दोस्त की रंडी बहन का जिस्म - SexBaba
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दोस्त की रंडी बहन का जिस्म

hotaks444

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Nov 15, 2016
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हैल्लो दोस्तों, मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है, जिसका नाम रंजीत है, जो मुंबई में ही अपनी बड़ी बहन और माँ के साथ रहता है और वो एक प्राइवेट बेंक में नौकरी करता है, उसके परिवार में सिर्फ़ तीन लोग है, एक रंजीत उसकी मम्मी और उसकी दीदी कामिनी. उसकी मम्मी की उम्र 48 साल है और बड़ी बहन 28 साल जिनकी शादी हो चुकी है और उनका पति पिछले पांच साल से जर्मनी में एक कंपनी में काम करता है.

दोस्तों जैसा कि आप लोग अच्छी तरह से जानते है कि गाँव में शादियाँ छोटी ही उम्र में हो जाती है और खासतौर पर लड़कियों की. उसकी मम्मी की भी 15 साल की उम्र में शादी हुई थी और इस तरह से मेरे दोस्त की बड़ी बहन की भी 18 साल की उम्र में शादी हो गयी थी.

दोस्तों उसकी बड़ी बहन का नाम रीना है. में और रंजीत कॉलेज के जमाने के पक्के दोस्त है और इसलिए हम दोनों अक्सर एक दूसरे के घर पर आते जाते रहते है, उसकी बड़ी बहन बहुत ही खुले विचार वाली महिला है और वो मुझे अपने भाई रंजीत की तरह ही मानती है और उस दिन शनिवार था और में अपने रूम में आराम कर रहा था कि रीना मेरे घर पर आ गई और वो अक्सर आती रहती थी और वो हमेशा मेरे लिए कुछ ना कुछ जरुर लेकर आती थी.

फिर उस दिन भी वो बाजार से खरीददारी करके आई थी. रीना दीदी 28 साल की बहुत ही सुंदर और कामुक चेहरे वाली औरत है. उनका फिगर 38-28-36 है और उनकी गोरी उभरी हुई छाती और गांड को देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो सकता, जैसे ही वो मेरे रूम में आई तो मुझसे कहने लगी क्या बात है महेश आज कल तुम घर नहीं आ रहे हो? में बोला कि दीदी आज कल मुझे काम के सिलसिले में कई कई महीनो तक बाहर रहना होता है, इसलिए में नहीं आ सका. अब वो मुस्कुराते हुए बोली कि मुझे सब मालूम है कि तुम क्या काम करते हो? अच्छा चल अब मुझे पानी तो पिला दे.

अब मैंने उनसे कहा हाँ दीदी मुझे माफ़ करना, में अभी लाता हूँ और मैंने फ़्रीज़ से पानी की एक बोतल निकालकर उनको दी, जिसके बाद वो पानी पीकर बोली उउफफफफ्फ़ आज कितनी गरमी है. फिर मैंने बोला कि हाँ दीदी और फिर हम दोनों में ऐसे ही बातें होती रही. तब मैंने उनसे पूछा कि रंजीत और मम्मी कैसी है?

वो बोली कि वो दोनों तो आज सुबह ही गाँव गए है और में अकेली बोर हो रही थी, इसलिए में तुम्हारे पास चली आई और इतने में बाहर जोरदार बारिश होने लगी, जो बहुत देर तक चली और वो रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी और यह देखकर दीदी अब बड़ी परेशान हो गयी और वो कहने लगी, अरे यार अब में अपने घर पर कैसे जाउंगी, आज तो यह पानी बिल्कुल भी कम नहीं होता दिखता? में उनसे बोला कि रीना दीदी अब जब तक यह बारिश नहीं रुक जाती है, तब तक आपको यहीं पर रुकना पड़ेगा और वैसे भी आप आज घर में बिल्कुल अकेली रहोगी, यहाँ पर मेरे साथ रहने से आपका समय भी पास हो जाएगा.

दीदी : लेकिन?

में : अरे दीदी हो सकता है, सुबह तक यह बारिश थम जाएगी आप तब चली जाना.

दीदी : लेकिन में यहाँ पर उफफफ्फ़ अब क्या करूँ?

फिर मैंने उनसे पूछा क्यों क्या हुआ दीदी? वो बोली कि हुआ क्या अब तो मुझे यहाँ रुकना ही पड़ेगा और क्या? तो में पूछने लगा क्यों क्या हुआ? यहाँ पर आपको कौन सी परेशानी है? वो कहने लगी अरे यार, लेकिन में रात को क्या पहनूंगी? क्या तेरे पास और कपड़े है?

में बोला कि हाँ यह परेशानी तो है, आप मेरी लूँगी और कुर्ता पहन लेना तो वो बोली कि हाँ यही ठीक रहेगा, अच्छा खाने का क्या है? मैंने उनसे कहा कि खाना तो बनाना पड़ेगा दीदी. फिर वो बोली कि हाँ चलो ठीक है, घर में दाल चावल तो होंगे, हम आज वही बना लेते है. फिर मैंने कहा कि हाँ दाल चावल है और कुछ सब्ज़ियाँ भी है, जो फ़्रीज़ में रखी हुई है.

दोस्तों उस समय शाम के 8 बज चुके थे और अब दीदी रसोई में हम दोनों के लिए खाना तैयार कर रही थी और में टी.वी. देख रहा था.

तभी रीना दीदी ने मुझे आवाज़ देकर कहा महेश यहाँ तो आ, में उनके पास चला गया और बोला कि हाँ दीदी बताओ ना क्या बात है? तो वो पूछने लगी अरे घी कहाँ है? मैंने उन्हें घी का डब्बा दे दिया और में वहीं पर खड़ा हो गया और दीदी उस समय लूंगी और सफेद रंग के पतले कुर्ते में थी, जो कि उनके पसीने से भीग गया था, क्योंकि रसोई में बहुत गरमी थी और भीगी हुई लूंगी और कुर्ते से मुझे उनके बदन का सारा भूगोल नज़र आ रहा था और उनकी गांड को देखकर मेरे अंदर का शैतान जाग उठा, उनके कूल्हों का आकार, रंग देखकर पता चलता था कि उन्होंने अंदर पेंटी नहीं पहनी है उूउउफ़फ्फ़ यह सब देखकर मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया और मुझे बुरे बुरे विचार मन में आने लगे, लेकिन वो मेरे दोस्त की बड़ी बहन है, यह बात सोचकर में वापस अपने कमरे में जाने लगा.

फिर वो बोली कहाँ जा रहे हो यहीं रहो ना? में अकेली बोर हो रही हूँ, चलो कुछ बातें करते है, खाना भी बन जाएगा और मुझे बौरियत भी नहीं होगी. फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है दीदी और बताओ आपको यहाँ पर किसी बात की कोई परेशानी तो नहीं है? दीदी बोली कि नहीं मुझे कोई भी परेशानी नहीं है, में यहाँ पर बहुत आराम से हूँ, तुम्हारे दफ्तर के क्या हाल है? मैंने कहा कि जी एकदम ठीक है, में तो बस दफ़्तर जाता हूँ और घर पर रहता हूँ. फिर उन्होंने मुझसे पूछा अच्छा महेश ज़रा तू मुझे एक बात सच सच बता? मैंने पूछा हाँ वो क्या दीदी?

दीदी : तू दफ्तर में अपने काम पर ध्यान देता है या लड़कियों पर?

में : क्या दीदी आप भी बस?

दीदी : क्यों क्या तेरे दफ्तर में कोई सुंदर लड़की नहीं है?

में : हाँ है दीदी, बहुत सी है, लेकिन में सिर्फ़ अपने काम पर ध्यान देता हूँ.

दीदी : चल हट तू मुझे ही बना रहा है, में बहुत जानती हूँ लड़कियों की किसी लड़के को देखकर उनकी क्या हालत होती है? और वो भी अगर लड़का तुम्हारे जैसे सुंदर हो तो.

में : हाँ, लेकिन में ऐसा नहीं हूँ.

दीदी : अच्छा चल कोई तो तुझे अच्छी लगती होगी?

में : नहीं दीदी.

दीदी : नहीं चल में नहीं मानती एक जवान लड़का जिसे कोई लड़की अच्छी नहीं लगती हो, यह हो ही नहीं सकता?

में : हाँ दीदी मुझे आप भी क्या कोई भी अच्छी नहीं लगती.

दीदी : ऐसा क्यों, क्या तू जावन नहीं है?

में : हाँ हूँ ना.

दीदी : क्या तुझमें कोई कमी है?

में : क्या दीदी आप भी बात कहाँ ले गई?

दीदी : में जवान भी हूँ और मुझमें कोई कमी भी नहीं है, लेकिन मुझे जवान लड़कियाँ अच्छी नहीं लगती.

दीदी : क्यों जवान लड़कियाँ क्यों नहीं?

अब जाने भी दो ना आप मेरी बड़ी बहन जैसी हो और बहन भाई में ऐसी बात हो जाती, अरे यार तुम शहर में रहते हो, 21 वीं सदी में जी रहे हो और तुम बातें कर रहे हो पुराने जमाने की, अरे पागल आज कल तो भाई बहन भी एक दोस्त की तरह होते है, जो आपस में अपने मन की सारी बातें एक दूसरे को बता देते है, बिना किसी शरम या झिझक के, अच्छा चल अब यह बता तू बियर वगेराह पीता है? तब मैंने बोला कि हाँ दीदी कभी कभी दोस्तों के साथ उनके कहने पर में भी पी लेता हूँ. फिर उन्होंने पूछा क्या अभी है तेरे पास?

मैंने कहा कि हाँ दीदी फ़्रीज़ में चार बोतल है, क्या आप भी पीती हो? हाँ रे जब गरमी ज़्यादा होती है तो तेरे जीजा जी मुझे पिला देते है और कभी कभी तो वो मुझे व्हिस्की भी पीला देते है. फिर मैंने कहा कि तुम बहुत बदल गई हो.

दीदी हंसते हुए बोली अरे बेटा यह सब शहर की हवा का असर है, में तुम्हारे जीजा के साथ पार्टियों में जाती हूँ तो मुझे पीनी पड़ती है और जितनी बड़ी पार्टियों में हम जाते है, वहां पर यह सब तो आम बात है कभी तू भी चलना हमारे साथ. फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है दीदी अब आप नहा लो. फिर हम बियर पीते हुए बातें करते रहेंगे, ठीक है कहकर वो अपनी गांड को हिलाती हुई नहाने चली गयी और में अपने लंड को पकड़कर मसल रहा था और सोच रहा था कि आज दीदी बड़ी फ्रेंक होकर बातें कर रही है, हो सकता है आज मुझे उनको चोदने का मौका मिल जाए? और में सोचने लगा कि रीना दीदी जब नहाकर मेरे लूँगी और कुर्ता बिना पेंटी के पहनेगी तो शायद आज रात को उसकी लूँगी हट जाए या खुल जाए तो उनकी चूत के दर्शन मुझे हो ज़ाए?

तभी दीदी नहाकर आ गई और मैंने तुरंत अपने लंड को अंडरवियर में अपनी जगह सेट किया और में बोला क्यों नहा ली दीदी? वो बोली कि हाँ अब तू भी नहा ले. फिर में बोला कि जी हाँ ठीक है और में बाथरूम में आकर अपने कपड़े उतारकर जैसे ही कपड़े टाँगने के लिए खूँटी की तरफ बड़ा तो में हैरान रह गया कि दीदी की ब्रा और पेंटी वहाँ टंगी हुई थी, मुझे कुछ अजीब सा लगा.

फिर मैंने सोचा कि शायद उन्होंने अपनी पेंटी को तब उतारी होगी, जब वो पहली बार पेशाब के लिए आई थी. फिर मैंने वो पेंटी नीचे उतारकर अपने एक हाथ में ले लिया और में उसको सूंघने लगा, हाईईईई दोस्तों सच कहता हूँ उसकी चूत की महक से में बिल्कुल पागल हो गया और में मुठ मारने लगा, जब मेरा लंड झड़ गया, तो में जल्दी से नहाकर बाहर आ गया.

फिर दीदी ने मुझसे पूछा क्यों बड़ी देर लगा दी तुमने नहाने में? में घबरा गया और बोला वो दीदी गरमी बहुत है ना और वो कहने लगी अच्छा चल अब बियर खोल.

फिर मैंने दो बोतल बियर खोली और एक उनको दे दी और एक खुद ने ले ली और दीदी बेड पर अपने दोनों पैरों को लंबा करके सिरहाने से अपनी पीठ को लगाकर बैठी हुई थी, में उनको गौर से देखने लगा.

फिर वो मुझसे बोली क्या बात है महेश तू मुझे ऐसे क्या देख रहा है? में यह बात सुनकर सकपका गया और बोला कि कुछ नहीं दीदी में देख रहा था कि आप मेरे कपड़ों में बहुत अच्छी लग रही हो.

दीदी : अच्छ बेटा तुझे तो लड़कियाँ अच्छी ही नहीं लगती, तो फिर में कैसे तुझे अच्छी लगने लगी?

में : अओहूओ दीदी आप कोई लड़की थोड़े ही हो कहकर में चुप हो गया.

दीदी : अरे में लड़की नहीं तो क्या कोई मर्द हूँ?

में : अरे नहीं दीदी, मेरा वो मतलब नहीं था.

दीदी : तो फिर क्या था?

में : अओहूऊओ अब में आपको कैसे बताऊं आप मेरी बड़ी बहन जैसी हो?

दीदी : अरे यार फिर वही ढकियानूसी बातें, अरे अब हम दोस्त है, देख तू मेरे साथ बियर पी रहा है और अब मुझसे कैसी शरम तू खुलकर बोल में बुरा नहीं मानूगी, वो अपनी बियर की बोतल खाली करके बोली, दीदी फिर मुझसे बोली कि, लेकिन पहले दूसरी बोतल खोलकर तू मुझे दे दे.

फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है, दीदी पूछने लगी क्यों तू और नहीं लेगा? मैंने कहा हाँ लूँगा दीदी, लेकिन पहले अगर आप नाराज़ ना हो तो में एक सिगरेट पी लूँ? मेरी बात को सुनकर वो पालती मारकर बैठ गई और बोली कि धत इसमें नाराज़ होने वाली कौन सी बात है? ला एक मुझे भी दे. अब में उनकी यह बात सुनकर बड़ा हैरान रह गया.

फिर मैंने चकित होकर पूछा क्या आप भी? दीदी बोली हाँ कभी कभी, लेकिन आज सोचा क्यों ना आज तेरे साथ मस्ती मारूं? मैंने एक सिगरेट उनको देकर एक खुद सुलगा दी और कश खींचने के बाद बियर का घूँट भरकर दीदी मुझसे बोली हाँ अब तू बोल. अब तक दोस्तों में उनसे बहुत खुल चुका था, इसलिए अब मेरा डर कुछ कम हो चुका था, में बोला वो क्या है कि दीदी आप तो शादीशुदा हो और मुझसे बड़ी उम्र की मतलब 28 से ज्यादा की औरतें अच्छी लगती है और मुझे 45-50 की सुडोल भरे हुए बदन वाली भी अच्छी लगती है और अब दीदी हैरानी से मेरी तएफ़ देख रही थी, बियर का एक घूँट लेकर वो पूछने लगी, लेकिन भाई 45-50 की तो बूढ़ी होती है, अच्छा यह बताओ अपने से बड़ी उम्र की औरतों में तुम्हें ऐसा क्या नज़र आता है, जो तुम्हें वो अच्छी लगती है?

अब मैंने कहा कि दीदी में सोचता हूँ कि खैर आप जाने दो वरना आप बुरा मान जाओगी, मेरे विचार जानकर आप सोचोगी कि में कितना गंदा हूँ? तो दीदी कहने अरे नहीं यार हर आदमी की अपनी एक पसंद होती है और अब तो तुम्हारी बातों में मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है, बोलो ना प्लीज बताओ? वो मेरे हाथ पकड़कर बोली. फिर मैंने कहा कि दीदी बड़ी उम्र की लेडी का बदन खासकर उसके कूल्हे और छाती बहुत भरे हुए होते है, मुझे बड़े कुल्हे और छाती वाली अच्छी लगती है.

फिर वो बोली अरे यार हिन्दी में बताना कि तुझे बड़े कूल्हे और बूब्स वाली पसंद है, तो में उन्हें देखता रह गया और उनके मुहं से सुनकर मेरे लंड ने ज़ोर का झटका दिया. फिर मैंने उनसे कहा कि दीदी आज आप मुझे पूरा बेशरम बनाकर छोड़ोगी. अब वो झूमते हुए कहने लगी दोस्त बेशरमी अच्छी होती है और पागल दिल की कोई भी बात छुपानी नहीं चाहिए, तूने कभी किसी बड़ी उम्र की औरत के साथ कुछ किया भी है या बस विचारों में ही. फिर मैंने कहा नहीं दीदी अब तक तो कोई नहीं है. फिर वो बोली कि मेरे प्यारे भाई फिर तू क्या करता है? मैंने बोला कि कुछ नहीं बस ऐसे ही काम चला लेता हूँ.

दीदी : यानी अपना हाथ जगन्नाथ क्यों?

में : धत हाँ में शरमाते हुए बोला.

दीदी : क्यों रोज़ाना या कभी कभी?

में : कभी कभी दीदी.

दीदी : हाँ ठीक है रोज़ाना नहीं करना चाहिए, उससे सेहत खराब हो जाती है.

में : लेकिन क्या करूँ दीदी कंट्रोल ही नहीं होता, जब भी कोई 28-35 की सुंदर सी औरत देखता हूँ, मेरा जी मचल उठता है और अब तो और बुरा हाल है, अब तो किसी रिश्तेदार की औरत को देखकर भी बुरा हाल हो जाता है, इसलिए में अब तुम्हारे यहाँ भी नहीं आता.

दीदी : क्यों मेरे यहाँ कौन है? में हूँ माँ और रंजीत है.

में : सच बोलूं?

दीदी : हाँ भाई बोल?

में : आप और आपकी माँ की वजह से.

दीदी : क्या तुझे में भी और मेरी माँ इतनी अच्छी लगती है, तू हम माँ बेटी के बारे में क्या सोचता है?

दोस्तों अब मेरी तो गांड ही फट गयी. फिर मैंने कहा कि दीदी मैंने तो पहले ही कहा था आप बुरा मान जाओगी, तो वो बोली कि अरे नहीं मेरे प्यारे भाई में तो सोचकर हैरान हूँ कि अब भी मुझमें ऐसी क्या बात है, जो तुम जैसा जवान लड़का मुझे इतना पसंद करता है बताओ ना प्लीज? में बोला क्या में सच में बताऊं दीदी? वो बोली अरे यार हाँ अब बोल भी.

फिर मैंने कहा कि दीदी आप मुझे बहुत सेक्सी लगती हो, आपके बड़े बड़े बूब्स और कूल्हे देखकर मेरा बुरा हाल हुआ पड़ा है और मेरे लंड की तो आप पूछो ही मत, आपके रसीले होंठ बड़ी, बड़ी आँखें आपको एकदम कामुक बनाती है, में ही क्या कोई 70 साल का बूड़ा भी आपको देखे तो वो भी पागल हो जाए और में एक ही साँस में सब बोल गया और वो पूछने लगी क्या में सच में तुझे इतनी अच्छी लगती हूँ?

में : हाँ दीदी.

दीदी : और बता क्या क्या मन करता है तेरा?

में : दीदी जब आप खाना बना रही थी, तो आपको भीगे हुए ब्लाउज और पेटिकोट में देखकर मेरा मन किया कि पीछे से आपके कूल्हे पर से पेटीकोट को उठाकर में आपकी गांड को चाट लूं, आपके बूब्स पी जाऊं, आपके होठों को चूस लूँ और उन पर अपने लंड का टोपा रगड़ दूँ, दीदी आप कितनी प्यारी हो उूउउफफफफ्फ़ कोई भी भाई आपके जैसी बहन को ज़रूर चोदना चाहेगा, देखो मेरे लंड का क्या हाल है? यह कहते हुए मैंने अपनी लूँगी को उतार दिया.

अब दीदी मेरे लंड को देखकर बोली कि तेरा लंड तो तेरे जीजी से भी बड़ा और मोटा है, उनसे ही क्या अब तक जितने भी लंड मैंने खाए है, यह उन सबसे अच्छा है. मेरे राजा इसे तो में अपनी चूत में ज़रूर लूँगी, अरे यार इसे तू मेरे हाथ में तो दे उउफफफ्फ़ कितना चिकना है और अब वो मेरा लंड पकड़कर धीरे धीरे सहलाने लगी और उनका नरम हाथ अपने लंड पर लगते ही में बिल्कुल पागल हो गया. फिर में बोला कि दीदी आप अपने कपड़े भी तो उतारो ना प्लीज. अब वो मेरी आँखों में झाँककर बोली जिसे ज़रूरत हो, वो उतारे और मैंने यह बात सुनकर उन्हें पकड़कर तुरंत खड़ा कर दिया और उनका कुर्ता उतार दिया और उनकी लूँगी एक झटके में ही खुल गयी, जिसकी वजह से अब मेरी रीना बहन पूरी नंगी मेरे सामने थी और हम दोनों एक दूसरे को देख रहे थे.

फिर दीदी ने हाथ आगे बढ़ाकर मुझे खींचकर अपने से चिपका लिया और इस तरह मेरा लंड उनकी चूत से और उनकी छाती मेरी छाती से चिपक गयी, वो मेरे गालों को चूमती चाटती जा रही थी, ऊफ्फ्फ्फ़ तू अब तक कहाँ था? पागल मुझे पता होता तो में तुझसे पहले ही चुदवा लेती मेरे भाई, चोद डाल आज अपनी बहन को, आह्ह्ह्ह कितने दिनों के बाद आज मुझे कोई जवान लंड मिलेगा, हहिईीईई आज तो बस रात भर चोद मुझे जैसे चाहे वैसे चोद.

फिर मैंने कहा हाँ दीदी में आज तुम्हें जी भरकर चोदूंगा, तुम्हारी चूत पहले तो में चाटूँगा, फिर चोदूंगा (चूमते हुए) क्यों चाटने दोगी ना दीदी? अब वो बोली हाँ मेरे राजा तुम चूत चाटो, में तुम्हारा लंड चूसती हूँ, हम एक दूसरे को चूमते रहे और थोड़ी देर बाद दीदी मुझे बेड पर ले गई और मुझे लेटा दिया, मेरा लंड छत की तरफ़ तना हुआ था, वो अपने दोनों पैरों को मेरे मुँह की तरफ़ करके मेरा लंड चूमने लगी.

फिर उसने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया उूउउम्म्म्ममम उसके मुँह का गीलापन महसूस करके में सिसक पड़ा, उसकी चूत ठीक मेरे मुँह के पास थी, उउफ़फ्फ़ वाह क्या चूत थी? मस्त मोटे होठों वाली फूली हुई. मैंने पहले तो उसकी चूत पर एक किस किया, जिसकी वजह से वो उछल पड़ी, लेकिन मेरा लंड अपने मुँह से बाहर नहीं निकाला. उसके बाद मैंने अपनी पूरी जीभ बाहर करके उसकी चूत पर ऊपर से लेकर नीचे तक घुमाई.

फिर दीदी बोली वाह कितना प्यारा लंड है तेरा उूउउम्म्म्म पुउउऊच, में बोला कि हाँ दीदी आपकी चूत भी बड़ी नमकीन है, जी करता है में इसको खा जाऊं. फिर बोली हाँ तो खा ले ना साले तुझे रोक कौन रहा है? मैंने कहा हाँ मेरी जान दीदी, मेरी रंडी बहन में तेरी चूत को जरुर खाऊंगा, तू भी मेरा लंड चूस साली. अब दीदी कहने लगी साले मादरचोद तू मुझे रंडी बोल रहा है, रंडी की औलाद साले तेरी माँ की चूत, में तेरा सारा रस चूस पी जाउंगी. फिर मैंने बोला हाँ आईईईईई चूस ले साली में रंडी की औलाद हूँ तो तू भी तो उसी की हुई ना? उूउउफफफफफ्फ़ क्या चिकनी चूत है तेरी.

फिर ऐसे ही गालियाँ बकते हुए हम एक दूसरे के लंड और चूत को चूसते रहे. उसके बाद दीदी बोली महेश अब तू चोद दे मुझे मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही है. अपने इस मोटे लंड से मेरी चूत की प्यास को बुझा दे मेरे हरामी भाई और फिर दीदी सीधी होकर लेट गई और मैंने एक तकिया उनकी गांड के नीचे लगा दिया और उनके पैरों के बीच में बैठ गया और अपना लंड हाथ से पकड़कर उसकी चूत पर रगड़ने लगा, जिसकी वजह से दीदी सिसकियाँ लेकर कहने लगी, उफफ्फ्फ्फ़ अरे बहन क्यों इतना तड़पा रहा है, चोद ना साले कुत्ते चोद मुझे, देख नहीं रहा कि में चूत की खुजली से मरी जा रही हूँ.

फिर मैंने बोला कि हाँ लो दीदी और अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रखकर मैंने एक ज़ोर का झटका मारा, जिसकी वजह से मेरा टोपा उस चूत में घुस गया, वो तड़प उठी और बोली उूउउइईईई माँ में मर गई साले में तेरी बहन जैसी हूँ, क्या तू ज़रा आराम से नहीं चोद सकता, मुझे तूने क्या रंडी ही समझ लिया? आह्ह्हह्ह अरे महेश भाई ज़रा धीरे धीरे आराम से चोद, में कहीं भागी नहीं जा रही हूँ.

फिर मैंने एक और झटका मारकर अपना पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और उनसे बोला ले साली नखरे तो ऐसे कर रही है, जैसे पहले कभी तेरी चूत चुदी ही ना हो, साली अब तक पता नहीं तू अपनी चूत से कितने लंड खा चुकी है और मेरे लंड से जान निकल रही है हहिईीईईईईई में भी क्या करूँ तेरी चूत ही ऐसी प्यारी है कुत्ती कमीनी, में अपने को रोक नहीं पा रहा हूँ.

फिर वो कहने लगी अरे साले गांडू लंड तो मैंने बहुत खाए है, लेकिन तेरा लंड उूउउइइइ माँ आह्ह्ह्ह सीधा मेरी चूत की बच्चेदानी पर ठोकर मार रहा है और पहला धक्का भी तो तूने ज़ोर से मारा था, चल अब चोद मुझे और आज में देखती हूँ कितना दम है तेरे लंड में? तो में उसके बूब्स को दबाते हुए चोदने लगा और उसके होठों को चूसते हुए में बोला कि दीदी अब तक कितने लंड से चुदवा चुकी हो? तो दीदी बोली कि अरे मेरे राजा भाई अब तो गिनती भी नहीं याद, तेरे जीजा जी बहुत चुदक्कड़ आदमी है. अब भी वो रोज मुझे चोदते है और मुझे भी उन्होंने अपनी तरह बना लिया है, वो कहते है कि चूत और लंड का मज़ा हर आदमी और औरत को दिल खोलकर लेना चाहिए, हमारे यहाँ सब ऐसे है.

अब उनके मुहं से यह बात सुनकर में और भी उत्तेजित हो गया और उसकी चूत पर धक्के मारता हुआ बोला और दीदी आपकी माँ? दीदी बोली कि मुझे पता है तेरी नज़र मेरी माँ पर भी है, में उसको भी तुझसे चुदवा दूँगी और वो तेरे लंड को देखकर तो वो पागल हो जाएगी.

फिर में खुश होकर पूछने लगा क्या सच दीदी? और बताओ ना अपने परिवार के बारे में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है, तुझे चोदते हुए सुनने में मेरी जान बता ना? तब दीदी बोली तो सुन उूुुुउउंम तू मेरे बूब्स को भी चूसता जा हाँ ऐसे ही आईईईइ तेरा लंड बहुत ही मज़ेदार है, मुझे तुझसे चुदाई करवाने में बहुत मज़ा आ रहा है और चोद ज़ोर ज़ोर से चोद मुझे. तेरे जीजा को गांड मारने का बड़ा शौक है. फिर मैंने कहा वाह दीदी तुम्हारे घर में तो बड़ा ही मस्त माहोल है.

दीदी बोली कि आईईईईईईईई दीदी मम्मी की चूत कैसी थी, क्या तुम्हारी तरह थी? क्यों तुमने तो जरुर देखी होगी? अब में झड़ने वाली हूँ और ज़ोर से चोद साले कुत्ते मादरचोद चोद अपनी बहन को, चोद फाड़ दे मेरी चूत, ले साली हरामजादे.

फिर मैंने कहा अब में भी झड़ने वाला हूँ, तेरी चूत में डालूं अपना माल या बाहर? मेरे मुहं में डाल दे और तेरा रस पिला दे और मैंने उसकी चूत से अपने लंड को बाहर निकाला और वो मेरे लंड पर टूट पड़ी और लंड को चूसने लगी. में उसके मुँह में धक्के मारते हुए चिल्लाया उूउउइईईईई हाँ खाजा साली मेरी रंडी बहन अपने भाई का लंड चूस ले, मेरा सारा रस उूउउम्म्म्मममम हाँ और मेरे लंड से निकली पिचकारी दीदी के मुँह में गिरने लगी, जिसको वो चूसने लगी. फिर दीदी ने मेरे लंड का पूरा पानी एक एक बूँद करके अपने मुहं में निचोड़ डाला और फिर वो चटकारे लेते हुए अपने होठों से मेरा लंड आज़ाद करके बोली वाह बड़ा मज़ेदार है तेरा रस तो, साले मज़ा आ गया और फिर वो मेरे होठों को चूमकर बोली है, बड़ा मज़ा आया मेरे राजा भैया साले तू बहुत अच्छी चुदाई करता है.

फिर में बोला कि हाँ मेरी चुदक्कड़ रानी बहन बहुत मज़ा आया, तुझे चोदकर और उसके बाद हम दोनों वैसे ही पूरे नंगे एक दूसरे से लिपटक सो गए.
 
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