- Joined
- Dec 5, 2013
- Messages
- 11,406
तीन दिन बाद शादी की तो अब शादी के घर जैसे कहानी होनी चाहिए
थोड़ी बड़ी
हम तीनो बैठी थी
तो और भी रिलेटिव आ गई और बात करने लगी
और बात करते करते 11 बज गये
पर राज अभी तक नही आया था
और मेरी नज़र गाते पर ही थी
थोड़ी देर बाद राज आ गया और उमेश भी
उमेश बाकी लोगो से साथ बैठ गये और राज सीथे मेरे पास आया
राज: माँ भूक लगी है बहुत तेज
मे:' चलो खाना देती हूँ
प्रीति : ये बात हम से भी बोल सकता था
राज: हाँ पर पहले मेरी माँ बुआ जी
और मे उसको ले कर किचन मे आ गई
जैसे ही किचन मे आई राज ने मेरे चुतड़ों पर थप्पड़ मार दिया
मे: अकेले मिलते ही बदमाशी शुरू
राज' आप को तो जब मन करे छेड़ दूं मेरी जान
और एक थप्पड़ मार दिया
मे खाना लगाने लगी
राज: कौन से कच्छी पहनी है मेरी जान
मे: रेड वाली और ब्लॅक पैंटी
राज: तो आज ज़रा कॅट वॉक करके दिखा दो
मे': अब ये क्या है
राज: सिर्फ़ पैंटी ब्रा मे चल कर दिखाना जैसे मॉडेल्स दिखाती है
मे: ये सब अपनी बुआ और चाची से करवाना
राज: पर मुझे आप की मस्त गान्ड देखनी है
मे: तो देखो ना राजा और अपने दोनो बट पीछे निकाल दिए
तभी किचन में कोई और भी आ गया
इस वजह से बात पूरी नही हुई और राज के साथ बाहर आ गई और राज खाना खाने लगा.
और उमेश बता रहे थे कि कैसे क्या करना है.
और मे राज के खाना ख़तम होने का वेट कर रही थी
क्यूँ कि और सेफ रिश्ते दार सो चुके थे कुछ हे बाकी थे
खाना ख़तम करने के बाद मे राज रूपा प्रीति
रूम मे आ गये और अंदर से गाते बंद कर दिया
जिस से कोई डिस्टर्ब ना करे
रूम मे आने के बाद अंदर के दरवाजा बंद कर दिया
तभी राज ने मुझे बाथरूम चलने को कहा
मे समझ गई कि राज को सूसू जाना है
मे उसके साथ चल दी
अंदर आ कर राज ने अपने कपड़े उतार दिए सिर्फ़ अंडरवेर को छोड़ कर
और मे उसके लंड को उसके अंडरवेर मे से निकाल कर
सूसू कराने लगी
राज: माँ आप बिना बोले समझ गई
मे: मे नही समझूंगी तो कौन समझेगा
और सूसू की धार से दीवार पर डिज़ाइन बनाने लगी
राज: माँ आप को डिज़ाइन बनाना पसंद है
मे: नही पर तुम्हारी सूसू की धार से पसंद है
और राज को बाथरूम करा कर उसके लंड के टोपे को चाट लिया
मे: उूउउंमह क्या टेस्ट है जान तुम्हारे मूत का
राज: आप भी चखा दो अपना मूत
मे: आ नही रहा जान
और हम रूम मे जाने को मुड़े तो सामने प्रीति और रूपा खड़ी थी
और हम दोनो माँ बेटे की देख रही थी
जैसे पूछ रही हो क्या था ये
मे: बचपन मे जब मे इसको नंगा करके सूसू करा सकती हू तो अब क्यूँ नही
रूपा: हाँ पर सूसू को चाटना
मे: अच्छा लगता है ये भी मेरा चाटता है
प्रीति: बड़ा किकी है
रूपा: मतलब
प्रीति : कुछ अलग हट कर ,जैसे माँ बेटा का सेक्स करना
माँ का बेटा का मूत पीना और बहुत कुछ
मे: बाहर चलें या सब बात यही करनी है
थोड़ी बड़ी
हम तीनो बैठी थी
तो और भी रिलेटिव आ गई और बात करने लगी
और बात करते करते 11 बज गये
पर राज अभी तक नही आया था
और मेरी नज़र गाते पर ही थी
थोड़ी देर बाद राज आ गया और उमेश भी
उमेश बाकी लोगो से साथ बैठ गये और राज सीथे मेरे पास आया
राज: माँ भूक लगी है बहुत तेज
मे:' चलो खाना देती हूँ
प्रीति : ये बात हम से भी बोल सकता था
राज: हाँ पर पहले मेरी माँ बुआ जी
और मे उसको ले कर किचन मे आ गई
जैसे ही किचन मे आई राज ने मेरे चुतड़ों पर थप्पड़ मार दिया
मे: अकेले मिलते ही बदमाशी शुरू
राज' आप को तो जब मन करे छेड़ दूं मेरी जान
और एक थप्पड़ मार दिया
मे खाना लगाने लगी
राज: कौन से कच्छी पहनी है मेरी जान
मे: रेड वाली और ब्लॅक पैंटी
राज: तो आज ज़रा कॅट वॉक करके दिखा दो
मे': अब ये क्या है
राज: सिर्फ़ पैंटी ब्रा मे चल कर दिखाना जैसे मॉडेल्स दिखाती है
मे: ये सब अपनी बुआ और चाची से करवाना
राज: पर मुझे आप की मस्त गान्ड देखनी है
मे: तो देखो ना राजा और अपने दोनो बट पीछे निकाल दिए
तभी किचन में कोई और भी आ गया
इस वजह से बात पूरी नही हुई और राज के साथ बाहर आ गई और राज खाना खाने लगा.
और उमेश बता रहे थे कि कैसे क्या करना है.
और मे राज के खाना ख़तम होने का वेट कर रही थी
क्यूँ कि और सेफ रिश्ते दार सो चुके थे कुछ हे बाकी थे
खाना ख़तम करने के बाद मे राज रूपा प्रीति
रूम मे आ गये और अंदर से गाते बंद कर दिया
जिस से कोई डिस्टर्ब ना करे
रूम मे आने के बाद अंदर के दरवाजा बंद कर दिया
तभी राज ने मुझे बाथरूम चलने को कहा
मे समझ गई कि राज को सूसू जाना है
मे उसके साथ चल दी
अंदर आ कर राज ने अपने कपड़े उतार दिए सिर्फ़ अंडरवेर को छोड़ कर
और मे उसके लंड को उसके अंडरवेर मे से निकाल कर
सूसू कराने लगी
राज: माँ आप बिना बोले समझ गई
मे: मे नही समझूंगी तो कौन समझेगा
और सूसू की धार से दीवार पर डिज़ाइन बनाने लगी
राज: माँ आप को डिज़ाइन बनाना पसंद है
मे: नही पर तुम्हारी सूसू की धार से पसंद है
और राज को बाथरूम करा कर उसके लंड के टोपे को चाट लिया
मे: उूउउंमह क्या टेस्ट है जान तुम्हारे मूत का
राज: आप भी चखा दो अपना मूत
मे: आ नही रहा जान
और हम रूम मे जाने को मुड़े तो सामने प्रीति और रूपा खड़ी थी
और हम दोनो माँ बेटे की देख रही थी
जैसे पूछ रही हो क्या था ये
मे: बचपन मे जब मे इसको नंगा करके सूसू करा सकती हू तो अब क्यूँ नही
रूपा: हाँ पर सूसू को चाटना
मे: अच्छा लगता है ये भी मेरा चाटता है
प्रीति: बड़ा किकी है
रूपा: मतलब
प्रीति : कुछ अलग हट कर ,जैसे माँ बेटा का सेक्स करना
माँ का बेटा का मूत पीना और बहुत कुछ
मे: बाहर चलें या सब बात यही करनी है