खाला के घर में--4
गतान्क से आगे.....
वालीमे मे भी मैं ने काफ़ी टाइट सूट पहना था जिस से मेरे बड़े बड़े बूब्स नुमाया थे और मैं काफ़ी लोगों की निगाहों का केन्द्र थी और कामी और खलू का हाल भी इस से कम नही था, फिर जब खाना खोला गया तो सब ही खाने के चक्कर मे लग गये, खलू ने ये मोका देख कर मुझे इशारा किया, मैं उनके पीछे पीछे जेंट्स बाथरूम मे आगई, कामी ने मुझे खलू के साथ बाथरूम मे जाते हो देख लिया था इस लिए वो भी पीछे पीछे अंदर आगया, खलू ने कामी को देखा तो मुँह बना कर बोले, गधे की ओलाद तुम हर वक़्त मेरी जासूसी मे ही लगे रहना, कामी अपने दाँत निकालता हुआ बोला, पापा मैं भी आप ही का बेटा हूँ, जब आप को खुमारी चढ़ सकती है तो किया मुझे नही चढ़े गी, कामी की बात सुनकर मेरी हँसी निकल गई, खलू मुझ से बोले, गाज़ल इस वक़्त सब ही खाने के चक्कर मे हैं और मुझ से बर्दाश्त नही होरहा है, मैं मुस्कराई और बोली, मेरे प्यारे खलू जान कुछ घंटे और इंतिज़ार कर ले घर जाकर जितना दिल चाहे मुझे चोद ली जिए गा, खलू बोले, नही जब तक मुझ से सबर नही होगा, वो मुझसे लिपटने लगे तो मैं बोली, खलू मेरे सूट पर निशान पढ़ जाएँगे, मैं ने आज फिर शरारा और ब्लाउस पहना होवा था, मेरे ब्लाउस थोडा छोटा था जिस से मेरा पेट झलक रहा था. खलू ने मेरी कमर पर लगी ब्लाउस की ज़िप खोल दी, पूरा ब्लाउस ज़िप पर ही टिका हुआ था, ज़िप खोलते ही वो पूरा खुल गया और खलू ने ब्लाउस को मेरे बदन से अलग कर दिया, मेरे शरारे मे अलस्टिक थी इस लिए खलू ने वो खींच कर उतार दिया, अब मैं सिर्फ़ अंडरवेर और ब्राज़ेर मे थी, कुछ देर बाद मेरे बदन पर ब्राज़ेर और अंडरवेर भी नही रहा, खलू ने मुझे दीवार से लगा कर मेरी ऐक टांग उठा कर बाशबेसन पर रख दी जिस की वजा से मेरी चूत के लब खुल गये, कामी ने फॉरन ही नीचे बैठ कर मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया, जब के खलू मेरे बूब्स को दबाते हुए मुझे किस करने लगे. अभी हमे कुछ देर ही हुई थी के बाथरूम का दरवाजा खुला और कोई अंदर आगेया, हम तीनो ही घबरा गये, आने वाले 2 मर्द थे, मैं तो उन्है नही जानती थी पर खलू उनको जानते थे, वो दोनो खलू के दोस्त थे ( मुराद साहिब और शकील साहिब ), वो दोनो भी अंदर का मंज़र देख कर चोंक गये थे, फिर मुराद साहिब बोले, वाह खालिद (मेरे खलू का नाम खालिद है) दोनो बाप बेटे मिल कर मज़े कर रहे हो, खलू क्या बोलते शर्मिंदा सी हँसी से बोले, यार वो बस वो मैं ये, खलू के मुँह से सही से अल्फ़ाज़ नही निकल रहे थे. फिर शकील साहिब बोले, अरे यार कोई बात नही मगर अकेले अकेले मज़े करना कोई अछी बात तो नही है तेरे यार दोस्त क्या करेंगे. खलू अब संभाल कर बोले, यार अभी तो नही फिर कभी. मुराद और शकील साहिब भी करीब आगे और बोले, ये फिर कभी की बाते ठीक नही, ये कह कर वो दोनो भी मेरे बूब्स को दबाते हो मेरे जिस्म को सहलाने लगे, खलू बोले, यार ऐसा ना हो जेसे तुम लोग आए हो कोई और ना आजाये, बाद मे वादा तुम लोगों को भी मोका दूँगा, खलू की बात दोनो को समझ आगई और उन लोगों ने मुझे छोड़ दिया, मैं ने जल्दी जल्दी कपड़े पहन कर अपना हुलिया ठीक किया मगर मुझे जाने से पहले सब को लिपट लिपट कर किस देना पड़ा था. पहले मुराद और शकील साहिब गये, फिर कामी और उसके बाद खलू, थोड़ी देर बाद मे भी बाहर निकली तो बाहर अभी तक खाने का हंगामा चल रहा था और किसी ने नोट ही नही किया के मैं जेंट्स बाथरूम से निकल कर गई हूँ, किसी ने नोट ना करने पर मैं ने शुरकर आड़ा किया. वालीमे का ये हंगामा रात 2 बजे तक चलता रहा, फिर जब हम सब घर पहुचे तो इतने थक गये थे के जाते ही सोगये. दोसरे दिन नाश्ते के बाद जो चंद ऐक मेहमान घर पर रह गये थे वो भी चले गये, कुछ देर बाद अब्बू ने भी अपना समान पॅक कर लिया, खाला अब्बू से कहने लगी, भाई साहिब आप तो जा रहे हैं पर मैं गाज़ल को अपने पास कम से कम महीने दो महीने रखूँगी . अब्बू मुस्कुराए और बोले, गाज़ल आप ही की बेटी है इस को जब तक रखना है अपने पास रखै मैं बीच मे बोलने वाला कोन होता हूँ. अब्बू की बात पर खाला और खलू मुस्करा दिए. थोड़ी देर बाद अब्बू अपना समान लेकर चले गये. अब्बू के जाते ही कामी ने याहूऊ का नारा मारा और मुझे पकड़ कर सोफे पर लिटा दिया, कामी की हरकत से खलू तो मुस्करा दिए जब के खाला ने मुँह बना लिया. थोड़ी देर मे ही कामी मुझे नंगा कर चुक्का था, मेरा नंगा जिस्म देख कर खलू भी मेरे पास आगाये और फिर खलू और कामी ने अपने अपने कपड़े उतार दिए और मुझ पर टूट पड़े, खाला बड़बड़ाती होई उठी और ये कहती होई कमरे से चली गई के नरेन के अब्बा तुम ने तो घर को रंडी खाना बना दिया है. कामी और खलू पर खाला की बात का कोई असर नही हुए और वो दोनो मेरे जिस्म को चूमते और चाटते रहे, थोड़ी देर बाद ही वो दोनो मुझे कुत्तों की तरहा चोद रहे थे और कमरा मेरी लज़्ज़त भरी सिसकारियों से गूँज रहा था, फिर मुझे चुदवाते चुदवाते दोपेहर होगई, फिर जब खाला हमे खाने के लिए बुलाने आई तो भी दोनो मुझे चोद रहे थे. खाला गुस्से से बोली, बस अब बस भी करे आप दोनो ने तो हद ही करदी है, कुछ गाज़ल का ही ख़याल करे, क्या इसकी हालत खराब करनी है. फिर खलू कुछ कहते मैं बोल पड़ी, रहने दीजिए खाला मुझे कुछ नही होगा आप इन दोनो को अपनी हसरत पूरी करने दे.