hotaks444
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" अच्छा बताती हू भाभी. आप लोगों के जाने के थोड़ी ही देर बाद मैं भी निकल गयी. वो बाहर बाइक पे इंतजार कर रहा था, और मैं उछल के उसके पीछे बैठ गयी. बहोत कस के तेज चलाता है वो भाभी. मैं तो कस के, उसका पीछे से पकड़
के, बैठी थी. 10-12 किलोमीटर के बाद जब गाँव का रास्ता चालू हुआ ना तो झटके और बढ़ गये. झटके खा खा के तो मेरे चूतड़ की हालत खराब हो रही थी.
थोड़ी देर मे गाँव शुरू हो गया, दोनो ओर गन्ने के घने घने खेत, आमराई. एक पनघट के पास हम रुके . वहाँ कुछ लड़कियाँ पानी भर रही थी और लगता था उसकी परिचित है. उन्होने पानी तो पिलाया लेकिन खूब चुहुल भी की. हम
लोग फिर आगे बढ़े तो वो रास्ता बदल के एक घनी आमराई के अंदर से ले गया. वहाँ एकदम सन्नाटा था. उसने मुझे उतार के बैक पे अपने आगे बैठा लिया और कस के चूमने लगा. थोड़ी ही देर मे मुझे आगे की ओर झुका के उसने मेरा टॉप हटा दिया और पहले तो मेरे उभार ब्रा के उपर से ही कस के चूमता रहा .फिर एक झटके मे उसने मेरी ब्रा खोल के मेरे कबूतरों को आज़ाद कर दिया और कस के रगड़ने मसलने लगा. मस्ती के मारे ,मेरी आँखे बंद होने लगी.ये कहानी आप राजशर्मा स्टॉरीज पर पढ़ रहे हैं अचानक उसने लके से मेरे निपल काट लिए. जैसे ही मेरी आँखे खुलीं तो उसने मुझे अपनी बाहों मे भर लिया. खूब खुल के हम दोनो मस्ती कर रहे थे. फिर वो मुझे आगे वैसे ही बिठा के ले गया, बाइकर बेब्स की तरह. ब्रा तो उसने पहले ही जब्त कर ली थी . टॉप्स मे मेरे जोबन साफ दिख रहे थे. जब हम फार्म हाउस के पास पहुँचे तो मैं तो एकदम दंग रह गयी.
किले की तरह..चारों ओर से फेनस्ड, घने पेड़ और गेट पे बहोत तगड़ी सेक्यूरिटी. सेक्यूरिटी गार्ड ने उसे जबरदस्त सल्यूट किया. और उसके बाद, पहले तो खूब बड़े घने पेड़ जैसे जंगल और फिर दूर तक बांसो की झुरमुट, और फिर एक और
फेम्स के बाद खेत, बाग, बड़ा सा लान और फिर उसका फार्म हाउस. घर क्या महल लग रहा था. वो मुझे अपने कमरे मे ले गया और वो इत्ता उतावला हो रहा था भाभी, कि उसने सीधे, मुझे उठा के अपने बेड पे पटक दिया. तभी एक गाँव की
सी औरत आई..सिर्फ़ साड़ी मे. लंबी खूब गदराई, बड़े बड़े साफ दिखते मम्मे,
निम्मो. उसने पूछा क़ि कुछ खाने पीने को ले आऊ तो नीरज ने बोला अभी नही. कुछ देर बाद. अपने और मेरे कपड़े उतारते उसने बताया कि घर मे सिर्फ़ वही रहती है और उससे कुछ दुराव छिपाव नही है,निम्मो सब जानती है. और वही सारा काम करती है.अंदर आने की और किसी को इजाज़त नही है इसलिए वहाँ टोटल प्राईवेसी है. भाभी वो इत्ता बेताब था कि उसका लंड ..पूरी तरह तना..खड़ा मोटा.बिना और कुछ किए , सीधे मेरी टांगे उसके कंधे पे और उसने हचक से पेल दिया मेरी चूंची पकड़ के. और मैं भी मस्ती से गीली हो रही थी. ये कहानी आप राजशर्मा स्टॉरीज पर पढ़ रहे हैं हचक हचक कर खूब ताक़त से उसने क्या चोदा. क्या मसल्स थी भाभी..रेग्युलर जिम जाता है वो..और मैं भी कस कस के उसके हर धक्के का जवाब दे रही थी, उसकी चौड़ी छाती मे अपनी चूंचिया रगड़ रही थी. और आधे घंटे से भी ज़्यादा इस तरह नॉन स्टॉप रगड़ के चोदने के बाद.. मुझे दो बार झाड़ के ही वो झाड़ा. और जब वो मेरे उपर से उठा तो बड़ी देर तक मैं उठ नही पाई.
जब उठ के मैने देखा तो मेरे कपड़े गायब..और पास मे दो चाँदी की ग्लास मे कुछ पे.. चंदन की महक सी और ..एक प्लेट मे मिठाइयाँ और पेस्ट्री. इसका मतल्ब जब हम लोग चुदाई मे लीन थे तो निम्मो वहाँ आई थी और.. अपनी गोद मे
बिठा के पिलाते हुए वो बोला कि ये स्पेशल शराब चंदन की है जो सिर्फ़ पुराने रजवाड़ों मे मिलती है. और सच मे भाभी थोड़ी ही देर मे. मैं सब शरम लिहाज भूल चुकी थी और कस के उसका लंड सहला रही थी जो थोड़ी ही देर मे खड़ा हो गया.
के, बैठी थी. 10-12 किलोमीटर के बाद जब गाँव का रास्ता चालू हुआ ना तो झटके और बढ़ गये. झटके खा खा के तो मेरे चूतड़ की हालत खराब हो रही थी.
थोड़ी देर मे गाँव शुरू हो गया, दोनो ओर गन्ने के घने घने खेत, आमराई. एक पनघट के पास हम रुके . वहाँ कुछ लड़कियाँ पानी भर रही थी और लगता था उसकी परिचित है. उन्होने पानी तो पिलाया लेकिन खूब चुहुल भी की. हम
लोग फिर आगे बढ़े तो वो रास्ता बदल के एक घनी आमराई के अंदर से ले गया. वहाँ एकदम सन्नाटा था. उसने मुझे उतार के बैक पे अपने आगे बैठा लिया और कस के चूमने लगा. थोड़ी ही देर मे मुझे आगे की ओर झुका के उसने मेरा टॉप हटा दिया और पहले तो मेरे उभार ब्रा के उपर से ही कस के चूमता रहा .फिर एक झटके मे उसने मेरी ब्रा खोल के मेरे कबूतरों को आज़ाद कर दिया और कस के रगड़ने मसलने लगा. मस्ती के मारे ,मेरी आँखे बंद होने लगी.ये कहानी आप राजशर्मा स्टॉरीज पर पढ़ रहे हैं अचानक उसने लके से मेरे निपल काट लिए. जैसे ही मेरी आँखे खुलीं तो उसने मुझे अपनी बाहों मे भर लिया. खूब खुल के हम दोनो मस्ती कर रहे थे. फिर वो मुझे आगे वैसे ही बिठा के ले गया, बाइकर बेब्स की तरह. ब्रा तो उसने पहले ही जब्त कर ली थी . टॉप्स मे मेरे जोबन साफ दिख रहे थे. जब हम फार्म हाउस के पास पहुँचे तो मैं तो एकदम दंग रह गयी.
किले की तरह..चारों ओर से फेनस्ड, घने पेड़ और गेट पे बहोत तगड़ी सेक्यूरिटी. सेक्यूरिटी गार्ड ने उसे जबरदस्त सल्यूट किया. और उसके बाद, पहले तो खूब बड़े घने पेड़ जैसे जंगल और फिर दूर तक बांसो की झुरमुट, और फिर एक और
फेम्स के बाद खेत, बाग, बड़ा सा लान और फिर उसका फार्म हाउस. घर क्या महल लग रहा था. वो मुझे अपने कमरे मे ले गया और वो इत्ता उतावला हो रहा था भाभी, कि उसने सीधे, मुझे उठा के अपने बेड पे पटक दिया. तभी एक गाँव की
सी औरत आई..सिर्फ़ साड़ी मे. लंबी खूब गदराई, बड़े बड़े साफ दिखते मम्मे,
निम्मो. उसने पूछा क़ि कुछ खाने पीने को ले आऊ तो नीरज ने बोला अभी नही. कुछ देर बाद. अपने और मेरे कपड़े उतारते उसने बताया कि घर मे सिर्फ़ वही रहती है और उससे कुछ दुराव छिपाव नही है,निम्मो सब जानती है. और वही सारा काम करती है.अंदर आने की और किसी को इजाज़त नही है इसलिए वहाँ टोटल प्राईवेसी है. भाभी वो इत्ता बेताब था कि उसका लंड ..पूरी तरह तना..खड़ा मोटा.बिना और कुछ किए , सीधे मेरी टांगे उसके कंधे पे और उसने हचक से पेल दिया मेरी चूंची पकड़ के. और मैं भी मस्ती से गीली हो रही थी. ये कहानी आप राजशर्मा स्टॉरीज पर पढ़ रहे हैं हचक हचक कर खूब ताक़त से उसने क्या चोदा. क्या मसल्स थी भाभी..रेग्युलर जिम जाता है वो..और मैं भी कस कस के उसके हर धक्के का जवाब दे रही थी, उसकी चौड़ी छाती मे अपनी चूंचिया रगड़ रही थी. और आधे घंटे से भी ज़्यादा इस तरह नॉन स्टॉप रगड़ के चोदने के बाद.. मुझे दो बार झाड़ के ही वो झाड़ा. और जब वो मेरे उपर से उठा तो बड़ी देर तक मैं उठ नही पाई.
जब उठ के मैने देखा तो मेरे कपड़े गायब..और पास मे दो चाँदी की ग्लास मे कुछ पे.. चंदन की महक सी और ..एक प्लेट मे मिठाइयाँ और पेस्ट्री. इसका मतल्ब जब हम लोग चुदाई मे लीन थे तो निम्मो वहाँ आई थी और.. अपनी गोद मे
बिठा के पिलाते हुए वो बोला कि ये स्पेशल शराब चंदन की है जो सिर्फ़ पुराने रजवाड़ों मे मिलती है. और सच मे भाभी थोड़ी ही देर मे. मैं सब शरम लिहाज भूल चुकी थी और कस के उसका लंड सहला रही थी जो थोड़ी ही देर मे खड़ा हो गया.