XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
03-02-2021, 02:41 PM,
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 114

फिर मैंने सोचा कि क्यों न अब जस्सी की गांड भी मार लूँ.
तो मैंने जस्सी को अब बिस्तर पर पेट के बल लेटा दिया और उसकी चूत को और गांड को दोनों को चाटने लगा.. जिससे उसको शक न हो.
मैंने देखा कि क्रीम की डिबिया भी रखी हुई है.. तो मैंने क्रीम उठा कर जस्सी की चूत और गांड दोनों में लगाई.
कुछ क्रीम अपने लंड पर भी लगा कर जस्सी के ऊपर चढ़ गया और उसकी गांड पर अपना लंड रख दिया.. वो थोड़ा सा कुनमुनाई.. पर मैंने हल्का सा कमर को ऊपर किया और जोर से जस्सी की गांड में धक्का मार दिया.
जस्सी चिल्लाई- ऊऊह्ह्ह्ह्ह्.. ये क्या रहे हो.. मेरी गांड तो मेरे पति ने भी नहीं मारी..
तो मैं बोला- फिर तो तुम्हारे पति को कुछ पता ही नहीं है.. गांड मारने में भी क्या मस्त मजा आता है.. लगता है उसको पता नहीं..

अभी मेरा सुपारा ही गया था.. जस्सी की गांड सच में बहुत कसी हुई थी.
मैंने अभी इतना ही कहा था कि जस्सी दर्द से बोलने लगी- आह्ह.. निकाल लो.. अपने लंड को..
पर मैंने जस्सी को दबा रखा था और अब मैंने एक हाथ में तेल की शीशी को लिया.. और उसके छेद पर डालने लगा और जोर से धक्का मारा.

जस्सी फिर से चिल्लाई- ऊह्ह्ह्ह्.. आह्ह्ह्ह.. म्मर्रर्र गईईई..
उसकी आँखों से आंसू निकल आए.. पर मैंने देर न करते हुए हल्का सा लंड बाहर निकाला और पूरी दम से धक्का दिया. इस बार उसकी आवाज ही नहीं निकल पा रही थी.. जैसे जस्सी की जान ही निकल गई हो.
जस्सी मुझसे छूटने की पूरी कोशिश कर रही थी.. पर मैंने छोड़ा नहीं.

अब ऐसे ही उसके ऊपर लेट गया और उसकी गर्दन पर और गालों पर चुम्बन करने लगा.. साथ में उसकी पूरे जिस्म पर अपने हाथ को फेर रहा था.. जिससे वो अब दर्द भूल गई और तैयार हो गई.
जल्द ही अब जस्सी ने अपनी गांड को हिलाना शुरू कर दिया था और वो चूतड़ों को ऊपर-नीचे करने लगी.

जब मैंने देखा कि जस्सी को अब मजा आने लगा.. तो मैंने भी अपनी स्पीड थोड़ी बढ़ा दी और जस्सी की गांड में अपने लंड को जोर-जोर से अन्दर-बाहर करने लगा था.
जस्सी बस ‘ऊओह्ह्ह.. आआअह्ह्ह्ह.. ऊओह्हह्ह..’ करे जा रही थी.. उसकी जोरदार चुदाई हो रही थी.
[Image: afc0a4976065c034d4d2d994c686883cc55153ac.gif?629314]
बिस्तर पर घमासान चुदाई के बाद अब मैंने जस्सी को बालकनी पर खड़ा कर दिया. बालकनी की लाइट तो पहले से ही बंद थी.. तो किसी को कुछ नहीं दिख रहा था. मैंने जस्सी को नीचे बिठा दिया और उसके मुँह में अपना लण्ड डाल दिया और अब जस्सी मेरे लंड को किसी लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी उसने मेरे लण्ड को चूस कर गीला कर दिया.

मैंने जस्सी को बालकनी पर घोड़ी बना दिया.. इधर पांचवीं मंजिल होने के कारण हवा भी अच्छी चल रही थी.

मैंने जस्सी की गांड पर लंड को रखा और एक ही बार में पेल दिया.
‘ऊऊओ.. जान.. आह्हह्हह्ह..’
मैंने जस्सी की कमर को पकड़ लिया और जोर-जोर से उसकी गांड मारने लगा. जस्सी और मैं जैसे किसी जन्नत का मजा ले रहे थे.

कुछ देर बाद मैंने जस्सी के दोनों हाथों को उसकी पीठ पर रखा और चुदाई करने लगा.
जस्सी तो जैसे मस्ती से चुदने में लगी थी और सच में जस्सी को इस तरह से चोदने में बहुत मजा आ रहा था.

मैंने जस्सी को हल्का सा सीधा खड़ा कर दिया और उसके चूचों को दबाने लगा. मैंने कस कर जस्सी को दोनों हाथों से पकड़ लिया और फिर से जस्सी की गाण्ड की चुदाई करना चालू कर दी. इस बार और जोर-जोर से जस्सी की गाण्ड में अपने लंड को डालता और निकालता रहा.. जिससे जस्सी की सिसकारियाँ अधिक तेज स्वर में निकलने लगी थीं ‘ऊऊऊह्ह्.. ह्ह्ह्ह्ह्आ.. ओह्ह्ह्ह्..’

मैंने जस्सी की गांड को चोदते हुए उसके मम्मों को अपनी हथेलियों में भर लिया और तेज रफ्तार से चोदने लगा.
[Image: d88602ec5776907f1950d942a1b0d146.gif]
जस्सी- ऊऊह्.. आहह.. चोदो.. और जोर से..
मैंने भी जोर-जोर से चोदना जारी रखा करीब 15 मिनट ऐसे ही चोदा होगा कि जस्सी बोली- रेशु मैं थक गई हूँ..

मैं भी फुल स्पीड में जस्सी की चुदाई करता रहा.. बस 20 से 25 धक्के मारने पर मैं एक तेज ‘आहहह..’ के साथ झड़ गया और मैंने सारा माल उसकी गांड में निकाल दिया.
जस्सी एकदम निढाल हो चुकी थी.. सो मैंने उसको गोद में उठा लिया और कमरे में बिस्तर पर लेटा दिया, मैं खुद भी उसके साथ लेट गया और आराम करने लगा.

जस्सी बोली- रेशु.. तुमने तो आज जान ही निकाल दी.. पर आज बहुत मजा आया.. एक बात है.. मेरे पति का लंड तुम्हारे लंड से बड़ा है.. पर मजा तुम्हारे लंड से आ रहा है.
मैंने कहा- लंड छोटा हो या बड़ा.. चुदाई करना ऐसे आना चाहिए कि जिसको भी चोदो.. वो हमेशा लण्ड को याद रखे.

इतने में जस्सी बोली- यार मेरा पति तो कुछ करता ही नहीं था.. वो तो सीधे ही चूत मेंलंड डालता और 10 मिनट चोदता.. फिर सो जाता.. मुझे बिल्कुल भी मजा नहीं आता.. पर तुमने तो आज ऐसी चुदाई की मेरी.. कि मजा आ गया. पहले ऐसा मजा और ऐसी चुदाई.. ऊऊफ़्फ़्फ़्.. कभी नहीं हुई मेरी.. सही में मजा आ गया.

मैंने कहा- अभी तो खेल चालू हुआ है जान.. अभी पूरी फ़िल्म बाकी है.. मेरी जान देखती जाओ..

Reply
03-02-2021, 02:41 PM,
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 115

मैंने कहा- अभी तो खेल चालू हुआ है जान.. अभी पूरी फ़िल्म बाकी है.. मेरी जान देखती जाओ..
फिर जस्सी बोली- यार.. भूख लग रही है..
मैंने भी कहा- हाँ.. कुछ खिलाओ..

जस्सी ने ऑमलेट बनाया और ऑमलेट खाने के बाद फिर से जस्सी को चोदा.
उस रात मैंने जस्सी को 3 बार चोदा, अब तो हमारी उठने की भी हालत नहीं रह गई थी.
फिर भी जैसे-तैसे करके करीब 6 बजे मैं अपने कमरे में आकर सो गया.
करीब 8 बजे मौसी ने दरवाजे की घंटी बजाई.. तो मैं उठा और बोला- मौसी मुझे अभी और सोना है.
तो मौसी बोलीं- कोई बात नहीं.. सो जा.
और मैं फिर से सो गया.

उस दिन 12 बजे तक जस्सी आई और बोली- अभी तक सो रहे हो मेरे रेशु बेबी.
मैंने कहा- हाँ तुम भी आ जाओ..
और मैंने उसको अपने बिस्तर पर खींच लिया और चुम्बन करने लगा.
बस 5 मिनट चुम्बन करने के बाद जस्सी बोली- चलो जल्दी से नहा लो.. आज मैंने तुम्हारे लिए ख़ास खाना बनाया है.

अब आगे..

मैंने जस्सी से बोला- मेरे साथ नहा लो न बेबी.
जस्सी बोली- नहीं.. अभी तो नहाई हूँ.. तुम ही नहा लो.
फिर मैं बिस्तर से उठा और जस्सी को बोला- उधर देखो..

जैसे ही जस्सी पीछे देखने लगी.. मैंने जस्सी को पीछे से पकड़ लिया और मेरा लंड अब जस्सी की गाण्ड से कपड़ों के ऊपर से ही उसकी चूत में जाने को बेताब होने लगा था.
इतने में जस्सी बोली- बेबी तुम न बहुत शरारती हो.. प्लीज़ छोड़ो न..

अब मैं उसको गोद में उठा कर उसके कमरे में ही ले गया. मैं उसे सीधा बाथरूम में ले गया और जोर-जोर से उसकी गर्दन और कान को चुम्बन करने लगा.
मैंने जस्सी की होंठों पर चुम्बन किया.. वो अब एकदम से मस्त हो गई थी, जस्सी बोली- बेबी जो करना है.. जल्दी करो.. मुझे दूसरे घर पर जाना है.

मैंने उसके सारे कपड़े और ब्रा-पैंटी दोनों ही उतार दिए और शावर चालू किया और आगे से ही उसकी चूत को सहलाने लगा.. जस्सी भी मस्त होने लगी.

अब मैंने देर न करते हुए जस्सी को नीचे बिठा कर अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया और मुँह को जोर-जोर से चोदने लगा. करीब 5 मिनट ऐसे ही करता रहा, मेरा लंड बहुत ज्यादा कड़क हो गया था, मैंने जस्सी को घोड़ी बना दिया.
जैसे ही जस्सी घोड़ी बनी.. मैंने जस्सी की चूत पर लंड को रख कर एक जोरदार झटका मार दिया.

जस्सी- आआह्ह्ह्ह्ह्.. रेशु.. आराम से करो न..
मैंने फिर से हल्का सा लंड बाहर निकाला और फिर से उसकी चूत में जोर के धक्के के साथ अपना आधा लंड डाल दिया.
जस्सी- ऊह्ह्ह्ह् आअह्ह्ह्ह.. रेशु जान लोगे क्या.. बोला न आराम से करो..
मैंने कहा- ठीक है..

अब आधे से ज्यादा लंड जस्सी की चूत में था. अब मैं धीरे-धीरे उसकी चूत में लंड को अन्दर-बाहर करने लगा और जस्सी भी मस्ती के मारे सिसकारियाँ लेने लगी थी ‘ओओह्ह्ह आजह्ह्ह्ह.. उह्ह्ह्म्मम.. ह्ह्हू.. ऊओक्क्..’

मैंने अपनी स्पीड थोड़ी और तेज कर दी और जोर-जोर से जस्सी की चूत की चुदाई करना जारी रखा. करीब 5 मिनट बाद मैंने अपनी स्पीड फुल कर दी और अब तो जस्सी की चीखें भी निकलने लगीं ‘ऊऊओहह्ह्.. अह्हह्.. म्म्ह्ह्ह्हआस.. म्मम्म.. ह्ह्ह्ह्ह्.. स्सस्स ओह्ह रेशु!’

मैंने उसकी चीखों को अनसुना करते हुए अपनी स्पीड तेज ही रखी और जस्सी की जोरदार चुदाई करे ही जा रहा था.
मैंने जस्सी के चूचों को चूसना शुरू क़र दिया.. जिससे जस्सी और भी मस्त होने लगी और सिसकारियाँ भरने लगी.

थोड़ी देर जस्सी के चूचों को चूसने के बाद मैंने जस्सी को दीवार की तरफ उसकी पीठ कर दी और मुँह अपनी तरफ कर लिया. अब मैंने अपना लंड आगे से ही उसकी चूत में डाल दिया.
जस्सी की चूत ज्यादा गीली थी.. तो अब लंड आराम से अन्दर-बाहर करने में कोई परेशानी नहीं हो रही थी.

अब मैं और जस्सी दोनों एक-दूसरे को चुम्बन कर रहे थे. साथ ही मैं एक हाथ उसकी पूरी बॉडी पर फेर रहा था.
मैंने धीरे-धीरे जस्सी की चुदाई करना चालू कर दी और जस्सी भी मेरा साथ दे रही थी.

कुछ देर बाद मैंने जस्सी को दुबारा घोड़ी बना कर जोर-जोर से उसकी चूत को चोदना स्टार्ट कर दिया, अब जस्सी भी मजे ले रही थी. फिर 5 मिनट बाद मैं जस्सी को और जोर-जोर से चोदने लगा था.. तो जस्सी भी बोली- हाँ.. जल्दी करो न बेबी..
मैंने फुल स्पीड में कोई 30 धक्के मारे ही होंगे कि जस्सी बोली- आह्ह.. मेरा तो हो गया.

मैंने जस्सी को नीचे बिठा दिया और लंड को उसके मुँह में डाल दिया.. तो जस्सी जोर-जोर से चूसने लगी.
मुझे लंड को चुसवाने में बहुत ही अच्छा लग रहा था..

कोई 5 मिनट में मुझे लगा कि मेरा पानी भी निकलने वाला है.. तो मैंने जस्सी का सर दोनों हाथों से पकड़ा और जोर-जोर से जस्सी के मुँह को चोदने लगा.
करीबन 30 से 40 धक्के मारने पर सारा माल जस्सी के मुँह में डाल दिया.

अब हम दोनों साथ में नहाए और फिर जस्सी ने अपने कपड़े पहने और मुझे खाना दिया. इसके बाद जैसे ही उसने दरवाजा खोला.. तो सामने देखा कि बारिश का मौसम हो गया था.

मैंने जस्सी से कहा- क्या छत पर जा सकते हैं?
तो जस्सी बोली- हाँ.. पर कोई जाता ही नहीं.
फिर मैंने कहा- कभी बारिश में सेक्स किया है?
तो जस्सी बोली- नहीं.
मैंने कहा- करोगी?
जस्सी बोली- ओके..
ठीक है और ये ऊपर जो ताला लगा हुआ है.. उसे खोल देना ओके!’
जस्सी- ओके.. तो मैं जाऊँ?
मैंने कहा- जाने देने का मन तो नहीं कर रहा.. वापस कब तक आओगी.
जस्सी बोली- शाम को 7 बजे तक..
मैंने कहा- ठीक है.. ये ऊपर का ताला खोल कर जाना और कुण्डी भी खोल देना..

अब उसने एक होंठों पर चुम्बन किया और जस्सी चली गई.

Reply
03-02-2021, 02:41 PM,
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 116

अब उसने एक होंठों पर चुम्बन किया और जस्सी चली गई.

मैं भी नीचे आ गया.. मौसी ने पूछा- कुछ खाओगे रेशु बेटा?
मैंने कहा- नहीं.. अभी नहीं.
मैं टीवी देखने लगा.. ऐसे ही बोर हो रहा था तो मैंने कहा- मैं ऊपर वाले कमरे में जा रहा हूँ.

जैसे ही मैं 4th फ्लोर पर पहुँचा.. नीलम भाभी मस्त माल बनी हुई अपने कमरे से निकल रही थीं.
नीलम भाभी ने लाल रंग की साड़ी पहनी हुई थी.. सच में क्या मस्त माल लग रही थीं.. मेरा मन तो किया कि नीलम भाभी को भी अभी कमरे में ले जाकर फुल चुदाई करूँ.

इतने में नीलम भाभी बोली- रेशु क्या हुआ.. बताओ तो कैसी लग रही हूँ?
मैंने कहा- बहुत ही सुन्दर और सेक्सी लग रही हो.
भाभी का 30-28-32 का फिगर भी बहुत मस्त था और वो वैसे भी गोरी-चिट्टी माल हैं.

मैंने कहा- भाभी कहाँ जा रही हो?
तो बोली- फ्रेंड के घर पार्टी है.. वहीं जा रही हूँ.
मैंने कहा- कब तक आओगी?
बोली- शाम 7 बजे तक आऊँगी.
मैंने कहा- ओके, ठीक है.
‘हम्म..’

मैंने कहा- भाभी आज तो बहुत सुन्दर लग रही हो और सेक्सी भी.. भैया आज देखेंगे तो देखते ही रह जायेंगे.
इतना सुनते ही नीलम का मुँह उतर गया.
मैंने कहा- क्या हुआ भाभी?
तो बोली- कुछ नहीं..
मैंने कहा- भाभी अगर आपके पास टाइम है.. तो आप मेरे कमरे में चलो.. आपसे भी बात हो जाएगी.
नीलम भाभी- बोली ठीक है चलो.

‘आइए..’
वो कहने लगी- एक शर्त पर चलूँगी.. अपने हाथों की कॉफ़ी बनाओगे.
मैंने कहा- आप भी साथ दोगी.
नीलम भाभी बोली- ओके ठीक है.

फिर हम मेरे कमरे में गए और मैं हाथ धोकर कॉफ़ी बनाने लगा.. तो नीलम भाभी बोली- दिखाओ.. मैं बनाती हूँ.
पर नीलम भाभी को देख कर मुझसे रहा नहीं जा रहा था..
नीलम भाभी बोली- रेशु कॉफ़ी कहाँ है?
मैंने कहा- भाभी रुको.. देता हूँ..

किचन में एक छोटी अलमारी बनी हुई थी.. तो अब मैं नीलम भाभी के पीछे ही खड़ा था और सामने की अलमारी खोली.. तो देखा कॉफ़ी थोड़ी अन्दर को रखी थी.

मैं हल्का सा ऊँचा उठा और मेरा लंड अब नीलम भाभी की गाण्ड से रगड़ खाने लगा था.

जैसे ही मैंने कॉफ़ी हाथ में ली.. तो कॉफ़ी का डिब्बा मेरे हाथ से छूट गया और नीचे गिरने लगा. मैं तो नीलम के पीछे ही था.. तो जैसे डब्बा नीचे गिरा.. मैंने पकड़ने के लिए आगे हाथ किया.. तो नीलम के चूचों को दबा दिया.

नीलम भाभी ने कुछ नहीं कहा.
मैंने फिर ‘सॉरी’ कहा.. तो नीलम बोली- कोई नहीं.
लेकिन उसके चेहरे से पता चल रहा था कि उसे ये बहुत अच्छा लगा.

थोड़ी देर में कॉफ़ी बनी और हम दोनों ही एक सोफे पर बैठ गए और नीलम ने अपना मुँह मेरी तरफ किया.
हम कॉफ़ी पी ही रहे थे… मैंने कहा- भाभी एक बात पूछू.. बुरा तो नहीं मानोगी?
नीलम ने कहा- नहीं.. पूछो क्या पूछना है?
फिर मैंने कहा- जब अभी हम आपके घर के सामने बात कर रहे थे.. तो मैंने बोला कि आज आप बहुत सुन्दर लग रही हो भैया देखते ही रह जाएंगे.. तो आप कुछ उदास हो गई थीं.. तो क्या बात है?

इतने में भाभी की आँखों से आंसू आने लगे.. मैं उठा और उनके आंसू पोंछने लगा.
मैंने कहा- रोओ मत.. बताओ क्या बात है?
फिर नीलम भाभी बोली- एक औरत अपने पति से क्या चाहती है कि उसका पति उसको जी भर के प्यार दे.. उसका ख्याल रखे और आपस में प्यार से रहे.. पर तेरे भैया तो ठीक से अब प्यार भी नहीं करते.. न ही बात करते हैं.

मैंने कहा- यार ये तो बहुत गलत है.
‘क्या करूँ.. कुछ समझ नहीं आता है.’

फिर कुछ देर उनसे बातचीत होती रही और वे अपने पति के बार में अपना दुखड़ा रोती रहीं.
मैंने कहा- आपको तो पार्टी में जाना है ना.. देखो 3 बज गए.
नीलम भाभी उठते हुए बोली- रेशु.. तुम बहुत अच्छे हो.. और थैंक यू.. तुमसे बात करके मेरा दिल हल्का हो गया है.
मैंने कहा- देखो भाभी आपको कभी कोई भी बात जो आपको परेशान करे.. तो आप कभी भी मुझसे बात कर सकती हो.

भाभी ने हँसते हुए मुझे अपना नंबर दिया.

मैंने कहा- आप ना हँसते हुए बहुत ही क्यूट लगती हो.
फिर भाभी बोली- अच्छा अब चलती हूँ.
मैंने कहा- ओके!

जब वो जा रही थी.. तो पीछे से उसकी मटकती गाण्ड देख कर मेरा मन ख़राब हो रहा था.

Reply
03-02-2021, 02:41 PM,
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 117

अब मैंने भी कुछ देर आराम किया और 6 बजे नीचे पार्क में चला गया. आसमान में देखा तो काले-काले बादल हुए छाए हुए थे और हवा बहुत अच्छी चल रही थी. पार्क में बहुत भाभियाँ और लड़कियाँ थीं.

मैं जाकर एक बेंच पर बैठ गया और वहाँ बच्चों को खेलता हुआ देख रहा था. इतने में एक बहुत सुन्दर सी लड़की आई उसने उस टाइम कैपरी और टॉप पहना हुआ था.. वो एकदम गोरी थी. उसका फिगर भी 28-26-30 होगा.

वो मेरे पास आई और बोली- तुम ही रेशु हो न.. वो आपको जस्सी भाभी वहाँ पर बुला रही हैं.
मैंने उस लड़की से उसका नाम पूछा.. तो उसमे बोला- मेरा नाम प्रिया है.
अब मैं जस्सी भाभी को ही देखता हुआ आ रहा था.. तो जस्सी भाभी बोली- इनसे मिलो ये है रेशु.. ये अंजलि का देवर है.

जस्सी बोली- रेशु, ये सब भी आपकी भाभी हैं.
मैंने सबको ‘हैलो’ किया और मैंने देखा कि प्रिया मुझे देख कर स्माइल कर रही थी.

करीब 7 बजे तक हम सब वहीं रहे और मैंने सबको हँसा-हँसा कर पेट में दर्द कर दिया.. तो सब भाभियां बोलीं- रेशु कल भी आना ओके.
मैंने कहा- ठीक है.

अब सब अपने घर जाने लगे.. जैसे ही जस्सी और मैं सीढ़ी पर चढ़ने लगे.. तो नीलम भाभी बोली- जरा मेरे लिए तो रुको..
अब हम तीनों साथ में ही बात करते ऊपर चले गए और सीधा 5th फ्लोर पर रुके.

नीलम भाभी बोली- आज मेरे पति तो घर नहीं आएंगे.. तो आज कुछ बाहर से ही मंगा लेते हैं और यार आज मैं तेरे साथ सोऊँगी.. तुझे कोई परेशानी तो नहीं है ना?
तो जस्सी बोली- नहीं कोई परेशानी नहीं है.

जस्सी मुझे देखने लगी.
तो मैंने कहा- यार मन तो मेरा भी है.. पर मौसी से क्या बोलूंगा.
जस्सी बोली- तुम अपना खाना ऊपर ले आना ओके.. और तुम न अभी चले जाओ मौसी के पास और खाना लेकर आ जाओ.. जब तक हम होटल से खाना ऑडर कर देते हैं.
मैंने कहा- ओके.. मैं लेकर नहीं आऊंगा खाकर ही आता हूँ ओके.

मैं नीचे मौसी के पास गया और बोला- मुझे जल्दी से खाना दे दीजिये.

मैंने थोड़ा सा खाना खाया और फिर जल्दी से ऊपर जस्सी के पास आ गया.

जस्सी और नीलम दोनों ही खाने का वेट कर रही थीं.. इतने में नीलम के फ़ोन पर कॉल आई.. तो डिलिवरी बॉय था.

डिलिवरी बॉय ने पूछा- किस फ्लोर पर लाना है?
तो नीलम बोली- 4 th फ्लोर पर..

नीलम खाना लेने नीचे गई.. तो मैं जस्सी से बोला- जान अगर नीलम भाभी होगी तो कोई प्रॉब्लम तो नहीं है आपको?
जस्सी बोली- नहीं, कोई प्रॉब्लम नहीं है.

इतने में अचानक जोर-जोर से बारिश बारिश होने लगी तो मैंने जस्सी का हाथ पकड़ कर उसके पीछे खड़ा होकर उसकी कमर पर हाथ से सहलाते हुए बोला- बेबी, आज तो बारिश भी हमारे साथ है.
जस्सी बोली- मुझे भी ये ही लग रहा है.

इतने में नीलम आ गई.. हम दोनों अलग हो गए थे.. पर शायद नीलम ने हम दोनों को देख लिया था.
अब नीलम बोली- चलो यार बहुत भूख लगी है.
दोनों भाभियां अपनी ड्रेस चेंज करने चली गईं और पहले तो नीलम भाभी आई.

क्या सेक्सी लग रही थी यार.. नीले रंग की नाईट ड्रेस पहनी हुई थी.
मैंने भाभी को बोला- भाभी आज रात मुझे कुछ करने का मन है क्या?
तो नीलम बोली- चल हट शरारती.

इतने में फिर नीलम बोली- अच्छा अगर मौक़ा मिले तो क्या-क्या करेगा?
मैंने कहा- एक बार मौका दो, तो मेरा ही नाम जपोगी.
बोली- ऐसी बात है.. चल जिस दिन मन हुआ तो तुझे भी एक मौका दूंगी.
इतने में जस्सी आई और बोली- किस मौके की बात हो रही है.

पहले तो मैं जस्सी को ही देखता रह गया जस्सी ने लाल रंग की नाईट ड्रेस पहनी हुई थी.. क्या मस्त माल लग रही थी.
मैंने बहुत मुश्किल से अपने लंड पर काबू किया था.
मैं बोला- भाभी.. नीलम भाभी बोली.. अगर मुझे रात में इनके साथ सोने को मिलेगा तो कुछ कर नहीं पाऊँगा..
तो जस्सी हँसने लगी.

नीलम हम दोनों को ही देख रही थी क्योंकि हम दोनों ही एक-दूसरे को देख रहे थे.
जस्सी ने कहा- अगर तुझे देखना ही है तो एक मौका दे दे इसे.
तो नीलम शर्मा गई.. बोली- अभी नहीं.

अब हम तीनों ने खाना खाया और अब मैंने कहा- नीलम भाभी एक कॉफ़ी मिलेगी क्या?
तो बोली- क्यों नहीं.
नीलम बोली- पर एक शर्त पर.. तुम मेरा साथ दोगे.
मैंने कहा- क्यों नहीं..

फिर हम दोनों किचन में गए और फिर मैंने सामने देखा कि कॉफ़ी नहीं है.
मैंने पूछा- कहाँ है?

तो उसने सामने अलमारी की तरफ इशारा किया. मैंने अलमारी खोली तो देखा.. कॉफ़ी वहीं पर रखी है.
मैंने कहा- भाभी अब हट जाओ.. नहीं तो फिर से कुछ दब जाएगा.
तो नीलम बोली- दब जाने दो.. मुझे डर नहीं है.

यह किस्सा था जस्सी दि ग्रेट चुदक्कड़ पंजाबन माल का.

दोस्तो, आपको अपनी दिल की बात बता दूँ कि मुझे भाभी को चोदने का बहुत मन होता है.. और भाभियाँ बहुत पसंद भी हैं.

आगे अगली रातों में मैंने फिर से नीलम और जस्सी की चुदाई की.. वो कैसे हुई.वह आगे लिखूंगा
Reply
03-02-2021, 02:42 PM,
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 117

अब मैंने भी कुछ देर आराम किया और 6 बजे नीचे पार्क में चला गया. आसमान में देखा तो काले-काले बादल हुए छाए हुए थे और हवा बहुत अच्छी चल रही थी. पार्क में बहुत भाभियाँ और लड़कियाँ थीं.

मैं जाकर एक बेंच पर बैठ गया और वहाँ बच्चों को खेलता हुआ देख रहा था. इतने में एक बहुत सुन्दर सी लड़की आई उसने उस टाइम कैपरी और टॉप पहना हुआ था.. वो एकदम गोरी थी. उसका फिगर भी 28-26-30 होगा.

वो मेरे पास आई और बोली- तुम ही रेशु हो न.. वो आपको जस्सी भाभी वहाँ पर बुला रही हैं.
मैंने उस लड़की से उसका नाम पूछा.. तो उसमे बोला- मेरा नाम प्रिया है.
अब मैं जस्सी भाभी को ही देखता हुआ आ रहा था.. तो जस्सी भाभी बोली- इनसे मिलो ये है रेशु.. ये अंजलि का देवर है.

जस्सी बोली- रेशु, ये सब भी आपकी भाभी हैं.
मैंने सबको ‘हैलो’ किया और मैंने देखा कि प्रिया मुझे देख कर स्माइल कर रही थी.

करीब 7 बजे तक हम सब वहीं रहे और मैंने सबको हँसा-हँसा कर पेट में दर्द कर दिया.. तो सब भाभियां बोलीं- रेशु कल भी आना ओके.
मैंने कहा- ठीक है.

अब सब अपने घर जाने लगे.. जैसे ही जस्सी और मैं सीढ़ी पर चढ़ने लगे.. तो नीलम भाभी बोली- जरा मेरे लिए तो रुको..
अब हम तीनों साथ में ही बात करते ऊपर चले गए और सीधा 5th फ्लोर पर रुके.

नीलम भाभी बोली- आज मेरे पति तो घर नहीं आएंगे.. तो आज कुछ बाहर से ही मंगा लेते हैं और यार आज मैं तेरे साथ सोऊँगी.. तुझे कोई परेशानी तो नहीं है ना?
तो जस्सी बोली- नहीं कोई परेशानी नहीं है.

जस्सी मुझे देखने लगी.
तो मैंने कहा- यार मन तो मेरा भी है.. पर मौसी से क्या बोलूंगा.
जस्सी बोली- तुम अपना खाना ऊपर ले आना ओके.. और तुम न अभी चले जाओ मौसी के पास और खाना लेकर आ जाओ.. जब तक हम होटल से खाना ऑडर कर देते हैं.
मैंने कहा- ओके.. मैं लेकर नहीं आऊंगा खाकर ही आता हूँ ओके.

मैं नीचे मौसी के पास गया और बोला- मुझे जल्दी से खाना दे दीजिये.

मैंने थोड़ा सा खाना खाया और फिर जल्दी से ऊपर जस्सी के पास आ गया.

जस्सी और नीलम दोनों ही खाने का वेट कर रही थीं.. इतने में नीलम के फ़ोन पर कॉल आई.. तो डिलिवरी बॉय था.

डिलिवरी बॉय ने पूछा- किस फ्लोर पर लाना है?
तो नीलम बोली- 4 th फ्लोर पर..

नीलम खाना लेने नीचे गई.. तो मैं जस्सी से बोला- जान अगर नीलम भाभी होगी तो कोई प्रॉब्लम तो नहीं है आपको?
जस्सी बोली- नहीं, कोई प्रॉब्लम नहीं है.

इतने में अचानक जोर-जोर से बारिश बारिश होने लगी तो मैंने जस्सी का हाथ पकड़ कर उसके पीछे खड़ा होकर उसकी कमर पर हाथ से सहलाते हुए बोला- बेबी, आज तो बारिश भी हमारे साथ है.
जस्सी बोली- मुझे भी ये ही लग रहा है.

इतने में नीलम आ गई.. हम दोनों अलग हो गए थे.. पर शायद नीलम ने हम दोनों को देख लिया था.
अब नीलम बोली- चलो यार बहुत भूख लगी है.
दोनों भाभियां अपनी ड्रेस चेंज करने चली गईं और पहले तो नीलम भाभी आई.

क्या सेक्सी लग रही थी यार.. नीले रंग की नाईट ड्रेस पहनी हुई थी.
मैंने भाभी को बोला- भाभी आज रात मुझे कुछ करने का मन है क्या?
तो नीलम बोली- चल हट शरारती.

इतने में फिर नीलम बोली- अच्छा अगर मौक़ा मिले तो क्या-क्या करेगा?
मैंने कहा- एक बार मौका दो, तो मेरा ही नाम जपोगी.
बोली- ऐसी बात है.. चल जिस दिन मन हुआ तो तुझे भी एक मौका दूंगी.
इतने में जस्सी आई और बोली- किस मौके की बात हो रही है.

पहले तो मैं जस्सी को ही देखता रह गया जस्सी ने लाल रंग की नाईट ड्रेस पहनी हुई थी.. क्या मस्त माल लग रही थी.
मैंने बहुत मुश्किल से अपने लंड पर काबू किया था.
मैं बोला- भाभी.. नीलम भाभी बोली.. अगर मुझे रात में इनके साथ सोने को मिलेगा तो कुछ कर नहीं पाऊँगा..
तो जस्सी हँसने लगी.

नीलम हम दोनों को ही देख रही थी क्योंकि हम दोनों ही एक-दूसरे को देख रहे थे.
जस्सी ने कहा- अगर तुझे देखना ही है तो एक मौका दे दे इसे.
तो नीलम शर्मा गई.. बोली- अभी नहीं.

अब हम तीनों ने खाना खाया और अब मैंने कहा- नीलम भाभी एक कॉफ़ी मिलेगी क्या?
तो बोली- क्यों नहीं.
नीलम बोली- पर एक शर्त पर.. तुम मेरा साथ दोगे.
मैंने कहा- क्यों नहीं..

फिर हम दोनों किचन में गए और फिर मैंने सामने देखा कि कॉफ़ी नहीं है.
मैंने पूछा- कहाँ है?

तो उसने सामने अलमारी की तरफ इशारा किया. मैंने अलमारी खोली तो देखा.. कॉफ़ी वहीं पर रखी है.
मैंने कहा- भाभी अब हट जाओ.. नहीं तो फिर से कुछ दब जाएगा.
तो नीलम बोली- दब जाने दो.. मुझे डर नहीं है.

Reply
03-02-2021, 03:04 PM,
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 118
अब तक आपने पढ़ा..

मैंने बिल्डिंग में रहने वाली जस्सी भाभी को चोद लिया था. अब उनकी एक सहेली नीलम के ऊपर मेरा दिल आ गया था और मैं नीलम भाभी को पटाने में लगा था.

अभी मैं उनके साथ मैं रसोई में था.
मैंने कहा- भाभी अब आप हट जाओ.. नहीं तो फिर से कुछ दब जाएगा.
तो नीलम बोली- दब जाने दो.. मुझे डर नहीं है.

अब आगे..

मैंने मन में सोचा कहीं ये भाभी सच में तो मुझे ऑफर तो नहीं दे रही हैं.
एक बार फिर से मैंने कहा- नीलम भाभी हट जाओ.. कॉफ़ी मैं निकाल देता हूँ.
नीलम ने कहा- ठीक है उतारो.

जब मैं कॉफ़ी के डिब्बे को उतार रहा था.. तो नीलम भाभी के हाथ पर मेरा लण्ड टच हो रहा था.

अब मैं भाभी से थोड़ा सा मजाक करने लगा- आजकल भैया आपका ख्याल तो रखते हैं न?
तो नीलम भाभी थोड़ा उदास सी हो गईं.

फिर मैंने उनके उदास होते चेहरे को देखा तो बात को पलट दिया और बोला- भाभी आप बहुत मस्त कॉफ़ी बनाती हो.
नीलम हँस कर बोलीं- क्या सच में?
मैंने कहा- हाँ जी सच में..

वो खुश हो गईं.

फिर मैंने कहा- भाभी.. जब आप मेरे कमरे में आई थीं.. तो कुछ बात बाकी रह गई थी.. उसे कब पूरा करोगी?
नीलम भाभी बोलीं- फिर कभी.. जब फ्री होंगे तब.. ओके.
मैंने भी कहा- चलो ठीक है.

तब तक कॉफ़ी बन चुकी थी और हम दोनों ही जैसे ही जस्सी के पास आए.. तो जस्सी भाभी बोल पड़ीं- दोनों भाभी देवर क्या कर रहे थे रसोई में.. कहीं ‘वो’ तो नहीं कर रहे थे.

मैंने देखा कि नीलम भाभी का चेहरा शर्म से लाल टमाटर सा हो गया था. फिर मैंने मन में सोचा कि ये माल भी जल्दी ही अपने नीचे होगा.
फिर हम सबने कॉफ़ी पी.

नीलम बोली- यार तुम तो सोओगे नहीं.. पर मुझे तो बहुत नींद आ रही है.. मैं तो चली सोने.

इतना कह कर नीलम भाभी जस्सी के कमरे में चली गईं और अब हम दोनों ही बात करने लगे.
इतने में मैं बोला- जानेमन.. आज का क्या प्रोग्राम है?

तो जस्सी बोली- तुम बताओ क्या करें?
‘नहीं आप बताओ?’
जस्सी बोली- यार आज नई जगह पर कुछ नया करने का मन है.

तो मैंने कहा- जान.. छत पर करें.. आज तो बारिश का मौसम भी है और बारिश में सेक्स करने से कुछ अलग ही मजा मिलता है.. बोलो?

जस्सी कुछ देर सोचने लगी और बोली- बात तो तुम ठीक ही कह रहे हो.. चलो ऊपर ही चलते हैं.. पर नीलम का क्या किया जाए.. आज तो वो भी है?

मैं बोला- कुछ नहीं होगा.. एक काम करो.. आप न नीलम को बोलो कि आज हम दोनों का छत पर ही सोने का प्लान बना है.. तो क्या वो भी चलेगी.. वो पक्के में मना कर देगी और बस हम दोनों छत पर मजा करते हैं.

जस्सी बोली- ओके.. पर छत पर कोई देखेगा तो नहीं न?
मैं बोला- क्या अपार्टमेंट वालों को कभी छत पर देखा है?
जस्सी बोली- नहीं यार उनके पास इतना टाइम ही कहाँ है.
मैं बोला- फिर बेफिक्र रहो.

अब मैंने सीड़ियों जा कर छत का दरवाजा खोल दिया और फिर छत पर चारों ओर देखने लगा.. तो देखा कि ऐसी कोई दिक्कत वाली कोई बात तो नहीं थी.

फिर मैंने देखा एक तरफ टंकी रखी हुई थी और टंकी में ही एक नल भी लगा था मैंने उसे खोल कर देखा उसमें पानी आ रहा था.

मैंने देखा कि छत तो बड़ी थी और साफ़ भी थी.. फिर मैं नीचे अपने कमरे से एक गद्दा लेकर आया. आज मेरा मन तो जस्सी की गाण्ड मारने का था.. तो मैंने अपने कमरे से वैसलीन की छोटी डिब्बी.. ये सोचते हुए ले ली कि मौका मिलेगा तो जस्सी की गाण्ड भी बजा लूँगा
सब सामान छत पर लेकर आया. मैंने बिस्तर को छत में साफ़ जगह पर बिछा दिया. ऊपर देखा तो आज ऊपर वाला भी मेरे साथ था. बारिश का फुल मौसम हुआ पड़ा था और ठंडी हवा चल रही थी.

कुछ समय ही हुआ होगा कि जस्सी ऊपर आई और बोली- रास्ता साफ़ है.. नीलम नहीं आएगी.. वो मेरे कमरे में ही सो गई है.
मैंने कहा- ठीक है.. पर जान एक काम करना होगा आपको.
जस्सी बोली- क्या करना है?

मैं बोला- ज्यादा कुछ नहीं.. बस जो आपको बर्थडे पर शॉर्ट्स दिया था न.. जल्दी से वो पहन कर आओ.
जस्सी बोली- क्यों?
मैंने कहा- आपको देखना है बस.
जस्सी बोली- ठीक है.. मैं आती हूँ

Reply
03-02-2021, 03:05 PM,
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 119

फिर मैं छत पर ही जस्सी का इन्तजार करने लगा और छत के चारों तरफ देखा तो कुछ भी नहीं था और छत पर रहते हुए और ये सब माहौल देखते हुए मुझे छोटी चाची की कुछ याद आई कि उस टाइम भी यही माहौल था.

फिर कुछ देर में जस्सी भी आ गई और उसको देखते ही मेरे होश उड़ गए. क्या मस्त माल लग रही थी यार.. पूरी प्रियंका चोपड़ा की तरह लग रही थी. उसका फिगर भी स्लिम था.. गहरी लिपस्टिक भी लगा रखी थी.. मांग में सिंदूर.. आँखों में काजल और सबसे बहकाने वाली चीज थी उसकी पतली सी कमर.. जो साफ़ दिख रही थी.

उसकी गोरी-गोरी टांगें.. ऊऊऊऊऊ.. दोस्तों.. चुदाई करने को पंजाबी भाभी मिल जाए.. तो जन्नत का ही मजा आता है.

फिर मैंने देर न करते हुए झट से जस्सी को अपनी बाँहों में ले लिया और उसके प्यारे और कोमल होंठों का रसपान करने लगा.

यारों जस्सी के होंठों को जब भी चुम्बन करता हूँ तो मुझे ऐसा लगता है कि पहली ही बार चुम्बन किया है.. इससे मेरी इच्छा जस्सी को चोदने की और भी ज्यादा हो जाती थी.
सच में जस्सी कल खूबसूरती की जितनी भी तारीफ करो.. वो कम है.. वो माल ही ऐसा है.

अब मैं जस्सी की कमर पर अपने हाथों को प्यार से सहलाने लगा.. जस्सी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. मैं अब जस्सी के पूरे बदन को अपने हाथ से सहला रहा था और उसके होंठों का रसपान भी करता जा रहा था.

आज तो मुझमें और भी जोश आ गया था.. ऐसा लग रहा था कि जस्सी के होंठों को चूमने के साथ ही उसके होंठों को चूसता ही रहूँ. मैं उसके होंठों को बीच में काट भी लेता था.. जिससे तड़फ कर वो मुझे भी काट लेती.

अब मैं जस्सी की गर्दन पर जोर-जोर से चूमने लगा और जस्सी अब गर्म होने लगी, अब जस्सी का हाथ मेरे लोअर पर आया और मेरे लण्ड को जस्सी अब लोअर के बाहर से ही सहलाने लगी थी.
इधर मैं जस्सी को बिना रुके उसकी गर्दन गाल और कान के पीछे पूरे चेहरे से गर्दन तक खूब जोर-जोर से चूस रहा था.

अब जस्सी की सिसकारियाँ शुरू हो गई थीं ‘ह्ह्ह्हम्मम्म.. ऊऊह.. भहह्ह्.. आह्ह्ह्ह.. ओऊ..’
इससे पता चल रहा था कि जस्सी अब गर्म हो रही है.

मैं जस्सी के टॉप के अन्दर हाथ डाल कर उसके चूचों को सहला रहा था और साथ ही साथ पेट को भी.. और उसकी नाभि में उंगली को प्यार से घुमा रहा था.. जिससे जस्सी और भी चुदासी हो गई और उसकी सिसकारियाँ और भी तेज हो गई थीं.

जस्सी ने मेरी टी-शर्ट को उतार दिया और मैंने भी उसकी टॉप को उतार दिया.
उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी.. जस्सी के चूचे बहुत ही मस्त गोरे और गोल-गोल थे.. जैसे वो मुझे आपने पास खींच रहे हों.. और मैं उसके चूचों के पास खिंचता जा रहा हूँ.

मैंने भी देर न की.. और जस्सी के चूचों को अपने दोनों हाथों से दबाने लगा. फिर एक को चूसने लगा और दूसरे को एक हाथ से दबा रहा था.

ये सब करने से जस्सी और जंगली हो उठी और उसकी सिसकारियाँ और भी तेज हो गई थीं.
हम दोनों को किसी बात का डर तो था नहीं कि किसी को आवाज सुनाई दे.. तो हम दोनों ही बिंदास एक-दूसरे को प्यार कर रहे थे.

मेरा लण्ड तो अभी से ही जस्सी की चूत में जाने के लिए बेकाबू हो गया था. जस्सी भी मेरे लण्ड को सहला रही थी और उसने मेरे लोअर को थोड़ा सा नीचे भी कर दिया था.

मैंने भी नीचे अंडरवियर नहीं पहनी थी.. तो जस्सी सीधा मेरे लण्ड को अपने हाथ में लेकर सहलाने लगी थी. मेरे लण्ड पर उसका हाथ लगने से मुझे और भी बहुत अच्छा लग रहा था और लौड़ा बहुत टाइट भी हो गया था.

हम दोनों ने एक-दूसरे के सारे कपड़े निकाल दिए.

बॉस.. जब मैंने जस्सी को फिर से बिना कपड़ों के देखा तो ऐसा लग रहा था कि कोई परी बिना कपड़ों के मेरे सामने है. मुझसे रहा नहीं गया.. मैं एक बार फिर से उसके गोरे-चिट्टे बदन को देखता ही रह गया. जब मुझे होश आया तो उससे एकदम से चिपक गया और कसके उसे अपनी बाँहों में दबा लिया.. जिससे जस्सी की चूत पर मेरा लण्ड रगड़ रहा था.

मैंने अब देर नहीं की और जस्सी को गोद में लेकर गद्दे पर उसको पीठ के बल लेटा दिया. उसके पूरे बदन पर जोर-जोर से चुंबनों की बारिश कर दी.. जिससे जस्सी चूत चुदाने के लिए तैयार हो गई. मैं कभी उसके पेट को चूमता.. तो कभी उसके चूचों को.. तो कभी उसकी जाँघों को चूमता. जब मैं उसकी जाँघों को अपने होंठों से चूमता हुआ उसकी चूत के पास जाता.. तो जस्सी की सिसकारियाँ और भी तेज हो जातीं.

इतने में जस्सी बोली- यार क्या हो तुम.. सच में अगर किसी लड़की का सेक्स करने का मन भी नहीं होगा.. तो तुम उसको भी अपने इस प्यार के जादू से अपने वश में कर लोगे.
मैंने कहा- ऐसा कुछ नहीं है.. मुझे तो बस प्यार करना आता है.
‘आह्ह.. सच में तुम बहुत प्यारे हो..’

मैंने कहा- एक बात बताओगी.. अगर मुझे तुम्हारे यहाँ और किसी भाभी के साथ सेक्स करना हो.. तो तुमको कोई दिक्कत तो नहीं है.. साथ ही मुझे कुछ तुम्हारी मदद भी चाहिए हो?
जस्सी बोली- तुमको जो करना है करो.. मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता.. पर मेरी भी एक शर्त है.
मैंने कहा- शर्त.. ठीक है बोलो जी क्या शर्त है?
जस्सी बोली- तुमको जिसको भी प्यार करना है.. या सेक्स करना है.. करो.. मैं मदद करूँगी.. पर इस बीच मुझे मत भूलना.
मैंने कहा- ओओओह.. मैं एक बात तुमको भी बता दूँ.. तुम्हारा ख्याल तो सबसे पहले ही रखूँगा मेरी जान.
दोस्तो, जस्सी अब मेरे काबू में थी और मुझे उम्मीद थी कि नीलम की चूत भी आसानी चोद लूँगा तब भी ये कोई ऐतराज नहीं करेगी.
देखते हैं आगे क्या होता है.

Reply
03-02-2021, 03:05 PM,
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 120

मैं चाची के कहने पर अपनी मौसी के घर गया था उनकी बिल्डिंग में रहने वाली जस्सी भाभी से मेरी आँखें लड़ गई थीं और मैं उनको चोद कर उनकी जवानी का मजा लेने लगा था.

उनकी एक सहेली नीलम भाभी भी मुझको पसंद आ गई थीं और साथ में एक भाभी प्रिया भी दिलकश माल थीं. इसमें से एक दिन बारिश की रात में मैं छत पर जस्सी को चोद रहा था.. तभी मैंने देख लिया था कि नीलम भाभी हम दोनों की चुदाई देख रही हैं. मुझे समझ आ गया था कि अब नीलम की चूत मुझसे दूर नहीं है.

अब आगे..

जस्सी की चुदाई करने के बाद जस्सी और मैं नीचे चले गए. मैंने नीलम को देखा था.. वो नाटक कर रही थी.. पर सेक्सी बहुत लग रही थी.
फिलहाल मैं भी बहुत थक गया था तो मैं भी अपने कमरे में जाकर सो गया.

सुबह 8 बजे दरवाजे की घन्टी बजी तो देखा मौसी थीं- अभी तक सो रहे हो.. चलो नीचे आओ!
वे इतना बोल कर नीचे चली गईं.

मौसी के जाते ही जस्सी घर में आ गई.. और मेरे गले लग कर मुझे चुम्बन करने लगी.
वो बोली- थैंक्स.. तुम बहुत अच्छे हो रेशु.. सच में यार रात में बहुत मजा आया.

मैंने भी कहा- चलो.. तो फिर से मजे ले लेते हैं.
जस्सी बोली- नहीं.. अभी मुझे कुछ काम से जाना है.. सॉरी बेबी.. आज भी सेक्स करने का मन है.. और रात को भी था.. पर काम है.. तो जाना ही होगा.

इतने में मैं बोला- क्या तुम आज रात को भी नहीं होगी?
जस्सी बोली- नहीं यार.. कुछ जरूरी काम है.
‘फिर मेरा क्या होगा?’

जस्सी बोली- अभी तुम मुझे ये बताओ कि उस टाइम तुम किसका जिक्र कर रहे थे कि उसके साथ सेक्स करना है.
मैं बोला- मेरी हेल्प करोगी?
जस्सी बोली- ओके.. पर उसका नाम तो बताओ?
मैंने बोला- पहले तो नीलम भाभी और फिर एक और है..

जस्सी- ओए होए.. तो नीलम पर भी दिल आया हुआ है तुम्हारा?
मैंने कहा- ऐसा कुछ नहीं है यार.. जब तुम सामने होती हो.. तो कोई दिखता ही नहीं है.
फिर जस्सी बोली- दूसरी कौन है?
मैं बोला- प्रिया है.

जस्सी बोली- ओए होए.. प्रिया से भी करोगे?
मैंने कहा- हाँ.. यार वो भी तो बहुत मस्त माल है.. और मुझे आपकी हेल्प चाहिए.
‘ओके..’

मैंने कहा- आप नीलम से खुल कर बात करती हो.. तो उसको तो आप आराम से मना सकती हो.
इतने में जस्सी भाभी बोली- मैं भी तुमको नीलम के बारे में ही कुछ बात बताने आई हूँ.
मैंने कहा- बताओ क्या बात है?
जस्सी बोली- नीलम भी तुमसे सेक्स करना चाहती है.. पर वो शर्माती है और उसे डर है कि किसी को पता न चल जाए.. वो तो कब से तैयार है. उसने मुझे किचन वाली बात भी बताई थी.
मैंने कहा- थैंक यू जान!

फिर मैंने जस्सी को कुछ मिनट तक चुम्बन किए. सच में यार जस्सी के लब हैं ही इतने मस्त कि बस चूसने को ही मन करता है.

अब इतना कह कर जस्सी मुझसे गले लग कर और एक चुम्बन देकर चली गई और मैं भी अब नीचे आ गया.

शायद नीलम कुछ काम कर रही होगी.. मैं ये सोच कर उसके घर नहीं गया. सोचा बाद में जाऊंगा.. अभी उसका पति होगा.

मैंने नीचे जा कर नाश्ता किया और 12 बजे फिर से ऊपर वाले कमरे में जा कर आराम करने लगा.. क्योंकि जब से आया हूँ.. तो बस चुदाई ही कर रहा था. अब मुझे क्या पता कि मेरे लण्ड को अभी और बहुत सारा काम करना बाकी है.

मैं सोच रहा था कि अब नीलम की चुदाई का रास्ता बिल्कुल साफ़ है.

दो बजे करीब दरवाजे की घन्टी बजी, मैं कंप्यूटर पर मूवी देख रहा था, दरवाजा खोला तो नीलम भाभी थीं.
वो आज तो और भी मस्त माल लग रही थीं, सफ़ेद रंग का सूट पहना हुआ था.
आज तो नीलम भाभी ने भी क़यामत ही ला दी थी मैं बस नीलम भाभी को ही देखे जा रहा था.

इतने में नीलम- क्या हुआ देवर जी?
मैंने कहा- कुछ नहीं.. आज तो आपने अपने देवर के होश ही उड़ा दिए.
नीलम बोली- अच्छा जी.. ऐसा क्या हुआ?
मैंने कहा- हुआ तो नहीं.. पर मौका मिले तो बहुत कुछ हो सकता है.
नीलम शर्मा गई और बोली- क्या हो सकता है?
मैंने कहा- अन्दर तो आओ.. तभी बता सकता हूँ.

फिर नीलम आकर बिस्तर पर बैठ गई और हम दोनों ने कुछ देर बात की. पता चला कि अभी और दो दिन नीलम का पति घर पर नहीं आएगा.. और आज वो किसी रिश्तेदार के घर जा रही है.

मैंने नीलम भाभी को कुछ देर रोकने के लिए कॉफ़ी का बहाना किया और कहा- भाभी अभी टाइम है.. तो क्या आपके हाथों की कॉफ़ी मिलेगी.
नीलम बोली- हाँ क्यों नहीं.. अभी बनाती हूँ.
वो रसोई में चली गई.. मैंने कहा- भाभी जब तक मैं नहा लेता हूँ.
नीलम भाभी बोली- ओके.

मैं जानबूझ कर तौलिया नहीं ले गया और नहा लिया.

फिर मैंने जोर से आवाज दे कर कहा- भाभी में गलती से बिस्तर पर तौलिया भूल गया हूँ.. क्या मुझे आप तौलिया दे दोगी.
भाभी बोली- अभी देती हूँ.

Reply
03-02-2021, 03:05 PM,
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 121

फिर मैंने नीलम के कुरते के अन्दर हाथ डाल दिया और उसके चूचों को सहलाने लगा था.. कभी दबा भी देता था.

नीलम ने भी अब विरोध करना बंद कर दिया, वो ‘ह्ह्ह्ह.. ऊओह्ह्ह..’ कर रही थी.

मैंने भी कसके नीलम को पकड़ लिया और फिर उसके होंठों को अपने होंठों से दबा लिया और जोर-जोर से चूसने लगा. मैं एक हाथ नीलम की पीठ को सहला रहा था और दूसरे हाथ से उसके गोल-गोल चूचे दबा रहा था.

कुछेक मिनट तो उसको मैंने होंठों पर चुम्बन किया.. फिर मैंने नीलम के कुरते को उतार दिया और देखा कि उसने नीले रंग की ब्रा पहनी हुई है.
मैं एकदम से उसके गर्दन और सीने पर चुम्बन करने लगा.. नीलम सिसकारियाँ लेने लगी- ऊऊहह.. ऊह्ह..
नीलम ने अपना हाथ मेरे अंडरवियर में हाथ डाल दिया और मेरे लण्ड को निकाल लिया, वो मेरे लण्ड को आगे-पीछे करने लगी.
मैंने अब नीलम की पजामी को भी नीचे कर दिया. नीचे देखा तो भाभी ने लाल रंग की पैंटी पहनी हुई थी उनकी गाण्ड एकदम गोरी-चिट्टी थी.

मैंने नीलम भाभी का चेहरा देखा तो नीलम मुझे देख कर शर्मा रही थी. मैं कामातुर होकर उसके होंठों को कभी-कभी काट लेता.. तो वो छटपटाने लगती.
नीलम बोली- हनी जो भी करना है.. जल्दी करो.. मुझे देर हो रही है.
मैंने जल्दी से भाभी को नीचे घुटने के बल बैठा दिया और लण्ड को नीलम को चूसने को कहा.. तो वो मना करने लगी.
फिर कुछ देर मैंने नीलम को मनाया, नीलम ने मेरे लण्ड को जैसे ही पकड़ा मेरा लण्ड तो उसकी चूत की आस में एकदम टाइट हो गया.
मैंने नीलम भाभी को फिर से लण्ड को चूसने को कहा.. तो इस बार नीलम आराम-आराम से लण्ड को ऊपर से चूमने लगी थी. मैं उसके मुँह में लण्ड को डाल कर जोर-जोर से धक्के मारने लगा.

अब मैंने नीलम के सर को पकड़ लिया.. और जोर-जोर से उसके मुँह की चुदाई करने लगा. कुछ देर ऐसे ही नीलम के चूसने के बाद मैंने माल सारा उसके मुँह में निकाल दिया.

वो मुझसे छूटने का प्रयास करने लगी, मैंने कहा- बेबी नीलम जान.. कहाँ जा रही हो.. अभी तो असली चुदाई बाकी है.
नीलम बोली- यार अभी तो मुझे थोड़ा काम है.. पर आज पूरी रात मैं तुम्हारी हूँ.. जो मर्जी कर लेना.
मैंने भी ज्यादा जोर नहीं दिया- अच्छा अच्छा ठीक है.

अब मैं नीलम को ही देखे जा रहा था, वह बोली- बेबी.. आज रात 11 बजे मैं आपके पास आऊँगी, ओके?
मैंने कहा- चलो यार अभी लण्ड को भी आराम दे देते हैं.

वो अपने कपड़े पहन कर चली गई और मैं भी नीचे चला गया.
दिन गुजरा और रात का खाना खाकर मैं ऊपर आ गया.
रात को 11:15 हो रहे होंगे.. मैं कमरे में बेचैनी से उसका वेट करने लगा और फिर 11:30 हुए होंगे कि नीलम ने दरवाजे पर दस्तक दी.

उसने लाल रंग का नाईट सूट पहना हुआ था.. क्या मस्त सेक्सी माल लग रही थी.
मैंने दरवाजे से ही उसको उठा लिया और बिस्तर पर उसको पीठ के बल लेटा दिया. अगले ही पल मैं नीलम को जोर-जोर से होंठों पर चुम्बन कर रहा था.

उसने शरारत से मेरी ओर देखा तो मैंने कहा- तुम इतनी खूबसूरत हो.. बस तुमको प्यार किए बिना रहा नहीं जा रहा है.

फिर मैं नीलम के ऊपर लेट गया और उसके चूचों को जोर-जोर से दबाने लगा. मैंने उसके लबों पर अपने लब रख दिए और जोर-जोर से चूसने लगा.
नीलम मेरा पूरा साथ दे रही थी.

फिर मैंने अब उसका नाइट सूट उतार दिया और देखा तो नीलम ने सूट के नीचे कुछ नहीं पहन रखा था.

जैसे ही उसके नाइट सूट को निकाला तो देखा कि उसके एकदम सफ़ेद और चिकने चूचे मेरे स्वागत के लिए थिरक रहे थे.
मैंने भी देर न करते हुए उसके चूचों को पकड़ लिया और जोर-जोर से चूसने लगा.

अब नीलम सिसकारियाँ लेने लगी- अअअअ.. आआआअ.. ह्ह्ह्ह्ह्ह.. ऊऊऊ… ओह्ह्ह्ह्.. और जोर-जोर से चूसो ऊओ.. बहुत अच्छा लग रहा है.

मैं उसकी सीत्कार सुन कर और उत्तेजित हो उठा था, मैं उसके एक चूचे को जोर-जोर से दबाए जा रहा था.

नीलम अब बहुत गर्म हो गई थी.. पर मैं उसे और गर्म करना चाहता था. मैं अब नीलम की टाँगों के बीच में आ गया और उसकी चूत को चाटने लगा.

अब मैं उसकी टाँगों को चुम्बन कर रहा था.. चूमते हुए मैं हल्का सा ऊपर को हुआ और उसकी नाभि पर अपनी जीभ को गोल-गोल घुमाने लगा.

नीलम- ऊओह्हह्ह.. ऊओह्हह्ह.. यू किलर.. डू मोर.. आह्ह..
इसके साथ ही मैं उसके पूरे नंगे बदन पर अपना हाथ चला रहा था.
अभी इतना हुआ ही था कि नीलम बोली- रेशु अब डाल भी दो ना.. सच में यार तुम तरसाते भी बहुत हो और अब तक तुमने मुझे मजा भी बहुत दिया है.
मैं दुबारा उसकी टाँगों के बीच आ गया और उसकी चूत के दाने को चाटने लगा.
नीलम भड़क उठी- आअह्ह्ह ऊओह्हह्हह ऊओह्ह्ह आआह्ह्ह्ह और चाटो.. और जोर-जोर से चाटो.. अह्ह्ह्ह्..

मैं जोर-जोर से उसके चूत के दाने को चाटने लगा, देखा कि उसकी चूत गीली हो गई है.. तो अब उसकी चूत को जीभ डाल कर चाटने लगा.

Reply
03-02-2021, 03:06 PM,
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका


अपडेट 122

नीलम जोर-जोर से सांस लेने लगी और वो पैरों को फैला कर सिसकारियाँ ले रही थी- ऊऊहह.. आआहह.. ऊओह्ह्ह..
भाभी की चूत को मैंने चाट-चाट कर लाल कर दिया तो नीलम बोली- यार तुम तो काफी अच्छे खिलाड़ी हो.
मैंने कहा- अभी तो खेल बाकी है मेरी जान!
नीलम की चूत को मैंने खोला और अपनी दो उंगलियों में क्रीम लेकर उसकी चूत में मलने लगा.. उसकी चूत काफी टाइट थी. फिर मैंने एक उंगली जैसे ही उसकी चूत में डाली.. नीलम की दर्द भरी आवाज निकल गई- ओओह्ह्ह..

मैंने नीलम से कहा- बेबी आपकी चूत तो बहुत टाइट है.. क्या भैया चुदाई नहीं करते?
नीलम बोली- तीन हफ्ते से सेक्स ही नहीं किया और वो तो कुछ देर तक मुझे चोद-चाद कर सो जाते हैं. तुम्हारी बात ही अलग है यार.. इतना मजा मुझे अभी तक मेरे पति ने नहीं दिया.
मैंने कहा- नीलम बेबी अभी तो असली मजा देना बाकी है.
अब मैंने उंगली को अन्दर-बाहर करना शुरू किया.. फिर जल्दी ही मैंने दो उंगलियाँ डाल दीं.
नीलम की मस्त आहें निकलने लगीं- ओओह्ह्ह..
मैं अब जोर-जोर से उसकी चूत में उंगली करने लगा. नीलम और मस्ती में आवाज निकालने लगी- ऊऊह्ह्ह ह्ह..
कुछेक मिनट मैं ऐसे ही उंगली अन्दर-बाहर करता रहा. मैंने देखा कि नीलम झड़ गई थी.

उसकी चूत में मैंने ढेर सारी क्रीम लगा दी और अपने लण्ड पर भी लगा ली और लण्ड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा.
कुछ देर रगड़ने पर नीलम बोली- रेशु अब डाल भी दो यार.. कितना तरसाते हो तुम.
मैंने नीलम की चूत पर अपना लण्ड रखा और जोर से धक्का मारा.
नीलम चीख उठी- ओओहह.. आह्ह्ह्ह्ह.
थोड़ा सा लण्ड नीलम की चूत में चला गया था. अब मैंने देर ना की और हल्का सा लण्ड बाहर निकाल कर एक और जोर से धक्का लगा दिया.
‘आआह्ह्हूओ.. ऊओईईईईईई.. फाड़ दी!’ उसकी चीख निकल गई और आँखों से आंसू निकलने लगे.
मैं दो मिनट ऐसे ही उसके चूचों को चूसने लगा. कुछ ही पलों बाद नीलम अपनी गाण्ड हिला रही थी.. तो मैंने भी धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू कर दिए.

इसी के साथ मैं उसके चूचों को भी दबा रहा था और नीलम ‘ऊओह्हह्ह.. आअह्ह्ह.. ऊओईई.. ह्हह्हाआ..’ की जोर-जोर से सिसकारियाँ ले रही थी.
मैंने लण्ड को बाहर निकाला और पूरी ताकत से नीलम की चूत में धक्का मार दिया.
नीलम- म्मम्मम्मीईई.. मर्र गग्गईई… ऊऊईईई.. आह.. धीरे करो राजा..

नीलम मस्ती में चुदते हुए आवाजें निकाले जा रही थी. जब वो ऐसी आवाजें निकालती.. तो और जोर-जोर से उसकी चुदाई करने लगता.

करीब 5 मिनट ऐसे ही चुदाई की.. अब मैंने नीलम की एक टांग को ऊपर अपने कंधे पर किया और फिर से उसकी जोर से चुदाई करना शुरू कर दिया.
नीलम की मस्ती बढ़ने लगी- आह्ह्ह.. ऊऊईईईईह.. ऐसे ही.. और चोदो.. और जोर से.. ऊहह..

कुछ देर के लिए मैं रुका और अब मैंने नीलम को घोड़ी बना दिया. पीछे से उसकी कमर इतनी मस्त लग रही थी.. कि उसकी गोरी-गोरी गाण्ड को देख कर और भी जोश आ रहा था.
मेरा पूरा लण्ड नीलम की प्यारी चूत में था और उसकी गाण्ड भी बहुत चमक रही थी, मेरा उसकी गाण्ड मारने का मन हो आया.

मैंने अपनी स्पीड थोड़ी तेज कर दी और जोर-जोर से नीलम की चुदाई करने लगा.
नीलम की चुदाई की आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थीं- ऊऊह.. ह्ह्ह्ह्हा.. अह्हूऊऊ.. चोदो और जोर-जोर से.. ऊऊओह्हह ह्ह्हाआ ऊऊऊ और जोर-जोर से.. ऊओह्हह्हह!

नीलम और मैं दोनों ही पसीने से पूरे नहा गए थे, नीलम बोली- आआह्ह्ह्ह.. रेशु.. ऊओह्ह्ह.. मेरा काम होने वाला है.
मैंने भी अपनी फुल स्पीड में नीलम की चुदाई करना चालू कर दिया. कुछ ही धक्के मारे ही होंगे कि मैंने सारा माल उसकी चूत में डाल दिया.

अभी कहानी जारी है दोस्तो… अभी तक की कहानी कैसी लगी

Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,563,211 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 551,427 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,259,402 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 952,302 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,689,191 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,110,968 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,002,783 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,229,145 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,094,085 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 290,919 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)