Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
12-20-2019, 12:57 PM,
#51
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
राज ने अपनी पेंट और अंडरवेर ऊपेर करके पहन ली. और फिर चारपाई पर बैठ गया. निर्मला फिर से चौकी पर नीचे बैठ गयी.

निर्मला: बाबू जी. फिर कब मुझ अपनी सेवा का मोका दोगे.

राज : जल्द ही तुझे फिर से सेवा का मोका मिलेगा.

राज कुछ देर के लिए सोच मे पड़ गया. वो जानता था, कि वो रोज -2 यहाँ नही आ पाएगा. वो इसके लिए कोई हल सोचने लगा. कुछ ही देर मे मुरली भी आ गया. उसने चिकेन का लिफ़ाफ़ा राज को दे दिया. राज बाहर आ गया. उसके पीछे मुरली भी दौड़ा चला आया.

राज : (कार की तरफ बढ़ते हुए) मुरली मुझे हवेली के काम काज के लिए कुछ दिनो के लिए एक भरोसे वाली औरत चाहिए. जो पूरी ईमानदारी के साथ वहाँ काम कर सके. वो क्या है ना. जो औरत पहले काम करती थी. वो चली गयी हैं. और एक महीने बाद वापिस आने वाली है. अगर तुम्हे एतराज ना हो तो तुम अपनी पत्नी को कुछ दिनो के लिए हवेली छोड़ आओ. मैं तुम्हें हर महीने इसके लिए 2000 रुपये दूँगा.

2000 रुपये ये सुन कर मुरली एक दम से हैरान हो गया, क्योंकि गाँव मे वैसे भी कोई घर के काम के लिए इतने पैसे नही देता था. मुरली राज की बात सुन कर झट से राज़ी हो गया.

राज : तो ठीक है मुरली तुम कल उसे मेरे गाँव मे हवेली छोड़ जाना.

मुरली: ठीक है बाबू जी.

और राज अपनी कार मे बैठ कर अपने गाँव के लिए निकल लिया. मुरली दौड़ता हुआ, निर्मला के पास आया, और उसे अंदर आने को कहा.

निर्मला: क्या बात है. इतने खुश दिखाई दे रहे हो. क्या कहा बाबू जी ने.

मुरली: अर्रे तुम सुनो जी, तो तुम भी खुश हो जाओगी.

निर्मला: अर्रे बताओ तो सही.

मुरली: वो बाबू जी ने तुम्हें कल से हवेली बुलवा लिया है. और पता है 2000 रुपये महीने के भी देंगे.

निर्मला के होंठो पर ये सुन कर मुस्कान आ गयी. उसका दिल ख़ुसी के मारें नाच रहा था.

जब राज एप्रा गाँव से गुजर रहा था. तो रास्ते मे उसे विशाल मिल गया. और वो उसे अपने घर ले गया. दूसरी तरफ डॉली राज का हवेली मे वेट कर रही थी. क्योंकि आज उसे अपने ससुर के अकाउंट मे कुछ पैसे ट्रान्स्फर करने थे. क्योंकि डॉली के सास ससुर ने अपनी सारी जयदाद. अपने पोते साहिल के नाम कर दी थी, और डॉली को ही साहिल के बालिग होने तक उसके बिजनेस और प्रॉपर्टी का केर टेकर बनाया गया था. जब काफ़ी देर तक राज नही आया तो उसने अकेले सिटी जाने का फैंसला किया.

उसने रोमा को आवाज़ दी, और बताया कि वो बाहर जा रही है. वो साहिल का ख़याल रखें. साहिल रूम मे सो रहा है.

पर जब वो हवेली के बाहर आई और उसने कार स्टार्ट की, तो कार स्टार्ट नही हुई. उसका आज बॅंक जाना बहुत ज़रूरी था. फिर उसने हरिया को आवाज़ लगाई.

हरिया: जी मालकिन.

डॉली: काका देखो तो रवि कहाँ है.

हरिया: जी अभी देखता हूँ.

और थोड़ी देर बाद हरिया रवि को हवेली के पीछे बने कमरे से उठा लाया.

डॉली: रवि यहाँ से सिटी कितनी दूर है.

रवि: दीदी ज़्यादा दूर तो नही है. पर 14-15 किमी है.

डॉली: देखो रवि मुझे बहुत ज़रूरी काम है. मुझ अभी सिटी जाना है. पर लगता है ये कार खराब हो गयी है. यहाँ से कोई बस या ऑटो मिलेगा.

रवि: दीदी जी यहाँ से सिर्फ़ बस ही मिलेगी. वो भी काफ़ी इंतजार करना पड़ेगा.

डॉली: (अपने मुँह मे बुदबुदाते हुए) अजीब मुसबीत है. चलो तुम मेरे साथ चलो.

रवि: जी दीदी मे अभी आता हूँ.

और रवि दौड़ कर पीछे चला गया. और जल्दी से अपनी एक पुरानी से पेंट शर्ट पहन ली.

रवि: (डॉली के पास आते हुए) चले दीदी जी.

और फिर दोनो हवेली से निकल कर गाँव से मेन रोड तक जाने वाले रास्ते पर पैदल चलने लगे. रास्ते मे जो भी कोई उनके सामने से गुज़रता तो वो झुक कर डॉली को सलाम करता.
दोनो 10 मिनट पैदल चलने के बाद मेन रोड पर पहुँच गये. और बस का वेट करने लगे. करीब 10 मिनट मे उन्हें बस मिल गये. वो दोनो बस से 20 मिनट मे सिटी पहुँच गये. डॉली जल्दी से रवि के साथ बॅंक मे गयी.

और अपने ससुर के अकाउंट मे पैसे ट्रान्स्फर करवा दिए. फिर जब रवि और डॉली दोनो बॅंक से बाहर आए तो, बाहर का नज़ारा देख डॉली एक दम से हैरान हो गयी. बाहर चारो तरफ़ा घने काले रंग के बदल छाए हुए त. दोनो तेज़ी से बस स्टॅंड की तरफ चले, और गाँव की तरफ जाने वाली जो उन्हें पहली बस मिली, उसमें बहुत ज़्यादा भीड़ थी.

रवि: दीदी इसमें तो बहुत भीड़ थी.

डॉली: (कुछ देर सोचने के बाद आसमान की ओर देखते हुए) कोई बात नही, मोसम का मिज़ाज भी बिगड़ा हुआ है. हमें इसी मे निकल लेना चाहिए.


और दोनो बस मे किसी तरहा चढ़ गये. बस मे बहुत भीड़ थी. रवि डॉली के एक दम पीछे खड़ा था. डॉली ने एक वाइट कलर का सलवार सूट पहना हुआ था. जो काफ़ी महीन कपड़े का था. जैसे ही वो दोनो बस मे चढ़े. पीछे से कुछ और लोग बस मे चढ़ गये. बस एक दम ठसाठस भरी हुई थी.

डॉली का बदन पीछे से रवि से एक दम चिपक गया था. रवि और डॉली की हाइट बराबर थी. पर डॉली ने उँची हिल्स के सॅंडल पहने हुए त. जिसके कारण वो रवि से ज़्यादा उँची लग रही थी. बस स्टार्ट हो गयी. पर दोनो को खड़े रहने मे भी दिक्कत हो रही थी. डॉली की पीठ और उसके बदन का पिछला हिस्सा रवि से एक दम सट गया.

रवि का लंड डॉली के बदन की गरमी और उसके स्पर्श के अहसास को महसूस करके खड़ा होने लगा. वो अपना ध्यान कहीं और लगाना चाहता था. पर उसका अपने पे कोई ज़ोर नही चल रहा था. उसके सामने दुनियाँ की सबसे हसीन भरी पूरी औरत खड़ी थी. जो उससे एक दम सटी हुई थी. उसके बदन से उठ रही भीनी-2 खुसबू उसे और पागल कर रही थी. ना चाहते हुए भी रवि का लंड कुछ ही पलों मे एक दम खड़ा हो गया.

और डॉली की सलवार और पैंटी के ऊपेर से उसकी गान्ड की दरार मे धँस गया. जैसे ही डॉली को अपनी चुतड़ों की दरार मे किसी सख़्त और गरम चीज़ का अहसास हुआ, डॉली एक दम से सिहर गयी. उसने अपने फेस को पीछे की तरफ घुमा कर देखा. पीछे रवि खड़ा बाहर की तरफ झाँक रहा था. जैसे उसे कुछ पता ही ना हो. डॉली जानती थी, कि ना तो रवि पीछे हो सकता है, और ना ही वो आगे हो सकती है. बस मे हिलने तक की भी जगह नही थी.

धीरे- 2 रवि का लंड पूरी तरहा अकड़ गया. और डॉली के कपड़ों के ऊपेर से उसके चुतड़ों की दरार मे और धँस गया. डॉली अपनी जाँघो को भींचे हुए खड़ी थी. उसके बदन मे भी ना चाहते हुए, भी मस्ती की लहर दौड़ गयी. उसका पूरा बदन मस्ती और सिहरन के मारे कांप रहा था. उसने अपने काँपते हुए हाथों से अपने साथ वाली सीट के हॅंडेल को पकड़ लिया.

बस धीरे-2 आगे बढ़ रही थी. अचानक बस का टाइयर किसी खड्डे मे से गुजरा. जिससे सभी बुरी तरहा हिल गये. और डॉली ने अपने आप को संभालने के लिए अपने पैरों को थोड़ा सा खोल लिया. ये उसकी बहुत बढ़ी ग़लती थी. जैसे ही डॉली की जाँघो मे गॅप बना. रवि का लंड डॉली के कपड़ों के ऊपेर उसके चुतड़ों की दरार मे रगड़ ख़ाता हुआ. उसकी चूत के ऊपेर जा लगा.

डॉली की तो मानो जैसे साँस ही अटक गयी. उसका दिल जोरों से धड़कने लगा. और वो तेज़ी से साँसें लेने लगी. रवि का भी बुरा हाल हो रहा था. वो डॉली की सलवार और पैंटी के अंदर से उसकी चूत से उठ रही गरमी को अपनी पेंट के अंदर अपने लंड पर महसूस कर रहा था. क्या गरम माल थी.

डॉली की चूत मे सरसराहट अचानक से और बढ़ गयी. उसकी आँखे अब बंद हुई जा रही थी. वो बहुत मुश्किल से अपने आप को सिसकारी भरने से रोके हुए थी. और उसकी चूत ने आज कई महीनो बाद अपने कामरस के थोड़ा सा उगला था. जिससे डॉली को पानी पैंटी मे नमी महसूस होने लगी.

रवि भी एक दम मजबूर था. वो चाह कर भी पीछे नही हट सकता था, जिसे डॉली अच्छी तरहा जानती थी. दोनो बस अपनी साँसों को थामें खड़े थे. पर जैसे ही बस उनके गाँव को जाने वाले रास्ते के सामने जाकर रुकी. तो डॉली ने राहत की साँस ली. दोनो मुस्किल से बस नीचे उतरे. और गाँव की तरफ जाने वाले रास्ते पर पैदल चलने लगी.
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12-20-2019, 12:58 PM,
#52
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बाहर अब तेज़ी से हवा चल रही थी. वो अभी कुछ ही कदम चले थे, कि बारिश तेज़ी से शुरू हो गयी. और दोनो तेज़ी से चलने लगी. रास्ते मे सर छुपाने तक की कोई जगह नही थी. दोनो तेज़ी से हवेली की तरफ भागने लगे. दोनो कुछ ही पलों मे पूरी तरहा से भीग गये. रवि डॉली के आगे -2 तेज़ी से चल रहा था. अचानक डॉली का पैर उँची हील के कारण मूड गया.

डॉली एक दम से चीख उठी, और वो गिरते-2 बची. रवि वापिस पीछे की और भागा.

रवि: क्या हुआ दीदी.

डॉली: आह रवि मेरा पैर मूड गया था. चल जल्दी कर.

दोनो तेज़ी से चलते हुए हवेली मे पहुँच गये. हाल के अंदर आकर डॉली ने हरिया को आवाज़ दी. पर हरिया का कुछ पता नही था.

रवि अपने फेस पर पानी को पोंछ रहा था. तभी उसका ध्यान डॉली की तरफ गया. डॉली एक दम भीगी हुई थी. उसकी जवानी उसके कपड़ों के अंदर से झलक रही थी. उसकी पतला सा वाइट कलर का सलवार कमीज़ गीला होकर उसके बदन से चिपक गया था. एक साइड से डॉली की सलवार गीली होने के कारण उसकी अंदर पहनी हुई ब्लॅक कलर की पैंटी को देख रवि के दिल ने धड़कना बंद कर दिया.

पतली सी सलवार उसके चुतड़ों और जाँघो से एक दम चिपकी हुई थी. और अंदर उसकी गोरी-2 मांसल जांघे और ब्लॅक कलर की पैंटी को देख रवि का लंड उसकी पेंट मे तन गया. डॉली अपने रुमाल से अपने फेस को सॉफ कर रही थी. उसका ध्यान रवि की तरफ नही था. जो उसे बड़ी हसरत भरी नज़रों से देख रहा था.

डॉली की कमीज़ का भी वही हाल था. वो भी गीली होकर उसके बदन से चिपकी हुई थी. और डॉली की ब्लॅक कलर की ब्रा और उसकी पतली कमर और गहरी लंबी नाभि सॉफ-2 दिखाई दे रही थी. रवि एक टक डॉली को देखे जा रहा था. अचानक से डॉली ने रवि की ओर देखा. जो उसके कयामत बदन को देख कर अपनी आँखे सेंक रहा था. डॉली एक दम शरमा गयी. पर उसने ये बात जाहिर नही होने दी. क्योंकि उसकी नज़र मे रवि एक नौकर से बढ़ कर कुछ भी नही था. वो जल्दी से अपने रूम की तरफ गयी.

जैसे ही वो रूम मे आई, तो उसने देखा कि, रोमा नीचे फर्श पर लेटी सो रही थी. क्योंकि डॉली ही उसे साहिल की देख भाल के लिए कह कर गयी थी. और साहिल भी सो रहा था. डॉली ने अपनी ममता से भरी नज़रों से अपने दिल के दुलारे राजकुमार को देखा, और फिर रोमा को आवाज़ लगाई.

रोमा डॉली की आवाज़ सुन कर झट से उठ गयी, और खड़ी हो गयी.

डॉली: हरिया काका कहाँ हैं.

रोमा: जी दीदी शायद वो अपने कमरे मे गये हैं पीछे.

डॉली: अच्छा ठीक है. मैं अपने कपड़े चेंज करती हूँ. तू जाकर मेरे लिए बढ़िया सी चाइ बना दे. और हां सुन रवि के लिए भी बना देना.

रोमा: जी दीदी मे अभी बना देती हूँ.

और रोमा बाहर चली गयी. रोमा के जाते ही डॉली ने डोर लॉक किया, और आलामरी मे से दूसरे कपड़े निकाले, और बाथरूम मे घुस गयी. अंदर जाकर उसने अपने कपड़े उतारने चालू कर दिए. कपड़े उतारने के बाद उसने अपनी ब्रा और पैंटी को भी निकाल कर मशीन मे डाल दिया. और फिर वो अपने बदन को टवल से पौंछने लगी.

तभी उसे अपनी चूत की फांकों के बीच मे कुछ चिपचपा सा अहसास हुआ. डॉली ने अपने हाथों की उंगलियों से अपनी चूत की फांकों को फैला कर. सामने लगे आयने मे देखा. उसकी चूत का छेद उसके काम रस से एक दम सना हुआ था. डॉली के बदन मे अजीब सी सिहरन दौड़ गयी. और उसे बस मे रवि के लंड का अपने कपड़ों के ऊपेर से हुआ स्पर्श याद आ गया. पर फिर भी उसने अपने सर को झटक दिया. और पानी से अपनी नाज़ुक सी चूत को धो कर सॉफ करके नयी ब्रा और पैंटी पहनने लगी.

जब डॉली अपनी ड्रेस चेंज करके बाहर आई. तो रवि भी अपने कपड़े चेंज करके आ चुका था, और वो चाइ पी रहा था. डॉली रवि से नज़रें नही मिला रही थी. उसने बिना रवि की ओर देखे ही अपनी चाइ का कप उठाया, और रूम मे चली गयी. 2 घंटे लगतार बारिश होती रही.

जब बारिश बंद हुई. तो रवि जैसे ही बाहर आया. तो राज की कार हवेली के अंदर आकर रुकी. और राज उतर कर अंदर की ओर आने लगा.

राज : तुम्हारी दीदी कहाँ पर है. (हाल मे अंदर की ओर जाते हुए)

और रवि हवेली की ओर जाते हुए, घूम कर दूसरे रास्ते से खेतो की तरफ निकल पड़ा. वो तेज़ी से चलते हुए खेतो मे पहुँच गया. जब वो रज़िया के कमरे के सामने पहुँचा , तो उसने चारो तरफ देखा. नज़दीक कोई नही था. वो कमरे की तरफ बढ़ने लगा. चारो तरफ़ा सन्नाटा पसरा हुआ था. जब वो कमरे के पास पहुँचा . तो उसने देखा कमरे कि बाहर कुण्डी लगी हुई थी.

रवि खेतो मे उस तरफ जाने लगा. यहाँ अक्सर रज़िया काम करती थी. वो दबे पावं आगे बढ़ने लगा. जैसे -2 वो आगे बढ़ रहा था. उसका दिल जोरों से धड़क रहा था. फिर अचानक से उसे हल्की से हँसने की आवाज़ सुनी दी. रवि को आवाज़ पहचानते देर ना लगी कि ये आवाज़ रज़िया की थी. पर अगले ही पल उसके दिमाग़ मे ये सवाल उठा. कि आख़िर रज़िया किसके साथ हंस रही है.

जाहिर सी बात है कि उसके साथ कोई ना कोई है. वो वापस मूड कर जाने लगा. उसने सोचा कि रज़िया के साथ किसी मजदूर की बेटी या पत्नी होगी. पर उसे फिर से रज़िया की धीमे से आवाज़ सुनाई पड़ी. वो आवाज़ ऐसी थी. जैसे अक्सर रज़िया रवि के लंड को अपनी चूत मे लिए हुए सीसियाती थी. रवि के पावं वहीं रुक गये.

वो फिर से धीरे-2 आवाज़ की तरफ बढ़ने लगा. वो अपने कदमों को ऐसे रख रहा था. जैसे कोई शिकारी अपने शिकार को दबोचने के लिए आगे बढ़ रहा हो. रज़िया की मस्ती से भरी हुई आवाज़ अब उसके कानो मे सॉफ-2 पड़ने लगी थी. फिर उसके कदम अचानक से रुक गये. सामने जो रवि देख रहा था. उसे अपनी आँखों पर यकीन नही हो रहा था.

रज़िया नीचाई तरपाल बिछा कर लेटी हुई थी. उसने अपने टाँगों को किसी के कंधे पर रखा हुआ था. रज़िया का लहंगा उसकी कमर पर चढ़ा हुआ था. और उसकी मोटी गान्ड सॉफ दिखाई दे रही थी. रज़िया ने ऊपेर से अपनी चोली निकाली हुई थी. वो ऊपेर से बिल्कुल नंगी थी.

और रज़िया अपनी गाड़ को तेज़ी से ऊपेर की ओर उछाल कर उस सख्स के लंड पर अपनी चूत को पटक-2 कर चुदवा रही थी. जैसे ही उस सख्स ने उसकी तरफ अपना मुँह घुमाया. तो रवि को पहचनाते देर ना लगी. वो रज़िया का देवर अली था.

रज़िया: (आहह आहह सीईईईई करते हुए) क्या कर रहा है जल्दी कर ना बीच खेतो मे मुझ नंगा कर दिया है. अगर किसी ने देख लिया तो.
अली: क्या करूँ भाभी कब से तुम्हारी चूत को चोदा नही था. आज तो जी भर कर चोदने दे ना अपने देवर को.

और अली का लंड तेज़ी से रज़िया की चूत के अंदर बाहर हो रहा था. रज़िया भी पूरी मस्ती मे अपनी गान्ड को उछाल-2 कर अपनी चूत मे अपने देवर के लंड को ले रही थी. ये देख कर रवि का गुस्से का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया. दोनो काफ़ी देर तक चुदाई का मज़ा लेते रहे. जैसे ही दोनो झडे. तो रज़िया ने उठ कर जल्दी से अपनी चोली पहनी. और अपना लहंगा ठीक किया.

रज़िया: सुन कितने दिन यहाँ रहेगा.

अली: भाभी मैं तो कल ही चला जाउन्गा.

रज़िया: क्या क्या कह रहा है. तुझे मेरी ज़रा भी फिकर नही. पूरे एक साल के बाद आया है. और कल ही चला जाएगा. तुझे पता है तेरे लंड को याद करके मेरी चूत ने कितने आँसू बहाए हैं. मैं तो कब से तड़प रही हूँ.

अली: भाभी कुछ दिन और सबर कर लो. एक बार मैं वहाँ अपना काम सेट कर लूँ फिर तुम्हें और भैया को अपने साथ ले चलूँगा. और फिर तुम्हारा देवर दिन रात तुम्हारे पास रहेगा .

रज़िया अली की बाहों मे समा गयी. और अली रज़िया के होंठो को चूसने लगा. अली अपने दोनो हाथों से रज़िया की गान्ड को मसल रहा था. दोनो थोड़ी देर बाद अलग हुए.

अली: अच्छा भाभी तुम जाकर खाना तैयार करो. मे ज़रा उधर से होकर आता हूँ.

ये कह कर अली दूसरी तरफ से खेतो के और अंदर चला गया. रज़िया तिरपाल को इकट्ठा करके कमरे की तरफ आने लगी. रवि ने पहले तो वहाँ से हटने के बारे मे सोचा. फिर कुछ सोच कर वो वहीं खड़ा हो गया. जैसे रज़िया आगे बढ़ी. तो सामने रवि को देख कर उसके पैरों तले से ज़मीन खिसक गयी.

रज़िया: (हडबडाते हुए) अरे रवि तू कब आया.

रवि: तब जब तुम अली के ऊपेर उछल-2 कर उसका लंड अपनी चूत मे ले रही थी.

रवि की बात सुन कर रज़िया का रंग उड़ गया. उसे समझ मे नही आ रहा था, कि वो रवि को क्या कहे.

रज़िया: वो वो रवि क्या है ना. कि मेरे और अली के बीच बहुत पहले से संबंध थे. वो मेरे साथ ज़बरदस्ती करने लगा था.

रवि: हां वो मैं देख रहा था. आज के बाद मैं तुम्हारे पास कभी नही आउन्गा. उससे चुदवा लेना.

रज़िया अपने मन मे सोचने लगी, कि अली का तो पता नही, वो कब उसे अपने साथ शहर लेकर जाएगा. इधर ये भी हाथ से निकला जा रहा है. और पता भी नही अली सच कह रहा है या झूठ.

रवि मूड कर वापिस जाने लगा. रज़िया उसे पीछे से आवाज़ देती रही पर रवि ने नही सुना, और वो गुस्से मे आकर हवेली की तरफ वापिस जाने लगा.

रज़िया: सत्यानाश अब क्या होगा. इस अली के बच्चे को भी आज ही आना था.

रवि हवेली मे पहुँच कर अपने पीछे बने कमरे मे चला गया. उसके दिमाग़ ने काम करना बंद कर दिया था. फिर रवि ने सोचा , कि उसने कुछ ज़्यादा ही रज़िया को बोल दिया है, पर रज़िया ने उसके साथ ग़लत क्या है. मैं उसके पास कभी नही जाउन्गा. वो काफ़ी देर अपने कमरे मे चारपाई पर लेटा रहा.

जब उसका दिमाग़ थोड़ी देर मे शांत हुआ, तो वो उठ कर बाहर आ गया. और पीछे बने हुए बाथरूम मे चला गया. जैसे ही वो बाथरूम मे पहुँचा . उसके पैर वहीं रुक गये. सामने पूनम बैठी पेशाब कर रही थी. उसकी पीठ रवि की तरफ थी. पूनम हरिया की बेटी थी, जो पिछले दो सालों से अपनी मौसी के गाँव मे रह कर पढ़ रही थी, और शायदा आज ही आई थी.

पूनम ने इसी साल 10थ क्लास पास की थी. उसकी उम्र **** साल थी, और वो रवि से दो साल छोटी थी. जैसे ही पूनम ने पीछे मूड कर देखा, वो एक दम से हडबडा गयी. और जल्दी से खड़ी होने लगी. जैसे ही पूनम खड़ी होने को हुई, उसका सर ऊपेर बनी स्लॅब से टकरा गया. ये सब एक दम अचानक से हुआ. पूनम का सर बहुत ज़ोर से टकराया था

पूनम ने एक दम से अपने हाथों से अपने सर को पकड़ लिया. उसको बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा था, वो एक दम से दर्द के मारे चिल्ला उठी, ये सब इतनी जल्दी मे हुआ, कि रवि को कुछ सोचने समझने का मोका नही मिला, वो तेज़ी से पूनम की तरफ बढ़ा. पूनम की हालत ऐसी थी, जैसे वो अभी चक्कर खा कर गिर जाएगी.
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12-20-2019, 12:58 PM,
#53
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रवि ने उसे अपने बाहों मे भर लिया. और उसे सहारा देकर दीवार के साथ खड़ा कर दिया. पूनम की सलवार और छोटी सी चड्धि उसकी जाँघो मे फँसी हुई थी. और रवि का हाथ पूनम के नरम-2 चुतड़ों पर था.

रवि: पूनम ज़्यादा चोट तो नही लगी.

पूनम: (ना मे सर हिलाते हुए) नही. (रवि का हाथ अभी भी पूनम के चुतड़ों पर था. जो पूनम को महसूस हो रहा था.)

रवि: बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा है.

पूनम: (रवि के हाथ को अपने नंगे चुतड़ों पर महसूस करके कसमसाते हुए) हाँ.

और पूनम ने रवि को अपने हाथों से धक्का दे दिया. और दीवार की तरफ घूम कर अपनी पैंटी और सलवार को एक साथ अपने चुतड़ों पर चढ़ा लिया. और दीवार की तरफ मुँह कर के मंद-2 मुस्कुराते हुए. तुम्हें ज़रा भी अकल नही है. ऐसे ही बाथरूम मे घुस आए. जाओ अब बाहर जाओ.


रवि एक दम से झैन्प गया, और बाथरूम से बाहर आकर वेट करने लगा. थोड़ी देर बाद पूनम सर झुकाए हुए बाथरूम से बाहर आई. और तिरछी नज़रों से रवि की ओर देख कर हल्की से मुस्कान अपने होंठो पर लाते हुए, शरमा कर अपने कमरे की तरफ भाग गयी. पूनम के जाते ही. रवि बाथरूम मे घुस गया. और पेशाब करने लगा.

फिर वो हवेली के हाल के अंदर आ गया. राज हरिया से कुछ बात कर रहा था.

राज : अच्छा ये बताओ पीछे कितने कमरे हैं.
हरिया : बाबू जी पीछे चार कमरे हैं. एक कमरे मे रवि रहता है. और एक मे मैं और मेरी बेटी.

राज : और ये रोमा कहाँ सोती है.

हरिया: बाबू जी ये यहीं किचिन मे ही सोती है.

राज : ठीक है. इसके लिए पीछे रूम खुलवा दो.

हरिया: जी बाबू जी आज ही खोल देता हूँ.

राज : कल से एक और नौकरानी आ रही है.

डॉली: (जो राज के पास ही बैठी हुई थी) पर भैया हमें इतने नौकरों की क्या ज़रूरत है.

राज : ज़रूरत है डॉली. हमारी हवेली बहुत बड़ी है. मैं चाहता हूँ, कि यहाँ की सॉफ सफाई अच्छे से हो. ठीक है हरिया. जो कल औरत आएगी. उसे काम समझा देना. बाकी कुछ दिनो के बाद उसका काम देख कर उसे भी पीछे रूम दे देंगें.

हरिया: जैसे आप कहें बाबू जी. बाबू जी खाना लगाऊ.

राज : हां खाना लगा दो. फिर आप लोग भी खा लेना.

और हरिया डाइनिंग टेबल पर खाना लगाने लगा. जब राज और डॉली ने खाना खा लिया. तो घर के सब नौकर भी खाना खाने लगे. राज खाना खा कर अपने रूम मे चला गया. राज अब ये समझने लगा था, कि वो दौलत के बूते पर सब कुछ हासिल कर सकता है.

राज जब शाम को डॉली के साथ सोफे पर बैठा चाइ पी रहा था. तो बाहर खड़े गार्ड ने आकर राज को बताया कि, बाहर कोई मक्खन शर्मा नाम का आदमी उस से मिलने आया है. राज उसको नही जानता था. राज ने गार्ड को उसे अंदर लाने को कहा. थोड़ी देर बाद माखन शर्मा गार्ड के साथ अंदर आ गया. और गार्ड वापिस बाहर चला गया. माखन ने राज के सामने हाथ जोड़े.

माखन शर्मा: बाबू जी मैं आपके गाँव के ही रहने वाला हूँ. मैं बहुत बड़ी मुसबीत मे फँस गया हूँ. बस आप ही मेरी मदद कर सकते हैं.

राज ने एक बार ऊपेर से नीचे तक माखन शर्मा को देखा. राज यूँ गोर से हर किसी आदमी को नही देखता था. माखन शर्मा लगभर 6, 2 इंच कद काठी का आदमी था. कसरती बदन. उसके शरीर को देख कर ऐसे लग रहा था. जैसे वो बहुत बड़ा पहलवान हो. उसके हाथ पैरो की मासपेशियाँ बहुत मजबूत और बड़ी-2 थी. राज ने एक बार उसको ऊपेर से नीचे तक देखा.

राज : क्या काम करते हो.

माखन शर्मा: बाबू जी थोड़ी बहुत खेती है. और साथ मे पहलवानी भी करता हूँ.

राज : बोलो क्या काम है.

माखन शर्मा: बाबू जी मे आप के पास बड़ी आस लेकर आया हूँ. मेरा 1 साल का बेटा है. वो एक दम से बीमार पड़ गया है. डॉक्टर उसके इलाज के लिए 1 लाख रुपये माँग रहे हैं. मैं तो ग़रीब सा आदमी हूँ. इतने पैसे कहाँ से लाउ. बाबू जी आप ही मेरी मदद कर सकते हो.

राज : तुम्हारा बेटा कोन से हॉस्पिटल मे है.

माखन: वो **** मे अड्मिट है.

राज उस हॉस्पिटल के मालिक को अच्छी तरहा जानता था. उसने सोफे के साथ पड़े टेबल पर रखे हुए फोन को उठाया. और हॉस्पिटल का नंबर. डाइयल किया.

राज शर्मा: हैल्लो क्या मे ड्र. राकेश से बात कर सकता हूँ. जी मैं राज बोल रहा हूँ.

थोड़ी देर बाद ड्र राकेश फोन पर आया. राज ने उसे सारी बात बताई. और फिर राज ने फोन रख दिया.

राज : डॉली जाओ अंदर से 60000 रुपये ले आओ.

डॉली अंदर चली गयी. और थोड़ी देर बाद 60000 रुपये लेकर राज को दे दिए.

राज शर्मा: (पैसे माखन शर्मा को देते हुए) ये लो मैने हॉस्पिटल के मालिक राकेश से बात कर ली है. वो तुम्हारे बेटे का इलाज 60000 मे कर देगा. जाओ उसे मेरा नाम लेकर मिल लेना.

माखन: (पैसे लेते हुए) बहुत-2 शुक्रिया बाबू जी. मैं आपका ये अहसान कभी नही भुलुन्गा. मैं आपके पैसे जल्द से जल्द लौटा दूँगा.

राज : तुम मेरे लिए काम करोगे.

माखन शर्मा: जी बाबू जी. आज तो आप ने मुझ खरीद ही लिया है. आज से मे आपके लिए कुछ भी कर सकता हूँ.

राज : ठीक है. जैसे ही तुम्हारा बेटा ठीक होकर घर आजाए. तुम हवेली आ जाना. और अगर हो सके तो दो तीन और अपने जैसे हटे कट्टे आदमी ले आना.

माखन शर्मा: बाबू जी आप कहें तो मे ऐसे आदमियों की लाइन लगा दूँगा. जो आप के इशारे मे मर मिटने की हद तक तैयार रहेंगे.

और माखन शर्मा वापिस चला गया. माखन के शर्मा के वापिस जाते ही. डॉली जो अब तक चुप बैठी थी बोल उठी.

डॉली: भैया हमें इतने आदमियों की क्या ज़रूरत है. भैया इनसे हमारी इनकम तो बढ़ नही जाएगी. उसकी मदद तो करना ठीक है. पर ये फज़ूल के खर्चे क्यों बढ़ा रहे हो.

राज : तुम नही समझोगी. अगर मैं कुछ खर्च कर रहा हूँ, तो सोच समझ कर रहा हूँ.

डॉली राज से बहस नही करना चाहती थी. इसीलिए वो उठ कर अपने रूम मे चली गयी. और साहिल के साथ बेड पर लेट गयी. रात को खाना खाने से पहले राज ने आधी बॉटल शराब पी ली, शाम के 7 बजे त. डॉली अभी भी अपने रूम मे थी. हरिया रोमा के साथ किचिन मे खाना बना रहा था.
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12-20-2019, 01:00 PM,
#54
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
राज ने सोफे पर बैठे हुए, हरिया को पानी लाने के लिए कहा. थोड़ी देर बाद रोमा ने एक ट्रे मे पानी का ग्लास लाकर राज के सामने आकर खड़ी हो गयी. राज पर पहले से ही शराब का नशा चढ़ा हुआ था. पानी लेते हुए. राज रोमा की गदराई जवानी को देखने लगा. रोमा ने वाइट कलर की साड़ी पहनी हुई थी. उसकी साड़ी नाभि से 2 इंच नीचे थी. राज रोमा की गदराई नाभि और पेट को देख कर एक पल के लिए उसमे खो गया.

रोमा: बाबू जी पानी.

राज : हूँ हां (और राज ने रोमा की तरफ देखते हुए पानी का ग्लास ट्रे से उठा लिया. और रोमा वापिस किचिन मे चली गयी)

राज ने अपने सर को झटक दिया. और सोचने लगा. बस आज की रात है. फिर तो निर्मला यहाँ रहने आ ही जायगी.

रात को सब खाना खा चुके थे. रोमा के लिए पीछे रवि के साथ वाला रूम को खोल दिया गया था. रोमा पीछे सोने चली गयी थी, रवि और हरिया ही हवेली के हाल के अंदर थे.

राज : (हरिया से) वो रोमा किधर गयी है.

हरिया: बाबू जी वो तो पीछे चली गयी है. आप ने ही तो सुबह उसके लिए रूम खोलने के लिए कहा था.

राज : हां कहा तो था. पर अगर डॉली को रात मे किसी चीज़ की ज़रूरत पड़ी तो.

हरिया: बाबू जी मे उसे बुला लाता हूँ.

राज : रहने दो. आज आप ही यहाँ सो जाओ.

हरिया: ठीक है बाबू जी.

राज : ठीक है. ये लो हाल के मेन डोर की चाबी. उसे लॉक करके मुझ वापिस दे दो.

जब से राज डॉली के साथ हवेली मे रहने आया था. वो रोज रात को हाल के मेन डोर को लॉक करके ही सोता था. एक डोर और था. जो पीछे की तरफ खुलता था. पर वो पहले से ही लॉक था. रवि हाल से बाहर चला गया, और हरिया ने डोर लॉक करके के राज को चाबी पकड़ा दी.

रवि हवेली के पीछे बने अपने कमरे की तरफ जाने लगा. पीछे आकर वो सीधा बाथरूम की तरफ गया. उसे बहुत तेज पेशाब लगा था. पर वो बाथरूम तक पहुँचने का इंतजार नही कर सका. कमरों के बाहर 100 वॉट का बल्ब जल रहा था. पर सभी कमरे बंद थे. रवि ने इधर उधर देखा. और हरिया के रूम के साइड वाली दीवार के पास आकर अपना पाजामा खोल कर नीचे कर लिया. और अपने लंड को निकाल कर पेशाब करने लगा.

कमरे की दीवार के साथ कुछ झाड़ियाँ उंगी थी. जब रवि उनके ऊपेर से गुजरा. तो अंदर लेटी हुई पूनम को बाहर से आवाज़ सुनाई दी. और वो उठ कर रूम के बाहर आ गयी. और कमरे के साइड की तरफ देखने लगी. बल्ब की रोशनी चारो ओर फैली हुई थी. रवि पेशाब कर चुका था. पर वो अपनी आँखों को बंद करके, रज़िया और उसके बीच बिताए हुए, मस्ती भरे लम्हों को याद करते हुए, अपने लंड की चमड़ी को अपने लंड के सुपाडे के आगे पीछे करते हुए, मुठिया रहा था.

जैसे ही पूनम की नज़र रवि पर पड़ी. उसका दिल धक्क से रह गया. और उसके साँसे तेज़ी से चलने लगी. रवि दीवार के पास खड़ा. तेज़ी से अपने लंड को अपने हाथ से हिला रहा था. जिसे देख कर पूनम की कुँवारी चूत मे सिहरन से दौड़ गयी. पर अगले ही पल अचानक रवि ने पूनम को देख लिया. उसने जल्दी से अपना पाजामा ऊपेर किया. पूनम भी एक दम से झैन्प गयी. और अपने कमरे के डोर के सामने आकर खड़ी हो गयी.

इस बार शर्मसार होने की रवि की बारी थी. वो सर झुका कर पूनम के कमरे के डोर के सामने से गुज़रा. उसने तिरछी नज़रों से पूनम की तरफ देखा. जो उसे देख कर मंद-2 मुस्कुरा रही थी. वो अपने रूम का डोर खोलने लगा. जो बिल्कुल उसके रूम के साथ था.

रवि: (सर झुकाए हुए) वो आज काका हाल मे ही सोयेन्गे. तुम जाकर सो जाओ.

पूनम: (रवि की ओर हल्की मुस्कान के साथ देखते हुए) तुम्हे ज़रा भी शरम नही है ना. कहीं भी.

रवि: (एक दम से चोन्क्ते हुए पूनम की ओर देखते हुए) क्या.

पूनम: तुम जगह और टाइम तो देख लिया करो.

ये कह कर पूनम मुस्कुराते हुए अपने रूम के अंदर भाग गयी, और अंदर से डोर बंद कर लिया. रवि वहीं दरवाजे की दहलीज मे बैठ गया. 1 मिनिट बाद बाहर जल रहा बल्ब भी बंद हो गया. क्योंकि उसका स्विच हरिया के कमरे मे था.

रवि दरवाजे की दहलीज पर बैठा हुआ कुछ दिनो पहले जो कुछ उसके साथ हुआ था, उसके बारे मे सोचने लगा. रवि तकरीबन 30 मिंतत तक वहाँ बैठा रहा. वो अपनी ख़यालों की दुनियाँ मे खोया हुआ था. अचानक उसका ध्यान साथ वाले डोर के खुलने से टूटा. पूनम डोर खोल कर बाहर आई. बाहर चाँद की रोशनी चारो तरफ फैली हुई थी. पूनम ने एक ढीला सा टीशर्ट और एक ढीला सा लोवर पहना हुआ था


वो रवि की ओर देखने लगी. पहले उसने रवि से बात करने के बारे मे सोचा. पर फिर वो रवि के ओर देखते हुए, सीधा बाथरूम मे घुस्स गयी. बाथरूम मे जाकर उसने अपने लोवर को नीचे किया. और नीचे बैठ गयी. उसकी कुँवारी चूत की फाँकें धीरे-2 थोड़ा सा फैली, और फिर मूत सू सू की आवाज़ करते हुए, उसके चूत से निकलने लगा. बाहर एक दम सन्नाटा छाया हुआ था,

बाथरूम कमरों के बिल्कुल सामने 7-8 फुट की दूरी पर था. पूनम की चूत से निकल रहे मूत के कारण उठ रही आवाज़ रवि के कानो मे पड़ गयी. ये सोच कर कि पूनम कैसे बैठ कर मूत रही होगी . और उसकी चूत कैसी हो गी. ये सोचते ही रवि के लंड मे हलचल होने लगी. और कुछ ही पलों मे उसका लंड एक दम तन कर खड़ा हो गया. अंदर पूनम ने बैठे हुए, दीवार की ओट से रवि की ओर देखा, उसकी चूत मे रवि को देख कर फिर से सिहरन दौड़ गयी.

रवि दहलीज पर बैठा हुआ, अपने लंड को पाजामे के ऊपेर से धीरे-2 मसल रहा था. पेशाब करने के बाद, पूनम खड़ी हुई, और नीचे झुक कर अपनी लोवर और पैंटी को धीरे-2 से ऊपेर उठाते हुए, अपने चुतड़ों पर चढ़ा लिया. फिर अपने हाथ धो कर वो बाहर आ गयी. और सर को झुकाए हुए, अपने रूम की तरफ जाने लगी. रूम के डोर के पास जाकर उसने रवि की ओर देखा. अब वो अपने हाथों को अपने सर के पीछे रख कर दीवार से सर टिकाए बैठा था.

पूनम अपने आप को रवि से बात करने से रोक ना सकीं. और रवि की ओर चली गयी.

पूनम: क्या हुआ नींद नही आ रही ?

रवि: हाँ वो सुबह मे दोपहर को सो गया था. इसीलिए. और तुम सूनाओ. तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है.

पूनम: बिल्कुल ठीक है. बुद्धू कॉन सी दुनिया मे रहते हो. मे तो पास भी हो गयी. अभी फ्री हूँ.

रवि: ओह्ह्ह अच्छा तो पार्टी कब दे रही हो.

पूनम: जब तुम कहो. बोलो क्या खाओगे. मे बाबा से कह कर कल मंगवा लूँगी.

रवि: अर्रे रहने दो मैं तो मज़ाक कर रहा था. बाहर बहुत गरमी है. चलो अंदर चल कर बैठते हैं.

पूनम का दिल रवि की बात सुन कर जोरों से धड़कने लगा. वो उसे अकेले मे रात के टाइम पर अपने रूम मे आने के लिए बोल रहा था. पूनम खुद भी उसके साथ टाइम गुज़ारना चाहती थी. उससे बात करना चाहती थी. पर कुछ सोच कर वो बोली.

पूनम: नही अभी नही. कही बाबा आ गये तो. वो क्या सोचैंगे. मैं इतने रात को तुम्हारे कमरे मे क्या कर रही हूँ.

रवि: करना क्या है. सिर्फ़ बातें ही करेंगे. पहले भी तो तुम मेरे साथ देर रात तक खेलती और बातें करती रहती थी.

पूनम: तुम ना सच मे बहुत वो. तब हम छोटे थे ना. अब अगर बाबा ने देख लिया. तो पता नही सोचैंगे कि हम अंदर क्या कर रहे हैं.

रवि: क्या सोचैंगे तुम्हारे बाबा.

पूनम एक दम से शरमा गयी. और उसने अपने सर को झुका लिया.

रवि: आओ मैं कुछ नही करूँगा (मज़ाक करते हुए) वैसे भी तुम्हारे बाबा नही आ सकते.

पूनम: तुम्हें कैसे पता.

रवि: वो क्या है ना. राज बाबू जी अंदर से हाल को लॉक करके सोते हैं. और उसकी चाभी उन्ही के पास रहती है. और तुम्हारे बाबा इतनी रात को राज बाबू जी से चाभी लेने के लिए तो नही उठाएँगे.

और ये कह कर रवि खड़ा हो गया. पर वो भूल गया था, उसका लंड अभी भी पाजामे मे तना हुआ है. पूनम अभी भी उसके पास बैठी थी. जैसे ही रवि खड़ा हुआ, उसका तना हुआ लंड पाजामे मे उभार बनाए हुए, पूनम की आँखों के सामने आ गया. जो उसके फेस से सिर्फ़ 6-7 इंच दूर था. पूनम का दिल ज़ोर से धड़कने लगा. उसने मुस्कुराते हुए अपने फेस को दूसरी तरफ घुमा लिया.
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#55
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रवि ने देखा कि, पूनम उसकी बातों और हरकतों पर मुस्कुरा रही है. अगर वो थोड़ी सी कॉसिश करे तो, ये नाज़ुक कली उसकी बाहों मे आ सकती हैं. इसलिए उसने अपना पहला और बहुत दम रखने वाला पता फैंका.

रवि: आ जाओ अंदर बैठ कर बातें करते हैं. (और रवि अंदर की तरफ आने लगा. पूनम भी खड़ी हो कर रवि के पीछे अंदर जाने लगी. अंदर जाते हुए रवि ने उस पत्ते को खोला. जिससे पूनम एक दम धराशाई हो गयी)

रवि: और वैसे अगर मैं तुम्हारे साथ कुछ करूँ भी तो, तुम अपने बाबा से शिकायत तो नही करोगी. (पीछे मूड कर पूनम की ओर देखते हुए)

पूनम रवि की बात सुन कर एक दम से शरमा गयी. उसने अपने सर को झुका लिया. और अपने पैरों के नाख़ून से फर्श को कुरदेन लगी.

रवि: (पूनम के पास जाते हुए) बोलो ना.

पूनम: (रवि को अपने इतना पास देख कर एक दम से कांप गयी) क्या ?

रवि: तुम अपने बाबा से मेरी शिकायत करोगी.

पूनम ने शरमाते हुए. ना मे सर हिला दिया. ये देख कर रवि के होंठो पर मुस्कान आ गयी. और मन ही मन मे खुस होने लगा. और मन मे रज़िया को गाली देते हुए बोला. देख रांड़ मेरे पास तेरे से भी सुन्दर माल है. वो भी एक दम कच्ची कली.

रवि ने आगे बढ़ कर पूनम का हाथ पकड़ लिया. पूनम का बदन एक दम से कांप गया. वो थोड़ा सा पीछे की ओर हुई. और अपने हाथों को छुड़ाने की कॉसिश करने लगी.

रवि: (पूनम की तरफ आगे बढ़ते हुए) क्या हुआ.

पूनम: (काँपती हुई आवाज़ मे) वो बाबा आ गये तो.

रवि: मेने कहा ना नही आएँगे.

पूनम: मुझ डर लग रहा है.

रवि: मैं तुम्हारे साथ हूँ. तो डरने की क्या ज़रूरत.

रवि आगे बढ़ता हुआ पूनम के बेहद करीब आ गया. अब दोनो की साँसें भी एक दूसरे के फेस पर टकराने लगी थी. पूनम ने अपने सर को नीचे झुका लिया.

पूनम: (घबराई और काँपती हुई आवाज़ से) नही मैं ये नही करना चाहती.

रवि: क्या नही करना चाहती.

पूनम: (एक बार रवि की आँखों मे देख कर फिर से शरमा कर उसने नज़रें झुका ली.) वहीं जो तुम चाहते हो.

रवि: मैं क्या करना चाहता हूँ.

पूनम: (शरमाते हुए) मुझ नही पता.

रवि: तो फिर क्या नही करना चाहती. जो तुम जानती हो.

पूनम: मुझ शरम आती है.

रवि: मे तो बस एक बार तुम्हारे होंठो पर किस करना चाहता हूँ. एक बार करने दो ना.

पूनम ना मे सर हिलाने लगी. और पीछे की ओर हटने लगी. पर पीछे अब दीवार आ चुकी थी. और पूनम वहीं रुक गयी. रवि ने उसे हाथ से पकड़ कर अपनी तरफ खैंच लिया, और उसे अपनी बाहों मे भर लिया.

पूनम का फूल सा बदन रवि की बाहों मे आते ही, पूनम एक दम से कसमसा उठी. और उसने अपनी आँखों को बंद कर लिया.

पूनम: रवि मुझ छोड़ दो प्लीज़.

रवि: बस एक बार मुझ अपने होंठो का रस पिला दो. मैं आगे कुछ नही करूँगा

और रवि अपने होंठो को पूनम के होंठो की तरफ बढ़ाने लगा. पूनम ने अपनी वासना और मस्ती से भरी आँखों को थोड़ा सा खोल कर रवि की ओर देखा, और फिर से अपनी आँखे बंद कर ली. पूनम के बदन मे कंपन सा होने लगा. उसके हाथ पैर ऐसे हो गये. जैसे उनमे जान ही ना हो. पूनम रवि की बाहों मे पिघलने लगी. और रवि ने अपने होंठो को पूनम के थरथरा रहे होंठो पर रख दिया.

पूनम अपने होंठो पर रवि के होंठो को महसूस करके एक दम सिहर गयी, उसके बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी. और वो रवि से एक दम चिपक गयी. पूनम की चुचियाँ जो किसी आम के आकर की हो चुकी थी. रवि की छाती मे धँस गयी. पूनम का पूरा बदन मस्ती मे कांप रहा था.

रवि धीरे-2 पूनम के होंठो को अपने होंठो मे लेते हुए. उसके होंठो को चूस रहा था. और पूनम अपनी आँखे बंद किए हुए, मस्त होकर रवि से अपने होंठो को चुस्वा रही थी. धीरे-2 रवि अपने होंठो को पूनम के होंठो को ज़ोर-2 से चूसने लगा. पूनम ने भी अपने होंठो को ढीला छोड़ दिया. और थोड़ा सा खोल दिया.

रवि ने अपने होंठो को पूनम के होंठो से हटा दिया, और पूनम की ओर देखने लगा. पूरा का फेस एक दम लाल हो चुका था. उसकी आँखें अभी भी बंद थी. उसके होन्ट थरथरा रहे त. जो अब एक दूसरे से अलग हो चुके थे. पूनम ने अपनी आँखे खोल कर रवि की तरफ देखा. जैसे पूछ रही हो. अब और क्या चाहते हो, रुक क्यों गये.

रवि ने फिर से अपने होंठो को पूनम के होंठो की तरफ बढ़ाना चालू कर दिया. पूनम ने अपनी वासना से भरी आँखों को फिर से बंद कर लिया. और रवि ने उसके नीचे वाले होंठ को अपने होंठो मे भर लिया. पूनम एक बार फिर से कांप उठी, और उसके हाथ रवि के कंधों पर आ गये. जैसे-2 रवि ने अपने होंठो से पूनम के होंठो को ज़ोर लगा कर चूसना चालू किया, वैसे-2 पूनम के हाथ रवि के कंधों पर और कसने लगे.

पूनम के मुँह से घुटि हुई आह निकल गयी. रवि ने पूनम के नीचले होंठ को अपने होंठो से निकाल कर ऊपेर वाले होंठ को चूसना चालू कर दिया. नीचे पूनम की चूत नम होने लगी थी. और रवि के हाथ पूनम की पीठ को सहलाते हुए, नीचे उसके चुतड़ों की तरफ बढ़ रहे थे.

पूनम रवि के हाथों को अपनी पीठ पर महसूस करके मचले जा रही थी. धीरे -2 रवि के हाथ पूनम की पीठ को सहलाते हुए, उसके चुतड़ों तक पहुँच गये. रवि ने अपने दोनो हाथो की हथेलियों को पूनम के चुतड़ों पर फैला कर रख दिया. पूनम के बदन मे करेंट सा दौड़ गया. और उसने अपने हाथों से रवि के कंधों को और कस के पकड़ लिया.

रवि ने अपने जी भर के पूनम के होंठो का रस्पान किया, और फिर अपने होंठो को पूनम के होंठो से अलग करते हुए, पूनम की ओर देखने लगा. पूनम का फेस कामुकता के कारण एक दम लाल होकर दहक रहा था. पूनम ने अपनी वासना से भरी आँखे खोल कर रवि की ओर देखा.

पूनम: (मदहोशी से भरी हुई काँपती आवाज़ मे) अब बस करो रवि. मुझ कुछ हो रहा हैं.

रवि: (पूनम के चुतड़ों को मसलते हुए) मैं तुम्हें कुछ नही होने दूँगा.

पूनम चूतड़ मसले जाने से आहह कर उठी. और वो एक दम से शरमा गयी. फिर पूनम पीछे की ओर हट गये. और बाहर की तरफ जाने लगी.

रवि: (पूनम का हाथ पकड़ कर रोकते हुए) क्या हुआ.

पूनम: (शरमाते हुए) तुम बड़े वो हो. मुझ जाने दो. वरना कुछ ग़लत हो जाएगा.

रवि: (पूनम को अपनी और खैंच कर अपनी बाहों मे भरते हुए) जब तक तुम नही चाहोगी. मैं कुछ ग़लत नही करूँगा. थोड़ी देर और रूको ना.

और रवि ने पूनम को छोड़ दिया. और नीचे फर्श पर जल्दी से बिस्तर लगाने लगा. बिस्तर लगा कर उसने पूनम का हाथ पकड़ कर उसे अपने साथ बिस्तर मे बैठा लिया. और रवि पूनम की जाँघो पर सर रख कर लेट गया.

रवि: तुम जानती हो पूनम जब तुम पिछली बार यहाँ आई थी. मैं तब से तुम्हें चाहने लगा हूँ. मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ.

पूनम: (शरमाते हुए) मैं भी तुम्हे चाहती हूँ रवि.

रवि: अब कितने दिन और रहोगी.

पूनम: बस एक हफ्ते के लिए आई हूँ. फिर मे मौसी के यहाँ जाकर 11थ मे अड्मिशन ले लूँगी.

रवि: ( पूनम को अच्छे से अपने पिंजरें मे उतारने के लिए) मैं अब तुम्हारे बिना कैसे रहूँगा.

पूनम: रवि मैं क्या कर सकती हूँ. तुम्हें तो पता है है. माँ के देहांत के बाद बाबा ने मुझ मोसी के घर भेज दिया था. और बाबा सोचते हैं, कि जवान लड़की माँ की निगरानी के बिना बिगड़ सकती है. और इसे लिए वो मुझ वहाँ पढ़ा रहे हैं. तुम उदास मत हो मैं बीच-2 मे तुमसे मिलने आती रहूंगी.

रवि: मैं तुम्हारी याद मे तड़प-2 कर मर जाउन्गा.

पूनम: (रवि की बात सुन कर उसकी ओर खींची जा रही थी. उसने अपने हाथ को रवि के होंठो पर रख दिया) ऐसे ना कहो रवि, अभी हमारी उम्र है क्या है.

रवि ने पूनम की जाँघो पर सर रखे हुए, उसके सर को अपने हाथ से अपने ऊपेर झुकाना शुरू कर दिया. पूनम रवि की बातों को सुन कर भावनाओं मे बह गयी. और इस बार हल्का सा इशारा पाते ही, पूनम ने अपनी आँखे बंद कर के, अपने होंठो को रवि के होंठो की ओर बढ़ा दिया.

और दोनो के होन्ट एक दूसरे से मिल गये. इस बार पूनम भी रवि के होंठो को बड़े प्यार से चूस रही थी. दोनो एक दूसरे को 5 मिनट तक ऐसे ही किस करते रहे. 5 मिनट मे अब पूनम ने अपने होंठो को रवि के होंठो से अलग कर लिया. उसकी आँखों मे वासना की खुमारी छाई हुई थी. रवि उसकी तरफ देखते हुए मुस्कुराने लगा. पूनम एक दम से शरमा गयी. और उसके होंठो पर मुस्कान फैल गयी.

रवि उसकी जाँघो से सर उठा कर सीधा बैठ गया. रवि की पीठ पीछे से दीवार के साथ सटी हुई थी. उसने पूनम को पकड़ कर अपनी गोद मे खींच लिया. पूनम एक दम से कसमसा गयी.

पूनम: ओह उईमा ये क्या कर रहे हो.
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12-20-2019, 01:01 PM,
#56
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
पूनम अब उसके गोद मे बैठी थी. पर वो वहाँ से उठ नही रही थी, शायद उसे भी अच्छा लग रहा था. उसकी पीठ रवि के फेस की तरफ थी. रवि ने उसकी कमर से अपने बाहें निकाल कर उसके पेट पर रख दी. रवि के हाथों को अपनी टीशर्ट के ऊपेर से अपने पेट और कमर पर महसूस करके, वो एक दम से कांप उठी.

और उसने अपनी पीठ को रवि की छाती से सटा दिया. और अपने सर को पीछे रवि के कंधे पर गिरा लिया. रवि ने अपने एक हाथ को पेट से हटा कर उसके चिन को पकड़ कर अपनी तरफ उसके फेस को घुमाया. पूनम अपनी वासना से भरी नसीली अध खुली आँखों से रवि की आँखों मे झाँकने लगी.

रवि: मैं तो बस आज रात तुम्हे जी भर के प्यार करना चाहता हूँ. और जी भर के अपने दिल की रानी को देख लेना चाहता हूँ. पता नही कल के बाद हमें ऐसा टाइम नसीब हो या ना हो.

और पूनम भावनाओ के सागर मे बहने लगी. उसके दिल मे रवि के लिए प्यार ही प्यार उमड़ रहा था. उसने अपने एक हाथ को रवि के गाल पर पीछे ले जाकर रख लिया. और अपनी आँखों को बंद कर लिया. उसके होंठ थोड़ा सा आगे की तरफ बढ़े. जैसे पूनम रवि को कह रही हो. लो मेरे जान अपनी दिल की रानी को जी भर के प्यार कर लो.

और रवि ने भी मोका देखते हुए, अपने होंठो को पूनम के होंठों पर रख दिया. और धीरे -2 पूनम के होंठो को चूसने लगा. रवि ने अपना दूसरा हाथ भी पूनम की कमर पर कस लिया. और उसे अपने बाहों मे भर लिया. पूनम अपने होंठो को रवि से चुस्वाती हुई, अपने हाथ से रवि के गाल को सहलाती हुई, उसके बालों मे ले गयी. और अपने हाथ की उंगलियों से रवि के बालों को सहलाने लगी.

रवि पूनम के होंठो को ज़ोर-2 से चूसने लगा. पूनम एक दम मस्त हो चुकी थी. रवि उसके दिल मे घर कर गया था. रवि के हाथ धीरे-2 उसके पेट को सहलाते हुए, उसकी चुचियों तक आने लगे. और पूनम का दिल ये सोच कर जोरों से धड़कने लगा कि, रवि के हाथ अब उसकी चुचियों को मसलने वाले है.

रवि के हाथ जैसे ही पूनम की चुचियों पर पहुँचे , पूनम ने अपने होंठो को रवि के होंठो से हटा लिया. और अपनी वासना से भरी हुई, आँखों को धीरे- 2 खोल कर रवि की आँखों मे देखते हुए बोली.

पूनम: (मदहोशी से भरी आवाज़ मे) रवि मत करो ना, मुझ कुछ हो रहा है.

रवि: कुछ नही हो गा जान. मुझ पर भरोसा नही है क्या.

पूनम: तुम पर है पर मैं बहक जाउन्गी.

रवि: तो प्लीज़ बहक जाओ ना. मैं तुम्हें जी भर के प्यार करना चाहता हूँ.

पूनम: प्लीज़ मान जाओ ना.

और रवि ने अपने हाथों को पूनम की चुचियों से हटा लिया. और एक साइड मे देखने लगा. जैसे जता रहा हो कि, मैं तुमसे नाराज़ हूँ.

पूनम: (रवि को उदास होते देख.) नाराज़ हो मुझसे.

रवि: नही.

पूनम अपने होंठो पर मुस्कान लाई, और रवि के हाथों को अपने हाथों मे लेकर, रवि की आँखों मे देखते हुए, रवि के हाथों को अपनी चुचियों पर रख दिया. पूनम ने गरमी के कारण नीचे ब्रा नही पहनी थी, पूनम की नरम चुचियों को अपने हाथों मे महसूस करके, रवि का लंड और तन गया. और पूनम के लोवर के ऊपेर से, उसके चुतड़ों की दरार मे घूंस कर फँस गया.

पूनम के बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी. एक तो रवि अपने हाथों से उसकी अन्छुइ चुचियों को धीरे-2 मसल रहा था, और दूसरा उसका औजार, उसके चुतड़ों की दरार मे रगड़ खा रहा था. पूनम ने अपने हाथों को रवि के हाथों के ऊपेर कस लिया, और मस्ती मे आकर पूनम की आँखे फिर से बंद हो गयी.

पूनम: (वासना से घुली हुई आवाज़ मे) उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ससेईईईईईईईई जितना चाहे प्यार कर लो अपनी पूनम को.

रवि ने फिर से पूनम के होंठो को अपने होंठो मे ले लिया, और चूसना चालू कर दिया. और साथ-2 मे पूनम की चुचियों को धीरे-2 मसलना चालू कर दिया. पूनम की पैंटी नीचे गीली होने लगी थी. रवि ने पूनम को गरम होता देख, अपने एक हाथ को नीचे ले गया. और उसकी कमर पर ले जाकर उसकी ढीली सी टीशर्ट के अंदर अपने हाथ को डाल दिया. पूनम का बदन एक दम से कांप गया. उसका पेट और कमर थरथराने लगे.

रवि धीरे-2 अपने हाथ को टीशर्ट के अंदर से ऊपेर की ओर ले जाने लगा. पूनम एक दम मदहोश हो गयी. और रवि ने अपने हाथ को टीशर्ट के अंदर से ऊपेर ले जाकर, पूनम की राइट चुचि को अपने हाथ मे भर लिया.

पूनम ने अपने होंठो को रवि के होंठो से हटा लिया, और रवि को अपनी आँखें खोल कर देखते हुए, फिर से अपनी आँखें बंद करके, रवि के होंठो पर टूट पड़ी. अब चोन्कने की बारी रवि की थी. पूनम पागलों की तरहा रवि के होंठो को चूसने लगी. और रवि पूनम को इस्कदर मस्त होता देख, एक दम खुश हो गया.

और अपने दूसरे हाथ को भी, पूनम की टीशर्ट के अंदर से डाल कर, पूनम की लेफ्ट चुचि को पकड़ लिया. और दोनो चुचियों को धीरे- 2 मसलने लगा. पूनम की चूत से पानी बह कर उसकी पैंटी को गीला कर रहा था. जो पूनम को महसूस हो रहा था.

रवि ने पूनम की चुचियों को अपने हाथों मे पकड़े हुए, पूनम को अपने गोद से थोड़ा सा ऊपेर उठा कर बिस्तर पर पीठ के बल लेटा दिया. और खुद उसके ऊपेर आकर, उसके होंठो को अपने होंठो मे भर कर चूस्ते हुए, उसकी चुचियों को मसलने लगा.

नीचे रवि ने अपनी टाँगों से पूनम की टाँगों को फैला कर, अपनी टाँगों को पूनम की टाँगों के बीच मे कर लिया. जिसके कारण रवि का तना हुआ लंड, पूनम के लोवर और पैंटी के ऊपेर से, उसकी चूत पर जा लगा. पूनम एक दम मचल उठी, और उसने अपनी बाहों को रवि की पीठ पर कस लिया. और अपने मुँह को खोल कर रवि से अपने होंठो और जीभ को चुसवाने लगी.

रवि अब ज़ोर-2 से पूनम की दोनो चुचियों को एक साथ मसल रहा था. पूनम की चुचियों के निपल एक दम तन चुके थे. और कड़े हो चुके त. धीरे-2 रवि अपना वजन अपने घुटनो पर डालते हुए, पूनम की जाँघो के बीच मे बैठ सा गया. और अपना एक हाथ पूनम की चुचि को छोड़ कर टीशर्ट के बाहर निकाल लिया. उसने अपने होंठो को पूनम के होंठो से अलग किया, और पूनम की तरफ देखा.

पूनम अपनी आँखे बंद किए तेज़ी से साँसे ले रही थी. उसके होन्ट कांप रहे थे. रवि ने मोका देखते हुए, पूनम की टीशर्ट को एक हाथ से ऊपेर उठा दिया. और पूनम की चुचियाँ, रवि की आँखों के सामने आ गयी. कड़े और तने हुए निपल्स को देख कर, रवि के मुँह मे पानी आ गया. और उसने बिना देर किए झुक कर पूनम की लेफ्ट चुचि को मुँह मे भर लिया.

पूनम अपनी निपल पर रवि की गरम जीभ को महसूस करके और गरम हो गयी. और उसके मुँह से मस्ती और कामुकता से भरपूर सिसकारियाँ निकलने लगी.

पूनम: अह्ह्ह्ह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह रवि मुझे मुझे कुछ हो रहा ही ना करो आईसीई ओह्ह्ह्ह यूम्ह्ष उम्ह्ह्ह्ह

पर पूनम का बदन पूनम की बातों का साथ नही दे रहा था. उसने अपनी बाहों को रवि की पीठ पर और ज़ोर से कस लिया. रवि का लंड नीचे उसकी लोवर और पैंटी के ऊपेर से उसकी चूत पर रगड़ खा रहा था.
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12-20-2019, 01:01 PM,
#57
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
पूनम अब अपने आप को रवि को सोन्प चुकी थी. और रवि उसके मस्त बदन से खेल रहा था. और अपने नीचे लेटी हसीन कच्ची कली को देख-2 कर खुश हो रहा था. रवि अब ज़ोर-2 से पूनम के निपल को चूसने लगा. पूनम के हाथ तेज़ी से रवि की पीठ को सहला रहे थी. रवि अपने एक हाथ से उसकी दूसरी चुचि के निपल को उंगलियों मे लेकर मसल रहा था. पूनम का पूरा बदन मस्ती मे कांप रहा था.

पूनम: ओह रवीिइ हाां और्र्ररर प्यार करूऊ. मेरी दूध्ह्ह्ह्ह्ह्ह कूओ अह्ह्ह्ह और चूसो बहुत मज़ा आ रहा हीईीईईईईईई. सचह मे बहुत अच्छा लग रहा है.

पूनम की बात सुन कर रवि और जोश मे आ गया. और पूनम की दूसरी निपल की तरफ लपका, और उसे भी मुँह मे भर कर चूसना चालू कर दिया. पूनम का बदन एक दम से अकड़ गया.

पूनम: उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह रवीीईईईईई और्र्ररर जोर्र्र सीईई चुसूओ जीईई भररर कर चुसीए ले अपनी पूनम को ओह रवि माआअ रीए ओह सचह मे बहुत अच्छा लग रहा हिी ओह.

रवि 10 मिनट तक पूनम की दोनो चुचियों को बारी-2 चूस्ता रहा. अब उसका लंड चूत मे जाने के लिए फडफडा रहा था. रवि पूनम की चुचि को चूस्ते हुए, अपने एक हाथ को नीचे की तरफ़ ले गया. और उसकी लोवर के एलास्टिक मे अपनी उंगलियों को फँसा कर नीचे की तरफ करने लगा. जैसे ही पूनम का लोवर उसके चुतड़ों से थोड़ा सा नीचे सरका. तो उसे अहसास हुआ, कि रवि कहाँ तक बढ़ गया है.

उसने अपने हाथों को रवि के कंधों पर आगे की तरफ रख लिया. और रवि को ऊपेर उठाने की कॉसिश करने लगी.

पूनम: नही रवि बसस्स औरर्र आगे नही. प्लीज़ मान जाओ अह्ह्ह्ह ऑश नही रवीीई ओह्ह

जब पूनम रवि को ऊपेर नही कर सकी तो, उसने रवि को उसके सर से पकड़ कर, अपनी चुचि को रवि के मुँह से निकालने की कॉसिश शुरू कर दी. क्योंकि पूनम को पता था, कि अगर रवि उसकी चुचि को ऐसे ही चूस्ता रहा तो, वो गरम होकर बहक जाएगी. जैसे वो बहक चुकी थी.

जैसे ही पूनम ने रवि के सर को अपने हाथों से पकड़ कर ऊपेर उठाना चाहा. पूनम के हाथों से रवि के सर के बाल खिंच गये. और रवि को पूनम की चुचि को अपने मुँह से बाहर निकालना पड़ा. पर रवि अब पीछे नही हटना चाहता था. रज़िया ने उसे जो ट्रैनिंग दी थी. आज वो काम आने वाली थी. रवि जानता था, कि अगर पूनम को चोदना है, तो उसे पूनम को गरम करना और रखना पड़ेगा. एक बार पूनम अपने आपे मे आ गयी, ये मोका उसे दोबारा नही मिलेगा.

रवि ये भी जानता था, कि पूनम के बदन पर पहली बार किसी मर्द के हाथ और होन्ट पड़े है. वो अगर पूनम के बदन के किसी भी हिस्से पर अपने होंठो को रख देगा. उसका असर पूनम पर ज़रूर होगा.

ये सोचते ही, उसने अपने होंठो को पूनम के पेट पर रख कर रगड़ना चालू कर दिया. अपने पेट और नाभि के पास, रवि के होंठो का स्पर्श पाकर पूनम की तो मानो जैसे साँस ही रुक गयी हो. उसने एक बार अपनी पूरी ताक़त से रवि के सर को अपने पेट से ऊपेर उठाने की कॉसिश की. पर रवि अपना ज़ोर नीचे की ओर लगाए हुए, पूनम के पेट और नाभि के आस पास चूमता रहा. फिर उसने पूनम को और गरम करने के लिए, अपनी जीभ निकाल कर पूनम की नाभि को चाटना चालू कर दिया.

पूनम का बदन एक दम से अकड़ गया. उसकी साँस मानो जैसे थम गयी हो. उसके हाथ कमजोर पड़ गये. और उसने अपनी गर्दन को लंबा करके, अपने सर को पीछे की तरफ उठा लिया. पूनम का बदन इस कदर अकड़ गया था, कि उसका सर और चूतड़ ही, नीचे बिस्तर को छू रहे थी. बाकी सारी पीठ हवा मे 1 इंच ऊपेर उठ गयी थी.

पूनम ने रवि के बालों को कस के पकड़ लिया. और मस्ती मे आकर आह ऑश सीईईई जैसी सिसकारियाँ उसके मुँह से निकलने लगी. और उसके हाथों की उंगलियाँ तेज़ी से रवि के बालों मे घूमने लगी.

पूनम: उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह रवीीई मुझिी छोड़ दूओ अहह बहुतत्तत्त गुद्द्दद्ड गुदि हो रही हिी ओह प्ल्स रवीिइ ओह

जैसे ही पूनम का विद्रोह कम हुआ, रवि ने अपने दोनो हाथों से, पूनम के लोवर के जबरन की इलास्टिक मे अपनी उंगलियों को फँसा कर, लोवर को नीचे सरकाना चालू कर दिया. पूनम मस्ती मे कमजोर पड़ गयी थी. उसने रवि को ऐसे करने से नही रोका. और रवि ने एक झटके मे, पूनम के लोवर को उसकी जाँघो के नीचे तक सरका दिया.

पूनम का दिल जोरों से धड़क रहा था. उसकी चूत के फाँकें फडफडाने लगी थी. और अब उसने अपने आप को रवि को समर्पित कर दिया था. पर फिर भी शरम और हया के कारण पूनम अपने हाथों को रवि के सर से हटा कर, नीचे ले गयी. और अपने लोवर को पकड़ कर ऊपेर करने की कॉसिश करने लगी.

पर रवि अब उससे दो कदम आगे था, उसने पूनम के हाथों को पकड़ लिया, और अपने होंठो को उसकी नाभि से हटा कर, उसकी पैंटी के ऊपेर से उसकी चूत के फांकों पर रख दिया. पूनम की तो जैसे जान ही निकल गयी हो. उसकी आँखे किसी शराबी की आँखों की तरहा ऊपेर को चढ़ने लगी. और उसने अपने लोवर को छोड़ कर रवि की कलाईयों को कस के थाम लिया.

पूनम की कमर झटके खाने लगी. और उसकी चूत की दीवारों मे तेज़ी से खुजली सी होने लगी.

पूनम: उनहगगगगगग उंघह रवीीईई ओह ये क्याअ क्याअ कर रही हो आह आह उंह सीईईईई ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

रवि ने अपने हाथों को झटकते हुए, पूनम से अपनी कलाईयों को छुड़वा लिया. और पूनम के हाथों को पकड़ कर बेडशीट से सटा दिया. और फिर अपने हाथों से पूनम के लोवर को पकड़ कर नीचे सरकाना चालू कर दिया. और साथ-2 मे पैंटी के ऊपेर से उसकी चूत को मुँह मे भर कर चूस रहा था.

कुछ ही पलों मे पूनम का लोवर उसके पैरों से निकल कर, बिस्तर के पास फर्श पर पड़ा था. रवि ने अपने होंठो को पूनम की पैंटी के ऊपेर से हटा लिया. और उसकी जाँघो को पकड़ कर, घुटनो से उसकी टाँगों को मोड़ कर ऊपेर उठा दिया. और खुद पूनम की जाँघो के बीच मे घुटनो के बल बैठ गया.

रवि पूनम की ओर देखने लगा. पूनम अपनी आँखे बंद किए लेटी हुई थी, उसकी चुचियाँ उसके तेज़ी से साँस लेने से ऊपेर नीचे हो रही थी. पूनम ने अपनी हथेलियों मे चादर को कस्के पकड़ रखा था. रवि ने अपने पाजामे को खोल कर उतार कर एक साइड मे रख दिया. और पूनम के एक हाथ को पकड़ कर अपने लंड पर रख लिया. पूनम के दिल की धड़कन एक दम से बढ़ गयी. उसके हाथ कांप रहे थाई. और वो अपने हाथो को पीछे की ओर खैंच रही थी.

पर रवि उसके हाथ को मजबूती से थामे हुआ था. आख़िर कार पूनम ने रवि के 7 इंच लंबे और 2 इंच मोटे लंड को अपनी मुट्ठी मे कस लिया.

रवि: जान एक बार इधर तो देखो.

पूनम ने ना मे सर हिला दिया.

रवि: जान प्लीज़ एक बार.

पूनम ने फिर से ना मे सर हिला दिया.

रवि: क्यों क्या हुआ.

पूनम: मुझ शरम आती है.

रवि: प्लीज़ पूनम एक बार मेरी तरफ देख लो. वरना तुम्हारा ये दीवाना मर जाएगा.
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12-20-2019, 01:02 PM,
#58
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
पूनम ने अपने धड़कते हुए दिल के साथ, रवि की तरफ फेस को घुमाया, और अपनी वासना और मस्ती से भरी आँखों को खोल कर, रवि की तरफ देखा. रवि उसकी ओर देख कर मुस्कुरा रहा है. और फिर उसकी नज़र अपने हाथ पर गयी. जिससे उसने रवि के लंड को पकड़ रखा था. और फिर से शरमाते हुए, अपनी आँखे बंद कर ली.

रवि ने पूनम की ओर देखते हुए, दोनो ओर से उसकी छोटी सी पैंटी को पकड़ कर नीचे की तरफ सरकाने लगा. पूनम ने रवि के लंड को अपने हाथों से छोड़ दिया.

अब पूनम इतनी मस्त हो चुकी थी. कि रवि को रोकने की बजाय उसने अपने चुतड़ों को हल्का सा ऊपेर उठा लिया. और रवि ने उसकी पैंटी को चुतड़ों से नीचे करते हुए, उसके पैरो से निकाल कर एक साइड मे रख दिया. पूनम अपने फेस को दीवार की तरफ करके लेटी हुई थी.

रवि ने पूनम की टाँगों को उठा कर मोड़ दिया. उसकी कुँवारी चूत रवि की आँखों के सामने थी. जिसे देख रवि का लंड हवा मे झटके खाने लगा. रवि आज पहली बार किसी लड़की की कुँवारी चूत को देख रहा था. पूनम की चूत रज़िया की चूत से एक दम अलग थी. जहाँ रज़िया की चूत के फांके कई लंड अंदर लेने के बाद काली पड़ चुकी थी. वहीं पूनम की चूत की फाँकें एक दम गोरी और चिकनी थी.

रज़िया की चूत की फाँकें लटकी हुई और ढीली थी, और पूनम की चूत के फाँकें एक दम कसी हुई, और आपस मे सटी हुई थी, रवि ने पूनम की जाँघो को दोनो ओर फैला रखा था. जिसके कारण उसकी चूत की फाँकें थोड़ा सा खुली हुई थी. जो आपस मे सतने की कॉसिश कर रही थी.

उसकी चूत का गुलाबी छेद देख कर रवि पागल हुआ जा रहा था. जो उसके काम रस से भीगा हुआ था. रवि की आँखों मे पूनम की कुँवारी चूत देख कर चमक आ गयी थी. और वो एक दम से पूनम की चूत के ऊपेर झुक गया. और अपने हाथों की उंगलियों से चूत की फांकों को खोल दिया.

पूनम की चूत का गुलाबी टाइट छेद, रवि को किसी स्वर्ग के दरवाजे की तरहा दिखाई दे रहा था. पूनम ये सोच कर शरम से मरी जा रही थी, कि रवि उसकी चूत के छेद को अपनी उंगलियों से फैला कर देख रहा है. उसका दिल ये सोच कर धड़क रहा था, कि रवि अपने मोटे लंड को उसकी चूत के छेद पर लगाने वाला है.

पर रवि के मन मे कुछ और ही चल रहा था. उसने अपनी जीभ को बाहर निकाल लिया. पूनम अपनी आँखें बंद किए, अपने हाथों से चादर को कस्के पकड़े हुए थी. इसीलिए उसे आने वाले पलों का बिल्कुल भी अंदाज़ा नही था. रवि ने अचानक से अपनी जीभ को पूनम की चूत के छेद को नीचे से ऊपेर तक रगड़ दिया.

अपनी चूत पर रवि की गरम जीभ को महसूस करके, पूनम सीसियाते हुए, लगभग चिल्ला सी पड़ी. उसका बदन ऐसे अकड़ गया. जैसे उसे दौड़ा पड़ गया हो. उसकी आँखे ऊपेर की ओर चढ़ गयी. मुँह एक दम से पूरा खुल गया. और उसकी साँस उसके हलक मे अटक गयी. जैसे ही रवि ने अपनी जीभ उसकी चूत से हटाई. उसकी साँस मे साँस आई. पर अगले ही पल रवि ने फिर से अपनी जीभ को उसकी चूत के छेद पर वैसे ही रगड़ दिया.

पूनम: उनहगगगगगग अहह उन्घ्ह्ह्ह्ह अहह रवीीईई ईईए ओह ईीई ह ईईई क्याअ ओह ओह कार्रर्ररर रहै हूऊ. ओह मेरीईए जान निकल जाएगीईए माँ रीईई

पर रवि तो जैसे उसकी बात को सुन ही नही रहा था, वो तो एक हाथ से पूनम की चूत के फांकों को फैला कर चूस रहा था. और दूसरे हाथ से उसकी टाँगों को ऊपेर उठाए हुए था. पूनम नीचे लेटी जलबीन मछली की तरह तड़पते हुए सिसकारियाँ भर रही थी.

उसकी चूत की दीवारों पर सरसराहट बढ़ गयी थी. और उसने अपने हाथों से चादर को छोड़ कर रवि के सर को अपने हाथों से पकड़ लिया. और तेज़ी से रवि के बालों को सहलाते हुए, सिसकारियाँ भरने लगी.

पूनम: अहह ओह्ह्ह रवि बसस्स्सस्स बसस्स करो ना ओह मुझे बहुत्त्त्त गुदगुदी हूओ रहै हिईए ओह्ह ओह ओह

रवि: (पूनम की चूत से मुँह को हटाते हुए) क्यों मज़ा नही आ रहा.

पूनम: (मदहोशी से भरी आवाज़ मे) बहुत माजा आ रहा है. रवि मुझ बहुत अच्छा लग रहा है. ऊन्घ्ह्ह्ह उंघह

और रवि ने इस बार पूनम की चूत की फांकों को पूरा मुँह मे भर कर चूस लिया. पूनम का बदन फिर से झटके खाने लगा. रवि ने फिर से अपने मुँह को पूनम की चूत से हटाया. और पूनम की ओर देखते हुए बोला.

रवि: तो फिर अब और चुसू कि नही.

इससे पहले कि पूनम कुछ बोल पाती. रवि ने उसकी चूत की फांकों को अच्छे से फैला कर, उसकी चूत के क्लिट को अपने मुँह मे भर लिया. जो तन कर और उभर कर बड़ा हो गया था. जैसे ही रवि ने चूत के क्लिट को मुँह मे भरा. पूनम अपनी गान्ड को तेज़ी से ऊपेर की ओर उछाल कर सिसकरायाँ भरने लगी. वो इतनी उत्तेजित हो गये कि, अपनी गान्ड को बिस्तर से 2-2 फुट तक ऊपेर की और उछालने लगी.

पूनम: ओह ओह रवि ओह हाआआं चूसो औरर्र जोर्र्र्र्र्ररर से ओह मार डााला ओह उफफफफफफ्फ़ क्या कार्ररर रहै हूऊ हाआअँ आईसीए हिी .

पूनम अब पूरी तरहा मस्त हो चुकी थी. वो ये भी भूल चुकी थी, नयी काम वाली रोमा साथ के रूम मे सो रही है. रोमा नींद से जाग चुकी थी. और साथ वाले रूम से आ रही मादक और मस्ती से भरी हुई सिसकारियों को सुन कर उसके दिल की धड़कन भी बढ़ गयी थी. वो उठ कर रूम की उस दीवार के पास गयी. जो रवि के रूम के दीवार के साथ थी. रवि का रूम हरिया और रोमा दोनो के रूम के बीच मे था.
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12-20-2019, 01:02 PM,
#59
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
रोमा ने दीवार को ऊपेर से नीचे तक देखा. और फिर उसकी नज़र दीवार के ऊपर बने हुए छेद पर चली गयी. जिसमे से रोसनी निकल कर उसके रूम तक आ रही थी. पर वो छेद काफ़ी ऊपेर था. रोमा का दिल अब रवि के रूम के अंदर झाँकने को कर रहा था. पर छेद काफ़ी ऊपेर था. उसने कमरे मे चारो तरफ नज़र दौड़ाई.

और फिर उसकी नज़र कुछ ऐसे चीज़ों पर पड़ी. जिसपर चढ़ कर वो उस छेद मे से झाँक सकती थी. सबसे पहले उसने रूम मे पड़े, एक पूराने से संदूक को उठाया. और उसे दीवार के पास रख दिया. फिर एक पुरानी लकड़ी के चेर को उठा कर संदूक के ऊपेर रखा. और फिर वो धीरे-2 संभालते हुए चेर पर चढ़ गयी.

दोनो चीज़ों को नीचे रखने से वो लगभर 5 फुट ऊपेर हो गयी थी. अब वो छेद ठीक उसकी आँखों के सामने था. उसने रूम मे झाँक कर देखा. रूम के पीछे की दीवार के साथ एक चारपाई लगी हुई थी. फिर उसकी नज़र रूम के डोर की तरफ गयी. जो अंदर से बंद था. और फिर डोर के साथ वाली दीवार पर. और दीवार के साथ रवि और पूनम को ऐसे हालत मे देख, रोमा के रोंगटे खड़े हो गये.

रवि पूनम की जाँघो को फैलाए हुए, उसकी चूत पर झुका हुआ था. और उसकी चूत को चाट रहा था. पूनम अपने दोनो हाथों से रवि के सर को पकड़ कर अपनी गान्ड को बार -2 उछाल रही थी. उसका पूरा बदन झटके खा रहा था.

पूनम: ओह रवीीईईई जीई भरररर के चुस्स्स्स लीयी अपनी पूनम को आज्ज्जज ओह्ह्ह अगर मुझे पता होताा ओह मुझे इतना मज़ा आएगा. मैं कब्ब्ब से ओह्ह्ह्ह्ह्ह .

और पूनम कहती -2 चुप हो गयी. और उसने शरमा कर अपने फेस पर तकिये को रख लिया. पूनम की बात सुन कर, रवि ने अपने मुँह को उसकी चूत से हटाया. और पूनम के हाथों से तकिया को खैंच कर, उसके फेस से हटा दिया. पूनम अपनी आँखे बंद किए हुए थी. उसके होंठो पर शरम से भरी मुस्कान थी.

रवि: अगर पहले पता होता तो क्या करती.

पूनम: (वासना से लिप्त आवाज़ मे) मुझ नही पता. मुझ शरम आ रही है.

और पूनम ने अपने नंगे पन को छुपाने के लिए, रवि की बगलों मे से अपनी बाहें गुज़ारते हुए, रवि को अपने ऊपेर खैंच लिया. रवि एक दम से उसके ऊपेर आ गया. और उसका लंड जो कि तन कर एक दम फूला हुआ था. वो सीधा पूनम की चूत के फांकों पर जा टकराया.

पूनम के बदन मे बिजली सी दौड़ गयी. और वो थोड़ा सा कसमासाई. उसके हिलने से रवि के लंड का सुपाडा, उसकी चूत की फांकों पर रगड़ ख़ाता हुआ, उसकी चूत के छेद पर जा लगा.

रवि के लंड के गरम सुपाडे को अपनी चूत के छेद पर महसूस करते है. वो एक दम से मचल उठी, और उसने अपनी आँखे खोल कर रवि की ओर देखा. रवि के होन्ट उसकी चूत काम रस से एक दम भीगे हुए थे. जो उसे थोड़ा गंदा सा लग रहा था. पूनम अपनी चूत के छेद पर रवि के लंड को महसूस करके मचले जा रही थी.

पूनम: (काँपती हुई आवाज़ मे) तुम्हें वहाँ मुँह ओह लगाना गंदा नही लगा ओह्ह्ह मेरी जानणन्न् निकाल दी तुमने ओह.

रवि: मैं तुम्हें और तुम्हारे बदन के हर हिस्से को अपनी जान से ज़्यादा प्यार करता हूँ. ये तो फिर भी तुम्हारी चूत से निकाला तुम्हारे प्रेम का रस ही. मे तो तुम्हारे लिए जहर भी पी सकता हूँ.

पूनम एक बार फिर से रवि की बातों मे आकर भावनाओ मे बहने लगी. उसे रवि पर बहुत प्यार आ रहा था. और उसने अपना रवि के लिए प्यार जाहिर करने के लिए. अपनी चूत के रस से भीगे हुए, रवि के होंठो को अपने होंठो मे ले लिया. और पागलों की तरहा चूसने लगी.

उधर साथ वाले कमरे मे रोमा का भी बुरा हाल था. वो ब्लाउस और पेटिकोट पहन कर सोई हुई थी. बेचारी पति की मौत के बाद से उसने आज पहली बार लंड को देखा था. उसका पेटिकॉट उसकी कमर तक चढ़ा हुआ था. और ब्लाउस के आगे के तरफ सारे हुक्स खुले हुए थे. वो अपनी हाथ की एक उंगली को चूत मे डालकर तेज़ी से अंदर बाहर कर रही थी. और दूसरे हाथ की उंगलियों से अपनी चुचियों के निपल्स को बारी-2 मसल रही थी.

रवि भी पूनम की चुचियों को अपने हाथों मे मसलते हुए, तेज़ी से पूनम के होंठो को चूस रहा था. और पूनम मस्ती के सागर मे डूबी जा रही थी. उसकी चूत की फांके, रवि के लंड के सुपाडे के चारो और कसी हुई थी. उसकी चूत की फाँकें फड़फदा कर सिकुड और फैल रही थी.

पूनम की चूत मे आग अब इस्कदर बढ़ गयी थी. कि अब उससे रुका नही जा रहा था. और वो अपनी बाहों को रवि की पीठ पर कसे हुए. अपनी कमर को धीरे-2 ऊपेर करके, रवि के लंड के सुपाडे पर अपनी चूत के छेद को दबाने लगी.

रवि जानता था, कि पूनम की चूत एक दम कोरी है. अगर उसने बिना किसी चेतावनी के अपने लंड को उसकी चूत मे घुसाया तो, बात बिगड़ने का ख़तरा है.

रवि: (पूनम के होंठो से अपने होंठो को हटाते हुए) पूनम तुम्हे पता है. जब कोई लड़की पहली बार चुदवाती है, तो उसे बहुत दर्द होता है.

पूनम: (काँपती हुई आवाज़ मे) हां मैने ओह स्कूल मे सहेलियों से सुना हैं. पर तुम मुझे इतना प्यार करते हो. मे तुम्हारे लिए इतना तो सह ही सकती हूँ. तुम्हरे लिए मेरी जान भी हाजिर है.

रवि ने पूनम के होंठो पर अपने होंठो को रख कर फिर से चूसना चालू कर दिया. और अपना एक हाथ नीचे ले जाकर अपने लंड को पकड़ कर लंड के सुपाडे को अच्छे से पूनम की चूत के छेद पर लगा दिया. और अपनी कमर को पूरी ताक़त से आगे की तरफ हिलाया.

रवि के लंड का सुपाडा पूनम की गीली हो चुकी चूत की सील को तोड़ता हुआ अंदर घुस गया. उसके लंड का मोटा सुपाडा, पूनम की चूत के टाइट छेद मे फँस सा गया. और चूत की फांकों ने सुपाडे के चारो तरफ फँदा सा कस लिया.

पूनम नीचे पड़ी हुई दर्द के मारें छटपटा उठी. उसने अपने हाथों के नाख़ून को रवि की पीठ पर गढ़ा दिया. और उसके मुँह से चीख निकल कर रवि के मुँह मे घुट कर रह गयी. पूनम ने अपने फेस को दूसरे तरफ करते हुए, अपने होंठो को रवि के होंठो से अलग कर लिया. और तेज़ी से साँसें लेते हुए कराहने लगी.

रवि: क्या हुआ बहुत दर्द हो रहा है.

पूनम: (दर्द से तिलमिलाते हुए) हां रवि बहुत दर्द हो रहा है. बस थोड़ी देर के लिए रुक जाओ ओह बहुत दर्द हो रहै है रवि. आह्ह्ह्ह हाआआं धीरीई -2 अंदर डालो.

रवि ने अपने लंड को फिर से पूनम की चूत मे घुसाने के लिए पोज़िशन ले ली. उसके लंड का सुपाडा, पूनम की चूत मे फँसा हुआ था. पूनम ने अभी अपनी चूत पर रवि के लंड के अगले वार को सहने के लिए तैयारी कर ली.

पूनम ने अपनी आवाज़ को दबाने के लिए. अपने होंठो को दाँतों मे भींच लिया. और रवि की पीठ पर अपनी बाहों को कस लिया.

रवि: पूनम अपनी टाँगों को जितना हो सके फैला लो. इससे तुम्हे दर्द कम होगा.

पूनम ने अपनी टाँगों को घुटनो से मोडे हुए, दोनो तरफ पूरी तरफ फैला दिया. और रवि को अपने लंड को पूनम की चूत मे गहराइयों तक उतारने का मोका मिल गया. रवि ने अपनी साँस रोक कर अपनी पूरी ताक़त अगले झटके मे लगा दी. रवि का लंड पूनम की चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ, अंदर और अंदर घुसता चला गया.

इससे पहले कि पूनम दर्द से चीख भी पाती. रवि ने दो बार और अपनी कमर को जबरदस्त तरीके से आगे की तरफ हिलाया. और लंड का सुपाडा पूनम की बच्चेदानी से जा टकराया. पूनम की आँखों मे से आँसू बहने लगे. वो किसी तरहा अपने आप को चीखने रोक ली थी. पर दर्द के मारे उसकी जान निकली जा रही थी.
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12-20-2019, 01:02 PM,
#60
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
पूनम: (रोते हुए अपनी हथेलियों को रवि की पीठ पर रगर्ते हुए) ओह रवि बहुत दर्द हो रहा है. मे मर जाउन्गी ओह निकाल लूऊओ ईसीए ओह्ह्ह मुझसे सहा नही जा रहा . निकाल लो.

रवि: (पूनम के गालों पर बह रहे आँसुओं को अपने जीभ से चाटते हुए) बस मेरी जान बस तुझे जितना दर्द सहना था. तूने सह लिया. अब देखना थोड़ी देर मे दर्द ख़तम हो जाएगा.

पूनम को रवि का यूँ अपने गालों और आँसुओं को चाट कर उसे प्यार करना बहुत अच्छा लग रहा था. पर दर्द के मारें उसकी जान निकली जा रही थी.

पूनम: (रोते हुए) ओह्ह्ह नही रवीीईईई इसे निकाल लो. मेरी चू.

और पूनम बोलते -2 रुक गयी. और रोते हुए एक दम से चुप हो गयी. उसने अपनी आँखें फिर से बंद कर ली/

रवि: क्या बोले रही थी. तुम्हारी चू क्या

पूनम: ओह मुझे इतना दर्द हो रहा है. और तुम मज़ाक कर रहे हो. बस करो रवि. मुझ मार कर छोड़गे क्या. उईमा.

रवि: (बहुत ही धीरे-2 अपने लंड को पूनम की चूत के अंदर बाहर करते हुए )अच्छा-2 निकाल लेता हूँ. पहले बताओ क्या बोलने वाली थी.

अब पूनम का दर्द भी कम होता जा रहा था. और रवि के लंड के सुपाडे का घर्सन उसे अपनी चूत की दीवारों पर महसूस हो रहा था. जो उसे बहुत सुखद लग रहा था.

पूनम: मे वो कहने वाली ओह्ह्ह्ह रवि उंह उंह सीईईईईई मेरी चूत्त्त्त्त सीईई निकालने की लिए ओह माआअ क़हह रही थीए.

रवि: (अपने लंड को धीरे-2 अंदर बाहर करते हुए) निकल लूँ अपने लंड को तुम्हारी चूत से. बोलो ना.

पूनम: (शर्मीली मुस्कान होंठो पर लाते हुए) नही ओह्ह ओह ओह.

रवि: फिर क्या करूँ. मेरी जान.

पूनम: (रवि के लंड के सुपाडे को अपनी चूत की दीवारों से रगड़ता हुआ महसूस करके एक दम से मस्ती मे आने लगी) ओह्ह्ह्ह ओह रवीीईई चोदूऊ मुझिए अहह मेरी चूत को चोद्द्द ले रवि ओह ओह्ह्ह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईईईई.

पूनम की आवाज़ अब मस्ती के कारण काँपने लगी थी. उसकी आँखे भारी हो चुकी थी, और वो चाह कर भी अपनी आँखे खोल नही पा रही थी. रवि के लंड का मोटा सुपाडा , पूनम की चूत की दीवारों को फैलाता हुआ अंदर बाहर हो रहा था. और पूनम मस्ती मे आकर अपनी जाँघो को खोल कर रवि के लंड को अपनी चूत मे ले रही थी.

फिर रवि सीधा घुटनो के बल बैठ गया. और अपने लंड को धीरे-2 पूनम की छूट से बाहर निकालने लगा. जैसे ही रवि का पूरा लंड पूनम की चूत के छेद से बाहर आया, तो पूनम की चूत से खून की पतली सी धार बह कर उसकी गान्ड के छेद की तरफ जाने लगी. रवि ने देखा उसका लंड भी खून से सना हुआ है.

रवि जल्दी से बिस्तर से खड़ा हुआ, और तेज़ी से एक पुराने कपड़े को उठा कर अपने लंड को सॉफ करने लगा. पूनम अपनी चूत पर हाथ लगा कर देखने लगी. जब उसने अपने हाथ को अपने सामने लिया. तो उसका रिक्षन देख कर रवि एक दम से हैरान हो गया.

पूनम अपनी चूत से खून निकलता देख, ज़रा भी घबरा नही रही थी. बल्कि उसके होंठो पर हल्की सी मुस्कान आ गयी. रवि तेज़ी से फिर से पूनम की जाँघो के बीच मे आ गया. और उसकी चूत से बहते हुए खून को सॉफ करने लगा.

रवि: (रवि को इस बात का बिल्कुल पता नही था, कि जब किसी कुँवारी लड़की की सील टूटती है तो, उसमे से खून निकलता है. रज़िया ने उसे बस इतना ही बताया था. कि लड़कियों को पहली बार ज़्यादा तकलीफ़ होती है.) पूनम इससे तो खून निकल रहा है. अब क्या होगा.

पूनम: (रवि के हाथ से कपड़ा लेते हुए. पहले उसने अपनी चूत और फिर हाथ को अच्छे से सॉफ किया, और मुस्कुरा कर शरमाते हुए बोली.) तुम भी ना बड़े बुद्धू हो, बोंदु राम. इतने ज़ोर से कर रहे थे. खून नही निकलेगा.

पूनम: अर्रे मेरे पागल मजनू. हर लड़की के पहली बार खून निकलता है.

और पूनम ने रवि को अपने ऊपेर खैंच लिया. और रवि के गालों को पागलों की तरहा चूमने लगी.

पूनम: (रवि के गालों और फेस पर हर जगह चूमते हुए) आहह रवि अब जल्दी करो. मुझसे रहा नही जा रहा.

रवि: (अपने नीचे लेटी पूनम की चुचियों को मसलते हुए) क्या करूँ मेरी जान.

पूनम: (रवि के कंधों पर मुक्के मारते हुए) तुम ना ऐसे नही मनोगे. मेरी चूत मे अपना लंड डाल कर मुझे चोदो.

पूनम को यूँ रंग मे आता देख कर. रवि का दिल ख़ुसी के मारे नाचने लगा. उसने पूनम की एक चुचि को चूस्ते हुए, अपने लंड को पकड़ कर उसकी चूत के छेद पर टिका दिया. पूनम की चूत रवि के लंड को अपने अंदर लेने के लिए पहले से ही फुदक रही थी.

जैसे ही पूनम को अपनी चूत के छेद पर रवि के लंड के गरम सुपाडे का अहसास हुआ. पूनम ने रवि को अपनी बाहों मे कसते हुए, अपनी कमर को ऊपेर की तरफ करना चालू कर दिया. पूनम की चूत जब रवि के लंड के सुपाडे पर दबने लगी.

उसकी चूत की फाँकें फैल गयी. और चूत का छेद रवि के मोटे लंड को अंदर लेने के लिए फैलने लगा. और लंड का सुपाडा चूत के छेद और दीवारों को फैलाता हुआ अंदर घुसने लगा.

पूनम: ओह्ह्ह्ह उंह रवीीईई अब मेरी चूत्त्त को इस तरहा अपने लंड के लिए क्यों तड़पा रहे हो ओह डालो नाअ मेरी चूत मे अपने लंड को.

और रवि अपनी सारी ताक़त इकट्ठी करके अपनी कमर को आगे की तरफ 3-4 बार हिला दिया. लंड का मोटा सुपाडा एक बार फिर से पूनम की चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ, उसकी बच्चे दानी से जा टकराया.
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