desiaks
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शुक्रवार (पांचवा दिन)
(सोमिल का कैदखाना)
(मैं शांति उर्फ लक्ष्मी)
यहां आने से पहले मेरे मन में भी इस बात का डर था की जिस व्यक्ति के साथ मुझे रहना था वह किस स्वभाव का होगा। मैंने पैसों के लालच में हा तो कर दिया था पर मैं डरी हुई थी। मैंने इससे पहले एक या दो बार ही अपरिचित मेहमानों से सेक्स किया था। वह भी उम्र में मुझसे काफी बड़े थे। उनके साथ सेक्स कर कर मुझे स्वयं को कोई अनुभूति नहीं हुई थी। मैंने सेक्स का आनंद अपने पुराने बॉयफ्रेंड के साथ ही लिया था जो अब दुबई भाग गया था।
भगवान ने मुझे खूबसूरत और हसीन बनाया था पर मेरी गरीबी ने मुझे ऐसे कार्य करने पर बाध्य किया था। मेरी पढ़ाई अब पूरी हो चुकी थी। पैसों के लालच में मैंने आखरी बार यह कार्य करने के लिए स्वयं को तैयार कर लिया था।
मुझे मेरे भाई ने बताया था जो व्यक्ति यहां आ रहा है वह उस रात सुहागरात मनाने वाला था और उसे उसी अवस्था से किडनैप कर लिया गया है। तुम्हें उसका ख्याल रखना है और उसे अगले कुछ दिनों तक उत्तेजित कर उसका मन लगाए रखना है। यदि तुम उसके साथ संभोग कर लेती हो तो यह तुम्हारी विजय मानी जाएगी। इसके लिए तुम्हें उचित इनाम भी दिया जाएगा। पर तुम्हें यह बात ध्यान रखनी होगी कि वह एक सभ्य इंसान है यदि उसे तनिक भी भ्रम हो गया कि तुम एक कॉल गर्ल हो तो वह तुम्हारे पास भी नहीं आएगा।
यह तुम्हारे ऊपर है कि तुम उसे किस तरह प्रभावित करती हो पर यदि तुमने उसके साथ संभोग कर लिया तो निश्चय ही तुम्हारे ईनाम की राशि बढ़ा दी जाएगी। मैं मन ही मन इस अनोखे चैलेंज को स्वीकार कर चुकी थी। सोमिल सर को देखने के बाद मैं उनकी मर्दानगी की कायल हो गई थी। लंबा चौड़ा शरीर और चेहरे पर आकर्षण एक लड़की को संभोग के लिए जो कुछ भी चाहिए था सोमिल सर में कूट कूट कर भरा था।
मैं उनसे पहली नजर में ही प्रभावित हो गई थी। मुझे मेरे भाई द्वारा दिया गया चैलेंज मेरा खुद का चैलेंज बन गया था। मुझे वियाग्रा की कुछ गोलियां भी दी गई थी जिन्हें निश्चित अंतराल पर मुझे सुनील सर को देना था। मैंने दर्द निवारक दवाओं के साथ उस गोली को भी उन्हें देना शुरू कर दिया था। जिससे उनके लिंग में हमेशा उत्तेजना कायम रहती थी। उनका अंडरवियर हम लोगों ने जानबूझकर हटा दिया था तथा मेरी नाइटी के गायब होने की कहानी भी मैंने स्वयं ही गढ़ ली थी।
उनकी सफेद शर्ट में जब मैं बाहर निकली तो मुझे उनकी उत्तेजना का एहसास हो गया था उनके पजामे से उनके लिंग का आकार स्पष्ट दिखाई पड़ता था। उन्हें उत्तेजित करते-करते मैं स्वयं उत्तेजित होने लगी थी। बीती रात मैंने बिस्तर पर सोते हुए हर जतन किए कि वह मेरी चू** को देखकर मुझसे संभोग का मन बना लें। मैं चाहती थी वह मुझे अपनी बाहों में खींच ले और जी भर कर अपनी और मेरी प्यास बुझाएं। पर वह निहायत ही शरीफ थे। मैंने कुछ सफलता तो अवश्य पाई जब वो मेरे सामने ही हस्तमैथुन कर रहे थे। उनकी आंखें बंद थी पर मैं खुली आंखों से उनके सभ्य और सुसंस्कृत ल** को उनकी हथेलियों में हिलते देख रही थी। मेरी इच्छा हो रही थी कि मैं उसे अपने हाथों में ले लूं और स्वयं उन्हें स्खलित कर दूं पर मुझे सब्र से काम लेना था।
मेरी एक गलती भी उन्हें मेरी हकीकत का एहसास दिला देती और मैं चैलेंज हार जाती। उनके वीर्य की धार जब मेरे स्तनों पर पड़ी तब मुझे अद्भुत एहसास हुआ। मेरी योनि पूरी तरह चिपचिपी हो गई थी। बिस्तर पर बैठे रहने की वजह से उस से निकला प्रेम रस चादर पर अपने निशान बना चुका था। जब वह करवट लेकर सो गए तो मैं बिस्तर से उठी और उस निशान को देख कर मुस्कुराने लगी। मैंने बाथरूम में जाकर अपनी उत्तेजना शांत की और उनके बगल में आकर सो गयी। मेरे पास कुछ ही दिन शेष थे मुझे उनके साथ संभोग करना था यह मेरे लिए चैलेंज कम मेरी दिली इच्छा ज्यादा थी।
आज सुबह नहाने के बाद मुझे उनकी शर्ट उतारने पड़ी। यह शर्ट मेरी कामुकता में चार चांद लगा रही थी। मैं नहाकर नाइटी पहन कर बाहर आ गई। इस नाइटी में मैं चाह कर भी अपने सोमील सर को आकर्षित नहीं कर पा रही थी।
छाया और सीमा के प्रयास
(मैं मानस)
छाया और सीमा ने अपने कॉलेज के दोस्तों और फ्रेंड सर्किल में उस अनजान लड़की की तस्वीरें प्रसारित कर दीं थीं। छाया ने उस फोटो में से सोमिल की फोटो हटाकर सिर्फ उस लड़की की फोटो रखी थी वह समझदार तो थी ही।
हॉस्टल की लड़कियों का नेटवर्क जबरदस्त था। उन्होंने उस खूबसूरत लड़की की तस्वीर अपने सभी फ्रेंड्स को भेज दी यह सिलसिला चलता गया और अंततः हमें यह मालूम चल चुका था कि वह लड़की लक्ष्मी थी जो होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर चुकी थी। वह पैसों के लिए कभी-कभी वह हाई प्रोफाइल कॉल गर्ल बन कर कामुक गतिविधियां भी किया करती थी।
हमें जबरदस्त सफलता हाथ लगी थी छाया और सीमा अपनी इस सफलता से खुश थे। हमें सोमिल जल्द ही मिलने वाला था।
(सोमिल का कैदखाना)
(मैं शांति उर्फ लक्ष्मी)
यहां आने से पहले मेरे मन में भी इस बात का डर था की जिस व्यक्ति के साथ मुझे रहना था वह किस स्वभाव का होगा। मैंने पैसों के लालच में हा तो कर दिया था पर मैं डरी हुई थी। मैंने इससे पहले एक या दो बार ही अपरिचित मेहमानों से सेक्स किया था। वह भी उम्र में मुझसे काफी बड़े थे। उनके साथ सेक्स कर कर मुझे स्वयं को कोई अनुभूति नहीं हुई थी। मैंने सेक्स का आनंद अपने पुराने बॉयफ्रेंड के साथ ही लिया था जो अब दुबई भाग गया था।
भगवान ने मुझे खूबसूरत और हसीन बनाया था पर मेरी गरीबी ने मुझे ऐसे कार्य करने पर बाध्य किया था। मेरी पढ़ाई अब पूरी हो चुकी थी। पैसों के लालच में मैंने आखरी बार यह कार्य करने के लिए स्वयं को तैयार कर लिया था।
मुझे मेरे भाई ने बताया था जो व्यक्ति यहां आ रहा है वह उस रात सुहागरात मनाने वाला था और उसे उसी अवस्था से किडनैप कर लिया गया है। तुम्हें उसका ख्याल रखना है और उसे अगले कुछ दिनों तक उत्तेजित कर उसका मन लगाए रखना है। यदि तुम उसके साथ संभोग कर लेती हो तो यह तुम्हारी विजय मानी जाएगी। इसके लिए तुम्हें उचित इनाम भी दिया जाएगा। पर तुम्हें यह बात ध्यान रखनी होगी कि वह एक सभ्य इंसान है यदि उसे तनिक भी भ्रम हो गया कि तुम एक कॉल गर्ल हो तो वह तुम्हारे पास भी नहीं आएगा।
यह तुम्हारे ऊपर है कि तुम उसे किस तरह प्रभावित करती हो पर यदि तुमने उसके साथ संभोग कर लिया तो निश्चय ही तुम्हारे ईनाम की राशि बढ़ा दी जाएगी। मैं मन ही मन इस अनोखे चैलेंज को स्वीकार कर चुकी थी। सोमिल सर को देखने के बाद मैं उनकी मर्दानगी की कायल हो गई थी। लंबा चौड़ा शरीर और चेहरे पर आकर्षण एक लड़की को संभोग के लिए जो कुछ भी चाहिए था सोमिल सर में कूट कूट कर भरा था।
मैं उनसे पहली नजर में ही प्रभावित हो गई थी। मुझे मेरे भाई द्वारा दिया गया चैलेंज मेरा खुद का चैलेंज बन गया था। मुझे वियाग्रा की कुछ गोलियां भी दी गई थी जिन्हें निश्चित अंतराल पर मुझे सुनील सर को देना था। मैंने दर्द निवारक दवाओं के साथ उस गोली को भी उन्हें देना शुरू कर दिया था। जिससे उनके लिंग में हमेशा उत्तेजना कायम रहती थी। उनका अंडरवियर हम लोगों ने जानबूझकर हटा दिया था तथा मेरी नाइटी के गायब होने की कहानी भी मैंने स्वयं ही गढ़ ली थी।
उनकी सफेद शर्ट में जब मैं बाहर निकली तो मुझे उनकी उत्तेजना का एहसास हो गया था उनके पजामे से उनके लिंग का आकार स्पष्ट दिखाई पड़ता था। उन्हें उत्तेजित करते-करते मैं स्वयं उत्तेजित होने लगी थी। बीती रात मैंने बिस्तर पर सोते हुए हर जतन किए कि वह मेरी चू** को देखकर मुझसे संभोग का मन बना लें। मैं चाहती थी वह मुझे अपनी बाहों में खींच ले और जी भर कर अपनी और मेरी प्यास बुझाएं। पर वह निहायत ही शरीफ थे। मैंने कुछ सफलता तो अवश्य पाई जब वो मेरे सामने ही हस्तमैथुन कर रहे थे। उनकी आंखें बंद थी पर मैं खुली आंखों से उनके सभ्य और सुसंस्कृत ल** को उनकी हथेलियों में हिलते देख रही थी। मेरी इच्छा हो रही थी कि मैं उसे अपने हाथों में ले लूं और स्वयं उन्हें स्खलित कर दूं पर मुझे सब्र से काम लेना था।
मेरी एक गलती भी उन्हें मेरी हकीकत का एहसास दिला देती और मैं चैलेंज हार जाती। उनके वीर्य की धार जब मेरे स्तनों पर पड़ी तब मुझे अद्भुत एहसास हुआ। मेरी योनि पूरी तरह चिपचिपी हो गई थी। बिस्तर पर बैठे रहने की वजह से उस से निकला प्रेम रस चादर पर अपने निशान बना चुका था। जब वह करवट लेकर सो गए तो मैं बिस्तर से उठी और उस निशान को देख कर मुस्कुराने लगी। मैंने बाथरूम में जाकर अपनी उत्तेजना शांत की और उनके बगल में आकर सो गयी। मेरे पास कुछ ही दिन शेष थे मुझे उनके साथ संभोग करना था यह मेरे लिए चैलेंज कम मेरी दिली इच्छा ज्यादा थी।
आज सुबह नहाने के बाद मुझे उनकी शर्ट उतारने पड़ी। यह शर्ट मेरी कामुकता में चार चांद लगा रही थी। मैं नहाकर नाइटी पहन कर बाहर आ गई। इस नाइटी में मैं चाह कर भी अपने सोमील सर को आकर्षित नहीं कर पा रही थी।
छाया और सीमा के प्रयास
(मैं मानस)
छाया और सीमा ने अपने कॉलेज के दोस्तों और फ्रेंड सर्किल में उस अनजान लड़की की तस्वीरें प्रसारित कर दीं थीं। छाया ने उस फोटो में से सोमिल की फोटो हटाकर सिर्फ उस लड़की की फोटो रखी थी वह समझदार तो थी ही।
हॉस्टल की लड़कियों का नेटवर्क जबरदस्त था। उन्होंने उस खूबसूरत लड़की की तस्वीर अपने सभी फ्रेंड्स को भेज दी यह सिलसिला चलता गया और अंततः हमें यह मालूम चल चुका था कि वह लड़की लक्ष्मी थी जो होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर चुकी थी। वह पैसों के लिए कभी-कभी वह हाई प्रोफाइल कॉल गर्ल बन कर कामुक गतिविधियां भी किया करती थी।
हमें जबरदस्त सफलता हाथ लगी थी छाया और सीमा अपनी इस सफलता से खुश थे। हमें सोमिल जल्द ही मिलने वाला था।