hotaks444
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चेतावनी ...........दोस्तो ये कहानी समाज के नियमो के खिलाफ है क्योंकि हमारा समाज मा बेटे और भाई बहन और बाप बेटी के रिश्ते को सबसे पवित्र रिश्ता मानता है अतः जिन भाइयो को इन रिश्तो की कहानियाँ पढ़ने से अरुचि होती हो वह ये कहानी ना पढ़े क्योंकि ये कहानी एक पारवारिक सेक्स की कहानी है
raj sharma stories
गन्ने की मिठास--1
Author-RKS
रामू अपनी मस्ती मे चला जा रहा था तभी अपने खेत की खटिया पर बैठे हुए हरिया काका ने उसे आवाज़ दी
हरिया- अरे रामू बेटवा कहा चले जा रहे हो, आजकल तो तुमने मेरे पास आना ही बंद कर दिया,
रामू- अरे काका, ठहरो अभी आ रहा हू,
दोपहर के 2 बज रहे थे रामू अपने गन्नो के खेतो की ओर चला जा रहा था लेकिन उसके खेत से थोड़ी पहले ही हरिया काका का खेत आ जाता था जहाँ हरिया काका ने बहुत सारी हरी सब्जिया लगा रखी थी और दिन रात वह उन सब्जियो की रखवाली के लिए वही पड़ा रहता था, हरिया काका के खेत से थोड़ा आगे ही रामू का गन्नो का खेत था वही रामू ने अपने सोने के लिए एक झोपड़ी बना रखी थी उसी झोपड़ी के भीतर उसने बोरिंग करवा रखी थी,
हरिया उस गाँव का सबसे चुड़क्कड़ आदमी था और ना जाने कितनी औरतो को चोद चुका था आज वह 45 साल का था लेकिन आज भी उसका लंड चोदने के लिए खड़ा ही रहता था, लेकिन हरिया की एक बात यह भी थी कि वह गाँव मे किसी से ज़्यादा बातचीत नही करता था पर ना जाने क्यो हरिया को रामू से कुछ ज़्यादा ही लगाव था, रामू एक 24 साल का हॅटा कॅटा जवान लड़का था और उसकी जिंदगी अपने खेतो से लेकर अपने घर तक ही रहती थी,
इसका कारण यह था कि रामू के बाप को मरे 8 साल हो चुके थे और रामू के घर मे उसकी मा सुधिया और उसकी दो बहने रमिया और निर्मला थी, रमिया रामू से करीब 4 साल छोटी लगभग 20 बरस की जवान लोंड़िया हो चुकी थी लेकिन रमिया को देख कर यही कहेगे कि उसका शरीर तो पूरा भर चुका था लेकिन उसमे अकल बच्चो जैसी ही थी इसलिए उसके घर के खास कर रामू उसे बहुत प्यार करता था, निर्मला करीब 26 साल की एक मस्त औरत की तरह नज़र आने लगी थी लेकिन अभी तक शादी नही हो पाई थी, रामू की मा सुधिया 46 साल की बहुत ही सख़्त औरत थी उसके सामने गाँव का कोई भी ज़्यादा बोलने की हिम्मत नही करता था लेकिन सुधिया को देख कर अछो-अच्चो के लंड खड़े हो जाया करते थे,
जब रामू हरिया काका के पास जाकर बैठ जाता है तो हरिया काका अपनी खत के नीचे से चिलम निकाल कर पीते हुए कहा तो रामू आजकल का चल रहा है तुम तो कुछ दिनो से यहाँ फटकते भी नही हो, का दिन भर घरे मे घुसे रहते हो,
रामू- अरे नही काका घर मे रुकने की फ़ुर्सत कहाँ है, बस यह इतफ़ाक़ है कि मे इधर से जब भी गुज़रता हू तुम नज़र नही आते,
हरिया- चलो कोई बात नही बेटवा, और फिर चिलम का गहरा कस खीच कर रामू को देते हुए, ले बेटा तू भी आज तो लगा ले
रामू- अरे नही काका हम इसे पी लेते है तो फिर काम मे मन नही लगता है
हरिया- मुस्कुराते हुए, पर बेटा इसको पी कर एक काम मे बड़ा मन लगता है
रामू- वो कौन से काम मे
हरिया- मुस्कुराते हुए अरे वही चुदाइ के काम मे
रामू- काका अब अपनी उमर का भी लिहाज करो 45 साल के हो गये हो फिर भी मन नही भरा है
हरिया- अरे बेटवा इन चीज़ो से किसी का कभी मन भरा है भला, अब तुमका देखो इस उमर मे तुमका एक मस्त चूत मिल जाना चाहिए तो तुम्हारे चेहरे पर कुछ निखार आए पर तुम हो की बस काम के बोझ के तले दबे जा रहे हो,
रामू- तो काका चोदने के लिए एक औरत भी तो होना चाहिए अब तुम ही बताओ हम किसे चोदे
हरिया-मुस्कुराते हुए तुम्हारे आस पास बहुत माल है बेटा ज़रा अपनी नज़रो से पहले उन माल को देखो तो सही तुम्हारा मन अपने आप उन्हे चोदने का होने लगेगा,
रामू- अच्छा काका तुम्हारी नज़र मे ऐसी कौन सी औरत है जिसकी में चूत मार सकता हू
हरिया- मुस्कुराते हुए, देखा रामू हम तुमको बहुत मस्त उपाय बता सकते है पर पहले तुमको हमारे साथ दो -चार चिलम मारना पड़ेगी तभी तुमको हमारी बात सुनने मे मज़ा आएगा, अगर तुम्हारा मन हो तो शाम को आ जाना हम तुमको मस्त कर देंगे,
दोनो की बाते चल रही थी तभी हरिया की बेटी जो खेतो मे कुछ काम कर रही थी, हरिया ने उसे आवाज़ देकर कहा
हरिया- अरे चंदा बिटिया ज़रा गिलास मे पानी तो भर कर ले आ बड़ी देर से गला सूख रहा है, चंदा जो कि हरिया की 16 साल की लड़की थी वही एक छोटा सा घाघरा और सफेद शर्ट पहने उठ कर आई और पानी भर कर जैसे ही उसने कहा लो बाबा पानी
हरिया ने जैसे ही उसके हाथ से गिलास लिया चंदा एक दम से चीखते हुए अपनी चूत को घाघरे के उपर से पकड़ कर चिल्लाने लगी, हरिया और रामू एक दम से खड़े हो गये
हरिया- अरी क्या हुआ क्यो चिल्ला रही है
चंदा-आह बाबा लगता है कुछ काट रहा है तभी हरिया ने उसका घाघरा उपर करके नीचे बैठ कर देखने लगा उसके साथ ही रामू भी बैठ कर देखने लगा, चंदा की बिना बालो वाली गोरी गट चिकनी चूत देख कर तो रामू के मुँह मे पानी आ गया वह हरिया अपनी बेटी की चूत को अपने मोटे-मोटे हाथो से खूब उसकी फांके फैला-फैला कर देखने लगा हरिया जैसे ही उसकी फांके फैलता रामू का मोटा लंड तन कर झटके मारने लगता, हरिया उसकी चूत के पास से एक चींटे को पकड़ लेता है जो मसल्ने की वजह से मर चुका था उसके बाद अपनी बेटी को दिखाते हुए देख यह काट रहा था तुझे,
अब जा आराम से काम कर में बाद मे दवा लगा दूँगा,
चंदा को जाते हुए हरिया और रामू देख रहे थे जो कि अपनी मोटी कसी हुई गान्ड मटका कर जा रही थी तभी रामू ने हरिया की ओर देखा जो अपनी धोती के उपर से अपने मोटे लंड को मसलता हुआ काफ़ी देर तक अपनी बेटी को जाते हुए देखता रहा,
फिर उसकी नज़र जब रामू पर पड़ी तो उसने मुस्कुराते हुए अपने लंड से हाथ हटाकर कहने लगा मादर्चोद ने लंड खड़ा कर दिया,
देख ले रामू जब यह चिलम कस कर पी लो ना तब आसपास बस चूत ही चूत नज़र आने लगती है
रामू- पर काका तुम्हारा लंड तो अपनी बिटिया को देख कर ही खड़ा हो गया
हरिया- अरे रामू तूने उसकी चूत नही देखी कितनी चिकनी है और उसका गुलाबी छेद, मेरे मुँह मे तो पानी आ गया और तू कहता है आपका लंड खड़ा हो गया, अरे चूत मे का किसी का नाम लिखा होता है कि यह बेटी की है कि यह मा की, हम तो जब ऐसी गुलाबी और चिकनी चूत देख लेते है तो फिर बिना चोदे नही रह पाते है, अब देखो हमारे इस मूसल को जब तक यह कोई चूत पा ना जाएगा तब तक चैन से बैठेगा नही,
आज शाम को तुम आओ फिर मे तुम्हे ऐसी चिलम पिलाउन्गा कि तुम जिसको भी देखोगे उसे चोदने का मन करेगा समझे,
रामू का मोटा लंड पूरी तरह तन चुका था चंदा की चूत का वह गुलाबी छेद उसे पागल कर गया था और वह भी अब चूत चोदने के लिए पागल हो उठा था, वह यह कह कर चल दिया की वह शाम को उनके पास आएगा और फिर वह वहाँ से चल देता है, आस पास गन्ने के खेत होने की वजह से हरिया की खत जहाँ लगी थी वहाँ से सिर्फ़ उसकी झोपड़ी ही नज़र आती थी बाकी सारे खेत खड़े होने पर ही नज़र आते थे,
रामू चलते-चलते सोचने लगा, कही ऐसा तो नही कि हरिया काका उसके आने के बाद उसकी बेटी के साथ कुछ कर रहा हो और यह सोचते ही रामू का लंड फिर से खड़ा होने लगा था वह चुपचाप दबे पाँव गन्ने के पीछे से छुपता हुआ वहाँ तक आ गया जहाँ से उसे हरिया की खाट नज़र आने लगी थी, और उसने जब वहाँ देखा तो वह देखता ही रह गया,
हरिया काका खाट पर पेर फैलाए लेटा हुआ था और अपने हाथो मे अपना मोटा लंड लेकर उसे मसल रहा था और उसकी नज़रे खेत मे काम कर रही अपनी बेटी चंदा की ओर थी
चंदा बार-बार झुक-झुक कर घास उठा-उठा कर इकट्ठा कर रही थी और हरिया काकी अपनी 16 साल की चिकनी लोंड़िया की उठती जवानी देख-देख कर अपना काला मोटा लंड अपने हाथ से खूब मसल रहा था, उसके बाद हरिया काका ने अपनी चिलम मुँह मे लगाकर जब एक तगड़ा कस मारा तो हरिया काका की आँखे एक दम लाल हो चुकी थी और फिर हरिया काका बैठ कर अपने दोनो परो को फैलाकर अपने मोटे लंड को खूब हिलाते हुए अपनी बेटी चंदा की मोटी गुदाज गान्ड को देखने लगा,
रामू गन्नो के बीच छुपा हुआ हरिया काका को लंड मसल्ते हुए देख रहा था, वैसे चंदा की मटकती गान्ड और कसी जवानी ने उसका भी लंड खड़ा कर दिया था, तभी हरिया काका ने चंदा को आवाज़ दी, अरे बिटिया यहाँ आओ,
चन्दा दौड़ कर अपने बाबा के पास आ कर क्या है बाबा
हरिया- ज़रा दिखा तो बेटी चिंता जहाँ काटा था,
चंदा- पर बाबा चीटा तो निकल गया ना
हरिया-अपने लंड को मसल्ते हुए, अरे बिटिया हमे दिखा तो कहीं सूजन तो नही आ गया,
चंदा-अच्छा बाबा दिखाती हू और चंदा ने अपने बाबा के सामने अपना घाघरा जैसे ही उँचा किया, हरिया ने अपनी बेटी की नंगी गान्ड पर पीछे से हाथ भर कर उसकी मोटी गान्ड को दबोचते हुए जब अपनी बेटी की कुँवारी चूत पर हाथ फेरा तो जहाँ हरिया का लंड झटके मारने लगा वही रामू का मोटा और काला लंड भी उसकी धोती से बाहर आ गया था रामू गन्ने के बीच चुपचाप बैठा था और उसकी धोती के साइड से उसका मोटा और काला लंड जो कि 9 इंच लंबा था बाहर निकल आया था और रामू अपने लंड को सहला कर उन दोनो को देख रहा था,
हरिया-अपनी बेटी की चूत को अपनी मोटी-मोटी उंगलियो से सहलाते हुए, अरे बिटिया इसमे तो बहुत सूजन आ गई है,
चंदा- अपना सर झुका कर अपनी चूत को देखने की कोशिश करती हुई, हा बाबा मुझे भी सूजन लग रही है,
हरिया-अच्छा मे खाट पर लेट जाता हू तू मेरी छाती पर अपने चूतड़ रख कर मुझे ज़रा पास से अपनी चूत दिखा, देखु तो सही सूजन ही है या दर्द भी है,
चंदा- बाबा दर्द तो नही लग रहा है बस थोड़ी खुजली हो रही है,
हरिया- बेटी खुजली के बाद दर्द भी होगा इसलिए पहले ही देखना पड़ेगा कि कही चीटे का जहर तो नही चला गया इसके अंदर,
चंदा अपने बाबा की छाती के दोनो ओर पेर कर लेती है और हरिया अपने घुटनो को मोड़ कर अपनी बेटी के सर को तकिये जैसे सहारा देकर उसकी दोनो मोटी जाँघो को खूब फैला कर उसकी चूत को बिल्कुल करीब से अपने मुँह के पास लाकर देखने लगता है, रामू चंदा की गुलाबी रसीली चूत देख कर पागल हो जाता है, हरिया अपनी बिटिया की गुलाबी चूत की फांको को अपनी मोटी-मोटी उंगलियो से अलग करके उसकी चूत के छेद मे अपनी एक मोटी उंगली पेल देता है और चंदा आह बाबा बहुत दर्द हो रहा है,
हरिया- मे ना कहता था दर्द होगा पर तू सुन कहाँ रही थी अब इसका जाहंर जो अंदर घुस गया है उसको बिना चूसे नही निकाला जा सकता है, तू अपनी चूत को थोड़ा और फैला कर मेरे मुँह मे रख मुझे इसका सारा जाहंर अभी चूस-चूस के निकालना पड़ेगा,
चंदा- अपने बाबा की बात सुन कर अपनी गुलाबी चूत को उठा कर अपने बाबा के मुँह के पास लाती है और हरिया अपनी बेटी की गुलाबी कुँवारी चूत को सूंघ कर मस्त हो जाता है उसका लंड पूरी तरह तना रहता है अपनी बेटी की कच्ची गुलाबी चूत देख कर उसकी आँखे लाल सुर्ख हो जाती है और वह अपनी लपलपाति जीभ अपनी बेटी की चूत मे रख कर उसकी गुलाबी चूत को पागलो की तरह चूसने लगता है और चंदा अपने बाबा के सीने पर अपनी गान्ड इधर उधर मतकते हुए आह बाबा आह बाबा बहुत गुदगुदी हो रही है,
हरिया-बेटी तू बिलिकुल चुपचाप ऐसे ही बैठी रहना मे 10 मिनिट मे सारा जाहंर चूस-चूस कर निकाल दूँगा, फिर हरिया अपनी बेटी की रसीली बुर को खूब ज़ोर-ज़ोर से फैला-फैला कर चूसने लगता है, चंदा की कुँवारी बुर अपने बाबा के मुँह मे पानी छ्चोड़ने लगती है, हरिया खूब ज़ोर-ज़ोर से अपनी बेटी की चूत चूस-चूस कर लाल करने लगता है, कुछ देर बाद
चंदा-हे बाबा मे मर जाउन्गि आह आह ओह बाबा बहुत अच्छा लग रहा है बाबा आह आह बाबा छ्चोड़ दो बाबा मुझे पेशाब लगी है, ओह आ आ
चंदा-बाबा का मुँह पकड़ कर हटाती हुई बाबा छ्चोड़ दो मुझे बहुत ज़ोर से पेशाब लगी है,
हरिया- बेटी यह तुझे पेशाब नही लगी है उस जाहंर के निकलने के कारण तुझे ऐसा लग रहा है जैसे तेरा मूत निकलने वाला है अब अगर ऐसा लगे कि तुझे खूब ज़ोर से पेशाब लगी है तो तू ज़ोर लगा कर यही मेरे मुँह पर कर देना,
चंदा- हाफ्ते हुए पर बाबा आपके मुँह पर मे कैसे मुतुँगी
हरिया- पगली मे कह तो रहा हू तुझे मूत नही आएगा बस तेरे जाहंर निकलने के कारण ऐसा लगेगा कि तुझे पेशाब आ रही है तब अपनी आँखे बंद करके मेरे मुँह मे ही कर देना बाकी सब मे सम्हाल लूँगा,
चंदा- मस्ती से भरपूर लाल चेहरा किए हुए थोड़ा मुस्कुरा कर बाबा अच्छा तो बहुत लग रहा है पर मे तुम्हारे मुँह मे पेशाब कर दूँगी तो बाद मे मुझे डांटना मत.
हरिया- अरे मेरी प्यारी बिटिया मे भला तुझे क्यो डाटूंगा चल अब अपनी चूत अपने दोनो हाथो से फैला कर मेरे मुँह मे रख दे मे बचा हुआ जाहंर भी चूस लू, उसका इतना कहना था कि चंदा ने अपने दोनो हाथो से अपनी छूट की फांको को खूब फैलाकर अपनी रस से भीगी गुलाबी चूत को अपने बाबा के मुँह पर रख दिया और हरिया पागलो की तरह अपनी बेटी की गुलाबी चूत को खूब दबोच-दबोच कर चूसने लगा,
हरिया अपनी बेटी की चूत चूसे जा रहा था और चंदा ओह ओह आह बाबा मे मर जाउन्गा आह आह करने लगती है हरिया जब अपनी जीभ को उसकी गुदा से चाटता हुआ उसकी चूत के उठे हुए दाने तक लाता है तो चंदा बुरी तरह अपनी पूरी चूत खोल कर अपने बाबा के मुँह मे रगड़ने लगती है, हरिया लपलप अपनी बेटी की रसीली बर को खूब ज़ोर-ज़ोर से पीने लगता है और चंदा आह आह करती हुई ओह बाबा ओह बाबा मे गई मे आपके मुँह मे मूत दूँगी बाबा आह आह और फिर चंदा एक दम से अपने पापा के मुँह मे अपनी चूत का सारा वजन रख कर बैठ जाती है और गहरी-गहरी साँसे लेने लगती है,
क्रमशः.............
raj sharma stories
गन्ने की मिठास--1
Author-RKS
रामू अपनी मस्ती मे चला जा रहा था तभी अपने खेत की खटिया पर बैठे हुए हरिया काका ने उसे आवाज़ दी
हरिया- अरे रामू बेटवा कहा चले जा रहे हो, आजकल तो तुमने मेरे पास आना ही बंद कर दिया,
रामू- अरे काका, ठहरो अभी आ रहा हू,
दोपहर के 2 बज रहे थे रामू अपने गन्नो के खेतो की ओर चला जा रहा था लेकिन उसके खेत से थोड़ी पहले ही हरिया काका का खेत आ जाता था जहाँ हरिया काका ने बहुत सारी हरी सब्जिया लगा रखी थी और दिन रात वह उन सब्जियो की रखवाली के लिए वही पड़ा रहता था, हरिया काका के खेत से थोड़ा आगे ही रामू का गन्नो का खेत था वही रामू ने अपने सोने के लिए एक झोपड़ी बना रखी थी उसी झोपड़ी के भीतर उसने बोरिंग करवा रखी थी,
हरिया उस गाँव का सबसे चुड़क्कड़ आदमी था और ना जाने कितनी औरतो को चोद चुका था आज वह 45 साल का था लेकिन आज भी उसका लंड चोदने के लिए खड़ा ही रहता था, लेकिन हरिया की एक बात यह भी थी कि वह गाँव मे किसी से ज़्यादा बातचीत नही करता था पर ना जाने क्यो हरिया को रामू से कुछ ज़्यादा ही लगाव था, रामू एक 24 साल का हॅटा कॅटा जवान लड़का था और उसकी जिंदगी अपने खेतो से लेकर अपने घर तक ही रहती थी,
इसका कारण यह था कि रामू के बाप को मरे 8 साल हो चुके थे और रामू के घर मे उसकी मा सुधिया और उसकी दो बहने रमिया और निर्मला थी, रमिया रामू से करीब 4 साल छोटी लगभग 20 बरस की जवान लोंड़िया हो चुकी थी लेकिन रमिया को देख कर यही कहेगे कि उसका शरीर तो पूरा भर चुका था लेकिन उसमे अकल बच्चो जैसी ही थी इसलिए उसके घर के खास कर रामू उसे बहुत प्यार करता था, निर्मला करीब 26 साल की एक मस्त औरत की तरह नज़र आने लगी थी लेकिन अभी तक शादी नही हो पाई थी, रामू की मा सुधिया 46 साल की बहुत ही सख़्त औरत थी उसके सामने गाँव का कोई भी ज़्यादा बोलने की हिम्मत नही करता था लेकिन सुधिया को देख कर अछो-अच्चो के लंड खड़े हो जाया करते थे,
जब रामू हरिया काका के पास जाकर बैठ जाता है तो हरिया काका अपनी खत के नीचे से चिलम निकाल कर पीते हुए कहा तो रामू आजकल का चल रहा है तुम तो कुछ दिनो से यहाँ फटकते भी नही हो, का दिन भर घरे मे घुसे रहते हो,
रामू- अरे नही काका घर मे रुकने की फ़ुर्सत कहाँ है, बस यह इतफ़ाक़ है कि मे इधर से जब भी गुज़रता हू तुम नज़र नही आते,
हरिया- चलो कोई बात नही बेटवा, और फिर चिलम का गहरा कस खीच कर रामू को देते हुए, ले बेटा तू भी आज तो लगा ले
रामू- अरे नही काका हम इसे पी लेते है तो फिर काम मे मन नही लगता है
हरिया- मुस्कुराते हुए, पर बेटा इसको पी कर एक काम मे बड़ा मन लगता है
रामू- वो कौन से काम मे
हरिया- मुस्कुराते हुए अरे वही चुदाइ के काम मे
रामू- काका अब अपनी उमर का भी लिहाज करो 45 साल के हो गये हो फिर भी मन नही भरा है
हरिया- अरे बेटवा इन चीज़ो से किसी का कभी मन भरा है भला, अब तुमका देखो इस उमर मे तुमका एक मस्त चूत मिल जाना चाहिए तो तुम्हारे चेहरे पर कुछ निखार आए पर तुम हो की बस काम के बोझ के तले दबे जा रहे हो,
रामू- तो काका चोदने के लिए एक औरत भी तो होना चाहिए अब तुम ही बताओ हम किसे चोदे
हरिया-मुस्कुराते हुए तुम्हारे आस पास बहुत माल है बेटा ज़रा अपनी नज़रो से पहले उन माल को देखो तो सही तुम्हारा मन अपने आप उन्हे चोदने का होने लगेगा,
रामू- अच्छा काका तुम्हारी नज़र मे ऐसी कौन सी औरत है जिसकी में चूत मार सकता हू
हरिया- मुस्कुराते हुए, देखा रामू हम तुमको बहुत मस्त उपाय बता सकते है पर पहले तुमको हमारे साथ दो -चार चिलम मारना पड़ेगी तभी तुमको हमारी बात सुनने मे मज़ा आएगा, अगर तुम्हारा मन हो तो शाम को आ जाना हम तुमको मस्त कर देंगे,
दोनो की बाते चल रही थी तभी हरिया की बेटी जो खेतो मे कुछ काम कर रही थी, हरिया ने उसे आवाज़ देकर कहा
हरिया- अरे चंदा बिटिया ज़रा गिलास मे पानी तो भर कर ले आ बड़ी देर से गला सूख रहा है, चंदा जो कि हरिया की 16 साल की लड़की थी वही एक छोटा सा घाघरा और सफेद शर्ट पहने उठ कर आई और पानी भर कर जैसे ही उसने कहा लो बाबा पानी
हरिया ने जैसे ही उसके हाथ से गिलास लिया चंदा एक दम से चीखते हुए अपनी चूत को घाघरे के उपर से पकड़ कर चिल्लाने लगी, हरिया और रामू एक दम से खड़े हो गये
हरिया- अरी क्या हुआ क्यो चिल्ला रही है
चंदा-आह बाबा लगता है कुछ काट रहा है तभी हरिया ने उसका घाघरा उपर करके नीचे बैठ कर देखने लगा उसके साथ ही रामू भी बैठ कर देखने लगा, चंदा की बिना बालो वाली गोरी गट चिकनी चूत देख कर तो रामू के मुँह मे पानी आ गया वह हरिया अपनी बेटी की चूत को अपने मोटे-मोटे हाथो से खूब उसकी फांके फैला-फैला कर देखने लगा हरिया जैसे ही उसकी फांके फैलता रामू का मोटा लंड तन कर झटके मारने लगता, हरिया उसकी चूत के पास से एक चींटे को पकड़ लेता है जो मसल्ने की वजह से मर चुका था उसके बाद अपनी बेटी को दिखाते हुए देख यह काट रहा था तुझे,
अब जा आराम से काम कर में बाद मे दवा लगा दूँगा,
चंदा को जाते हुए हरिया और रामू देख रहे थे जो कि अपनी मोटी कसी हुई गान्ड मटका कर जा रही थी तभी रामू ने हरिया की ओर देखा जो अपनी धोती के उपर से अपने मोटे लंड को मसलता हुआ काफ़ी देर तक अपनी बेटी को जाते हुए देखता रहा,
फिर उसकी नज़र जब रामू पर पड़ी तो उसने मुस्कुराते हुए अपने लंड से हाथ हटाकर कहने लगा मादर्चोद ने लंड खड़ा कर दिया,
देख ले रामू जब यह चिलम कस कर पी लो ना तब आसपास बस चूत ही चूत नज़र आने लगती है
रामू- पर काका तुम्हारा लंड तो अपनी बिटिया को देख कर ही खड़ा हो गया
हरिया- अरे रामू तूने उसकी चूत नही देखी कितनी चिकनी है और उसका गुलाबी छेद, मेरे मुँह मे तो पानी आ गया और तू कहता है आपका लंड खड़ा हो गया, अरे चूत मे का किसी का नाम लिखा होता है कि यह बेटी की है कि यह मा की, हम तो जब ऐसी गुलाबी और चिकनी चूत देख लेते है तो फिर बिना चोदे नही रह पाते है, अब देखो हमारे इस मूसल को जब तक यह कोई चूत पा ना जाएगा तब तक चैन से बैठेगा नही,
आज शाम को तुम आओ फिर मे तुम्हे ऐसी चिलम पिलाउन्गा कि तुम जिसको भी देखोगे उसे चोदने का मन करेगा समझे,
रामू का मोटा लंड पूरी तरह तन चुका था चंदा की चूत का वह गुलाबी छेद उसे पागल कर गया था और वह भी अब चूत चोदने के लिए पागल हो उठा था, वह यह कह कर चल दिया की वह शाम को उनके पास आएगा और फिर वह वहाँ से चल देता है, आस पास गन्ने के खेत होने की वजह से हरिया की खत जहाँ लगी थी वहाँ से सिर्फ़ उसकी झोपड़ी ही नज़र आती थी बाकी सारे खेत खड़े होने पर ही नज़र आते थे,
रामू चलते-चलते सोचने लगा, कही ऐसा तो नही कि हरिया काका उसके आने के बाद उसकी बेटी के साथ कुछ कर रहा हो और यह सोचते ही रामू का लंड फिर से खड़ा होने लगा था वह चुपचाप दबे पाँव गन्ने के पीछे से छुपता हुआ वहाँ तक आ गया जहाँ से उसे हरिया की खाट नज़र आने लगी थी, और उसने जब वहाँ देखा तो वह देखता ही रह गया,
हरिया काका खाट पर पेर फैलाए लेटा हुआ था और अपने हाथो मे अपना मोटा लंड लेकर उसे मसल रहा था और उसकी नज़रे खेत मे काम कर रही अपनी बेटी चंदा की ओर थी
चंदा बार-बार झुक-झुक कर घास उठा-उठा कर इकट्ठा कर रही थी और हरिया काकी अपनी 16 साल की चिकनी लोंड़िया की उठती जवानी देख-देख कर अपना काला मोटा लंड अपने हाथ से खूब मसल रहा था, उसके बाद हरिया काका ने अपनी चिलम मुँह मे लगाकर जब एक तगड़ा कस मारा तो हरिया काका की आँखे एक दम लाल हो चुकी थी और फिर हरिया काका बैठ कर अपने दोनो परो को फैलाकर अपने मोटे लंड को खूब हिलाते हुए अपनी बेटी चंदा की मोटी गुदाज गान्ड को देखने लगा,
रामू गन्नो के बीच छुपा हुआ हरिया काका को लंड मसल्ते हुए देख रहा था, वैसे चंदा की मटकती गान्ड और कसी जवानी ने उसका भी लंड खड़ा कर दिया था, तभी हरिया काका ने चंदा को आवाज़ दी, अरे बिटिया यहाँ आओ,
चन्दा दौड़ कर अपने बाबा के पास आ कर क्या है बाबा
हरिया- ज़रा दिखा तो बेटी चिंता जहाँ काटा था,
चंदा- पर बाबा चीटा तो निकल गया ना
हरिया-अपने लंड को मसल्ते हुए, अरे बिटिया हमे दिखा तो कहीं सूजन तो नही आ गया,
चंदा-अच्छा बाबा दिखाती हू और चंदा ने अपने बाबा के सामने अपना घाघरा जैसे ही उँचा किया, हरिया ने अपनी बेटी की नंगी गान्ड पर पीछे से हाथ भर कर उसकी मोटी गान्ड को दबोचते हुए जब अपनी बेटी की कुँवारी चूत पर हाथ फेरा तो जहाँ हरिया का लंड झटके मारने लगा वही रामू का मोटा और काला लंड भी उसकी धोती से बाहर आ गया था रामू गन्ने के बीच चुपचाप बैठा था और उसकी धोती के साइड से उसका मोटा और काला लंड जो कि 9 इंच लंबा था बाहर निकल आया था और रामू अपने लंड को सहला कर उन दोनो को देख रहा था,
हरिया-अपनी बेटी की चूत को अपनी मोटी-मोटी उंगलियो से सहलाते हुए, अरे बिटिया इसमे तो बहुत सूजन आ गई है,
चंदा- अपना सर झुका कर अपनी चूत को देखने की कोशिश करती हुई, हा बाबा मुझे भी सूजन लग रही है,
हरिया-अच्छा मे खाट पर लेट जाता हू तू मेरी छाती पर अपने चूतड़ रख कर मुझे ज़रा पास से अपनी चूत दिखा, देखु तो सही सूजन ही है या दर्द भी है,
चंदा- बाबा दर्द तो नही लग रहा है बस थोड़ी खुजली हो रही है,
हरिया- बेटी खुजली के बाद दर्द भी होगा इसलिए पहले ही देखना पड़ेगा कि कही चीटे का जहर तो नही चला गया इसके अंदर,
चंदा अपने बाबा की छाती के दोनो ओर पेर कर लेती है और हरिया अपने घुटनो को मोड़ कर अपनी बेटी के सर को तकिये जैसे सहारा देकर उसकी दोनो मोटी जाँघो को खूब फैला कर उसकी चूत को बिल्कुल करीब से अपने मुँह के पास लाकर देखने लगता है, रामू चंदा की गुलाबी रसीली चूत देख कर पागल हो जाता है, हरिया अपनी बिटिया की गुलाबी चूत की फांको को अपनी मोटी-मोटी उंगलियो से अलग करके उसकी चूत के छेद मे अपनी एक मोटी उंगली पेल देता है और चंदा आह बाबा बहुत दर्द हो रहा है,
हरिया- मे ना कहता था दर्द होगा पर तू सुन कहाँ रही थी अब इसका जाहंर जो अंदर घुस गया है उसको बिना चूसे नही निकाला जा सकता है, तू अपनी चूत को थोड़ा और फैला कर मेरे मुँह मे रख मुझे इसका सारा जाहंर अभी चूस-चूस के निकालना पड़ेगा,
चंदा- अपने बाबा की बात सुन कर अपनी गुलाबी चूत को उठा कर अपने बाबा के मुँह के पास लाती है और हरिया अपनी बेटी की गुलाबी कुँवारी चूत को सूंघ कर मस्त हो जाता है उसका लंड पूरी तरह तना रहता है अपनी बेटी की कच्ची गुलाबी चूत देख कर उसकी आँखे लाल सुर्ख हो जाती है और वह अपनी लपलपाति जीभ अपनी बेटी की चूत मे रख कर उसकी गुलाबी चूत को पागलो की तरह चूसने लगता है और चंदा अपने बाबा के सीने पर अपनी गान्ड इधर उधर मतकते हुए आह बाबा आह बाबा बहुत गुदगुदी हो रही है,
हरिया-बेटी तू बिलिकुल चुपचाप ऐसे ही बैठी रहना मे 10 मिनिट मे सारा जाहंर चूस-चूस कर निकाल दूँगा, फिर हरिया अपनी बेटी की रसीली बुर को खूब ज़ोर-ज़ोर से फैला-फैला कर चूसने लगता है, चंदा की कुँवारी बुर अपने बाबा के मुँह मे पानी छ्चोड़ने लगती है, हरिया खूब ज़ोर-ज़ोर से अपनी बेटी की चूत चूस-चूस कर लाल करने लगता है, कुछ देर बाद
चंदा-हे बाबा मे मर जाउन्गि आह आह ओह बाबा बहुत अच्छा लग रहा है बाबा आह आह बाबा छ्चोड़ दो बाबा मुझे पेशाब लगी है, ओह आ आ
चंदा-बाबा का मुँह पकड़ कर हटाती हुई बाबा छ्चोड़ दो मुझे बहुत ज़ोर से पेशाब लगी है,
हरिया- बेटी यह तुझे पेशाब नही लगी है उस जाहंर के निकलने के कारण तुझे ऐसा लग रहा है जैसे तेरा मूत निकलने वाला है अब अगर ऐसा लगे कि तुझे खूब ज़ोर से पेशाब लगी है तो तू ज़ोर लगा कर यही मेरे मुँह पर कर देना,
चंदा- हाफ्ते हुए पर बाबा आपके मुँह पर मे कैसे मुतुँगी
हरिया- पगली मे कह तो रहा हू तुझे मूत नही आएगा बस तेरे जाहंर निकलने के कारण ऐसा लगेगा कि तुझे पेशाब आ रही है तब अपनी आँखे बंद करके मेरे मुँह मे ही कर देना बाकी सब मे सम्हाल लूँगा,
चंदा- मस्ती से भरपूर लाल चेहरा किए हुए थोड़ा मुस्कुरा कर बाबा अच्छा तो बहुत लग रहा है पर मे तुम्हारे मुँह मे पेशाब कर दूँगी तो बाद मे मुझे डांटना मत.
हरिया- अरे मेरी प्यारी बिटिया मे भला तुझे क्यो डाटूंगा चल अब अपनी चूत अपने दोनो हाथो से फैला कर मेरे मुँह मे रख दे मे बचा हुआ जाहंर भी चूस लू, उसका इतना कहना था कि चंदा ने अपने दोनो हाथो से अपनी छूट की फांको को खूब फैलाकर अपनी रस से भीगी गुलाबी चूत को अपने बाबा के मुँह पर रख दिया और हरिया पागलो की तरह अपनी बेटी की गुलाबी चूत को खूब दबोच-दबोच कर चूसने लगा,
हरिया अपनी बेटी की चूत चूसे जा रहा था और चंदा ओह ओह आह बाबा मे मर जाउन्गा आह आह करने लगती है हरिया जब अपनी जीभ को उसकी गुदा से चाटता हुआ उसकी चूत के उठे हुए दाने तक लाता है तो चंदा बुरी तरह अपनी पूरी चूत खोल कर अपने बाबा के मुँह मे रगड़ने लगती है, हरिया लपलप अपनी बेटी की रसीली बर को खूब ज़ोर-ज़ोर से पीने लगता है और चंदा आह आह करती हुई ओह बाबा ओह बाबा मे गई मे आपके मुँह मे मूत दूँगी बाबा आह आह और फिर चंदा एक दम से अपने पापा के मुँह मे अपनी चूत का सारा वजन रख कर बैठ जाती है और गहरी-गहरी साँसे लेने लगती है,
क्रमशः.............