hotaks444
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उड़ी रे....मेरी पतंग उड़ी रे...
हेलो दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा आपके लिए एक और नई कहानी लेकर हाजिर हूँ. दोस्तो अभी गयी मकर संक्रांति पर जो हुआ उस पर मुझे आज भी विश्वास नही हो पा रहा है. जॅयैपर में मकर संक्रांति हर वर्ष 14 जन्वरी को मनाई जाती है और इस दिन को पतंगो का त्योहार कहते है. हज़ारो पतंगे उड़ाई जाती है. लोग टेरेस पर चढ़ कर ग्रूप बनाकर दिन भर पतंगे उड़ाते रहते है. मैं भी और मेरी बिल्डिंग वाले भी पतंगे उड़ाने के बड़े शौकीन है. हम लोग सुबह से ही टेरेस पर चढ़ जाते है और शाम ढले ही वापस नीचे आते है. हमारी बिल्डिंग की टेरेस बहुत बड़ी है इसलिए दूसरी जगह के लोग भी हमारी बिल्डिंग में पतंगे उड़ाने आते है. हम लोग अपने फ्रेंड्स को बुलाते है हमारे साथ एंजाय करने के लिए. इस बड़ी टेरेस के साथ एक पानी की टंकी के लिए एक छ्होटी टेरेस भी बनी हुई है जो टेरेस के दूसरे हिस्से में है. पतंगे उड़ाने के लिए सब लोग बड़ी टेरेस ही यूज़ करते है. छ्होटी टेरेस मैं टेरेस से एक मंज़िल उपर भी है और स्टेरकेस के दूसरी तरफ भी है. उस तरफ दूसरी बिल्डिंग्स दूर होने के कारण पतंगे भी कम उड़ती है.
मैं मिड्ल क्लास फॅमिली से हूँ और अपने परिवार के साथ भाड़े के घर में रहता हूँ. हमारी बिल्डिंग में सब लोग भाड़े से ही रहते है. मकान मालिक दूसरी जगह रहता है. बिल्डिंग में कई कमरे खाली भी है. केयी तीन-चार सालों से खाली पड़े है. मेरा घर तीन रूम का है. आगे कोने में एक रूम काफ़ी दिनो से खाली पड़ा है तो मैने उसकी खिड़की, जोकि बॅक साइड के बॅराम्डा में खुलती है, के स्क्रू निकाल दिए. जिसे मैं उसको निकाल कर दिन में काफ़ी बार उस रूम को काम में लेता था. किसी को मालूम भी नही पड़ता था. मकान मालिक ने उसकी एलेक्ट्रिसिटी चालू रख छ्चोड़ी थी इसलिए फॅन और लाइट की कोई प्राब्लम नही होती थी. हम फ्रेंड्स लोग उसमे बैठकर राज शर्मा की कामुक कहानिया या मस्ती-ब्लास्ट ब्लॉग पर देशी वीडियो या विदेशी वीडियो देखते थे. मतलब यह हमारी अयाशी का अड्डा था. अंदर एक मेज और दो-तीन कुर्सिया पड़ी हुई थी.
मैं बी.कॉम के फाइनल एअर में हूँ. ऊम्र 19 यियर्ज़ और कद 5'9" और कसरती बदन. रंग गोरा और चेहरे से खूबसूरत. कॉलेज में मेरी काफ़ी लड़कियों से दोस्ती है जोकि मेरे रंग रूप पर फिदा है. मैं भी इनके साथ काफ़ी खेला खाया हुआ हूँ और हमारे शारीरिक संभंध भी बने हुए है. मुझे नयी-नयी अटॅक्टिव लड़कियों से दोस्ती करने में मज़ा आता है और इसमे मैं काफ़ी सक्सेस्फुल भी रहा हूँ. मेरे 8" के लंबे समान की केयी लड़किया दीवानी है.
खैर बात मकर सकरांति वाले किस्से की. उस दिन हम लोग सब टेरेस पेर सुबह 9 बजे से ही टेरेस से पतंगे उड़ाने में लगे हुए थे. मैं और मेरी बहन रश्मि टेरेस पर दूसरे लोगो के साथ पतंगे उड़ाने में लगे हुए थे. दोपहर में खाना खाने के बाद हम लोग वापस उपेर टेरेस पर आ गये. तभी मैने देखा कि एक लड़की जोकि टाइट टी-शर्ट और टाइट जीन्स पहने हुए वहाँ खड़ी पतंगे उड़ने का मज़ा ले रही थी. खुद तो नही उड़ा रही थी लेकिन चरखी पकड़े हुए एंजाय कर रही थी. मालूम करने पर मालूम हुआ कि हमारे किसी पड़ोसी की दूर की रिश्तेदार है और यही पास में कही रहती है. नाम उसका नताशा है.
हेलो दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा आपके लिए एक और नई कहानी लेकर हाजिर हूँ. दोस्तो अभी गयी मकर संक्रांति पर जो हुआ उस पर मुझे आज भी विश्वास नही हो पा रहा है. जॅयैपर में मकर संक्रांति हर वर्ष 14 जन्वरी को मनाई जाती है और इस दिन को पतंगो का त्योहार कहते है. हज़ारो पतंगे उड़ाई जाती है. लोग टेरेस पर चढ़ कर ग्रूप बनाकर दिन भर पतंगे उड़ाते रहते है. मैं भी और मेरी बिल्डिंग वाले भी पतंगे उड़ाने के बड़े शौकीन है. हम लोग सुबह से ही टेरेस पर चढ़ जाते है और शाम ढले ही वापस नीचे आते है. हमारी बिल्डिंग की टेरेस बहुत बड़ी है इसलिए दूसरी जगह के लोग भी हमारी बिल्डिंग में पतंगे उड़ाने आते है. हम लोग अपने फ्रेंड्स को बुलाते है हमारे साथ एंजाय करने के लिए. इस बड़ी टेरेस के साथ एक पानी की टंकी के लिए एक छ्होटी टेरेस भी बनी हुई है जो टेरेस के दूसरे हिस्से में है. पतंगे उड़ाने के लिए सब लोग बड़ी टेरेस ही यूज़ करते है. छ्होटी टेरेस मैं टेरेस से एक मंज़िल उपर भी है और स्टेरकेस के दूसरी तरफ भी है. उस तरफ दूसरी बिल्डिंग्स दूर होने के कारण पतंगे भी कम उड़ती है.
मैं मिड्ल क्लास फॅमिली से हूँ और अपने परिवार के साथ भाड़े के घर में रहता हूँ. हमारी बिल्डिंग में सब लोग भाड़े से ही रहते है. मकान मालिक दूसरी जगह रहता है. बिल्डिंग में कई कमरे खाली भी है. केयी तीन-चार सालों से खाली पड़े है. मेरा घर तीन रूम का है. आगे कोने में एक रूम काफ़ी दिनो से खाली पड़ा है तो मैने उसकी खिड़की, जोकि बॅक साइड के बॅराम्डा में खुलती है, के स्क्रू निकाल दिए. जिसे मैं उसको निकाल कर दिन में काफ़ी बार उस रूम को काम में लेता था. किसी को मालूम भी नही पड़ता था. मकान मालिक ने उसकी एलेक्ट्रिसिटी चालू रख छ्चोड़ी थी इसलिए फॅन और लाइट की कोई प्राब्लम नही होती थी. हम फ्रेंड्स लोग उसमे बैठकर राज शर्मा की कामुक कहानिया या मस्ती-ब्लास्ट ब्लॉग पर देशी वीडियो या विदेशी वीडियो देखते थे. मतलब यह हमारी अयाशी का अड्डा था. अंदर एक मेज और दो-तीन कुर्सिया पड़ी हुई थी.
मैं बी.कॉम के फाइनल एअर में हूँ. ऊम्र 19 यियर्ज़ और कद 5'9" और कसरती बदन. रंग गोरा और चेहरे से खूबसूरत. कॉलेज में मेरी काफ़ी लड़कियों से दोस्ती है जोकि मेरे रंग रूप पर फिदा है. मैं भी इनके साथ काफ़ी खेला खाया हुआ हूँ और हमारे शारीरिक संभंध भी बने हुए है. मुझे नयी-नयी अटॅक्टिव लड़कियों से दोस्ती करने में मज़ा आता है और इसमे मैं काफ़ी सक्सेस्फुल भी रहा हूँ. मेरे 8" के लंबे समान की केयी लड़किया दीवानी है.
खैर बात मकर सकरांति वाले किस्से की. उस दिन हम लोग सब टेरेस पेर सुबह 9 बजे से ही टेरेस से पतंगे उड़ाने में लगे हुए थे. मैं और मेरी बहन रश्मि टेरेस पर दूसरे लोगो के साथ पतंगे उड़ाने में लगे हुए थे. दोपहर में खाना खाने के बाद हम लोग वापस उपेर टेरेस पर आ गये. तभी मैने देखा कि एक लड़की जोकि टाइट टी-शर्ट और टाइट जीन्स पहने हुए वहाँ खड़ी पतंगे उड़ने का मज़ा ले रही थी. खुद तो नही उड़ा रही थी लेकिन चरखी पकड़े हुए एंजाय कर रही थी. मालूम करने पर मालूम हुआ कि हमारे किसी पड़ोसी की दूर की रिश्तेदार है और यही पास में कही रहती है. नाम उसका नताशा है.