hotaks444
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मस्तानी ताई
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा आपके लिए एक और मस्त कहानी लेकर हाजिर हूँ . दोस्तो एक बार मे काफ़ी दीनो के बाद अपने गाँव जा रहा था . गाँव मे मेरे ताउजि जी का परिवार रहता है ताई जी का स्नेह मुझ पर कुछ ज़्यादा ही रहता था वो मुझे कई बार बुला चुकी थी अचानक ताउजि को फालिश ( पेरालाइसिस-मार गई तो मैं अपने आपको गाँव जाने से नही रोक पाया आज काफ़ी दिनो बाद मैं अपने गाँव जा रहा था .
में घर करीबन शाम के 4 बजे पोह्चा, ताइजी सुजाता और पूजा मुझे देखकर खुश भी हुई क्यूँ कि में उनसे काफ़ी समय के बाद मिल रहा था, पर इस हादसे के चलते खुद को रोने से रोक भी ना पाई और मेरे सामने रो पड़ी, मेने तीनो को संभाला और हौसला दिया के सब ठीक हो जाएगा, कुछ देर बाद वो शांत हो गये, और मा मेरे लिए चाइ बना के ले आई, जब मेने ताइजी से पूछा ताउजि के बारे मेने तो उन्होने बताया के काफ़ी दीनो से टेन्षन में थे, और काम का स्ट्रेस भी बाद गया था, सब से बड़ा टेन्षन उन्हे सुजाता की शादी का था, इसी वजह से उनको परॅलिसिस हुआ है, और अब डॉक्टर कहते हैं कि उन्हे ठीक होते होते कम से कम 1 साल लग जाएगा अगर आछे से देख भाल की तो, वरना मुश्किल है ताउजि का ठीक होना, और वो यह सब घर दो बेटियाँ, खेती का काम कैसे देख पाएगी, उपर से ताउजि की सेहत का ध्यान भी रखना था, ताइजी काफ़ी टेन्षन में थी, मेने ताइजी को भरोसा दिलाते हुए कहा के सब ठीक हो जाएगा और ताउजि की तबीयत भी ठीक हो जाएगी.
रात में सोते वक़्त में मा और पापा बैठ के बात कर रहे थे, और मेने जो ताइजी ने मुझसे कहा वो उन्हे बताया, तो पापा ने कहा बेटा हमे भी यह सब पता है पर इस का कुछ ना कुछ रास्ता निकाल ना ही पड़ेगा, में अपनी भाभी और 2 भतीजियो को ऐसे नही छोड़ सकता, कुछ देर बात करते करते पापा ने कहा बेटा तुम क्यूँ नही देख लेते यह सब जब तक ताउजि ठीक ना हो जाए, में अपना फाइनल एअर का एग्ज़ॅम दे चुक्का था बस अब रिज़ल्ट आने की देरी थी, ताकि में आगे पढ़ाई के लिए अड्मिशन ले सकूँ, और मेने पापा से कहा के में अपनी पढ़ाई कैसे छोड़ सकता हूँ, उन्होने मुझे काफ़ी समझाया बाद में मम्मी भी पापा के सुर में सुर मिलाने लगी और यह तय होगया के मेरे रिज़ल्ट आने तक जो 2 महीने बाद आने वाला था में ताउजि के घर पे ही रहूँगा और ताइजी की हर काम में मदद करूँगा.
मुझे बिल्कुल अछा नही लगा पापा मम्मी का यह ड्सिशन पर मेने कुछ नही कहा और छत पर चला गया, रात के तकरीबन 11 बजे चुके थे सब सो गये थे, में यह सोचने में बिज़ी था के में अपना टाइम कैसे बिताउन्गा, तभी मेरी नज़र ताउजि के रूम पे पड़ी, छत से उनके रूम की खिड़की सॉफ दिखाई देती थी, मेने देखा ताइजी ताउजि की तेल से मालिश कर रही थी, दोस्तों तब तक मेरे मंन में ताइजी या किसी और घर की लेडी के बारे में कोई ग़लत विचार नही था, मेने देखा ताइजी ने सारी पहन रखी थी और वो ताउजि के बॉडी पे मालिश कर रही थी, वैसे आपको ताइजी के बारे में बता दूँ उनकी उमर करीबन 45 साल है और वो थोड़ी खूबसूरत है, उनकी बॉडी थोड़ी हेवी है, ख़ास करके उनकी गांद और थाइस का एरिया और उनके बूब्स भी बड़े हैं, अचानक मेने देखा के तेल की बॉटल जो कि बिस्तर पे पड़ी हुई थी वो गिर गयी, सारा तेल बिस्तर पे फैल ना जाए इसलिए ताइजी उसे सॉफ करने में लग गयी, और इस चक्कर में थोड़ा तेल ताइजी की सारी पे भी लग गया, ताइजी सब साफ कर के बाथरूम में चली गयी, शायद अपनी सारी सॉफ करने गयी होंगी, जब वो बाहर आई तो सिर्फ़ पेटिकोट ओर ब्लाउस में थी, ताइजी का फिगर मेरी आँखों के सामने था, और सच बताउ दोस्तों उन्हे देख के मेरे अंदर अजीब से हुलचूल मच गयी, कुछ मिनिट में ही मेरा उनको देखने का नज़रिया बदल गया, फिर उन्होने लाइट बंद की और सो गयी, में बोहत निराश हुआ और सोने चला गया, मुझे पूरी रात नींद नही आई और में ताइजी के बारे में ही सोचता रहा...
किसी तरह सुबेह हुई छोटे दोनो चाचा उनकी फॅमिली अपने घर जाने को तैयार थे, तभी पापा ने सबको बुलाया और बताया कि कुछ महीने में यहीं रहूँगा और ताउजि के घर और घरवालों की देख भाल करूँगा, सब यह सुन कर सब खुश हुए ख़ास करके ताइजी क्यूँ की वो यह सब अकेले संभाल ने में घबरा रही थी, फिर पापा ने ताइजी से कहा के आप निश्चिंत रहे यह आप लोगो की देख भाल आछे से करेगा, बस कुछ देर बाद नाश्ता करके दोनो चाचा ने अपने घर चलने की तैयारी की, दोपेहेर को सिर्फ़ में पापा मम्मी और ताउजि की फॅमिली थी, में पूरा दिन ताइजी को ही देखता रहा क्यूँ कि अचानक वो मेरे लिए किसी हेरोयिन की तरह हो गयी थी, जिसे पाने के लिए में बेताब था, जब वो झाड़ू लगा रही थी तो पीछे से उनकी मोटी गांद देख कर मंन कर रहा था के अभी जाके अपने हाथों में भर लूँ उनके चूतड़ और उनकी गांद मार दूं, पर यह सब किसी सपने जैसा ही था, क्यूँ की में जान ता था रास्ता आसान नही है.
जब रात को सब सो गये तो में भी छत पे चला गया और ताइजी के रूम में आने का इंतज़ार कर रहा था, तभी कुछ देर बाद ताई रूम में आई, आज उन्होने मालिश से पहले एक खराब कपड़ा बिस्तर पे रखा और वहीं खड़े खड़े अपनी सारी उतार दी, गर्मियों का वक़्त भी था और शायद ताइजी अपनी सारी के खराब होने के डर से भी उसे निकाल ना ठीक समझा होगा, ताइजी काले रंग के ब्लाउस और पेटिकोट में थी, उनका रंग सॉफ था इसलिए खूबसूरती और भी निखर के सामने आ रही थी, जब भी वो झुकती तो उनकी चुचियाँ जो के बाहर आने को तड़प रही थी सॉफ नज़र आ रही थी, और उनकी गांद ने मुझे बेकाबू कर दिया था, में वहीं छत पे बैठे बैठे अपने लंड को मसल रहा था, और कैसे ताइजी को चोद सकूँ उस बारे में सोच रहा था, फिर जब ताइजी ने मालिश ख़तम की तो वो बाथरूम में चली गयी, और जब बाहर आई तो मे देखता ही रह गया, ताइजी सिर्फ़ पेटिकोट में बाहर आई उन्होने ब्लाउस निकाल दिया था, और अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा जो कि काले रंग की थी और पेटिकोट में थी, मेने जितना सोचा था उससे ज़्यादा बड़ी चुचियाँ थी उनकी, तभी उन्होने गाउन पहन लिया और सो गयी, अब मेरा सिर्फ़ एक ही अरमान था किसी तरह ताइजी को चुदवाने के लिए तैयार करने करूँ
पूरी रात ताइजी के ख़यालों में ही निकल गयी, सुबेह जब उठा तो आँखे थोड़ी सूजी हुई थी और लाल भी थी, में जब अपने कमरे से बाहर आया तो सबसे पहले मुझे मेरी ताइजी ही मिली, मेने उन्हे देखकर स्माइल दी, तब उन्होने का कहा बेटा तुम्हारी आँखें सूजी हुई क्यूँ है और लाल भी है, और मेने उनसे कहा ताइजी आपके बारे में सोच सोच कर नींद नही आती, उनकी आँखें भर आई उन्हे लगा के में उनके लिए इतना सोचता हूँ पर उन्हे क्या पता था के में उन्हे चोदने का प्लान बना रहा हूँ, फिर जब में नीचे आया तो देखा के पापा मम्मी भी घर जाने की तैयारी कर रहे थे , मेने मम्मी से पूछा के इतनी जल्दी तभी उन्होने बताया के पापा के ऑफीस में ज़रूरी काम है अब वो और नही रुक सकते, इस तरह दोपेहेर तक पापा मम्मी भी चले गये.
अब हम 5 लोग ही बचे थे घर में, पूजा अपने किसी दोस्त के यहाँ गयी थी क्यूँ कि उसके भी एग्ज़ॅम कुछ दिनो में थे, सुजाता घर का सब काम देखती थी और ताइजी खेत खलियान और ताउजि को का, दोपेहेर को मेने देखा के ताइजी एक बड़ा सा पोतला जिसमे बोहत सारे कपड़े थे वो लेके खेत की तरफ जा रही थी, मेने उन्हे आवाज़ लगाई तो वो रुक गयी और पूछा क्या है बेटा, मेने कहा ताइजी इतनी धूप में आप कहाँ जा रहे हो, उन्होने कहा बेटा यह सब चदडार और बाकी घर के कुछ कपड़े है वो देने जा रही हूँ, मेने कहा किसे देने जा रही हैं आप, तब ताइजी ने बताया के हमारे पंप हाउस पे एक मजदूर रखा है वो वहीं रहता है अपनी बीवी के साथ, उसी की बीवी को धोने के लिए देने जा रही हूँ, मेरे पास भी कोई काम नही था तो मेने कहा लाओ ताइजी में ले लेता हूँ, मेने ताइजी के हाथ से पोतला ले लिया और उन्हे कहा चलिए, ताइजी मेरे आगे चल रही थी, ताइजी ने ब्लू कलर की सारी और मॅचिंग ब्लाउस पहन रखा था, और गर्मी की वजह से उन्हे बोहत पसीना आरहा था, इससे उनकी वाइट ब्रा भी दिख रही थी, वो मेरे आगे चल रही थी और उनके मटकते हुए चूतड़ देख के मंन कर रहा था उन्हे वहीं चोद दूं, पर में मजबूर था, दोस्तों में जानता हूँ और स्टोरी की तरह मेरी स्टोरी काफ़ी स्लो है पर हक़ीक़त और कल्पना में बोहत फरक होता है, खैर जब हम पंप हाउस पर पोहचे तो वहाँ कोई नही था, ताइजी ने आवाज़ लगाई उस औरत का नाम पार्वती था, पर काफ़ी देर तक जब कोई नही आया.
तभी एक दूसरा मजदूर आया और उसने बताया के भोला और पार्वतीके किसी रिश्तेदार के यहाँ मौत हो गयी है वहाँ गये हैं, कल तक आ जाएँगे, तो मेने ताइजी से पूछा अब घर वापस चले तो उन्होने कहा अब यहाँ तक आ ही गये हैं तो कपड़े धो ही लिए जाए क्या भरोसा यह लोग कल आए के ना आए, उन्होने कहा क्या तू मेरी मदद करेगा मेने तुरंत हां कर दी, फिर ताइजी पंप हाउस में गयी वहाँ से कपड़े धोने का सामान ले आई और हम ट्यूबिवेल के पास चले गये, वहाँ जाते ही ताइजी ने अपनी सारी को थोड़ा उँचा कर उसे कमर में फसा दिया, ताकि उनकी सारी गीली ना हो, उनकी गोरी टांगे देख कर मंन कर रहा था उन्हे छू लूँ और किस करूँ
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा आपके लिए एक और मस्त कहानी लेकर हाजिर हूँ . दोस्तो एक बार मे काफ़ी दीनो के बाद अपने गाँव जा रहा था . गाँव मे मेरे ताउजि जी का परिवार रहता है ताई जी का स्नेह मुझ पर कुछ ज़्यादा ही रहता था वो मुझे कई बार बुला चुकी थी अचानक ताउजि को फालिश ( पेरालाइसिस-मार गई तो मैं अपने आपको गाँव जाने से नही रोक पाया आज काफ़ी दिनो बाद मैं अपने गाँव जा रहा था .
में घर करीबन शाम के 4 बजे पोह्चा, ताइजी सुजाता और पूजा मुझे देखकर खुश भी हुई क्यूँ कि में उनसे काफ़ी समय के बाद मिल रहा था, पर इस हादसे के चलते खुद को रोने से रोक भी ना पाई और मेरे सामने रो पड़ी, मेने तीनो को संभाला और हौसला दिया के सब ठीक हो जाएगा, कुछ देर बाद वो शांत हो गये, और मा मेरे लिए चाइ बना के ले आई, जब मेने ताइजी से पूछा ताउजि के बारे मेने तो उन्होने बताया के काफ़ी दीनो से टेन्षन में थे, और काम का स्ट्रेस भी बाद गया था, सब से बड़ा टेन्षन उन्हे सुजाता की शादी का था, इसी वजह से उनको परॅलिसिस हुआ है, और अब डॉक्टर कहते हैं कि उन्हे ठीक होते होते कम से कम 1 साल लग जाएगा अगर आछे से देख भाल की तो, वरना मुश्किल है ताउजि का ठीक होना, और वो यह सब घर दो बेटियाँ, खेती का काम कैसे देख पाएगी, उपर से ताउजि की सेहत का ध्यान भी रखना था, ताइजी काफ़ी टेन्षन में थी, मेने ताइजी को भरोसा दिलाते हुए कहा के सब ठीक हो जाएगा और ताउजि की तबीयत भी ठीक हो जाएगी.
रात में सोते वक़्त में मा और पापा बैठ के बात कर रहे थे, और मेने जो ताइजी ने मुझसे कहा वो उन्हे बताया, तो पापा ने कहा बेटा हमे भी यह सब पता है पर इस का कुछ ना कुछ रास्ता निकाल ना ही पड़ेगा, में अपनी भाभी और 2 भतीजियो को ऐसे नही छोड़ सकता, कुछ देर बात करते करते पापा ने कहा बेटा तुम क्यूँ नही देख लेते यह सब जब तक ताउजि ठीक ना हो जाए, में अपना फाइनल एअर का एग्ज़ॅम दे चुक्का था बस अब रिज़ल्ट आने की देरी थी, ताकि में आगे पढ़ाई के लिए अड्मिशन ले सकूँ, और मेने पापा से कहा के में अपनी पढ़ाई कैसे छोड़ सकता हूँ, उन्होने मुझे काफ़ी समझाया बाद में मम्मी भी पापा के सुर में सुर मिलाने लगी और यह तय होगया के मेरे रिज़ल्ट आने तक जो 2 महीने बाद आने वाला था में ताउजि के घर पे ही रहूँगा और ताइजी की हर काम में मदद करूँगा.
मुझे बिल्कुल अछा नही लगा पापा मम्मी का यह ड्सिशन पर मेने कुछ नही कहा और छत पर चला गया, रात के तकरीबन 11 बजे चुके थे सब सो गये थे, में यह सोचने में बिज़ी था के में अपना टाइम कैसे बिताउन्गा, तभी मेरी नज़र ताउजि के रूम पे पड़ी, छत से उनके रूम की खिड़की सॉफ दिखाई देती थी, मेने देखा ताइजी ताउजि की तेल से मालिश कर रही थी, दोस्तों तब तक मेरे मंन में ताइजी या किसी और घर की लेडी के बारे में कोई ग़लत विचार नही था, मेने देखा ताइजी ने सारी पहन रखी थी और वो ताउजि के बॉडी पे मालिश कर रही थी, वैसे आपको ताइजी के बारे में बता दूँ उनकी उमर करीबन 45 साल है और वो थोड़ी खूबसूरत है, उनकी बॉडी थोड़ी हेवी है, ख़ास करके उनकी गांद और थाइस का एरिया और उनके बूब्स भी बड़े हैं, अचानक मेने देखा के तेल की बॉटल जो कि बिस्तर पे पड़ी हुई थी वो गिर गयी, सारा तेल बिस्तर पे फैल ना जाए इसलिए ताइजी उसे सॉफ करने में लग गयी, और इस चक्कर में थोड़ा तेल ताइजी की सारी पे भी लग गया, ताइजी सब साफ कर के बाथरूम में चली गयी, शायद अपनी सारी सॉफ करने गयी होंगी, जब वो बाहर आई तो सिर्फ़ पेटिकोट ओर ब्लाउस में थी, ताइजी का फिगर मेरी आँखों के सामने था, और सच बताउ दोस्तों उन्हे देख के मेरे अंदर अजीब से हुलचूल मच गयी, कुछ मिनिट में ही मेरा उनको देखने का नज़रिया बदल गया, फिर उन्होने लाइट बंद की और सो गयी, में बोहत निराश हुआ और सोने चला गया, मुझे पूरी रात नींद नही आई और में ताइजी के बारे में ही सोचता रहा...
किसी तरह सुबेह हुई छोटे दोनो चाचा उनकी फॅमिली अपने घर जाने को तैयार थे, तभी पापा ने सबको बुलाया और बताया कि कुछ महीने में यहीं रहूँगा और ताउजि के घर और घरवालों की देख भाल करूँगा, सब यह सुन कर सब खुश हुए ख़ास करके ताइजी क्यूँ की वो यह सब अकेले संभाल ने में घबरा रही थी, फिर पापा ने ताइजी से कहा के आप निश्चिंत रहे यह आप लोगो की देख भाल आछे से करेगा, बस कुछ देर बाद नाश्ता करके दोनो चाचा ने अपने घर चलने की तैयारी की, दोपेहेर को सिर्फ़ में पापा मम्मी और ताउजि की फॅमिली थी, में पूरा दिन ताइजी को ही देखता रहा क्यूँ कि अचानक वो मेरे लिए किसी हेरोयिन की तरह हो गयी थी, जिसे पाने के लिए में बेताब था, जब वो झाड़ू लगा रही थी तो पीछे से उनकी मोटी गांद देख कर मंन कर रहा था के अभी जाके अपने हाथों में भर लूँ उनके चूतड़ और उनकी गांद मार दूं, पर यह सब किसी सपने जैसा ही था, क्यूँ की में जान ता था रास्ता आसान नही है.
जब रात को सब सो गये तो में भी छत पे चला गया और ताइजी के रूम में आने का इंतज़ार कर रहा था, तभी कुछ देर बाद ताई रूम में आई, आज उन्होने मालिश से पहले एक खराब कपड़ा बिस्तर पे रखा और वहीं खड़े खड़े अपनी सारी उतार दी, गर्मियों का वक़्त भी था और शायद ताइजी अपनी सारी के खराब होने के डर से भी उसे निकाल ना ठीक समझा होगा, ताइजी काले रंग के ब्लाउस और पेटिकोट में थी, उनका रंग सॉफ था इसलिए खूबसूरती और भी निखर के सामने आ रही थी, जब भी वो झुकती तो उनकी चुचियाँ जो के बाहर आने को तड़प रही थी सॉफ नज़र आ रही थी, और उनकी गांद ने मुझे बेकाबू कर दिया था, में वहीं छत पे बैठे बैठे अपने लंड को मसल रहा था, और कैसे ताइजी को चोद सकूँ उस बारे में सोच रहा था, फिर जब ताइजी ने मालिश ख़तम की तो वो बाथरूम में चली गयी, और जब बाहर आई तो मे देखता ही रह गया, ताइजी सिर्फ़ पेटिकोट में बाहर आई उन्होने ब्लाउस निकाल दिया था, और अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा जो कि काले रंग की थी और पेटिकोट में थी, मेने जितना सोचा था उससे ज़्यादा बड़ी चुचियाँ थी उनकी, तभी उन्होने गाउन पहन लिया और सो गयी, अब मेरा सिर्फ़ एक ही अरमान था किसी तरह ताइजी को चुदवाने के लिए तैयार करने करूँ
पूरी रात ताइजी के ख़यालों में ही निकल गयी, सुबेह जब उठा तो आँखे थोड़ी सूजी हुई थी और लाल भी थी, में जब अपने कमरे से बाहर आया तो सबसे पहले मुझे मेरी ताइजी ही मिली, मेने उन्हे देखकर स्माइल दी, तब उन्होने का कहा बेटा तुम्हारी आँखें सूजी हुई क्यूँ है और लाल भी है, और मेने उनसे कहा ताइजी आपके बारे में सोच सोच कर नींद नही आती, उनकी आँखें भर आई उन्हे लगा के में उनके लिए इतना सोचता हूँ पर उन्हे क्या पता था के में उन्हे चोदने का प्लान बना रहा हूँ, फिर जब में नीचे आया तो देखा के पापा मम्मी भी घर जाने की तैयारी कर रहे थे , मेने मम्मी से पूछा के इतनी जल्दी तभी उन्होने बताया के पापा के ऑफीस में ज़रूरी काम है अब वो और नही रुक सकते, इस तरह दोपेहेर तक पापा मम्मी भी चले गये.
अब हम 5 लोग ही बचे थे घर में, पूजा अपने किसी दोस्त के यहाँ गयी थी क्यूँ कि उसके भी एग्ज़ॅम कुछ दिनो में थे, सुजाता घर का सब काम देखती थी और ताइजी खेत खलियान और ताउजि को का, दोपेहेर को मेने देखा के ताइजी एक बड़ा सा पोतला जिसमे बोहत सारे कपड़े थे वो लेके खेत की तरफ जा रही थी, मेने उन्हे आवाज़ लगाई तो वो रुक गयी और पूछा क्या है बेटा, मेने कहा ताइजी इतनी धूप में आप कहाँ जा रहे हो, उन्होने कहा बेटा यह सब चदडार और बाकी घर के कुछ कपड़े है वो देने जा रही हूँ, मेने कहा किसे देने जा रही हैं आप, तब ताइजी ने बताया के हमारे पंप हाउस पे एक मजदूर रखा है वो वहीं रहता है अपनी बीवी के साथ, उसी की बीवी को धोने के लिए देने जा रही हूँ, मेरे पास भी कोई काम नही था तो मेने कहा लाओ ताइजी में ले लेता हूँ, मेने ताइजी के हाथ से पोतला ले लिया और उन्हे कहा चलिए, ताइजी मेरे आगे चल रही थी, ताइजी ने ब्लू कलर की सारी और मॅचिंग ब्लाउस पहन रखा था, और गर्मी की वजह से उन्हे बोहत पसीना आरहा था, इससे उनकी वाइट ब्रा भी दिख रही थी, वो मेरे आगे चल रही थी और उनके मटकते हुए चूतड़ देख के मंन कर रहा था उन्हे वहीं चोद दूं, पर में मजबूर था, दोस्तों में जानता हूँ और स्टोरी की तरह मेरी स्टोरी काफ़ी स्लो है पर हक़ीक़त और कल्पना में बोहत फरक होता है, खैर जब हम पंप हाउस पर पोहचे तो वहाँ कोई नही था, ताइजी ने आवाज़ लगाई उस औरत का नाम पार्वती था, पर काफ़ी देर तक जब कोई नही आया.
तभी एक दूसरा मजदूर आया और उसने बताया के भोला और पार्वतीके किसी रिश्तेदार के यहाँ मौत हो गयी है वहाँ गये हैं, कल तक आ जाएँगे, तो मेने ताइजी से पूछा अब घर वापस चले तो उन्होने कहा अब यहाँ तक आ ही गये हैं तो कपड़े धो ही लिए जाए क्या भरोसा यह लोग कल आए के ना आए, उन्होने कहा क्या तू मेरी मदद करेगा मेने तुरंत हां कर दी, फिर ताइजी पंप हाउस में गयी वहाँ से कपड़े धोने का सामान ले आई और हम ट्यूबिवेल के पास चले गये, वहाँ जाते ही ताइजी ने अपनी सारी को थोड़ा उँचा कर उसे कमर में फसा दिया, ताकि उनकी सारी गीली ना हो, उनकी गोरी टांगे देख कर मंन कर रहा था उन्हे छू लूँ और किस करूँ