अपडेट 6
मेरा तो लंड अब खड़ा हो चुका
था और चाची को मुझे अब इस बात का अंदाजा दिलवाना था इसीलिए में उनके पांव के बीच मे
बैठ गया और अपने दोनों हाथो में बर्फ ले कर आराम से थोड़ा थोड़ा प्रेस कर के बर्फ घुमाने
लगा और घूमाते घूमाते बर्फ उनकी गांड तक ले जाने लगा, जब जब मेरे हाथ उनके गांड तक जाता
तो उनकी पेन्टी की स्लाइड्स मुझे महसूस हो रही थी. मैं अब अपने आपे से बाहर होता जा रहा था एक दम सेक्सी चाची और में इस सिचुएशन में, मैंने फिर बड़े आराम से अपने हाथ चाची
की पेन्टी में सरकाने का ट्राय किया पर चाची की पेन्टी बहुत टाइट थी, इसीलिए हो नहीं पाया.
फिर मैंने चाची से पूछा
मैं- चाची, आराम मिल रहा हे?
चाची- हाँ बेटा आराम तो मिल रहा हे. लेकिन अब तुम रहने दो, अब में ठीक हू.
मैं- नहीं चाची,मै और मालिश कर देता हू.
चाची- नहीं रेशु, मैंने कहा ना.. की अब हो गया, में ठीक हूं.
फिर मुझे अपने आप पर गुस्सा आया की क्यों मैंने खुद ही बात छेडी, सब कुछ ठीक चल
रहा था लेकिन में यह समझ नहीं पा रहा था की चाची को भी मज़ा आ रहा था फिर क्यूं
उनहोने मुझे जाने को कहा? लेकिन मुझे और मेहनत करने पड़ेगी ऐसा सोच कर में अपने रूम
मे जा कर बैठ गया. फिर शाम तक कुछ नहीं हआ
अब रात के आठ बज रहे थे, और हम दिनर
पर बैठे, लेकिन एक बात मेरी समझ में नहीं आ रही थी की मैंने इतना बड़ा सेंटेंस कहा
की आंटी में आपको फेंटीसी करता हूँ पर आंटी ने अब तक कुछ नहीं कहा में इस बात
पर बहुत हैरान था इसीलिए मैंने ही बात शुरू करना ठीक समझा
मैं- चाची...?
चाची- हा
मैं- चाची एक बात पूछनी हे?
चाची- किस बारे में, मैंने अब तक तुमसे फैंटेसी के बारे में पूछा नही, इस बारे मे? मै तो शॉक ही हो गया. चाची यह देख कर हंस पडी.चाची अरे बेटा, इस उम्र में ऐसा बच्चे करते हे, लेकिन मुझे तुम्हारी आनेस्टी पसंद आई.
मैं- थैंक्स चाची लेकिन एक बात कहूंगा, आप मुझे अच्छी तरह से समझने लगी हे.
चाची- अच्छा बाबा चलो अब फिनिश करो.ऐसे कह के चाची ने अपना डिनर फिनिश किया और उठि तो उनके मुँह से आह निकली
मैं- क्या चाची, अब भी दर्द हे?
चाची- हाँ बेटा, अभी डिनर कर के एक और बार मालिश कर देना.
मैं- ठीक हे चाची, कहकर मैंने फ़टाफ़ट खाना ख़त्म किया
इतने में चाची ने भी अपना काम फिनिश किया और मेरी और मुस्कुराई, में भी किचन में बर्फ
लेने चला गया और बर्फ ले कर चाची के बैडरूम में दाखिल हुआ और देखा तो चाची अपने आप
ही पेट् के बल लेटी हुई थी. मेरे अंदर आते ही उन्होंने कहाँ रेशु, बेटा अब तक दर्द नहीं गया हे, थोड़ी हार्ड मालिश करो और दर्द और जगह भी हे,
तो वहॉ भी मालिश कर दो.मैने ठीक हे कहा और चाची के पाँव के पास बैठ गया और बिना पूछे चाची की सारी
उनकी थाय तक उठाई और चाची ने मेरे कहने से पहले ही अपने पाँव फैला लिये. मेरा तो
लंड फनफना ने लगा. मैंने बिना बर्फ के ही चाची के थाइस पर हाथ फिराया और फिर बर्फ
हाथ में ले लिया, में दोनों हाथों में बर्फ ले कर चाची के थाइस पर बर्फ रगड़ने लगा,
चाची को मज़ा आ रहा था लेकिन चाची ने कहा “बेटा रेशु, एक और बात हे की चोट मुझे कहीं और लगी है, पता नहीं कैसे कहूं, पर
जो हे वो हे.
मैं- चाची, बिना कोई झिजक मुझे बताइये,चाची में बता नहीं पाउँगी
मैं- अच्छा तो मेरे हाथ वहॉ रख दिजिये जहा दर्द हो रहा हे,फिर उन्होंने अपने दोनों हाथो में मेरे हाथ लिए और अपने पेन्टी पर रख दिये. मेरा तो मन ही
नाच उठा. मैंने अपने हाथो से बर्फ छोड़ कर चाची के गांड को पहले तो देखा फिर चाची की
सारी उठा कर चाची की कमर पर रख दि, अब पूरी पेन्टी मेरे सामने थी,
मैने पहली बार किसी औरत की गांड को छुआ था मैंने अपने दोनों हाथ उनके गांड पर रक्ख
ओर गोल गोल घुमाया.
मैं- चाची, अगर यहाँ पर बर्फ लगाउंगा, तो आपकी यह गीली हो जाएन्गि, तो क्या आप..?चाची- नही, नही... रेशु में तेरे सामने कैस, इसे उतार सकती हू.
मैं- अगर आपको शर्म आ रही हो तो में इसे उतार देता हू,
चाची- हाय हाय रेशु, तुम तो बड़े बेशर्म हो रहे हो
मैं- चाची, में आपके भले के बारे में ही कह रहा हू.
चाची- नही..नही
मैं- क्या नहीं चाची....नही में जरूर लगाउंगा, आपको सुबह से दर्द हे और आप बताती भी
नही हे.फिर चाची कुछ नहीं बोलि, मैंने इसे चाची की इजाज़त मान ली और चाची की पेन्टी पर फिर से
हाथ रखकर दोनों हाथों में दबा लिया. चाची अब बस आँखें बंद कर के लेटी रही, कुछ्
बोल नहीं रही थी. फिर मैंने पेन्टी के अंदर अपने हाथ डाल दिये और चाची की गांड को
सेहलाने लगा. चाची भी मजे ले रही थी. फिर मैंने दोनों हाथों से चाची की गांड को
दबाने लगा, चाची के मुँह से आह... ओह की आवाज़ निकलने लगी, में जानता था की यह
मॉनिंग हे पर मैंने जानबूझ कर कहा की
मैं- देखा चाची, दर्द ज्यादा हो रहा है ना,,आप बस मुझे
अपने तरीके से इलाज करने
दीजीए"
चाची- अच्छा बाबा, तू ही अपने तरीके से कर दे, वैसे भी तू अच्छा इलाज कर रहा हे