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RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
वक़्त के हाथों मजबूर--16
आज राधिका के मंन में हज़ारो सवाल उठ रहे थे. उपर से निशा के ऐसे तेवर देखकर उसे खुद विश्वास नही हो रहा था. वो कॉलेज अटेंड कर के घर आती हैं और फ्रेश होकर खाना बनाती हैं.
दूसरे दिन सुबह ही राहुल का फोन आता हैं और वो राधिका से मिलने के लिए बेचैन रहता हैं. आज सनडे होने के कारण वो राधिका को लेने उसके घर आता हैं और कुछ देर में वो उसे अपने घर ले जाता हैं.
राहुल- जान अब तो मैं यही सोचता हूँ कि जल्दी से जल्दी हम शादी कर ले.
राधिका- हां तो जनाब कब मुझे मन्गल्सुत्र पहना रहे हैं.
राहुल- बहुल जल्दी. देख लेना ऐसा बारात लेकर आउन्गा की सारा सहर देखता रह जाएँगा. और मैं अपनी दुल्हन को अपनी बाहों में उठाकर इस घर में ले आउन्गा.
राधिका- लेकिन आप तो हम से सुहाग रात पहले ही मना चुके हैं. अब उसका क्या.
राहुल- अरे तो क्या हुआ ये सब चीज़ों से भला कभी मन भरता हैं क्या. और राहुल मुस्कुरा देता हैं और राधिका भी शरम से अपनी नज़रें नीचे झुका लेती हैं.
राहुल- अरे वाह हमारी दुल्हन तो हम से शरमा रही हैं. लगता हैं आभी भी पूरी शरम गयी नही हैं. आज पूरी बची हुई भी उतार दूँगा.
राधिका का चेहरा शरम से लाल हो जाता हैं.और वो भी धीरे से मुस्कुरा देती हैं.
कुछ देर इधेर उधेर की बातें होती हैं फिर दोनो नाश्ता करते हैं और फिर राहुल उसे अपने कमरे में ले जाता हैं.
अंदर आकर वो झट से राधिका को कस कर अपनी बाहों में ले लेता हैं और अपने लब से राधिका के लब को चूम लेता हैं. और फिर धीरे धीरे उसे अपने दाँतों से काटने लगता हैं और जवाब में राधिका भी अपना बदन को उसके हवाले कर देती हैं और अपनी आँखें बंद कर के अपना हाथ उसके सर पर फिराती हैं.
कुछ देर तक ऐसे ही वो दोनो आपस में एक दूसरे के होंठ चूस्ते और चाट ते हैं.
राहुल जब से राधिका से मिला था वो कुछ परेशान सा दिख रहा था, और राधिका भी उसके चेहरे पर परेशानी सॉफ सॉफ पढ़ लेती हैं.
राधिका- अपने से राहुल को दूर करते हुए. बात क्या हैं राहुल मैं जब से तुमसे मिली हूँ तुम कुछ परेशान से दिख रहे हो.
राहुल- हां जान , क्या करू बात ही ऐसी हैं.
राधिका- मुझे नही बताओगे क्या.
राहुल- राहुल कुछ देर तक सोचता हैं फिर बोलना शुरू करता हैं.
राहुल- दर-असल परसों रात में दो बदमाश मारे गये थे पोलीस मुठभेड़ में. जानती हो वो दोनो कौन थे.
राधिका- चौुक्ते हुए, कौन???
राहुल- याद हैं जब मैं पहली बार तुमसे मिलने तुम्हारे घर आया था तब किसी ने मुझपर हमला किया था, वो दोनो हमलावर यही थे. ये तो बस मोहरे थे मगर इनका लीडर अभी पकड़ा नही गया हैं.
राधिका- चलो राहुल ये तो और भी अच्छा हुआ, मगर आगे से तुम सावधान रहना.
राहुल- मुझे तो ये चिंता सता रही हैं कि मेरी हर पल पल की खबर इनके पास कैसे पहुचती हैं. कोई तो ऐसा आदमी हैं जो हमारी पोलीस फोर्स में इनको पल पल की खबर दे रहा हैं. वरना मैं उस दिन तुम्हारे यहाँ पहली बार आया था और ये सब इनको कैसे मालूम हुआ कि मैं इस वक़्त तुम्हारे घर पर हूँ. जबकि मैं उस दिन किसी को ये बात नही बताई थी.
राधिका- एक दम से उसे कुछ याद आता हैं. मैं यकीन से तो नही कह सकती राहुल मगर हो ना हो इन हमलावरो के पीछे ज़रूर तुम्हारे दोस्त विजय का हाथ हो सकता हैं.
राहुल- चौुक्ते हुए. तुम कैसे इतना यकीन से कह सकती हो. क्या तुम्हारे पास कोई सुबूत हैं.
राधिका- याद हैं राहुल जब तुम पर हमला हुआ था उसके करीब 20 मिनिट पहले तुम्हारे दोस्त विजय का फोन आया था.और तुमने ही तो उसे बताया था कि तुम इस वक़्त मेरे घर पर हो.
राहुल- हां मानता हूँ की विजय का 20 मिनिट पहले फोन आया था, लेकिन वो तो हर रोज़ मुझसे ऐसी ही बातें करता हैं. और रोज़ मुझसे मिलकर अपना हाल चाल जानकार अपने क्लिनिक चला जाता हैं. नही वो ऐसा नहीं कर सकता.
राधिका- लेकिन ये बात तो उस वक़्त बस विजय ही जानता था की तुम कहाँ पर हो. और हो सकता हैं वो ही तुम पर हमला करवाया हो.
राहुल- नही राधिका, विजय को मैं अच्छे से जानता हूँ, वो मेरे दोस्त ही नही बल्कि मैं उसे अपना छोटे भाई की तरह मानता हूँ. वो ऐसा कभी नही कर सकता. और ये भी तो हो सकता हैं कि उन हमलावरो ने मेरी गाड़ी का पीछा किया हो और मौका देखकर मुझपर हमला कर दिया हो.
राधिका- जो भी हो राहुल मुझे ये तुम्हारा दोस्त कुछ ठीक नही लगता. मैं तो बस यही कहूँगी कि तुम बस सावधान रहना.
राहुल- मुझे कुछ नही होगा राधिका. तुम जो मेरे साथ हो. देख लेना एक दिन साले सब पकड़े जाएगे. और तुम बे-वजह मेरे दोस्त पर शक कर रही हो. वो ऐसा नहीं हैं.
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RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
राधिका- अगर अब तुमने भी मुझे आटम बॉम्ब बोला ना ..तो मैं अभी यहाँ से चली जाउन्गि. फिर हाथ मलते रहना.
राहुल- नही हाथ तो नही मगर कुछ और ही मलना पड़ेगा. राधिका राहुल की बात समझते ही उसे ज़ोर से पिंच कर देती हैं.
राधिका- देख रही हूँ की तुम बहुत बिगड़ गये हो.
राहुल भी उसे अपनी बाहों में ले लेता हैं और अपने होंठ उसके होंठ पर रखकर धीरे धीरे उसे चूसने लगता हैं. राधिका भी अपनी आँखें बंद कर लेती हैं और वो अपना हाथ उसके सर पर रख देती हैं.
कुछ देर तक दोनो ऐसे ही एक दूसरे के होंठ चूस्ते हैं फिर राहुल अपने हाथ धीरे धीरे बढ़ाते हुए उसके सीने पर रख देता हैं और दूसरा हाथ उसके गान्ड पर रखकर धीरे धीरे मसलना शुरू कर देता है.
राधिका- प्लीज़ राहुल, मैं बहुत प्यासी हूँ, मेरी आग आज ठंडी कर दो ना.
राहुल- तो बताओ ना तुम्हारी आग को मैं कैसे ठंडा करू. कहों तो पानी ले कर आऊ.
राधिका- घूर कर देखते हुए. जाओ मैं तुमसे बात नहीं करती.
राहुल- अरे मेरी जान नाराज़ क्यों होती हो, बताओगि नही तो मैं तुम्हारे आग का इलाज़ कैसे करूँगा.
राधिका भी समझ चुकी थी कि राहुल उससे क्या कहलवाना चाहता हैं. लेकिन राधिका को अभी भी ये सब बोलने में झिझक हो रही थी.
राधिका- राहुल मुझे शरम आती हैं वो सब बात करने में. प्लीज़ ऐसे ही कर लो ना आज. ज़रूरी हैं क्या हर बात बोलना.
राहुल- क्यों खाना खाती हो तो पानी नही पीती क्या. वैसे ही ये भी ज़रूरी हैं. अगर नही कहोगी तो मैं भी आज कुछ नही करने वाला.
राहुल - बोलो ना जान. मुझसे कैसी शरम आज मैं तुम्हारी बेशर्मी देखना चाहता हूँ. क्या तुम मेरे लिए इतना भी नही कर सकती.
राधिका- पहले से ही बेशरम बना दिया हैं मुझे, और अब क्या बाकी रह गया हैं.
राहुल- तो फिर देर किस बात की है, चलो शुरू हो जाओ.
राधिका- ठीक हैं राहुल अगर तुम्हें ये सब से खुशी मिलती हैं तो ये ही सही. आज मैं तुम्हें अपनी पूरी बेशर्मी दिखाउंगी अगर सच में अगर तुम ना शरमा गये तो मेरा नाम भी राधिका नहीं.
राहुल- तो देख लेते हैं कि किसमे कितना दम हैं.
राधिका- अब बातें भी करोगे या कुछ शुरू भी करोगे.
राहुल- मैं नही कुछ करने वाला आज जो भी करोगी तुम करोगी. समझ लो कि मैं नया हूँ और तुम मुझे आज सब कुछ सिखा रही हो.
राधिका- अच्छा, ये क्या बात हुई. जाओ .......मैं........... ये नही कर सकती.
राहुल- फिर ठीक हैं मैं भी अब जाता हूँ.
राधिका तुरंत राहुल का हाथ पकड़ लेती हैं और उसका हाथ अपने राइट बूब्स पर रखकर ज़ोर से मसल देती हैं.
राधिका- आओ ना राहुल, मैं तुमसे चुदवाना चाहती हूँ. आओ और अपने राधिका को अच्छे से , अपने लंड को मेरी चूत में रगड़ कर चोदो.
अब चौकने की बारी राहुल की थी. उसने कभी सपने में भी राधिका से ऐसी उम्मीद नही की थी. और उसका बड़ा सा मूह खुल जाता हैं.
राधिका- ऐसे क्या देख रहे हो मैने कुछ ग़लत तो नही कहा ना. जो तुम चाहते थे वही तो बोला हैं.
राहुल- राधिका , मुझे तो अब भी यकीन नही हो रहा कि तुम इतनी बिंदास होकर ऐसे बातें कैसे बोल सकती हो.
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