Muslim Sex Stories खाला के घर में - Page 2 - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

Muslim Sex Stories खाला के घर में

खलू को देख कर मैं मुस्करा दी, खाला फिर बोली, हा आओ आओ ऐक तुम्हारी ही कमी थी, ये मैं ने क्या सुना है, कल रात तुम ने कामी को साथ मिला कर गाज़ल की चुदाई करी है, खलू मुस्कराते हुए करीब आगाये और बोले, अरे बेगम तो इस मे बुराई किया है, मर्द का बच्चा अगर चुदाई ना करे गा तो क्या करे गा? ये कह कर खलू ने मुझे खाला से अलग किया और मुझे लिपटा कर खाला के सामने ही मुझे किस करने लगे, खाला गुस्से से बोली, नरेन के अब्बा कुछ तो शरम करो, कुछ मेरा ही लिहाज़ करो अभी मैं यहा मोजूद हूँ, खलू ने मेरे कंधों पर दबाब डालते हुए बोले, तो तुम क्यूँ यहा हो, तुम जाओ और बाकी लोगों का ध्यान रखो ज़रा मैं गाज़ल से दो दो हाथ कर लूँ, ये कह कर खलू ने मेरे कंधों पर दबाब डाल कर मुझे घोटनों के बल बिठा दिया. मैं खलू का मतलब समझ गई और मैं ने खलू की शलवार का अज़रबंद खोल दिया और उनका लंड बाहर निकाल लिया, फिर मैं ने उसे मुँह मे लिया और मज़े से कुलफी की तरहा चूसने लगी, खलू ऐक सिसकारी ले कर बोले, हमारा शेर कामी किधर है, खाला बड़बड़ाती होई बोली, वो बाथरूम मे छुपा हुआ है, आप लोगों ने तो बेशर्मी की हद करदी है, ये कह कर खाला बड़बड़ा कर कमरे से चली गई जब के खलू ने ने मुझे खड़ा किया और अपना लंड मेरी चूत मे डाल कर मुझे अपनी गौद मे उठा लिया, इतनी देर मे कामी ने बाथरूम से झाँका तो खलू हंस कर बोले, चल आजा गधे की ओलाद किया बाथरूम मे छुपा हुआ है, खलू की झाड़ सुनकर कामी ने अपने दाँत निकाल दिए. फिर वो भी बाथरूम से बाहर आगेया और उसने आकर पीछे से अपना लंड मेरी गंद मे डाला और फिर दोनो बाप बेटे ने मिल कर मेरी ज़बरदस्त तरीके से चुदाई शुरू करदी और कमरा मेरी लज़्ज़त भरी सिसकारियों से गूंजने लगा. हम तीनो कमरे से 40 मिनिट बाद निकले, अब्बू नाश्ते की टेबल पर कुछ दोसरे मेहमानों के साथ बैठे थे, हम तीनो भी उनके साथ शामिल होगये. आज वालिमा था इस लिए सब ही अपनी अपनी तय्यारियों मे लग गये. दिन भर खलू ने तो मेरे साथ कुछ नही किया अलबाता कामी को अब अपनी मा का डर नही था इस लिए वो जब भी मुझे अकेला देखता या फिर मैं अकेली खाला के साथ होती तो वो कभी मेरे बूब्स दबाता कभी मुझे किस कर लेता कभी मेरी चूत या गंद मे उंगली कर देता, जब भी कामी खाला के सामने कोई हरकत करता तो खाला सिर्फ़ मुँह बना कर रह जाती थी और मैं मुस्करा देती थी.

क्रमशः.......
 
खाला के घर में--4
गतान्क से आगे.....
वालीमे मे भी मैं ने काफ़ी टाइट सूट पहना था जिस से मेरे बड़े बड़े बूब्स नुमाया थे और मैं काफ़ी लोगों की निगाहों का केन्द्र थी और कामी और खलू का हाल भी इस से कम नही था, फिर जब खाना खोला गया तो सब ही खाने के चक्कर मे लग गये, खलू ने ये मोका देख कर मुझे इशारा किया, मैं उनके पीछे पीछे जेंट्स बाथरूम मे आगई, कामी ने मुझे खलू के साथ बाथरूम मे जाते हो देख लिया था इस लिए वो भी पीछे पीछे अंदर आगया, खलू ने कामी को देखा तो मुँह बना कर बोले, गधे की ओलाद तुम हर वक़्त मेरी जासूसी मे ही लगे रहना, कामी अपने दाँत निकालता हुआ बोला, पापा मैं भी आप ही का बेटा हूँ, जब आप को खुमारी चढ़ सकती है तो किया मुझे नही चढ़े गी, कामी की बात सुनकर मेरी हँसी निकल गई, खलू मुझ से बोले, गाज़ल इस वक़्त सब ही खाने के चक्कर मे हैं और मुझ से बर्दाश्त नही होरहा है, मैं मुस्कराई और बोली, मेरे प्यारे खलू जान कुछ घंटे और इंतिज़ार कर ले घर जाकर जितना दिल चाहे मुझे चोद ली जिए गा, खलू बोले, नही जब तक मुझ से सबर नही होगा, वो मुझसे लिपटने लगे तो मैं बोली, खलू मेरे सूट पर निशान पढ़ जाएँगे, मैं ने आज फिर शरारा और ब्लाउस पहना होवा था, मेरे ब्लाउस थोडा छोटा था जिस से मेरा पेट झलक रहा था. खलू ने मेरी कमर पर लगी ब्लाउस की ज़िप खोल दी, पूरा ब्लाउस ज़िप पर ही टिका हुआ था, ज़िप खोलते ही वो पूरा खुल गया और खलू ने ब्लाउस को मेरे बदन से अलग कर दिया, मेरे शरारे मे अलस्टिक थी इस लिए खलू ने वो खींच कर उतार दिया, अब मैं सिर्फ़ अंडरवेर और ब्राज़ेर मे थी, कुछ देर बाद मेरे बदन पर ब्राज़ेर और अंडरवेर भी नही रहा, खलू ने मुझे दीवार से लगा कर मेरी ऐक टांग उठा कर बाशबेसन पर रख दी जिस की वजा से मेरी चूत के लब खुल गये, कामी ने फॉरन ही नीचे बैठ कर मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया, जब के खलू मेरे बूब्स को दबाते हुए मुझे किस करने लगे. अभी हमे कुछ देर ही हुई थी के बाथरूम का दरवाजा खुला और कोई अंदर आगेया, हम तीनो ही घबरा गये, आने वाले 2 मर्द थे, मैं तो उन्है नही जानती थी पर खलू उनको जानते थे, वो दोनो खलू के दोस्त थे ( मुराद साहिब और शकील साहिब ), वो दोनो भी अंदर का मंज़र देख कर चोंक गये थे, फिर मुराद साहिब बोले, वाह खालिद (मेरे खलू का नाम खालिद है) दोनो बाप बेटे मिल कर मज़े कर रहे हो, खलू क्या बोलते शर्मिंदा सी हँसी से बोले, यार वो बस वो मैं ये, खलू के मुँह से सही से अल्फ़ाज़ नही निकल रहे थे. फिर शकील साहिब बोले, अरे यार कोई बात नही मगर अकेले अकेले मज़े करना कोई अछी बात तो नही है तेरे यार दोस्त क्या करेंगे. खलू अब संभाल कर बोले, यार अभी तो नही फिर कभी. मुराद और शकील साहिब भी करीब आगे और बोले, ये फिर कभी की बाते ठीक नही, ये कह कर वो दोनो भी मेरे बूब्स को दबाते हो मेरे जिस्म को सहलाने लगे, खलू बोले, यार ऐसा ना हो जेसे तुम लोग आए हो कोई और ना आजाये, बाद मे वादा तुम लोगों को भी मोका दूँगा, खलू की बात दोनो को समझ आगई और उन लोगों ने मुझे छोड़ दिया, मैं ने जल्दी जल्दी कपड़े पहन कर अपना हुलिया ठीक किया मगर मुझे जाने से पहले सब को लिपट लिपट कर किस देना पड़ा था. पहले मुराद और शकील साहिब गये, फिर कामी और उसके बाद खलू, थोड़ी देर बाद मे भी बाहर निकली तो बाहर अभी तक खाने का हंगामा चल रहा था और किसी ने नोट ही नही किया के मैं जेंट्स बाथरूम से निकल कर गई हूँ, किसी ने नोट ना करने पर मैं ने शुरकर आड़ा किया. वालीमे का ये हंगामा रात 2 बजे तक चलता रहा, फिर जब हम सब घर पहुचे तो इतने थक गये थे के जाते ही सोगये. दोसरे दिन नाश्ते के बाद जो चंद ऐक मेहमान घर पर रह गये थे वो भी चले गये, कुछ देर बाद अब्बू ने भी अपना समान पॅक कर लिया, खाला अब्बू से कहने लगी, भाई साहिब आप तो जा रहे हैं पर मैं गाज़ल को अपने पास कम से कम महीने दो महीने रखूँगी . अब्बू मुस्कुराए और बोले, गाज़ल आप ही की बेटी है इस को जब तक रखना है अपने पास रखै मैं बीच मे बोलने वाला कोन होता हूँ. अब्बू की बात पर खाला और खलू मुस्करा दिए. थोड़ी देर बाद अब्बू अपना समान लेकर चले गये. अब्बू के जाते ही कामी ने याहूऊ का नारा मारा और मुझे पकड़ कर सोफे पर लिटा दिया, कामी की हरकत से खलू तो मुस्करा दिए जब के खाला ने मुँह बना लिया. थोड़ी देर मे ही कामी मुझे नंगा कर चुक्का था, मेरा नंगा जिस्म देख कर खलू भी मेरे पास आगाये और फिर खलू और कामी ने अपने अपने कपड़े उतार दिए और मुझ पर टूट पड़े, खाला बड़बड़ाती होई उठी और ये कहती होई कमरे से चली गई के नरेन के अब्बा तुम ने तो घर को रंडी खाना बना दिया है. कामी और खलू पर खाला की बात का कोई असर नही हुए और वो दोनो मेरे जिस्म को चूमते और चाटते रहे, थोड़ी देर बाद ही वो दोनो मुझे कुत्तों की तरहा चोद रहे थे और कमरा मेरी लज़्ज़त भरी सिसकारियों से गूँज रहा था, फिर मुझे चुदवाते चुदवाते दोपेहर होगई, फिर जब खाला हमे खाने के लिए बुलाने आई तो भी दोनो मुझे चोद रहे थे. खाला गुस्से से बोली, बस अब बस भी करे आप दोनो ने तो हद ही करदी है, कुछ गाज़ल का ही ख़याल करे, क्या इसकी हालत खराब करनी है. फिर खलू कुछ कहते मैं बोल पड़ी, रहने दीजिए खाला मुझे कुछ नही होगा आप इन दोनो को अपनी हसरत पूरी करने दे.
 
मेरी बात पर खाला बड़बड़ाती होई चली गई के जब लड़की ही इतनी बड़ी चुड़दकड़ हो तो मर्द केसे अपने आप को रोके गा. खाला की बात पर हम तीनो ही मुस्करा दिए. आधे घंटे बाद जब हम खाना खाने आय तो हम नंगे ही थे, हम तीनो की हालत देख कर खाला ने कुछ नही कहा और सिर झुका कर खाना खाने लगी. उस दिन खलू और कामी ने मुझे पूरे दिन और रात मे भी 4 बजे तक चोदा. दोसरे दिन नरेन अपने हज़्बेंड के साथ 1 मंत के लिए हनी मून पर चली गई जब के खाला ने भी फ़ैसला किया के वो यहा से चली जाए ताकि खलू और कामी पूरी आज़ादी से मुझे चोद सकैं. खाला ने अपनी ऐक सहेली से बात करी जो के मुल्तान मे रहती थी और खाला दोसरे दिन अपनी सहेली के पास महीने भर के लिए चली गई. अब घर मे मैं थी और खलू और कामी, अब दोनो को आज़ादी थी इस लिए मेरी खूब चुदाई होने लगी. खलू ने अपने वादे के मुताबिक मुराद साहिब और शकील साहिब को भी खूब मुझे चोदने का मोका दिया, और रोज़ खलू का कोई ना कोई दोस्त घर मे आजाता और खलू और कामी के साथ मिल कर मेरी चुदाई करता. ऐक महीने के दोरान खलू ने अपने 11 दोस्तों से मुझे चुदवाया. खलू रोज़ अपने किसी ऐक ही दोस्त को बुलाते थे कभी कभी ही ऐसा हुआ के खलू के 2 या उस से ज़ियादा दोस्त ऐक साथ घर आए हो. अलबत्ता महीने के 26 वे दिन खलू ने अपने तमाम 11 के 11 दोस्तों को ऐक साथ घर बुला लिया था, वो दिन मेरी चुदाई का सब से बेहतरीन और दर्द वाला दिन था क्यूँ के ऐक साथ 13 लोगो से चुदवा कर मेरी चूत और गंद बुरी तरहा से सूज गई थी. आफ्टर वन वीक खाला भी वापिस आगाई तो खलू के दोस्तों का घर आना बंद होगया, खलू और कामी भी मुझे चोद चोद कर बोर होगये थे इस लिए उन दोनो ने भी मुझे और दिन तक रोकना मुनासिब नही समझा और मैं वन वीक और खाला के घर मे गुज़ार कर वापिस अब्बू के पास लाहोर आगाई. मैं अपनी ये कहानी यही पर ख़तम करती हूँ पर मेरी सेक्सी लाइफ यहा ख़तम नही होती है अभी मेरे पास आप लोगों को बताने के लिए बोहत कुछ है. मैं अपनी न्यू स्टोरी ले कर आप लोगों की खिदमत मे जल्द ही हाज़िर हो जाउन्गि,
 
हेलो दोस्तो वैसे आप मुझे जानते ही है फिर भी नये पाठकों को अपना इंट्रो दे रही हूँ फ्रेंड्स मेरा नाम ग़ज़ल अहमद है, मैं एक प्रोफेशनल रंडी हूँ, मैं पहले रंडी नही थी पर मैं आप लोगों को बताना चाहती हूँ की मैं रंडी कैसे बनी, सब से पहले मैं अपना और अपनी फॅमिली का इंट्रोडक्षन दे दूं. मैं ग़ज़ल अहमद उम्र 29 साल और मैं अपने वालिदो की इकलौती औलाद हूँ, इस वक़्त मेरी उमर 29 साल है पर जब मैं ने पहली बार चुदवाया था उस वक़्त मैं मेट्रिक मे थी. मैं कराची की रहने वाली हूँ. मेरे अब्बू रेलवे मैं काफ़ी अच्छी पोस्ट पर जॉब करते हैं. अब्बू की कई शहरो मे पोस्टिंग होती रही है इस लिए मुझे कई शहरो मे रहने का मोका मिला है. मेरी अम्मी का मेरे बचपन मे ही इंतिक़ाल हो गया था. ये मेरी पहली कहानी है अगर आप लोगो ने मेरी कहानी को पसंद किया तो मैं अपनी चुदाइयो की और कहानियाँ भी आप लोगो को बता उंगी. दोस्तो मुझे हिंदू लंड बहुत पसंद हैं क्योंकि मेरी पहली चुदाई एक हिंदू ने की थी. अब आती हूँ कहानी की तरफ ये उन दिनो की बात है जब मेरे मेट्रिक के पेपर होने वाले थे. हुआ कुछ यू कि मैं अपनी तबीयत खराबी की वजह से वन वीक स्कूल नही जा सकी. वन वीक बाद जब मैं स्कूल गई तो मुझे मेरे क्लास टीचर सर राज शर्मा ने बहुत डांटा और कहा कि पेपर करीब हैं और अब जो तुम्हारी पढ़ाई का हर्ज हुआ है तुम उसका क्या करोगी. मैं कहने लगी सर प्लीज़ आप कुछ मेरी हेल्प करो तो सर ने कहा कि तुम सनडे वाले दिन सुबह 10 बजे मेरे घर आ जाओ मैं ने कुछ और स्टूडेंट्स को भी बुलाया है तो मैं तुम सब तो अपने घर मे पढ़ा दूँगा तो मैं राज़ी हो गई. सनडे वाले दिन मैं ने अब्बू से कहा कि मैं सर की घर पढ़ने जा रही हूँ क्यूँ कि पेपर करीब हैं और मेरी पढ़ाई का भी काफ़ी हर्ज हो गया है. ये कह कर मैं ने अपनी बुक्स उठाई और सर राज शर्मा के घर आ गई.

सर का फ्लॅट हमारे घर के करीब ही था. सर का फ्लॅट आख़िरी फ्लोर मे सब से कोने वाला था. मैं ने सर के फ्लॅट के सामने खड़े होकर बेल बजाई तो वो बजी नही शायाद वो खराब थी मैं ने दरवाजे पर हाथ रखा तो वो खुल गया. मैं अंदर आकर सर को आवाज़ देने लगी मगर सर की तरफ से जवाब नही आया मैं कई कमरो से होती हुई उनके बेडरूम मे आ गई वॉशरूम का दरवाज़ा बंद था और अंदर से पानी गिरने की आवाज़ आ रही थी अभी मुझे खड़े हुए कुछ देर हुई थी की वॉशरूम का दरवाज़ा खुला और सर तोलिया से सर को पोंछते हुए कमरे मे आ गये. मैं सर को देख कर हक्का बक्का रह गई क्यूँ कि उन्हो ने कुछ भी नही पहना हुआ था उनका 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड फुल खड़ा हुआ था और वो सर के चलने की वजह से बुरी तरह से हिल रहा था. सर ने भी मुझे देख लिया और उन्हो ने जल्दी से अपने गिर्द तोलिया लपेट लिया, उनके खड़े लंड की वजह से तोलिया सही से नही लिपटा और वो खुल कर गिर गया तो मेरे होंटो पर मुस्कराहट आ गई और मैं मुस्कराती हुई कमरे से बाहर आ गई और ड्रॉयिंग रूम मे आकर बैठ गई. (घर मे अकेले होने की वजह से मैं सेक्सी फिल्म्स शौक से देखती थी और मेरे दिल मे भी ख्वाहिश थी कि मुझे भी कोई चोदे). थोड़ी देर बाद सर कमरे से बाहर आए तो उन्हो ने कमीज़ शलवार पहनी हुई थी. मैं सर को देख कर मुस्करा दी. सिर मेरे पास आकर बैठ गये मुझे मुस्कुराता हुआ देख कर वो कुछ रेलेक्ष हो गये थे. (सर के लंड को देख कर मैं फ़ैसला कर चुकी थी की आज चाहे जो भी हो जाए मैं आज सर से लाज़मी चुदवा कर जाउन्गि). मैं ने पूछा सर बाकी के स्टूडेंट्स कहा हैं तो सर ने कहा कि बाकी के स्टूडेंट्स ने आने से मना कर दिया था तो मुझे तुम्हे बताना याद नही रहा. सर की बात सुनकर मैं मुस्कराई और बोली ये तो अच्छा हुआ, सर अब मैं आ गई हूँ तो आप मुझे पढ़ा दो. सर ने कहा की फिर मुझे दोबारा दोबारा पढ़ाना पड़ेगा. मैं कहने लगी सर अब मैं आ गई हूँ तो कुछ पढ़ कर ही जाउन्गि. ये कह कर मैं मुस्कारने लगी अब सर भी मेरा इशारा समझ गये थे और वो मेरे कुछ और करीब हो गये और बोले अगर मैं तुम्हे सेक्स की बारे मे पढ़ा दूं तो क्या तुम पढ़ो गी. मैं मुस्कुराइ और बोली सर अगर मैं मना कर्दू तो क्या आप मुझे नही पढ़ाएँगे . मेरी बात सुनकर सर मुस्कराए और बोले अगर तुमने मना किया तो मैं ज़बरदस्ती तुम्हे पढ़ा उँगा. मैं हँसी और बोली तो ज़बरदस्ती ही मुझे पढ़ा दो सर आप को कॉन रोकने वाला है. मेरा सॉफ इशारा सुनकर सर से अब ज़्यादा बर्दाश्त नही हुआ और उन्हो ने मेरी कमर मे हाथ डाल कर मुझे अपनी तरफ घसीट लिया और मेरे होंटो से अपने होन्ट मिला दिए. मेरे तो दिल की ख्वाहिश पूरी हो रही थी इसलिए मैं भी उनसे लिपट गई सर बेतहाशा मेरे होंटो को चूम रहे थे और मैं मज़े से बहाल हुई जा रही थी मैं ने उनके गले मे अपने हाथ डाल दिए तो सिर ने मुझे ज़ोर से भीच लिया तो मेरे मम्मे उनके सीने के साथ लग कर दब गये.
 
सर मुझे किस करने के साथ साथ मेरी कमर पर भी हाथ फेर रहे थे मुझ पर तो नशा चढ़ रहा था और मैं ने खुद को पूरी तरह से सर के हवाले कर दिया. काफ़ी देर तक उन्हो ने मुझे किस क्या फिर उन्हो ने मुझे अलग किया और मेरे कपड़े उतारने लगे. थोड़ी ही देर मे मैं सर के सामने बुल्कुल नंगी बैठी थी. सर मेरा बेदाग और खूबसूरत जिस्म देख कर पागल हो गये इस उम्र मे भी मेरे मम्मे काफ़ी बड़े बड़े थे पतली कमर लंबे बाल और दूध की तरह च्माकता हुआ सफैद रंग. मेरे जिस्म को देख कर सर के मुँह मे पानी भर आया. उन्हो ने मुझे गोद मे उठाया और मुझे बेडरूम मे ले आए और उन्हो ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और फिर वो मेरे जिस्म पर टूट पड़े और बुरी तरह से मेरे मम्मो को चूमने और चाटने लगे. मेरे मुँह से मस्ती भरी आवाज़े निकालने लगी उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ आआआहह आआआआआआआहह उफफफफफफफफफफफफ्फ़ सर मुझे बहुत मज़ा आ रहा है प्लीज़ मेरे मम्मो का सारा दूध पी जाओ आआआआआआआहह सिर ये आप के लए ही हैं आआआआआहह सर मुझे बहुत मज़ा आरहा है. मैं उनका सर अपने मम्मो पर दबाने लगी. थोड़ी देर बाद उन्हो ने मेरी मक्खन जैसी चूत पर हमला कर दिया. जब उन्हो ने मेरी चूत को चाटना शुरू क्या तो मैं अपने आपको मस्ती के आसमानो पर उड़ता हुआ महसूस करने लगी फिर जब उन्हो ने मेरी चूत पर काटा तो मैं मस्ती से तड़प तड़प गई फिर अचानक ही मेरी चूत मे ज़लज़ला आ गया और मैं झाड़ गई और मेरी चूत मे से निकलने वाले पानी को सर ने मज़े मज़े से चाट लिया. अब मेरी हिम्मत जवाब दे गई थी और मैं बुरी तरह से सिसकते हुए बोली प्लीज़ सर मेरे हाल पर रहम करो अब मुझ से बर्दाश्त नही हो रहा है प्लीज़ मुझे चोद कर मेरी प्यास बुझा दो. सर उठ कर खड़े हो गये और अपने कपड़े उतारते हुए बोले पहले मेरे लंड को तो तैयार करो ग़ज़ल डार्लिंग. मैं भी मुस्कुराइ और बोली सर आपने ही बिचारे को क़ैद किया हुआ है. फिर सर ने अपने सारे कपड़े उतार दिए तो उनका लंबा और मोटा लंड मेरे सामने आ गया. मैं बेसब्री से उठी और मैं ने उनके लंड को पकड़ लिया मेरे हाथ मे आने से उनके लंड ने झटका खाया और वो कुछ और फूल गया. मुझे उनका लंड बहुत पसंद आया था और मैं ने उसे प्यार से चूम लिया फिर चारों तरफ से उनके पूरे लंड पर किस करने लगी फिर मैं ने उसे अपने मुँह मे लिया और उसे कुलफी की तरह चूसने लगी.

सर अपने लंड को मेरे मुँह मे आगे पीछे करने लगे तो उनका लंड मेरे हलक़ तक जाने लगा थोड़ी देर बाद उनके झटको मे तेज़ी आ गई 5 मिनट बाद उनके लंड ने झटका खाया और उनके लंड से गरम गरम वीर्य की पिचकी निकल कर मेरे हलक़ से टकराई और फिर मेरा मुँह उनके लंड से निकलने वाले वीर्य से भर गया. मैं ने सर के कहने के मुताबेक सारे वीर्य को पी लिया उसका जाएका कुछ नमकीन था जो मुझे बहुत अच्छा लगा और मैं ने उनका लंड अच्छी तरह से चाट कर सॉफ किया और मैं फिर से उनके लंड को मुँह मे ले कर चूसने लगी. 5 मिनट बाद ही उनका लंड पहले की तरह तन कर खड़ा हो गया. फिर सर ने अपना लंड मेरे मुँह से निकाल लिया और मुझे बेड पर लेट जाने को कहा. मैं नीचे लेट गई तो सिर ने मेरी टांगे मॉड्कर मेरे पेट से लगा दी और फिर उन्हो ने 2 तकिये उठा कर मेरे कूल्हो के नीचे रखे तो मेरी चूत बुलंद होकर उनके सामने आ गई. फिर सर घोटनो के बल बैठे और उन्हो ने अपने लंड की टोपी मेरी चूत पर रखी और बोले ग़ज़ल तैयार हो जाओ मैं तुम्हारी चूत फाड़ने जा रहा हू तो मैं ने कहा सर ये आपकी मिल्कियत है अब आप जो चाहे इस के साथ करो. सिर ने झटका मारा तो बमुश्किल उनके लंड की टोपी मेरी चूत मे गई मेरी चूत का सुराख बहुत छोटा था सर ने काफ़ी कोशिश की मगर वो अंदर ना गया तो उन्हो ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया फिर उन्हो ने एक क्रीम की बॉट्टल उठाई फिर उन्हो ने काफ़ी सारी क्रीम अपने लंड पर लगाई और काफ़ी सारी क्रीम मेरी चूत मे अंदर तक लगा दी फिर उन्हो ने दोबारा से अपने लंड की टोपी को मेरी चूत के सुराख मे फिट क्या और फिर उन्हो ने अपनी पूरी ताक़त से धक्का मारा तो उनका लंड मेरी चूत की दीवारो को बुरी तरह से चीरता हुआ जड़ तक अंदर घुस गया. मेरे हलक़ से बहुत भयानक चीख निकली और मैं बुरी तरह से तड़पने लगी सर ने तरातर 10, 12 झटके और मारे उनका हर झटका पहले से ज़्यादा जानदार होता और मेरे हलक से पहले से ज़्यादा तेज चीख बुलंद होती. उनका फ्लॅट सब से आख़िर मे था इस लए उन्हो ने मेरे चीखने की कोई परवाह नही की वो तरतार झटके मार रहे थे अब मैं ने रोना शुरू कर दिया मेरे रोने पर उनको और जोश आया और वो ज़्यादा तेज़ी की साथ मुझे चोदने लगे.
 
फिर वो मुस्कुराते हुए बोले क्यूँ ग़ज़ल मेरी जान दर्द हो रहा है? मैं ने एकरार मे सर हिला दिया तो सर हँसे और बोले बर्दाश्त करो मेरी जान बर्दाश्त करो तुम्ही ने तो कहा था कि ये मेरी मलकियत है और अब मैं जो चाहो इसके साथ करू. ये कह कर ज़ोरदार झटको के साथ मुझे चोदने लगे और मेरा दर्द था कि ख़तम होने का नाम ही नही ले रहा था और मैं अब तक 4 बार झाड़ चुकी थी. सर किसी जानवर की तरह मुझे चोद रहे थे. फिर आहिस्ता आहिस्ता मेरा दर्द ख़तम होने लगा और अब मुझे भी मज़ा आने लगा और मैं मज़े मे सिसकने लगी ऊFफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्

फ्फ आहह ऊऊऊऊऊऊीीईईई मैं मर गई उफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ सर मुझे बहुत मज़ा आ रहा है प्लीज़ और तेज झटके मारो सर आज फाड़ डालो मेरी चूत को उफफफफफफफफफफफफ्फ़ आआआआआआअहह और ज़ोर से सर और ज़ोर से. सर हंसते हुए बोले जानेमन क्या अब दर्द नही हो रहा क्या? मैं सिसकते हुए बोली नही सर आप के होते हुए मुझे दर्द कैसे होसकता है आज आप ने मुझे खरीद लिया सिर उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ और ज़ोर से मुझे चोदो. सर ज़ोर ज़ोर से मेरी चुदाई करने लगे. 45 मिनट तक लगातार झटके मारने की बाद उन्हो ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और आकर मेरे मुँह से लगा दिया मैं ने फॉरन अपना मुँह खोल दिया अब सर मेरे मुँह को चोदने लगे फिर सर झाड़ गये और उनके लंड से निकलने वाले वीर्य से मेरा मुँह भर गया जिसे मैं ने मज़े मज़े से पी लिया. सर थक कर मेरे उपर गिर गये. मैं ने खुशी के आलम मे उन्हे लिपटा लिया और उन्हे चूमने लगी. काफ़ी देर तक हम दोनो इसी तरह लेटे रहे फिर जब मैं उठी तो मैं ने देखा कि बेडशीट मेरी चूत से निकलने वाले खून से लाल हो गई थी. मैं कहने लगी देखिए सर आपने कैसा खून ख़राबा किया है. सर ने मुझे लिपटा लिया और बोले मेरी जान इस खून ख़राबे से ही तो मज़ा आया है. मैं मुस्कुराइ और बोली हा सर पहले तो मुझे बहुत तकलीफ़ हुई मगर फिर उस से भी ज़्यादा मज़ा आया और अब मैं ये मज़ा दोबारा लेना चाहती हूँ. सर मुस्कुराए और बोले क्यूँ नही मेरी जान मगर पहले मैं ये मज़ा तुम्हारी गंद को दूँगा उसके बाद चूत का नंबर आए गा, क्या तुम तैयार हो अपनी गंद मरवाने के लिए. मैं मुस्कुराइ और बोली सर आप ने मुझे इतना मज़ा दिया है की मैं आप को मना कर ही नही सकती वैसे भी अब मैं आप की गुलाम हूँ, आप जो चाहें मेरे साथ करो मैं बोलने वाली कॉन होती हूँ. मेरी बात सुनकर सर ने मुझे चूम लिया इतनी देर मे सर का लंड फिर से खड़ा हो गया था फिर मैं सर के कहने पर डोगी स्टाइल मे खड़ी हो गई. सर मेरे पीछे आए और उन्हो ने अपना लंड मेरी गंद मे फिट किया और बोले ग़ज़ल डार्लिंग बहुत दर्द होगा. मैं मुस्कुराइ और बोली सर आप इसकी परवा ना करो. अब आपने एक ही झटके मे अपना लंड मेरी गंद मे घुसाना है. चाहे मैं चीखू या चिल्लाऊ आप मेरी परवाह नही करिए गा. मेरी बात सुनकर सर ने अपनी पूरी ताक़त से झटका मारा और उनका पूरा का पूरा लंड मेरी गंद को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया मैं बहुत ज़ोर से चीखी और दर्द के मारे मेरी आँखों से आँसू निकल आए. सर ने जब दूसरा झटका मारा तो मेरी आँखों के सामने अंधेरा छा गया. सर बुरी तरह झटके मार कर मेरी गंद मारने लगे. मैं बुरी तरह से चीख रही थी और दर्द के मारे अपना सर इधर उधर मार रही थी. सर ने मेरी हालत देखी तो कहा, ग़ज़ल अगर दर्द बहुत हो रहा है तो मैं आहिस्ता से गंद मारु? मैं बमुश्किल बोली, ऊवूऊवूयूवूऊवयफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ नही सर आप मेरे चीखने की परवाह ना करो और अपनी पूरी ताक़त लगा कर झटके मारो, अभी आप का लंड मेरी गंद के लिए नही है तो दर्द हो रहा है कुछ देर बाद नही होगा. सर ने मेरी बात सुनी और बोले, अगर ये बात है तो फिर बर्दाश्त करो मेरे ज़ोरदार झटको को. ये कह कर सर अपनी पूरी ताक़त से झटके मारने लगे.
 
अभी सर को गंद मारते हुए 10 मिनट ही हुए थे की बाहर के दरवाज़े की बेल बजी. सर ने एक गाली बाकी और कहने लगे, इस वक़्त कोन मादर चोद अपनी मा चुदवाने आ गया है बेहन चोद ने सारा मज़ा खराब कर दिया. इतने मे बेल फिर बजी तो सर ने अपना लंड मेरी गंद से निकाला और एक तोलिया अपने गिर्द लपेटा और दरवाज़ा खोलने चले गये. जब की मैं इसी तरह नंगी डोगी स्टाइल मे खड़ी रही. कुछ देर बाद जब सर एक आदमी के साथ अंदर आए तो मैं घबरा गई और उठ कर खड़ी हो गई. वो आदमी बहुत गौर से मुझे देखने लगा. सर मुझ से बोले ग़ज़ल डार्लिंग घबराने की ज़रूरत नही है. ये मेरा बहुत अच्छा दोस्त है शरद ओला अगर तुम्हे ऐतराज ना हो तो ये भी मेरे साथ मिल कर तुम्हे चोद ले. सर की बात सुनकर मैं मुस्कुराइ और बोली सर इस मे मुझ से पूछने की क्या ज़रूरत है आप ने मेरी इतनी ज़बरदस्त चुदाई कर के मुझे अपना गुलाम बना लिया है और गुलाम अपने मालिक को मना नही कर सकता तो मैं आप को किस तरह मना कर सकती हूँ. शरद ओला साहिब आप के दोस्त हैं तो मैं इनकी भी गुलाम हूँ. अब आप दोनो जिस तरह चाहें मुझे चोदो मैं मना करने वाली कोन होती हूँ. मेरी बात सुनकर सर मुस्करा दिए और बोले ग़ज़ल मेरी जान मुझे तुम्हारी बात से बहुत खुशी हुई है और अब तुम देखना कि हम दोनो किस किस तरह तुम्हारी चुदाई करते हैं. फिर शरद ओला साहिब ने भी अपने कपड़े उतार दिए शरद ओला साहिब का लंड भी 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था. मैं सर राज शर्मा के कहने पर दोबारा से डॉग्गी पोज़िशन मे हो गई.

फिर सर राज शर्मा वापिस आकर मेरी गंद मारने लगे जब कि शरद ओला साहिब ने आकर अपना लंड मेरे मुँह से लगा दिया और मैं मज़े से शरद ओला साहिब का लंड चूसने लगी. सर राज शर्मा 40 मिनट तक मेरी गंद मारते रहे फिर उन्हो ने अपना लंड मेरी गंद से निकाल कर मेरे मुँह से लगा दिया जिस को मैं ने मुँह मे ले लिया थोड़ी देर मे ही उनके लंड से वीर्य का फ़ौवारा निकल पड़ा और मेरा मुँह उनके लंड से निकलने वाले वीर्य से भरने लगा जिस को मैं मज़े से पीने लगी फिर मैं ने सारा वीर्य पी कर उनका लंड चाट कर अच्छी तरह सॉफ क्या. सर जाकर सोफे पर बैठ गये फिर शरद ओला साहिब ने डॉग्गी स्टाइल मे ही अपना लंड मेरी चूत मे डाला और ज़ोर दार झटको से मेरी चुदाई करने लगे जब कि मैं मज़े से सिसकियाँ भरने लगी. उफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ आआआहह ऊऊऊओिईईईईईईईईईई उफफफफफफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफफफ्फ़ शरद ओला साहब और ज़ोर से झटके मारिए आआआअहह उफफफफफफफफफफफफ्फ़ मुझे बहुत मज़ा अरहा है प्लीज़ और ज़ोर से झटके मारो और ज़ोर से अपनी पूरी ताक़त से झटके मार कर मेरी चुदाई करो.
क्रमशः..............
 
गतान्क से आगे......................
मेरी बातो से शरद ओला साहिब का जोश और बढ़ गया और वो अपनी पूरी ताक़त से झटके मारने लगे उन्हो ने 30 मिनट तक मेरी चूत मारी और इस दौरान मे 4 बार झड़ी फिर उन्हो ने अपना लंड मेरी चूत से निकाल कर मेरी गंद मे डाला और ज़ोरदार झटको से मेरी गंद मारने लगे. 25 मिनट तक मेरी गंद मारने के बाद उन्हो ने अपना लंड मेरी गंद से निकाल कर मेरी चूत मे डाला और मेरी चूत को चोदने लगे. फिर 35 मिनट तक मेरी चूत चोदने के बाद उन्हो ने अपना लंड मेरी गंद मे डाल दिया. शरद ओला साहिब अभी तक नही झाडे थे जबकि मेरी हालत बुरी हो गई थी और मैं 22 बार झाड़ चुकी थी. सिर राज शर्मा हंसते हुए बोले अबे शरद ओला गंदू अब तो माफ़ कर्दे ग़ज़ल को तू ने तो इसको चोद चोद कर इस का कबाड़ा कर दिया है. मैं सिसकियाँ भरते हुए बोली, नही सर: शरद ओला साहब को ना रोकिए मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. शरद ओला साहिब भी हँसे और बोले, जानेमन ये तो शुरूवात है अभी तुम देखती जाओ मैं किस किस तरह तुम्हारी चुदाई करता हूँ. मैं सिसकियाँ लेकर बोली, उउउउउउउउउउउफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्
फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ शरद ओला साहिब तो आप को मना किस ने किया है, आप चोदो और चोदो मुझे खूब चोदो चोद चोद कर मेरी चूत और गंद को फाड़ डालो. मेरी बात सुनकर शरद ओला साहिब मुस्कुराए और वो और तेज़ी से झटके मार कर मुझे चोदने लगे. शरद ओला साहिब ने तकरीबन 50 मिनट तक और मेरी चूत और गंद मारी तब कही जाकर वो फारिग हुए. इस चुदाई से मेरा जोड़ जोड़ हिल गया था और मैं लेट कर लंबी लंबी साँसे लेने लगी. 15 मिनट आराम करने की बाद उन दोनो ने मुझे एक साथ चोदने का फ़ैसला किया. शरद ओला साहिब ने मुझे गोद मे उठा कर अपना लंड मेरी चूत मे डाला और सर राज शर्मा ने पीछे से आकर अपना लंड मेरी गंद मे डाल दिया और फिर वो दोनो एक साथ झटके मार कर मुझे चोदने लगे. इतने मोटे मोटे लंड एक साथ मेरी चूत और गंद मे जा रहे थे जिस से मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा मिल रहा था और उन दोनो के झटके मारने की रफ़्तार इतनी तेज थी कि मेरे हलक से ना चाहते हुए भी चीखें निकल रही थी.

फिर शाम 7 बजे तक उन दोनो ने चोद चोद कर मेरी चूत और गंद को सूजा दिया. उन दोनो ने दिल खोल कर मेरी चुदाइ की थी. मेरी चूत और गंद सूज कर फूल गई थी और मैं इतनी ज़बरदस्त चुदाई के बाद सही तरह से चल भी नही पा रही थी. मैं सर से कहने लगी, सर अब मैं घर कैसे जाउन्गि और अब्बू को तो मेरी हालत देख कर शक हो जाए गा. सर राज शर्मा कहने लगे, घबराओ नही मैं तुम्हे घर छोड़ने जाउन्गा और मैं सब संभाल लूँगा. शरद ओला साहिब तो चले गये जब की सर राज शर्मा अपनी कार मे मुझे घर छोड़ने आए. घर पहुचि तो सर राज शर्मा कहने लगे, ग़ज़ल मैं बहुत शर्मिंदा हूँ कि हम दोनो ने चोद चोद कर तुम्हारा ये हाल कर दिया है. मैं मुस्कराई और बोली सर आपको शर्मिंदा होने की ज़रूरत नही है जो हुआ अच्छा हुआ बल्कि मुझे तो बहुत मज़ा आया है. सर मुस्कुराए और बोले जानेमन तुम तो बहुत ख़तरनाक लड़की हो. फिर सर मुझे सहारा दे कर गेट तक लाए और दरवाज़े की बेल बजाई. अब्बू ने मेरी ये हालत देखी तो पूछने लगे कि क्या हुआ? सर राज शर्मा ने अब्बू से बहाना बनाया कि मैं सीढ़ियों से फिसल गई थी और मेरे पावं मे मोच आ गई है. सर राज शर्मा की बात सुनकर अब्बू को ज़रा भी शक ना हुआ कि उनकी बेटी क्या गुल खिला कर आई है. मेरी हालत बहुत खराब थी इस लिए मैं 4 दिनो तक स्कूल नही जा सकी. पाँचवे दिन जब मैं स्कूल पहुचि तो सर राज शर्मा मुझे देख कर मुस्कराने लगे. हाफ टाइम के बाद मेरा स्टाफ रूम मे जाना हुआ तो वाहा सिर्फ़ सर राज शर्मा थे. सर ने मुझे पकड़ कर अपने आप से लिपटा लिया और मुझे चूमते हुए बोले, ग़ज़ल डार्लिंग अभी मेरा तुम्हे चोद कर दिल नही भरा है मैं तुम्हे और चोद्ना चाहता हूँ. मैं मुस्कुराइ और बोली, सर जो आप ने शरद ओला साहिब के साथ मिल जो कबाड़ा किया था उसका क्या. सर ने मुझे ज़ोर से भींचा और बोले, तुम खुद तो कह रही थी कि तुम मेरी गुलाम हो. मैं मुस्कुराइ और बोली, नही सर मैं तो मज़ाक कर रही थी बल्कि मैं तो खुद आप से और शरद ओला साहिब से और चुदवाना चाहती थी. अब मैं तो रोज़ रोज़ आप के घर नही आ सकती अब आप ही कुछ इंतज़ाम करो क्यूँ कि जो मज़ा आप ने मुझे दिया था उस के बाद तो मेरी भूक और बढ़ गई है. सर बोले, एक आइडिया है मे रात को तुम्हारे घर आउन्गा फिर देखना हम रोज़ मज़े कर सकेंगे. मैं ने पूछा कि क्या आइडिया है पर सर ने नही बताया. फिर सर ने थोड़ी देर तक मेरे जिस्म से खेला और फिर मुझे छोड़ दिया.
 
रात को जब मैं और अब्बू खाना खा रहे थे तो सर राज शर्मा घर आ आ गये और अब्बू से कहने लगे अहमद साहिब (मेरे अब्बू का नाम अहमद अली है) ग़ज़ल के पेपर नज़दीक हैं और इस की बीमारी की वजा से इसकी पढ़ाई का काफ़ी हर्ज हो गया है. एक टीचर होने के नाते मेरा फ़र्ज़ है की मैं अपने हर स्टूडेंट का पूरा ख्याल रखू और उनकी पढ़ाई का हर्ज ना होने डून. मैं चाहता हूँ की स्कूल के बाद मैं अलग से ग़ज़ल को पढ़ा दिया करू ताकि बीमारी की वजा से जो इसकी पढ़ाई रह गई है वो रिकवर हो सके. अब्बू सर राज शर्मा की बात सुनकर बोले, राज शर्मा साहिब ये तो मेरी बेटी की खुश नसीबी है कि इसको आप जैसे उस्ताद मिले हैं जो खुद अपने स्टूडेंट की पढ़ाई का ख्याल रख रहे हैं. मैं दिल ही दिल मे मुस्कुराइ की सर को किस वजा से मेरा ख्याल है. अब्बू सर राज शर्मा से बोले, आप ग़ज़ल को किस वक़्त पढ़ाओगे. सर राज शर्मा बोले, देखिए अहमद साहिब मैं बिल्कुल अकेला रहता हूँ और स्कूल के बाद बिल्कुल फारिग होता हूँ मैं सोच रहा था कि स्कूल के बाद ही ग़ज़ल को 1 या 2 घंटे पढ़ा दिया करू. अब्बू ने कहा,मिस्टर राज शर्मा साहिब मैं तो पूरा दिन ऑफीस मे होता हूँ और अक्सर लेट होजाता हूँ. मैं चाहता हूँ की आप ग़ज़ल के साथ वापसी मे यहा घर ही आ जाया करो और इसे पढ़ा दिया करो. सर राज शर्मा बोले, मुझे तो कोई ऐतराज नही है. अब्बू ने फिर कहा, अगर हो सके तो आप मेरे आने तक यही रह कर ग़ज़ल को पढ़ा दिया करो ताकि ये अच्छी तरह अपनी तैयारी कर सके. सर राज शर्मा ने कहा वैसे तो मुझे दिन भर और कोई काम नही होता इस लिए मुझे पूरा दिन पढ़ाने मैं कोई मसला नही है आप ग़ज़ल से पूछ लो कि ये पूरा दिन पढ़ पढ़ कर बोर ना हो जाए. अब्बू कहने लगे, अरे कैसे नही पढ़ेगी अब तो इस के पेपर नज़दीक हैं इस को तो हर वक़्त पढ़ना चाहिए और आप की सोहबत मे रहे गी तो ज़्यादा अच्छी तरह इस की तैयारी हो जाए गी. अब्बू मुझ से बोले, ग़ज़ल क्या तुम्हे कोई ऐतराज है. मुझे क्या ऐतराज होना था मुझे तो पूरा दिन चुदाई करवाने का मोका मिल रहा था तो मैं मना क्यूँ करती. मैं बोली नही अब्बू मुझे क्या ऐतराज हो सकता है. मेरी बात सुनकर अब्बू सर राज शर्मा से बोले, अब आप कल से स्कूल के बाद ग़ज़ल को लेकर यही आजाइये गा. अब्बू की बात सुनकर सर राज शर्मा ने मुझे देखा और अब्बू की नज़र बचा कर मुझे आँख मारी तो मैं मुस्कराने लगी. जब सर राज शर्मा जाने लगे तो अब्बू ने सर राज शर्मा का शुक्रिया अदा किया तो राज शर्मा बोले अहमद साहिब ये तो मेरा फ़र्ज़ है कि मैं अपने स्टूडेंट्स को अच्छी तरह पढ़ाऊ और मैं तो ये चाहता हूँ कि ज़्यादा से ज़्यादा अपना इल्म अपने स्टूडेंट्स तक पहुचाऊ. मैं सर की बात सुनकर मुस्कराने लगी की वो कॉन सा इल्म मुझे देना चाहते हैं. इस तरह अब्बू ने खुद ही सर राज शर्मा के हाथो मेरी चुदाई का सामान कर दिया था.

दूसरे दिन अब्बू मुझे स्कूल छोड़ते हुए अपने ऑफीस चले गये अभी स्कूल नही लगा था क्यूंकी अब्बू मुझे काफ़ी पहले ही स्कूल छोड़ गये थे मैं स्टॅफरुम मे आई तो वाहा सर राज शर्मा अकेले बैठे थे मुझे देख कर उन्हो ने मुझे लिपटा लिया और मेरे किस लेने लगे हम दोनो इतने मशगूल हो गये थे कि दूसरो के आने का पता ही नही चला. हमे होश जब आया जब मेरी ही क्लास के 2 टीचर सर अभिषेक प्रियदर्शी और सर अशोक स्टाफ रूम मे आए. सर राज शर्मा उन्हे देख कर मुझ से अलग हो गये. सर अशोक बोले तो स्कूल टाइम से पहले इस लिए आया जाता है ताकि मज़े किए जाए. सर राज शर्मा मुस्कुराए और बोले यार वो स्कूल मे कोई नही था इस लिए ये सब हुआ है. सर अभिषेक प्रियदर्शी भी बोले अब तो हमे भी शामिल करना होगा. सर राज शर्मा बोले, हा हा क्यूँ नही स्कूल के बाद हम सब ग़ज़ल के घर चल्लेन्गे फिर तीनो भाई मिल कर ग़ज़ल का बाजा बजाएँगे. फिर सर राज शर्मा मुझ से बोले ग़ज़ल तुम्हे तो कोई ऐतराज नही है. मैं मुस्कुराइ और बोली सर आप ने कह दिया बस काफ़ी है मैं ऐतराज करने वाली कॉन हूँ. मेरी बात सुनकर सब मुस्कुरा दिए और फिर उन तीनो ने कुछ देर तक मेरे साथ मस्तियाँ की और मुझे छोड़ दिया.


स्कूल के बाद सर राज शर्मा अपनी कार मे हम सब को लेकर मेरे घर आ गए. घर पहुच कर किसी से भी सबर ना हुआ और वो तीनो मुझ पर टूट पड़े मैं अरी अरे करते ही रह गई. थोड़ी देर मे ही मैं उनके सामने नंगी लेटी हुई थी. सर राज शर्मा मेरे होंटो को चूम रहे थे सर अशोक मेरे मम्मो को चूस रहे थे और सर अभिषेक प्रियदर्शी मेरी चूत को चूम और चाट रहे थे. मुझे तीनो तरफ से मज़ा मिल रहा था और मैं मज़े के आलम मे सिसक रही थी. वो तीनो जगह बदल बदल कर मेरे जिस्म को चूम रहे थे.
 
फिर वो तीनो सीधे सीधे लेट गये तो उन तीनो के लंड छत की तरफ मुँह कर के खड़े हो गये. सब से पहले मैं ने सर राज शर्मा का लंड चूसा जब वो लोहे की तरह सख़्त हो गया तो मैं सिर अभिषेक प्रियदर्शी का लंड चूसने लगी मैं झुक कर सिर अभिषेक प्रियदर्शी का लंड चूस रही थी और मेरे चूतड़ उपर को उठे हुए थे सर राज शर्मा मेरे पीछे आए और उन्हो ने मेरी चूत मे अपना लंड फिट किया और एक ज़ोरदार झटका मारा तो उनका पूरा लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया मेरे मुँह से हफ़क़ से एक लंबी सिसकी निकली और मैं और जोश से सर अभिषेक प्रियदर्शी का लंड चूसने लगी जबकि सर राज शर्मा ज़ोर ज़ोर से झटके मारते हुए मुझे चोदने लगे. सर अभिषेक प्रियदर्शी का लंड चूसने के बाद मैं सर अशोक का लंड चूसने लगी. 20 मिनट तक सर राज शर्मा ने मुझे चोदा और फिर वो हट गये और उनकी जगह सर अभिषेक प्रियदर्शी ने ले ली. 20 मिनट तक सर अभिषेक प्रियदर्शी ने मुझे चोदा और फिर उनके जगह सर अशोक ने ले ली और वो अपनी पूरी ताक़त की साथ झटके मारने लगे और मेरे मुँह से मज़े की आलम मे लज़्ज़त भरी सिसकियाँ निकलने लगी. उफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ आआआआअहह ऊऊऊओिईईईईईईईईईई माआआआआआअ उफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ और ज़ोर से मुझे चोदो सर अशोक आआआआआहह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है ऊऊऊीीईईईईईईईईईईईई फाड़ डालो मेरी चूत को और फिर मैं झाड़ गई मगर सर अशोक झटके मारते रहे 20 मिनट बाद वो भी हट गये अभी तक उन मे से कोई भी फारिग नही हुआ था जबकि मैं 4 बार झाड़ चुकी थी. फिर मैं अपने चारों हाथ पैरों पर खड़ी हो गई फिर सर राज शर्मा मेरे पीछे आए और उन्हो ने घुटनो की बल बैठ कर अपना लंड मेरी गंद मैं फिट किया और ज़ोर ज़ोर से झटके मारते हुए मेरी गंद मारने लगे. उफफफफफफफफफफफफ्फ़ ऊऊऊीीईईईईईईईईईईईई माआआआआआआ मैं मर गई उफफफफफफफफफफफफ्फ़ सिर राज शर्मा आपका लंड बहुत फँस फँस कर मेरी गंद मे जा रहा है आआआआआआअहह मेरी माआआआआ उफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ ऊऊऊीीईईईईईईईई और ज़ोर से झटके मारिए सर और ज़ोर से अपनी पूरी ताक़त इस्तेमाल करो उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ ऊऊऊऊओिईईईईईई आआआआहह आज फाड़ डालो मेरी गंद को.

सर राज शर्मा आधे घंटे तक मेरी गंद मारते रहे मगर वो फारिग नही हुए जब उनकी जगह सर अभिषेक प्रियदर्शी मेरी गंद मारने लगे तो मैं सिसकती हुई बोली उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ आआहह लगता है आज तो आप तीनो मिल कर मेरा कबाड़ा कर दो गे. सर अभिषेक प्रियदर्शी हँसे और बोले क्यूँ ग़ज़ल डार्लिंग किया तुम्हे मज़ा नही आरहा. मैं सिसकी उफफफफफफफफफफफफ्फ़ सर मुझे तो इतना मज़ा आरहा है कि मैं बता नही सकती मेरा दिल तो चाह रहा है कि आप तीनो मुझे इसी तरह सारी ज़िंदगी चोदते रहें और सर अभिषेक प्रियदर्शी ज़ोर ओ शोर मेरी गंद मारने लगे. 30 मिनट तक सर अभिषेक प्रियदर्शी ने मेरी गंद मारी फिर उनके जगह सर अशोक ने ले ली. फिर वो कई तरीक़ो से मेरी चूत और गंद मारते रहे और मेरी लज़्ज़त भरी सिसकियाँ पूरे घर मे गूजती रही उन सब ने मेरी 4 घंटे तक लगातार चुदाई की फिर वो सब एक एक करके फारिग हो गये. कुछ देर तक हम ने आराम किया फिर नंगे ही खाना खाया. खाने के बाद मेरी चुदाई का दूसरा दोर शुरू हुआ अब उन तीनो ने मुझे एक साथ चोदने का फ़ैसला किया सर राज शर्मा नीचे लेट गये और मैं पेट के बल उनके उपर लेट गई और सर राज शर्मा ने अपना लंड मेरी चूत मे डाल दिया फिर सर अशोक ने मेरे कुल्हो को खोला और अपना लंड मेरी गंद मैं डाल कर मेरे उपर लेट गये अब मैं सर राज शर्मा और सर अशोक के बीच मे सेंडविच बन गई थी फिर दोनो ने झटके मारने शुरू कर कर दिए जब कि सर अभिषेक प्रियदर्शी ने अपना लंड आगे से आकर मेरे मुँह मे डाल दिया और मैं ने उनका लंड चूसना शुरू कर दिया अब मुझे तीनो तरफ से मज़ा मिल रहा था और मैं अपने आप को लज़्ज़त के आसमानो पर उड़ता हुआ महसूस करने लगी.

वो तीनो बार बार अपनी जगह बदलते रहे फिर उन तीनो ने शाम 6 बजे तक दिल खोल कर मेरी चुदाई की फिर सर अशोक और सर अभिषेक प्रियदर्शी चले गये जब कि सर राज शर्मा रुक गये और जब अब्बू आए तो हम पढ़ने के लिए बैठ गये ताकि अब्बू को शक ना हो. अब्बू आए तो सर राज शर्मा मुझे पढ़ा रहे थे अब्बू हमे देख कर मुस्कुराए और सर राज शर्मा से बोले, आप जो इतने खोलूस से ग़ज़ल को पढ़ा रहेहैं इस से मुझे बहुत खुशी हुई है. अब्बू की बात सुनकर मैं मुस्करा दी कि सर मुझे कितने खोलूस से पढ़ते हैं. फिर अब्बू सर राज शर्मा से बोले मैं आपको एक ज़हमत देना चाहता हूँ कि मुझे अभी एक बिज्निस डिन्नर मे जाना है अगर आप मेरे आने तक यही रुक जाए तो आप की बड़ी मेहरबानी होगी. सिर राज शर्मा मुस्कुराते हुए बोले अरे इस मे मेहरबानी की क्या बात है ये तो और अच्छा है इस तरह मुझे ग़ज़ल को और पढ़ने का मोका मिल जाए गा. अब्बू ने सर राज शर्मा का शुक्रिया अदा किया फिर अब्बू तैयार होकर चले गये.
क्रमशः..............
 
Back
Top