता हू और मैं किरण से इंट्रोडक्षन करवाने के लिए अपनी एक और फ्रेंड ईशा जो कहने को तो शिकागो, अमेरिका मे रहती है पर सच तो यह है के ईशा मेरे दिल मे रहती है और मेरा दिल ईशा के नाम से ही धड़कता है मैं उसको अपनी जान से ज़ियादा प्यार करता हू और अपनी इशू जान का शुक्रिया अदा करना चाहता हू. ईशा मेरी जान थॅंक्स फॉर दा इंट्रोडक्षन. आइ लव यू बोथ.
किरण की शादी को लग भाग 7 – 8 महीने हुए हैं. इंडिया के ही एक बड़े मेट्रोपोलिटन सिटी मे रहती है. उस ने मुझे अपनी जीवन की बोहोत सारी घटनाएँ बताई है जो उसके साथ घटी है और वो चाहती है के मैं उसकी ज़िंदगी के बारे मे एक कहानी लिखू. उसने मेरी लिखी हुई कहानिया पढ़ी हैं और मेरी स्टोरी राइटिंग की स्किल से इंप्रेस हो के उसने मुझ से रिक्वेस्ट की है तो इसी लिए मैं लिख रहा हू. मेरी उस से चॅट होती रहती है और चॅट करते समय उसने अपने बारे मे सब कुछ बता दिया जिसको मैं ने नोट कर लिया और एक कहानी की तरह से लिख दिया. सब से पहले यह कहानी उसके पास फॉर्वर्ड की उसके अप्रूवल के लिए और फिर कुछ चेंजस अडिशन्स के साथ और उसकी इजाज़त से ही यह आप सब लोगो के लिए भेज रहा हू. होप के आप को भी पसंद आएगी. मुझे ज़रूर मैल करना के आप सब को यह कहानी कैसी लगी. आपको बता दू के यह कहानी हंड्रेड पर्सेंट सच है.
अब आगे की कहानी किरण की ज़ुबानी सुनिए :
मेरा नाम किरण है. मेरी एज 27 साल की है. गोरा चिटा रंग. 5’ 6” की नॉर्मल हाइट. चेहरा बदन 36 द – 32 – 36 का मेरा फिगर है. लोग और मेरी सहेलिया कहती है के मैं खूबसूरत हू. मेरी शादी को तकरीबन 8 महीने हुए हैं. पति के साथ
सुहाग रात और बाकी की सेक्स लाइफ कैसे गुज़र रही है वो तो मैं आप को बताउन्गि ही लैकिन मैं आपको उस से पहले के कुछ और घटनाए सुना ने जा रही हू.
मैं उस समय इंटर के 2न्ड एअर (+2 ) के एग्ज़ॅम दे रही थी. उमर होगी कोई 16 साल के लग भग. मेरे फाइनल एग्ज़ॅम से पहले प्रिपॅरेटरी एग्ज़ॅम होने वाले थे. जन्वरी का महीना था बे इंतेहा सर्दी पड़ रही थी. मैं दो दो रज़ाई ( ब्लंकेट टाइप ऑफ कवर विथ कॉटन स्टफ्ड इनसाइड ) ओढ़ के पढ़ रही थी.
उन्न दीनो मेरे एक कज़िन सुनील जिनकी एज होगी कोई 29 – 30 साल की. उन्हो ने अपने सिटी मे कोई नया नया बिज़्नेस स्टार्ट किया हुआ था तो वो कुछ खरीदारी के लिए यहा आए हुए थे और हमारे घर मे ही ठहरे थे. हमारा घर एक डबल स्टोरी घर है ऊपेर सिर्फ़ एक मेरा रूम और दूसरा स्टोर रूम है जिस्मै हमारे घर के स्पेर बेड्स, ब्लॅंकेट्स, बेडशीट्स वाघहैरा रखे रहते हैं. जब उनकी ज़रूरत होती है तो निकाले जाते है मौसम के हिसाब से. और एक दूसरा रूम जिस्मै मैं अकेली रहती हू और अपनी पढ़ाई किया करती हू. मेरा रूम बोहोत बड़ा भी नही और बिल्कुल छोटा भी नही बॅस मीडियम साइज़ का रूम थे जिस्मै मेरा एक बेड पड़ा हुआ था. वो डबल बेड भी नही और सिंगल बेड भी नही बलके डबल से थोडा छोटा और सिंगल से थोड़ा बड़ा बेड था. इतना बड़ा के कभी कभी मेरी फ्रेंड रात मे मेरे साथ पढ़ने के लिए आती और रात मे रुक जाती तो हम दोनो इतमीनान से सो सकते थे. और रूम मे एक पढ़ाई की टेबल और कुर्सी रखी है. एक मेरी कपबोर्ड और एक मीडियम साइज़ का अटॅच्ड बाथरूम है जिस्मै वॉशिंग मशीन भी रखी हुई थी. घर मे नीचे तीन कमरे थे. एक मम्मी और डॅडी का बड़ा सा बेडरूम, दूसरा एक बड़ा हॉल जैसा ड्रॉयिंग रूम जिसके एक कॉर्नर मे डाइनिंग टेबल भी पड़ी हुई थी यह ड्रॉयिंग कम डाइनिंग रूम था और एक स्पेर रूम किसी भी गेस्ट्स वाघहैरा के लिए था जिस्मै सुनील को ठहराया गया था.
हा तो मैं पढ़ाई मे बिज़ी थी. सर्दी जम्म के पड़ रही थी. मैं अपना लहाफ़ ओढ़े बेड पे बैठे पढ़ रही थी. बाइयालजी का सब्जेक्ट था और मैं एक ज़ुवालजी की बुक पढ़ रही थी. इत्तेफ़ाक़ से मैं रिप्रोडक्टिव सिस्टम ही पढ़ रही थी. जिस्मै मेल और फीमेल ऑर्गन्स की डीटेल्स के साथ ट्रॅन्सवर्स सेक्षन की फिगर बनी हुई थी. रात काफ़ी हो चुकी थी मैं अपने पढ़ाई को फाइनल टचस दे रही थी. कुछ फिगर्स देख के बनाए हुए थे नोट्स के लिए उस मैं ही कोलौरिंग कर रही थी और साथ मे लेबलिंग कर रही थी.
रात के शाएद 11 बजे होंगे पर सर्दी होने की वजह से सब जल्दी ही सो गये थे जिस से लगता था के पता न्ही कितनी रात बीत चुकी हो. घर मे मेरी मम्मी और डॅडी नीचे ही रहते थे और डिन्नर के बाद अपनी दवाइयाँ खा के अपने रूम मे जा के सो चुके थे. अचानक सुनील मेरे कमरे मे अंदर आ गये. मैं देख के हैरान रह गई और पूछा के क्या बात है तो उस ने बताया के नींद नही आ रही थी और तुम्हारे रूम की लाइट्स जलती देखी तो ऐसे ही चला आया के देखु तो सही के तुम सच मे अपनी पढ़ाई कर रही हो ( एक आँख बंद कर के ) या कुछ और.
मैं ने कहा के देख लो अपने कोर्स का ही पढ़ रही हू मेरे एग्ज़ॅम्स हैं मैं कोई खेल तमाशा नही कर रही हू. उस ने कहा के लाओ देखु तो सही के तुम क्या पढ़ रही हो और मेरे नोट्स और रेकॉर्ड बुक अपने हाथ मे ले के देखने लगा. सर्दी के मारे उसका भी बुरा हाल हो गया तो वो भी मेरे साथ ही लहाफ़ के अंदर घुस आया और मेरे बाज़ू मे बैठ गया.
रेकॉर्ड बुक के स्टार्टिंग मे तो माइक्रोस्कोप की फिगर थी और फिर सेल का डाइयग्रॅम था उसके बाद ऐसे हो छोटे मोटे डाइयग्रॅम्स फिर फाइनली उसने वो पेज खोल लिया जिस्मै मैं ने मेल और फीमेल के रिप्रोडक्टिव सिस्टम का डाइयग्रॅम बनाया हुआ था. मेरी तरफ मुस्कुरा के देखा और बोला के क्या यह भी तुम्हारे कोर्स मे है. मैं ने कहा हा तो उस ने कहा के अछा मुझे भी तो समझाओ के यह सिस्टम कैसे वर्क करता है. मैं शरम से पानी पानी हुई जा रही थी. मैं ने कहा मुझे नही पता तुम खुद भी तो साइन्स के स्टूडेंट थे अपने आप ही पढ़ लो और समझ लो. उस ने फिर से पूछा के तुम्है समझ मे नही आया क्या यह सिस्टम तो मैं ने कहा के नही तो उसने फिर पूछा के मैं समझा दू तो मेरे मूह से अंजाने मे “हूँ” निकल गया. उसने कहा थे ठीक है मैं समझाता हू और मेरी बुक और मेरी रेकॉर्ड बुक को खोल के पकड़ लिया.