hotaks444
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उन्होंने शर्माकर गर्दन नीचे की और गर्दन हिलाकर अपनी सहमति दी उनकी इस शर्मीली अदा पर मैं मर मिटा अब क्यों देर करना मैं उन्हें हाथ पकड़ कर बेडरूम की और ले चला तो उन्होंने मेरा हाथ खींचकर मुझे रोका मैने सवालिया निगाहोसे उनकी तरफ देखा तो उन्होंने शर्माकर नीची नजरोसे होठो पर मुस्कुराहट लाकर कहा
“आप कुछ भूल तो नही रहे”
मैंने कहा “क्या मेरी जान”
उनके चेहरे पर प्यारी हसि खिल गईं पर कहा कुछ नही मेरी भी कुछ समझ नही आ रहा था कुछ देर सोचने के बाद मेरी समझ मे आया और मेरे होठो पर हसी आगई और मैंने कुछ ना बोलकर करना ठीक समझा मैंने माँ को अपने दोनों हाथों से उठाकर अपनी छाती से लगाकर बेडरूम की और चला माँ की यही इच्छा थी कि मैं उन्हें उठाकर ले चलू उठाने से उनकी स्तन मेरे मुँह के पास आई थी और मैं यह मौका कैसे छोड़ता मैन एक स्तन अपने मुंह मे लि और कपड़े के ऊपर से उसे चुसने लगा माँ के मुँह से फिर सिसकारियां शुरू हो गई उन्हें किस करते करते बेडरूम में पहुंच गये वहा के गर्म माहौल से हम दोनों और ज्यादा गर्म हो गये उन्हें बेड के पास खड़ा करके मैं खुद बेडपर बैठ गया और अपना शर्ट निकाल दिया माँ बहोत शर्मा रही थी मै उन्हें मसलते मसलते उनके गाउन के बटन निकलता रहा ओ गाउन ढीला होकर उनके पैरों में गिर गया गाउन नीचे गिरते ही मैंने उन्हें देखा तो मैं देखता ही रह गया जैसे कोई संगेमरमर में तराशी हुई अजन्ता की मूरत अपनी पूरी शान के साथ मेरे सामने खड़ी हो उनकी दूध सी गोरी बेदाग मखमली त्वचा,जैसे दूध में चुटकीभर केसर मिलाई हो हेल्दी भरा हुआ मांसल बदन, रसीले होंठ, नशीली आँखे,ऐसी जवानी से भरपूरजैसे कोई प्रणय देवता मेरे सामने खड़ी थी उन्हें इस रूप में देखकर मैं तो जैसे पागल हो गया था उनके इस रूप की मैंने कभी कल्पना भी नही की थी रूप और सौंदर्य का थाठे मारता समंदर मेरे सामने खड़ा था उनके पूर्ण गोलाई लिए हुये पुष्ट बेल शेप स्तन काले ब्रा में बहोत खूबसूरत दिख रहे थे सपाट पेट जो हमेशा से मेरी कमजोरी रहा है काली पेन्टी में छुपा हुआ वह खजाना जिसपर न जाने कब से मेरी नजर थी मेरे जैसे मर्द को जैसे वह चैलेंज दे रही थी कुदरत ने उसे सबकुछ भरपूर मात्रा में दे रखा था ऐसा बनाया था कि आप उसे सिर्फ प्यार ही करते रहे ज़िंदगी भर फिर भी मन न भरे मैं उनके सामने खड़े होकर धीरे धीरे उपरसे किस करना चालू किया तो उन्होंने सिसकिया लेना चालू किया वह गरम गरम सांसे छोडने लगी उनके होंठ,गाल,गर्दन करते करते मैं उनके क्लीवेज एरिया चूमना चालू किया दोनो पहाड़ो की चोटिया और गहराइयों में चूमता रहा
ब्रा की ऊपर की खाई में कुछ ज्यादा ही चूमने चाटने लगा तो वह जैसे पागल होकर मेरे सर को पकड़कर अपने छाती पे दबाने लगी फिर मैं बेड पर बैठ कर उन्हें अपनी तरफ खीचकर उनके ब्रा को एक साइड से नीचे से खींचा “वॉव”उनके निप्पल इतने खूबसूरत होंगे यह मैने सपने में भी नही सोचा था डार्क गुलाबी रंग के निप्पल अकड़ कर कठोर हो चुके थे गुलाबी रंगत लिए हुये थोडेसे स्तन के बाहर झुके हुये जैसे चुसने में आसानी हो ऐसा कुदरत ने ही प्लान बनाया आकर में वह थोड़े बड़े ही थे उसपर वह निप्पल बिल्कुल सीधे खड़े थे ब्रा में से उतना ही भाग खुला करके प्यार भरी नजरोसे देखता रहा फिर प्यार से दबाकर हाथ घुमाकर धीरेसे मुँह में लेकर चुसने लगा जैसे उनका दूध पी रहा हु ऐसी आवाज मेरे मुह से आने लगी बीच बीच मे उनके पीठ पर हाथ का दबाव देकर उन्हें अपनी और खींचकर जोर से चुसने लगा अब दोनों भी सेक्स में पूरी तरह खो गये “चुसो मेरे प्रियतम अपनी माँ के स्तन और जोरसे चुसो”ऐसे जरूर माँ अपने मन मे सोच रही होगी.वह पूरी तरह सेक्स में डूब गई थी देखते देखते मैंने पीछे से ब्रा के हुक्स निकाल दिये मेरी नज़र अपनी माँ के स्तन से हट नहीं रही थी . उनकी दूध सी रंगत, उनकी मोटाई, उन पर गहरे गुलाबी रंग का घेरा और डार्क गुलाबी रंग के निप्पल और निप्पल कैसे अकड़े हुए थे . मैंने धडकते दिल के साथ अपना हाथ अपनी माँ के स्तन की और बढ़ाया तो . माँ के दिल की धडकने भी बढ़ने लगी हैं .
उन्होंने शर्माकर गर्दन नीचे की और गर्दन हिलाकर अपनी सहमति दी उनकी इस शर्मीली अदा पर मैं मर मिटा अब क्यों देर करना मैं उन्हें हाथ पकड़ कर बेडरूम की और ले चला तो उन्होंने मेरा हाथ खींचकर मुझे रोका मैने सवालिया निगाहोसे उनकी तरफ देखा तो उन्होंने शर्माकर नीची नजरोसे होठो पर मुस्कुराहट लाकर कहा
“आप कुछ भूल तो नही रहे”
मैंने कहा “क्या मेरी जान”
उनके चेहरे पर प्यारी हसि खिल गईं पर कहा कुछ नही मेरी भी कुछ समझ नही आ रहा था कुछ देर सोचने के बाद मेरी समझ मे आया और मेरे होठो पर हसी आगई और मैंने कुछ ना बोलकर करना ठीक समझा मैंने माँ को अपने दोनों हाथों से उठाकर अपनी छाती से लगाकर बेडरूम की और चला माँ की यही इच्छा थी कि मैं उन्हें उठाकर ले चलू उठाने से उनकी स्तन मेरे मुँह के पास आई थी और मैं यह मौका कैसे छोड़ता मैन एक स्तन अपने मुंह मे लि और कपड़े के ऊपर से उसे चुसने लगा माँ के मुँह से फिर सिसकारियां शुरू हो गई उन्हें किस करते करते बेडरूम में पहुंच गये वहा के गर्म माहौल से हम दोनों और ज्यादा गर्म हो गये उन्हें बेड के पास खड़ा करके मैं खुद बेडपर बैठ गया और अपना शर्ट निकाल दिया माँ बहोत शर्मा रही थी मै उन्हें मसलते मसलते उनके गाउन के बटन निकलता रहा ओ गाउन ढीला होकर उनके पैरों में गिर गया गाउन नीचे गिरते ही मैंने उन्हें देखा तो मैं देखता ही रह गया जैसे कोई संगेमरमर में तराशी हुई अजन्ता की मूरत अपनी पूरी शान के साथ मेरे सामने खड़ी हो उनकी दूध सी गोरी बेदाग मखमली त्वचा,जैसे दूध में चुटकीभर केसर मिलाई हो हेल्दी भरा हुआ मांसल बदन, रसीले होंठ, नशीली आँखे,ऐसी जवानी से भरपूरजैसे कोई प्रणय देवता मेरे सामने खड़ी थी उन्हें इस रूप में देखकर मैं तो जैसे पागल हो गया था उनके इस रूप की मैंने कभी कल्पना भी नही की थी रूप और सौंदर्य का थाठे मारता समंदर मेरे सामने खड़ा था उनके पूर्ण गोलाई लिए हुये पुष्ट बेल शेप स्तन काले ब्रा में बहोत खूबसूरत दिख रहे थे सपाट पेट जो हमेशा से मेरी कमजोरी रहा है काली पेन्टी में छुपा हुआ वह खजाना जिसपर न जाने कब से मेरी नजर थी मेरे जैसे मर्द को जैसे वह चैलेंज दे रही थी कुदरत ने उसे सबकुछ भरपूर मात्रा में दे रखा था ऐसा बनाया था कि आप उसे सिर्फ प्यार ही करते रहे ज़िंदगी भर फिर भी मन न भरे मैं उनके सामने खड़े होकर धीरे धीरे उपरसे किस करना चालू किया तो उन्होंने सिसकिया लेना चालू किया वह गरम गरम सांसे छोडने लगी उनके होंठ,गाल,गर्दन करते करते मैं उनके क्लीवेज एरिया चूमना चालू किया दोनो पहाड़ो की चोटिया और गहराइयों में चूमता रहा
ब्रा की ऊपर की खाई में कुछ ज्यादा ही चूमने चाटने लगा तो वह जैसे पागल होकर मेरे सर को पकड़कर अपने छाती पे दबाने लगी फिर मैं बेड पर बैठ कर उन्हें अपनी तरफ खीचकर उनके ब्रा को एक साइड से नीचे से खींचा “वॉव”उनके निप्पल इतने खूबसूरत होंगे यह मैने सपने में भी नही सोचा था डार्क गुलाबी रंग के निप्पल अकड़ कर कठोर हो चुके थे गुलाबी रंगत लिए हुये थोडेसे स्तन के बाहर झुके हुये जैसे चुसने में आसानी हो ऐसा कुदरत ने ही प्लान बनाया आकर में वह थोड़े बड़े ही थे उसपर वह निप्पल बिल्कुल सीधे खड़े थे ब्रा में से उतना ही भाग खुला करके प्यार भरी नजरोसे देखता रहा फिर प्यार से दबाकर हाथ घुमाकर धीरेसे मुँह में लेकर चुसने लगा जैसे उनका दूध पी रहा हु ऐसी आवाज मेरे मुह से आने लगी बीच बीच मे उनके पीठ पर हाथ का दबाव देकर उन्हें अपनी और खींचकर जोर से चुसने लगा अब दोनों भी सेक्स में पूरी तरह खो गये “चुसो मेरे प्रियतम अपनी माँ के स्तन और जोरसे चुसो”ऐसे जरूर माँ अपने मन मे सोच रही होगी.वह पूरी तरह सेक्स में डूब गई थी देखते देखते मैंने पीछे से ब्रा के हुक्स निकाल दिये मेरी नज़र अपनी माँ के स्तन से हट नहीं रही थी . उनकी दूध सी रंगत, उनकी मोटाई, उन पर गहरे गुलाबी रंग का घेरा और डार्क गुलाबी रंग के निप्पल और निप्पल कैसे अकड़े हुए थे . मैंने धडकते दिल के साथ अपना हाथ अपनी माँ के स्तन की और बढ़ाया तो . माँ के दिल की धडकने भी बढ़ने लगी हैं .