desiaks
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शादाब का दिल तड़प उठा अपनी अम्मी की ये दर्द वाली बात सुनकर इसलिए उसकी आंखे छलक उठी और बोला;"
" अम्मी आपको सिर्फ जिस्मानी दुख हुआ है और आपके दर्द से मुझे जो रूहानी दुख पहुंचा है मैं बता नहीं सकता। अम्मी अंदर तक टूट गया हूं मैं।
शहनाज़ ने अपने बेटे की आंखे साफ करी और उसे अपने सीने से लगा लिया और बोली:"
" मुझे आज एहसास हो गया है कि मेरा बेटा मुझसे सचमुच कितना प्यार करता है। लव यू मेरे राजा।
शादाब ने भी अपने आपको संभालते हुए अपनी अम्मी के माथे को चूम लिया और बोला:"
" लव यू टू मेरी जान शहनाज। "
शहनाज गंभीर होकर सोचते हुए बोली:"
" बेटा हम प्यार तो कर बैठे लेकिन इसका अंजाम क्या होगा कभी सोचा है तुमने ?
शादाब ने पूरे विश्वास के साथ शहनाज की आंखो में देखते हुए कहा:'" अम्मी जब तक मेरे सिर्फ में आखिरी सांस होगी मैं आपका साथ नहीं छोडूंगा।
शहनाज़ उसकी बात सुनकर खुश हो गई और उसका हाथ थाम कर घूरते हुए:"
" कमीने बात प्यार की करता हैं और बोल अम्मी रहा हैं मुझे , कुछ तो शर्म कर।
शादाब उसका गाल चूम कर बोला:" अभी आदत पड़ी हुई है ना अम्मी बोलने की इसलिए धीरे धीरे छूट जाएगी मेरी शहनाज़।
शहनाज़:" चल ठीक हैं, मैं अब नहा लेती हूं। फिर तेरे लिए कुछ खाने को भी बना दूंगी मुझे भी भूख लगी हैं।
इतना कहकर शहनाज़ जाने लगी तो शादाब ने उसे हाथ से पकड़ कर खींच लिया तो शहनाज़ उसकी बांहों में गिर पड़ी तो शादाब बोला:"
" जाने से पहले मेरे होंठो पर मीठी सी प्यारी सी किस कौन करेगा ?
शहनाज़ ने आगे होकर शादाब के होंठो पर एक किस करी और बोली :"
" अब तो खुश हैं ना मेरे राजा, मैं चलती हूं अब नहाने के लिए।
शहनाज़ इतना कहकर आगे चली तो दर्द की वजह से उसे चलने में दिक्कत हो रही थी क्योंकि गांड़ की माशपेशियां कठोर लंड से बुरी तरह से छिल गई थी जिससे आपस में दोनो गांड़ के उभार टकराते ही उसे दर्द हो रहा था। शादाब अपनी अम्मी की हालत देख कर आगे आया और बोला:"
" क्या हुआ अम्मी ?
शहनाज उसकी तरफ शिकायत भरी नजरो से देखते हुए बोली:"
" होना क्या हैं मेरे अनाड़ी सैयां, सब मेरा कचूमर निकाल दिया हैं, दर्द हो रहा हैं मुझे!!
शादाब सब समझ गया और शहनाज को उसने अपनी बांहों ने उठा लिया और बाथरूम की तरफ चल दिया। शहनाज़ भी खुशी खुशी उससे लिपट गई और लंड को पेंट के उपर से सहला कर बोली :"
" बेशर्म तुझे किसने कहा था इसे इतना मोटा टॉइट करने के लिए,लगता हैं जैसे मूसल ही लटका लिया हैं तूने।
शादाब अपने लंड की तारीफ सुनकर खुश हो गया और बोला:"
" अम्मी आपको अच्छा नहीं लगा क्या ये,
शाहनाज: चल कमीना कहीं का, कोई ऐसी बात करता हैं अपनी मा से
शादाब:" उफ्फ अम्मी, कोई मा प्यार करती हैं क्या अपने बेटे से ?
शहनाज:" और तू जो अपनी अम्मी का दीवान बना हुआ है उसका क्या ?
शादाब के अंदर गालिब की आत्मा खुश गई और बोला:"
" आशिक हैं तेरे नाम के इस बात से इन्कार नहीं
झूठ कैसे बोलू की मुझे तुझसे प्यार नहीं,
कुछ कुसूर तो तुम्हारी अदाओं का भी हैं मेरी जान
हम सिर्फ अकेले ही तो गुनहगार नहीं।
शहनाज़ अपने बेटे की शायरी सुनकर मुस्कुरा उठी और तभी बाथरूम भी अा गया था तो अपने बेटे की गोदी से उतर गई और अंदर जाने लगी तो शादाब बेहद ही शरीफ अंदाज में बोला :"
" अगर आपकी इजाज़त हो तो क्या हम भी आपके साथ नहा ले ?
शहनाज़ ने उसकी तरफ गुस्से से देखा और अपनी आंखे मटकाती हुई अदा से बोली :"
" चल भाग, बड़ा आया मेरे साथ नहाने वाला !!
शादाब:" उफ्फ हाय मेरी अम्मी तुम्हारी ये अदाएं ही तो दिल पर असर कर जाती हैं।
शहनाज़ उसकी बात सुनकर बोली :" मजनू कहीं का,
शहनाज़ ने बाथरूम का गेट बंद कर दिया और अपनी मैक्सी उतार कर नहाने लगी। उसकी गांड़ में अभी भी दर्द था इसलिए उसने हल्के गुनगुने पानी के साथ प्यार से साफ किया। शहनाज़ अब काफी अच्छा महसूस कर रही थी और अपने बदन को अच्छे से साबुन से साफ किया और फिर टॉवल से अपना बदन सुखाने लगी।
" अम्मी आपको सिर्फ जिस्मानी दुख हुआ है और आपके दर्द से मुझे जो रूहानी दुख पहुंचा है मैं बता नहीं सकता। अम्मी अंदर तक टूट गया हूं मैं।
शहनाज़ ने अपने बेटे की आंखे साफ करी और उसे अपने सीने से लगा लिया और बोली:"
" मुझे आज एहसास हो गया है कि मेरा बेटा मुझसे सचमुच कितना प्यार करता है। लव यू मेरे राजा।
शादाब ने भी अपने आपको संभालते हुए अपनी अम्मी के माथे को चूम लिया और बोला:"
" लव यू टू मेरी जान शहनाज। "
शहनाज गंभीर होकर सोचते हुए बोली:"
" बेटा हम प्यार तो कर बैठे लेकिन इसका अंजाम क्या होगा कभी सोचा है तुमने ?
शादाब ने पूरे विश्वास के साथ शहनाज की आंखो में देखते हुए कहा:'" अम्मी जब तक मेरे सिर्फ में आखिरी सांस होगी मैं आपका साथ नहीं छोडूंगा।
शहनाज़ उसकी बात सुनकर खुश हो गई और उसका हाथ थाम कर घूरते हुए:"
" कमीने बात प्यार की करता हैं और बोल अम्मी रहा हैं मुझे , कुछ तो शर्म कर।
शादाब उसका गाल चूम कर बोला:" अभी आदत पड़ी हुई है ना अम्मी बोलने की इसलिए धीरे धीरे छूट जाएगी मेरी शहनाज़।
शहनाज़:" चल ठीक हैं, मैं अब नहा लेती हूं। फिर तेरे लिए कुछ खाने को भी बना दूंगी मुझे भी भूख लगी हैं।
इतना कहकर शहनाज़ जाने लगी तो शादाब ने उसे हाथ से पकड़ कर खींच लिया तो शहनाज़ उसकी बांहों में गिर पड़ी तो शादाब बोला:"
" जाने से पहले मेरे होंठो पर मीठी सी प्यारी सी किस कौन करेगा ?
शहनाज़ ने आगे होकर शादाब के होंठो पर एक किस करी और बोली :"
" अब तो खुश हैं ना मेरे राजा, मैं चलती हूं अब नहाने के लिए।
शहनाज़ इतना कहकर आगे चली तो दर्द की वजह से उसे चलने में दिक्कत हो रही थी क्योंकि गांड़ की माशपेशियां कठोर लंड से बुरी तरह से छिल गई थी जिससे आपस में दोनो गांड़ के उभार टकराते ही उसे दर्द हो रहा था। शादाब अपनी अम्मी की हालत देख कर आगे आया और बोला:"
" क्या हुआ अम्मी ?
शहनाज उसकी तरफ शिकायत भरी नजरो से देखते हुए बोली:"
" होना क्या हैं मेरे अनाड़ी सैयां, सब मेरा कचूमर निकाल दिया हैं, दर्द हो रहा हैं मुझे!!
शादाब सब समझ गया और शहनाज को उसने अपनी बांहों ने उठा लिया और बाथरूम की तरफ चल दिया। शहनाज़ भी खुशी खुशी उससे लिपट गई और लंड को पेंट के उपर से सहला कर बोली :"
" बेशर्म तुझे किसने कहा था इसे इतना मोटा टॉइट करने के लिए,लगता हैं जैसे मूसल ही लटका लिया हैं तूने।
शादाब अपने लंड की तारीफ सुनकर खुश हो गया और बोला:"
" अम्मी आपको अच्छा नहीं लगा क्या ये,
शाहनाज: चल कमीना कहीं का, कोई ऐसी बात करता हैं अपनी मा से
शादाब:" उफ्फ अम्मी, कोई मा प्यार करती हैं क्या अपने बेटे से ?
शहनाज:" और तू जो अपनी अम्मी का दीवान बना हुआ है उसका क्या ?
शादाब के अंदर गालिब की आत्मा खुश गई और बोला:"
" आशिक हैं तेरे नाम के इस बात से इन्कार नहीं
झूठ कैसे बोलू की मुझे तुझसे प्यार नहीं,
कुछ कुसूर तो तुम्हारी अदाओं का भी हैं मेरी जान
हम सिर्फ अकेले ही तो गुनहगार नहीं।
शहनाज़ अपने बेटे की शायरी सुनकर मुस्कुरा उठी और तभी बाथरूम भी अा गया था तो अपने बेटे की गोदी से उतर गई और अंदर जाने लगी तो शादाब बेहद ही शरीफ अंदाज में बोला :"
" अगर आपकी इजाज़त हो तो क्या हम भी आपके साथ नहा ले ?
शहनाज़ ने उसकी तरफ गुस्से से देखा और अपनी आंखे मटकाती हुई अदा से बोली :"
" चल भाग, बड़ा आया मेरे साथ नहाने वाला !!
शादाब:" उफ्फ हाय मेरी अम्मी तुम्हारी ये अदाएं ही तो दिल पर असर कर जाती हैं।
शहनाज़ उसकी बात सुनकर बोली :" मजनू कहीं का,
शहनाज़ ने बाथरूम का गेट बंद कर दिया और अपनी मैक्सी उतार कर नहाने लगी। उसकी गांड़ में अभी भी दर्द था इसलिए उसने हल्के गुनगुने पानी के साथ प्यार से साफ किया। शहनाज़ अब काफी अच्छा महसूस कर रही थी और अपने बदन को अच्छे से साबुन से साफ किया और फिर टॉवल से अपना बदन सुखाने लगी।