desiaks
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बबीता के दिमाग़ में इस वक़्त सिर्फ़ ये चल रहा था...की वो एक औरत है..किसी की पत्नी
नही.....उसे अपने शरीर की आग को शांत करना था...
और आज इस वक़्त..इश्स समय...वो जिस हाल से गुजर रही थी...कि उससे अपने आप को रोका
नही जा रहा था....
जेठालाल की कोहनी.....तो बबीता की लेफ्ट चुचि पे थी इस वक़्त ...और उसे दबा रही थी...
बबीता की आँखें बंद हो चुकी थी...और वो अपना सिर पीछे सीट से टिका के बैठ गई..
थी.....
उसकी आग भड़कती जा रही थी..उससे सहा नही जा रहा था....जेठालाल के बार बार उसके
चुचे पे हाथ चलने ... से वो किसी और ही दुनिया में चली गई थी.......
जेठालाल को पूरा एहसास था..कि उसकी कोहनी चुचों से रगड़ खा के..उन्हे दबा रही
है...
लेकिन वो करता भी क्या......उसके तो मज़े थे....बबीता ने कोई भी विरोध नही किया था...
उसने कुछ सोचा...और अपनी गर्दन पीछे बबीता की तरफ मोडी......और उसने बबीता को
आँखें बंद कर के ...पीछे टेक लगाया हुआ पाया.....
जेठालाल की भी तो हालत खराब थी...आख़िर कार...उसके शरीर में भी तो गर्मी पैदा हो
रही थी....उससे भी रहा नही जा रहा था...लेकिन उससे पता था वो कुछ नही कर सकता....
उसने दया और अंजलि की तरफ देखा...
वो दोनो अभी भी...वैसे ही अपनी ही मस्ती में थी....
तारक की तरफ नज़र घुमाई...वो भी अपनी ही धुन में था.......
जेठालाल ने कुछ सोचा.....
जिस पोज़िशन में जेठालाल और बबीता थे...उस वक़्त सोच का दायरा बस इतना ही होता
है....कि किस तरह अपनी इस प्यास को भुजा सकें....
राइट अभी भी वैसे ही थे...उसके हाथ नीचे ठीक
बबीता की नाभि के आगे..और चूत के सामने....और उसके हाथ की कोहनी..उसके लेफ्ट चुचे को
दबा रही थी..
उसने अपना लेफ्ट हाथ धीरे धीरे आगे बढ़ाया......
और बदाते बढ़ाते....
उसने बबीता की लेफ्ट जाँघ के उपर रख दिया....
बबीता की आँखें फ़ौरन खुल गई....
क्यूँ कि उसने शॉर्ट्स पहन रखे थी...और उसकी नंगी जाँघ पे ठंडे हाथ पड़ने से वो
चौंक गई.....
जेठालाल ने जैसे ही हाथ रखा...उसने एक बार फिर से बबीता की तरफ देखा...
और उसकी आँखों में देखने लगा....
जेठालाल की तो ट्यूनिंग स्टार्ट हो गई.......
(बॅक ग्राउंड. म्यूज़िक...आहान्ंनननननननननणणन्)
नही.....उसे अपने शरीर की आग को शांत करना था...
और आज इस वक़्त..इश्स समय...वो जिस हाल से गुजर रही थी...कि उससे अपने आप को रोका
नही जा रहा था....
जेठालाल की कोहनी.....तो बबीता की लेफ्ट चुचि पे थी इस वक़्त ...और उसे दबा रही थी...
बबीता की आँखें बंद हो चुकी थी...और वो अपना सिर पीछे सीट से टिका के बैठ गई..
थी.....
उसकी आग भड़कती जा रही थी..उससे सहा नही जा रहा था....जेठालाल के बार बार उसके
चुचे पे हाथ चलने ... से वो किसी और ही दुनिया में चली गई थी.......
जेठालाल को पूरा एहसास था..कि उसकी कोहनी चुचों से रगड़ खा के..उन्हे दबा रही
है...
लेकिन वो करता भी क्या......उसके तो मज़े थे....बबीता ने कोई भी विरोध नही किया था...
उसने कुछ सोचा...और अपनी गर्दन पीछे बबीता की तरफ मोडी......और उसने बबीता को
आँखें बंद कर के ...पीछे टेक लगाया हुआ पाया.....
जेठालाल की भी तो हालत खराब थी...आख़िर कार...उसके शरीर में भी तो गर्मी पैदा हो
रही थी....उससे भी रहा नही जा रहा था...लेकिन उससे पता था वो कुछ नही कर सकता....
उसने दया और अंजलि की तरफ देखा...
वो दोनो अभी भी...वैसे ही अपनी ही मस्ती में थी....
तारक की तरफ नज़र घुमाई...वो भी अपनी ही धुन में था.......
जेठालाल ने कुछ सोचा.....
जिस पोज़िशन में जेठालाल और बबीता थे...उस वक़्त सोच का दायरा बस इतना ही होता
है....कि किस तरह अपनी इस प्यास को भुजा सकें....
राइट अभी भी वैसे ही थे...उसके हाथ नीचे ठीक
बबीता की नाभि के आगे..और चूत के सामने....और उसके हाथ की कोहनी..उसके लेफ्ट चुचे को
दबा रही थी..
उसने अपना लेफ्ट हाथ धीरे धीरे आगे बढ़ाया......
और बदाते बढ़ाते....
उसने बबीता की लेफ्ट जाँघ के उपर रख दिया....
बबीता की आँखें फ़ौरन खुल गई....
क्यूँ कि उसने शॉर्ट्स पहन रखे थी...और उसकी नंगी जाँघ पे ठंडे हाथ पड़ने से वो
चौंक गई.....
जेठालाल ने जैसे ही हाथ रखा...उसने एक बार फिर से बबीता की तरफ देखा...
और उसकी आँखों में देखने लगा....
जेठालाल की तो ट्यूनिंग स्टार्ट हो गई.......
(बॅक ग्राउंड. म्यूज़िक...आहान्ंनननननननननणणन्)