non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
06-11-2020, 04:45 PM,
#51
RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
पूनम अब अपने वश में नहीं थी। बोली “इतनी लड़कियों और औरतों की चूत चोदे हो तो कोई प्रेग्नेंट नहीं हुई या कोई बीमारी नहीं हुई.”

गुड्डू बोला “आहः, कुछ नहीं होता जान, बस मज़ा आता है. मस्ती होती है.” पूनम बोली “लेकिन अन्दर चुत में वीर्य गिराओगे तो प्रेग्नेंट तो होगी न.”

गुडू बोला “हमेशा प्रेग्नेंट नहीं होती. उसका टाइम होता है. और उसका उपाय भी होता है. तुम घबराओ मत, जब तुम्हे चोदूँगा तो तुम प्रेग्नेंट नहीं होगी.” पूनम कुछ नहीं बोली. गुड्डू बोला "वीर्य तुम्हारी चुत में नहीं डालूँगा, तुम्हारे मुँह में डालूँगा। तुम उसे पियोगी न।" पूनम कुछ नहीं बोली। क्या बोलती। उसका मन हाँ बोलने का था, लेकिन दिमाग ना में उलझा हुआ था। गुड्डू बोला "चोदने के बाद लण्ड में जो तुम्हारे चुत का रस लगा होगा, उसे चुसोगी तो बहुत मज़ा आएगा। और उसके बाद लण्ड से जो गरमा गरम ताज़ा ताज़ा वीर्य पियोगी, तो मज़ा आ जायेगा। देखि थी न वो लड़कियों वीर्य पी कर कितनी खुश होती हैं।"

पूनम की चूत से काम रस टपकने लगा. उसकी साँसे तेज़ हो गयी थी. वो फ़ोन को मुँह से थोड़ी दूर कर ली और अपनी साँसों को नियंत्रित करने लगी.

थोड़ी देर की ख़ामोशी के बाद गुड्डू बोला “तुम बताई नहीं की चुत पे झांटे है या चिकनी हैं?” पूनम सीधी ही जवाब दी. आधा बोलने या नखरे करने से क्या फायदा था। “अभी बढ़ गया है.” गुड्डू बोला “तो कल चिकनी कर के आ जा न मेरे पास, मस्ती कराता हूँ तुझे.”

पूनम की चुत से काम रस निकल चुका था। अब वो अपने होश में थी। उसका दिमाग काम कर रहा था। बोली “मैं नहीं करवाउंगी. तुम समझ क्यू नहीं रहे इस बात को.” फिर से उसे लगा की गुड्डू पूरा लाइन बोलने बोलेगा. गुड्डू बस ऐसे “हूँ.....”किया की वो पूनम के आधे बोलने पे गुसा रहा हो. “पूनम बोली “देखो, तुम समझो, मैं ऐसी लड़की नहीं हूँ. अमित के साथ करवाई तो वो ...” गुड्डू पूनम की बात को बीच में ही काटता हुआ बोला “पूरा तो बोल डार्लिंग, मज़ा आता है.” पूनम अपनी बात को आगे बढाई “अमित के साथ चुदवाई, ये अलग बात है. मुझे लगा की वो मेरे से प्यार करता है और शादी मेरे से ही करेगा. मुझे नहीं पता था की वो ऐसा हरामी कमीना निकलेगा और मुझे ऐसे धोखा देगा. लेकिन अब किसी और के साथ मैं ये सब नहीं करवाने वाली. अब जो होगा, शादी के बाद पति के साथ होगा, बस.”

गुड्डू हँसता हुआ बोला "चुत से पानी निकल गया?" पूनम शर्मा गयी लेकिन तुरंत अपनी लौ में लौट आयी। वो पूरी गंभीरता से और कॉंफिडेंट होकर बोली "ऐसी बात नहीं है। जो हुआ मैं ये मान ली की ये गलती हो गयी। लेकिन अब कुछ नहीं। बस।" गुड्डू पूनम की आवाज़ के कॉन्फिडेंस को समझ गया. बोला “ठीक है, मत चुदवाना किसी से. लेकिन ये फैसला फाइनल करने से पहले बस एक बार मेरे से चुदवा ले. बस मेरे से, विक्की से भी नहीं. फिर किसी के साथ कुछ मत करना. मैं बस एक ही बार चुदवाने के लिए कह रहा हूँ.” पूनम उसी कॉन्फिडेंस के साथ “नहीं” बोल दी. पूनम आगे बोली “ये सब मैं तुम्हारे साथ बोल दी या अमित के साथ करवाई... मेरा मतलब है चुदवाई तो उस सबका रीज़न तुम्हारा दिया हुआ पिक्स और स्टोरी है, जिसने मेरा दिमाग ख़राब कर दिया था. मैं बहुत शरीफ और अच्छी लड़की हूँ यार.”

गुड्डू बोला “प्लीज़ जान, बस एक बार.” पूनम चिढने के अंदाज़ में बोली “देखो ऐसे परेशान मत करो. नहीं तो मैं कुछ कर लुंगी. मैं वैसे ही अमित की वजह से बहुत परेशान हूँ.” गुड्डू बोला “ठीक है, मत चुदवा. मैं जबरदस्ती नहीं करता. लेकिन मस्ती करती रह. कल वही पिक्स और स्टोरी ले लेना. जब चुदवाने का मन करे, तब चुदवाना, नहीं मन करे तो मत चुदवाना.” पूनम कुछ नहीं बोली. उसे बहुत हल्का लग रहा था. वो लड़का उसकी बात मान रहा था. गुड्डू बोला “बस जैसा अभी है, वैसा ही रहने देना. मतलब मेरे से पिक्स और स्टोरी लेते रहना और फ़ोन पे बात करती रहना.” पूनम कुछ नहीं बोली.

गुड्डू बोला “अमित जैसे लड़के का अफ़सोस मत मनाओ. वो बहुत मादरचोद टाइप का लड़का था. पूनम एक गहरी सांस लेती हूँ “हुम” बोली जैसे उसे बहुत अफ़सोस था. उसे अमित और उसके दोस्तों के बीच हुई बातचीत याद आ गयी. वो बोली “अमित बहुत ही गिरा हुआ इंसान है.” गुड्डू बोला “पता है जान, उस टाइप के सारे मादरचोद ऐसे ही होते हैं. इसलिए मैं प्यार मुहब्बत के चक्कर में नहीं पड़ता.”

पूनम बोली “उसे मेरे से दूर होना था, इसका अफ़सोस नहीं है. तुम्हारे डर की वजह से हुआ की जिस वजह से हुआ, उससे मतलब नहीं. लेकिन जब मुझे छोड़ दिया तो फिर मेरी इज्ज़त क्यू उछाल रहा है.” गुड्डू आश्चर्य से पूछा मतलब?” पहले तो पूनम उसे कुछ नहीं बताई, लेकिन जब गुड्डू ने जिद किया तो पूनम फ़ोन वाली पूरी घटना उसे बता दी. पूनम की आँखों में आँसू छलक आये।
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06-11-2020, 04:45 PM,
#52
RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
गुड्डू गुस्से से बोला “इसलिए ऐसे हरामियों से गुस्सा आता है. मैं भी बहुत सी लड़कियों को चोदता हूँ, लेकिन किसी की इज्ज़त नहीं उछलता. कल बताता हूँ साले को.” पूनम बोली “नहीं, कुछ करने की जरूरत नहीं है. जब सुनी थी तो बहुत गुस्सा था मेरे मन में की उसका खून कर दूँ, लेकिन अब सोंचती हूँ की वो गिरा हुआ है तो मैं भी गिर जाऊँ क्या?” गुड्डू बोला “लेकिन उसे समझाना तो होगा न. नहीं तो वो और कितने जगह बोलेगा और कितना बढ़ा चढ़ा कर बोलेगा पता नहीं.” पूनम कुछ नहीं बोली. गुड्डू आगे बोला “मादरचोद, एक लड़की को प्यार के नाम पे चोद कर ऐसे प्यार को बदनाम करते हैं. उन सालों को तो सच में मार देना चाहिए.”

पूनम कुछ नहीं बोली. वो बहुत उदास हो गयी थी. वो “ठीक है, रखो फ़ोन. गुड नाईट” बोलकर कॉल कट कर दी. उसका मन रोने का हो रहा था. लेकिन गुड्डू की बात सही थी की उसका अफ़सोस नहीं करना चाहिए. पूनम अपने आँसू पोछी और कुछ देर तो सोंचती ही रही और फिर नंगी ही सो गयी.
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06-11-2020, 04:45 PM,
#53
RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
आज भी पूनम के मोबाइल पे कई सारे मैसेज आए थे. ये मैसेज भी पूनम की पैंटी में हलचल कर देते थे. शाम में जब वो घर आ रही थी तो उसके गली के कार्नर पे गुड्डू खड़ा था. पूनम अंदर ही अंदर खुश हो गयी। गुड्डू पूनम को देख रहा था और पूनम से जब उसकी नज़र मिली तो फिर से न चाहते हुए भी पूनम मुस्कुरा दी. उसे डर था की लोग देखेंगे तो क्या सोचेंगे. लेकिन आसपास ज्यादा लोग थे नहीं. पूनम गली के अन्दर मुड़ी तो गुड्डू उसके साथ चलने लगा और पूनम के हाथ में एन्वेलोप देते हुए बोला “तुम्हारा काम हो गया.” पहले तो पूनम को कुछ समझ में नहीं आया की गुड्डू क्या बोल रहा है और वो एन्वेलोप लेने में हिचक भी रही थी की , उसे लग रहा था कि लोग देखेंगे तो क्या सोचेंगे, लेकिन उसके हाथ खुद ब खुद आगे बढ़ गैर और वो एन्वेलोप ले ली. वो सोंची की रोड पे अब क्या मना करना. मैं मना करुँगी, फिर वो कुछ बोलेगा, फिर कोई देखेगा या सुनेगा तो उससे अच्छा है की चुपचाप रख लेती हूँ, फ़ोन पे बता दूंगी. गुड्डू ने एन्वेलोप पकड़ाया और बिना कुछ बोले सीधे वापस चला गया. पूनम एन्वेलोप को बैग में रख ली और गेट का ताला खोल कर अन्दर आ गयी.

अन्दर घर को अच्छे से लॉक करने के बाद वो सबसे पहले एन्वेलोप खोलने लगी. उसे पता था कि अंदर क्या होगा और उसकी चुत गीली हो चुकी थी। वो एन्वेलोप खोलती हुई गुड्डू को कॉल लगायी और पूछी की वो क्या बोल रहा था.

गुड्डू ने फ़ोन रिसीव किया और पूनम के पूछते ही बताया की “अमित को धो दिए फिर से.” पूनम शौक्ड हो गयी. वो आश्चर्य से पूछी “मतलब?” गुड्डू हँसता हुआ बोला “अब से वो तुम्हारे बारे में कहीं भी और किसी से भी बात नहीं करेगा. हरामी साला प्यार का मजाक उडाता है.”

पूनम अन्दर ही अन्दर खुश भी थी और उदास भी. पूछी “तुम लोगों ने उसे बहुत मारा क्या?” गुड्डू बोला “वैसे लौंडो को बहुत मारने की जरूरत ही नहीं पड़ती. एक हाथ लगते ही कदमो में गिर कर माफ़ी मांगने लगते हैं. फिर भी 4-5 थप्पड़ तो लगाया ही. उससे कम में अपना मन नहीं भरता.” पूनम को अच्छा लग रहा था की अमित को उसके किये की सजा मिल गयी. गुड्डू आगे बोला “उसके दो दोस्त भी थे साथ में, उनको भी दो दो थप्पड़ मारे. मादरचोद के साथ रहेंगे तो भुगतना तो पड़ेगा ही न.” पूनम अभी भी कुछ नहीं बोली.

गुड्डू पूनम को चिढ़ाता हुआ बोला “क्या हुआ जान? तुम्हे बुरा लगा क्या?” पूनम को थोडा बुरा लगा तो था. बोली “पीटने की क्या जरूरत थी. बस डांट कर समझा देते. जैसे पिछली बार किये थे. वो तो उसी में समझ जाता.” गुड्डू बोला “पीटने में मज़ा आता है बेबी. तुम उसकी टेंसन मत लो. बस अब नंगी हो जाओ और जो भेजा हूँ उसके मज़े लो.” बोलता हुआ गुड्डू ने कॉल कट कर दिया.

पूनम अभी तक एन्वेलोप खोल चुकी थी और उसकी नज़र जहाँ रुकी हुई थी वो एक कलरफुल मैग्जिन का पेज था और पुरे पेज में एक लड़की पूरी नंगी होकर दोनों हाथ ऊपर उठाये अदा के साथ खड़ी थी. लड़की बहुत खुबसूरत थी और उसका गोरा नंगा बदन पूरी तरह से चमक रहा था. गुड्डू और विक्की को भले लगा हो की वो हसीना पुनम की तरह दिखती है, लेकिन पूनम को ऐसा बिलकुल नहीं लगा.

पूनम गुड्डू को वो बात तो बोल ही नहीं पाई थी जिसके लिए कॉल लगायी थी। वो फिर से गुड्डू को कॉल लगाने लगी और दूसरी बाँकी पिक्स देखने लगी. अगली पिक में वही लड़की नंगी खड़ी थी और उसके पीछे अभी एक बिल्कुल काला लड़का खड़ा था जिसका एक हाथ लड़की की चुचियों को ढके था और दूसरा हाथ उसकी चूत को. लड़की मुस्कुराती हुई कैमरे की तरफ देख रही थी. इतने में गुड्डू ने कॉल रिसीव कर लिया था और बोला “बोलो जान, क्या हुआ.”
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06-11-2020, 04:46 PM,
#54
RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
पूनम का ध्यान पिक्स की तरफ था. पिक्स बहुत ही साफ़ और अछे क्वालिटी का था और पूनम गौर से अगली पिक को देख रही थी जिसमे लड़की लड़के के लंड को हाथ में पकड़े खड़ी थी और लड़का उसकी एक चुच्ची को हल्के से पकड़े हुए था. लड़के का लण्ड पूरा लम्बा, काला और मोटा था और ऐसा लण्ड देखकर पूनम की चुत में खुजली होने लगी। जब गुड्डू फिर से बोला “पिक्स देख कर चुदवाने का मूड बन गया क्या जान? आ जाऊँ क्या अपने लण्ड को तुम्हारी चुत की सैर करवाने.” तब पूनम को ध्यान आया. बोली “तुम मुझे अब से ये सब मत दिया करो.” हालाँकि अब उसे लग रहा था की बेकार में अभी गुड्डू को कॉल कर दी, रात में उसे बोल देती. उसका मन सारे पिक्स को देखने और कहानी पढने था, लेकिन अब तो कॉल लग चूका था. पिक्स ने पूनम के बदन पे असर दिखाना शुरू कर दिया था.

गुड्डू बोला “क्यूँ? क्या हुआ? पसंद नहीं आई क्या?” पूनम का ध्यान पिक्स पे था और उस लड़के का लण्ड ऐसा था कि पूनम उसे गौर से देखे जा रही थी. बोली “नहीं.” गुड्डू मुस्कुराता हुआ सा बोला “ऐसा तो हो ही नहीं सकता जान की तुम्हे पसंद नहीं आये. ये पिक्स तो तुम्हारी चूत में आग लगा देंगे. तुम देखी की नहीं.” पूनम झूठ बोल दी की “नहीं, एन्वेलोप वैसे ही रखा हुआ है.” जबकि वो और भी कई सारी पिक्स देख चुकी थी और उसकी चूत ने रिसना शुरू कर दिया था. गुड्डू बोला “तो कैसे बोल दी की पसंद नहीं आया.”

पूनम अब पॉइंट पे आई. बोली “कहीं किसी ने देख लिया मुझे तुमसे एन्वेलोप लेते हुए तो.” पूनम अपनी लेग्गिंग्स उतारने लगी और फिर साथ में ही पैंटी भी उतार दी. अब वो नीचे से नंगी थी और अब आराम से अपनी टांगों को फैला कर पिक्स देख रही थी. अभी जो पिक्स पूनम के सामने था उसमे वो लड़की अपनी दोनों टांगों को फैलाये हुए सीधा लेटी हुई थी और लड़का का लंड उसकी चूत के छेद पे टिका हुआ था. ऐसा लग रहा था की जैसे अब बस एक धक्का लगेगा और वो मोटा काला लंड उस गोरी लड़की की चूत को फाड़ता हुआ अन्दर तक पहुँच जायेगा. लड़की पुरे मज़े में उस लण्ड को अपनी चुत में उतारने के लिए रेडी थी। पूनम अपनी चूत को सहला रही थी.

गुड्डू बोला “तो, क्या हो जायेगा.” पूनम का ध्यान लण्ड पे टिका हुआ था और अपनी चूत सहलाने पे था. बोली “मैं बदनाम हो जाउंगी. लोग सोचेंगे की तुम मुझे लव लैटर देते हो और हमारे बीच में कुछ है.” गुड्डू हंसने लगा. बोला “मेरे बारे में सबको पता है की मैं किसी को लव लैटर नहीं देता. जो भी देखेगा वो वही सोचेगा जो तुम्हे दिया हूँ. चुदाई की चीज़, मस्ती की चीज़.” पूनम शर्मा गयी. गुड्डू की बात तो सही है. लोग यही सोचेंगे की गुड्डू ने मुझे भी फंसा लिया है.

बोली “तो ये तो और बुरा है न, लोग तो यही सोचेंगे न की तुमने मुझे भी किया है.” बोलते ही पूनम को लग गया की अब गुड्डू उस से पूछेगा की क्या किया है. और तुरंत ही गुड्डू बोल भी पड़ा “क्या किया है?” पूनम भला अब क्या विरोध करती. वो कई बार बोल चुकी थी, अभी नीचे से नंगी थी और हाथ में चुदाई की पिक्स और कहानिया लिए थी. वो शर्माती हुई बोली “तुम्हे तो हमेशा बस यही रहता है।" गुड्डू बोला "तो तू बोलती क्यू नहीं ठीक से।" पूनम बहस करने के मूड में नहीं थी। उसका मूड अभी मस्त बन रहा था। बोली "चोदा है.” पूनम के हाथ की बीच वाली ऊँगली अभी चूत के अन्दर थी. वो कल और पर्सों कई बार इस शब्द का इस्तेमाल कर चुकी थी, लेकिन अभी फिर से उसे अपनी चुत में अचानक से करंट दौड़ता हुआ महसूस हुआ।

गुड्डू फिर से बोला “फिर पूरा नहीं बोली। किसे चोदा है, क्या चोदा है? ठीक से तो बोल जान।” पूनम अब शर्मा भी रही थी और बोलना भी चाहती थी. गुड्डू की बातें उसके चुत के गीलेपन को बढ़ा रही थी। बोली “लोग तो यही सोचेंगे न की तुमने मुझे भी ....... च् .... च.... हट.... मैं नहीं बोलूंगी." कल तक पूनम किसी और के बारे में बोल रही थी, लेकिन अभी अपने बारे में बोलना मुश्किल हो रहा था उसके लिए। गुड्डू बोला "आहः जान, तू तो रोड पे ही लण्ड टाइट करवा दी। बोल न बोल न ... अच्छे से, प्लीज़." पूनम को कुछ ज्यादा ही शर्म आ रही थी। वो पूरी तरह शर्माती हुई इठलाती हुई बोली "कुछ नहीं, तुम रखो फ़ोन और अब से मुझे ये सब कुछ मत देना." गुड्डू बोला "ठीक है, रख देता हूँ. बस एक बार बोल दे न जो अभी बोल रही थी."
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06-11-2020, 04:46 PM,
#55
RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
पूनम को बहुत मज़ा आ रहा था। बोली अरे.... लोग देखेंगे तो यही सोचेंगे न की तुमने मुझे भी चो.... चोदा है.” गुड्डू खुश होता हुआ बोला “आह, ये हुई न बात। काश लोगों की बात जल्दी से सच हो जाये।" फिर पो पूनम को चिढ़ाता हुआ बोला "तो तुम सब को बोल देना की तुम मेरे से नहीं चुदवाई हो.” पूनम चिढ़ती हुई बोली “ठीक, सबको यही बोलती चलूँगी कल से.”

गुड्डू हँसने लगा। बोला "ये तो बहुत मजेदार रहेगा।" पूनम कुछ नहीं बोली। गुड्डू बोला “ठीक है, छुपा कर दूँगा सबसे। कौन सी पिक देख रही अभी.” पूनम कुछ नहीं बोली. गुड्डू बोला "वो वाली पिक देखी?" पूनम तुरंत पूछी "कौन सी?"

गुड्डू मुस्कुरा उठा। उसने पूनम की स्थिति का अंदाज़ा लगा लिया। बोला "तू अभी कौन सी देख रही है?" पूनम जिस पिक को अभी देख रही थी उसमें वो गोरी लड़की नीचे बैठी हुई थी और दो काले लण्ड उसके सामने थे। एक लण्ड को वो हाथ से पकड़े हुए थी और दूसरे लण्ड को मुँह में भरी हुई थी। लड़की अपना पूरा मुँह फैलाकर उस लण्ड को मुँह में ली हुई थी। पूनम कुछ नहीं बोली। गुड्डू फिर से बोला "बोल न, कौन सी फोटो देख रही अभी।"

अब भला पूनम क्या जवाब देती। बोली "तुम रखो फ़ोन। और मुझे अब न फ़ोन करना और न ही कोई एन्वेलोप या कुछ और देना।" पूनम बस बोल रही थी। वो चाहती नहीं थी की गुड्डू फ़ोन कट करे। उसे गुड्डू से बात करने में बहुत अच्छा लग रहा था। वो नीचे से नंगी थी और अपनी चुत सहला रही थी। गुड्डू भी फ़ोन कैसे रख देता। बहुत सारी चुत को सच में चोदने के बाद भी उसे पूनम को बातों से चोदने में मज़ा आ रहा था। और जितनी जल्दी पूनम जितना ज्यादा खुलती, उतनी ही जल्दी उसके चुत के दरवाजे भी गुड्डू के लण्ड के लिए खुलते।

गुड्डू आगे बोला "वो वाली पिक देखी जिसमे लड़की की चुत और गांड दोनों में लण्ड भरे हुए हैं?" पूनम बोली "नहीं।" गुड्डू उत्साहित होता हुआ बोला "तो कौन सी देख रही अभी?" पूनम पहले तो सोची की कुछ न बोले, लेकिन फिर बोली "लड़की नीचे बैठी है और एक का हाथ में है और एक का मुँह में ली हुई है।"

गुड्डू को वो पिक याद आ गया। बोला "क्या ली हुई है मुँह में?" पूनम अब मज़ा लेना चाहती थी। वो सब कुछ ले कर अपने रूम में आ गयी और अपने बेड पे आराम से बैठ गयी। बोली "वही, जो है तुमलोगों के पास." गुड्डू को बहुत मज़ा आ रहा था। बोला "उसका कुछ नाम भी है." पूनम बोली "मुझे उसका नाम क्या पता." पूनम साफ़ झूठ बोल गयी। गुड्डू उसे इतनी कहानियाँ पढ़ा चूका था कि अब पूनम सब जानती थी।

गुड्डू बोला "लण्ड. बोल लण्ड मुँह में ली हुई है." पूनम को बहुत मज़ा आया। गुड्डू उसे नर्सरी के स्टूडेंट की तरह पढ़ा रहा था। पूनम बोलने का मन बनाने लगी, लेकिन बोल नहीं पायी। बोली "वही। तुम समझ गए न।" लेकिन गुड्डू भला इतने में कहाँ समझने वाला था। बोला "बोल न। बोल लण्ड मुँह में ली हुई है।" पूनम अच्छे बच्चे की तरह रीपीट कर दी "लण्ड मुँह में ली हुई है।" बोलते ही फिर से पूनम की चुत में करंट दौड़ा। न चाहते हुए भी अचानक से उसके मुँह से "आह" निकल पड़ा।

गुड्डू समझ गया कि उसकी माल पूरी गरम हो गयी है। बोला "हाथ में क्या है?" पूनम की आवाज़ बदल गयी थी। सेक्स उसके सर पे चढ़ गया था। बोली "लण्ड." गुड्डू आगे बोला "बोलो लण्ड पकडे हुए है और दूसरे का लण्ड चूस रही है." पूनम उसी आवाज़ में उसी हालत में बोली "एक लण्ड हाथ में पकड़े हुए है और एक लण्ड मुँह में चूस रही है।"

गुड्डू अच्छे से पढ़ा रहा था और पूनम अच्छे से पढ़ रही थी। बोला "आहः मेरी जान, इसी तरह तू भी मेरा लण्ड अपने मुँह में पूरा भरकर चूसना और विक्की का लण्ड हाथ में पकड़कर हिलाना।" पूनम कुछ नहीं बोली, लेकिन अभी उसे कोई ऐतराज नहीं था। गुड्डू बोला "अब वो पिक देखो जिसमे लड़की की चुत और गांड दोनों में लण्ड भरे हुए हैं."

पूनम पेज पलट कर वो पिक देखने लगी जिसमे एक लड़का सीधा लेटा हुआ था और लड़की उसके ऊपर लण्ड को अपनी चुत में भरकर लेटी हुई थी। दूसरा लड़का पीछे से उसकी गांड में लण्ड पेले हुए था। गुड्डू पूछा "देखी?" पूनम उसी तरह वासना से भरी भरपूर आवाज़ में बोली "हूँ."

गुड्डू आगे बोला "मैं और विक्की ने सोचा है कि इसी तरह एक साथ तेरी चुत और गांड में लण्ड पेलेंगे। धकाधक चोद कर भरपूर मज़ा लेंगे तेरी कमसिन जवानी का। पूरा टाइट लण्ड जब पूरा अंदर घुसेगा मेरी रानी की चुत और गांड में, तो तुझे जन्नत का मज़ा यही मिल जायेगा।"

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06-11-2020, 04:46 PM,
#56
RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
गुड्डू के शब्द पूनम को पिघला रहे थे। वो वही पिक देख रही थी और गुड्डू उसे उस पिक में इमेजिन करवा रहा था। पूनम सोच रही थी की इतना बड़ा लण्ड उसकी छोटी सी चुत में कैसे जायेगा। एक साथ दो लण्ड चुत और गांड में लेने के इमेजिनेशन से ही उसकी चुत का गीलापन बढ़ गया था। वो चुत में धीरे धीरे ऊँगली अंदर बाहर करती जा रही थी।

गुड्डू बोला "बोलो न क्या हो रहा है पिक में." पूनम उसी तरह वासना के नशे में भरकर बोली "तुम बोले न अभी." गुडु बोला "तुम बोलो न। तुम्हारे मुँह से सुनकर नशा सा चढ़ता है." पूनम ये सोचकर की उसे क्या बोलना है, और गीली हो गयी। बोली "एक लड़का नीचे से उसकी चुत चोद रहा है और दूसरा पीछे से उसकी ग्.... गा....." पूनम नहीं बोल पायी। गुडु तुरंत उसे ठीक करने लगा। चुदाई के लेसन का अच्छा टीचर था वो। बोला "गांड मार रहा है." पूनम अभी भी नहीं बोल पायी। उसे अजीब सा लग रहा था। गुडु फिर से बोला "बोलो। बोलो गांड मार रहा है।"

पूनम बहुत बार लोगों को रोड पे बोलती हुई गाली देते हुए सुनी थी की गांड मार लिया या गांड मार लूँगा, लेकिन उसे समझ में नहीं आता था कि गांड मार लेना क्या होता है। उसे लगता था कि हिप पे थप्पड़ मारने को ही गांड मारना कहते हैं। लेकिन आज गुडु ने पिक के साथ उसे समझा दिया की गांड मारना किसे कहते हैं। गुडु फिर से बोला "बोल न."

पूनम बोल पड़ी "पीछे से उसकी गांड मार रहा है।" पूनम को बहुत शर्म आयी और उतना ही मज़ा भी आया। वो उठकर किचन में चली गयी और अपना फ़ेवरेट सेक्स टॉय 'बेलन' ले आयी। गुडु बोला "इसी तरह मैं तेरी चुत में अपना लण्ड पेलूँगा और तू मेरे ऊपर लेट कर अपनी चूचियों को मेरे सीने से रगड़ना, और विक्की पीछे से तेरी गांड में अपना लौड़ा पेल कर तेरी गांड मारेगा।"

पूनम बेलन को बेड पे सीधा खड़ा करके रखी और अपनी गीली चुत को उसके ऊपर रख कर दबाती चली गयी और बेलन चुत की गहराई में समाने लगा। बेलन अंदर जाते ही पूनम जोर से "आहः" की। गुडु बोला "बोल चुदवाएगी न?" पूनम पुरी तरह वासना के नशे में भरकर बोली "हुँ." गुडु बोला "गांड मरवायेगी न?" पूनम चुत में बेलन को अंदर बाहर करती हुई बोली "हाँ."

गुडु आगे बोला "ऐसे नहीं जान, अच्छे से बोलो "चुदवाओगी न?" पूनम वासना से लबरेज होती हुई बोली "हाँ, चुदवाऊँगी." गुडु बोला "गांड मारवाओगी न?" पूनम उसी रौ में बहती हुई बोली "हाँ, मरवाऊंगी." गुडु आगे बोला "मेरे और विक्की दोनों का लण्ड चुसोगी न?" पूनम बोली "नहीं, बस तुम्हारा." गुडु के लिए इतना भी काफी था। बोला "आ जाऊँ जान अभी?"

पूनम का मन हुआ की हाँ बोल दे और गुडु को बुला कर चुत में इस बेलन की जगह गुडु का लण्ड भरवा ले, लेकिन जो थोड़ा बहुत उसका दिमाग काम कर रहा था, उसका इस्तेमाल करती हुई पूनम बोली " नहीं, बाद में।" गुडु भी पूनम जैसी माल को इस तरह हड़बड़ी में नहीं खाना चाहता था। थोड़ी देर हो, लेकिन टेस्ट ले लेकर खायी जाने वाली इमरती थी पूनम।

गुड्डू महान बनता हुआ बोला "जब तुम बोलोगी, तभी मेरा लण्ड तुम्हारे चुत की सैर करेगा। अगली पिक देखो।" पूनम बोल तो रही थी की चुदवाऊँगी और गांड मारवाऊंगी, लेकिन वो फसी हुई सी फील कर रही थी। गुडु कि ऐसा बोलने से वो थोड़ी रिलैक्स हो गयी और अगला पेज पलटी।

गुड्डू पूछा "ये कौन सी पिक है?" पूनम अब कुछ रुकना या शर्माना नहीं चाहती थी। अब बचा ही क्या था शर्माने के लिए। बोली "एक लड़का पीछे से लड़की की चुत चोद रहा है और दूसरा सामने से उसके मुँह में लण्ड चुसवा रहा है।" गुडु पूनम के इस तरह बोलने पर खुश हो गया। उसे यकीन हो गया था कि अब पूनम उसके लण्ड की सवारी जरूर करेगी।

गुडु बोला "मज़ा आ रहा है न? मैं पीछे से तेरी चिकनी चुत में लौड़ा पेल कर चोद रहा हूँ और विक्की तेरे मुँह में। एक साथ मस्त मज़ा उठा रही तू।" पूनम कुछ नहीं बोली। गुड्डू पूछा "?" पूनम फिर से उसी तरह "हूँ" बोली। गुड्डू बोला "अच्छे से बोल न। सुनाई भी नहीं दे रहा। पूनम थोड़ा जोर से बोली, लेकिन उसकी आवाज़ उसी तरह वासना के समंदर में गोते लगाते हुए ही निकली "हाँ....।"

पूनम को बहुत मज़ा आ रहा था। वो चुत में बेलन अंदर बाहर किये जा रही थी। वो अपनी कुर्ती और ब्रा भी उतार दी और पूरी नंगी होकर मस्ती करने लगी। गुड्डू बोला "अगली पिक देख." पूनम पेज पलटी तो गुड्डू पूछा "क्या है इसमें?" पूनम पिक देख रही थी।

पूनम हिम्मत की और बोली। अभी वो खुद को रोक भी नहीं सकती थी। वो पिक और गुड्डू के शब्द चुदाई को घोलकर उसके अंतर्मन में उतार रहे थे। हर नए पिक के साथ पूनम की चुत से बहने वाले झरने की धार तेज हो रही थी। पूनम बोली "लड़की एक के ऊपर बैठी हुई है और दूसरे का लण्ड चूस रही है." गुड्डू चिढ़ता हुआ सा बोला "अच्छे से बोल न जान. कुछ समझ में ही नहीं आता."

पूनम फिर से बोलना शुरू की "एक लड़का सीधा लेटा हुआ है और लड़की उसके लण्ड को अपनी चुत में डालकर उसके ऊपर बैठी हुई है और दूसरे लड़के का लण्ड चूस रही है...." पूनम दो बार अमित से चुदवा चुकी थी, गुड्डू के भेजे हुए पिक्स देख चुकी थी और चुदाई वाली कहानियाँ पढ़ चुकी थी। लेकिन इन सबसे ज्यादा मज़ा उसे आज इस तरह पिक देखते हुए गुड्डू से बात करने में और इस तरह बोलने में आ रहा था। गुड्डू भी कई सारी और कई तरह की चुत की सैर करवा चुका था अपने लण्ड को, बेस फ़ोन पे भी 3-4 औरतों के साथ चुदाई की बात कर चुका था, लेकिन आज उसे सबसे ज्यादा मज़ा आ रहा था।

और इस मज़े का कारण था कि वो अभी तक पूनम को चोदा नहीं था और जो चीज़ दूर हो, वो ज्यादा मज़ा देती है। दोनों सोच रहे थे की जब अभी इतना मज़ा आ रहा है तो जब सच में चुदाई के वक़्त कितना मज़ा आएगा। और ये कमाल भी गुड्डू का ही था कि पूनम जैसी लड़की को क्या से क्या बना रहा था। यही पूनम कुछ दिन पहले तक कैसी थी और आज इतना कुछ हो रहा था उसकी लाइफ में। आज वो बेफिक्र हो कर लण्ड, चुत, गांड, चोदना, चुदवाना बोल रही थी, गुड्डू से चुदवाने के लिए भी लगभग तैयार थी।
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06-11-2020, 04:46 PM,
#57
RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
गुड्डू बोला “आहः मेरी जान। बोलो, मैं तुम्हारे लंड को अपनी चूत में भरकर तुम्हारे ऊपर बैठी हूँ.” पूनम मुस्कुराती हुई बोली “मैं नहीं बैठी हूँ.” गुड्डू हँसता हुआ बोला “हमें तो वो तुम ही दिखती हो और वो दोनों लड़के मैं और विक्की.”
गुड्डू बोला “फिर से बोलो न.”

पूनम भी उसी तरह बेलन को बेड पे सीधा खड़ा कर दी थी और उसी तरह बेलन को अपनी चुत में घुसा कर उसी तरह बैठ गयी थी। उसे भी लग रहा था कि ये मैं ही हूँ। बोली “लड़की अपनी चूत में लड़के का लंड भरकर उसके ऊपर बैठी है और दुसरे का लण्ड चूस रही है.” गुड्डू बोला “वाह! मस्त.... ऐसे ही तुम्हे अपने लंड पे बैठाकर चोद रहा हूँ और तुम ऊपर नीचे होकर मज़े से चुदवा रही हो और विक्की का लंड मुँह में पूरा भरकर चूस रही हो. जब इस तरह लंड के ऊपर बैठ कर उसे अपनी चूत में लोगी न, तब लंड तुम्हारे हिसाब से चूत में अन्दर उतरता है, और इसमें बहुत मज़ा आता है लड़कियों को.” पूनम को बहुत मज़ा आ रहा था. वो बेलन को एक हाथ से पकड़े हुए ऊपर नीचे हो रही थी और बेलन चुत में अंदर बाहर हो रहा था। गुड्डू जो बोला वो सच था कि बेलन उसके हिसाब से अंदर बाहर हो रहा था। पूनम को लग रहा था कि वो गुड्डू के लण्ड पे बैठ कर चुद रही है। वो इसी तरह हर पोज में अमित के साथ चुदवाना चाहती थी, लेकिन उस हरामी फट्टू में इतना दम ही नहीं था.

गुड्डू बोला अगली पिक कौन सी है. पूनम पेज पलटी. अगली पिक में लड़की दोनों टांगे पूरा फैलाये हुए लेटी हुई थी और एक लंड उसकी चूत में था और दूसरा लंड उसके चेहरे के पास था. लड़की के ओठ पे और मुंह के पास सफ़ेद सा कोई द्रव लगा हुआ था. लड़की के मुंह में वीर्य देखते ही पूनम बेड पे सीधी लेट गयी और फुल स्पीड में चुत में बेलन अंदर बाहर करने लगी. गुड्डू बोला “बोल न, क्या है इसमें?”

पूनम बोली “आह.... लड़की सीधी होकर लेटी हुई है और अपनी चूत चुदवा रही है और दूसरा लड़का का लंड उसके मुँह के पास है और उसके मुँह में वीर्य गिरा रहा है.” गुड्डू बोला “लड़की कितनी खुश है न वीर्य पी कर.” पूनम बोली “हाँ...” पूनम की चूत ने काम रस उगल दिया. वो हांफने लगी.

गुड्डू बोला “इसी तरह तुम्हे भी विक्की अपना वीर्य पिला रहा है और मैं तुम्हे चोद रहा हूँ.” पूनम कुछ नहीं बोली. वो अपनी साँसों को सम्हाल रही थी. आज उसे बहुत मज़ा आया था. वो पहले भी पिक और कहानी पढ़कर अपनी चूत से पानी निकाली थी, लेकिन आज जिस तरह से गुड्डू पिक्स को डिस्क्राइब कर रहा था, पूनम का मज़ा आज सातवें आसमान पे था.

गुड्डू बोला “अगली पिक देखो.” पूनम पेज पलट ली. इसमें लड़की ज़मीन पे मुँह खोले बैठे हुए थी और दोनों लंड उसके चेहरे के सामने थे और उसका चेहरा वीर्य से भरा हुआ था. गुड्डू बोला “क्या है इसमें?” पूनम अब तक अपनी साँस सम्हाल चुकी थी. वो बेलन को बाहर निकाल ली और उसकी चूत से कामरस बहकर बाहर आ रहा था. बोली “बहुत बोल ली मैं. रखो फ़ोन अब.” गुड्डू मुस्करा दिया. हँसता हुआ बोला “चूत से पानी निकाल ली?” पूनम कुछ नहीं बोली. मुस्कुरा वो भी दी थी.” गुड्डू बोला “मज़ा आया न.” पूनम अब भला उसे क्या बोलती. गुड्डू बोला “बोल न, पानी निकल गया?” पूनम शर्माती लजाती हुई सी बोली “हाँ.” गुड्डू बोला “बस इस पिक का बता दे, फिर फ़ोन रख देता हूँ.” पूनम अपनी पैंटी पहन ली थी. बोली “अब कुछ नहीं बोलूंगी. बस, बहुत हो गया.” गुड्डू जोर से हँसता हुआ बोला “कोई बात नहीं, मत बोल. बस मज़ा आना चाहिए तुझे.”

पूनम अपनी ब्रा का हुक लगा रही थी. गुड्डू बोला “इसमें मैं और विक्की दोनों अपने लंड का वीर्य तेरे मुँह और चेहरे पे गिरा रहे हैं.” पूनम बोली “अब अभी रखो फ़ोन. रात में बताउंगी.” गुड्डू खुश हो गया. पूनम खुद रात में उससे फ़ोन पे चुदवाने के लिए तैयार थी. कुछ दिन में वो सच में भी उस से चुदेगी. गुड्डू ने “बाय” बोलकर कॉल कट कर दिया. पूनम अपने सारे कपडे पहन ली और पिक और कहानी को आलमीरा में छुपा कर रख दी. वो पहले वाले पिक और कहानी को बाथरूम में फ़्लैश में बहा दी.

अभी पूनम की मम्मी आने वाली थी. उसके पापा अभी मम्मी को लाने गए हुए थे. पूनम एन्वेलोप को आलमीरा में छुपा दी थी और अपने सारे कपडे पहन ली थी। पूनम सब के लिए खाना बना रही थी और सोच रही थी की वो क्या कर रही है. उसके दिमाग में बहुत कुछ चल रहा था। एक तरफ तो वो खुद को समझा रही थी कि जो वो कर रही है वो गलत है और दूसरी तरफ उसे लग रहा था कि कुछ गलत नहीं है। पूनम अपने ख्यालों के भँवर में ऊपर नीचे हो रही थी। और ये जंग उसके दिल और दिमाग के बीच नहीं, उसके चुत और दिमाग के बीच में चल रही थी।

'इस तरह की बात करने की क्या जरूरत है उस लड़के के साथ. इस तरह फ़ोन पे लंड, चूत, चोदना, चुदवाना बोलने की क्या जरूरत है. और आज तो मैं क्या क्या नहीं बोल दी। गांड मारने और मरवाने की बात कर दी।' पूनम शर्मा गयी की वो गुड्डू के साथ ये बात की जो अकेले में भी सोंचने पे उसे शर्म आता है। चुत और लण्ड की बात अलग है। चूदी चुदाई लड़की थी अब वो। 'लेकिन गांड.... उसमे लण्ड डालना.... छी।' पूनम को मुस्कुराने लगी की वो गांड मारना क्या समझती थी और वो होता क्या है।

पूनम सोच रही थी की आज वो और क्या क्या बोली है गुड्डू को और 'इस तरह तो मैं उसे बता रही हूँ की मैं तुमसे चुदवाना चाहती हूँ. तुम मुझे चोद लो. बोल भी तो दी उसे की चुदवाऊँगी। गांड भी मारवाऊंगी बोल दी। गुड्डू तो प्लानिंग भी कर लिया होगा की कैसे कैसे मुझे चोदेगा। और गुड्डू चोदेगा तो विक्की भी चोदेगा ही। गुड्डू तो बोला न कोई ऐसी चुत नहीं है जिसमे किसी एक का ही लण्ड गया हो। तो अगर मैं गुड्डू को बोल दी की चुदवाऊँगी तो मतलब ये की विक्की को भी बोल दी।'
पूनम को मज़ा आ रहा था। 'तो क्या हुआ यार चुदवा ही लूँगी तो। कोई कुँवारी कली तो रही नहीं मैं अब। वो साला हरामी अमित प्यार के नाम पर बेवकूफ बनाकर सील तो तोड़ ही दिया है मेरा। ठीक ही तो बोलता है गुड्डू की जब उससे दो बार चुदवा ली तो एक बार मेरे से भी चुदवा लो। एक ही बार चोदने को तो बोल ही रहा है वो। अच्छा ठीक है, दोनों चोद लेंगे एक एक बार। क्या फर्क पड़ जाएगा मेरे पे। चुत घिस थोड़े ही जायेगी। मज़ा तो आ जायेगा। हर तरह से चोदने की प्लानिंग किये बैठा है वो तो। और उसका लण्ड भी तो दमदार है।'

पूनम की चुत गीली होने लगी। वो इमेजिन करने लगी की उसी लड़की की तरह पूनम भी गुड्डू और विक्की दोनों से एक साथ चुदवा रही है और गुड्डू जिस तरह से बोला था, दोनों उसी तरह से उसी पोज़ में एक साथ पूनम को चोद रहे हैं, और गांड भी मार रहे हैं। पूनम सोचने लगी की गांड मरवाने में कैसा लगेगा।

लेकिन फिर थोड़ी देर बाद पूनम सोचने लगी 'नहीं.... अब मुझे ये सब कुछ नहीं करना। दो बार अमित से चुदवा ली, गलती की। पहले मैं कितनी अच्छी और शरीफ थी, ये गुड्डू ने गन्दी कहानियाँ पढ़ा कर और चुदाई वाली पिक्स दिखाकर मुझे बिगाड़ दिया। सही बोला था अमित की मैं मना कर दी थी तो वो मुझे छूता भी नहीं था, मैं उसे करने दी तब वो रेस्टुरेंट में वो सब किया। सब इसी फोटो और कहानी का किया धरा है कि मेरा मन चुदवाने का करने लगा था। और सिर्फ चुदवाने का क्या, मैं तो हर तरह से और हर पोज़ में चुदवाना चाहती थी। गुड्डू ने अमित को डराया नहीं होता तो मैं तो उसके साथ सबके कुछ करवाने के लिए रेडी ही थी और सब कुछ करवा भी चुकी होती।'

पूनम अपनी सोच में मगन थी। 'लेकिन अमित के साथ तो ठीक से कुछ कर ही नहीं पाई थी मैं। जिस दिन पहली बार किया, उस दिन तो दर्द और डर से ही कुछ समझ नहीं आया था।' पूनम को याद आ गया कि कैसे जब पहली बार अमित का लण्ड उसकी चुत में सटा था तो उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया था और वो शर्मा गयी। 'और उस रात आया था तो उससे तो हो ही नहीं रहा था। वो तो मेरे ऊपर चुदाई का बुखार चढ़ा हुआ था कि मैं जबर्दस्ती चुदवा ली, नहीं तो अमित तो ऐसे ही शांत था।' पूनम अपनी उस रात की हरकत को याद कर शर्मा भी गयी और मुस्कुरा भी दी। 'बेकार में उस दिन वैसे पागल की तरह होकर चुदवाई। उस रात अमित कुछ नहीं कर पाता, तब मज़ा आता उस फट्टू को। बहुत बड़ा मर्द बना फिरता है सबके सामने। 15-20 रात गुजारा है मेरे साथ, हुँह। एक रात में तो कुछ हुआ ही नहीं उससे। उससे तो सही में अच्छा है गुड्डू।'
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06-11-2020, 04:46 PM,
#58
RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
पूनम की सोंच फिर से गुड्डू पे वापस आ गयी। 'अरे तो एक ही बार तो चुदवाने बोल रहा है वो। अब जब एक बार चुदवा कर सील टुटवा ही ली, तो गुड्डू से भी, अच्छा ठीक है... और विक्की से भी एक बार चुदवा लूँगी तो क्या हो जायेगा। कितना मस्त चोदते हैं ये लोग उन लड़कियों को। जैसे जैसे उन्होंने बताया था वैसे वैसे चोदेंगे मुझे। मैं सोची तो थी न अमित से उस उस तरह चुदवाने का। अमित से तो चुदवाती ही न। अब अमित तो धोखेबाज निकला। समझ लूँगी की अमित से ही चार बार चुदी और फिर उसने धोखा दिया। वैसे भी वो तो सबको बताया है कि मुझे 20-25 चोदा है। और अमित जितना मज़ा दिया, उससे ज्यादा मज़ा तो गुड्डू और हाँ... विक्की भी देगा। कितना बड़ा और मोटा है उनका। ....लण्ड...।'

पूनम मुस्कुरा दी। उसे याद आया की किस तरह वो गुड्डू के साथ आज क्या क्या बात की और क्या क्या बोली। उसे शर्म भी आ रही थी की किस तरह वो बोल रही थी की लण्ड चुत में डाला, लण्ड चूस रही है। "आहः" पूनम की चुत फिर से गीली हो रही थी। उसका मन हो रहा था कि फिर से अभी नंगी हो जाये और बेलन को अंदर डाल कर चुदवा ले गुड्डू से अपनी सोच में। लेकिन उसके मम्मी पापा के आने का वक़्त हो चूका था। पूनम खाना बनाती रही और सोंचती रही की कैसे कैसे वो गुड्डू और विक्की से चुदवा रही है और उसे कितना मज़ा आ रहा है। दोनों उसे अपने बीच में रखकर चोद रहे हैं और गांड भी मार रहे हैं। लण्ड भी चुसवा रहे हैं और दोनों एक साथ अपना वीर्य पिला रहे हैं।

थोड़ी देर के बाद पूनम के मम्मी पापा आ गए. पूनम उसके साथ बातें करने लगी और फिर खाना खा कर अपने रूम में आ गयी. उसने अपने फ़ोन को स्विच ऑफ कर दिया ताकि मम्मी के सामने गुड्डू का कॉल या मैसेज न आ जाये। मम्मी को अगर पता चल गया तो कांड हो जाता। और मम्मी को जल्दी पता चलने के चान्सेस ज्यादा थे, पापा को पता चलने से। पूनम के दिमाग में उस वक़्त भी चुदाई ही चल रहा था। उसकी पैंटी गीली ही थी। पैंटी को सूखने का मौका ही नहीं मिल रहा था। पूनम की चुत से सेक्स का झरना धीरे धीरे रिस ही रहा था। गुड्डू और विक्की उसकी चुत के साथ खेल ही रहे थे पूनम के ख्यालों में।

पूनम अपने रूम में आयी और गेट बंद कर ली और सबसे पहले अपने सारे कपडे उतारकर पूरी नंगी हो गयी। वो अपनी हल्की सी झांटों वाली चुत को सहलाई तो उसकी उँगलियाँ गीली हो गयी। पूनम अभी पूरी तरह वासना के नशे में थी। अगर अभी कहीं किसी तरह से गुड्डू इस बंद कमरे में प्रकट हो जाता तो पूनम खुद उससे लिपट जाती और खुद वो सब कुछ करती और करवाती जो जो उसने पिक में देखा था या कहानियों में पढ़ा था।

पूनम मोबाइल ऑन कर ली और आलमीरा से एन्वेलोप निकाल ली जिसके पिक देखते हुए वो गुड्डू से फोन पे चुदी थी और उसकी चुत से बहुत सारा कामरस बहा था। पूनम बेड पे अपनी दोनों टांगों को फैलाकर लेट गयी और एक हाथ से अपनी चुत सहलाने लगी और दूसरे हाथ से पिक्स उठा उठा कर देखने लगी। 'आओ गुड्डू राजा....आहः.....चोद लो मुझे भी....मेरे चुत की भी सैर करवा दो अपने लण्ड को और विक्की के लण्ड को भी। दोनों चोदोगे मुझे। आहः.... चोद लो न।'

उसके हाथ में अभी वो पिक था जिसमे लड़की एक के ऊपर लेटी हुई थी और उसका लण्ड चुत में था और पीछे से दूसरे ने अपना लण्ड गांड में डाला हुआ था। 'आहः.... गांड भी मारोगे? ..... तो मार लेना न...... सब कुछ कर लो। जो मन है करने का सब कर लो...... आहः' चुत के अंदर ऊँगली के आने जाने की रफ़्तार तेज़ हो गयी थी। बेलन किचन में था और वो उसे रूम में लाने का रिस्क नहीं लेना चाहती थी।

पूनम पिक्स रख दी और कहानी पढ़ने लगी। वो कहानी में चुदाई वाला सीन ढूंढी और उसे पढ़ने लगी। एक लड़की को दो लड़के मिल कर नंगी कर रहे थे और उसके बदन से खेल रहे थे। पूनम कुछ ही देर पढ़ी की उसकी चुत में पानी का बांध टूट गया और उसकी चुत पानी से भर गयी। पूनम लम्बी लम्बी साँस लेने लगी।

वो बेड पे उल्टी होकर लेट गयी और उसकी चुत से रस बहकर बाहर आकर बेड पे गिरने लगा। पूनम के कपड़े उससे दूर थे और उसमें इतना हिम्मत नहीं था कि वो अपनी पैंटी को उठाकर अपनी चुत के नीचे रख सके। वो चादर को गीला होने छोड़ दी।

थोड़ी देर बाद गुड्डू का कॉल आया। पूनम अभी तक इसी तरह लेटी हुई थी। वो फ़ोन को कट कर दी और स्विच ऑफ कर दी। उसे गुड्डू से बात नहीं करना था। उसे ये सब कुछ करना ही नहीं था। अब किसी से नहीं चुदवाना था।

वो इसी तरह उल्टी होकर नंगी लेटी रही और उसकी चुत से काम रस बहकर उसकी चादर को गीला करता रहा। बेड पे चुदाई वाली कहानी और वो पिक्स इधर उधर बिखरे रहे और वो सोचती सोचती सो गयी।

'अब ये सब कुछ नहीं करुँगी। न तो गुड्डू से बात करुँगी, न एन्वेलोप लूँगी और न ही ये सब कुछ करुँगी। मैं कितनी अच्छी लड़की थी, लेकिन उस हरामी गुड्डू ने जान बूझ कर मुझे ये सब दिया और मैं क्या से क्या करती गयी। अगर अमित के साथ मैं प्यार नहीं कर रही होती तो, इन पिक्स और कहानियों की वजह से जो मेरी हालत हुई है, तब तो मैं गुड्डू से ही चुदवा चुकी होती। लेकिन उस हरामी फट्टू अमित की किस्मत अच्छी थी की मैं उससे प्यार करती थी और पागल बनकर उससे चुदवा बैठी। अगर गुड्डू मुझे ये सब नहीं देता तो मैं आज भी कुँवारी होती और शरीफ लड़की होती, जैसे पहले थी।'

'अब चाहे कुछ भी हो जाये, एक बात तो तय है कि अब मैं किसी के साथ कुछ नहीं करवाने वाली। गुड्डू के साथ तो बिल्कुल नहीं। और अब से ये सब भी नहीं करुँगी। न तो नंगी होऊँगी और न ही चुत में ऊँगली या कुछ और करुँगी। जैसे पहले थी वैसे ही रहूँगी। ये सब भी फाड़ कर फ्लश में बहा देती हूँ।' पूनम का मन हुआ की अभी ही पिक्स और कहानी को बाथरूम में फ्लश कर दे, लेकिन अपनी स्थिति देखते हुए वो सुबह ये काम करने का फैसला ली।

'सुबह पक्का फेंक दूँगी इसे। छिह....कितनी गन्दी हो गयी हूँ मैं। कैसे मैं उसके सामने क्या क्या बोली। क्या सोचता होगा वो मेरे बारे में। वो मुझे भी अपनी रंडियों की तरह ही सोच रहा होगा। इसलिए तो उसने मुझे ये सब दिया था। वो तो आधा कामयाब भी हो गया है अपने मकसद में। लेकिन अब इससे ज्यादा और कुछ नहीं होगा। छिह....कैसे मैं बोल दी की चोदो मुझे। चुदवाऊँगी, गांड मारवाऊंगी। लण्ड चूस रही है, चुदवा रही है। छिह.... मैं बेशर्म हो गयी हूँ। एक लड़की ऐसा कैसे बोल सकती है किसी लड़के के सामने। अब कभी नहीं... कभी नहीं.... कभी नहीं।'
पूनम अपने आप को मजबूत बनाते हुए निर्णय की कि इन लड़कों के नजदीक होने की कोई जरूरत नहीं है और वो सोंचते सोंचते इसी तरह नंगी सो गयी।
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06-11-2020, 04:46 PM,
#59
RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
गुड्डू भी पूनम को फ़ोन पे चोद कर बहुत खुश था। पूनम का फ़ोन कटने पर वो ख़ुशी ख़ुशी अपने अड्डे से बाहर निकला। उसे अब पूरा यकीन था कि उसके लण्ड को अब पुनम की चुत में घूमने का मौका मिलेगा। पूनम तो बोल ही दी थी की चुदवाऊँगी। लेकिन गुड्डू को ये भी पता था कि अभी उसे और मेहनत करनी होगी। मुर्गी के हलाल होने में अभी वक़्त था।

वो विक्की से मिला और उसे सब कुछ बताया कि कैसे पूनम फ़ोन पे क्या क्या बोली और ये भी बोली की चुदवाएगी और गांड भी मरवायेगी। गुड्डू इस बात को छुपा गया कि पूनम बस उसी से चुदवाने के लिए तैयार हुई है। वैसे भी इस बात का कोई मतलब नहीं था। चोदना तो दोनों को था और पूनम को दोनों से ही चुदवाना पड़ता।

विक्की को इन बातों में कोई इंटरेस्ट नहीं था। बोला "जब चोदने जाना हो तब बता देना। मुझे न तो उसे और न ही किसी और रण्डी को फ़ोन पे चोदना है। चोदने के लिए मेरे पास लण्ड है। तू फ़ोन पे चोद उसे, गांड मार। जब लण्ड से चोदने की बारी आये, तो मुझे बुला लेना। बस।" गुड्डू को पता था कि विक्की का रिएक्शन कुछ ऐसा ही होगा। वो दोनों बहुत पुराने दोस्त थे और बचपन से लेकर अब तक सब कुछ उन्होंने साथ में ही किया था।

पूनम अंगड़ाई लेती हुई सुबह जगी तो उसका उठने का मन नहीं हो रहा है। लेकिन उसे उठना पड़ा। वो सारे पिक्स और कहानी वाले पेपर को एन्वेलोप में रखी और उसे आलमीरा में रख दी। उसकी नज़र बेड पे गयी। बेड पे चुत के रस का दाग बन गया था। वो सोते वक़्त का अपना फैसला याद की अब ये सब कुछ नहीं करना है। वो अपने मोबाइल को ऑन की तो गुड्डू के कई सारे मैसेज तुरंत तुरंत आने लगे थे. वो जल्दी जल्दी सबको पढ़ी और फिर डिलीट कर दी. कुछ में नॉनवेज जोक्स थे तो कुछ में और कुछ लिखा था जैसे चुत से पानी निकाल ली क्या, आ न जान, लण्ड टाइट है, इत्यादि। मैसेज पढ़ते ही पूनम की चुत गीली होने लगी और उसका रात में लिया हुआ फैसला कमजोर होने लगा। पूनम अपनी माँ के जागने की आहट सुनी तो अपने कपड़े पहनी और बाहर आ गयी।

पूनम आज सारा दिन घर में थी. वो अपनी माँ के साथ ही बात करती रही और घर की साफ़ सफाई करती रही। वो अपने रूम की चादर भी धो दी। जब तक वो घर में व्यस्त रही तब तक तो उसे गुड्डू का ख्याल नहीं आया, लेकिन जब मोबाइल में मैसेज का टोन बजा और वो गुड्डू का भेजा हुआ नॉनवेज मैसेज पढ़ी तो उसका बेचैन हो गया और उसका मन करने लगा की वो पिक फिर से देख ले और वो कहानी पढ़ ले। लेकिन वो अभी ऐसा कर नहीं सकती थी।

दोपहर के बाद पूनम अपनी माँ के साथ तैयार होकर मार्केट जाने के लिए निकली। उसकी मौसेरी बहन की शादी होने वाली थी और वहीँ जाने के लिए वो लोग शॉपिंग करने निकले थे। पूनम घर से बाहर आई तो गुड्डू और विक्की दोनों वहीँ गली के बाहर खड़े थे। विक्की ने इशारे से गुड्डू को पूनम को दिखाया और फिर गुड्डू पूनम को गौर से देखने लगा। पूनम ये सब कुछ देख रही थी और गुड्डू को इस तरह खुद को देखते देखकर वो शर्मा गयी और आज भी फिर से न चाहते हुए भी वो मुस्कुरा दी। वो एक वन पीस पहनी हुई थी और बहुत ही क्यूट लग रही थी।

पूनम अपनी माँ के साथ थी और इस तरह दोनों को खुद को देखते वो ज्यादा ही शर्मा रही थी। उसे पता था कि गुड्डू उसे किस तरह देख रहा होगा। जिस लड़के को वो रात में बोली है कि चुदवाऊँगी और गांड मारवाऊंगी, और चोदने चुदवाने की बात की है, वो तो इस तरह ही देख रहा होगा जैसे पूनम बिना कपड़ों के चल रही हो। और विक्की भी तो उसे चोदने का ही इंतज़ार कर रहा है तो वो भी उसे इसी तरह देख रहा होगा।

गुड्डू की नज़र पूनम की नंगी जांघों पे थी क्यों की पूनम की ड्रेस घुटने के थोड़ी ऊपर थी और गुड्डू ऐसे देख रहा था कि वो आँखों से ही ड्रेस को ऊपर उठा कर पूनम की चुत को सहला रहा है। विक्की की नज़र पूनम की संतरों की तरह गोल चूचियों पे थी। पूनम शर्मा कर नीचे देखने लगी और माँ के साथ रोड पे आ गयी। उसे अपनी गांड पे दोनों की नज़रें चुभती हुई महसूस हो रही थी। पहले भी वो दोनों पीछे से पूनम की चाल का भरपूर मज़ा लेते थे, लेकिन आज पूनम को कुछ ज्यादा ही अजीब लग रहा था। उसे लग रहा था कि दोनों उसकी हिलती हुई गांड देखकर सोंच रहे होंगे की कब ये चुदेगी और कब इस मस्त गांड को मारने का मौका मिलेगा।

पूनम अभी कुछ ही दूर चली थी की उसका मोबाइल मैसेज टोन बजाया। पूनम को पता था कि ये मैसेज गुड्डू का ही होगा। वो न चाहते हुए भी खुद को मैसेज पढ़ने से रोक नहीं पाई। लिखा था "मस्त माल लग रही हो। इस ड्रेस में आगे और पीछे दोनों तरफ से माल लग रही हो।" पूनम अभी ये मैसेज पढ़ ही रही थी की अगला मैसेज आया "तुम्हारी चूचियाँ इस तरह पूरी गोल हैं, ये सलवार सूट में पता ही नहीं चलता था। लण्ड टाइट हो गया।"

फिर तो मैसेज का सिलसिला चल पड़ा। उसकी माँ पूछी भी की क्या बिजी हो मोबाइल में, तो पूनम बात टाल दी। लेकिन गुड्डू के मैसेज अपना काम कर चुके थे और पूनम की पैंटी गीली हो चुकी थी। गुड्डू ने दो बार फ़ोन भी किया था लेकिन पूनम कॉल डिसकनेक्ट कर दी थी। पूनम और उसकी माँ सारी खरीददारी करके और टेलर के पास ब्लाउज सिलने और साड़ी में फॉल पिको करने देते हुए घर आई।

पूनम जब वापस आ रही थी तो दोनों में से कोई उसे नहीं दिखा। रात में पूनम अपने रूम में गयी और सबसे पहले सारे कपड़े उतारकर नंगी हो गयी और फिर वो एन्वेलोप निकाल कर कहानी पढ़ने लगी। कुछ ही देर में पूनम की चुत गीली हो गयी और वो चुत में ऊँगली अंदर बाहर करने लगी। अभी ये चल ही रहा था कि मोबाइल पे मैसेज आया। पूनम उसे इग्नोर कर दी और कहानी पढ़ती रही। थोड़ी थोड़ी देर पे मैसेज आते रहे और फिर गुड्डू का कॉल आया।

यहाँ तक तो पूनम खुद को सम्हाले हुए थी की वो गुड्डू से कोई मतलब नहीं रखेगी, लेकिन अब पूनम के लिए गुड्डू को इग्नोर करना मुश्किल हो गया। पूनम कॉल कट कर दी और मैसेज पढ़ने लगी। थोड़ी देर बाद फिर से गुड्डू का कॉल आ गया। पूनम खुद को रोक नहीं पाई और कॉल रिसीव कर ली। वो पूरी नंगी थी और चुत में ऊँगली कर रही थी। पहले तो वो गुड्डू को दिन में इतने सारे मैसेज के बारे में बोली, और बोली की मुझे कॉल या मैसेज मत किया करो, लेकिन थोड़ी ही देर बाद गुड्डू ने उसे अपनी बातों में फँसा लिया और आज फिर से पूनम वो सारी बात बोली जो गुड्डू सुनना चाहता था।

गुड्डू उसे बोला की "जान, मुझे भी अपने साथ मार्केट ले चलती तो मैं तुम्हारी वन पीस में नीचे से हाथ अंदर डालकर तुम्हारी जांघ और गांड को सहलाता और फिर तुम्हारी पैंटी उतार कर अपने पॉकेट में रख लेता। फिर वहीँ मार्केट में ही तुम्हारी चुत सहलाता और जहाँ अकेले में मौका मिलता, वहीँ तुम्हे पकड़ कर तुम्हारे रसीले होठ को चूसता और तुम्हारी चूचियों की गोलाई नापता। अपने लण्ड को निकाल कर तुम्हारी गोरी चिकनी चुत में सटा देता और फिर वहीँ तुम्हे चोदता।"

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06-11-2020, 04:46 PM,
#60
RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
गुड्डू उसे बोला की "जान, मुझे भी अपने साथ मार्केट ले चलती तो मैं तुम्हारी वन पीस में नीचे से हाथ अंदर डालकर तुम्हारी जांघ और गांड को सहलाता और फिर तुम्हारी पैंटी उतार कर अपने पॉकेट में रख लेता। फिर वहीँ मार्केट में ही तुम्हारी चुत सहलाता और जहाँ अकेले में मौका मिलता, वहीँ तुम्हे पकड़ कर तुम्हारे रसीले होठ को चूसता और तुम्हारी चूचियों की गोलाई नापता। अपने लण्ड को निकाल कर तुम्हारी गोरी चिकनी चुत में सटा देता और फिर वहीँ तुम्हे चोदता।"

गुड्डू की बातों से नंगी पूनम की गीली चुत और गीली हो गयी और वो फिर से गुड्डू से फ़ोन पे चुदवाई और जैसे जैसे गुड्डू उसे बोलने बोला वो सब बोली। पूनम बोली की "हाँ, अपना लण्ड मेरी चुत से सटा देना और फिर मैं धक्का लगाकर उसे अपनी चुत में भर लूँगी और तुमसे चुदवाऊँगी। वहीँ पे झुक जाऊँगी और तुम पीछे से अपना लण्ड मेरी गांड में डालकर मेरी गांड मार लेना। तुम सारा वीर्य मेरे मुँह में गिरा देना और मैं उसे पी जाऊँगी और चेहरे पे लग जाने दूँगी।"

पूनम गुड्डू की बातें सुनती रही और ये सब बोलती रही और साथ ही साथ अपनी गर्मायी हुई चुत में ऊँगली अंदर बाहर करती रही। जब उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया तो वो कॉल कट कर दी और फिर से नंगी सो गयी। आज भी वो कल की ही तरह आगे से कभी ये सब नहीं करने का और गुड्डू से बात नहीं करने का फैसला ली।

अगले दिन भी संडे था तो पूनम दिन भर घर पे ही रही और आज दोपहर में ही जब उसके मम्मी पापा सो रहे थे और वो अपने रूम में अकेली थी तो वो एन्वेलोप निकाल ली और कहानी पढ़ ली। वो अपनी ट्रोउजर के अंदर हाथ डालकर चुत सहला रही थी और फिर पानी निकलने के बाद एन्वेलोप को वापस आलमीरा में रख कर सो गयी। रात में न तो गुड्डू का कॉल या मैसेज आया और न ही पूनम को उसकी याद आयी। वो फिर से नंगी होकर पूरी कहानी पढ़ी और फिर चुत से पानी निकालकर नंगी ही सोई।

उसका मन हाँ और ना के बीच झूल रहा था। वो गुड्डू से चुदवा लेना चाहती थी, लेकिन उसे डर भी लग रहा था। अगले दिन पूनम ऑफिस गयी लेकिन उसे सुबह में भी और शाम में भी दोनों में से कोई नहीं दिखा। रात होते ही पूनम की चुत गीली होने लगी। आज भी दिन भर में गुड्डू का बस 2-3 मैसेज ही आया था।

पूनम अपने रूम में आयी और गेट बंद करते ही नंगी हो गयी। वो एन्वेलोप निकाल कर कहानी पढ़ने लगी, लेकिन इसमें उसे आज मज़ा नहीं आ रहा था। वो अपने मोबाइल को देखने लगी, लेकिन उसमें कोई मैसेज या मिस्ड कॉल नहीं था।

पूनम अपनी चुत को सहला रही थी और ऊँगली भी अंदर बाहर कर रही थी, लेकिन न तो उसे चुत सहलाने में मज़ा आ रहा था और न ही कहानी पढ़ने में। वो मोबाइल उठा ली और गुड्डू को कॉल करने के बारे में सोचने लगी।

'कॉल करुँगी तो वो क्या सोचेगा? क्या सोचेगा, यही न की मैं उससे चुदवाना चाहती हूँ। हाँ, तो चाहती हूँ। एक बार चोद ही लेगा तो क्या हो जायेगा। नहीं, फ़ोन करेगा तो उसे बोलूंगी की जब मना की हूँ तो मैसेज क्यों करते हो। फिर तो वो अंट शंट बोलेगा ही और मुझे चोदेगा ही।' सोचते सोचते पूनम के पैर खुद ब खुद खुल गए जैसे गुड्डू सच में वहाँ हो और पूनम को चोदने वाला हो।

पूनम गुड्डू को मिस्ड कॉल कर दी। लेकिन जब गुड्डू ने कोई कॉल नहीं किया तो पूनम फिर से थोड़ा लम्बा मिस्ड कॉल की। इस बार गुड्डू ने कॉल कट कर दिया और तुरंत ही कॉल बैक कर दिया। पूनम के दिल की धड़कन तेज़ हो गयी। वो कॉल रिसीव कर ली और धीरे से "हेल्लो" बोली। बगल के कमरे में उसके मम्मी पापा सो रहे थे, तो वो अपनी आवाज़ इतनी ही रखती थी की वो लोग न सुन पायें।

गुड्डू के साथ ऐसी कोई समस्या नहीं थी। वो अपने नार्मल साउंड में ही बोलता था। पूनम के हेल्लो बोलते ही गुड्डू बोला "म्म्म कैसी हो जान... कब चोदने दोगी।" पहले ही लाइन में ये सुनते ही पूनम के मुँह से आहः निकल गयी जिसे वो अपने अंदर ही दबा ली। उसकी चुत पूरी गर्म थी।

वो खुद को सम्हालती हुई बोली "क्यों मैसेज करते हो इस तरह के, मना की हूँ न।"
गुड्डू उसकी बातों को पूरी तरह इग्नोर करता हुआ बोला "क्या पहनी हुई हो अभी?"
पूनम शॉक्ड हो गयी। उसे इस सवाल की उम्मीद नहीं थी। बोली "क्यूँ?"
गुड्डू बोला "बोलो न, क्या पहनी हुई हो अभी?"
पूनम झूठ बोल दी "टॉप ट्रोउजर।"
गुड्डू फिर आगे पूछा "और अंदर?"
पूनम की चुत का गीलापन बढ़ गया। बोली "क्यों पूछ रहे हो ये सब?"
गुड्डू बोला "बोल न, क्या पहनी हुई है अंदर में?"
पूनम शर्मा गयी, लेकिन अब भला उस लड़के से क्या शर्माना जिसके साथ चुत, लण्ड और चुदाई की बात कर चुकी हो। वो अपने पैर फैलाते हुए बोली "पैंटी ब्रा।" उसे बहुत मज़ा आया था। इसलिए तो वो गुड्डू के कॉल का वेट कर रही थी। उसे पता नहीं था कि गुड्डू ये क्यों पूछ रहा है, लेकिन उसे अच्छा लग रहा था। नंगे बदन में आग जलने लगी थी।
गुड्डू बोला "उतार दे न सब। नंगी हो जा न।"
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