hotaks444
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माया: (अपनी नशीली आंखे खोल लाचारी से बोली) यार अहिस्ता से में तुम दोनों की प्रेमिका हूँ …. जरा प्यार से…दुखेगा यार….
सरोज: दुखेगा क्या इस्ससे तो चिरके फाड़ देना है साली हरामखोर लंड देखा तो चुदने तैयार हो गयी पर मेरी एक न मानी.. मेरी चूत से तुजे क्या कांटे लगने वाले थे? रुक साली रंडी….
माया: यार ऐसा न बोल…. प्लीज मेरी जान जरा दया रख अपनी जानू पर…
सरोज: तो मेरी जान जरा अपनी टाँगे फेला कर थोड़ी ऊँची कर और अपना बदन एकदम ढीला छोड़ चल हम अहिस्तासे करेगे… है न जीजू..!!!!
माया ने तकिये पे ही अपनी टाँगे फैलाई और चूत के फाको को चोडा किया..लाल चटक गीली मुलायम जाटो से ढकी चूत मेरी मौत बन रही दोस्तों..
सरोज ने मुझे माया पैर फेलाकर उसके बिच घुटनों के बल बिठाया, मेरे लंड का सुपाडा उसकी चूत के मुह पे सटा कर…..
सरोज: चल छोटे जीजू….फाड़ दे साली की बुर…..पेल साली को बिना रोके पेल दे….मेरे लला… (उसने मुझे जोर से चूमा और पिछेसे धक्का दिया….).
मेरे मन में उसकी (मायाकी) छोटी सी कसी हूँ ई गुलाबी बुर देख दया आई, मैंने अहिस्ता से अपना लंड उस्क्की गीली बुर के फाको पे दबाया तो वो फ़िसल के साइड में हो गया… और माया आंखे बन्धकर कंपकंपाती अपने दांतों से होंठो को दबाके मेरे लंड के वार की मानो राह देख रही थी. अभी भी आंख बन्धकर अपने होंठो को दबा के मस्त सो रही की सरोज में गर्म चिकने लोहै को चूत के मुह पर फिर से टिकाकर मेरे कुलहो को जोर से धक्का मारा तो मेरा आधा लंड माया की कोमल कसी चिकनी गीली चूत की जिल्ली फाड़ता हूँ आ अन्दर घुस गया… सरोज बड़ी मस्त होते हूँ ए अपने दांतों को पिसते हूँ ए….
सरोज: ठोक साली चुडेल रंडी को… ठोक ठोक इतना ठोक की उसकी बुर का भोसडा हो जाये …..(वो दांतों को पिस कर माया पे जपतने को कह रही थी). साली ने मुझे बहूँ त तडपाया है.
माया: ओह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह मआआआआआआआह्ह्ह में मर गयी सालो…… ओह्ह्हह्ह्ह्ह माँ फाड़ दी ओह्ह्ह्ह स स स स रोज ……. ये क्या किया साली मुझे बोल तो सही … उसके पैर कम्पकापा ने लगे थे. उसकी आँखों में पानी आ गया, वो दर्द के मरे छटपटा रही थी और अपनी बुर से मेरा लंड बहार करने की नाकाम कोसिस करने लगी.. मुझे दया आ गयी. में अपना लंड निकाल रहा था की सरोज और एक जोर धक्क्का मारा और कहा…
सरोज: साले अनाड़ी अब मत निकाल… निकाल के फिर से डाला तो फिर और भी दुखेगा बस्स अब्ब तो हो जायेगा तू इसे घुसेड ही दे…. फाड़ दे साली की चूत…….. बहूँ त गुमान था ना तुजे अपनी चूत पर….. ले साली लेती जा चुद अब्ब….. विकी बनादे इसकी चूत चिर के उसको भी भोसड़ा…दोनो टपके लाल लोहै जैसी हो गयी थी और बापरे माया चूत इतनी गरम थी……….ओह्ह्ह
जैसे आग की भठी….
माया: आह्ह्ह सुरु थोडा दर्द हो रहा है…
सरोज: दुखेगा क्या इस्ससे तो चिरके फाड़ देना है साली हरामखोर लंड देखा तो चुदने तैयार हो गयी पर मेरी एक न मानी.. मेरी चूत से तुजे क्या कांटे लगने वाले थे? रुक साली रंडी….
माया: यार ऐसा न बोल…. प्लीज मेरी जान जरा दया रख अपनी जानू पर…
सरोज: तो मेरी जान जरा अपनी टाँगे फेला कर थोड़ी ऊँची कर और अपना बदन एकदम ढीला छोड़ चल हम अहिस्तासे करेगे… है न जीजू..!!!!
माया ने तकिये पे ही अपनी टाँगे फैलाई और चूत के फाको को चोडा किया..लाल चटक गीली मुलायम जाटो से ढकी चूत मेरी मौत बन रही दोस्तों..
सरोज ने मुझे माया पैर फेलाकर उसके बिच घुटनों के बल बिठाया, मेरे लंड का सुपाडा उसकी चूत के मुह पे सटा कर…..
सरोज: चल छोटे जीजू….फाड़ दे साली की बुर…..पेल साली को बिना रोके पेल दे….मेरे लला… (उसने मुझे जोर से चूमा और पिछेसे धक्का दिया….).
मेरे मन में उसकी (मायाकी) छोटी सी कसी हूँ ई गुलाबी बुर देख दया आई, मैंने अहिस्ता से अपना लंड उस्क्की गीली बुर के फाको पे दबाया तो वो फ़िसल के साइड में हो गया… और माया आंखे बन्धकर कंपकंपाती अपने दांतों से होंठो को दबाके मेरे लंड के वार की मानो राह देख रही थी. अभी भी आंख बन्धकर अपने होंठो को दबा के मस्त सो रही की सरोज में गर्म चिकने लोहै को चूत के मुह पर फिर से टिकाकर मेरे कुलहो को जोर से धक्का मारा तो मेरा आधा लंड माया की कोमल कसी चिकनी गीली चूत की जिल्ली फाड़ता हूँ आ अन्दर घुस गया… सरोज बड़ी मस्त होते हूँ ए अपने दांतों को पिसते हूँ ए….
सरोज: ठोक साली चुडेल रंडी को… ठोक ठोक इतना ठोक की उसकी बुर का भोसडा हो जाये …..(वो दांतों को पिस कर माया पे जपतने को कह रही थी). साली ने मुझे बहूँ त तडपाया है.
माया: ओह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह मआआआआआआआह्ह्ह में मर गयी सालो…… ओह्ह्हह्ह्ह्ह माँ फाड़ दी ओह्ह्ह्ह स स स स रोज ……. ये क्या किया साली मुझे बोल तो सही … उसके पैर कम्पकापा ने लगे थे. उसकी आँखों में पानी आ गया, वो दर्द के मरे छटपटा रही थी और अपनी बुर से मेरा लंड बहार करने की नाकाम कोसिस करने लगी.. मुझे दया आ गयी. में अपना लंड निकाल रहा था की सरोज और एक जोर धक्क्का मारा और कहा…
सरोज: साले अनाड़ी अब मत निकाल… निकाल के फिर से डाला तो फिर और भी दुखेगा बस्स अब्ब तो हो जायेगा तू इसे घुसेड ही दे…. फाड़ दे साली की चूत…….. बहूँ त गुमान था ना तुजे अपनी चूत पर….. ले साली लेती जा चुद अब्ब….. विकी बनादे इसकी चूत चिर के उसको भी भोसड़ा…दोनो टपके लाल लोहै जैसी हो गयी थी और बापरे माया चूत इतनी गरम थी……….ओह्ह्ह
जैसे आग की भठी….
माया: आह्ह्ह सुरु थोडा दर्द हो रहा है…