Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
05-16-2020, 01:17 PM,
#21
RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
वह हैडक्वार्टर का रेडियो रूम था, जहाँ इस समय तमाम योद्धा ज़मां थे और सब बहुत बेचैन थे ।
जैक क्रेमर, ली मारकोस, बार्बी, डायमोक, मास्कमैन, हिटमैन, मास्टर, हवाम, अबू, निदाल, माइक और रोनी ।
“हूपर के बारे में कुछ पता चला ?” अबू निदाल कह रहा था ।
“अभी तक तो कुछ मालूम नहीं हुआ है ।” जैक क्रेमर बोला- “रेडियो पर भी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है । सुबह एक जानकारी जरूर मिली थीं ।”
“क्या ?”
“सुबह जो गार्ड हूपर और उसके साथियों को नाश्ता पहुँचाने गया था, उसी ने आकर बताया, हूपर ने फिलहाल यह खबर पूरे जंगल में फैला दी है कि कोई दुश्मन जंगल में घुस आया है । सब उस पर निगाह रखें । इसके अलावा उसने एक और बड़ी सनसनीखेज जानकारी दी ।”
“क्या ?”
“उस गार्ड ने बताया ।” जैक क्रेमर बोला- “कि जब वह नाश्ता देने के बाद वापस लौटने ही वाला था, तभी एक गार्ड ने दौड़ते हुए आकर हूपर से कहा है कि उसने आसमान में अभी-अभी धुएं का एक सिग्नल देखा है ।”
“धुएं का सिग्नल !”
सभी खूंखार योद्धाओं की आँखें एक-दूसरे से टकराई ।
“हाँ, धुएं का सिग्नल ।”
“लेकिन बर्मा के जंगली लोग धुएं का सिग्नल तो तब देते हैं सर ।” मास्टर बोला- “जब दुश्मन उनके कब्जे में हो । धुएं के सिग्नल का अर्थ है कि दुश्मन हमारे पास है, उसे जल्दी से आकर पकड़ लो ।”
“बिल्कुल सही ।”
“इसका मतलब तो ये है सर !” बर्मा के एक्सपर्ट समझे जाने वाले मास्कमैकन का विस्फारित स्वर- “कि जंगली लोगों ने दुश्मन को पकड़ लिया था ।”
“लगता तो ऐसा ही था, हूपर तुरंत ही दौड़ता हुआ सुरंग से ऊपर पहुँचा था, लेकिन तब तक धुंए का सिग्नल नजर आना बंद हो गया था । तभी एक जंगली और भागता हुआ हूपर के पास आया तथा उसने हूपर से आकर कहा- दुश्मन उनके कब्जे में है, वह फौरन उसके साथ चलें ।”
“फिर ?”
“फिर क्या, हूपर और उसके तमाम गार्ड जंगली के साथ चले गये । बस तभी से उनकी कोई खबर नहीं है । अगर हूपर ने दुश्मन को पकड़ लिया होता, तो वह जरूर रेडियो पर यह खुशखबरी भेजता ।”
“कहीं कुछ गड़बड़ तो नहीं है सर ?”
“क्या कहा जा सकता है ।”
सब और फिक्रमंद हो उठे ।
सबको हूपर की चिंता सताने लगी ।
वह सब अभी रेडियो रूम में ही जमा थे, तभी उन्होंने हैडक्वार्टर में बाहर से तेज कौलाहल की आवाज सुनी ।
“यह कैसी आवाजें हैं ?”
“मैं देखता हूँ ।” तुरंत डायमोक बाहर की तरफ दौड़ा ।
उसके पीछे-पीछे ली मारकोस और बार्बी भी दौड़े ।
जितनी तेजी से वह बाहर गये थे, उतनी ही तेजी के साथ वापस रेडियो रूम में आये ।
“क्या हो गया ?”
“कोई बुरी तरह जख्मी गार्ड है ।” बार्बी बोली- “उसी को कुछ गार्ड उठाकर इस तरफ ला रहे हैं ।”
“जख्मी गार्ड ।”
“हाँ ।”
सबके बीच और भी ज्यादा आतंक की लहर दौड़ गयी ।
कोलाहल की आवाजें अब और भी करीब आ चुकी थीं । तभी रेडियो रूम का दरवाजा पुनः खुला और कुछ लोग एक बुरी तरह जख्मी गार्ड को लेकर अंदर आ गये । उसकी बस कोई-कोई सांस चल रही थी और उसकी हालत बताती थी, वह थोड़ी देर का मेहमान है ।
“इसे क्या हुआ ?” जैक क्रेमर शीघ्रतापूर्वक कुर्सी से उठकर जख्मी गार्ड की तरफ बढ़ा ।
“यह विक्टर है सर !” गार्डो ने अब उसे वहीं नीचे रेडियो रूम के फर्श पर लिटा दिया- “रात यह हूपर साहब के साथ गया था और अब अकेला इस हालत में लौटा है ।”
“विक्टर !” जैक क्रेमर वही नीचे उसके पास बैठ गया और उसने उसे झिंझोड़ा- “तुम्हारे बाकी साथी कहाँ है ? हूपर कहाँ हैं ?”
“स... सब मारे गये ।” विक्टर की आँखों में आंसू उमड़ आये- “सब... क… कोई नहीं बचा ।”
सबको जोरदार शॉक लगा ।
“सब !” हवाम का भौचक्का स्वर- “क्या कह रहे हो तुम ?”
“य... यह सच है ।”
“क्या हूपर भी नहीं बचा ?”
“हाँ , सर ।”
“माई गॉड ! हूपर जैसा यौद्धा भी मारा गया ।”
सबकी आँखें फटी की फटी रह गयी ।
सब मानों जड़वत् अवस्था में अपनी-अपनी जगह खड़े रह गये थे ।
“म... मैं भी सिर्फ इसलिए ब... बच गया सर !” विक्टर बेहद अटके-अटके स्वर में बोला- “क... क्योंकि गोलियां लगते ही हैंडग्रेनेड ब... बम छूटते ही मैं वहाँ से भाग खड़ा हुआ और... और दूर झाड़ियों में जा छिपा । फ... फिर सबको मरते मैंने अपनी आँखों से देखा । उसने स... सबको मार डाला ।”
“क्या हमारे जो दुश्मन जंगल में घुस आये हैं ।” जैक क्रेमर ने कौतूहलतापूर्वक पूछा- “उनकी संख्या काफी ज्यादा है ?”
“न...नहीं सर ! इसी बात की तो सबसे बड़ी हैरानी है, वह अकेला है । ब... बिल्कुल अकेला ।”
“अकेला !”
“यस... यस सर ! अकेला ! अ... और वो अकेला ही हम सब पर भारी है । शायद आपने नाम भी सुना हो ।”
“क्या नाम है ?”
“क... कमाण्डर करण सक्सेना !”
सबके दिमाग में आतिशबाजी छूटती चली गयी ।
उस नाम को सुनते ही सबके दिमाग में धमाके हुए ।
“अंतर्राष्ट्रीय जासूस कमाण्डर करण सक्सेना ?”
“व... वही ।”
“ओह !” अब निढाल और खतरनाक निशानेबाज भी कांप गया ।
सबके शरीर में सिहरन दौड़ी ।
“क... कमाण्डर से अपने आपको ब... बचाइये सर ।” विक्टर की आवाज अब और भी ज्यादा अटक रही थी, उसकी सासें उल्टी सीधी चल रही थीं- “व... वह आप सब बारह योद्धाओं को खत्म करने के इरादे से बर्मा के इन ज... जंगलों में दाखिल हुआ है । म... मैंने खुद अपने कानो से सुना था सर, व... वो हूपर साहब से कह रहा था कि ब... बर्मा के इन जंगलों को आप सब लोगों के खौफ से अ... आजादी दिलाना उसका मकसद है । व... वो बहुत खतरनाक है स... ।”
बोलते-बोलते विक्टर की आवाज जैसे कहीं अटक गयी ।
“विक्टर-विक्टर !”
विक्टर की गर्दन दूसरी तरफ जा पड़ी ।
उसकी आँखें फटी की फटी रह गयीं ।
“है माई जीसस !” जैक क्रेमर ने अपने सीने पर क्रॉस का निशान बनाया- “लगता है, यह बस अभी तक इसीलिए जिंदा था, ताकि इस खौफनाक खबर को हम तक पहुँचा सके ।”
जैक क्रेमर ने उसकी आँखें बंद कर दीं ।
फिर वो गहरी सांस लेकर अपने स्थान से उठ खड़ा हुआ ।
Reply
05-16-2020, 01:18 PM,
#22
RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
सभी यौद्धा सन्नाटे में डूबे हुए थे ।
सकते में !
यह बात उन सबको बहुत आंदोलित कर रही थी कि उनका एक साथी यौद्धा मारा जा चुका है ।
रेडियो-रूम से अब विक्टर की लाश हटाई जा चुकी थी । हालांकि बर्मा के उन जंगलों में उन बारह योद्धाओं ने बहुत बार दुश्मन का सामना किया था, लेकिन किसी यौद्धा के मरने जैसी नौबत पहले कभी नहीं आयी थी । हर बार उन्होंने ही दुश्मन के छक्के छुटाये थे ।
“हालात ठीक नहीं है ।” जैक क्रेमर बड़ी बेचैनी के साथ इधर से उधर टहलता हुआ बोला- “अगर सचमुच इस बार हमारा दुश्मन कमाण्डर करण सक्सेना ही है, तो यह हमारे लिए बहुत खतरनाक बात है, वह एक तूफान है, जो अब जंगल में घुस आया है और बड़ी तेजी के साथ हम लोगों की तरफ बढ़ रहा है ।”
“लेकिन वह तूफान तबाही मचाता हुआ हमारे इस हैडक्वार्टर तक पहुंचे सर !” हिटमैन बोला- “इससे पहले ही हमने इसे रोकना होगा ।”
“ठीक बात है ।”
“मगर आगे बढ़ते हुए कमाण्डर को रोकना इतना आसान नहीं है ।” वह शब्द अबू निदाल ने कहे- “दुनिया के नक्शे पर ऐसी कई कहानियाँ मौजूद हैं, जिन्हें कमाण्डर करण सक्सेना ने अपनी तबाही के खून से रंगा हैं, अमरीका की सी0आई0ए0 से लेकर चीन की एम0एस0एस0 और पाकिस्तान की आई0एस0आई0 जैसी बड़ी-बड़ी जासूसी संस्थाओं को उसने अकेले ही अपने दम पर छक्के छुटाये हैं ।”
“मिस्टर अबू निदाल ।” समुराई फाइटर ली मारकोस गुस्से में फुंफकारकर बोला- “मैं नहीं जानता कि कमाण्डर ने आज तक इतिहास के कौन-कौन से पन्ने रंगे हैं, परन्तु मैं एक बात जरूर कहूँगा ।”
“क्या ?”
“बर्मा के इन खौफनाक जंगलों में आकर कमाण्डर ने अपनी मौत को ही दावत दी है । वो यहाँ अपनी मर्जी से घुस तो आया है, लेकिन अब जिंदा वापस नहीं जा सकेगा सर ।” ली मारकोस, जैक क्रेमर की तरफ घूमा- “आप मुझसे कहें, जगल में आगे बढ़ते उस तूफान को रोकने की जिम्मेदारी मैं अपने ऊपर लेता हूँ । मै कमाण्डर को मारूंगा ।”
सबकी निगाहें ली मारकोस पर जाकर ठहर गयीं ।
जापानी यौद्धा ।
पौने छः फुट लम्बा कद ।
शरीर ऐसा छरहरा और तना हुआ, जैसे वह किसी हाड़-मांस का न होकर रबड़ का पुतला हो ।
“मैं समझता हूँ ।” जैक्र क्रेमर कुछ सोचता विचारता हुआ बोला- “इस बार कमाण्डर का मुकाबला करने के लिए किसी अकेले योद्धा का जाना ठीक नहीं है ।”
“फिर ?”
“तुम्हारे साथ एक योद्धा और जाना चाहिये । इसके अलावा गार्डो की संख्या भी पहले से ही कहीं ज्यादा हो ।”
“अगर आप कहें सर !” फौरन ही बार्बी बोली- “तो दूसरे योद्धा के तौर पर मैं मारकोस के साथ जाना चाहूँ गी ।”
जैक क्रेमर की आँखें अब बार्बी पर जाकर ठहर गयीं ।
वो जानता था, खूबसूरत सी नजर आने वाली वो लड़की वास्तव में कितनी खतरनाक है ।
कितनी दुर्दांत है ।
मार्शल आर्ट का उस जैसा योद्धा तो सिर्फ जापान के अंदर ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में दूसरा कोई नहीं था । उसने जूडो के अंदर बारहवां दन, ताइक्वांडो में आठवां दन, कराटे में दसवा दन और बर्मी बाक्सिंग सवाटे के अंदर सातवें दन के अलावा और भी न जाने किन-किन युद्ध कलाओं में महारथ हासिल कर रखी थी ।
“ठीक है ।” जैक क्रेमर बोला- “दूसरे यौद्धा के तौर पर तुम ही मारकोस के साथ जाओगी ।”
“थैंक्स सर ।”
बार्बी के होठों पर मुस्कान दौड़ गयी ।
उसे मानों मुंह मांगी मुराद हासिल हो गयी थी ।
Reply
05-16-2020, 01:19 PM,
#23
RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
कमाण्डर करण सक्सेना जंगल में लगातार आगे बढ़ रहा था ।
बेहद चौकन्नी अवस्था में ।
कभी वो बिल्कुल दबे पांव जंगल में चीते की तरह दौड़ता, तो कभी शेर की तरह और कभी ज्यादा खतरा भांपने पर झाड़ियों में सांप की तरह भी रेंगता । फौजियों को और जासूसों को दुश्मन के इलाके में घुसने पर एक खास तरह से चलने की ट्रेनिंग दी जाती है । जिसे चीता चाल, शेर चाल और सर्प चाल कहते है । इस समय कमाण्डर उसी ट्रेनिंग का फायदा उठा रहा था ।
शाम का धुंधलका अब धीरे-धीरे चारों तरफ फैलने लगा ।
जैसाकि पहले बताया जा चुका है, बर्मा के जंगलों में अंधेरा वैसे भी कुछ ज्यादा जल्दी होता है । वहाँ के पेड़ एक खास किस्म का आकार लिये हुए हैं ।
कमाण्डर ने झाड़ियों में ही एक जगह रूककर अपने हैवरसेक बैग में से एक नक्शा निकाला ।
वो काफी बड़ा नक्शा था और बर्मा के उन्हीं जंगलों का था ।
कमाण्डर कुछ देर उस नक्शे का गहराई से अध्ययन करता रहा ।
यौद्धाओं का हैडक्वार्टर अभी वहाँ से बहुत दूर था ।
कुछ देर अध्ययन करने के बाद कमाण्डर ने वो नक्शा वापस हैवरसेक बैग में रख लिया ।
कमाण्डर करण सक्सेना ने अपनी रिस्टवॉच देखी ।
शाम के सात बज रहे थे ।
मगर अंधेरा वहाँ ऐसा फैला हुआ था, जैसे आधी रात हो गयी हो ।
जंगल में एक बहुत ऊंचे और घने पेड़ के पास पहुँचकर कमाण्डर ठिठका ।
अब उसे वहाँ रात गुजारने का इंतजाम करना था ।
उसे फिर अपनी फौजी ट्रेनिंग याद आयी ।
उसने आसपास पड़ा हुआ ढेर सारा घास-फूंस उठाकर उस पेड़ के नीचे जमा करना शुरू कर दिया और फिर उस घास-फूंस के ऊपर कम्बल डाल दिया ।
वहीं कम्बल के पास उसने वो ए0के0 सैंतालिस असाल्ट राइफल भी रख दी, जिसे वो पीछे से उठाकर लाया था ।
अब कोई भी उस जगह को देखता, तो यही समझता, जैसे वहाँ कोई सो रहा है ।
“दुश्मन को धोखा देने के लिए यह अच्छा तरीका है ।” कमाण्डर मुस्कराया-“अब मुझे खुद पेड़ के ऊपर चढ़कर आराम करना चाहिये ।”
फिर कमाण्डर ने उस घने पेड़ का मोटा तना अपने दोनों हाथों से कसकर पकड़ लिया और उसके बाद उसने बेहद सधे हुए अंदाज में धीरे-धीरे ऊपर की तरफ रेंगना शुरू किया ।
वह बिल्कुल छिपकली की तरह रेंग रहा था ।
निःशब्द आवाज में ।
हैवरसेक बैग अभी भी उसकी पीठ पर कसा था ।
शीघ्र ही कमाण्डर पेड़ के घने पत्तों के बीच में पहुँच गया ।
वहाँ पहुँचकर उसने एक नया ही काम किया ।
उसने अपने बैग में से एक मोटा कम्बल निकाला और उसके चारों कोने पेड़ की मजबूत डालों के साथ अच्छी तरह कसकर बांध दिये ।
अब वह कम्बल जमीन से कई मीटर ऊपर पेड़ के घने पत्तों के बीच में किसी चारपाई की तरह तन चुका था ।
फिर कमाण्डर करण सक्सेना ने पीठ से हैवरसेक बैग उतारकर एक तरफ टांग दिया ।
उसके बाद वो उस चारपाईनुमा कम्बल पर आराम से लेट गया ।
कमाण्डर करण सक्सेना ने एक काम और किया- उसने बैग में से एक ‘कैमोफ्लाज किट’ (झाड़ीनुमा छतरी) निकाली ।
वह एक खास तरह का कवर था, जो ऊपर से देखने पर झाड़ीनुमा नजर आता था ।
जबकि वास्तव में वो कवर बुलेटप्रूफ था ।
उस पर थ्री नॉट थ्री की गोली से लेकर तोप के गोले तक का भी कोई असर नहीं होता था ।
कमाण्डर करण सक्सेना ने वह ‘कैमोफ्लाज किट’ अपने ऊपर डाल ली ।
अब वो बिल्कुल सुरक्षित था ।
फिर लेटे-लेटे कब उसे नींद आ गयी, पता न चला ।
Reply
05-16-2020, 01:19 PM,
#24
RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
“हम लोग काफी आगे निकल आये हैं ।” एक गार्ड कह रहा था- “मैं समझता हूँ कि कमाण्डर करण सक्सेना अब जंगल में यहीं कहीं होना चाहिये ।”
“नहीं ।” ली मारकोस बोला- “अभी और आगे चलो ।”
“क्या हम ठीक जगह पर नहीं पहुंचे है ?”
“नहीं, कमाण्डर अभी यहाँ तक नहीं पहुँचा होगा । आखिर हूपर की हत्या हुए अभी ज्यादा समय नहीं गुजरा है ।”
“ओके, तो मैं जीप और आगे बढ़ाता हूँ ।”
जीप पहले की तरह ही जंगल में और आगे बढ़ चली ।
वह कई सारी जीपों का काफिला था, जो बर्मा के उन जंगलों में अंदर ही अंदर कच्ची चकरोड सड़क से होकर आगे की तरफ बढ़ता जा रहा था ।
सबसे आगे वाली जीप में ली मारकोस और बार्बी बैठे थे ।
इसके अलावा उस जीप में तीन गार्ड और थे ।
जबकि पिछली तमाम जीपों में तो दर्जनों की संख्या में हथियारबंद गार्ड भरे हुए थे ।
सब-के-सब बेहद खतरनाक ।
भिन्न-भिन्न युद्ध कलाओं में महारथी ।
ली मारकोस भी उस समय अपने खतरनाक शस्त्र ‘समुराई तलवार’ के साथ जीप में मौजूद था और अपने चिर-परिचित समुराई फाईटरों वाली ड्रेस में था ।
समुराई फाइटर हमेशा सिर से पांव तक काले रंग की ड्रेस पहनते हैं, जो उनके शरीर से चिपकी होती है ।
वैसी ही काले रंग की चिपकी हुई ड्रेस इस वक्त ली मारकोस ने पहनी हुई थी ।
उसकी समुराई कमर के साथ बंधी थी ।
समुराई की म्यान लकड़ी की थी और उसकी मूठ पर लाल रंग का रिबन बंधा था । समुराई की एक खास बात और होती है, उसके दोनों तरफ धार मिलेगी ।
धार भी बेहद पैनी !
जो समुराई का ‘ग्रेंड मास्टर’ होता है, वह अपनी समुराई से पेड़ के मजबूत तने से लेकर लोहे के पाइप तक को काट डालता है ।
और ली मारकोस भी ‘ग्रेंड मास्टर’ ही था ।
कभी समुराई फाइटिंग में उसने पूरे जापान के अंदर तहलका मचा दिया था ।
उसने दर्जनों की तादाद में समुराई के बड़े-बड़े मुकाबले जीते ।
उसके नाम का आतंक पूरे समुराई जगत पर छाता चला गया । परन्तु ली मारकोस में एक भयंकर कमी भी थी । वह अपराध प्रवृत्ति का आदमी था । दौलत का बेपनाह भूखा था । जब उन मुकाबलों से हासिल होने वाली दौलत से भी उसका पेट नहीं भरा, तो वह अपराध की दुनिया में आ गया और अपनी समुराई से भोले-भाले लोगों पर कहर बरपा करने लगा ।
अपराध का वह सिलसिला जो एक बार शुरू हुआ, तो फिर अभी तक जारी था ।
“जरा सोचो !” ली मारकोस के बराबर में बैठी बार्बी कह रही थी- “अगर कमाण्डर इस समय एकाएक हम लोगों के सामने आ जाये तो क्या होगा ।”
“कुछ भी नहीं होगा ।” ली मारकोस फुंफकारकर बोला- “फौरन बिजली जैसी अद्वितीय तेजी के साथ मेरी समुराई म्यान से बाहर निकलेगी और अगले ही क्षण उसकी गर्दन धड़ से कटकर अलग जा पड़ेगी ।”
“क्या सचमुच कमाण्डर करण सक्सेना को मारना इतना ही आसान होगा ?”
“इससे भी कहीं ज्यादा आसान होगा डार्लिंग ।” ली मारकोस घमण्डपूर्वक बोला- “एक बार तुम उसे बस मेरे सामने आने दो, फिर मेरी समुराई का जौहर देखना । उसे चीखने तक का मौका भी नहीं मिलेगा ।”
बार्बी ने कुछ न कहा ।
परन्तु वो कमाण्डर को इतना साधारण इंसान नहीं समझती थी, जिसे इतनी सहजता के साथ शिकस्त दी जा सके ।
जीपों का काफिला पहले की तरह ही आगे बढ़ रहा था ।
“बस !” तभी एकाएक ली मारकोस ने कहा- “जीप यहीं रोक दो ।”
गार्ड ने फौरन जीप के ब्रेक अप्लाई किये ।
पहिये चीख उठे ।
वो काफी दूर तक घिसटते चले गये थे और फिर रूक गये ।
उस जीप के रूकते ही पीछे जितनी भी जीपे चली आ रही थीं, वह भी एक-एक करके रूकती चली गयीं ।
ली मारकोस दूरबीन आँखों पर चढ़ाकर जंगल का अब अच्छी तरह मुआयना कर रहा था । फिर उसने दूरबीन गले में डाल ली ।
“हम बिल्कुल ठीक जगह है ।” उसके बाद वो जीप से बाहर निकलता हुआ बोला- “हमारा दुश्मन अब इससे आगे जंगल में कही भी हो सकता है, किसी भी जगह हो सकता है ।”
फिर एक-एक करके तमाम हथियार बंद गार्ड जीपों से बाहर निकलने लगे ।
Reply
05-16-2020, 01:19 PM,
#25
RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
अंधेरा अब धीरे-धीरे चारों तरफ फैलना शुरू हो गया ।
लेकिन वो अंधेरे से कोई बहुत ज्यादा घबराये हुए नहीं थे । उनके पास बहुत हाई पावर की टार्चे थीं और वैसे भी वो अंधेरे के अंदर जंगल में घूमने के अभ्यस्त थे ।
“नक्शा किधर है ?” ली मारकोस बोला ।
“अभी लाता हूँ ।”
एक हथियार बंद फौरन जीप की तरफ बढ़ गया तथा फिर उसके अंदर से नक्शा लेकर लौटा ।
वो काफी बड़ा नक्शा था, जिसे गोलाई में फोल्ड किया गया था ।
“लीजिए मारकोस साहब !”
ली मारकोस ने नक्शा लेकर उसे जीप के हुड पर फैला लिया ।
तमाम हथियारबंद गार्ड अब उसके इर्द-गिर्द भीड़ के छत्ते के रूप में जमा होने लगे थे ।
“यह वो जगह है ।” फिर वो यकायक नक्शे पर एक जगह उंगली टिकाता हुआ बोला- “जहाँ इस वक्त जंगल में हम सब लोग खड़े हैं । मैं कुछ गलत तो नहीं कह रहा बार्बी ?”
“नहीं ।” बार्बी, जो खुद भी नक्शे पर ही गौर से नजरे गड़ाये हुए थी, उसने फौरन स्वीकृति में गर्दन हिलाई- “तुम्हारा आइडिया दुरुस्त है । मारकोस ! हम सचमुच जंगल में इसी प्वाइंट पर खड़े हैं ।”
“और यह वो जगह है ।” ली मारकोस ने नक्शे पर काफी दूर एक अन्य जगह उंगली टिकाई- “जहाँ कमाण्डर करण सक्सेना को सबसे पहले दो जंगली युवकों ने अपनी झोपड़ी में शरण दी थी ।”
जबकि ली मारकोस की पैनी निगाह अब नक्शे पर कुछ और चीज तलाश रही थीं ।
“फिलहाल हमें नक्शे पर एक स्थान और ढुंढ़ना है ।” ली मारकोस बोला ।
“कौन सा स्थान ?”
“जिस स्थान पर हूपर तथा उसके साथी गार्डों की जंगल में कमाण्डर करण सक्सेना से मुठभेड़ हुई और वह सब मारे गये । उसी मुठभेड़ वाले संभावित स्थान का पता लगाने के बाद हम इस नतीजे पर पहुँच सकते हैं कि कमाण्डर करण सक्सेना इस वक्त जंगल में किस जगह होना चाहिये ।”
तमाम लोग अब बहुत गौर से नक्शे को देखने लगे ।
सबकी निगाहें उसी जगह के आसपास घूम रही थीं, जहाँ दो जंगली युवकों ने कमाण्डर करण सक्सेना को अपनी झोपड़ी में शरण दी थी ।
“हालांकि मुठभेड वाली जगह का एकदम सही तरह से पता लगाना काफी मुश्किल काम है ।” बार्बी नक्शे पर ही निगाह गड़ाये हुए बोली- “क्योंकि उस जगह के बारे में हमें कोई सूचना उपलब्ध नहीं है । फिर भी अंदाजे से एक बात जरूर कही जा सकती है ।”
“क्या ?”
“वो मुठभेड़ वाली जगह उसी झोपड़ी के आसपास एक किलोमीटर के दायरे में कहीं होनी चाहिये, जहाँ दो जंगली युवकों ने कमाण्डर को शरण दी थी ।”
“यानि !” ली मारकोस ने नक्शे पर एक अन्य स्थान पर उंगली टिकाई- “इस जगह ?”
“हाँ ।” बार्बी थोड़ा हिचकिचाते हुए बोली- “संभवतः यही मुठभेड़ वाली वो जगह होनी चाहिये ।”
“मेरा भी यही विचार है ।” ली मारकोस, बार्बी की तरफ देखकर बेहद उत्साहपूर्वक बोला- “मुठभेड़ वाली जगह यहाँ होनी चाहिये । और दोस्तो, अगर हमारा यह विचार दुरूस्त है, तो इस वक्त हम उस मुठभेड़ वाली जगह से कोई आठ किलोमीटर दूर खड़े हैं । आठ किलोमीटर हालांकि यह दूरी बहुत है । लेकिन मैं समझता हूँ कि कमाण्डर अब आठ किलोमीटर के इसी वर्ग क्षेत्रफल में कहीं होना चाहिये । क्योंकि हूपर की मौत को जितना समय गुजरा है, उस समय को अगर पैदल चलने वाले व्यक्ति की चाल से कैलकुलेट किया जाये, तो यही रिजल्ट निकलकर सामने आता है कि कमाण्डर ने अभी आठ किलोमीटर का यह वर्ग क्षेत्रफल पार नहीं किया होगा । अब हमें एक दूसरा काम करना है ।”
“क्या ?”
“हमने जंगल के इस पूरे आठ किलोमीटर के क्षेत्र को चारों तरफ से घेरकर आगे की तरफ बढ़ना है और कमाण्डर करण सक्सेना को देखते ही गोली मारनी है । याद रहे, वो बहुत खतरनाक आदमी है । वो बचना नहीं चाहिये ।”
“ऐसा ही होगा ।”
कई सारे गार्ड भभके स्वर में बोले ।
“अगर उस आदमी को अपनी जान बचाने का जरा भी मौका हासिल हुआ ।” ली मारकोस बोला- “तो उस क्षण के बाद तुममें से कोई नहीं बचेगा ।”
“हम उसे कोई मौका नहीं देंगे मारकोस साहब ।”
“गुड !”
ली मारकोस ने जीप के हुड पर बिछा नक्शा उठा लिया और फिर वह उसे फोल्ड करने लगा ।
Reply
05-16-2020, 01:19 PM,
#26
RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
तभी काफी सारे जंगली जोर-जोर से रणहुंकार करते हुए वहाँ आ पहुंचे ।
वह नजदीक के ही एक गांव में रहते थे और एक हथियारबंद गार्ड उन्हें वहाँ बुलाकर लाया था ।
सब अधनंगे थे ।
उन्होंने अपनी गुप्तांगों वाली जगह पर मामूली सी कपड़े की धज्जी लपेटी हुई थी, बाकी जांघों के चारों तरफ एक धागे में बंधे हुए लम्बे-लम्बे पत्ते झूल रहे थे ।
सिर पर भी पत्तों का झुरमुट था ।
उन सब जंगलियों के हाथ में बड़े नुकीले भाले थे और वह खूब उछल-उछलकर बर्मी भाषा में ही अजीब-अजीब सी आवाजें निकाल रहे थे ।
कानों में कुण्डल पड़े हुए ।
शरीर पर जगह-जगह नीले गोदने के चिन्ह ।
एक जंगली के गले में छोटी-सी ढोलक भी पड़ी थी, जिस पर वह बार-बार थाप देता ।
“सब खामोश हो जाओ ।” ली मारकोस अपने दोनों हाथ उठाता हुआ जंगलियों के सामने खड़ा हो गया और बर्मी भाषा में ही चिल्लाया- “सब खामोश हो जाओ ।”
जंगली चुप हो गये ।
वहाँ सन्नाटा छा गया ।
घोर सन्नाटा ।
“जैसाकि तुम लोगों को मालूम ही है ।” ली मारकोस जंगलियों के सामने चिल्लाता हुआ ही बोला- “कि हमारे इन जंगलों में एक बहुत खतरनाक दुश्मन घुस आया है और उसने यहाँ का सारा अमन चैन उजाड़कर रख दिया है । उसने हूपर जैसे खतरनाक योद्धा को भी मार डाला है और ढेरो हथियारबंद गार्डों की हत्या भी कर दी है ।”
“आप हमें यह बताइये मारकोस साहब !” एक जंगली ने भी चिल्लाकर ही कहा- “कि हमें क्या करना है ?”
उसी क्षण दूसरे जंगली ने ढोलक पर थाप भी दी ।
“मैं चाहता हूँ कि आज रात तुममें से कोई भी न सोये ।”
“क्यों ?”
“क्योंकि दुश्मन जंगल में यही कहीं आसपास मौजूद है । तुम सब लोगों ने मिलकर आज रात उस दुश्मन को पकड़ने में हमारी पूरी मदद करनी है । दुश्मन तुम लोगों को कहीं भी दिखाई दे, तो तुमने उसे बिना कोई मौका दिये मार डालना है । बोलो, क्या तुम यह काम करने के लिए तैयार हो ?”
“बिल्कुल तैयार हैं ।” कई सारे जंगली एक साथ चिल्लाकर बोले- “जंगल देवता की ख़ुशी के लिए हम कुछ भी करेंगे ।”
वह जोर-जोर से उछले और ढोलक पर रणभेदी अंदाज में पुनः थाप दी गयी ।
“मैं एक बात तुम्हे और बताना चाहता हूँ ।”
“क्या ?”
“दुश्मन जैसे ही तुम्हें जंगल में कहीं दिखाई दे, तो तुमने फौरन ही उसका मुकाबला करने के साथ-साथ एक काम और करना है । तुमने ढोलक पर जोर-जोर से थाप देकर हमें सूचित भी करना है कि दुश्मन तुम्हें मिल गया हैं, ताकि फौरन ही तमाम लोग तुम्हारी मदद के वास्ते उस जगह पहुँच सके ।”
“लेकिन उस एक दुश्मन से निपटने के लिए हम सब ही बहुत हैं ।” जंगली बोले ।
“नहीं । जो मैं कह रहा हूँ , सिर्फ वह सुनो । तुमने तुरंत ढोलक की ध्वनि द्वारा सूचना देनी है ।”
“ठीक है ।”
जिस तरह कभी अफ्रीका में ओझा सम्प्रदाय के लोग ध्वनियों द्वारा सूचनायें इधर से उधर पहुँचाते थे, उसी प्रकार उन जंगलियों को भी ध्वनि शास्त्र में महारथ हासिल थी ।
उन्होंने अलग-अलग ध्वनियों के अलग-अलग संकेत बनाये हुए थे, जिसके कारण वह ध्वनियों द्वारा अपनी बात बड़ी आसानी से एक-दूसरे तक पहुँचा देते थे । जबकि दुश्मन को पता भी नहीं चल पाता था, वह क्या कर रहे हैं ।
“अब तुम लोग जंगल में घुसकर फौरन ही अपने-अपने काम में जुट जाओ ।”
आदेश की देर थी, तुरंत वह सारे जंगली पहले की तरह ही जोर-जोर से रणहुंकार करते हुए और अपने भाले ले-लेकर जंगल में अंदर की तरफ दौड़ पड़े ।
थोड़ा आगे पहुँचते ही उनकी आवाजें आनी बंद हो गयीं ।
“मैं समझती हूँ ।” बार्बी बोली- “अब हमें भी समय नष्ट करने की बजाय उन लोगों के पीछे-पीछे ही आगे बढ़ना चाहिये ।”
“ठीक बात है ।” ली मारकोस बोला ।
उसके बाद ली मारकोस ने बड़ी सक्रियता का परिचय दिया ।
उसके साथ जितने भी गार्ड थे, उसने उन्हें दो अलग-अलग टुकड़ियों में बांट दिया ।
पहली टुकड़ी का लीडर खुद ली मारकोस बना ।
दूसरी टुकड़ी की लीडर, बार्बी ।
फिर वह दोनों टुकड़ियां अलग-अलग दिशाओं में जंगल में आगे की तरफ बढ़ी । ली मारकोस वाली टुकड़ी जहाँ जंगल में दो तरफ से आगे बढ़ी, वहीं बार्बी वाली टुकड़ी बायीं तरफ से ।
कुल मिलाकर वह उस जंगल को चारों तरफ से घेरते हुए आगे बढ़ रहे थे ।
Reply
05-16-2020, 01:19 PM,
#27
RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
जैक क्रेमर चिंतित था ।
परेशान !
कमाण्डर करण सक्सेना की उन खौफनाक जंगलों में घुसने वाली खबर ने उसकी नींद उड़ा दी थी । खासतौर पर जब से उसे हूपर के मरने की सूचना मिली थी, तब से तो वह कुछ ज्यादा ही डरा हुआ था । इस समय वो अपने आलीशान शयन कक्ष में आराम कुर्सी पर बैठा था और दुनिया की सबसे कीमती ‘थ्री डब्ल्यू पीटरसंस’ शराब का पैग बनाकर पी रहा था ।
उस एक शराब की बोतल की कीमत लगभग सत्तर हजार रूपये होती है ।
आहट सुनकर उसने दरवाजे की तरफ देखा ।
वहाँ हिटमैन खड़ा था ।
“आओ हिटमैन !”
हिटमैन धीरे-धीरे कदमों से चलता हुआ उसके करीब आया और फिर सामने पड़ी एक दूसरी कुर्सी पर बैठ गया ।
“क्या जंगल से कोई खबर आयी है ?”
“नहीं, अभी तक कोई सूचना नहीं है ।”
“हूँ ।”
जैक क्रेमर ने धीरे से हुंकार भरी तथा फिर हिटमैन के लिए ‘थ्री डब्ल्यू पीटरसंस’ का एक पैग तैयार करने लगा ।
“नहीं ।” हिटमैन ने उसे टोका- “मेरी इच्छा नहीं है ।”
“एक पैग ले लो ।”
हिटमैन खामोश रहा ।
इस बीच जैक क्रेमर ने उसके लिए एक पैग तैयार कर दिया था, जिसे फिर हिटमैन ने उठा लिया ।
“मैं आपसे एक बहुत खास विषय पर बात करने आया हूँ सर !” हिटमैन बोला ।
“किस विषय पर ?”
“आपको शायद मालूम नहीं है ।” हिटमैन ने शराब का एक घूंट भरा- “कि कल नारकाटिक्स (नशीले पदार्थ) की एक बहुत बड़ी खेप रंगून के लिए रवाना होने वाली है ।”
“फिर क्या प्रॉब्लम है ?”
“प्रॉब्लम कहीं कुछ नहीं है सर ! रंगून जो खेप जाने वाली है, वह खेप पूरी तरह तैयार है । इसके अलावा वो जंगली लोग भी तैयार हैं, जो हमारे नशीले पदार्थ अपने खच्चरों पर लादकर तथा जड़ी-बूटियों की आड़ में छिपाकर जंगल में बाहर ले जाते हैं और फिर बर्मा सरकार की आँखों में धूल झोंककर रंगून तक पहुँचाते हैं । बस प्रॉब्लम एक ही जगह है सर, और बहुत बड़ी प्रॉब्लम है ।”
“क्या ?”
“हमारी वो खेप जिस रास्ते से होकर रंगून जाने वाली है, वो जंगल का वही रास्ता है, जिस पर इस समय कमाण्डर करण सक्सेना मौजूद है ।”
“ओह !”
“सर !” हिटमैन थोड़ा आगे को झुक गया और उसने शराब के दो घूंट भरे- “अगर इत्तेफाक से वो खेप कमाण्डर करण सक्सेना की निगाह में आ गयी, तो वो हमारी उस पूरी नारकाटिक्स खेप को तबाह कर सकता है, जो हमारे लिए बड़ा नुकसान होगा ।”
“क्या वो खेप जंगल के किसी और रास्ते से होकर रंगून तक नहीं पहुँच सकती है ?” जैक क्रेमर ने अपना जाम खाली करके टेबिल के ऊपर रखा ।
“आप तो जानते ही हैं सर, दूसरे रास्ते की तरफ विशाल डरावनी नदी बहती है और वो नदी भी आगे जाकर अवरुद्ध हो गयी है, इसलिए उस तरफ से भी जाना मुमकिन नहीं है ।”
“हूँ ।”
जैक क्रेमर के माथे पर चिन्ता की गहरी लकीरें खिंच गयी ।
समस्या वाकई जटिल थी ।
“फिर तो बस एक ही तरीका है ।”
“क्या?”
“फिलहाल नारकाटिक्स खेप को रंगून भेजे जाने का प्रोग्राम पोसपोण्ड कर दो ।”
“लेकिन कब तक के लिए ?”
“जब तक कमाण्डर करण सक्सेना मार नहीं दिया जाता । जब तक दहशत का वो माहौल खत्म नहीं हो जाता, जो कमाण्डर के जंगल में आने की वजह से बना है ।”
“परंतु अगर इस मिशन के पूरा होने में ज्यादा लम्बा समय लग गया, तो फिर क्या होगा ?” हिटमैन ने भी अपना पैग खाली करके सामने टेबिल पर रखा- “जरा सोचिये, नारकाटिक्स का कारोबार ही हम तमाम यौद्धाओं की असली ताकत है । इसी कारोबार के बल पर हम दौलत इकटठी कर रहे हैं और एक दिन पूरे बर्मा पर कब्जा करने के अपने सपने को साकार रूप दे रहे हैं । अगर हमारा यही कारोबार बंद हो जायेगा, तो फिर हम क्या करेंगे ?”
“बेवकूफो की तरह बात मत करो हिटमैन !” जैक क्रेमर ने अपने सन जैसे सफेद बालों को झटका देकर कुर्सी के हत्थे पर घूंसा मारा और फिर खड़ा हो गया- “यह कोई ऐसी समस्या नहीं है, जो हमेशा रहने वाली है । हो सकता है, आज की रात ही कमाण्डर के जीवन की आखिरी रात हो ।”
“लेकिन... !”
“प्लीज हिटमैन, फिलहाल हमें अपना सारा ध्यान कमाण्डर की तरफ लगाना चाहिये । इस वक्त नारकाटिक्स खेप भेजे जाने की कोई बात मत करो ।”
“ओके सर ।”
हिटमैन भी अपनी कुर्सी छोड़कर खड़ा हो गया ।
“कोई और सूचना ?”
“नहीं सर ! इस वक्त मैं रेडियो रूम में जा रहा हूँ । देखता हूँ, शायद वहाँ कमाण्डर से संबंधित कोई खबर आयी हो ।”
“बेहतर है ।”
हिटमैन वहाँ से चला गया ।
Reply
05-16-2020, 01:21 PM,
#28
RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
कमाण्डर उस वक्त ‘कैमोफ्लाज किट’ से ढका हुआ इत्मीनान की गहरी नींद सो रहा था, जब एकाएक झटके से उसकी आँख खुल गयी ।
उसने सोते-सोते कुछ आवाज सुनी थी ।
कुछ आदमियों के जोर-जोर से चिल्लाने की आवाजें ।
रणहुंकार जैसी आवाजें ।
पेड़ के ऊपर लेटे-लेटे कमाण्डर ने जल्दी से ‘कैमोफ्लाज किट’ हटाई और उसे फोल्ड किया । फिर उसने नीचे की तरफ झांका ।
नीचे झांकते ही उसकी आँखें फटी की फटी रह गयीं ।
आश्चर्य से ।
कमाण्डर ने उस पेड़ के नीचे काफी सारे जंगली लोग देखे, जो अर्द्धनग्न थे और जिनके हाथ में बड़े नुकीले भाले थे । वह उन नुकीले भालों से जोर-जोर से कम्बल पर प्रहार कर रहे थे और मुंह से अजीब-अजीब आवाजें निकालते हुए उछल रहे थे ।
उन सबसे थोड़ी ही दूर खड़ा एक और जंगली अपनी ढोलक पर जोर-जोर से थाप दिये जा रहा था ।
चारों तरफ कोहराम मचा था ।
कमाण्डर करण सक्सेना समझ गया, उसे जितना सोना है, वह सो चुका है ।
अब उसे उन खतरनाक जंगलियों से मुकाबला करना था ।
कमाण्डर करण सक्सेना ने आनन-फानन ‘कैमोफ्लाज किट’ अपने हैवरसेक बैग के अंदर रखी । कम्बल खोलकर उसे भी बैग में रखा । फिर उसने वो बैग पहले की तरह ही अच्छी तरह अपनी पीठ पर कस लिया ।
उसके बाद उसने पुनः नीचे की तरफ देखा ।
जंगलियों का अभी भी वही हाल था ।
वह जोर-जोर से रणहुंकार भरते हुए कम्बल पर भाले बरसाये जा रहे थे ।
शुक्र था, अभी उन्हें इस बात का पता नहीं चला था कि वह कितने बड़े धोखे में हैं ।
कमाण्डर ने फौरन अपने हैवरसैक बैग में से दो थर्टी सिक्स एच ई हैंडग्रेनेड बम निकाल लिए और फिर दांतों से पिन खींचकर नीचे जंगलियो की तरफ फेंके ।
धड़ाम !
धड़ाम ! !
बम फटने के अत्यंत भीषण धमाके हुए ।
जो जंगली थोड़ी देर पहले तक खुशी से रणहुंकार भर रहे थे, एकाएक उनकी दहशतनाक चीखों से सारा जंगल थर्रा उठा ।
उनकी लाशों के चीथड़े उड़कर इधर-से-उधर उछलते नजर आये ।
बम काफी शक्तिशाली थे ।
कमाण्डर जिस पेड़ पर बैठा था, वह काफी ऊंचाई पर था, वरना बिना शक बमों के उन प्रचण्ड धमाकों से वह खुद भी हताहत होता ।
कमाण्डर ने दो हैंड ग्रेनेड बम और निकाले तथा पिन खींचकर उन्हें भी उन जंगलियों की तरफ उछाला ।
धड़ाम !
धड़ाम ! !
दो प्रचण्ड धमाके और हुए ।
तब तक कुछ जंगलियों की निगाह पेड़ पर बैठे कमाण्डर पर पड़ चुकी थी, उन्होंने तत्काल निशाना साधकर अपने-अपने भाले उस तरफ उछाले ।
सर्र-सर्र !
भाले इस प्रकार कमाण्डर की तरफ झपटे, जैसे आसमान को चीरकर कुछ मिसाइलें उसकी तरफ उड़ी चली आ रही हों । उन जंगलियों ने अपनी पूरी शक्ति के साथ वो भाले उसकी तरफ फेंके थे ।
कमाण्डर करण सक्सेना भी आखिर मार्शल आर्ट का योद्धा था ।
उसने सेकेंड के सौवे हिस्से में कोई दो फुट नीचे वाली पेड़ की एक दूसरी मजबूत डाल की तरफ छलांग लगा दी । तुरंत तमाम भाले सर्र-सर्र की आवाज करते हुए उसके ऊपर से गुजरे तथा पेड़ की मजबूत डालों को पैने ब्लेडों की तरह काटते और उनकी धज्जियां उड़ाते चले गये ।
उसी क्षण नीचे वह दो हैंड ग्रेनेड और फटे, जिन्हें कमाण्डर ने फैंका था ।
तत्काल बाकी बचे जंगलियों की चीखें भी वहाँ गूंज गयीं ।
अब सिर्फ चार जंगली जिंदा बचे थे ।
चार !
परंतु अपने चारों तरफ इतनी सारी लाशें देखकर उनके भी होश उड़ गये ।
फिर उनमें से किसी में इतना हौसला न हुआ, जो वो वहाँ रूकते और कमाण्डर का मुकाबला करते ।
मगर भागकर भी अब उन्होंने कहाँ जाना था ।
कमाण्डर ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए उस काफी ऊंचे पेड़ से नीचे छलांग लगा दी ।
वह धम्म से नीचे जाकर गिरा और स्प्रिंग लगे खिलौने की भांति उछलकर खड़ा हो गया ।
वह उसकी तरफ भाले तानते, उससे पहले ही कमाण्डर करण सक्सेना के हाथ में वहीं कम्बल के पास पड़ी ए0के0 सैंतालिस असाल्ट राइफल आ चुकी थी । अगले ही पल उसने उस असाल्ट राइफल का बस्ट फायर खोल दिया ।
धड़-धड़-धड़ करके गोलियां चलती चली गयीं और वह चारों जंगली भी दहाड़े मारते हुए नीचे गिरे ।
फिर वहाँ खामोशी छा गयीं ।
गहरी खामोशी !
Reply
05-16-2020, 01:21 PM,
#29
RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
आसपास अब लाशें ही लाशें पड़ी थीं ।
खून में लथपथ लाशें !
कमाण्डर ने राइफल वापस कंधे पर टांग ली ।
खतरा वो अभी भी अपने बिल्कुल सिर पर मंडराता अनुभव कर रहा था ।
वो जानता था, वहीं नजदीक में ही कहीं और भी दुश्मन मौजूद है । जिन्हें उन जंगलियों ने ढोलक पर थाप दे देकर उसकी वहाँ उपस्थिति के बारे में बता दिया है और जो अब उसके लिए किसी भी पल खतरनाक साबित हो सकते थे ।
उसने अपनी रिस्टवाच देखी ।
रात के दो बजे थे ।
दुश्मन को धोखा देने वाली फौजी ट्रेनिंग आज उसके काफी काम आयी थी ।
तभी एक घटना घटी ।
नई घटना ।
उसने हल्की ब्लिप-ब्लिप की आवाज सुनी ।
उस आवाज को सुनते ही कमाण्डर तेजी से फिरकनी की तरह आवाज की दिशा में घूम गया ।
कमाण्डर जानता था कि वह किसी ट्रांसमीटर सैट में से निकलने वाली आवाज थी ।
तुरंत ही उसकी निगाह एक जंगली के हाथ पर जाकर ठहर गयी । उसने अपनी बाई कलाई में एक रिस्टवॉच बांधी हुई थी, जो काफी कीमती रिस्टवॉच थी ।
कमाण्डर को एक जंगली के हाथ में इतनी कीमती रिस्टवॉच देखकर बड़ी हैरानी हुई ।
ब्लिप-ब्लिप की वह आवाज उसी रिस्टवॉच के अंदर से निकल रही थी ।
जरूर वो रिस्टवॉच ट्रांसमीटर सैट भी था ।
कमाण्डर ने उसका ट्रांसमीटर स्विच ऑन किया । फौरन ही उसके अंदर से आवाज निकलने लगी ।
“हैलो ! हैलो ! क्या रिपोर्ट हैं ?” वह बिल्कुल अंजान आवाज थी- “तुम कुछ बोल नहीं रहे हो एडगर, तुम खामोश क्यों हो ?”
“एडगर, रिपोर्ट दो ! तुम्हारे ट्रांसमीटर से ऐसी फ्रीक्वेंसीज निकलकर यहाँ हैडक्वार्टर तक क्यों पहुँच रही हैं, जैसे तुम्हारे आसपास बम फट रहे हों । गोलियां चल रही हों ।”
कमाण्डर ने ट्रांसमीशन स्विच वापस ऑफ कर दिया ।
अगर उसने उस युवक की एक बार भी आवाज सुनी होती, तो वह बिल्कुल उसी की आवाज में ट्रांसमीटर पर बात कर सकता था ।
फिर उसने उस जंगली के चेहरे की तरफ देखा, जिसके हाथ में वो रिस्टवॉच बंधी हुई थी ।
एडगर !
तो उस आदमी का नाम एडगर था ।
कमाण्डर को संदेह हुआ, उस आदमी ने जरूर अपने चेहरे पर मैकअप किया हुआ है । एडगर नाम का कोई आदमी बर्मा का जंगली युवक नहीं हो सकता था । कमाण्डर ने उसके चेहरे को टटोला, तो फौरन एक पतली सी झिल्ली उतरकर कमाण्डर के हाथ में आती चली गयी । जो फेस-मास्क था ।
नीचे से अब युवक का बिल्कुल सफेद मुखड़ा चमकने लगा ।
वह अंग्रेज था और कोई अमरीकन मालूम होता था ।
“ओह, तो यह चक्कर है ।” कमाण्डर होंठों ही होंठों में बुदबुदाया- “जैक क्रेमर ने बर्मा के जंगली आदिवासियों के बीच भी अपने आदमी घुसा रखे हैं, जो उन सीधे-सादे जंगलियों के बीच भी जासूसी का काम करते होंगे ।”
ट्रांसमीटर में से ब्लिप-ब्लिप की आवाज निरंतर निकल रही थीं ।
कमाण्डर करण सक्सेना ने उस अंग्रेज युवक की हार्ट-बीट चैक की ।
यह देखकर वो चौंका, उसकी हार्ट-बीट चालू थी ।
हालांकि हैंडग्रेनेड के धमाकों के कारण उसका आधे से ज्यादा शरीर क्षतिग्रस्त हो चुका था । कमाण्डर ने एडगर का गाल पकड़कर जोर-जोर से थपथपाया और फिर उसके सिर के बाल पकड़कर जोर से ऊपर की तरफ खींचें ।
“प...पानी !” एडगर धीरे से कुलबुलाया, उसकी बेहोशी टूटी- “प... पानी !”
कमाण्डर ने अपने बैग में से कैन निकाली और थोड़ा सा पानी उसके मुंह में डाला ।
“प... पानी !” वह फिर बुदबुदाया- “पानी ।”
कमाण्डर ने इस बार उसकी आवाज ज्यादा ध्यानपूर्वक सुनी ।
अब उसका काम बन गया था ।
तुरंत उसने कुंगफू लॉक का एक्शन दिखाया । उसने एडगर की गर्दन मे उंगली फंसाकर झटके से नीचे की तरफ खींच दी, उसकी गर्दन की रिब्स टूट गयी । रिब्स टूटते ही वह मर गया ।
ट्रांसमीटर में से ब्लिप-ब्लिप की आवाज अभी भी निकल रही थी ।
कमाण्डर ने पुनः ट्रांसमिशन स्विच ऑन किया, ट्रांसमीशन स्विच ऑन करते ही आवाज आने लगी ।
“एडगर, तुम बोल क्यों नहीं रहे हो ?” दूसरी तरफ से कोई लगातार चिल्ला रहा था ।
“यस सर !” कमाण्डर के मुंह से बिल्कुल उस अंग्रेज युवक जैसी आवाज निकली- “एडगर स्पीकिंग ।”
“तुम इतनी देर से खामोश क्यों हो एडगर ?” दूसरी तरफ से जैक क्रेमर बोल रहा था- “तुम ट्रांसमीटर पर बात क्यों नहीं कर रहे ? ऐसा क्यों लग रहा है, जैसे तुम्हारे आसपास धमाके हो रहे हों ।”
“यहाँ दुश्मन और हमारे बीच जबरदस्त युद्ध ही चल रहा था सर ।” कमाण्डर करण सक्सेना तत्पर लहजे में बोला- “इसीलिए मैं ट्रांसमीटर ऑन नहीं कर सका । लेकिन अब आपके लिए एक खुशखबरी है, हमने दुश्मन को मार डाला । हमारा मिशन सफल रहा ।”
“क्या कह रहे हो तुम !” जैक क्रेमर जोर से चौंका- “क्या सचमुच कमाण्डर करण सक्सेना मारा जा चुका है ?”
“यस सर, कमाण्डर मारा जा चुका है । उसकी लाश इस वक्त मेरी आँखों के सामने ही पड़ी है । हमने उसके शरीर को नुकीले भालों से गोद डाला है ।”
“मैं यकीन नहीं कर पा रहा हूँ ।”
“आप जब खुद यहाँ आकर उसकी लाश अपनी आँखों से देखेंगे सर ।” कमाण्डर करण सक्सेना बोला- “तब आपको यकीन भी आ जायेगा ।”
“तुम इस वक़्त कहाँ हो ?”
“मैं जंगल में उत्तरी छोर के कोई चालीस डिग्री ऐंगिल पर हूँ ।”
“ओके, मैं अभी भी मारकोस को तुम्हारे पास भेजता हूँ ।”
कमाण्डर ने ट्रांसमीशन स्विच ऑन कर दिया ।
एक महत्वपूर्ण काम वो कर चुका था ।
ली मारकोस ।
वह नाम सुनते ही कमाण्डर की आँखों के गिर्द उस समुराई फाइटर का चेहरा कौंध उठा, जो अपने फील्ड का ग्रेंड मास्टर था ।
यानि अब उसकी मुठभेड़ ली मारकोस से होने वाली थी ।
कमाण्डर करण सक्सेना ने गहरी सांस ली । फिर उसने दूसरा महत्वपूर्ण कार्य अंजाम दिया ।
तुरंत ही उसके हाथ में चमचमाते फल वाला अपना स्प्रिंग ब्लेड नजर आने लगा था । फिर उसके बाद वहाँ जितने भी जंगली लोगों की लाशें पड़ी थीं, उसने उन सब लाशों के ठीक दिल में स्प्रिंग ब्लेड पेवश्त करना शुरू कर दिया ।
अगर थोड़ी बहुत किसी में सांस बाकी भी थी, तो वह भी खत्म हो गयी ।
अब वह सब निश्चित रूप से मर चुके थे ।
फिर कमाण्डर ने उन सबके भाले भी तोड़ डाले और उसके बाद जंगल की अनाम, अंजान राहों पर आगे बढ़ना शुरू किया ।
जहाँ कदम-कदम पर उसके लिए मौत बिछी थी ।
Reply
05-16-2020, 01:22 PM,
#30
RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
ली मारकोस और बार्बी की हथियारबंद टुकड़ियां घनघोर जंगल में निरंतर आगे की तरफ बढ़ रही थीं ।
एक बात उन दोनों टुकड़ियों के बीच पहले ही तय हो चुकी थी कि जंगल में एक खास प्वाइंट पर पहुँचकर वह दोनों टुकड़ियां फिर एक जगह मिलेंगी और उसी प्वाइंट पर वहाँ तक घटी तमाम घटनाओं की सूचनाओं का उनके बीच आदान प्रदान होगा ।
दोनों टुकड़ियां जब बिल्कुल अलग-अलग दिशाओं से चलती हुई उस एक खास प्वाइंट पर पहुंची, तो आधी रात हो चुकी थी और अंधेरा अब उस पूरे जंगल में इस कदर फैल चुका था कि हाथ को हाथ सुझाई देना भी मुश्किल था ।
उस प्वाइंट पर पहुँचते ही बार्बी ने एक छोटा सा कैंडिल स्टैंड जलाया, जो पारदर्शी कांच के एक ग्लोब से ढका हुआ था ।
उसकी रोशनी वहाँ आसपास फैल गयी ।
“दुश्मन का कुछ पता चला ?” ली मारकोस ने बार्बी से सबसे पहला सवाल यही किया ।
“अभी तक तो कुछ मालूम नहीं हुआ, क्या तुम्हें पता चला ?”
“नहीं, मुझे भी कुछ पता नहीं चला है । जबकि हम लोग तीन किलोमीटर आगे जा चुके हैं ।” ली मारकोस बोला- “हम जिस प्रकार व्यूह रचना करते हुए यहाँ तक आये हैं, उससे तो यही साबित होता है कि दुश्मन तीन किलोमीटर के उस क्षेत्रफल में था ही नहीं, वरना वो हमारी नजरों से छिपा न रहता ।”
“जंगली लोग कहाँ है ?”
“वह शायद हमसे काफी आगे निकल गये हैं ।” ली मारकोस बोला- “उनकी आवाजें भी नहीं आ रही हैं ।”
“हूँ ।”
“अब क्या करना है ?”
बार्बी ने कैंडिल स्टैंड के नजदीक जाकर अपनी रिस्टवॉच देखी ।
बारह पैंतीस का टाइम था ।
“मैं समझती हूँ ।” बार्बी बोली- “फिलहाल रात काफी हो चुकी है । साढ़े बारह बज रहे हैं । अब हमें थोड़ी देर यहीं आराम करना चाहिये, जब कुछ घण्टे बाद थोड़ी रोशनी हो जायेगी, तब हम फिर आगे बढ़ेंगे । क्या विचार है ?”
“विचार बुरा नहीं ।” ली मारकोस बोला- “मैं भी यही सोच रहा था कि थोड़ी देर आराम किया जाये । दोस्तों !” ली मारकोस हथियारबंद गार्डों की तरफ घूमा- “रात गुजारने का यही इंतजाम करो । जीप से निकलकर कुछेक तम्बू गाड़ लो ।”
“ठीक है मारको साहब, अभी रात गुजारने का बंदोबस्त करते हैं ।”
तुरंत ही कई सारे गार्ड जीपों के अंदर रखे छोटे-छोटे तम्बू निकालने लगे तथा उन्हें वहीं जंगल में गाड़ने के कार्यकलाप में जुट गये ।
उन तम्बुओं की संख्या कोई दस थी, जो जंगल में एक ही जगह पर थोड़े-थोड़े फासले से गाड़ दिये गये थे ।
वह नीली और सफेद पट्टियों वाले तम्बू थे ।
जहाँ ज्यादातर गार्ड उन तम्बुओं में आराम करने के लिये चले गये थे, वहीं कुछेक गार्ड ऐसे भी थे, जो अपनी-अपनी राइफलें लेकर तम्बुओं के बाहर पहरे पर तैनात रहे । उन्हीं में से एक तम्बू के अंदर ली मारकोस और बार्बी लेटे हुए थे ।
दोनों ही एक बिस्तर पर थे ।
वह सफेद रंग की हल्की दरीनुमा बिछावन थी, जो तम्बू के अंदर कर दी गयी थी, वहीं उस तम्बू के एक कोने में कैण्डिल स्टैण्ड भी रखा हुआ था, जिसका बहुत धुंधला-धुंधला सा प्रकाश तम्बू के चारों तरफ बिखरा था ।
“क्या सोच रही हो ?” ली मारकोस खूबसूरत गुड़िया-सी बार्बी को अपनी बाहों के दायरे में समेटता हुआ बोला ।
“कुछ नहीं ।”
“फिर भी, कुछ तो ?” ली मारकोस ने अपने दहकते हुए होंठ बार्बी के होंठों पर रखे ।
फिर ली मारकोस का हाथ सरसराता हुआ बार्बी के पेट पर रेंगने लगा और उसने उसकी मिडी के बटन खोलने शुरू किये ।
“क्या कर रहे हो ?” बार्बी कुलबुलाई- “क्या जंगल में भी चैन नहीं है ?”
ली मारकोस मुस्कराया ।
उसकी मुस्कान उन्मुक्त थी ।
“डार्लिंग !” वह बोला- “जंगल में तो आदमी और भी ज्यादा शैतान बन जाता है । शुक्र करो, अभी मैं तुम्हारे साथ शैतानों की तरह पेश नहीं आ रहा हूँ ।”
बार्बी भी मुस्करायी ।
तब तक ली मारकोस ने उसकी मिडी के सारे बटन खोल दिये थे और फिर वह उसके चेहरे के बेतहाशा चुम्बन लेने लगा ।
बार्बी भी उसके सीने से थोड़ा सट गयी ।
अब उसे भी आनन्द आना शुरू हो गया था ।
“तुम देख लेना ।” ली मारकोस गरमजोशी के साथ बोला- “आज की रात करण सक्सेना के जीवन की आखिरी रात होगी । मेरी समुराई उसकी गर्दन धड़ से अलग कर डालेगी ।”
“क्या सचमुच ?” बार्बी हंसी ।
“बिल्कुल । तुम जानती ही हो बार्बी, एक बार अगर मेरा दुश्मन मेरी समुराई के सामने आ जाता है, तो फिर दुनिया की बड़ी-से-बड़ी ताकत भी उसे नहीं बचा पाती ।”
“लेकिन मत भूलो मारकोस, वह कमाण्डर करण सक्सेना है । एक अन्तराष्ट्रीय जासूस !”
“वह चाहे कोई भी है ।” ली मारकोस फुंफकारा- “मेरी समुराई जब सांय-सांय करती हुई चलेगी, तो वह उसकी शर्म करने वाली नहीं है ।”
ली मारकोस के होंठ अब बार्बी की गर्दन पर सरसरा रहे थे ।
एक हाथ बार्बी की पीठ पर रेंग रहा था ।
फिर उसने दो उंगलियों की मदद से उसकी स्कर्ट की जिप खोल डाली और फिर ली मारकोस का हाथ बार्बी की नग्न पीठ पर सरसराने लगा ।
बार्बी नीचे चुस्त पेण्ट पहने थी, जिसमें उसके भरे-भरे सुडौल नितम्ब बड़े जानलेवा अंदाज में मुखर हो रहे थे ।
पीछे से स्कर्ट की जिप खुल जाने के कारण अब बार्बी का कमर तक का सारा भाग नग्न हो गया ।
ली मारकोस की आँखों में वासना के डोरे खिंच गये ।
तभी उसने बार्बी की स्कर्ट पकड़कर खींच दी । फौरन उसके गुलाबी रंग के बेहद उन्नत उरोज चमक उठे, जिनमें रक्तिम आभा दौड़ रही थी ।
ली मारकोस ने अब बार्बी को बिल्कुल सीधा चित करके लिटा दिया और उसके वक्षस्थलों पर अपना सिर रख दिया ।
बार्बी के मुंह से तेज मादक सिसकारी छूटी ।
उसने उत्तेजनावश ली मारकोस के बाल अपनी मुट्ठी में जकड़ लिये ।
बार्बी बहुत खेली खाई युवती थी ।
उसका आधे से ज्यादा जीवन जापान की सायोनारा नामक बंदरगाह के करीब गुजरा था, जो आज भी जापान का सबसे बड़ा वेश्यावृत्ति का अड्डा समझा जाता है ।
कभी जापान में इतनी वेश्यावृत्ति नहीं थी । बल्कि गरम गोश्त के इस कारोबार को कभी जापानी लोग बहुत घृणा की नज़र से देखते थे । मगर इतिहास बदलता है । द्वितीय विश्व युद्व के दौरान जब जापान में जनरल मेकारथो का शासन था, तो अमरीकी सैनिकों ने सायोनारा नामक बंदरगाह में घुसकर वेश्यावृत्ति को जन्म दिया । उन्होंने सुन्दर-सुन्दर जापानी लड़कियों के साथ सामूहिक बलात्कार किये और फिर उन्हें छोड़ दिया, उस शहर की अंधेरी तथा गुमनाम गलियों में भटकने के लिये ।
बार्बी भी एक वेश्या मां की संतान थी ।
परन्तु बचपन से ही बार्बी ने दृढ़ सकंल्प कर लिया था कि वह खुद वेश्या नहीं बनेगी । टोक्यो की गलियों में घूमते हुए तथा औरत के भूखे सड़कछाप भेड़ियों का मुकाबला करते हुए उसने जूडो के अंदर बारहवां दन, ताइक्वाण्डो में आठवां दन प्राप्त कर लिया । बहरहाल आज पूरी दुनिया में उससे खतरनाक मार्शल आर्ट का योद्वा नहीं था ।
शीघ्र ही वह दोनों कमर से उपर तक नग्न हो चुके थे ।
बार्बी अब काफी उत्तेजित थी ।
उसने एकाएक झपटकर ली मारकोस को नीचे गिराया तथा फिर अपने उन्नत उरोज उसके सीने से बुरी तरह चिपका दिये ।
ली मारकोस के हाथ अब बार्बी के नितम्बों पर जा पहुंचे । शीघ्र ही उसकी उंगलियां बार्बी की पेण्ट को खोल रही थीं ।
“कभी-कभी एक विचार मेरे दिमाग में आने लगता है मारकोस ।”
बार्बी उसके ऊपर भरपूर प्यार लुटते हुए बोली ।
“क्या?”
“हमने बर्मा के इन जंगलों में आकर अपने जीवन की सबसे बड़ी गलती की है । जैक क्रेमर का यहाँ आने का प्रपोज़ल हमें कबूल नहीं करना चाहिये था । जरा सोचो मारकोस, जापान में ही हमारे पास क्या कमी थी । सब कुछ था । अच्छा-खासा खुशहाल जीवन था ।”
“नहीं ।” ली मारकोस दृढ़ लहजे में बोला- “हमनें यहाँ आकर कोई गलती नहीं की है बार्बी ।”
“लेकिन... ।”
“जरा सोचो !” ली मारकोस बोला- “अगर बर्मा पर कब्जा करने वाला हमारा यह मिशन कामयाब हो गया, तो वह हमारे जीवन की कितनी बड़ी उपलब्धि होगी । अभी तक तमाम धन-सम्पदा पाने के बावजूद भी हमारी क्या हैसियत है । हम सिर्फ कानून से बचकर भागते फिरने वाले अपराधी हैं, जिन्हें पुलिस पकड़कर कभी भी सलाखों के पीछे धकेल सकती है । जबकि इस मिशन में कामयाब होते ही हम तमाम योद्धाओं की हैसियत बादशाहों जैसी होगी । बर्मा की तमाम बहुमूल्य धातुओं से भरी खदानों पर हमारा कब्जा होगा । दुनिया के बड़े-बड़े राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री हमारे मित्र होंगे । यूं तो यह सारी बातें सपने जैसी लगती हैं बार्बी ! लेकिन मैं जानता हूँ कि एक दिन हम योद्धाओं का यह सपना जरूर पूरा होगा । जरूर पूरा होगा ।”
ली मारकोस, बार्बी के साथ कुछ और चिपक गया ।
इस बीच वह उसकी पेंटी खोलने में कामयाब हो गया था । फिर वो धीरे-धीरे उस चुस्त पेंटी को नीचे की तरफ खींचने लगा ।
“तुम कुछ भी कहो मारकोस !” बार्बी के मुंह से पुनः मादक सिसकारी छूटी-“मुझे शक है कि हमारा यह मिशन सफल हो पायेगा ।”
“कोई शक करने की जरूरत नहीं है । हम जरूर कामयाब होंगे ।”
ली मारकोस ने झटके के साथ उसकी पेंटी नीचे खींच दी ।
अब वह निर्वस्त्र थी ।
फिर वह दोनों बेतहाशा एक दूसरे के चुम्बन लेने लगे ।
ली मारकोस उसे अपनी बाहों में भरे-भरे घूमा, तो बार्बी फिर उसके नीचे आ गयी ।
ली मारकोस ने उसके दोनों कंधे कसकर पकड़ लिये ।
उनके शरीर में आग धधक रही थी ।
धधकती जा रही थी ।
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,450,391 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 538,669 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,211,676 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 916,048 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,623,827 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,056,313 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,910,366 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,922,134 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,979,489 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,148 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)