hotaks444
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सानिया की मम्मी
लेखक:- राजू राय
मेरा नाम राजू है। उस वक्त की बात है जब मैं उन्नीस वर्ष का था। दिखने में ठीक ठाक था। मेरी एक गर्ल फ्रेंड हुआ करती थी... उसका नाम सानिया था। वो बहुत खूबसूरत थी। जहाँ हमलोग रहते थे, वहाँ से सानिया का घर थोड़ी ही दूरी पर था। उसकी मम्मी को मैं आँटी कह कर बुलाता था। वास्तव में वो लोग कश्मिरी मुसलमान थे, और आप लोग तो जानते ही हैं कि कश्मिरी मुसलमान औरतें कितनी हॉट और सैक्सी लगती हैं। सानिया से ज्यादा अच्छी उसकी मम्मी लगती थी। उनका नाम आयशा था। आँटी की उम्र लगभग चालीस- बयालीस के आस पास थी। लेकिन देखने में बिल्कुल भी चालीस- बयालीस की नहीं लगती थीं। गोरी लंबी और बहुत खूबसूरत थी। वो अपने सैक्सी चाल-चलन और नाजायज़ संबंधों के लिए काफी मशहूर थीं। कईं लोगों के साथ उनके नाजायज़ संबंध थे, शायद इसलिए कि उनके शौहर काफी व्यस्त रहते थे और शायद आँटी की शारिरिक जरूरतें भी पूरी ना कर पाते होंगे।
जुलाई का महीना था और एक दिन मैंने और मेरे एक दोस्त ने ड्रिंक करने का प्रोग्राम दिन में ही बनाया। पहले हम लोगों ने ड्रिंक की और उसके बाद हमलोगों ने ब्लू फ़िल्म देखने का प्रोग्राम बनाया। थोड़ी देर बाद हम लोग ब्लू फ़िल्म देखने लगे और फ़िल्म देखने के बाद हम लोग बहुत उत्तेजित हो गये थे।
“यार! काश हमें भी कोई चूत मिल जाती चोदने के लिये!” मैंने आह भरते हुए कहा।
“तेरी तो गर्ल फ्रेंड है… सानिया… तू तो उसके साथ मज़े कर सकता है!” मेरे दोस्त ने कहा!
“कहाँ यार… कईं बार कोशिश कर चुका हूँ… लेकिन सानिया तो किसिंग और स्मूचिंग के आगे बढ़ने ही नहीं देती!” मैं बोला।
“लेकिन उसकी मम्मी तो एक नंबर की चालू छिनाल औरत है!” वो हंसते हुए बोला तो अचानक मेरे दिमाग में आया कि क्यों ना आयशा आँटी को ही पटाया जाय और उनके साथ चुदाई की जाये। दरअसल आयशा आँटी मेरे साथ काफी फ्रेंडली थीं और मज़ाक वगैरह भी कर लेती थीं और उनकी रेप्यूटेशन भी खराब थी! इसलिये मुझे लगा कि शायद वो मान जायें और अगर नहीं भी मानी तो बात का बतंगड़ तो नहीं बनायेंगी।
मैंने वहीं से उन्हें फोन किया और कहा कि, “आँटी! मैं राजू बोल रहा हूँ और आप से कुछ बात करना चाहता हूँ!”
उन्होंने कहा, “बोलो?”
मैंने कहा, “आँटी ये बात फोन पर नहीं हो सकती... मैं आपके घर आ जाऊँ?”
आँटी ने कहा, “मैं तो अभी मर्किट में आयी हुई हूँ... तुम कहाँ हो इस वक्त?”
“मैं तो अपने दोस्त के घर पे हूँ... जो मार्केट के नज़दीक ही है और आपके रास्ते में ही है... अगर आपको ऐतराज़ ना हो तो आप यहाँ मेरे दोस्त के घर पर आ जाइए!” मैंने कहा।
उन्होंने कहा, “कोई बात नहीं...अभी थोड़ी देर में आती हूँ।”
मैंने उन्हें पता बता दिया। उसके बाद हम लोग फिर से फ़िल्म देखने लग गये और घर का दरवाजा खुला छोड़ दिया। उस समय दरवाजे पर बेल बजी तो मेरा दोस्त दूसरे रूम में थोड़ी देर के लिए चला गया। मैंने कहा, “आँटी दरवाजा खुला है... आप अंदर आ जाइए।” वो अंदर आ गयी और अंदर मैं बैठा ब्लू फ़िल्म देख रहा था। आँटी फिरोज़ी रंग की सलवार कमीज और काले हाई हील के सैंडल में बहुत सैक्सी लग रही थीं। उन्होंने हल्का सा मेक-अप भी किया हुआ था। वो आते ही मुस्कुराते हुए बोलीं, “तो कॉलेज जाने की बजाय ये सब देख रहे हो…?”
“बस आँटी आज ऐसे ही मूड हो गया!" मैंने जवाब दिया।
“कोई बात नहीं... मैं समझती हूँ... तुम्हारी उम्र के लड़के तो ये सब करते ही हैं लेकिन अपनी आँटी के सामने कुछ तो लिहाज करो... अब बंद करो इसे...।” उन्होंने फिर मुस्कुराते हुए कहा मैंने सी.डी प्लेयर बंद कर दिया और वो मेरे पास आकर बैठ गयी और बोली, “क्या बात करनी है... बोलो।”
इतनी देर में मेरा दोस्त भी वहाँ आ गया। आयशा आँटी का अच्छा मूड देख कर मेरा हौंसला बढ़ा और मैंने हिम्मत करके बोल दिया, “आयशा आँटी आप बहुत खूबसूरत लगती हो और मैं आप के साथ चुदाई करना चाहता हूँ।”
मेरे बात सुनकर वो चौंक गयी और बोली, “तेरा दिमाग खराब हो गया है क्या… मेरे लिए तू अभी बहुत छोटा है।” वास्तव में वो मेरे दोस्त के सामने कोई बात नहीं करना चहा रही थी।
जब उन्होंने कहा कि उनके लिये मैं बहुत छोटा हूँ तो ये सुनकर नशे की खुमारी में मैंने कहा, “आयशा आँटी! मैं तो आपके लिए शायद छोटा हूँ लेकिन मेरा लंड आपके लिये छोटा नहीं है।”
यह सुनकर वो गुस्से से बोली, “तूने मुझे समझ क्या रखा है… तुझसे हंस-बोल कर मज़ाक वगैरह कर लेती हूँ तो इसका मतलब तू… नशे में अभी तुझे होश नहीं है कि तू क्या कह रहा है…!” और आयशा आँटी वहाँ से चली गयी। मैंने रोकने की कोशिश भी नहीं की।
जब वो चली गयीं तो हम लोगों का मूड खराब हो गया और उसके बाद हमलोग फिर से ड्रिंक करने लगे। थोड़ी देर बाद मेरा दोस्त बाथरूम चला गया और उस समय आयशा आँटी ने मुझे फोन किया और कहा, “तू अभी कहाँ है... वहीं है क्या अभी भी? मुझे तुमसे कुछ बात करनी है... क्या तू अभी मेरे घर आ सकता है… लेकिन किसी को बता कर मत आना!”
मैंने कहा, “ठीक है मैं थोड़ी देर में आपके पास आता हूँ!”
थोड़ी देर बाद मेरा दोस्त भी बाथरूम से आ गया। हम लोगों का ड्रिंक भी खतम हो चुका था और उसको नशा भी चढ़ चुका था। तभी मैंने कहा कि “यार इसमें मज़ा नहीं आया... मैं अभी एक बोतल और लेकर आता हूँ”, तो उसने कहा, “नहीं यार! बहुत हो गयी है।”
लेकिन मुझे तो आयशा आँटी के घर जाना था, इसलिए मैंने उसके मना करने के बाद भी कहा, “नहीं यार मुझे मज़ा नहीं आया... मैं एक बोतल और लेने जा रहा हूँ!” और मैं वहाँ से चला गया और उसने घर का दरवाजा बंद कर लिया।
लेखक:- राजू राय
मेरा नाम राजू है। उस वक्त की बात है जब मैं उन्नीस वर्ष का था। दिखने में ठीक ठाक था। मेरी एक गर्ल फ्रेंड हुआ करती थी... उसका नाम सानिया था। वो बहुत खूबसूरत थी। जहाँ हमलोग रहते थे, वहाँ से सानिया का घर थोड़ी ही दूरी पर था। उसकी मम्मी को मैं आँटी कह कर बुलाता था। वास्तव में वो लोग कश्मिरी मुसलमान थे, और आप लोग तो जानते ही हैं कि कश्मिरी मुसलमान औरतें कितनी हॉट और सैक्सी लगती हैं। सानिया से ज्यादा अच्छी उसकी मम्मी लगती थी। उनका नाम आयशा था। आँटी की उम्र लगभग चालीस- बयालीस के आस पास थी। लेकिन देखने में बिल्कुल भी चालीस- बयालीस की नहीं लगती थीं। गोरी लंबी और बहुत खूबसूरत थी। वो अपने सैक्सी चाल-चलन और नाजायज़ संबंधों के लिए काफी मशहूर थीं। कईं लोगों के साथ उनके नाजायज़ संबंध थे, शायद इसलिए कि उनके शौहर काफी व्यस्त रहते थे और शायद आँटी की शारिरिक जरूरतें भी पूरी ना कर पाते होंगे।
जुलाई का महीना था और एक दिन मैंने और मेरे एक दोस्त ने ड्रिंक करने का प्रोग्राम दिन में ही बनाया। पहले हम लोगों ने ड्रिंक की और उसके बाद हमलोगों ने ब्लू फ़िल्म देखने का प्रोग्राम बनाया। थोड़ी देर बाद हम लोग ब्लू फ़िल्म देखने लगे और फ़िल्म देखने के बाद हम लोग बहुत उत्तेजित हो गये थे।
“यार! काश हमें भी कोई चूत मिल जाती चोदने के लिये!” मैंने आह भरते हुए कहा।
“तेरी तो गर्ल फ्रेंड है… सानिया… तू तो उसके साथ मज़े कर सकता है!” मेरे दोस्त ने कहा!
“कहाँ यार… कईं बार कोशिश कर चुका हूँ… लेकिन सानिया तो किसिंग और स्मूचिंग के आगे बढ़ने ही नहीं देती!” मैं बोला।
“लेकिन उसकी मम्मी तो एक नंबर की चालू छिनाल औरत है!” वो हंसते हुए बोला तो अचानक मेरे दिमाग में आया कि क्यों ना आयशा आँटी को ही पटाया जाय और उनके साथ चुदाई की जाये। दरअसल आयशा आँटी मेरे साथ काफी फ्रेंडली थीं और मज़ाक वगैरह भी कर लेती थीं और उनकी रेप्यूटेशन भी खराब थी! इसलिये मुझे लगा कि शायद वो मान जायें और अगर नहीं भी मानी तो बात का बतंगड़ तो नहीं बनायेंगी।
मैंने वहीं से उन्हें फोन किया और कहा कि, “आँटी! मैं राजू बोल रहा हूँ और आप से कुछ बात करना चाहता हूँ!”
उन्होंने कहा, “बोलो?”
मैंने कहा, “आँटी ये बात फोन पर नहीं हो सकती... मैं आपके घर आ जाऊँ?”
आँटी ने कहा, “मैं तो अभी मर्किट में आयी हुई हूँ... तुम कहाँ हो इस वक्त?”
“मैं तो अपने दोस्त के घर पे हूँ... जो मार्केट के नज़दीक ही है और आपके रास्ते में ही है... अगर आपको ऐतराज़ ना हो तो आप यहाँ मेरे दोस्त के घर पर आ जाइए!” मैंने कहा।
उन्होंने कहा, “कोई बात नहीं...अभी थोड़ी देर में आती हूँ।”
मैंने उन्हें पता बता दिया। उसके बाद हम लोग फिर से फ़िल्म देखने लग गये और घर का दरवाजा खुला छोड़ दिया। उस समय दरवाजे पर बेल बजी तो मेरा दोस्त दूसरे रूम में थोड़ी देर के लिए चला गया। मैंने कहा, “आँटी दरवाजा खुला है... आप अंदर आ जाइए।” वो अंदर आ गयी और अंदर मैं बैठा ब्लू फ़िल्म देख रहा था। आँटी फिरोज़ी रंग की सलवार कमीज और काले हाई हील के सैंडल में बहुत सैक्सी लग रही थीं। उन्होंने हल्का सा मेक-अप भी किया हुआ था। वो आते ही मुस्कुराते हुए बोलीं, “तो कॉलेज जाने की बजाय ये सब देख रहे हो…?”
“बस आँटी आज ऐसे ही मूड हो गया!" मैंने जवाब दिया।
“कोई बात नहीं... मैं समझती हूँ... तुम्हारी उम्र के लड़के तो ये सब करते ही हैं लेकिन अपनी आँटी के सामने कुछ तो लिहाज करो... अब बंद करो इसे...।” उन्होंने फिर मुस्कुराते हुए कहा मैंने सी.डी प्लेयर बंद कर दिया और वो मेरे पास आकर बैठ गयी और बोली, “क्या बात करनी है... बोलो।”
इतनी देर में मेरा दोस्त भी वहाँ आ गया। आयशा आँटी का अच्छा मूड देख कर मेरा हौंसला बढ़ा और मैंने हिम्मत करके बोल दिया, “आयशा आँटी आप बहुत खूबसूरत लगती हो और मैं आप के साथ चुदाई करना चाहता हूँ।”
मेरे बात सुनकर वो चौंक गयी और बोली, “तेरा दिमाग खराब हो गया है क्या… मेरे लिए तू अभी बहुत छोटा है।” वास्तव में वो मेरे दोस्त के सामने कोई बात नहीं करना चहा रही थी।
जब उन्होंने कहा कि उनके लिये मैं बहुत छोटा हूँ तो ये सुनकर नशे की खुमारी में मैंने कहा, “आयशा आँटी! मैं तो आपके लिए शायद छोटा हूँ लेकिन मेरा लंड आपके लिये छोटा नहीं है।”
यह सुनकर वो गुस्से से बोली, “तूने मुझे समझ क्या रखा है… तुझसे हंस-बोल कर मज़ाक वगैरह कर लेती हूँ तो इसका मतलब तू… नशे में अभी तुझे होश नहीं है कि तू क्या कह रहा है…!” और आयशा आँटी वहाँ से चली गयी। मैंने रोकने की कोशिश भी नहीं की।
जब वो चली गयीं तो हम लोगों का मूड खराब हो गया और उसके बाद हमलोग फिर से ड्रिंक करने लगे। थोड़ी देर बाद मेरा दोस्त बाथरूम चला गया और उस समय आयशा आँटी ने मुझे फोन किया और कहा, “तू अभी कहाँ है... वहीं है क्या अभी भी? मुझे तुमसे कुछ बात करनी है... क्या तू अभी मेरे घर आ सकता है… लेकिन किसी को बता कर मत आना!”
मैंने कहा, “ठीक है मैं थोड़ी देर में आपके पास आता हूँ!”
थोड़ी देर बाद मेरा दोस्त भी बाथरूम से आ गया। हम लोगों का ड्रिंक भी खतम हो चुका था और उसको नशा भी चढ़ चुका था। तभी मैंने कहा कि “यार इसमें मज़ा नहीं आया... मैं अभी एक बोतल और लेकर आता हूँ”, तो उसने कहा, “नहीं यार! बहुत हो गयी है।”
लेकिन मुझे तो आयशा आँटी के घर जाना था, इसलिए मैंने उसके मना करने के बाद भी कहा, “नहीं यार मुझे मज़ा नहीं आया... मैं एक बोतल और लेने जा रहा हूँ!” और मैं वहाँ से चला गया और उसने घर का दरवाजा बंद कर लिया।