hotaks444
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ससुर जी फिर से भाभी की रसीली मदहोश कर देने वाली चुचियों को सहलाकर पीने लगे….चुचियों के निपल्स को चूस चूस कर उन्होने गुलाबी कर दिया था….भाभी की चूत में फिर से एक आग से लग गई थी…उनकी चूत में खलबली शुरू हो चुकी थी…ऑर ससुर जी बहू के शरीर का अंग अंग चाटने में लगे थे….भाभी की शादी को दो साल हो चुके थे ऑर उनके पति उन्हें रोज रात में मस्ती से चोदते थे…पर जो आनंद आज भाभी को मिल रहा था…वो तो आज तक नहीं मिला था….भाभी तो आज मानो निहाल ही हो गई थी….ससुर जी का एक मुस्टंड लंड भाभी की चूत पर लगातार ठोकर मार मार कर भाभी की उत्तेजना को चरम पर पहुचा रहा था….ससुर जी धीरे धीरे बहू की जांघों को चाटने लगे …बहू के शरीर में चीटियाँ चल रही थी…वे सेक्स के इस समुंदर में मस्ती के गोते खा रही थी….आख़िर वो पल आ ही गया जिसका ससुर ऑर बहू दोनो को इंतजार था…
ससुर जी का लंड अब चूत में जाने की लिए मचल रहा था…ऑर भाभी डर तो बहुत रही थी…पर उसने भी अब इसके लिए अंदर ही अंदर अपने को तैयार कर लिया था….ये तो वो भी जान रही थी….कि जो लंड उसके मुँह में नहीं आया,,,,ऑर दोनो हाथों से पकड़ना पड़ा वो लंड उसकी चूत में कैसे जा सकता है पर ये तो दोस्तो आप जानते ही है जब चूत में खुजली मचती है तो वो कुछ भी करने तो तैयार हो जाती है….यहाँ तक कि मूली, गाजर, बेगन तक को चूत में घुसा बैठती है….फिर ये तो मसटंडा लंड था….इसे मुस्टंड लंड की चाहत किस औरत को नहीं होगी….
भाभी की चूत बार बार खुल ऑर बंद हो रही थी….जैसे प्यासी मछली होठों को फड़फड़ाती है…यही हाल अब भाभी की चूत का भी हो चुका था….उसकी चूत भी मुँह खोल कर लंड के इंतजार में लार टपका रही थी…..
अब ससुर जी बैठ गये ऑर बहू की टॅंगो के बीच आ गये….उन्होने भाभी की दोनो टाँगों को ऊपर उठा कर अपने कंधों पर रखा लिया जिससे बहू की चुत कुछ ऑर खुल गयी थी… दो पंखुड़ियो के बीच गुलाब की तरह से महकता छेद देखकर ससुर का लंड अब नियन्त्रण से बाहर हो रहा था….
भाभी…पिताजी…आपका ये तो बहुत ही मोटा ऑर लंबा है….इस नाज़ुक सी जगह में कैसे जाएगा….में तो मर ही जाउन्गी…प्लीज़ पिताजी ये ना करो….मुझ पर तरस खाओ….मेरी ये नाज़ुक सी चूत ऐसे सहेन नहीं कर पाएगी….
ससुर…डरो नहीं बेटी…कुछ नही होगा…ये नाज़ुक सी चूत ही इस पूरे लंड को खा जाएगी….ऑर तुम्हे पता भी नहीं चलेगा……
भाभी…पर कैसे…..
ससुर बस देखती जाओ….बेटी….आज ये लंड इसे असली जीना सीखा देगा…बस उसके बाद ये ऑर मोटा लंबा लंड माँगेगी….
भाभी --- इससे बड़ा…..मोटा….लंबा लंड ऑर क्या होगा पिताजी….ये तो घोड़े के लंड को भी पीछे छोड़ रहा है….अगर एक बार आप इसे गधि की चूत में डाल दो तो वो भी चिल्ला पड़ेगी….
ससुर जी ने ढेर सार तेल बहू की गर्म चूत में उडेल दिया ऑर काफ़ी सारा अपने लंड पर भी लगा लिया….फिर दोनो हाथों से बहू की चूत के द्वार के दोनो पल्लो को खोलकर फैलाया….ऑर उस भयंकर लंड के शुर्ख लाल मोटे सुपाडे को बहू की चूत के छेद पर रख दिया….लंड का स्पर्श अपनी चूत के छेद पर पाकर बहू शिहर उठी , .गरम गर्म सुपाडा….गर्म चूत पर लगते ही बहू की आआअहह निकल गाइिईई
भाभी….आआअहह पिताजी…..प्लीज़ रहने भी दीजिए…..ये इतना भारी घोड़े के लंड से भी भारी लंड हमारी चूत में नहीं जाएगा….प्लीज़ पिताजी….हमें अब छोड़ दीजिए….ये हमारी चूत को फाड़ डालेगा….हम किसी को मुँह दिखाने के काबिल भी नहीं रहेंगे….प्लीज़ पिताजी…वैसे भी हम आपकी बेटी के समान हैं…हम अपने पति को क्या कहेंगे….ये तो हमारी चूत को बुरी तरह से फाड़ देगा……
ससुर….बेटी क्यूँ डर रही हो….कुछ नहीं होगा ऑर फिर किसी को पता कैसे चलेगा….बेटी…चूत ऑर लंड का संबंध ही ऐसा है….ये एक दूसरे को मज़ा देते है….दर्द नहीं….फिर याद करो तुम्हारी जेठानी ललिता ने तुमसे क्या कहा था….कि जब मर्द चुदाई के मूड में होता है तो वो चूत का साइज़ नहीं, बस लंड को चूत में घुसाने की जल्दी में रहता है….ऑर फिर तुम ही कह रही थी…कि तुम्हारा पति तो तुम्हारी चूत को कभी भी नहीं चाट्ता है….फिर वो कैसे देख पाएगा….कि तुम्हारी चूत का क्या हाल है…..
भाभी…पर पिताजी…हम इस लंड को कैसे झेल पाएगे….ये तो हमारी जान ही ले लेगा…..हमारी चूत को कहीं का नहीं छोड़ेगा….
ससुर…क्यूँ डरती हो बहू….कुछ नहीं होगा….ये लंड तुम्हे जो मज़ा देगा उसकी तो तुमने कल्पना भी नहीं की होगी….बस एक बार अंदर जाने दो बस फिर देखना…तुम खुद कहोगी…कि पिताजी…डाल दो पूरा….आआअहह ओर ज़ोर से….
भाभी…क्या सच में पिताजी….
ससुर…हाँ बेटी…बस एक बार थोड़ा दर्द तो होगा ही….जैसे तुम्हे सुहागरात में हुआ होगा….पर उसके बाद कितना मज़ा आया होगा…वो तो तुम्हे आज तक याद होगा….
भाभी…हाँ पिताजी वो चुदाई तो आज तक याद है…अब तो ये भी याद नहीं कि दर्द भी हुआ था…कि नहीं….
ससुर…हां बेटी यही तो में समझा रहा हूँ….उस मज़े के सामने सब दर्द भूल जाते है…जैसे तुम भूल गई…ऑर हां वो पहली चुदाई तुम्हारी….आज तक याद होगी…वो मज़ा….
भाभी…हाँ पिताजी वो पही चुदाई का मज़ा तो आज भी नहीं भूली हुँ….
ससुर…तो फिर बेटी ये भी आज तुम्हारी…पिताजी के साथ पहली सुहागरात है…जो मज़ा आज आएगा वो भी तुम जिंदगी भर नहीं भूलोगि….
भाभी…सच पिताजी….
ससुर… हाँ बेटी…बस शुरू में थोड़ा सा दर्द होगा…बस उसे झेल लेना उसके बाद तो बस मज़ा ही मज़ा…..वो भी पहली सुहागरात जैसा….
भाभी….मन तो अब मेरा भी कर रहा है…ऑर चूत पानी भी छोड़ रही है…पर अब भी यही डर है कि चूत में जाएगा कैसे….
ससुर…बस देखती जाओ बेटी…ऑर ये कहकर ससुर ने अपने लंड पर थोड़ा सा दबाव बनाया….आआआहहुउऊउउइसस्स्स्सिईईई के साथ भाभी सिसक उठी…पर लंड का सुपाडा अंदर नहीं गया…ससुरा हाथी का लंड ऑर बिल्ली की चूत में…भला इतनी आसानी से कैसे जाएगा….
ससुर….समझ गये कि सीधे तो पर तो ये लंड अंदर नहीं जाएगा…चाहे तेल ऑर भी लगा लूँ….थोड़ी देर तक तो बहू को काबू में करके ज़बरदस्ती ही चोदना पड़ेगा….उसके बाद ही कुछ हो पाएगा….नहीं तो बेटा….बस बाहर ही झाड़ ले इसका पानी…..अब ससुर ने अपनी नई प्लान के अनुसर भाभी को अपनी बाहों में दबा लिया ऑर बहू की गान्ड के नीचे एक मिटा सा पिल्लो लगाया….ऑर फिर से लंड के सुपाडे को चूत के छेद पर एडजस्ट कर एक झटका मार ही दिया….लंड का सुपाडा तो बहू की चूत को फाड़ता हुआ अंदर दाखिल हो गया पर बहू की चीख चीख कर बुरी हालत हो गई….दोस्तों आप सभी जानते है कि जब मर्द पर चुदाई का भूत सवार होता है तो वो सब भूल कर लंड को अंदर डाल ही देता है…फिर अंजाम चाहे जो भी हूँ….ऑर हुआ भी यही……
ससुर जी का लंड अब चूत में जाने की लिए मचल रहा था…ऑर भाभी डर तो बहुत रही थी…पर उसने भी अब इसके लिए अंदर ही अंदर अपने को तैयार कर लिया था….ये तो वो भी जान रही थी….कि जो लंड उसके मुँह में नहीं आया,,,,ऑर दोनो हाथों से पकड़ना पड़ा वो लंड उसकी चूत में कैसे जा सकता है पर ये तो दोस्तो आप जानते ही है जब चूत में खुजली मचती है तो वो कुछ भी करने तो तैयार हो जाती है….यहाँ तक कि मूली, गाजर, बेगन तक को चूत में घुसा बैठती है….फिर ये तो मसटंडा लंड था….इसे मुस्टंड लंड की चाहत किस औरत को नहीं होगी….
भाभी की चूत बार बार खुल ऑर बंद हो रही थी….जैसे प्यासी मछली होठों को फड़फड़ाती है…यही हाल अब भाभी की चूत का भी हो चुका था….उसकी चूत भी मुँह खोल कर लंड के इंतजार में लार टपका रही थी…..
अब ससुर जी बैठ गये ऑर बहू की टॅंगो के बीच आ गये….उन्होने भाभी की दोनो टाँगों को ऊपर उठा कर अपने कंधों पर रखा लिया जिससे बहू की चुत कुछ ऑर खुल गयी थी… दो पंखुड़ियो के बीच गुलाब की तरह से महकता छेद देखकर ससुर का लंड अब नियन्त्रण से बाहर हो रहा था….
भाभी…पिताजी…आपका ये तो बहुत ही मोटा ऑर लंबा है….इस नाज़ुक सी जगह में कैसे जाएगा….में तो मर ही जाउन्गी…प्लीज़ पिताजी ये ना करो….मुझ पर तरस खाओ….मेरी ये नाज़ुक सी चूत ऐसे सहेन नहीं कर पाएगी….
ससुर…डरो नहीं बेटी…कुछ नही होगा…ये नाज़ुक सी चूत ही इस पूरे लंड को खा जाएगी….ऑर तुम्हे पता भी नहीं चलेगा……
भाभी…पर कैसे…..
ससुर बस देखती जाओ….बेटी….आज ये लंड इसे असली जीना सीखा देगा…बस उसके बाद ये ऑर मोटा लंबा लंड माँगेगी….
भाभी --- इससे बड़ा…..मोटा….लंबा लंड ऑर क्या होगा पिताजी….ये तो घोड़े के लंड को भी पीछे छोड़ रहा है….अगर एक बार आप इसे गधि की चूत में डाल दो तो वो भी चिल्ला पड़ेगी….
ससुर जी ने ढेर सार तेल बहू की गर्म चूत में उडेल दिया ऑर काफ़ी सारा अपने लंड पर भी लगा लिया….फिर दोनो हाथों से बहू की चूत के द्वार के दोनो पल्लो को खोलकर फैलाया….ऑर उस भयंकर लंड के शुर्ख लाल मोटे सुपाडे को बहू की चूत के छेद पर रख दिया….लंड का स्पर्श अपनी चूत के छेद पर पाकर बहू शिहर उठी , .गरम गर्म सुपाडा….गर्म चूत पर लगते ही बहू की आआअहह निकल गाइिईई
भाभी….आआअहह पिताजी…..प्लीज़ रहने भी दीजिए…..ये इतना भारी घोड़े के लंड से भी भारी लंड हमारी चूत में नहीं जाएगा….प्लीज़ पिताजी….हमें अब छोड़ दीजिए….ये हमारी चूत को फाड़ डालेगा….हम किसी को मुँह दिखाने के काबिल भी नहीं रहेंगे….प्लीज़ पिताजी…वैसे भी हम आपकी बेटी के समान हैं…हम अपने पति को क्या कहेंगे….ये तो हमारी चूत को बुरी तरह से फाड़ देगा……
ससुर….बेटी क्यूँ डर रही हो….कुछ नहीं होगा ऑर फिर किसी को पता कैसे चलेगा….बेटी…चूत ऑर लंड का संबंध ही ऐसा है….ये एक दूसरे को मज़ा देते है….दर्द नहीं….फिर याद करो तुम्हारी जेठानी ललिता ने तुमसे क्या कहा था….कि जब मर्द चुदाई के मूड में होता है तो वो चूत का साइज़ नहीं, बस लंड को चूत में घुसाने की जल्दी में रहता है….ऑर फिर तुम ही कह रही थी…कि तुम्हारा पति तो तुम्हारी चूत को कभी भी नहीं चाट्ता है….फिर वो कैसे देख पाएगा….कि तुम्हारी चूत का क्या हाल है…..
भाभी…पर पिताजी…हम इस लंड को कैसे झेल पाएगे….ये तो हमारी जान ही ले लेगा…..हमारी चूत को कहीं का नहीं छोड़ेगा….
ससुर…क्यूँ डरती हो बहू….कुछ नहीं होगा….ये लंड तुम्हे जो मज़ा देगा उसकी तो तुमने कल्पना भी नहीं की होगी….बस एक बार अंदर जाने दो बस फिर देखना…तुम खुद कहोगी…कि पिताजी…डाल दो पूरा….आआअहह ओर ज़ोर से….
भाभी…क्या सच में पिताजी….
ससुर…हाँ बेटी…बस एक बार थोड़ा दर्द तो होगा ही….जैसे तुम्हे सुहागरात में हुआ होगा….पर उसके बाद कितना मज़ा आया होगा…वो तो तुम्हे आज तक याद होगा….
भाभी…हाँ पिताजी वो चुदाई तो आज तक याद है…अब तो ये भी याद नहीं कि दर्द भी हुआ था…कि नहीं….
ससुर…हां बेटी यही तो में समझा रहा हूँ….उस मज़े के सामने सब दर्द भूल जाते है…जैसे तुम भूल गई…ऑर हां वो पहली चुदाई तुम्हारी….आज तक याद होगी…वो मज़ा….
भाभी…हाँ पिताजी वो पही चुदाई का मज़ा तो आज भी नहीं भूली हुँ….
ससुर…तो फिर बेटी ये भी आज तुम्हारी…पिताजी के साथ पहली सुहागरात है…जो मज़ा आज आएगा वो भी तुम जिंदगी भर नहीं भूलोगि….
भाभी…सच पिताजी….
ससुर… हाँ बेटी…बस शुरू में थोड़ा सा दर्द होगा…बस उसे झेल लेना उसके बाद तो बस मज़ा ही मज़ा…..वो भी पहली सुहागरात जैसा….
भाभी….मन तो अब मेरा भी कर रहा है…ऑर चूत पानी भी छोड़ रही है…पर अब भी यही डर है कि चूत में जाएगा कैसे….
ससुर…बस देखती जाओ बेटी…ऑर ये कहकर ससुर ने अपने लंड पर थोड़ा सा दबाव बनाया….आआआहहुउऊउउइसस्स्स्सिईईई के साथ भाभी सिसक उठी…पर लंड का सुपाडा अंदर नहीं गया…ससुरा हाथी का लंड ऑर बिल्ली की चूत में…भला इतनी आसानी से कैसे जाएगा….
ससुर….समझ गये कि सीधे तो पर तो ये लंड अंदर नहीं जाएगा…चाहे तेल ऑर भी लगा लूँ….थोड़ी देर तक तो बहू को काबू में करके ज़बरदस्ती ही चोदना पड़ेगा….उसके बाद ही कुछ हो पाएगा….नहीं तो बेटा….बस बाहर ही झाड़ ले इसका पानी…..अब ससुर ने अपनी नई प्लान के अनुसर भाभी को अपनी बाहों में दबा लिया ऑर बहू की गान्ड के नीचे एक मिटा सा पिल्लो लगाया….ऑर फिर से लंड के सुपाडे को चूत के छेद पर एडजस्ट कर एक झटका मार ही दिया….लंड का सुपाडा तो बहू की चूत को फाड़ता हुआ अंदर दाखिल हो गया पर बहू की चीख चीख कर बुरी हालत हो गई….दोस्तों आप सभी जानते है कि जब मर्द पर चुदाई का भूत सवार होता है तो वो सब भूल कर लंड को अंदर डाल ही देता है…फिर अंजाम चाहे जो भी हूँ….ऑर हुआ भी यही……