XXX kahani नाजायज़ रिश्ता : ज़रूरत या कमज़ोरी - Page 11 - SexBaba
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XXX kahani नाजायज़ रिश्ता : ज़रूरत या कमज़ोरी

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राज ने हम.दोनो को और हम ने राज को खूब मल मल कर नहलाया

नहाने के बाद हम.तीनो बेड पर आ गये
और तीनो बेड पर लेट गये

नेहा: माँ मुझे भाई का लंड चूसना है

मे: राज से पूछ लो जो ये बोले वही करो

नेहा: भाई चूस लूँ

राज: उस दिन मूह मे तो आया नही था

नेहा: कोशिश करती हूँ जब मूह मे नही ले पाउन्गी तो चूत और गान्ड मे कैसे लूँगी इस को

राज: दट'स माइ गर्ल कम ऑन
और राज हम दोनो के बीच मे लेट गया मे राज के बगल मे उसके सीने पर सिर रख कर लेट गई
और नेहा राज की टॅंगो के बीच मे बैठ कर राज के लंड को पकड़ कर सहलाने लगी

तभी राज ने मेरे मूह को अपने निपल पर रख दिया

मे उसकी आँखों मे देखते हुए जैसे पूछ रही थी कि क्या करूँ

राज: अपने निपल बहुत चुस्वा लिए अब ज़रा अपने बेटे के चूस कर दिखाओ जान

मे: माइ प्लेषर डार्लिंग बोल कर राज के छोटे से निपल को चूसने लगी और नीचे नेहा पूरी ताक़त लगा कर राज टोपे को मूह मे ले पाई और चाटने और चूसने लगी

काफ़ी देर तक नेहा राज के लंड को चुस्ती रही पर राज का पानी नही निकाल पाई
और मे राज के निपल को चूस रही थी

राज: माँ अपनी बेटी की हेल्प करो ना

मे: ओके जान
और मे उठकर राज की टाँगो के पास आ गई
और नेहा के हाथ से लंड ले कर चूसने लगी

नेहा: माँ आप क्यूँ

राज: दी आप मेरे पास आओ
और नेहा राज के पास आ गई

नेहा': मे तुम्हारा लंड ठीक से चूस नही पाई ना

राज: स्टार्टिंग मे ठीक है अब ज़रा अपनी चूत चखा दो

नेहा: पर कैसे

राज: मेरे सीने पे बैठ जाओ दोनो तरफ टाँगे करके
और अपनी चूत को मेरे मूह पर रखो

और नेहा के बैठने के बाद राज अपनी जीब निकाल कर नेहा की चूत चाटना लगा

नेहा: आआहह भाई चूसो ऐसे ही वाह मज़ा आ गया आज तो माँ भाई देखो मेरी चूत चूस रहे है
एयाया माआआआअ आआहह करीब 10 मिनिट की नॉनस्टॉप चुसाइ के बाद नेहा राज के मूह मे झड गई


फिर राज ने नेहा को हटा कर मुझे अपने नीचे लिया और मेरी चूत मे लंड डाल कर मुझे चोदने लगा
नेहा हम दोनो की चुदाई देख रही थी

मे: क्या देख रही है मेरी बेटी

नेहा: आप को मज़े लेते हुए
काश मे भी ले पाती

मे: आआहह ले लेना बेटी अभी तुम्हारी उमर ही क्या है और वैसे भी कुछ दिनो बाद तुम दो दो लंड लेने वाली हो

नेहा: कैसे माँ

मे: एक तो राज का और उसके बाद अपने होने वाले पति का


नेहा: नही माँ मुझे राज का चाहिए ना की पति का क्यूँ कि मुझे पता है कि राज के जैसा लंड नही होगा मेरे पति का और ना राज की तरह मुझे मज़े दे पाएगा

मे: ओके बाबा राज के लंड से चुद लेना पर अभी मुझे चुदने दो देख तेरा भाई कैसे चोद रहा है अपनी माँ को आआहह सीईईई आआआ माआआआअ आआहह सीईईई धीरे राज आराम से बेटा आआहह सीईईई उूुुउउइइफफफफफफफफफफ्फ़ राज मेरा छूटने वाला है जाअँ उूुुुउऊः माआआआअ मररर्र्र्ररर गई माआआआअ और मे झड़ने लगी
और साथ ही राज का पानी भी नीईकल गया क्यूँ कि काफ़ी देर से मे और नेहा उसका लंड चूस रहे थे
 
जब राज का पानी निकल गया तो थोड़ी देर बाद हम दोनो अपने रूम मे आ गये

अगले दिन फिर वही शादी के काम भी बिज़ी थे पर कुछ टाइम हम दोनो माँ बेटा निकाल लेते थे
पर चुदाई नही हो पाई दिन मे और जब रात को मौका मिला तो नेहा साथ होती इस की वजह से उतना खुल के राज से नही चुद पाती थी जितना अकेले मे इसी तरह 7 दिन और बीत गये

और आज से शादी को 5 दिन रह गये थे और आज से मेहमान आना शुरू हो गये और वो मेहमान कोई और नही मेरे पति के छोटे भाई थे वित फॅमिली इंट्रो दे ही दिया था

मेरी देवरानी रूपा उसकी बेटी सोनी और उसके हज़्बेंड यानी मेरे पति के छोटे भाई

इन तीनो को नेहा का रूम दे दिया और हम ने डिसाइड किया था कि शादी तक हम पूरी फॅमिली मेरे रूम मे रहेंगे और ये आइडिया राज का था जिस से वो हम माँ बेटी के साथ मज़े ले सके

क्यूँ कि उमेश तो ड्रिंक कर के सो जाते है फिर राज मेरे और नेहा के साथ मज़े ले सकता है
और उसी दिन मेरी ननद भी आ गई यानी प्रीति मेरे बेटे की एक और जुगाड़ मतलब जिसका राज दीवाना है
और जब वो आई तो मे राज को छेड़ते हुए

मे: आ गई तुम्हारी सेट्टिंग

राज: वो तो आप को करवानी पड़ेगी मेरे से नही होगा

मे: मे हूँ बेटा मे करवा दूँगी नोट टू वरी पर मुझे भूल मत जाना

राज: कभी नही आपके लिए तो मे हूँ माँ

मे: थॅंक्स बेटा

और प्रीति की फॅमिली को राज का रूम दे दिया

प्रीति और उसके हज़्बेंड आए थे

तो आज की सेट्टिंग ऐसी थी कि प्रीति आंड फॅमिली राज के रूम मे

रूपा आंड फॅमिली नेहा के रूम मे

और हम मेरे रूम मे

पर जब रात की हम सब ने डिन्नर कर लिया उसके बाद

प्रीति: भाभी मे आप के साथ सोउंगी क्यूँ कि काफ़ी दिन हो गये है आप से बात करे हुए

मे: जैसी आप की मर्ज़ी दीदी

और मे राज़ी इस लिए हो गई क्यूँ कि ये राज भी चाहता था कि प्रीति हमारे साथ सोए जिस से उसे प्रीति को पटाने मे ईज़ी हो
और उमेश को राज के रूम मे भेज दिया क्यूँ कि प्रीति के हज़्बेंड भी ड्रिंक करते थे तो दोनो पार्ट्नर्स राज के रूम मे
और जब हम सब रूम मे आ गये तो सोने की प्लानिंग करने लगे

प्रीति::भाभी नीचे गद्दे लगा लो सब नीचे सो जाएँगे बेड पर सब नही आएँगे

और ऐसा ही किया और सेट्टिंग ऐसी हुए कि पहले मे फिर प्रीति फिर राज और फिर नेहा क्यूँ कि नेहा राज से साथ लेटना चाहती थी और राज प्रीति के साथ मैने अपने आप को सम्हाल लिया आज नही तो कल राज ने आना मेरे पास ही है
और प्रीति को कैसे पटाना है इसकी प्लानिंग मैने और राज ने पहले हे कर ली थी

क्यूँ कि आप को पता होगा कि हिन्दुस्तान की 20 पर्सेंट लड़किया या लॅडीस किसी ना किसी की शादी मे ही पट ती थी
जैसे कि अब प्रीति के साथ होना था और हर लॅडीस का कोई ना कोई वीक पॉइंट होता है और प्रीति का मुझे पता था वो था उसके बूब्स.
और हमारी प्लानिंग थी राज सोते मे प्रीति को सिड्यूस करेगा.
 
"दीपा, तुम्हें देख कर जाने मन में क्या क्या होने लगता है, ऐसा लगता है कि तुम्हें प्यार कर लूँ, चूम लूँ..." मैंने अपने होंठों पर जीभ फ़ेर कर अपनी मन की बता दी। मेरे गीले होंठ देख कर भाभी ने भी अपने होंठ थूक से गीले कर लिये और मेरे पर धीरे से झुक गई और इतने नजदीक आ गई कि उसकी गरम सांसें मेरे चेहरे से टकराने लगी।

"गीले होंठ बहुत रसीले होते हैं, एक बार और गीले कर लो !"भाभी ने अपना रस भरा अनुभव बताया।

मैंने अपने होंठ फिर से गीले कर लिये और भाभी ने अपने गीले होंठ मेरे होठों से लगा दिये और मेरा ऊपर का होंठ अपने होंठों से चूसने लगी। इतने नरम और थरथराते होंठ मुझे असीम सुख दे रहे थे। मैं पहली बार गीले नरम होंठों का स्पर्श इतनी मधुरता के साथ महसूस कर रहा था। धीरे धीरे भाभी ने अपनी जीभ भी मेरे मुख में डाल दी। भाभी की एक एक हरकत मुझे वासना की पीड़ा दे रही थी। वो अब मेरे होंठों को बेतहाशा पीने लगी थी। जब वो उठी तो उनकी आंखे वासना से सुर्ख हो गई थी। पर मेरी हिम्मत अब भी उनके स्तनों को दबाने की नहीं हो रही थी।

"बबुआ, कैसा लगा ... दिल की मुराद पूरी हुई या नहीं ?" भाभी ने मुझे मुस्कराते हुये पूछा।

मैं शरमा गया। मेरी आंखें झुक गई।

"मेरे भोले देवर, तू तो बुद्धू ही रहेगा !" और वो हंस दी।

इन सभी प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद मुझे ध्यान ही नहीं रहा कि मेरा लण्ड बेहद कड़ा हो चुका था और पजामे में तम्बू जैसा तना हुआ था। भाभी ने मेरा कड़क लण्ड देखा तो उसके मुख से आह निकल गई। वो उठ कर चल दी। आज तो भाभी का मन बाग बाग हो रहा था। रात को भी भाभी ने मुझे खाने के बाद मिठाई भी खिलाई, फिर मेरा चुम्मा भी लिया। अब मेरे दिल में भाभी के शरीर की सम्पूर्ण रचना बस गई थी। रह रह कर मुझे भाभी को चोदने को चोदने का मन करने लगा था। कल्पना में भाभी की रस भरी चूत को देखता, उनके भरी हुई उत्तेजक चूंचियों के बारे में सोचने लगता था। भैया नाईट शिफ़्ट के लिये जाने वाले थे। मैं भी अपने कमरे में कम्प्यूटर पर काम करने लगा। भैया के जाने के बाद भाभी मेरे कमरे में चली आई।
 
काफ़ी देर तक प्रीति मुझ से और नेहा से बात करती रही और राज से भी
जब काफ़ी टाइम हो गया तो पहले नेहा सो गई फिर राज सोने की आक्टिंग करने लगा
रूम की लाइट्स पहले ही ऑफ थी

प्रीति: भाभी राज काफ़ी हॅंडसम हो गया है

मे: हाँ अभी तो है पर बाद की देखते है

प्रीति: ऐसा ही रहेगा

और तभी प्लान के अकॉरडिंग राज ने करवट ली और अपना एक हाथ प्रीति के बूब्स पे रख दिया

प्रीति एक दम से डर गई

मे: क्या हुआ दी

प्रीति: कुछ नही राज है उसने करवट ली है

मे: अच्छा फिर आप डर क्यूँ गई पर प्रीति मे ये नही बताया कि राज का हाथ उसके बूब्स पर है

फिर से हम दोनो बात करते रही कुछ देर बात करने के बाद प्रीति भी सोने लगी सो रही थी या आक्टिंग कर रही थी पता नही
क्यूँ कि मेरी और राज की ये बात हुई थी अगर हाथ रखने के बाद वो हाथ नही हटाए तो कुछ देर बाद उसके बूब्स दबाने लगना
और शायद राज वही कर रहा था और प्रीति सोने का नाटक कर रही थी जिस से मैं सो जाउ
और मे भी सोने का नाटक करने लगी

और अपनी आँखो से देखने की कोशिश कर रही थी
और मेरा शक़ सही निकला राज का हाथ अब भी प्रीति के बूब्स पर था और हल्का हल्का हिल रहा था मतलब राज प्रीति के बूब्स मसल रहा था

तभी प्रीति ने करवट ली राज की तरफ
तो राज डर गया और अपना हाथ हटा लिया

थोड़ी देर बाद राज ने फिर से अपना हाथ प्रीति के बूब्स पर रखने की कोशिश की पर इस बार प्रीति ने उसका हाथ पकड़ लिया और राज को आवाज़ देने लगी

प्रीति: मे जानती हूँ तू जाग रहा है सोने ना नाटक मत कर

प्रीति की ये बात सुन कर जब मे डर गई तो आप सोचो राज का क्या हुआ होगा
पर राज कुछ नही बोला

प्रीति: अपना हाथ ना कंट्रोल मे रख नही तो अपनी माँ के सीने पे रख समझा

राज अब भी कुछ नही बोला और थोड़ी देर बाद प्रीति की आवाज़ नही आई और मुझे भी पता नही कब नींद आ गई और आँख अगले दिन खुली

राज प्रीति की इग्नोर कर रहा था
और जब हम माँ बेटे को मौका मिला और वो मिला मार्केट से कुछ समान लेने के टाइम

मे: क्या हुआ बेटा
 
राज: माँ कुछ नही आप को तो पता है

मे: दाल नही गली

राज: हाँ माँ

मे: बेटा हर औरत इतनी ज़ल्दी नही पट जाती थोड़ी मेहनत करनी पड़ती है और यहाँ भी यही है

राज: पर माँ

मे: मेरा बेटा इतनी जल्दी हार मान गया

राज: और क्या करूँ

मे: आज फिर वही करना

राज: पर माँ

मे::पहले मेरी सुनो प्रीति को शक़ है कि तुम जाग रहे थे तो आज भी करना , दूसरी बात उसने मुझे कुछ भी नही बोला रात के बारे मे
इसमे दो बात हो सकती है एक या तो उसे सब अच्छा लगा और सो अपने आप को इतनी ज़ल्दी सिड्यूस करवाना नही चाहती या फिर वो तुम्हे एक और बार देखना चाहती है फिर मुझे बताए
सो एंड ये है कि एक और ट्राइ दो आज रात

राज: माँ आप के बूब्स ज़बरदस्त है

मे: माँ के तो होंगे ही
मेरा बेटा भी तो ज़बरदस्त है उसके लंड की तरह
और हम घर आगये

और रात को फिर वही सेट्टिंग थी
अगर प्रीति को बुरा लगा होता तो राज के साथ नही लेटती

और काफ़ी देर बात करने के बाद फिर वही हुआ
और राज ने फिर से अपना हाथ प्रीति के बूब्स पर रखने दिया पर इस बार प्रीति ने कोई रिक्ट नही किया
और राज अपना काम करता रहा और आज प्रीति ने सोने की आक्टिंग भी नही की

प्रीति: भाभी लगता है राज कोई गर्लफ्रेंड नही है

मे: क्यूँ

प्रीति: देखो कैसे मेरे बूब्स पर हाथ फेर रहा है

मे: क्या बोल रही हो दी
और मे क्या बोल सकती थी

मे: रुकिये मे देखती हूँ लाइट जला देती हूँ

प्रीति: रहने दो भाभी पता नही किसका सपना देख रहा है .

मे: नही दी ये ग़लत है

प्रीति: भाभी कुछ ग़लत नही है हम अगर बच्चों की हेल्प नही करेंगे तो कौन करेगा

मे: पर दी

प्रीति: हाथ ही तो फेर रहा है और तो कुछ नही कर रहा
आप सो जाओ ये भी कुछ देर बाद सो जाएगा
कल भी इसने ऐसा किया था

मे: आप ने बताया नही

प्रीति: बच्चा है कुछ फीलिंग्स परेशान कर रही होंगी

मे: देख लो आप

प्रीति: ओके आप टेन्षन मत लो मे मॅनेज कर लूँगी

और मे आँख बंद करके सोने की आक्टिंग करने लगी

पर प्रीति को क्या पता था कि उसको उसकी लाइफ का सब से बड़ा झटका लगने वाला है

वो ये की हमारी प्लानिंग थी एक बार बूब्स पर प्रीति बीरोध नही करती है तो राज अपना लंड प्रीति के बॉडी से टच करेगा और उससे एहसास कराएगा की लंड नही गढ़े का लंड है

कुछ देर तक प्रीति बूब्स मसल्वाती हुई लेटी रही क्यूँ कि मुझे पता था राज अब प्रीति के बूब्स मसल रहा होगा

तभी प्रीति के मूह से हल्का सा निकला ये क्या है
और थोड़ा सा उठी और राज को देखने लगी
 
राज तो एक कदम आगे निकला जाने कब अपना लंड अपने शॉर्ट से बाहर निकाल लिया था
जिसे प्रीति देख रही थी

उसकी आँखे फटी हुई थी और वो राज के लंड को बड़ी गौर से देख रही थी
बच्चा है शैतान है ये

तभी मे आक्टिंग करते हुए
मे: क्या हुआ दी सोए नही

प्रीति: आप का बेटा सोने दे तब ना

मे:अब क्या किया इसने मैने आप से पहले ही कहा था

प्रीति: ऐसा कुछ नही है भाभी आप सो जाओ बस उसने करवट ले थी ना तो मेरी आँख खुल गई

और मे लेट गई
और प्रीति भी

और राज ने फिर से अपना हाथ प्रीति के बूब्स पर रख दिया

प्रीति ने पहले मुझे आवाज़ दी
पर मैने कोई आवाज़ नही दी फिर नेहा को नेहा भी कुछ नही बोली
प्रीति फिर राज से

प्रीति: नींद नही आ रही राज
पर राज कुछ नही बोला

प्रीति: मुझे पता है तुम जाग रहे हो
और इसका सबूत ये है कि इतना बड़ा पेनिस अपने आप शॉर्ट से बाहर नही आ सकता

इस बार राज खुल गया

राज: क्या करूँ बुआ आप के बूब्स है ही इतने मस्त कि ये खड़ा हो गया और जैसे कि आप को पता है कि इतना बड़ा है मेरे तो शॉट्स
मे दर्द कर रहा था खड़ा हो के इस लिए निकाल लिया बाहर

प्रीति: तो जनाब अपना ये बड़ा वाला अपनी बुआ के लिए बड़ा किया था क्या की वो आएगी और मे उनको डराउंगा

राज: नही बुआ ऐसा कुछ नही है

प्रीति: कोई गर्लफ्रेंड है तुम्हारी

राज: कहाँ बुआ अभी तो बड़ा हुआ हूँ

प्रीति: अच्छा है नही है नही तो वो डर कर भाग जाती
और हँसने लगी

राज: मे समझ नही

प्रीति: होता है बेटा जिनके पास होता है उनको उसकी कदर पता नही होती

प्रीति: चल सो जा अब मैने देख लिया यही चाहता था ना
या कुछ और भी सोच रखा है

राज: बुआ हेल्प मी

प्रीति: मे क्या करूँ अपनी माँ से बोल जिस ने इतना बड़ा करके पैदा किया

मे अपने बेटे के लंड की तारीफ सुन कर खुश हो रही थी

राज: पर माँ से कैसे

प्रीति: जैसे मेरे साथ कर रहा है वैसे

राज: पर माँ मारेगी

प्रीति: मे नही मारूँगी

राज: आप मेरी अच्छी वाली बुआ हो

प्रीति: मस्का मत लगा ओके
और राज ने प्रीति के बूब्स पर फिर से हाथ रख दिया

प्रीति: क्या कर रहे हो मे तुम्हारी माँ को जगा दूँगी

राज: आप ऐसा नही करोगे मुझे पता है
और इस बार दोनो हाथो से दबाने लगा

और इस बार प्रीति के मूह से सिसकारी निकल गई

प्रीति: छोड़ दे राज कोई जाग जाएगा नेहा भी सो रही है
 
पर राज नही माना

प्रीति : प्लीज़ राज

राज: एक शर्त पर

प्रीति: क्या

राज: अपना दूध पिलाओ

प्रीति: चुप करो बेशरम बुआ हूँ मे तुम्हारी अपनी माँ का पियो

राज: माँ तो पिया है आप पिलाओ

प्रीति: नही

पर राज नही माना और एक झटके से प्रीति का ब्लाउस ऊपर करके उसके निपल को मूह मे भर लिया

प्रीति छोड़ छोड़ बोलती ही गई और राज उसके निपल चूसने लगा
और थोड़ी देर बाद प्रीति का बेरोध ख़तम हो गया और अब उसके मूह से सिसकारी निकल रही थी
और राज के बालो मे उंगली फेर रही थी

प्रीति: तुम तो मरोगे मुझे भी फस्वाओगे

पर राज के पास टाइम कहाँ था जवाब देने का
वो तो निपल चूसने और मसल्ने मे बिज़ी था

तभी राज ने अपना लंड प्रीति के हाथ मे पकड़ा दिया

प्रीति ने एक झटके से छोड़ दिया

प्रीति: ये सब नही राज कोई जाग जाएगा जो तुम कर रहे हो ज़ल्दी ख़तम करो और सो जाओ

पर राज ने फिर से प्रीति का हाथ अपने लंड पर रख दिया
इस बार प्रीति ने राज के लंड को पकड़ लिया

प्रीति लंड पे हाथ फेरते हुए
प्रीति: तुझे पता है तुम्हारा पेनिस बहुत बड़ा है

राज: पता नही क्यूँ

प्रीति: बहुत बड़ा है तुम्हारा कोई भी लड़की तुम से पट जाएगी

राज: आप पटोगी

प्रीति: मे लड़की नही हूँ औरत हूँ

राज: आप पटोगी तो ये बड़ा वाला पेनिस आप का

प्रीति: मुझे नही पटना फट जाएगी मेरी

राज: क्या फट जाएगी

प्रीति: कुछ नही चुप हो जाओ और सो जाओ

पर राज प्रीति के हाथ को पकड़ कर अपने लंड पर फेरने लगा

प्रीति: उूउऊफ़ कितना गरम है

राज: ठंडा कर दो बुआ कोई भी लड़की इसको देखती है डर जाती है क्या करूँ मे

प्रीति: डरेगी नही तो क्या करेगी गधे का जो ले रखा है

राज: आप बताओ क्या करूँ

प्रीति: अपनी माँ से पूछो क्या करूँ वही कोई रास्ता निकालेंगी जो मेरे पास है वो तुम्हारी माँ के पास भी तो है
 
तभी मे उठ गई
मैं--क्या हो रहा है

प्रीति एक दम से डर गई क्यूँ कि उसके बूब्स खुले हुए थे और वो राज के लंड को सहला रही थी

मे: डरो मत दीदी मे तो ख्याल रख रही हूँ पर इसको तो बुआ चाहिए

प्रीति: मतलब

मैने प्रीति को सब बता दिया नेहा को छोड़ कर
और कैसे राज उसका दीवाना है

प्रीति कुछ नॉर्मल हुई

प्रीति: सच मे भाभी आप ने राज का ले लिया

मे: क्या करती बेटा है माँ का कुछ फर्ज़ बनता है
तो बस हो गया

प्रीति: हो नही गया बड़ा लंड देख कर नियत खराब हो गई

मे: दीदी आप से क्या छुपाना सच तो ये ही है आप के भाई का तो इससे बहुत छोटा है

प्रीति: मेरे साथ भी यही है भाभी राज का तो ट्रिपल मोटा है मेरे पति से

मे: देखो ना कैसे खड़ा है बेचारा कुछ करो ना दीदी

प्रीति: ना बाबा ना मुझे नही फटवानी अपनी

मे: पहली बार दर्द होगा फिर तो मज़े ही मज़े है

प्रीति: पर दर्द तो होगा और नेहा भी है यहाँ पर

मे: तो क्या मेरा बेटा ऐसे ही सोएगा माँ और बुआ के होते हुए

प्रीति: मे कब मना कर रही हूँ मुट्ठी मार देती हूँ
उसमे भी ये बिस्तर गंदा कर देगा मुझे पता है इसका लंड बड़ा है तो पानी भी ज़्यादा छोड़ेगा

मे: हाँ ये तो है अपने पापा से 4 गुना ज़्यादा पानी छोड़ ता है

राज: माँ कुछ करो ना

मे: बेटा आज बुआ करेंगी

प्रीति: मे क्या करूँ

मे: मुझे नही पता मे तो सोने चली
और मे करवट ले कर लेट गई

राज: बुआ देखो ना

प्रीति: क्या देखूं इतना बड़ा करा क्यूँ था और करा भी तो मेरे पर ही दिल आया तुम्हारा अपनी चाची को पटा लेते

राज: चाची को आप पटवा दो

प्रीति: हाँ ये ही सही रहेगा नही तो ये तो मेरी जान ले लेगा और उसके लंड को मुठिया ने लगी

राज: बुआ मूह मे लो ना

प्रीति: ना बाबा अभी जो मिल रहा है लेलो बाकी बाद मे और प्रीति ने राज की मुट्ठी मार कर पानी निकाल दिया और पानी को बेड शीट्स
से पोछ दिया और वो दोनो सो गये और मे भी

और अब रूपा का नंबर है शायद प्रीति की रूपा से ज़्यादा अच्छी पट ती है क्यूँ कि दोनो कॉलेज फ्रेंड्स है
 
अगले दिन सुबह घर पर रिश्ते दार आना शुरू हो गये

जिस की वजह से मेरा और राज का मिलन नही हो पा रहा था
और ना ही नेहा का

पर उसकी बुआ उससे खुल गई थी
और अब राज अपनी चाची से भी मज़ाक कर रहा था और उसकी चाची को भी शायद प्रीति ने कुछ हिंट दे दिया हो
वो तो रात को पता चलेगा

नेहा थोड़ी परेशान थी

मे: क्या हुआ

नेहा: माँ देखो ना अब तो भाई के साथ कुछ भी नही हो रहा

मे: टेन्षन ना ले आज रात को मज़े लेते है दोनो सिर्फ़ माँ बेटी

नेहा: पर कैसे माँ

मे: मुझ पर छोड़ दे

नेहा: देखो राज को कैसे बुआ और अपनी चाची की वजह से हमे भूल गया है

मे: नही ऐसा नही है वो हमे कभी नही भूल सकता

तभी प्रीति भी आ गई

प्रीति: भाभी आप का लड़का गया साला हाथ धो के रूपा पर फुल फिदा हो गया है

नेहा:क्या बोल रही हो बुआ

प्रीति:कुछ नही नेहा तुम जाओ मुझे भाभी से कुछ बात करनी है
और नेहा चली गई

मे: क्या हुआ दी

प्रीति: रूपा तो बहुत तेज निकली फुल लट्तू हो गई राज के लंड के साइज़ पे

मे: क्या आप ने बताया था

प्रीति;सिर्फ़ साइज़ बस

मे: उतना ही काफ़ी है हम प्यासी औरतो को वो भी बेचारी हमारे जैसी होगी

प्रीति: हाँ वो तो है

तभी राज भी आ गया

राज: जान थोड़ा दूध पिला दो
हम दोनो के सामने

मे: चाची का पी लो

प्रीति: भाभी सही बोल रही है

राज: मुझे तो अपनी माँ का पीना है अभी

मे:अभी कैसे

राज:मुझे नही पता

मे: दीदी आप ज़रा कवर दोगि

प्रीति: देना पड़ेगा नही तो कल इसने मुझ से कोई डिमांड कर दी तो मुझे भी तो कवर चाहिए होगा
और प्रीति दरवाजे पे खड़ी हो गई

और मैने अपने निपल निकाल कर राज के मूह मे दे दिया
और राज चूसने लगा

तभी उमेश वहाँ आ गये पर मे और राज दरवाजे के पीछे हो गये

उमेश: सरोज कहाँ है प्रीति

प्रीति: शायद बाहर गई है राज के साथ

उमेश: पक्का

प्रीति: हाँ हाँ नेहा से पूछ लो

और मैने राहत की सांस ली

प्रीति: दूध पी लिया हो तो आजाओ नही तो पापा आ जाएँगे
और राज ने बड़ी मुस्किल से छोड़ा मुझे

मे: हाई अब बुआ और चाची का पी लो

प्रीति: ना बाबा बहुत शैतान है ये

मे: बच्चा है ना

प्रीति: बच्चा है या बच्चो का बाप है उसके लंड के साइज़ से पता चलता है.

तभी उमेश की कॉल आ गयी

मे: हाँ

और मे बात करने लगी

और राज को प्रीति साथ ले गई
 
उस दिन काम ज़्यादा था फिर उसके बाद राज से अकेले मे टाइम नही मिला
पर प्रीति ने एक काम किया रूपा को मेरे और राज के बारे मे बता दिया
और जब हम रात को रूम मे थे

नेहा: अपनी बराबर की बहनों के साथ थी
और मे प्रीति और रूपा बैठे थे

राज का पता नही था शायद अपने पापा के साथ था

रूपा: दीदी क्या बोल रही है

मे: क्या

रूपा: कि आप और राज का

मे: तू बता क्या करती ऐसे हालत तेरे साथ होते तो

रूपा: वही जो आप ने किया हम औरतो की कोई अपनी लाइफ ही नही होती
बस पेटिकॉट ऊपर किया पति ने अपना माल निकाला और सो गये
बीवी का का हुआ या नही कोई मतलब नही उनको
पर खाना टाइम से चाहिए काम टाइम से होने चाहिए
बस बीवी जाए भाड़ मे

दीदी आप को तो राज मिल गया हम जैसों का क्या जिन के पास बेटा नही है और अगर है तो राज जैसा नही

मे इतनी टेन्षन क्यूँ ले रही है

रूपा: आप तो बोलोगि आज
आज से एक महीने पहले पूछती तो देखती आप का जवाब क्या होता

तभी राज का मेसेज आया
राज: क्या कर रही हो जान

मे: तुम्हारा इंतज़ार , कहाँ हो तुम

राज: बस आ रहा हूँ खोल कर रखना

मे: तुम्हारे लिए तो हमेशा खुली है
तुम आओ तो सही

प्रीति और रूपा हम दोनो की चॅट देख रही थी

राज: आज तो पक्का मारूँगा

मे: आह तो अपने बेटे को पक्का दूँगी

राज: क्या दोगि मेरी लुगाई

मे: अपने बेटे को उसकी माँ अपनी चूत देगी मारने और चाटने के लिए

राज: तो रेडी रहो खोल कर

तभी प्रीति और रूपा ने इशारों मे कहा कि हम भी है

मे: बेटा आज बुआ और चाची भी है

राज: उनको बोल दो पहले माँ की मारूँगा फिर उनकी

प्रीति और रूपा - बोलो मंज़ूर है हम भी तो देखे एक माँ बेटा कैसे चुदते है

मे: वो तैयार है

राज: उनसे बोलो अपनी अपनी चुतो मे तेल लगा कर रखें उनका भतीजा उनकी आज फाड़ देगा

प्रीति ने मोबाइल मेरे हाथ से छीन लिया

प्रीति: तो आ ना मे भी देखती हूँ कितना दम है तुम्हारे लंड मे
और नीचे लिख दिया मे प्रीति

राज: ओके वेट करो आता हूँ
और मोबाइल रख दिया

रूपा: दी जब राज ने पहली बार चोदा होगा तो आप की चाल बिगाड़ दी होगी

मे: हाँ दो दिन तक चल नही पाई थी

रूपा प्रीति को देखते हुए
प्रीति: डर क्यूँ रही है पहले देख तो ले
माँ बेटे को चुदाई करते हुए फिर देखते है क्या होता है
और हम राज का इंतज़ार करने लगे
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अब जब कि शादी है तो स्टोरी के प्लॉट की बड़ा करते है
जान से शॉपिंग करके नेहा आई थी

उसके पति जिसका नाम अनुपम था उसकी कॉल नेहा के पास आती थी
और जिस की वजह से नेहा आज अपनी बहनों के साथ सोने गई थी

क्यूँ कि वो समझ गई थी रिलेटिव के होने की वजह से उसका और राज का मिलना मुस्किल है
क्यूँ कि मैने उसको बोलो था मेरा ओपन होना अलग बात है पर तुम्हारा और राज का रीलेशन खुलना नही चाहिए
इस लिए मैने प्रीति को भी राज और नेहा का नही बताया
 
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