XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा - Page 34 - SexBaba
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XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा

तभी थोड़ी दूर से...इन सब की टेबल से...एक लड़की...बड़ी बड़ी हील वाली सॅंडल
पहन के चली आती है....

पहली बात तो यह, जो तू टिक-टोक टिक-टोक चलती है
माना ये सारी तेरी हाइ हील्स की ग़लती है
रुक तो जा तू हॅंग-ऑन
ये तो बता तू है कौन
कहाँ से आई है
कहाँ को जाएगी
पागल लड़की मुझे मरवाएगी

उस लड़की ने टिपिकल वेटर की ड्रेस पहन रखी थी.....
घुटनो से उपर तक की ड्रेस...वन पीस.....नीचे गोरी सॉफ दूध जैसी..टाँगें..
कमर ऐसी..कि कोई भी समा ले उसे अपने हाथो से..
और उसके बूब्स मशाल्लाह...ना ज़्यादा बड़े..ना ज़्यादा छोटे..
लेकिन एक दम टाइट..तनी हुई.....ब्लॅक कलर की ड्रेस..के अंदर..
उसके बूब्स हिचकोले खा रहे थे..उपर नीचे उपर नीचे....
देख के खड़ा हो जाए सबका.....

मे आइ हेल्प यू सर??

उसने मोहन लाल की तरफ देखते हुए बोला.....

सभी उस आवाज़ की तरफ मुड़े....और सभी जेंट्स उस बला की खूबसूरत लड़की को देखते
रह गये..

अरे अरे..मेने तो अभी उसके फेस के बारे में बताया नही...
उसका फेस..एक दम गोरा चिटा..छोटी छोटी आँखें...
प्यारी सी नोज..और गुलाबी होंठ...जिसके होंठो पे प्यारी सी मुस्कान थी..
और गाल पे पड़ते डिंपल...
बहुत ही क्यूट लड़की...बाल उसके..जो आधे उसके आगे की तरफ थी..और आधे पीछे..

मोहन लाल :- यस...रीना.....प्लस्स टेक दा ऑर्डर....

रेणाम :- श्योर सर......

सब रीना की तरफ ही देखने लगते हैं....

सब अपना अपना ऑर्डर बता देते हैं...
ये नही बताउन्गा ऑर्डर क्या दिया...
सबको भूक लग जाएगी पढ़ते पढ़ते.....
 
जेठालाल के बगल में बैठा था तारक...
तो जेठालाल उसके कान में बोलता है..

जेठालाल :- मेहता साब...यहाँ तो एक से एक बढ़िया पीस रखा है मोहन भाई ने..
क्या मस्त माल थी ये..

तारक :- जेठालाल धीरे बोलो..अगर दया और अंजलि ने सुन लिया तो बॅंड बज जाएगी
हमारी....

दोनो हंस पड़ते हैं...

दया सुन लेती है.....
बातें नही .. हँसी...फिर दिमाग़ ज़्यादा चल रहा है..सबका क्या...

दया :- टप्पू के पापा क्यूँ हंस रहे हो...

जेठालाल की हवा टाइट..कुछ बोलने लायक नही था...वो तो मेहता साब..की
तरफ देख रहा था..

बॅक ग्राउंड म्यूजिक.....फ्लश चलने की आवाज़...

सभी के सभी जेठालाल की तरफ देखने लगते हैं....
तभी जेठालाल का फाइयर ब्रिगेड...यानी की तारक बचा लेता है उसे..

तारक :- अरे वो क्या है ना दया भाभी...
जेठालाल बोल रहा था..पोपटलाल को आना चाहिए था यहाँ पर...

भिड़े :- क्यूँ??

जेठालाल :- तू दया है......

हाहहहहहहहहहहहहहः......सब हँसने लगते हैं...

भिड़े :- देखो जेठालाल..

जेठालाल :- चुप रह ना वादी...हर टाइम पंचाट....

तारक :- भिड़े..वो इसलिए...क्यूँ कि यहाँ एक से बढ़ कर एक कुंआरी लड़कियाँ है.....
श्यद किसी से उसका टक्का भीड़ जाता ...

हाहहहहहहहहहाहा.....सभी एक बार फिर हँसने लगते हैं...
बबीता भी अब नॉर्मल लग रही थी..
और वो भी हंस रही थी...
और दया की तो हँसी आप इमॅजिन कर लो..में तो क्या..दुनिया का कोई भी आदमी.
उसे डिस्क्राइब नही कर सकता...

कुछ देर बाद..सबका खाना आ जाता है....

और सब खाना खाने लगते हैं.....

चलीए उपर खना खाने दीजिए...

हम चलते हैं..ज़रा टेबल के नीचे.....

टेबल के नीचे पहुचते हुए....सबकी टाँगे दिख जाती है....

लेकिन ये क्या.....

क्या हो रहा है यहाँ......

कोई लड़ाई चल रही है क्या......

अरे हाँ लड़ाई ही चल रही है....

लेकिन ये कैसी लड़ाई.....

सबके पैर...इधर उधर.....एक दूसरे के उपर...

किसी का पैर ... किसी के उपर...कैसे चल रहा है...

और एक पैर..ओ तेरिकि...उसकी कुर्सी और उसके दोनो टाँगों के बीच...

ओहू..क्या हो रहा है ये....

ज़रा उपर की तरफ चलते हैं फिर से.....

हीईंन्ननननननननननननननननणणन्.....ये क्या....

सबके चेहरे नॉर्मल.....सब आराम से खाना खा रहे हैं..

और नीचे घमासान युद्ध चल रहा है....

उहुहुहुहू.....अरे कौन खांस रहा है..ये....

क्या हुआ अंजलि.......क्यूँ खांस रही हूँ....तारक पूछता है...

नही कुछ नही....अंजलि तारक की आँखो में देखती है.....

ओफो...यहाँ तो बहुत गड़बड़ है......

इसका तो पता लगना ही पड़ेगा....

टेबल के उपर सब नॉर्मली खा पी रहे थे.....

लेकिन टेबल के नीचे अगर ज़रा नज़र डाले तो....बड़ी गड़बड़ चल
रही थी बाबा....
 
टेबल के उपर सब नॉर्मली खा पी रहे थे.....

लेकिन टेबल के नीचे अगर ज़रा नज़र डाले तो....बड़ी गड़बड़ चल
रही थी बाबा....

सबके पैर इधर उधर घूम रहे थे....

टेबल के नीचे पहचानना या समझना बड़ा मुश्किल है..कि किसने किसके
अंदर घुस्सा रखा है...

तो हम चलते हैं...टेबल के उपर...शायद किसी के फेस से पता चल जाए..

पहले ये बता दूं कि कौन कैसे बैठा है..टेबल पे...

एक लाइन में सारे जेंट्स थे...और ठीक उनके सामने वाली लाइन पे..सारी
लॅडीस बैठी हुई थी...

लॅडीस में लास्ट में रीता...उसके बगल में दया..उसके बगल में बबिता..उसके
बगल में अंजलि..उसके बगल में रोशन..और उसके साथ बैठी थी माधवी..

सामने जेंट्स में...नही...वो अभी बता दिया तो मज़ा खराब हो जाएगा...
उसके लिए तो सब को खुद ही दिमाग़ लगाना पड़ेगा...

खाने खाने में सब मगन थे....तभी अंजलि को खाँसी उठी..
उहहुऊहूउहुहुहुहूह.......

तारक :- पानी लो अंजलि....

अंजलि :- नही नही तारक....मेने...ठीक.. हुउन्न्ं.....

और तारक की तरफ देखने लगती है.....

ज़रा नीचे देखें तो सही आख़िर अंजलि क्यूँ खांस रही थी...
चलीए चलते हैं..टेबल के नीचे...

ओ तेरी की...ये क्या हो रहा है नीचे.....

अब अंजलि ने पहन रखी थी..एक ब्लू कलर की शॉर्ट्स...
जो मात्र उसकी आधी गोरी गोरी जांघों को ही ढक पा रही थी.....

तो में ये क्या देख रहा हूँ..कि कोई..एक पैर...बड़ा सा...
है तो किसी मर्द का ही....
अंजलि के दोनो पैर के बीच में है....और अपनी उंगलियों से..
अंजलि की चूत को दबाए जा रहा है......

अब ज़रा उपर की तरफ...देखें..तो यहाँ तो अंजलि की हालत कुछ गड़बड़ है..
वो अपनी कोहनी को टेबल पे टिका के...बैठी थी...
और उसकी आँखें बंद थी...दूसरे हाथ में चम्मच थी....जिससे वो
खाना खाने की कोशिस कर रही थी...लेकिन खा नही पा रही थी....
उसने अपने आप को किसी तरह कंट्रोल कर रखा था....

तभी उसने अपनी आखें खोली..और तारक की तरफ देखा....लेकिन आज तो मेहता साब
पूरे मूड में थे.....

ओफो ये क्याअ बात हुई...आप लोगों का दिमाग़ में देख रहा हूँ..कुछ ज़्यादा
ही चल रहा है...राइटर में हूँ कि आप....थोड़ा कम दिमाग़ लगाओ भाई...

मेहता साब पूरे मूड में थे..का मतलब...वो..
वो आज पूरे मूड में थे.खाने के....
आप लोग भी ना पता नही क्या सोचते हो..
 
तारक तो धका धक खाए जा रहा था...खाए जा रहा था..

अंजलि उसे घूर रही थी......लेकिन तारक तो देख भी नही रहा था..
अंजलि की हालत बोलने वाली तो थी ही नही.....

और अचानक अंजलि की आँखें एक बार फिर से बंद हो गई...
टेबल के नीचे देखने पर पता चलता है..
कि अब एक पैर नही बल्कि दोनो पैर थे..अंजलि की चूत के पास..
और अंजलि ने टाँगों को फैला रखा था..जिससे चूत खुल गई थी...
और आसानी से मसली जा रही थी..दोनो पैर की उंगलियों से.....

आअहह....तभी एक आवाज़ आई.....

भिड़े :- क्या हुआ माधवी......

अचानक माधवी के ऐसे करने से...सब चौंक जाते हैं..

माधवी :- मुँह बनाते हुए..भिड़े से...कुछ नही...

भिड़े :- तो फिर ऐसे चिल्लाई क्यूँ..?

माधवी :- वो बॅस .. दाँत लग गया मेरी जीभ में...

भिड़े :- मुस्कुराते हुए..ह्म ठीक है..खाना खाओ..अप्रतिम खाना है..

चलो उपर से तो माधवी बोल रही थी....लेकिन हम तो बिना नीचे जाए कहाँ से
मानने...वाले हैं...

वैसे तो माधवी ने पूरे कपड़े पहन रखे थे...एक स्लेक्स टाइप सी पहन रखी थी..
ग्रीन कलर की....

अब नीचे देखें तो ये क्या हो रहा है...इन लोगों ने तो हद कर दी....

यहाँ पे वही.....सेम कहानी....माधवी की टाँगें चौड़ी पड़ी थी..
और पैर पूरी तरह से चूत में घुसे पड़े थे.....और ज़ोर ज़ोर
से दबा रहे थे..जैसे चाहते हों....कि अभी अपना पैर माधवी की चूत में
उतार दी..
माधवी की चूत ने तो पानी छोड़ना शुरू कर दिया था
इसका पता तब चला जब उसकी ग्रीन कलर की स्लेक्स में उसके पानी का दाग
सॉफ दिखाई दे रहा था.......

माधवी अपने मन में...इनको क्या हो गया है.आहह..क्या कर रहे हैं..सबके
सामने...किसी ने द्देख लिया तो..हाई माआ.....

वैसे ये पता लगना बहुत मुश्किल है..कि किसका पैर कहाँ है....

उपर देखने पर तो तारक और भिड़े नॉर्मल लग रहे थे..
 
उधर जेठालाल तो खाने में मस्त था.....
उसने एक गस्सा मुँह में लिया...लेकिन जैसे ही उसे खाने..लगा....
उहुहुहुहुहूउहुहूह...खाँसते हुए..वो नीवाला बाहर..
उहूहुहूहहू...खाँसते हुए....

तारक जो उसके बगल में बैठा था....क्या हुआ जेठालाल...

जेठालाल अभी भी खांस रहा था.....
तारक उसे पानी देता है..
जेठालाल पानी गटकता है.....

और दया की तरफ देखता है...

दया :- टप्पू के पापा आप ठीक तो है ना...

जेठालाल :- उसकी तरफ देखते हुए हाँ.....
और फिर अपने मन में..
देखो कैसे नाटक कर रही है...
जैसे इसे कुछ पता ही ना हों....
आहह...दया क्या कर रही है...कोई देख लेगा..पैर पीछे कार...

तो खिचड़ी यहाँ भी पक रही है...
तो चलो...देखते हैं नीचे..कि क्या हो रहा है.....
ओहू..तो ये कार्यकरम चल रहा है....
कि दो मस्त गोरे गोरे पैर की उंगलियाँ..जेठालाल के लंड पे चल रही थी.....

और जेठालाल का लंड अकड़ता जा रहा था......
अब ये गोरा पैर किसका है.......

ह्म्म बताउन्गा...लेकिन थोड़ा सब्र...करिए सब के सब...

जेठालाल मन में सोचता है....क्यूँ ना में भी..
बबीता जी के साथ...हाँ हाँ कर सकता हूँ..बगल में अईयर भाई बैठे हैं...
क्या पता चलेगा..बबीता जी को...

फिर जेठालाल अपना पैर बढ़ाता है...और बढ़ाते हुए..अचानक किसी से उसका पैर टकराता
है....एक पल को तो डर जाता है..
और अपना पैर वहीं रोल लेता है कुछ देर के लिए...
लेकिन जब उसको लगता है कि ये पैर किसी औरत है.....और और..
वो भी जेठालाल के पैर को से खेल रहा है....तो वो चौंक जाता है....
और अपनी नज़र उठा के...सामने देखता है.....और देखते ही..उसकी सबसे
पहले नज़र बबीता से मिलती है....जो दया के बगल में बैठी थी......
और बबीता जेठालाल की तरफ देख के मुस्कुरा रही थी.....

जेठालाल अपने मन में..अरे वाह...यहाँ तो बबीता जी..खुद मेरे साथ...वाहह
क्या बात है.....
 
फिर जेठालाल अपने पैर को आगे बढ़ता है....उसी पैर के साथ...
और पहुच जाता है...उसके पास.....

फिर जेठालाल अपने पैर उपर ले जाते हुए..नीचे से उपर तक सहलाते हुए...
वहीं जाके अटक जाता है....जहाँ सबके पैर अटके पड़े थे....
जी हाँ चूत पे.....

जेठालाल ने अपनी उंगलियों का जादू चला दिया चूत पे.....
इधर एक पैर जेठालाल के लंड पे चल रहा था..
और खुद उसका पैर...सामने बैठी बबीता की चूत पे.....

जेठालाल ने अपनी उंगलियों की स्पीड इतनी तेज़ कर दी कि.....अब चूत से रहा जाना मुश्किल
था...इसलिए उसने अपना पानी छोड़ना शुरू कर दियाअ.....

जब जेठालाल ने बबीता को देखा...तो उसने अपनी गर्दन झुका रखी थी...और
अपना एक हाथ नीचे ले जाके कुछ कर रही थी..

जेठालाल अपने मन में.....लगता है..बबीता जी..का निकल.गया..अहः...मज़ा आ गया..

चलो जी..बस...और नही बता सकता नीचे क्या हो रहा है...
सबके सब एक ही कम में लगे हुए हैं.....
बाकी की बात तो बाद में ही पता चलेगी..

तारक :- अहह मज़ा आ गया..बहुत दिनो के बाद खाने को मिला..

जेठालाल :- क्यूँ मेहता साब...आपको अंजलि भाभी..ने कितने दिनो से खाना नही दिया..

जेठालाल की इस बात पे सब हँसने लगते हैं....

तारक :- हंसते हुए..नही भाई..जेठालाल...ऐसा लज़ीज़ और मसालेदार खाना तो
बहुत टाइम बाद ही मिला है......

भिड़े :- चलो अब तो खाना पीना हो गया....
तो में क्या सोचता हूँ...हमे सबको बीच पे जाके मज़े करने चाहिए.

मोहन लाल :- भिड़े भाई आपने बिल्कुल ठीक बोला...फिर शाम का मेने बहुत तगड़ा इंतेज़ाम
कर रखा है.....

सोढी :- अरे क्या बात कर रहे हो..मोहन प्रा..तगड़ा इंतेज़ाम मतलब..पार्टी शार्टी...

रोशन :- रोशन....बताऊ तुझे पार्टी शार्टी..

सोढी :- अरे रोशन में तो मज़ाक कर रहा था...

मोहन लाल :- देखिए आप सब बस अपने कपड़े ले लीजिए..जो आप सब बीच पे पहनने
वाले हैं...बाकी का इंतेज़ाम में करा देता हूँ...

सभी ठीक है बोल के चल देते हैं.....

सभी खुशी खुशी चलते हैं..सिवाय एक को छोड़ के...और वो था अईयर...

जेठालाल अईयर को देख लेता है.......और मन में हँसने लगता है......

जेठालाल अईयर के पास जाता है..

जेठालाल :- अईयर भाई..आप बहुत परेशान लग रहे हो..

अईयर :- देखो जेठालाल ... में अभी बात करने के मूड में नही हूँ..
तुम जाओ..

जेठालाल :- जैसी आपकी मर्ज़ी..लेकिन में तो आपकी भलाई के लिए ही बोल रहा हूँ....

और जेठालाल आगे चला जाता है अईयर के...फिर अईयर कुछ सोचता है..और
जेठालाल को आवाज़ लगाता है..

अईयर :- जेठालाल सुनो..

जेठालाल रुक जाता है....

जेठालाल :- हाँ बोलो अईयर भाई..

अईयर :- जेठालाल ... तुम मेरी मदद कर सकते हो....

जेठालाल :- उसी के लिए तो आया था में आपके पास...

अईयर :- सॉरी जेठालाल वो में परेशान था....अच्छा बताओ....क्या आइडिया है तुम्हारे पास.

बॅक ग्राउंड म्यूजिक.........आआयूऊऊऊऊऊऊऊऊऊ.....

और फिर जेठालाल अपना आइडिया बताता है...और अईयर ये सुन के खुश हो जाता है....
 
जेठालाल अईयर को आइडिया देता है...और अईयर बहुत खुश हो जाता है...

अईयर :- तो जेठालाल जल्दी दो मुझे..

जेठालाल :- एक मिनिट आप अपने कमरे के बाहर रूको..में लेके आता हूँ.

फिर जेठालाल अंदर जाता है..और एक बंद पॅकेट लेके आता है.

जेठालाल :- ये लो अईयर भाई...

अईयर :- जेठालाल कुछ गड़बड़ तो नही होगी ना..

जेठालाल :- चिंता मत करो अईयर भाई..सब ठीक तक रहेगा..

अईयर :- ठीक है अब तुम बोल रहे हो तो ...

और फिर अईयर अपने रूम में चला जाता है....

अईयर अपने रूम में पहुँचता है..तो देखता है बबीता बीच पे जाने की
पॅकिंग कर रही होती है...

अईयर :- बबिता...

बबीता अईयर की तरफ देखती है और फिर अपनी पॅकिंग में लग जाती है...

अईयर :- बबीता आइ आम सॉरी..कब तक गुस्सा रहोगी...
देखो में तुम्हारे लिए कुछ लाया हूँ..

बबीता रुकती है..और अईयर की तरफ देखती है...अईयर ने एक पॅकेट में कुछ लेके
खड़ा था....

औरतें जितनी भी गुस्सा हो..गिफ्ट देख के पिघल ही जाती है..

बबीता अपनी पॅकिंग करते हुए..

बबीता :- तुम्हारे पास ये गिफ्ट कहाँ से आया..

अईयर मन ही मन खुश होता है...

अईयर :- में तुम्हारे लिए मुंबई से लेके आया था...और अभी निकला ना बॅग से..

बबीता :- अच्छा..मेने तो देखा नही..

अईयर :- वो तुम उधर देख कर पॅकिंग कर रही थी ना..

बबीता :- अच्छा..सोचते हुए...

अईयर :- तुम गिफ्ट तो देखू..पहले.

फिर अईयर बबीता को गिफ्ट देता है..
बबीता खोलने लगती है....
और जैसे ही पूरा गिफ्ट खोलती है.....
 
फिर अईयर बबीता को गिफ्ट देता है..
बबीता खोलने लगती है....
और जैसे ही पूरा गिफ्ट खोलती है.....
बबीता के तो होश ही उड़ जाते हैं...और साथ साथ अईयर के भी उड़ जाते हैं..
उसकी तो गान्ड ही फट जाती है...
अईयर अपने मन में...जेठालाल में तुम्हें नही छोड़ूँगा...बबीता इस गिफ्ट को
देख के मुझ पर और गुस्सा होगी...अब क्या होगा....

लग गया ना आप सब का दिमाग़...सोच रहे होंगे....कि जेठालाल ने मार ली
अईयर एक बार फिर..और अब बबीता अईयर की मारलेगी...
लेकिन आप सब को ठेंगा...
मेने मार ली आप सब की...आपकी सोच की..हाहहहह......मज़ाक कर रहा हूँ...

बबीता अईयर की तरफ देखती है...अईयर तो उउुआओओू..कर रहा होता है..

अईयर :- बबीता वो..

बबीता :- क्या वो अईयर..तुम तुम...इतना अच्छा गिफ्ट कैसे दे सकते हो..

अईयर तो ये सुन के कन्फ्यूज़ हो जाता है..वो अपने कान में उंगली डाल के सॉफ
करता है..और फिर बोलता है..

अईयर :- क्या बबीता .. क्या बोला तुमने..

बबीता :- अईयर दिस ईज़ दा बेस्ट गिफ्ट यू एवर गेव मी...

अईयर तो खुशी के मारे झूम उठता है....उसका मन तो नाचने का हो जाता है...
बहुत देर के बाद अईयर का सही टाइम आया था.....

अईयर :- बबीता डार्लिंग..मेने स्पेशली तुम्हारे लिए ये चुनी है..तुम इसे बीच
पे पहनोगी तो सबसे ज़्यादा ब्यूटिफुल तुम ही लगोगी..

बबीता :- ओह्ह थॅंक यू सो मच...अईयर..

तभी बाहर से दया की आवाज़ आती है..बबीता जी..जल्दी आई..हम सब बाहर हैं..

बबीता :- आई दया भाभी..
अईयर..तुम्हारे कपड़े उधर है..तुम चेंज करके आ जाना..में जा रही हूँ..
बाइ..

अईयर :- खुश होते हुए..बाइ...

और फिर बबीता बाहर निकल जाती है...

बाहर का नज़ारा कुछ ऐसा था..
सारी लेडीज़ खड़ी थी...और साथ में तारक और मोहन लाल..और ये क्या एक नयी लड़की.

भाई ये मोहन लाल भी कमाल की चीज़ है..हर टाइम नई लड़की...

मोहन लाल :- लो बबीता जी भी आ गई..
अच्छा तो लॅडीस..ये हैं..रीना...
ये आपको बीच मे कंफर्टब्ली चेंज करवाएँगी..कोई भी दिक्कत हूँ..
तो आप इनसे कहना..
रीना इन सब का ध्यान रखना .. अपने ही लोग हैं..

रीना :- फॉर श्योर सर..
सो मेडम्स..प्लीज़ कम वित मी..

और फिर सब..रीना के साथ चली जाती है..
 
तारक :- मोहन भाई एक बात पूछूँ अगर आप बुरा ना मानो तो..

मोहन लाल :- हाँ हाँ मेहता साब..पूछिए ना..

तारक :- ये आपके पास..हर जगह..अलग अलग लड़कियाँ कैसे??

मोहन लाल :- हाहहहह मेहता साब..इसका जवाब में आपको बाद में दूँगा..
फिलहाल आप चेंज कर लीजिए..फिर चलना भी है..

तारक :- हाँ अच्छा याद दिलाया..में अभी चेंज कर के आता हूँ....

और फिर तारक रूम में घुस जाता है..और मोहन लाल भी चला जाता है
वहाँ से...

कुछ देर में कॉरिडोर में हल्ला गुल्ला मच रहा था..

भिड़े :- मेहता साब..ये जेठालाल हर बार लेट करता है..

तारक :- भाई मुझे क्यूँ बोल रहा है..में कोई सेक्रेटरी हूँ उसका..तू दरवाजा
खटका ले...और पूछ ले..

सोढी :- ओई भिड़ू...तू थोड़ी ठंड रख..

तभी उधर से...जेठालाल दरवाजा खोल के बाहर निकलता है..

भिड़े :- जेठालाल और कितनी देर भाई..जल्दी नही आ सकते थे..

जेठालाल :- नही..तुझे कोई प्राब्लम है भाई..

बॅक ग्राउंड. म्यूज़िक....भिड़ेईईईईईई...

अब्दुल :- अच्छा..चलो भाई...लोगों अब..

सोढी :- अब्दुल प्रा...तू बड़ा उत्साहित लग रहा है..

हाहहहः..सब हंस पड़ते हैं..और चलने लगते हैं..

वैसे बता दूं..जेंट्स लोगों ने केवल कॉस्ट्यूम पहन रखा था...
बाकी कुछ नही...

सब हँसी मज़ाक करते हुए...निकल रहे थे..बीच पे जाने का रास्ता
स्वीमिंग पूल के पास से निकलने का था.
अब स्वीमिंग पूल में लोग काफ़ी कम थे..
शाम के 4 बज रहे थे...

और जहाँ तक मुझे दिखाई दे रहा है....इस वक़्त भीड़ तो बीच के पास है....

सभी जोक्स करते करते निकल रहे थे......

भिड़े :- जेठालाल तुम अपनी तोंद देखो..कितनी बाहर आ रही है....

सभी भिड़े की बात सुन के हंस पड़ते हैं..

बॅक ग्राउंड म्यूजिक..शेर की दहाड़ने की आवाज़.....

जेठालाल :- भाई मेरा तो ठीक है..कोई नही..सिर्फ़ आज ही दिख रहा है...
तेरा तो रोज़ का यही हाल है भाई..

भिड़े हंसते हुए...क्या मतलब..

जेठालाल :- अरे अपने उपर देख चपली..

भिड़े उपर देखता है.....

भिड़े :- जेठालाल तुम्हारा दिमाग़ भी मोटा हो गया है क्या..हाहाहा...

जेठालाल :- अबे..नॉनसेन्स...तेरे सर की बात कर रहा हूँ....

भिड़े का बॅक ग्राउंड म्यूज़िक...भिड़ेईईई...

सभी जेठालाल की बात सुन के हँसने लगते हैं..

सभी चलते चलते....आख़िर कर..बीच पे पहुच ही जाते हैं...

वाहह भाई वाहह..क्या नज़ारा है बीच का...मज़ा ही आ गया...

कम से कम यहाँ बैठ के पूरा का पूरा दिन आँख सेक सकते हैं..ऐसी
हालत थी.....
 
समुंदर की बड़ी बड़ी लहरे आ रही थी.....कुछ लोग पानी के अंदर मस्ती कर रहे थे..
कुछ जेट स्काइयैयी चला रहे थे.....
इधर मिट्टी पर नज़र डालें..तो एक साइड..तंबू गाढ के...खाने पीने का स्टॉल
लगा हुआ था....
दूसरी तरफ नज़र डाले....तो तंबू गढ़ा हुआ...था..जहाँ एल्‍कोहल बिक रही थी....

और चारो तरफ हरियाली ही हरायली.....

अरे दिमाग़ ना लगाओ थक गया हूँ बोल बोल के...
हरियाली मतलब...हर जगह लड़कियाँ ही लड़कियाँ..
वो भी 2 पीस बिकनी में.......

सभी आँखें फाड़ के एक एक करके गुजर रही हॉट...हॉट देसी और विदेशी
लड़कियों को घूर रहे थे...
सबके कॉस्ट्यूम के अंदर झटके आने लगे थे...

मीन वाइल....टाइम को थोड़ा रिवर्स करते हैं..और चलते हैं..
लेडीज़ के पास..देखें तो सही वहाँ भी क्या क्या हो रहा है...
रीना सभी लॅडीस को बीच पे ले आती है..और वहाँ पे 3 कमरे थी..
जहाँ पे चेंज कर सकते थे....

रीना :- मेडम....आप सब यहाँ पे चेंज कर लीजिए..
अंदर बहुत आराम से आप चेंज कर लेंगी...

अब 3 कमरे...और लॅडीस थी..6...ह्म...

अंजलि :- ओके सो आप तीनो चलिए..फिर चेंज कर लीजिए..फिर हम कर लेंगी..

रीना :- आप सारे एक साथ ही चेंज कर सकते हैं..

मतलब ...सबके मुँह से यही निकलता है..

रीना :- मतलब मेडम..ये चेन्जिन्ग रूम बहुत बड़ा है...आप दो आराम से अंदर
चेंज कर सकती है.....

सभी लॅडीस लोग कुछ सोचती है..और फिर बोलती है ओके...

तो जी..पियर बना दिया जाय...
सब के मन में लड्डू फूट रहे होंगे....और दिमाग़ भी चल रहा होगा..
यार इसके साथ ये होना चाहिए..उसके साथ वो...यही सोच रहे हैं आप..
ऐसा है...

तो 1स्ट कमरे में..घुसे...अंजलि और दया....ह्म...पता नही अंजलि का क्या होगा..
2न्ड में घुसे...रोशन और रीता....ह्म दोनो र र एक साथ घुस गयी..
रीता तो बहुत गरम लड़की है...रोशन ह्म उसका तो पता नही ...
और 3र्ड आंड लास्ट....बचे हुए दो..माधवी.और बबिता....ऊ ललालल्ल..
एक से बढ़ कर एक है दोनो....

रीना बाहर ही खड़ी रहती है.....
 
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