desiaks
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नागिन के कारनामें (इच्छाधारी नागिन )
आर्केस्ट्रा की मस्ती भरी धुन पूरे हाल में लहरा रही थी।
लाल और गुलाबी रंग की थिरकती रोशन किरणें खून सी हल्की-हल्की फौहार का सा दृश्य बना कर पेश कर रही थीं। हॉल में बीचों-बीच कुछ जोड़े डांस में मस्त थे।
आज भी दिन भर काम में व्यस्त रहने से राज बहुत थक गया था। हॉल के दरवाजे पर पहुंचकर वो कुछ क्षण के लिए ठिठक गया और उसने पैना करती हुई निगाह हॉल में डाली।
दमकते चेहरों वाले मर्दो के कहकहे और कमसिन औरतों के चेहरों पर बरसते चुम्बनों की आवाजों ने माहौल बड़ा स्वप्निल और सैक्सी बना रखा था। रंगीन, खूबसूरत तितलियों जैसी लड़कियां। हर तरफ जिन्दगी का उल्लास नाच रहा था।
पैन करती हुई राज की निगाह एक मेज पर पड़ी तो वहीं ठिठक गई। उसे ऐसा लगा जैसे कोई बिजली का नंगा तार उसे छू गया हो। एक झटका सा उसके जिस्म में ठण्डी लहरें दौड़ने लगीं।
उस मेज पर राज का सबसे करीबी और प्यारा दोस्त सतीश बैठा हुआ था और उसके साथ....उसके साथ ज्योति बैठी हुई थी। वही ज्योति, जिसे देख कर ही क्या उसकी कल्पना करके भी राज की रूह तक कांप जाती थी और सहम जाता था और उसके छक्के छूट जाते थे। वो राज के हिसाब से बहुत ज्यादा खतरनाक औरत थी।
जय से राज की मुलाकात पिछले साल ब्लू हैवन क्लब में हुई थी। करीब तीस साल की गुराज बदन वाली ज्योति। चेहरा भी बहुत हसीना था। मगर उसकी शख्सियत में जो सबसे आकर्षक चीज थी, वो थीं उसकी आंखें। जादू भरे नैन, जिनमें न जाने कौन सा ऐसा आकर्षण था कि उस पे निगाह पड़ते ही इन्सान का दिमाग सुन्न होने लगता था।
ज्योति की निगाहों दिल और जिगर को पार करके इन्सान के वजूद की गहराई तक उतर जाती थीं। ऐसा लगता था जैसे कोई अदृश्य शक्ति इन्सान को खींच कर उसकी तरफ ले जा रही हो दिल को।
पहली बार राज जब ज्योति से मिला था तो उसने काले रंग की साही और ब्लाऊज पहन रखा था। उसके गुलाबी रंग पर वह लिबास बहुत मोहक लग रहा था।
राज को ज्योति के पूर वजूद में जादुई आंखों के अलावा जिस चीज ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया था, वो था उसके गले में लिपटा हुआ नेकलेस। उसकी सुराहीदार गर्दन में सांप की डिजाइन का हार पड़ा हुआ था-किसी बहुत ही दक्ष कलाकार ने यह सांप जैसा हार बनाया लगता था, सांप की आंखों की जगह
दो कीमती और चमकते हुए नीलम जड़े हुए थे। दूर से देखने पर ऐसा लगता था जैसे जिन्दा सांप उसकी गर्दन से लिपटा हुआ हो।
राज सांपों से डरने वाला शख्स नहीं था, उसने जिन्दगी में कई खतरनाक सांप पकड़े थे। बरसों के सांपों के जहरों पर शोध और प्रयोग करता रहा था।
लेकिन ज्योति के गले में सांप जैसा वो हर देखकर वो भांप सा गया। पहली मुलाकात में जब एक दोस्त ने राज का परिचय ज्योति से करवाया था तो हाथ मिलाते हुए उसे ऐसा खौफ महसूस हुआ था जैसे ज्योति के गले में लिपटा हुआ सांप उसके हाथ में इस लेगा।
शायद यही वजह थी कि जब उसने ज्योति के नर्म और मुलायम हाथ से हाथ निकाल कर अपने माथे पर फेरा था तो उसे पता चला था कि वह पसीने से तर हो चुका था। हालांकि मौसम गर्म नहीं था।
उसी दिन ब्लू हैवन से निकलने के बाद एक दोस्त ने राज को ज्योति की खूबियों के बारे में बताया था। उसने बताया था कि ज्योति छः साल के पीरियड में चार बार विधवा हो चुकी है, फिर भी हर वक्त प्रसन्न और प्रफुल्ल रहती है। हर पति की मौत के बाद उसका रूप और ज्यादा निखर आता है। और यौवन उफान पर आ जाता है। और वर्तमान में वो शहर के एक जाने-माने शख्स की पत्नी है।
ये बातें सुनकर राज के बदन में फिर सनसनी की लहर दौड़ गई थी और उसके दिल में एक ही ख्याल आया था, क्या ज्योति के चारों पूर्व पति स्वाभाविक मौत मरे हैं? यही सवाल उसने अपने दोस्त से पूछ भी लिया था। उसके दोस्त ने बड़े यकीन से जवाब में कहा था
"जहां तक मेरी जानकारी है, ज्योति के चारों पति स्वाभाविक मौत मरे थे। अस्पताल में जय गुप्ता के इलाज में उन्होंने दम तोड़ा था।"