hotaks444
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कामुक कलियों की प्यास
ये कहानी पिंकी ने लिखी है मैं इसे आप के लिए पेश कर रहा हूँ
हैलो दोस्तो, आज आपकी दोस्त पिंकी आपके लिए एक कहानी लेकर आई है, इस कहानी में जरा भी मिलावट नहीं है, आपके सामने पेश कर रही हूँ, बस सेक्स के दौरान थोड़ा मसाला डाला है।
उम्मीद है आपको पसन्द आएगी, तो आइए कहानी के किरदारों से आपको मिलवा देती हूँ।
रचना गुप्ता… उम्र 20, फिगर 32-30-34 रंग दूध जैसा सफेद बदन, एकदम बेदाग। जब यह चलती है तो लड़कों की पैन्ट में तंबू और लबों पर ‘आह’ अपने आप आ जाती है।
इसकी छोटी बहन ललिता उम्र 18 फिगर 34-28-36..! यह भी अपनी बहन की तरह चाँद का टुकड़ा है। इसकी अदा पर भी सब फिदा हैं, यह जब चलती है तो इसकी पतली कमर बल खाती है और चूतड़ ऐसे मटकते हैं जैसे कोई स्प्रिंग लगी हुई हो।
लड़के तो क्या बुड्डों के लौड़े भी तनाव में आ जाते हैं।
इन दोनों का एक भाई है अमर उसकी उम्र 20 की है स्मार्ट.. हैण्डसम.. गुड लुकिंग.. बिल्कुल हीरो लगता है।
क्या बताऊँ, अमर की जितनी तारीफ करो, कम है, लड़कियाँ उसको देख कर उसकी हो जाने की कल्पना करती हैं।
दोस्तो, यह तो हो गया इनका परिचय। अब संक्षेप में आपको इनकी पिछली जिन्दगी भी बता देती हूँ।
इनके पापा जगन गुप्ता एक बहुत अमीर आदमी हैं, उनका कारोबार देश-विदेश में फैला हुआ है। वो अक्सर अपनी बीवी के साथ बाहर ही रहते हैं और ये सब एक आलीशान बंगले में रहते हैं।
दिन में घर के सारे काम नौकर करते हैं, एक औरत है जो खाना बनाती है पर घर में नहीं रहती है, रात का खाना बनाकर वो बाहर लॉन में एक कमरा है, वहाँ चली जाती है।
तो आप समझ ही गए होंगे कि ये तीनों एक घर में रहते हैं। अब एक साथ रहेंगे तो जवान जिस्म है कभी तो मन मचलेगा ही, तो आइए आपको बताती हूँ इनकी कहानी।
रचना- ललिता की बच्ची रुक.. मैं तुम्हें नहीं छोडूंगी..!
ललिता भाग कर बेड पर चढ़ जाती है और रचना उसको वही। दबोच लेती है और उसके पेट पर बैठ जाती है।
रचना- अब बोल क्या बोल रही थी तू…!
ललिता- सॉरी दीदी.. अब नहीं बोलूँगी…!
अमर- यह क्या हो रहा है? तुम दोनों की मस्ती कभी ख़त्म नहीं होती क्या..! रचना हटो वहाँ से, स्कूल की छुट्टियाँ हैं, इसका मतलब यह नहीं कि तुम दोनों पूरा दिन मस्ती करो..!
रचना- बिग बी, आप भी तो हमारे साथ मस्ती करते हो ना…!
अमर- हाँ करता हूँ स्वीट सिस.. पर मजाक मस्ती का भी समय होता है और हर वक़्त लड़ना अच्छी बात नहीं है। अब मैं टीवी देख रहा हूँ कोई आवाज़ मत करना ओके..!
ललिता- ओके भाई.. आप जाओ हम चुपचाप रहेंगे।
अमर- आ जाओ साथ बैठ कर टीवी देखते हैं।
रचना- नहीं ब्रो, आप देखो हम यहीं हैं।
अमर वहाँ से चला जाता है और रचना लैपटॉप चालू करके नेट खोल लेती है।
ललिता- दीदी आज कुछ सेक्सी वीडियो देखें..! मज़ा आएगा…!
दोस्तों बीच में आने के लिए सॉरी.. मैं आपको बता दूँ ये दोनों बहनें तो हैं ही साथ में पक्की सहेलियाँ भी हैं और हर तरह की बातें एक-दूसरे से करती हैं, कभी-कभी नेट पे सेक्सी वीडियो भी देखती हैं।
आजकल 4 जी का जमाना है हर फ़ोन में नेट है। ये तो अमीर घर से हैं तो इनके लिए कंप्यूटर वगैरह तो आम बात है और ऊपर से इनके माता-पिता भी साथ में नहीं हैं, यानि कुल मिलाकर ये बिल्कुल खुले अंदाज की हैं।
रचना एक सेक्स साइट ओपन कर लेती है और दोनों सेक्सी वीडियो देखने लगती हैं, जिसमे एक काला आदमी एक लड़की की चूत में लौड़ा घुसा रहा था और झटके मार रहा था। वो लड़की ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रही थी।
ललिता- दीदी कितना गंदा आदमी है दूसरा लगाओ…!
रचना दूसरा वीडियो लगा लेती है इसमें अमेरिकन लड़का-लड़की चुदाई कर रहे थे। दोनों आराम से उनको देख रही थीं। उनकी चूत पानी-पानी हो रही थी।
पंद्रह मिनट तक वे दोनों कई वीडियो देख चुकी थीं, पर अबकी बार जो वीडियो आया वो लैस्बो था।
रशियन स्कूल-गर्ल आपस में किस कर रही थीं और एक लड़की दूसरी के मम्मे दबा रही थी।
ललिता- ओ माय गॉड.. दीदी ये दोनों तो लड़की हैं..! क्या सच में दो लड़कियाँ आपस में ऐसा करती हैं?
रचना- करती हैं, तभी तो यह वीडियो बनाया गया है।
ललिता- ऐसा करने से मज़ा आता है क्या?
रचना- हम जब भी सेक्सी वीडियो देखते हैं हमें मज़ा आता है और हमारी पैन्टी गीली हो जाती हैं। आज हम आपस में करें? शायद ज़्यादा मज़ा आए…!
ललिता- हाँ दीदी मज़ा आएगा..! आप रूम लॉक कर आओ.. आज तो प्रेक्टिकल करेंगे ही …’वाउ’…!
रचना दरवाजा बन्द कर आती है, दोनों अपने पूरे कपड़े निकाल देती हैं। यह इनके लिए कोई नई बात नहीं थी। अक्सर एक दूसरे के सामने कपड़े बदलने के लिए ये नंगी हो चुकी थीं। नई बात तो आपके लिए है दोस्तो।
दोनों के नंगे जिस्म चमक रहे थे। रचना के गोरे बदन पर एकदम गोल आकार के 32″ के मम्मे और डार्क पिंक निप्पल, जो नुकीले तीर के जैसे खड़े थे, किसी को भी बस में करने को काफ़ी हैं।
ललिता का जिस्म भी एकदम गोरा है और उसके खड़े मम्मे जो 34″ के थे कयामत ढा रहे थे।
ललिता के भी निप्पल पिंक थे, पर लाइट पिंक। ललिता छोटी थी, पर उसके मम्मे रचना से बड़े थे, और रस से भरे हुए थे।
अब आपको रचना की चूत का नज़ारा दिखाती हूँ।
उसकी चूत पर हल्के रुई के जैसे मुलायम रोयें थे। एकदम क्लीन चूत नहीं थी, बस बहुत कम बाल थे, जिनके बीच में चूत के दरवाजे कस कर बंद थे, जैसे बरसों से किसी घर का गेट बन्द हों, उसे खोला ना गया हो।
एकदम टाइट चूत थी।
अब ललिता की चूत भी देख लो, यह एकदम क्लीन थी, जैसे आज ही शेव की हो। चूत की फाँक गुलाबी और चूत के एक फाँक पर एक तिल है।
सफ़ेद चमकती चूत पर ये काला तिल.. हय क्या गजब लग रहा था..! आप कल्पना करके देखो मन मचल ना जाए तो कहना…!
दोनों की कमर भी नागिन जैसी बल खाती हुई थी। उसके नीचे जो पिछाड़ी थी, उफ.. ! क्या कहने..! पाँच बार लंड का पानी निकल कर एकदम बेजान कर लो और फिर इस गाण्ड पर निगाह करो अगर लौड़ा झटके ना खाने लगे तो मेरा नाम बदल देना..!
हुस्न की अप्सराएं थीं दोनों बहनें।
दोनों बेड पे लेट गईं और एक-दूसरे को चूमने लगीं। रचना अपनी जीभ ललिता के मुँह में डाल देती है, ललिता उसको चूसने लगती है। एक हाथ से रचना उसके मम्मे दबाने लगती है, ललिता को मज़ा आने लगता है, वो भी अपने हाथ से रचना के चूतड़ों को दबा रही थी।
5 मिनट तक चूमाचाटी करने के बाद दोनों अलग होती हैं।
रचना को ललिता के मम्मे दबाने में बड़ा मज़ा आ रहा था, वो उसके चूचुक को मुँह में लेकर चूसने लगती है।
ललिता- सी..सी…उफ.. दीदी दर्द हो रहा है आप दाँत से काटो नहीं प्लीज़…!
रचना- आह.. ललिता मज़ा आ रहा है तेरे मम्मे कितने मस्त हैं… मैं इनको दबा-दबा कर फ़ुटबाल बना दूँगी..!
ललिता- आह.. दीदी दर्द होता है.. आराम से दबाओ ना.. और मुझे भी आपके मम्मे दबाने हैं।
रचना- नहीं तुम बस मेरे मम्मे चूसोगी.. वो भी आराम से.. मेरे मम्मे कड़क हैं तो दबाने से दुखते हैं..!
ललिता बड़े प्यार से रचना के मम्मे चूस रही थी और रचना उसकी गाण्ड को दबा रही थी।
रचना- तुम लेट जाओ, मैं तुम्हारी चूत में उंगली डालती हूँ, मज़ा आएगा।
ललिता- ओके दीदी, वैसे भी चूत में कुछ हो रहा है..!
रचना ललिता की चूत में अपनी ऊँगली घुसाने की कोशिश करती है पर ललिता को बहुत दर्द होता है।
ललिता- उऊ आ.. प्लीज़ नहीं, दीदी बहुत दर्द होता है..!
रचना- अरे क्या हुआ अभी तो अन्दर डाली भी नहीं और तुमको दर्द हो गया ..! उस क्लिप में तो वो आदमी कितना बड़ा लंड डाल रहा था…!
ललिता- मुझे नहीं पता.. मुझे दर्द हुआ..! बस आप ऊपर से ही इसको दबाओ..! उसी में मज़ा आ रहा है…!
रचना चूत को दबा दबा कर मज़ा ले रही थी। कभी रगड़ती तो कभी उसको दबाती..
दोनों एकदम गर्म हो गई थीं।
अब रचना ललिता के ऊपर आ गई और दोनों चूतों को आपस में मिला कर हिलने लगीं।
सेक्स की आग उनमें भड़क गई थी। वो एक-दूसरे को चूम रही थीं और चूत को रगड़ रही थीं।
रचना- आ.. आह.. ललिता मज़ा आ रहा है उफ़फ…!
ललिता- हाँ दीदी मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है उफ़.. मेरी ये निगोड़ी चूत में कुछ हो रहा है ..उ कककक…!
रचना- आह.. मुझे भी कुछ हो रहा है अये.. हय.. आह.. आई.. ईई…!
दोनों की चूत पानी छोड़ देती हैं। आज पहली बार दोनों बहनें झड़ी थीं। दोनों अलग हो जाती हैं।
ललिता- आह.. दीदी आज कितना मज़ा आया.. पता नहीं मेरी चूत से चिपचिपा सा क्या पानी जैसा निकला.. लेकिन जिन्दगी में ऐसा मज़ा कभी नहीं आया…!
रचना- मेरा भी पानी निकला है, यह शायद चूत का पानी है, हमने वीडियो में देखा था न.. वो आदमी उस लड़की के मुँह पर पानी गिरा रहा था.. यह वैसा ही पानी है..!
ललिता- दीदी हम रोज ऐसा करेंगे.. बहुत मज़ा आता है।
रचना- हाँ ललिता हम पहले वीडियो देखेंगे फिर वैसा ही करेंगे।
दोनों बहने नंगी ही बातें कर रही थीं। तभी बाहर से दरवाजे पर दस्तक हुई।
तो रचना ने कहा- दो मिनट रूको हम चेंज कर रहे हैं।
अमर- जल्दी करो.. मुझे तुमसे बात करनी है।
दोनों जल्दी-जल्दी कपड़े पहनती हैं। जल्दबाज़ी में ब्रा-पैन्टी नहीं पहनती, बस टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहन कर दरवाजा खोल देती हैं।
अमर- क्या कर रही थीं दोनों.. कितनी देर लगा दी दरवाजा खोलने में..!
ये कहानी पिंकी ने लिखी है मैं इसे आप के लिए पेश कर रहा हूँ
हैलो दोस्तो, आज आपकी दोस्त पिंकी आपके लिए एक कहानी लेकर आई है, इस कहानी में जरा भी मिलावट नहीं है, आपके सामने पेश कर रही हूँ, बस सेक्स के दौरान थोड़ा मसाला डाला है।
उम्मीद है आपको पसन्द आएगी, तो आइए कहानी के किरदारों से आपको मिलवा देती हूँ।
रचना गुप्ता… उम्र 20, फिगर 32-30-34 रंग दूध जैसा सफेद बदन, एकदम बेदाग। जब यह चलती है तो लड़कों की पैन्ट में तंबू और लबों पर ‘आह’ अपने आप आ जाती है।
इसकी छोटी बहन ललिता उम्र 18 फिगर 34-28-36..! यह भी अपनी बहन की तरह चाँद का टुकड़ा है। इसकी अदा पर भी सब फिदा हैं, यह जब चलती है तो इसकी पतली कमर बल खाती है और चूतड़ ऐसे मटकते हैं जैसे कोई स्प्रिंग लगी हुई हो।
लड़के तो क्या बुड्डों के लौड़े भी तनाव में आ जाते हैं।
इन दोनों का एक भाई है अमर उसकी उम्र 20 की है स्मार्ट.. हैण्डसम.. गुड लुकिंग.. बिल्कुल हीरो लगता है।
क्या बताऊँ, अमर की जितनी तारीफ करो, कम है, लड़कियाँ उसको देख कर उसकी हो जाने की कल्पना करती हैं।
दोस्तो, यह तो हो गया इनका परिचय। अब संक्षेप में आपको इनकी पिछली जिन्दगी भी बता देती हूँ।
इनके पापा जगन गुप्ता एक बहुत अमीर आदमी हैं, उनका कारोबार देश-विदेश में फैला हुआ है। वो अक्सर अपनी बीवी के साथ बाहर ही रहते हैं और ये सब एक आलीशान बंगले में रहते हैं।
दिन में घर के सारे काम नौकर करते हैं, एक औरत है जो खाना बनाती है पर घर में नहीं रहती है, रात का खाना बनाकर वो बाहर लॉन में एक कमरा है, वहाँ चली जाती है।
तो आप समझ ही गए होंगे कि ये तीनों एक घर में रहते हैं। अब एक साथ रहेंगे तो जवान जिस्म है कभी तो मन मचलेगा ही, तो आइए आपको बताती हूँ इनकी कहानी।
रचना- ललिता की बच्ची रुक.. मैं तुम्हें नहीं छोडूंगी..!
ललिता भाग कर बेड पर चढ़ जाती है और रचना उसको वही। दबोच लेती है और उसके पेट पर बैठ जाती है।
रचना- अब बोल क्या बोल रही थी तू…!
ललिता- सॉरी दीदी.. अब नहीं बोलूँगी…!
अमर- यह क्या हो रहा है? तुम दोनों की मस्ती कभी ख़त्म नहीं होती क्या..! रचना हटो वहाँ से, स्कूल की छुट्टियाँ हैं, इसका मतलब यह नहीं कि तुम दोनों पूरा दिन मस्ती करो..!
रचना- बिग बी, आप भी तो हमारे साथ मस्ती करते हो ना…!
अमर- हाँ करता हूँ स्वीट सिस.. पर मजाक मस्ती का भी समय होता है और हर वक़्त लड़ना अच्छी बात नहीं है। अब मैं टीवी देख रहा हूँ कोई आवाज़ मत करना ओके..!
ललिता- ओके भाई.. आप जाओ हम चुपचाप रहेंगे।
अमर- आ जाओ साथ बैठ कर टीवी देखते हैं।
रचना- नहीं ब्रो, आप देखो हम यहीं हैं।
अमर वहाँ से चला जाता है और रचना लैपटॉप चालू करके नेट खोल लेती है।
ललिता- दीदी आज कुछ सेक्सी वीडियो देखें..! मज़ा आएगा…!
दोस्तों बीच में आने के लिए सॉरी.. मैं आपको बता दूँ ये दोनों बहनें तो हैं ही साथ में पक्की सहेलियाँ भी हैं और हर तरह की बातें एक-दूसरे से करती हैं, कभी-कभी नेट पे सेक्सी वीडियो भी देखती हैं।
आजकल 4 जी का जमाना है हर फ़ोन में नेट है। ये तो अमीर घर से हैं तो इनके लिए कंप्यूटर वगैरह तो आम बात है और ऊपर से इनके माता-पिता भी साथ में नहीं हैं, यानि कुल मिलाकर ये बिल्कुल खुले अंदाज की हैं।
रचना एक सेक्स साइट ओपन कर लेती है और दोनों सेक्सी वीडियो देखने लगती हैं, जिसमे एक काला आदमी एक लड़की की चूत में लौड़ा घुसा रहा था और झटके मार रहा था। वो लड़की ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रही थी।
ललिता- दीदी कितना गंदा आदमी है दूसरा लगाओ…!
रचना दूसरा वीडियो लगा लेती है इसमें अमेरिकन लड़का-लड़की चुदाई कर रहे थे। दोनों आराम से उनको देख रही थीं। उनकी चूत पानी-पानी हो रही थी।
पंद्रह मिनट तक वे दोनों कई वीडियो देख चुकी थीं, पर अबकी बार जो वीडियो आया वो लैस्बो था।
रशियन स्कूल-गर्ल आपस में किस कर रही थीं और एक लड़की दूसरी के मम्मे दबा रही थी।
ललिता- ओ माय गॉड.. दीदी ये दोनों तो लड़की हैं..! क्या सच में दो लड़कियाँ आपस में ऐसा करती हैं?
रचना- करती हैं, तभी तो यह वीडियो बनाया गया है।
ललिता- ऐसा करने से मज़ा आता है क्या?
रचना- हम जब भी सेक्सी वीडियो देखते हैं हमें मज़ा आता है और हमारी पैन्टी गीली हो जाती हैं। आज हम आपस में करें? शायद ज़्यादा मज़ा आए…!
ललिता- हाँ दीदी मज़ा आएगा..! आप रूम लॉक कर आओ.. आज तो प्रेक्टिकल करेंगे ही …’वाउ’…!
रचना दरवाजा बन्द कर आती है, दोनों अपने पूरे कपड़े निकाल देती हैं। यह इनके लिए कोई नई बात नहीं थी। अक्सर एक दूसरे के सामने कपड़े बदलने के लिए ये नंगी हो चुकी थीं। नई बात तो आपके लिए है दोस्तो।
दोनों के नंगे जिस्म चमक रहे थे। रचना के गोरे बदन पर एकदम गोल आकार के 32″ के मम्मे और डार्क पिंक निप्पल, जो नुकीले तीर के जैसे खड़े थे, किसी को भी बस में करने को काफ़ी हैं।
ललिता का जिस्म भी एकदम गोरा है और उसके खड़े मम्मे जो 34″ के थे कयामत ढा रहे थे।
ललिता के भी निप्पल पिंक थे, पर लाइट पिंक। ललिता छोटी थी, पर उसके मम्मे रचना से बड़े थे, और रस से भरे हुए थे।
अब आपको रचना की चूत का नज़ारा दिखाती हूँ।
उसकी चूत पर हल्के रुई के जैसे मुलायम रोयें थे। एकदम क्लीन चूत नहीं थी, बस बहुत कम बाल थे, जिनके बीच में चूत के दरवाजे कस कर बंद थे, जैसे बरसों से किसी घर का गेट बन्द हों, उसे खोला ना गया हो।
एकदम टाइट चूत थी।
अब ललिता की चूत भी देख लो, यह एकदम क्लीन थी, जैसे आज ही शेव की हो। चूत की फाँक गुलाबी और चूत के एक फाँक पर एक तिल है।
सफ़ेद चमकती चूत पर ये काला तिल.. हय क्या गजब लग रहा था..! आप कल्पना करके देखो मन मचल ना जाए तो कहना…!
दोनों की कमर भी नागिन जैसी बल खाती हुई थी। उसके नीचे जो पिछाड़ी थी, उफ.. ! क्या कहने..! पाँच बार लंड का पानी निकल कर एकदम बेजान कर लो और फिर इस गाण्ड पर निगाह करो अगर लौड़ा झटके ना खाने लगे तो मेरा नाम बदल देना..!
हुस्न की अप्सराएं थीं दोनों बहनें।
दोनों बेड पे लेट गईं और एक-दूसरे को चूमने लगीं। रचना अपनी जीभ ललिता के मुँह में डाल देती है, ललिता उसको चूसने लगती है। एक हाथ से रचना उसके मम्मे दबाने लगती है, ललिता को मज़ा आने लगता है, वो भी अपने हाथ से रचना के चूतड़ों को दबा रही थी।
5 मिनट तक चूमाचाटी करने के बाद दोनों अलग होती हैं।
रचना को ललिता के मम्मे दबाने में बड़ा मज़ा आ रहा था, वो उसके चूचुक को मुँह में लेकर चूसने लगती है।
ललिता- सी..सी…उफ.. दीदी दर्द हो रहा है आप दाँत से काटो नहीं प्लीज़…!
रचना- आह.. ललिता मज़ा आ रहा है तेरे मम्मे कितने मस्त हैं… मैं इनको दबा-दबा कर फ़ुटबाल बना दूँगी..!
ललिता- आह.. दीदी दर्द होता है.. आराम से दबाओ ना.. और मुझे भी आपके मम्मे दबाने हैं।
रचना- नहीं तुम बस मेरे मम्मे चूसोगी.. वो भी आराम से.. मेरे मम्मे कड़क हैं तो दबाने से दुखते हैं..!
ललिता बड़े प्यार से रचना के मम्मे चूस रही थी और रचना उसकी गाण्ड को दबा रही थी।
रचना- तुम लेट जाओ, मैं तुम्हारी चूत में उंगली डालती हूँ, मज़ा आएगा।
ललिता- ओके दीदी, वैसे भी चूत में कुछ हो रहा है..!
रचना ललिता की चूत में अपनी ऊँगली घुसाने की कोशिश करती है पर ललिता को बहुत दर्द होता है।
ललिता- उऊ आ.. प्लीज़ नहीं, दीदी बहुत दर्द होता है..!
रचना- अरे क्या हुआ अभी तो अन्दर डाली भी नहीं और तुमको दर्द हो गया ..! उस क्लिप में तो वो आदमी कितना बड़ा लंड डाल रहा था…!
ललिता- मुझे नहीं पता.. मुझे दर्द हुआ..! बस आप ऊपर से ही इसको दबाओ..! उसी में मज़ा आ रहा है…!
रचना चूत को दबा दबा कर मज़ा ले रही थी। कभी रगड़ती तो कभी उसको दबाती..
दोनों एकदम गर्म हो गई थीं।
अब रचना ललिता के ऊपर आ गई और दोनों चूतों को आपस में मिला कर हिलने लगीं।
सेक्स की आग उनमें भड़क गई थी। वो एक-दूसरे को चूम रही थीं और चूत को रगड़ रही थीं।
रचना- आ.. आह.. ललिता मज़ा आ रहा है उफ़फ…!
ललिता- हाँ दीदी मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है उफ़.. मेरी ये निगोड़ी चूत में कुछ हो रहा है ..उ कककक…!
रचना- आह.. मुझे भी कुछ हो रहा है अये.. हय.. आह.. आई.. ईई…!
दोनों की चूत पानी छोड़ देती हैं। आज पहली बार दोनों बहनें झड़ी थीं। दोनों अलग हो जाती हैं।
ललिता- आह.. दीदी आज कितना मज़ा आया.. पता नहीं मेरी चूत से चिपचिपा सा क्या पानी जैसा निकला.. लेकिन जिन्दगी में ऐसा मज़ा कभी नहीं आया…!
रचना- मेरा भी पानी निकला है, यह शायद चूत का पानी है, हमने वीडियो में देखा था न.. वो आदमी उस लड़की के मुँह पर पानी गिरा रहा था.. यह वैसा ही पानी है..!
ललिता- दीदी हम रोज ऐसा करेंगे.. बहुत मज़ा आता है।
रचना- हाँ ललिता हम पहले वीडियो देखेंगे फिर वैसा ही करेंगे।
दोनों बहने नंगी ही बातें कर रही थीं। तभी बाहर से दरवाजे पर दस्तक हुई।
तो रचना ने कहा- दो मिनट रूको हम चेंज कर रहे हैं।
अमर- जल्दी करो.. मुझे तुमसे बात करनी है।
दोनों जल्दी-जल्दी कपड़े पहनती हैं। जल्दबाज़ी में ब्रा-पैन्टी नहीं पहनती, बस टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहन कर दरवाजा खोल देती हैं।
अमर- क्या कर रही थीं दोनों.. कितनी देर लगा दी दरवाजा खोलने में..!