hotaks444
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यहाँ हमारे लिए दो आदमी वेट कर रहे थे. हमारे आने का पूरा प्लान उनलोगो ने चेक आउट किया हुआ था जैसे ही टैक्सी पहुंची, वह लोग आगे आकर हमसे परिचय किया और में दूल्हा और माँ को दुल्हन जानके हम दोनों को विश किया. फिर हमें सब बता बता के हमारे रहने की जगह पे ले जाने लगे. टोटल ४ सूटकेस था एक मेरा,दूसरा नाना नानी का, तीसरा शादी का सामान भरा हुआ और चौथा माँ का. माँ यहाँ से सीधा मेरे साथ एमपी जानेवाली है. तोह उनका कुछ सामान, जो वह शादी के बाद भी उसे रखना चाहती है, वह सब सामान, कुछ कपडा वगेरा भरके लायी है. वह लोग रिसोर्ट का दो बॉय को बुलाके हमारा सामान हमारे रूम पे ले जाने के लिए कहा. रिसोर्ट बाहर से देखने में छोटा है. पर अंदर जाते ही बहुत बड़ा एरिया का पता चलता है. लेफ्ट साइड में रेस्टॉरंट, डिस्को और पुलसाइड पब है. सीधा जाके एक बिल्डिंग है. दो मंजिला. और राईट में पूरा एरिया खाली है. घास को मेन्टेन करके रखा है. यहाँ उनलोगों का ओपन मैरिज या और कोई पार्टी होता है. और गेट के बाहर एक पार्किंग एरिया देख के आया हु. हम जैसे थोडे आगे जाकर राईट मुडे, वहां उस बिल्ड़िंग के पीछे विशाल एरिया लेकर बहुत सारे छोटा छोटा टेंट जैसा कॉटेज बना हुआ है. बीच में एक लम्बा नैरो वाटर पूल है. उसमे से फुआरा उठ रही है. और उसके चारों तरफ वह कॉटेज है. वह लोग हमें वहि ले जाकर बताया की वह लोग सारे मैरिज में आने वाले गेस्ट्स और फॅमिली मेंबर्स को यही रुकवाते है. और वह दो मंजिला बिल्डडीग केवल इनसाइड बुफे और शादी के लिए हॉल बना हुआ है. जहाँ पार्टी भी हो सकती है. बाकि एडमिनिस्ट्रेटिव सेक्शन और पीछे किचन और कैटर्रिंग का इंतेजाम. अब फिलहाल दो शादी का अरेंजमेंट चल रहा है. वेडनेस्डे को एक बड़ा शादी का बुकिंग है. उसके कुछ मेहमानआचुके है. और कल की शादीके लिए बस हम लोग. हमारा छोटा प्रोग्राम है. इस लिए वह सब कुछ सामने वाले बिल्डिंग के अंदर ही अरेंज किया हुआ है.
हमारे लिए केवल दो कॉटेज बूक है. दोनों फॅमिली कॉटेज है. एक में माँ और नानी चली गयी और दूसरे में में और नानाजी. उन दो आदमी में से एक आदमी हमारी बुकिंग का हेड है. उनके देख भाल से यह शादी का प्रोग्राम होगा. हम जैसे ही कॉटेज के अंदर घूसे तो चौंक गये. बाहर से पता नहीं लगता की अंदर इतना सुन्दर और सुब्यबस्था है. स्पेसियस एरिया में दो डबल बेड रूम के दोनों साइड पे लगा हुआ है. दो कपबोर्ड है. बैठने का अरेंजमेंट में सोफा और सेंटर टेबल रखा हुआ है. दिवार पे बड़ा एलसीडी टीवी लगा हुआ है. एक फ्रिज है. और अपोजिट वाल पे एक बड़ा विन्डौ. जिसके बाहर पेड़ की सारी लाइन है. और उसके पार खाड़ी है, जहाँ प्राइवेट ज्याट बनाके वह लोग प्राइवेट स्टीमर सुहागरात के लिए देते है. मैं बाथरूम चेक करने गया. और बड़ा बाथरूम में सब मॉडर्न फैसिलिटीज का इन्तेज़ाम है. बाथरूम से बाहर आतेहि वह मैनेजर साहब नानाजी को बताने लगा की क्या क्या और कैसे प्रोग्राम सेट किया हुआ है. एक प्रिंटेड पेपर दिया उन्होंने. उसमे सब डिटेल्ड लिखा हुआ है टाइम के साथ. कब हल्दी का रसम, कब रिंग सेरोमनी, कब रजिस्ट्री सिग्निंग, कब शादी वैगेरा वैगेरा सब कुछ लिखा हुआ है. हमारे गेस्ट नहीं है इस लिए रिसेप्शन और फ़ूड के जगह पे क्रॉस किया हुआ है. मैं उनसे वह लेकर देख रहा था आज दो रसम सेट किआ हुआ है. दोपहर को हल्दी है और शाम को रिंग सरमोनी. वह आदमी बता रहे थे की यहाँ के पण्डितजी के मुताबित , उनका दिया हुआ टाइम मेन्टेन करके हम यह चार्ट बनाते है. सब पूरा रसम और तरीका प्रॉपरली मेन्टेन करके , शास्त्र सम्मत से यहाँ शादी का इन्तेज़ाम होता है. उन्होंने उनका मोबाइल नम्बर भी दिया. कोई भी प्रॉब्लम होगा तो उनको सीधा कॉल कर सकते है. दोपहर में हल्दी रसम ठीक टाइम पे सब रेडी हो जायेगा और हमें लेने के लिए वह आएंगे. वह मैनेजर अब हमें फ्रेश होने को कहा और बताया की रूम पे ही ब्रेकफास्ट भेज देंगे. बोलके वह फिर से और एकबार स्वागत और विश करके निकल गये. नानाजी मुझे फ्रेश होने के लिए कह्के वह एक कॉपी प्रिंटेड चार्ट लेके निकल गए नानी के रूम पे. नानी को भी पूरा चीज़ बतानी है. माँ भी जान जायेंगे कब और कैसे क्या क्या होगा. मैं फ्रेश होने के लिए बाथरूम में चला गया.
जब फ्रेश होकर बाथरूम से निकला तब नानाजी रूम पे वापस आगये. उनके हाथ में कुछ कपडे है. वह नानीजी के रूम में रखी हुई उनके सूटकेस से यह लेके आये है. मुझे बाहर निकलते हुए देखके वह बोले की अब तो सोने को ज़ादा टाइम नहीं मिलगा. ११.३० को हल्दी का रसम है. सो में तुम्हारा नानी को भी बता दिया. वह लोग भी फ्रेश होकर ब्रेकफास्ट करके बस थोड़ी रेस्ट कर लेगी और फिर तैयार हो जायेगी हल्दी के लिये. मैं यह सुन के थोड़ी शर्म और ख़ुशी मेहसुस किया. नाना नानी खुद मेरे और माँ का यह रिश्ता चाहते है. वह लोग अपने हाथों से हमारे इस नये रिश्ते को जोड रहे है और हमें हमारे नए रिश्ते में कदम रखने के रास्ते में हर मोड़ पे हमारा साथ देते हुए आरहे है. वह लोग भी चाहते है की उनकी एक लौती बेटी ज़िन्दगी भर जो दुःख और अकेलेपन के सहारे जी है, अब वह ख़ुशी के पलों में बदल जाये और उनकी ज़िन्दगी हर लड़की की तरह अपने पति के साथ गुजार ने में जो सुख और शान्ति मिलती है, वह पा ले. और फिर में उनका इकलौता पोता भी हु. बचपन से उनका सारा प्यार और ममता मेरे ऊपर ही बरसाया उन्होंने. सो आज वह लोग भी चाहते है की अपना ही पोता अपने ही घर पे दमाद बनके रहेगा और सब मिलके एक ख़ुशी के महल में जिन्दगी गुजरेंगे. इस लिए वह इस शादी को शास्त्र अनुसार सब रसम प्रक्रिया पूरा करके करना चाहते है.
यहाँ हमारे लिए दो आदमी वेट कर रहे थे. हमारे आने का पूरा प्लान उनलोगो ने चेक आउट किया हुआ था जैसे ही टैक्सी पहुंची, वह लोग आगे आकर हमसे परिचय किया और में दूल्हा और माँ को दुल्हन जानके हम दोनों को विश किया. फिर हमें सब बता बता के हमारे रहने की जगह पे ले जाने लगे. टोटल ४ सूटकेस था एक मेरा,दूसरा नाना नानी का, तीसरा शादी का सामान भरा हुआ और चौथा माँ का. माँ यहाँ से सीधा मेरे साथ एमपी जानेवाली है. तोह उनका कुछ सामान, जो वह शादी के बाद भी उसे रखना चाहती है, वह सब सामान, कुछ कपडा वगेरा भरके लायी है. वह लोग रिसोर्ट का दो बॉय को बुलाके हमारा सामान हमारे रूम पे ले जाने के लिए कहा. रिसोर्ट बाहर से देखने में छोटा है. पर अंदर जाते ही बहुत बड़ा एरिया का पता चलता है. लेफ्ट साइड में रेस्टॉरंट, डिस्को और पुलसाइड पब है. सीधा जाके एक बिल्डिंग है. दो मंजिला. और राईट में पूरा एरिया खाली है. घास को मेन्टेन करके रखा है. यहाँ उनलोगों का ओपन मैरिज या और कोई पार्टी होता है. और गेट के बाहर एक पार्किंग एरिया देख के आया हु. हम जैसे थोडे आगे जाकर राईट मुडे, वहां उस बिल्ड़िंग के पीछे विशाल एरिया लेकर बहुत सारे छोटा छोटा टेंट जैसा कॉटेज बना हुआ है. बीच में एक लम्बा नैरो वाटर पूल है. उसमे से फुआरा उठ रही है. और उसके चारों तरफ वह कॉटेज है. वह लोग हमें वहि ले जाकर बताया की वह लोग सारे मैरिज में आने वाले गेस्ट्स और फॅमिली मेंबर्स को यही रुकवाते है. और वह दो मंजिला बिल्डडीग केवल इनसाइड बुफे और शादी के लिए हॉल बना हुआ है. जहाँ पार्टी भी हो सकती है. बाकि एडमिनिस्ट्रेटिव सेक्शन और पीछे किचन और कैटर्रिंग का इंतेजाम. अब फिलहाल दो शादी का अरेंजमेंट चल रहा है. वेडनेस्डे को एक बड़ा शादी का बुकिंग है. उसके कुछ मेहमानआचुके है. और कल की शादीके लिए बस हम लोग. हमारा छोटा प्रोग्राम है. इस लिए वह सब कुछ सामने वाले बिल्डिंग के अंदर ही अरेंज किया हुआ है.
हमारे लिए केवल दो कॉटेज बूक है. दोनों फॅमिली कॉटेज है. एक में माँ और नानी चली गयी और दूसरे में में और नानाजी. उन दो आदमी में से एक आदमी हमारी बुकिंग का हेड है. उनके देख भाल से यह शादी का प्रोग्राम होगा. हम जैसे ही कॉटेज के अंदर घूसे तो चौंक गये. बाहर से पता नहीं लगता की अंदर इतना सुन्दर और सुब्यबस्था है. स्पेसियस एरिया में दो डबल बेड रूम के दोनों साइड पे लगा हुआ है. दो कपबोर्ड है. बैठने का अरेंजमेंट में सोफा और सेंटर टेबल रखा हुआ है. दिवार पे बड़ा एलसीडी टीवी लगा हुआ है. एक फ्रिज है. और अपोजिट वाल पे एक बड़ा विन्डौ. जिसके बाहर पेड़ की सारी लाइन है. और उसके पार खाड़ी है, जहाँ प्राइवेट ज्याट बनाके वह लोग प्राइवेट स्टीमर सुहागरात के लिए देते है. मैं बाथरूम चेक करने गया. और बड़ा बाथरूम में सब मॉडर्न फैसिलिटीज का इन्तेज़ाम है. बाथरूम से बाहर आतेहि वह मैनेजर साहब नानाजी को बताने लगा की क्या क्या और कैसे प्रोग्राम सेट किया हुआ है. एक प्रिंटेड पेपर दिया उन्होंने. उसमे सब डिटेल्ड लिखा हुआ है टाइम के साथ. कब हल्दी का रसम, कब रिंग सेरोमनी, कब रजिस्ट्री सिग्निंग, कब शादी वैगेरा वैगेरा सब कुछ लिखा हुआ है. हमारे गेस्ट नहीं है इस लिए रिसेप्शन और फ़ूड के जगह पे क्रॉस किया हुआ है. मैं उनसे वह लेकर देख रहा था आज दो रसम सेट किआ हुआ है. दोपहर को हल्दी है और शाम को रिंग सरमोनी. वह आदमी बता रहे थे की यहाँ के पण्डितजी के मुताबित , उनका दिया हुआ टाइम मेन्टेन करके हम यह चार्ट बनाते है. सब पूरा रसम और तरीका प्रॉपरली मेन्टेन करके , शास्त्र सम्मत से यहाँ शादी का इन्तेज़ाम होता है. उन्होंने उनका मोबाइल नम्बर भी दिया. कोई भी प्रॉब्लम होगा तो उनको सीधा कॉल कर सकते है. दोपहर में हल्दी रसम ठीक टाइम पे सब रेडी हो जायेगा और हमें लेने के लिए वह आएंगे. वह मैनेजर अब हमें फ्रेश होने को कहा और बताया की रूम पे ही ब्रेकफास्ट भेज देंगे. बोलके वह फिर से और एकबार स्वागत और विश करके निकल गये. नानाजी मुझे फ्रेश होने के लिए कह्के वह एक कॉपी प्रिंटेड चार्ट लेके निकल गए नानी के रूम पे. नानी को भी पूरा चीज़ बतानी है. माँ भी जान जायेंगे कब और कैसे क्या क्या होगा. मैं फ्रेश होने के लिए बाथरूम में चला गया.
जब फ्रेश होकर बाथरूम से निकला तब नानाजी रूम पे वापस आगये. उनके हाथ में कुछ कपडे है. वह नानीजी के रूम में रखी हुई उनके सूटकेस से यह लेके आये है. मुझे बाहर निकलते हुए देखके वह बोले की अब तो सोने को ज़ादा टाइम नहीं मिलगा. ११.३० को हल्दी का रसम है. सो में तुम्हारा नानी को भी बता दिया. वह लोग भी फ्रेश होकर ब्रेकफास्ट करके बस थोड़ी रेस्ट कर लेगी और फिर तैयार हो जायेगी हल्दी के लिये. मैं यह सुन के थोड़ी शर्म और ख़ुशी मेहसुस किया. नाना नानी खुद मेरे और माँ का यह रिश्ता चाहते है. वह लोग अपने हाथों से हमारे इस नये रिश्ते को जोड रहे है और हमें हमारे नए रिश्ते में कदम रखने के रास्ते में हर मोड़ पे हमारा साथ देते हुए आरहे है. वह लोग भी चाहते है की उनकी एक लौती बेटी ज़िन्दगी भर जो दुःख और अकेलेपन के सहारे जी है, अब वह ख़ुशी के पलों में बदल जाये और उनकी ज़िन्दगी हर लड़की की तरह अपने पति के साथ गुजार ने में जो सुख और शान्ति मिलती है, वह पा ले. और फिर में उनका इकलौता पोता भी हु. बचपन से उनका सारा प्यार और ममता मेरे ऊपर ही बरसाया उन्होंने. सो आज वह लोग भी चाहते है की अपना ही पोता अपने ही घर पे दमाद बनके रहेगा और सब मिलके एक ख़ुशी के महल में जिन्दगी गुजरेंगे. इस लिए वह इस शादी को शास्त्र अनुसार सब रसम प्रक्रिया पूरा करके करना चाहते है.