XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा - Page 22 - SexBaba
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XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा

फिर जेठालाल दया की सीट की तरफ बढ़ता है....
उसकी चादर सर तक धकि थी...बस उसकी नीचे से ग्रीन कलर की ड्रेस दिख रही
थी थोड़ी सी...
और वो ना तो तो पेट के बल लेती थी..ना पीठ के बल..वो अपने सर के नीचे
हाथ रख के लेती थी....मतलब ये कि जेठालाल की तरफ उसकी पीठ थी...

जेठालाल चादर के अंदर आराम से घुसता है....उसके उपर एक कंबल भी होता है.
वो उसे ढंग से उठाता है..और अपने उपर रख लेता है...फिर अपनी नज़र इधर
उधर दौड़ाता है....कि कोई देख तो नही रहा क्या...

जब उससे पूरी संतुष्टि मिलती है कोई नही देख रहा...फिर फ़ौरन से पूरा का पूरा
कंबल के अंदर घुस जाता है...और अपना मुँह भी अंदर कर लेता है...जिससे उसको
कोई देख के नही सकता था....

जेठालाल को महसूस हुआ कि दया जाग चुकी है वो फटाफट अपना हाथ उसके मुँह पे रख
देता है....

जेठालाल :- दया ये में हूँ ... टप्पू के पापा...

दूसरी तरफ से सिर्फ़...उन्न्न..उन्न्ञन्..की आवाज़ आ रही थी....

जेठालाल :- दया ... मेने सोचा अभी कुछ मज़े किए जाए...मेरा बुरा हॉल है नीचे
से.....

और अपना दूसरा हाथ ले जाके....उसके चुचों पे रख देता है...और उन्हे आराम
आराम से दबाने लगता है...

उसका एक हाथ अभी भी मुँह पर ही था.....क्यूँ कि वो नही चाहता था..कि दया ज़रा
सी भी आवाज़ निकाले.....

उसके हाथ चुचों पे लगातार चल रहे थे......लेकिन अब कुछ तेज़ी से दबा रहा था..

जेठालाल :- दया मेरे लंड की मालिश कर दे....देख कैसे फुदक फुदक के बाहर
आने की कॉसिश कर रहा है...

वो कुछ नही करती पास चुप चाप लेटी रहती है...

जेठालाल :- अरे कर ना...
लेकिन फिर जेठालाल अपना हाथ चुचों से हटा के.....दया का हाथ पकड़ के....
अपने पाजामे के उपर से लंड पे रख देता है....और ज़ोर से उसका हाथ लंड पे दबा
देता है...

जेठालाल के मुँह से हल्की सी अहह निकल जाती है...

जेठालाल :- दया इसे ऐसे ही...मसल बहुत तड़प रहा है ये...और अपना हाथ हिलाता
रहता है....अहह...दया...मज़ा आ रहा है...

चल एक मिनट रुक...और हाथ रुक जाता है...

और फिर अपनी कॅप्री का बटन खोलता है...और दया का हाथ खिच के...अंदर
लंड पे रख देता है....
 
जेठालाल :- हाँ अब हिला इसे.....

लेकिन फिर वही वो लंड पे हाथ रख देती है....लेकिन हिलाती नही है..

जेठालाल :- क्या हुआ है तुझे....
अच्छा डर लग रहा है....तू टेंशन मत ले...किसी को पता नही चलेगा...तू हिला...

फिर भी नही हिलाती..

जेठालाल :- अच्छा तो तू चाहती है...पहले तेरी चिकनी चूत को अच्छी तरह से मसल
दूं...
चल ठीक है....पहले तेरी चूत को थोड़ा चिकना कर देता हूँ...

और फिर जेठालाल अपना हाथ ले जाके....दया की सलवार के उपर से चूत को मसल्ने
लगता है...

जैसे ही चूत मसली जाती है...उधर लंड पे रखा दया का हाथ...चलने लगता है...
और वो लंड को मसलने लगता है..

जेठालाल :- आहह....अच्छा तो तेरा एंजिन चूत से शुरू होता है..हहेः...

अब जेठालाल उसकी सलवार का नाडा खोलने लगता है....

लेकिन दया सिर हिला के मना करने की कॉसिश करती है..

जेठालाल :- कुछ नही होगा डोबी....तू टेंशन क्यूँ ले रही है...

और फिर वो नाडा खोल देता है......और सीधे नंगी चूत पे हाथ फिरानी लगता है.

जेठालाल :- दया तेरी चूत पे तो आज बाल नही है...क्या बात है...गोआ के लिए
पूरी अच्छे से तैयारी कर के आई है....

और अब जेठालाल दया की चूत के अंदर अपनी दो उंगलियाँ डाल के...अंदर बाहर करने
लगता है.....और वो भी अब बहुत मस्त हो चुकी थी....लंड पे रखा हाथ...बड़ी तेज़ी
से लंड पे चल रहा था....वो लंड को आगे पीछे कर रही थी.....

जेठालाल की हाथों की स्पीड काफ़ी बढ़ गई थी...और वो चूत में 3 उंगलियाँ डाल
के अंदर बाहर कर रहा था...
दया के मुँह से सिर्फ़..उःम्म्म्ममममममम...उःम्म..उग्गग..उन्न्न्न्....जैसी अज्जीब आवाज़ निकल
रही थी....
उसका थूक निकल के जेठालाल के हाथ पे आ गया था...
फिर भी जेठालाल ने अपना हाथ नही हटाया..क्यूँ कि वो जानता था..दया पागलों की
तरहह आह उहह करेगी.....
 
नीचे से पूरी चूत गीली हो चुकी थी..जेठालाल को भी बड़ा मज़ा आ रहा था...
दया की टाँगें...पूरी सीधी थी..और हिल रही थी....क्यूँ कि जेठालाल दया
की टाँगों के बीच में से चूत के अंदर उंगलियाँ डाल रहा था....

जेठालाल :- दया अब मुझसे रहा नही जा रहा रहा....अब तेरी चूत को चखने के लिए
बेताब है मेरा लंड......

दया अपनी गर्दन हिला के मना करती है.....
वो जेठालाल का हाथ पकड़ के..अपनी चूत पे ले जाती है....और इशारा करती है
कि ऐसे ही करता रहे...

जेठालाल :- अरे मेरी रानी..उंगलियों से तेरा क्या होगा..तू क्यूँ चिंता कर रही है
भाई...कुछ नही होगा..में हूँ ना...तू बस मज़े ले...

और फिर वो उसका हाथ अपने लंड से हटा के....दया का सलवार और नीचे करता है.

और अपने लंड को दया की चूत पे सेट करता है..

जेठालाल :- ले....अब देख कितना मज़ा आएगा...ट्रेन में तेरी चुदाई...

और एक धक्का लगाता है...लेकिन लंड फिसल जाता है...क्यूँ कि वो पोज़ीशन सेक्स के
लिए इतनी आसान नही थी..

लेकिन अगली बार जब वो धक्का मारता है..तो लंड का सुपाडा अंदर चला जाता है..

फिर वो एक और धक्का मारता है...और इस बार आधा अंदर चला जाता है..

दया उछल पड़ती है....और उसका मुँह अब कंबल से बाहर आ जाता है.....

जेठालाल :- लगता है...दया को ट्रेन में चुदाई करने में ज़्यादा मज़ा आ रहा है..

और फिर एक और धक्का मारता है...और पूरा का पूरा अंदर चला जाता है....

 
दया के मुँह से...बस..धीरे से..उहणंनननननननननननननननणणन्...
ही निकलता है....

जेठालाल :- दया...आज तो मज़ा आएगा....अहह..

और धक्के लगाने लगता है....
और एक बाद एक धक्के लगने शुरू हो जाते हैं...

ट्रेन चलते वक़्त तो हिल रही थी...तो डबल झटके मिल रहे थे दया को जेठालाल के
हिसाब से...

वो तेज़ी से लंड अंदर बाहर कर रहा था...और दया भी अपनी गान्ड पीछे कर के...
मरवा रही थी...वो भी भरपूर मज़ा ले रही थी सेक्स का....

और कुछ धक्कों के बाद....दया ने अपनी गान्ड हिलानी बंद कर दी....इससे जेठालाल
को पता चल गया कि वो झड चुकी है...

जेठालाल :- बसस्स दया...कुछ और मिनट...अहह.....ओह्ह्ह्ह...

और कुछ धक्के लगाने के बाद वो भी झड गया अंदर ही चूत में......और अपना
सारा रस चूत के अंदर के डाल दिया....
और अपना हाथ भी हटा लिया दया के मुँह से....

और और देर अपनी साँस को सही करने के बाद...उठा..

जेठालाल :- अच्छा दया में जा रहा हूँ...

दया कोई रेस्पॉन्स नही करती....

और जेठालाल उठ के चला जाता है..अपनी सीट पे......

टू बी कंटिन्यूड........!!!!!!!!
 
जेठालाल मस्त अपने लंड को शांत कर के अपनी सीट पे चला गया था....अब आगे....!!

जेठालाल सोते हुए अपने आप से बोलता है..

जेठालाल :- हश्ह्ह...मिल गई शांति...मज़ा आ गया....
अब सुबह देखता हूँ इसको तो...छोड़ूँगा नही....

और फिर वो भी सो जाता है....

सुबह के 5 बजे....

सभी उठ चुके थे ...और बात कर रहे थे.....सिर्फ़ एक जने के...जी हाँ आप
सभी जानते हैं....एक ही कुम्भ्करन है इस सोसायटी का...जी हाँ हमारे जेठा भाई
साहब....मस्त सो रहे थी...

दया :- टप्पू के पापा...ऊ टप्पू के पापा...उठ जाइए....गोआ आने वाला है..

जेठालाल :- हाँ बॅस...5 मिनट...और सोने दे ना..

सभी नीचे बैठे सीट पे हँसने लगते हैं...

दया :- मेहता साब आप उठाइए ना...

तारक :- हाँ भाभी...अभी उठाता हूँ....

तारक जेठालाल को उठाने में लग जता है...

भिड़े जो कि सामने वाली पे बैठा था...उसके बगल में अईयर...और सोढी बैठे थे

मोहन लाल अब्दुल....ठीक उन सब के सामने वाली सीट पे बैठे थे...

अब्दुल के सामने..रीता माधवी..बबिता..और अंजलि बैठी थी...

रोशन वॉशरूम गई हुई थी....

दया और तारक दोनो जेठालाल को उठाने में लगे हुए थे...

और आख़िर कर....कुछ मेहनत मशक्कत करने के बाद उन्होने जेठालाल को उठा ही लिया..

अईयर :- ये जेठालाल..छी...यहाँ पर भी सोना ही सोना है...

भिड़े :- सही बोलते हैं चाचा जी ... कुंभकरण....हाहहहः....

अईयर :- हाहहः....सही बात है..

सोढी :- अरे क्या तुम दोनो क्यूँ जेठाप्रा के पीछे पड़ गये हो सुबह सुबह...

जेठालाल अपनी सीट से उतर जाता है...और जहाँ कल रात उसने चुदाई की थी...वहाँ
आके बैठा जाता है..तारक और दया के साथ...

अईयर :- क्यूँ जेठालाल कल कुछ ज़्यादा मेहनत की थी...जो इतनी देर से उठाने पे भी
नही उठे...हहहहहाहा.....
 
जेठालाल :- अईयर भाई.....गुराते हुए...
शांत रहो भाई सुबह सुबह....कल रात जो मेरे साथ हुआ अगर में सबको बता दूं
तो सब समझ जाएँगे कि क्यूँ इतनी देर तक सोता रहा...

दया :- क्यूँ ऐसा क्या हुआ??

जेठालाल :- तू तो ऐसे बोल रही है जैसे तुझे कुछ नही पता...

दया :- मुझे ... मुझे क्या पता...

जेठालाल :- अच्छा..झुटि...

दया :- सच में टप्पू के पापा..मुझे कुछ नही पता कि आप क्या बोल रहे हैं...

जेठालाल गहरी सोच में चला जाता है....

जेठालाल अपने मन में....ये क्या...दया जो बोल रही है..वो सच बोल रही है या फिर
झूठ....कहीं ये ड्रामा तो नही कर रही...इसी से पूछता हूँ....

जेठालाल :- अच्छा दया तुझे..कल रात इस सीट पे मज़ा आया सोने में...

दया :- नही आया...

जेठालाल :- क्यूँ??

दया :- क्यूँ कि में सामने वाली सीट पे सोई थी.....हहेहेहेहेहेहेः....

जेठालाल के तो तोते उड़ जाते हैं............उसके मुँह से निकलता है...क्या

जो सब लोग सुन के चौंक जाते हैं...

तारक:- क्या हुआ जेठालाल...

जेठालाल होश में आता हुआ...

जेठालाल :- कुछ नही मेहता साब...

और फिर चला जाता है अपने आप से बात करने के लिए..

जेठालाल :- ये क्या हो गया ....अगर कल रात यहाँ दया नहीं थी तो कौन थी....
हे भगवान इस बार तुमने मुझे किस मुसीबत में डाल दिया है....अब क्या होगा..

कौन था वो जिसके साथ कल मेने मज़े लिए.....ये क्या हो गया....एक काम करता
हूँ सबके चेहरे देखता हूँ....क्या पता किसी के चेरे पे कुछ समझ आ जाए....
 
और वो एक एक करके सबके चेहरे देखने लगता है...सबसे पहले वो रीता को देखता है..
लेकिन वो नॉर्मल लग रही थी...और अब्दुल से बात कर रही थी...
फिर उसने अंजलि की तरफ देखा...तो वो भी मस्त कोई मॅग्ज़िन पढ़ रही थी...
बबीता जी तो नही थी..क्यूँ कि उनको तो मेने उधर सोते हुए देखा था....
फिर वो देखता है माधवी को....वो भी मस्त दया से बात कर रही थी....
जब वो देखता है रोशन कहीं नही दिखाई दे रही है..तो वो घबरा जाता है.....
लेकिन जब उसे रोशन वहाँ से आती दिखाई देती है..तो उसके मन को राहत मिलती है.
क्यूँ कि उसके चेहरे पे भी स्माइल थी...और वो भी ठीक लग रही थी...

फिर वो सोचता है...आख़िर कौन हो सकता है....और उसने कल क्यूँ कुछ नही बोला..
अरे हाँ बोलती भी कैसे ...मेने उसके मुँह जो बंद कर रखा था...
तो फिर कौन हो सकता है.....
लगता है..अब फाइयर ब्रिगेड को पूछना पड़ेगा...
या फिर दया से पूछ लूँ....नही अगर उसको कुछ शक़ हो गया..तो लेने के देने पड़
जाएँगे..
पर मेहता साब से भी कैसे पूछूँ....
एक काम करता हूँ..गोआ पहुच के ही आराम से बात करूँगा मेहता साब से...

तारक :- भाई जेठालाल क्या हो गया...क्यूँ सोच में डूबे जा रहे हो....
और क्या हुआ कल रात को.....

जेठालाल :- कुछ नही वो मेहता ..

अईयर भाई को चैन कहाँ है..उनको तो मज़े लेने की आदत है....

अईयर :- क्यूँ जेठालाल कल बहुत ज़्यादा मेहनत की है..हाहहहः...

जेठालाल अपने मन में...ईयादी....तुझे तो में देख लूँगा...

अईयर :- बबीता मेरी वॉच तुम्हारे पास है....
कल से मिल ही नही रही है..तुम्हारे पास है....

बबीता :- नही अईयर...मेरे पास तो नही है...तुमने मुझे कब दी..

अईयर :- ओहो...पता नही कल से मिल ही नही रही है.....

वॉच मेरे पास है..........एक आवाज़ आती है....
जब अईयर उस आवाज़ की तरफ देखता है...तो उसके होश उड़ जाते हैं....

अईयर :- जेठालाल तुम्हारे पास कैसे....आई मेरी वॉच...

जेठालाल :- बता दूं अईयर भाई....

सोढी :- दसो जेठा प्रा क्या हुआ...

भिड़े :- हाँ तुम्हारे पास कैसे आई..

जेठालाल :- तो आप सब जानना चाहते थे...ना कि कल रात मेरे साथ क्या हुआ...

सभी की नज़र जेठालाल पे चिपकी पड़ी थी...
 
सभी की नज़र जेठालाल पे चिपकी पड़ी थी...

जेठालाल :- कल मैं पूरे 1 घंटे बाथरूम में बंद था.....

तारक :- क्या...

दया :- हे माँ माताजी.......टप्पू के पापा कैसे....

भिड़े :- कैसे....

बबीता :- ओह गॉड....

रोशन :- आई खुदाई...

माधवी :- अगू बाई....

तारक :- जेठालाल कैसा फसे और तुमने बताया क्यूँ नही तभी किसी को....

जेठालाल :- मेहता साब...आप सब को रात में क्या तकलीफ़ देता..

बबीता :- जेठा जी अपनो को थोड़ी कोई तकलीफ़ थोड़ी देता है....

ये बात सुन के तो जेठालाल का सीना फूले नही समा पा रहा था....

(बॅकग्राउंड म्यूज़िक में......आईए छोरी...)

जेठालाल :- ऐसी बात नही है...वो सब सो गये थे इसलिए...वैसे मुझे पता है.
कि आप मेरे अपने हैं...
 
बबीता :- क्या..

जेठालाल :- नही मेरा मतलब है..आप सब मेरे अपने ही तो हैं..

भिड़े :- वो सब छोड़ो जेठालाल...लेकिन ये बताओ...तुम वहाँ फसे कैसे..

जेठालाल :- ये अईयर भाई की वजह से.....

सबके मुँह से एक ही बार में निकल जाता है.....क्याआआआ....

और अईयर शॉक हो जाता है.....

(बॅकग्राउंड म्यूज़िक .... आऐअयूऊओ....)

बबीता :- अईयर की वजह से...लेकिन कैसे..

जेठालाल :- वो आप इन्ही से पूछिए......

क्यूँ अईयर भाई कल अपने ही वहाँ से वो नोटीस हटाया था ना...

अईयर की तो सिट्टी बिटी गुल हो जाती है..

दया :- अईयर भाई..अपने ऐसा क्यूँ किया...आपका टप्पू के पापा ने क्या बिगाड़ा था...
कोई ऐसा थोड़ी करता है...हम सब एक ही सोसायटी में रहते हैं..

जेठालाल :- अरे तू चुप रह ना भाई...

बबीता :- बोलो अईयर...क्या जेठा जी सही बोल रहे हैं...

अईयर :- घबराते हुई....हा.न..ब..बिता वो जेठालाल...सही बोल रहा है...मेरी..वजह
से वो अंदर बंद हुआ था...

तारक :- अईयर तुम्हारा दिमाग़ तो खराब नही है...अगर जेठालाल को कुछ हो जाता तो..
तो तुमने सोचा है कितनी बड़ी मुसीबत हो जाती..

अईयर :- लेकिन में तो जेठालाल के साथ बस छोटा सा मज़ाक कर रहा था मेहता साब..

बबीता :- मज़ाक...इसे तुम मज़ाक कहते हो अईयर....पूरा 1 घंटा जेठा जी बाथरूम में
फसे हुए थे...अगर उहहे कुछ भी हो जाता तो में उनको कैसे फेस कर पाती....

जेठा जी आइ आम एक्सटरेमली सोर्री...अईयर की वजह से जो भी आपको तकलीफ़ हुई उसके लिए
में माफी चाहती हूँ..

और तुम अईयर अब में तुम्हसे बात नही करूँगी.....
ट्रिप के शुरू होने से पहले तुमने मेरा मूड कराब कर दिया..
 
अईयर :- बबिता...वो..

इस बार जेठालाल बीच में रोक देता है..

जेठालाल :- बबीता जी इसमे आप क्यूँ सॉरी बोल रहे हैं...और आप अपना मूड मत खराब
कीजेए...मुझे कुछ नही हुआ है...आप एंजाय करो...वैसे भी आपको गोआ बहुत पसंद
है....कोई बात नही कभी कभी अईयर भाई भी बच्चे बन जाते हैं..
मेरे खातिर आप अपना मूड ठीक कर लीजेए...रेक़ुएस्ट...

ब्बैइटा :- ओके...बट में अईयर से अभी बात नही करूँगी..

जेठालाल :- हाँ वो चलेगा....

इस बात पर सब हँसने लगते हैं..सिवाय अईयर के..

सोढी :- लेकिन जेठा प्रा..तुम्हे कैसे पता कि ये अईयर ने किया है..

जेठालाल :- वो सोढी हुआ यूँ....

चलते हैं कल रात की हुई घटना पर....

जेठालाल बाथरूम से जब बाहर निकला था...और उसने देखा कि वहाँ नोटीस लगा हुआ है
जबकि ज्ब वो बाथरूम के अंदर गया था तो उससे ऐसा कोई नोटीस नही लगा था...
तभी उसकी नज़र वहाँ पड़ी हुई घड़ी पे गई...जब उसने उठा के देखा.. तो उसे
याद आया कि ये घड़ी तो अईयर भाई की है.....तब उससे यकीन हो गया कि ये अईयर भाई
ही हैं जिन्होने मुझे यहाँ अंदर बंद करवाया...

कल से बाहर आ जाओ..सब..

ओह.....सब के मुँह से यही निकलता है..

तारक :- वो ठीक है...लेकिन जेठालाल अईयर ने ये सब किया कब..

जेठालाल :- वो तो आपको अईयर भाई ही बताएँगे....

भिड़े :- अईयर फिर तुम बताओ....

अईयर :- वो हुआ यूँ.....
 
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