Kamukta Story गदरायी लड़कियाँ - Page 2 - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

Kamukta Story गदरायी लड़कियाँ

'' मैं समझ गयी थी कि तू अभी कोरा है....चोदा नही है.''...।। इसके साथ उसने उंगली से फुले सुपाड़े को जो मसला तो मैं आनंद से भर दोनों सुपाडी आकार की कड़ी कड़ी घुन्डियों को धीरे धीरे दवाने लगा ।।

कल्पना और सोच से अधिक मजा हमें सेठानी के बदन के साथ आ रहा था और मैं हर पल के साथ उसके माया जाल में फसंता जा रहा था।

"जी ...जी '' मैं आंखों में आंखे डाल सुपाड़ी के आकार की चुची कोदवा लंड को उभारा ।।

हमारे पास शरमाने की ज़रूरत नहीं हमे तुम्हारे जैसे कुआरे जवानले से लव करने में मजा आता है... मेरी चुची छोड़ो औंर लंड पर से हाथ को हटायी । .
मैं चुची से हाथ को अलग किया तो जो लुफ्त आ रहा था वह किरकिरा हो गया ।

तभी वह झटके के साथ पलंग पर से जो उठी तो मैं गोरी गोरी टागों के बीच के चिकने उभार को देख गदगदा गया ।।

उसने बुर को कमसिन छोकरी की तरह चिकना कर लिया था । | मेरी आंखें उसके मासंल चुतड़ पर फिसली गाउन से पूरा बदन नंगा दीख रहा था मैं सेठानी के साथ अपने कोरे जवान घोड़े को सटपट दौड़ा औरत के बदन का पहला मजा लेने को तैयार था । तभी वह रानो को फैला अपनी गुदाज बुर
को सामने कर गाउन को कमर से ऊपर कर मुझे अपनी बुर दिखाने लगी ...

मैं उसकी नंगी बुर को देखने लगा । वह रानों को पूरी तरह फैला चूतड़ को उचका बोली- ;; इसे सहला कर देखो ज़रा .

देख लीडियो सी चिकनी है शरामाआ नहीं....सलहाओ तुमको मजा आएगा हमको तुमसे

"जी जी हाय कितनी प्यारी प्यारी है-और मैंने दायें हाथ से जो सेठानी के बड़े साइज की गुदाज बुर को सलहाना प्रारम्भ किया तो लगा कि मैं| जन्नत में पहुंच गया होऊँ । मुझे लगा कि उसकी कमसीन लड़की की बुर को सहला रहा हूँ। । वास्तव में चुची से ज्यादा मजो बुर पर हाथ फेरने में आ रहा था
। लोगों का कहना सच था ।
 
मैंने गुदाज चूत में उंगली डाली तो वह अपने हाथ कोसर पर फेरती बोली-आज से मैं तुम्हारी हूँ....लूटो मजा--

मैं पहली जवान पुरानी बुर की फाँक को उगली से सहलाते हुये तीनों त्रिलोक का मजा लेने लगा।

आलीसान कमरा तो मेरे लिये जन्नत था ।। | वह एक हाथ से गाउन को कमर के उपर उठाये दूसरे को मेरे वालों में फेरते हुए अपनी बुरं को उभार
उभार कर हमसे उंगली करवा रही थी और हर सांस के साथ जवानी की प्यास बुझाती जा रही थी । |

" कैसी है मेरी बुर ''

'जी.......... ब्यूटिफुल.....

'मजा आ रहा है कि नहीं ''

'जी ..................

''जब कमसिन लड़की का मजा दिलवाऊगी तब कहोगे बस अब छोड़ो

''जी..जी थोड़ा सा और

'रूको अब थोड़ा और इसके साथ वह हमसे अलग हो रानो को आपस में मीचे गाउन को नीचे करती गुलाबी गाल को चुटकी से मसलती पूछी-अब बोली। हमें लव करोगे कि नहीं।

"जी...जी..करूगां -- मैं उसके मासंल बदन की गर्मी पाकर जोश में अंधा हो गया था। पैंट का नाग फनक फनककर हमको अधेड़ सेठानी को कुआरी अनचुदी लौडियां समझाने को विवश कर चुका था ।

मेरा दोस्त मौज मस्ती करने के तौर तरीकों को मुझे अच्छी तरह चुका था बस आये दिन उसकी सीख को-पेक्टिकल कर जवानी की बहार को लेना था ।

कमरे में शांत वातावरण के साथ मदहोशी पैदा करने वाली मीठी मीठी सुगंध नथुनो मे शमा रही थी ।

पार्टनर की सीख से मैं दरार में उंगली चलाते बुर के गुदाज लहसुन को मसला था जिससे सेठानी को विशेष मजा आया था और वह हमें अच्छा खिलाड़ी समझी थी ।

पुनः तकिये के सहारे पहले की तरह रान पर टाग रख दोनों बेलों को मेरी ओर कर एक पल कुछ सोचती सी हमें देखी । | तो दोस्ती हमारी पक्की है ना


''जी...जी मैं सामने से दिख रही चूचियों को गाउन से झाकते देख बोला ।।
 
'' वैसे तुम कहते हो किसी की चोदे नही हो पर बुर के लहसुन को अच्छे खिलाड़ी की तरह मीस कर हमे चोदवाने के लिए गरम कर रहे थे
इसके साथ सेठानी घिसकी...और दायें हाथ को पुन: पैन्ट पर ला उभरे उभार को पकड़ती बोली-चुची भी अच्छे खिलाड़की की तरह मसले।"

लंड दवाने से मज़ा बढ़ा-तो मैं \दोस्तो के सिखाने की बात बताते कहा।

ओह...अब..समझी...इसीलिए तुम मेरी मीना को पढ़ाने आये थे - हमें लगता है कि तुम मेरी लड़की पर हाथ लगा चुके हो|

"जी..जी.. एकदम नहीं..." मैंने घबराते हुए कहा ।

“ठीक है..कोई नहीं...मीना का मजा मैं दिलवाऊंगी..बटन खोलकर अपने इस दोस्त को बाहर करो-देखकर बतादेंगे कि तुमने मजा लिया है या नहीं?" ।
वह औरत हमारी जवानी को ज्वालामुखी की तरह पुरी की पुरी धक चुकी थी ।

मेरा लंड पैंट में लकड़ी का डंडा बना हुआ था ।

इक्कीस साल की उम्र में लंड के ऊपर पीछे की ओर झान्टे उगी हुयी थी अन्दाजन मेरा लंड पाँच छः इंच का लम्बा था ।

मैं लंड को बाहर करने में थोड़ा झेंपा-तो वह अदा के साथ बोली- फिर शरमाया-कायदे से निकालो वरना पटक कर निकालेंगी -

मैं धीरे से लंड को पैन्ट के बाहर निकालने के लिए खड़ा हुआ- तो वह बाहर झट हमको गुदाज वदन से मीचे - मेरे होठों को अपने नरम नरम होटो से चपचप दो बार चूम कर - जन्नत का मजा देती बोली-'रूको डियर बाद में देखेगी -

मैं उसके अंकपास में वंध कर जन्नत ने पहुँच गया था । हमें उससे चिपक कर खड़े होने में मजा आ रहा था।\
 
चिपकन की अवस्था में सेठानी ऑखों मे आँखें डाल बोली-"डियर | किसी को बाहर पता न चले इस काम के लिए मैं हर नई लड़की को चोदने को दूँगी मैं रूपये दूंगी-तुमको मेरी पंसद की मीना की उम्र की उन लड़कियों को चोदना होगा- जिनकी बुर पर बाल नहीं उगे हों- गदराने की ओर बढ़ती
हो और अनचुदी हो हमे सत्तरह अठारह की छोकरियों को तुम्हारे जैसे हट्टे कट्टे नौजवान से चुदवाते देखने का शौक है- समझे -

मेरा लंड उस समय उसकी नाभी में पैंट के कपड़े के साथ दवा हुआ था।

अब जवानी को उसने पूरी तरह से अपनी पकड़ में ले लिया था उसकी मासल चुचियाँ मेरे सीने में लगकर पहली बार औरत की बहार के बारे मे बता बता रही थी । | मनोहर ने जो बताया वह एकदम सही था।

मुझको मोटी-मोटी बाहों के घेरे से अलग कर मेरे चूतड़ पर हाथ फेरती बोली- '' मैं कमसीन लड़कियो से ज़्यादा खिलवाऊंगी.....मेरे पास तुम भैसा
जवानी का मजा पाओगे-जो कभी किसी के साथ नहीं पा सकते हो समझे ''


'जी......जी पर लड़कियां..... । ।

"उसका देखना होगा....इसके साथ साथ अगर हमसे मजा लेना होगा तो में बराबर तैयार रहूँगी- इसके साथ साथ तुम मेरी मीना पर भी हाथ फेर सकते हो

'' धत''

''धत क्यों वह भी तो, सत्रहवाँ पार कर चुकी हैं

'' जो आप कहेगी मैं करूगा '' - मैं गाउन के उपर से उसकी चुची को पकड़ते कहा तो वह क्रिया करवाती बोली '' घबराना नहीं ताकत से दवाकर;; |

'' मैं सब की बुर फड़वा कर समय से जवान करवा दूँगी ''

कसम से अयाश सेठानी की मस्त बातो से जो मजा मुझे आया मैं सबकुछ भूल गया । | मेरी तो किस्मत चमक गई ।
मेरा भाग्य खुल गया । अशोक अब मेरे पीछे छुट गया था।

एक पल मेरे तमतमाये चेहरे की ओर देखते वह मस्ती और अल्हड़ता के साथ मेरे गाल को चुटकी से मीसती बोली- ;; दिल खोल कर यहां जवानी का मजा लो मैं समझ गयी कि तुम किसी को चोदे नहीं हो कुंवारे हो जाओ मीना को पढाओं हाथ लगाओं मजा लो... जवान करो उसकी भी तुम्हार से समझे | "मीना कुछ नहीं कहेगी गदराई है...मेरी ओर से छूट है उसको पढ़ाने के बाद मेरे से मिलना....!

उस समय लौड़ा मेरा ताव से भरा खड़ा था । वह कमरे से बाहर गई । तो उसके गाउन से बाहर झांक रहे गोल मटोल मासंल चुतड़ो की हिलती डुलती
फाँक को देख्न और अधिक उतेजना से भर चला । ।

मैं धधक रहा था । | उसके जाने के बाद चेयर पर बैठ रंगीन ख्यालों में डुबता हुआ हाथ से खड़े लण्ड को दबा दबा कर ढीला करने लगा । | उसकी गुदाज बुर को ही चोदने को मैं मचल गया था ।

अब कच्ची कली के वजाये वह विखरी कली ही मुझे जन्नत दिखा रही थी ।
 
अब कच्ची कली के वजाये वह विखरी कली ही मुझे जन्नत दिखा रही थी ।
अपने को सम्हाल मैं कमरे से बाहर आया 1, मीना उपर मंजिल के कमरे में पढ़ती थी ।

रास्ता बरामदे में था । बाहर आते ही मनोहर दरबान लपक कर आया। और पूछा-काम बना मास्टर जी

“हां.....हां मनोहर

"बस मास्टर तुम्हारी किस्मत खुल गई बस मालकिन की बात भुले | से मत काटना मेरा ख्याल रखना

हां....हा....

जाओ मीना अभी अभी उपर गयी है तुम्हारे लिये बात कर दिया हूँ। |

'क्या....

पढाते हुये मजा लो- कुछ नहीं कहेगी मनोहर दरवान ने दबे हुए | स्वर में कहा

मनोहर की इस सुचना से मेरे जवान बदन में बिजली दौड़ी और मैंने मनोहर के कंधे पर हाथ रखते कहा- मैं तुम्हें रूपया दंगा

इस पर मनोहर मेरी गुलाबी आंखों में आख डाल बोला-बस । मालकिन जो कहे उसे मानना मजा भी पाओगे और नॉट भी क्या कही है

| जिस पगलाये लंड को दबा दबा कुछ क्षणों पहले शांत किया था--मनोहर की बातो से गुदगुदा कर खड़ा होने लगा । |

"कही है- मीना को भी तुम |
 
"तब क्या जाओ मजा लो-देखना औरों के साथ मीना को भी चोदवा |कर देख हमे सब बताना मनोहर अंकल

'' चिता मत करो-हमें लगता है कि मालकिन लिये कहा है''

अब सेठानी की मस्ती और मीना के साथ दी गयी छूट से तो तबीयत बाग बाग हो रही थी ।

बस झिझक इसलिए थीं कि अपने दोस्त अशोक की तरह ट्यूशन करते हुए बड़े घर की हसीन छोकरियों का मज़ा कभी नहीं लिया था ।
वैसे अब झीने गाउन में देखी नयी चिकनी गुदाज सेठानी की पुरानी बुर में ही डाल जवानी का पहला मजा लेने का मन कर रहा था ।
मेंने मीना.की कच्ची चुची को आज पढाते समय दबाने का मन बनाया .

ज्या कमरे में गया-त्यों हीकमसीन मीना चेचर से उठी ।

आज उसने उसके कपड़े बदल रखे थे ।

फ्राक के स्थान पर शर्ट और नीले रंग का स्कर्ट पहन रखी थी । दोनों टमाटरों पर नजर पड़ते ही उसकी मम्मी के गोरे गोरे बड़े दानों वाली चुंची। का नशा उतरा....और मैं लंड को पहले की तरह उभरते उस कमसीन हसीन को देखा.....
स्कर्ट उसका आधे रान तक का था ।।

सुडौल रान और गोरी गोरी टांगों के साथ उसके गठीले बदन को देखते आज रोज से अधिक मस्ती आयी तो मैं उसकी आंखों में आंखे डाल-दरवाजे के
पास खड़ा होकर पार्टनर के बताये फारमुले पर चलतामीना को दिखाते हुए हाथ से पैंट के उभार को दबाया

मीना मेरी हरकत पर ध्यान देती मेरी ओर मुस्कुराइ
 
पास से उसके गुलाबी गालों को देखते ही मेरी जवानी तडपी और मैं तपाक से शर्ट से उभरी दोनों चूचियों को हाथ से पहली बार टटोला- चुची पकड़ते ही लंड अकडाऔर कल्पना से ज्यादा मजा हमको आया । । | धड़कन बढी तभी मीना बिना विरोध के बिना किसी नुकर पुकर के सीने को उभार
अपनी गोरी गोरी टांगों को कस मेरी आंखों में आंखें डाल अपने दायें हाथ को फसक से तने लण्ड के उभार को पैंट के उपर से मुठी में भर हमको जो अपनी ओर से हरी झंडी दी तो मैं कपड़े के उपर उसकी उठान ले रही दोनों चूचियों को मीसने लगा ।

लंड को जो पकड़ी तो हमको और मजा आया- झुठ नहीं बोलूंगा--गजब का पहला मजा आया । | चुचियों को खडे खडे तीन चार बार ही मसला था कि किसी के आने के आहट पकर-मैं घबड़ा कर चुचियों से हाथ को मीना के हाथ में उभार को अलग कर सम्हाला ।

तभी कपड़े में उसकी मां को आया देख- मैं बुरी तरह घबड़ा कर एक ओर घिसका ।।
पर मीना ज्यो की त्यो मस्त खड़ी थी......।
.
मिझे लगा कि चुची पकडने से उसको काफी मजा आया था । उसका चेहरा लाल हो गया था ।।
पर घबराहट के कारण मेरी हालत पल भर में ही खराब हो चुकी | थी । लौड़ा डाउन हो गया ।। | सेठानी उसी नशीले अंदाज में आयी थी । आगे से बड़ी पपीते सी चुची और गोरी गोरी रान तथा बुर का उभार दिख रहा था । । तभी वह मीना के वाव कट वालो पर हाथ फेरती बोली- '' शाबास इसी तरह के कपड़े में सर से पढ़ा करो ।।

इसके साथ सेठानी बिना किसी झेप के-मीना की बायी चुची को दो उगंल के बीच दबा-बोली-क्यों मास्टर जी...मेरी बिटिया सुन्दर है ना।

"जी-जी एकदम कली हैं...गुलाब की बहुत प्यारी है..ना"

"देखो अभी इसकी कितनी छोटी-छोटी है...."

वह जिस अदा से अपनी नादान लड़को की चूची को ऊगली के बीच लेकर उभारी थी और साथ में उसकी औरत नंगी दिख रही थी उससे जवानी को फौरन झटका लगा और पेन्ट का डाऊन सिगनल अप होने लगा ।।

"अभी बेबी की उम्र ही क्या है? मैं थोड़ा घबराहट से उक्ति पाकर लंड को पैन्ट में सही करता सेठानी की ओर देख कहा ।"

तभी अदा के साथ मीना मेरी ओर मीठी नजर से देखती पकड़ी गयी चूची पर से अंगुलियों को हटाकर बोली

"तुम जाओ न मम्मी...हमको टीचर जी से पढ़ना है..."
\
इसपर संठानी अदा के साथ मेरी ओर सटक मेरे चुतड़ पर अपनी गुदाज हथेली रख हमें उमंग की दुनियाँ में पहुंचाती बोली
* तुम्हारे टीचर को, पढाना नहीं आता चलो मेरे वेड रूम में...मैं| इसको लेकर आती हूँ..."
 
* ओ. के. मम्मी....ओके ..." मीना चहकीं और सीने के बीच उतर गयी ।


भले मेरा दोस्त कइयों की ले चुका था पर मैं कमसिन मीना की उठाल वाली कच्ची चुचियों पर भी हाथ रखने को अभी भी तरस रहा था । डर रहा था हाथ लगाने में पर उसकी मां एक दिन जो प्रस्ताव की तो मैं अपने पार्टनर से भी ज्यादे आंनद लोक में पहुँच
गया........

उसकी मां को चुदती कामसीन लड़कियों को देखने का शौक था. ... वो मीना को सयानी करने की छूट देती स्वयं चुदवाइ उसको चोद मेरी जवानी अंगड़ाई ले ली और मीना के जाते ही वह हाथ को आगे कर मेरे लण्ड जो पकडी मै दूसरे हाथ से उसकी चुची को पकड़ा तो वह खुश हो बोली।
* आज रात मेरे पास ही रहना है। जाना भी मत जवानी लुटाने को होती है खूब लुटाओ- मेरी मीना अभी चुदने लायक नहीं है..... ।
अभी चूम चाट कर इसको थोड़ी बड़ी करो- तुमको भी तो अभी मजा लेना नहीं आता है और तने लण्ड को अपनी गुदाज मुठी से दवायी | तो हमको काफी मजा आया..... ।

\“जी.......जी मैडम| "

ओ के तुम हमको मैडम ही कहो- ' फाइन यंग मैन और मीना भी अभी मजा लेना नहीं जानती चलो तुम दोनों को आपस में मजा लेना सिखा दें फिर
मजा लेकर उसको उपर और नीचे से सयानी करो। घबराओं नहीं मेरी छोकरी का भी पहला मजा तुम्ही लोगे

“जी......जी.....मैडम आप जो कहें मैं पुनः जन्नत में पहुँच गया था ।

उसकी बातो से अब मुझे पूरी तरह यकीन हो गया था कि सेठानी को खुद चुदने का उतना शौक नहीं है जितना की कुआंरी लड़कियों को चुदते . देखने का ।
,
लंड के फुले सुपाड़े को मसलती बोली- “आज रात दो कुआरी लड़कियों को तुम्हारे लिये माँगा रही हूँ..... दोनों को चोद कर दिखाओ


डियर तुम्हारा इतना तगड़ा है कि दोनों कसमसा कर हाये मर गई कहेंगी ।

** ओ के मैडम जो आप कहेगी......

“चलो तुम दोनों का आपस में मजा लेना सिखाती हूँ.....।

तभी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
 
“चलो तुम दोनों का आपस में मजा लेना सिखाती हूँ.....।

तभी मैंने खुश करने के लिए पपीते जैसी चुची को बाये हाथ से सटका कर उसकी रानो को बीच ला गुदाज बुर का खुजाते कहा- हाय | मैडम
इसको....." |

इसपर वह लंड से हाथ हटाते बाली पहले-बुर वालियों का मजा | लेना तो सीखो......चलो मेरी मजा लेने लायक हो गयी है।
और वह मुझे पुन: अपने आलीशान वेड रूम से लायी जहां हसीन तेरह साल की मीना मोजूद थी ।

मीना की टमाटर जैसी तनी तनी चुचियों को देखते ही मेरे कुवारे लंड में और मस्ती में आ गई ।।

वह एक चेयर पर बैठी - और हमको बायी ओर तथा मीना को दायी ओर खड़ा कर :- वाये हाथ को मेरे चुतड़ पर फिराती बोली-" वटन खोल कर बाहर निकालो -"

मीना को टमाटरों को कमीज का बटन खोलकर क्यों करने को कही।

मैं ने बटन खोल अपने लंड को बाहर किया तो मीना अपनी गुलाबी दोनों चुची को शर्ट के बटनों को खोल-हमको दिखाती मेरी ओर घिसकी । |

सेठानी प्यार से मेरे तने जवान लंड पर हाथ फेरती । बोली - "ये देख बेटी ।"

अब तो मेरी जवानी तीनों त्रिलोक की शैर कर रही थी । ।

लंड को बाहर निकाल कच्ची मीना की नंगी टमाटर सी चुचियों को देखते हुए उसकी हैवी चुतड़ वाली अधेड़ उम्र की माँ से लंड को पकड़वा खुले
रूप में लड़की से मौज मस्ती का उसकाना तो सोने में सुहाग मिल रहा था ।। |

"जी मम्मी सर का...मज़ा लेने वाला -" मीना ने कहा

* पगली...इसको लंड कहते हैं...इसका मजा तुम्हारे लिये हैं...." रीना की माँ ने रीना को बताया

जी...मम्मी-" मीना ने शरमाते हुए कहा

आगे आकर-सर के लंड पर हाथ धीरे-धीरे से लगाओ -" सेठानी ने मीना को समझाया

कमसिन मीना फौरन अपने नाजुक हाथ को मेरे लंड पर फेरी तो वह मस्ती से खड़ा होकर वेहद कड़ा हो गया ।

“तुम्हें इसको. जल्दी से सयानी करना है...इसको पढ़ाओं और मजा करा दो.. अगर मीना को मजा नहीं दोगे...तो में भी मजा नहीं दूँगी '' सेठानी ने मुझे हँसते हुए कहा

" दुगा मजा मैडम-" और फौरन मैं मीना के मस्त छोटे छोटे दोनों टमाटरों पर हाथ फेरने लगा। और जब मीना की तरफ देखा तो-नंगी चुची पर हाथ फेरते ही मीना ने बदन खींचा और मदहोशी से आहें भरने लगी ।

अब हम दोनों को खड़े-खड़े इस क्रिया को करने में मजा आ रहा था।
 
सेठानी खड़ी होकर - हमदोनों की क्रिया को देखने लगी । | " ओह्ह वेरी फाइन. ..तुमको लड़कियों की चुची तो मीसना आता है। ..थोड़ा ऊँगली को दोनों निपुलों पर दवा कर..."

मैं सेठानी के इस खुले ऑफर को पाकर अपने भाग्य, पर फूला नही समाया ।। | आठ. दस बार जो निप्पलो को मसला तो मीना आँख बंद कर
डगमगाई...तो सेठानी उसको बाहों के सहारे सामने के पलंग पर चित लिटा कर बोली-“देखो - अनचुदी हैं....कितनी जल्दी मदहोश हो गयी ."

"जी...जी...मेरा लंड एक दम से लकड़ी हो गया था।"

मेंने भी कच्ची चुचियों को मसला उसके नाजुक हाथों में लंड दे पूरी तरह मस्त हो गया था ।

लौंडिया के साथ साथ सेठानी का पूरा बदन झीने गाऊन से जब दिखता-तो हमको गजब का मजा आता ।। | मस्ती के कारण मेरे पांव काँप रहे थे ।
मेरा कुआँरा लंड तो एकदम से फौलाद हो गया था । और कसम से उसको मीना की मम्मी के बड़े बुर में घुसेड़ सबकुछ भूल जाने को कह रहा था ।।
पर अब सेठानी के इशारे पर ही जवानी का दारोमदार था । सोलह सत्रह साल की मीना की शर्ट से बाहर निकली खड़ी-ख़ड़ी दोनों चुचियां मदहोशी
के कारण टाइट रही थीं ।

| उसकी आँखें बदं थी ।

विस्तर के बीचों-बीच वह गोरी-गोरी टागों को नीचे-स्कर्ट में चित आराम से लेटी थी ।
 
Back
Top