desiaks
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किराये दार से प्रेम
लेखक-मस्तराम
तो रानी ठीक है तूमअपनी ऑख बंद कर लो
ना जी नही मैं सामने देख रही हूं। तूम अपना काम करते रहो न हमें इस से कोई मतलब नही है तो ठिक है मैं देखती हूं।
तब वो अपना हाथ को उसकी जांघों पर ले गई उसका लण्ड तो पहिले से ही खड़ा था और फुफाकर रहा था।
मैने उसके लण्ड पर हाथ रखी तो वो सिसक उठा था। आह सीने को अपने लण्ड को वेचैन हाथों से थामकर तो वो वेचैन हो उठा था।
तभी मैं अपनी उंगली उसकि पैन्ट कि जिप पर रख दिया था और मै उसके पैंट को खोल दी थी।
और चैन को नीचे सर कातें ही जाघिया से बाहर निकलतें हमको समझ में आ गया था।
और मैं अपने हाथकों उसके लण्ड पर रख दिया थाऔर मैं लण्ड को दवाने लगा था। कि वो सिसकार कर बोला हाय मारिया इसे खोल डालो ना । तब मैं मूस्कूरा कर के मैने उसके लण्ड को पकड़ कर मै। जोरो से दवाने लगी थी।
उसका लण्ड जाधिया से निकलने ही टनटना कर खड़ा हो गया था और मैं उसके लण्ड को देख कर में मस्त हो गई थी। और मै। सो चनेलगी थी कि हाय ये मेरी बूर में चलाजायेगा उस समय मै। सिसक उठी थी हाय मैं तो लण्ड कि कलपना में रात दिन करती थी।
और मै चाहती हूं कि ऐ लण्ड मेरी बूर में घूसें मगर मैं तड़प कर रह जाती थी।
तब मै। अपनी बूर को अपनी हाथो कि उंगलीघूसा कर मैं अपनी बुर को चोदकर सान्त करती थी।
खैर ये मेरे जीवन का पहला क्षण था उसका लण्ड मूझे बड़ी अच्छा लग रहा था हाय ।
मैने उसके लण्ड को पकड़ा तो बो सिसक उठा और वो मेरी भी पेन्टी उतारते हुए बोला हाय देर क्यों करती हो मेरी जान ।
और मै खड़ी हुई तो मेरी पेन्टी उतारने लगा था। और वो मेरी पेन्टी उतार कर फेक दिया ।
फिर वो मेरी बूर में वो उगली को डाल दिया था और मैं सिसक उठी थी।
हाय मे। इतना मदहोश हो चूकि थी कि क्या कहना और मैं वेचैन होकर उसके लण्ड को अपनी मूठी मे भर कर मैं दवाने लगी थी। तब वो कोशिश कर बोला हाय रानी।
जब मैं देखी कि लड़कि नंगह है वह लड़के को लण्ड को वो देख रही थी तभी वो मुझकों खीच कर गोद में बैठा लिया था और मेरी चूतर कके बीच अपना लण्ड को फसा दिया ।
वो लण्ड को फसा करके अपना लण्ड को मेरी बूर से सटा लिया था तब मैं सिसक ने लगी थी हाय मेरी बूर वो वो लण्ड से सहला रहा था और मेरी बूर पर लण्ड को रगड़ रहा था।
वो लड़का लेटा हुआ था । वो भी उसकसें उपर लेट गयी थी फिर वो उसके लण्ड को पकड़ कर वो सहला रही थी।
ईधर पन्टी भी अपने लण्ड से मेरी जांघों को विच में वो तेजी से रगड़ रहा था। वो फिर अपने लण्ड को मेरी बूर में पेलने कि कोशिश में था और दूसरा हाथ से मेरी चूची को मसल रहा था।
जब वो मेरी चूची को दवाने लगा तो मैं वेचैन हो उठी थी फिर बोली रानी । तो मैं उस वक्त मदहोश बोली क्यों न हम लोग भी इस तरह से चोदाई कि जाय।
क्यों तुम उसके जैसा नही कर सकती हो हां बन्टी क्यों नही मैं कर सकता हूं है।
ओर मैं फिर उसके लण्ड को दवाने लग गयी थी हाय रानी तू ईसे अपनी बूर में लकर छूप लो ना । रिकी बाल विधवा थी उसकि शादी सिमा पूर में हुई थी। वो अपने ताऊ के पास रहती थी।
उसकि उम्र 25 वर्ष की हो रही थी वो बहूत हि खूबसूरत लड़की थी और वो चड़ती जवानी कि औरत थी।
रिकी के ताउ एक किरायेदार के घर पर अच्छी नौकरी करता था उसका कोई बाल बच्चा नही था।
इसलिए वो अपना बाल बिधवा बच्चे को वो पअने ही पास रख्ने थे। रिकी कि चाची भी एक अच्छी औरत थी वो भी रिकी
के साथ बहुत प्यार करती थी बिना पूरूष से बिना गर्मा कर बोली थी।
मेरी उम्र सिर्फ साठ बर्ष की थी जब से छोटी थी तो मेरे पिताजी मेरी शादी कर दी थी।
कि मेरा दूर भाग्य था कि मेरे पति एक एकसिडेन्ट में चल बसे थे उस समय मतें 15 बर्ष की थी।
मेरी चड़ती जवानी कि सूरूयात हुई तो उसका दो तीन महीने के बाद मेरी चूची बड़ी हो रही थी।
मेरी सास फुलने लगी थी मेरी चूतर भी उपर नीचे होने लगी थी घर के लोग भी मुझ पर तना कसी कर लिया करतें थे मजूबूरन हमें उसे छोड़ देना पड़ा ।
दूसरी शादी के लिए मैं एक दम परे सानी सी हो गयी थी। उसके बाद मेरा जिवन तहस नहस हो गया था।
आज उस बात का करीब दस साल बित चूकें है मगर घाव अभी तक ताजें लग रहे है। - मैने सूहाग रात मनाने के लिए रूम मे गया सिकरी सिमटी सकू चाई वो मेरा इन्तजार कर रही थी। वो भी आदीवासी नयी नवेली लड़कि थी उसे देखतें ही दोस्तों कि बातें मेरे दिमाग में खलवली मचाने लगी तूम उस पर जोर मजत करना समझे ।
तुम उस पर एक बैक एटेक मत करना उसका नखरा होगा तूम उसे घड़ घ्ज्ञडा कर उसे चोद देना तब वो तूम्हें सम्पूर्ण मर्द रमझेगा बरर्ना तूम्हें कमजोर समझेगी। तूम्हे हवश का सैतान समझेगा मैं नही उसकि घूघट उठाया और नही उसे प्यार भरी बातें कि । - मैने एक दम से झपट कर उसे दवोच लिया और मैं उसके कपड़ें खोलने लगा।
इस कदर वो तेज हमले से घवरा गई उसकि आंखों में जो समने थे वो एकदम से विखर गये । - उसकि मुंह से घूटी घूटी सी चिख सी नीकल गयी थी। उसे शायद मेरे मुंह से उठतें शराब कि बदबू भी लग गयी थी। तभी तो उसकि चेहरे पर एक सौफ उभरा हुआ था।
मैने उसके कपड़े क सती लड़ने वाले स्टाईल से उसके कपड़ें को खोल दिया जरा सा भी उसके बदन पर कपड़े नही रहा और मैं लाल लाल आंखों से उस कि नंगी बदन को देखा हलाकि नशे के कारन मेरी नजर उसकि बर पर नही जा रही थी फिर भी उसने नंगी औरत कि चमक ही अलग होती है। - वो उसकों देख कर वो थर थर काप रही भी जहा। उसकि आंखों में शोखी मादकता होनी चाहें दि थी वही वह खौफ के मारे नंगी सिकरी बैठी ही वो काप रही थी। ___ मैने कपकपातें हाथों से अपने भी कपडे झट से उतारे
और पहले से अधिक तेजी के साथ उसे मैं पकड़ कर उसकों मैं दवोच लिया वो फिर चिखी मानों शेर ने बकरी को दवोच लिया हो।
पता नही मैं किने कस कर उसकी चूची को तथा सारे हीस्से को दवाया कि वो काप उठी थी खौफ ओर शर्म केसाथ साथ उसे दर्द भी होने लगा था मैने तो नंगा हो चूका था उस मैं बकरी की तरह मैं उसे विस्तर पर दवोचे। उसके बूर पर मैं अपना लण्ड को रगड़ने लगा था। उसने बौखला कर अपनी टागें सिकोड जी और खौफ और डर से विलबिला कर बोली नही नही
क्या क्या हिच्च नही हरामजादी तूझे तो मै एक झटके में पेल दूगा देखा।
नशे के कारण मूझे भी अपने पर भी काबू नही था। फिर मैं अपने दिल में गुस्सा भी भर लिया थां
पता नही मूझाकें किस कदम से भयानक आवाजें निकली थी कि मेरी बीबी खिसिया उठी थी।
मूझे हलका हल्का ये याद हे कि मै। उसके बाद में उसकों टांग को चिरकर अपनी तरपु को खीचा तो तो उसने घबरा कर अपनी बूर पर हाथ रख कर वोजोर से दवा ली थी।
मैने उसकि हाथों को देखा भी नही और मैं अपने लण्ड को उसकि बूर पर में पहला मेरा लण्ड उसकों हाथ पर ठोकर मार कर बो लौट आया आगे का रास्ता उसने बन्द कर रखा था।
फिर मैं कछ देर बाद मैने तब जाना जब उसकि जांघों के बिच में मेरी नजर कुछ ठहरी ।
हो भी अपनी भयानक आंखों से मेरी लण्ड को वो देख रही थी। -उसे ईस समय वो मेरा लण्ड नही बल्ली ललकार या खंजर नजर आ रहा था।
ईतने कडियल रूख को भला कौन लडकि बर्दाश्त कर सकती थी। और तो यह बात है। पिरि मैं ठंठा कर हंसा अभी मैं देख लेता हूं में।
साली कों मैने उसका हाथ पकड़ कर झटके दिये जैसे वो फेवी कॉल में हाथ डूवों कर अपनी बूर पर चिपकाली हो हाथ उसने नही हटा या था नही नही मूझे को मत चोदो मैं मर जाउगी । उसके घूटें घटे से शब्द मेरे कानों में गूजने लगे थे।
मेरे दोस्तों ने कहा था कि वो नखरा करेगी इस नखरे को मै। तोड़ना चाहता था। मैने उसके हाथ को जोर से मैं झटके दिये पता नही कि कितनी जान थी उसकि जांघों कि उसका हाथ तो मैं नही हटा सका मगर मैं ईस कोशिश में 'मेरी टागों में उलझी उस कि टांगें निकल गई और वो पलटी खा गइ थी।
मेरी पकड़ से वो निकल कर उसने कही भाग जाना वों चाहा मगर नशे में भी मुझे इतना होश था कि मै। उसकि कमर को थाम कर मैं वही पर गिरा लिया ।
वो उल्टी है किसी थी मैने यह भी नही देखा उसकि बदन पर मैने गीर गया बूरी तरह से और मैं उसे जाकड़ लिया था।और फिर मैने अपने लण्ड को उसकि गांड पर घड़ा पड़ माने लगा इतने में उसकों जोर से चिखने कि आवाज आई।
घूस गया । घूसगया मैने उसकि चिख कि और ध्यान दिये बिना मैने खूशी हो कर नारा सा लगा था।
वाकई मरा लण्ड गांड में घूसा चूका था सटाक से मगर जहाँ पर घूसना चाहिए था वहा नही मगर गांड में घूस चूका था उसकि बदन में एक दम से भूकम्प आ गई थी।
मेरी पकड से वो निकल कर वो भाग जाना चाहा मगर मुझे नशे में भी इतना होथ था कि मैं उसकि कमर थाम कर मैं उसको वही पर गीरा दिया था।
और फिर मैने उसे उठने ही नही दिया था वो उल्टी है कि सिधी मैने यह भी नहीं देखा उसके बदन पर गीर कर मैं उसें बुरी तरह से जकड लिया था।
और फिर अपने लण्ड को उसके गांड पर मैने धड़ा घडे अपने लण्ड स मैं चोदने लगा।
ईतने में उसे जोर से चिखने कि आवाज आई में तो उसकि गांड को चोदता रहा कभी भीतर कभी बाहर लण्ड को निकालता रहा और वो चिख रही थी रो रही थी।
उस बेचारी ने ईतनी कष्ट सही थी कि उसने दर्द से बोझल शरीर के उपर मूझ को नही लपाई।
वो घूटी घूटी सांसों के बीच वो पूरी तरह से रो रही थी पअनी समझ के अनूसार मैने तो उसकि चोदाई कर ली ।
मगर उस वेचारी को अधमरी हालत में पहचा दिया था सूबह जब आंख खुली तो घर में हगामा सा पाया ।
मेरी नयी नवेली बीबी कमरे में मौजूद नहीं थी पता नही वो रात को या सूबह पहर वो किस समय घर से निकल पड़ी थी।
मै क्या लि खू आप यू समझ लिजिए कि मेरा ससूराल. वाले गुस्से की हालत में आये मूझे और मेरे घर वालों को काफी गाली बकि ।
मेरी रात की गन्दी हरकत के विश्य में बताया और यह भी कहा कि उनकी लड़कि यहां पर कभी नही आयेगी । यह तो ऐयास शराबि को नही आ सकती मैं फौरन उसे मैं तलाक दे देना चाहिए।
मुझे पिछली रात के विसय में हल्की हल्की थी उसकि जानबर पंना सून कर मैं सनन रह गया वैसे मेरा कोई ईरादा नही था दोस्तों ने मूझकों शराब पिलादी यह सब उसी की ब जह से हुआ ।
मै चिख चिख कर बताना चाहता था लेकिन मेरी अब सून्नता ही कौन।
गरज यह कि मेरी बीबी जिसकी में सूरत तक पर मै। उसें गौर नही किया था। वह अच्छी थी या बूरी गोरी थी
लेखक-मस्तराम
तो रानी ठीक है तूमअपनी ऑख बंद कर लो
ना जी नही मैं सामने देख रही हूं। तूम अपना काम करते रहो न हमें इस से कोई मतलब नही है तो ठिक है मैं देखती हूं।
तब वो अपना हाथ को उसकी जांघों पर ले गई उसका लण्ड तो पहिले से ही खड़ा था और फुफाकर रहा था।
मैने उसके लण्ड पर हाथ रखी तो वो सिसक उठा था। आह सीने को अपने लण्ड को वेचैन हाथों से थामकर तो वो वेचैन हो उठा था।
तभी मैं अपनी उंगली उसकि पैन्ट कि जिप पर रख दिया था और मै उसके पैंट को खोल दी थी।
और चैन को नीचे सर कातें ही जाघिया से बाहर निकलतें हमको समझ में आ गया था।
और मैं अपने हाथकों उसके लण्ड पर रख दिया थाऔर मैं लण्ड को दवाने लगा था। कि वो सिसकार कर बोला हाय मारिया इसे खोल डालो ना । तब मैं मूस्कूरा कर के मैने उसके लण्ड को पकड़ कर मै। जोरो से दवाने लगी थी।
उसका लण्ड जाधिया से निकलने ही टनटना कर खड़ा हो गया था और मैं उसके लण्ड को देख कर में मस्त हो गई थी। और मै। सो चनेलगी थी कि हाय ये मेरी बूर में चलाजायेगा उस समय मै। सिसक उठी थी हाय मैं तो लण्ड कि कलपना में रात दिन करती थी।
और मै चाहती हूं कि ऐ लण्ड मेरी बूर में घूसें मगर मैं तड़प कर रह जाती थी।
तब मै। अपनी बूर को अपनी हाथो कि उंगलीघूसा कर मैं अपनी बुर को चोदकर सान्त करती थी।
खैर ये मेरे जीवन का पहला क्षण था उसका लण्ड मूझे बड़ी अच्छा लग रहा था हाय ।
मैने उसके लण्ड को पकड़ा तो बो सिसक उठा और वो मेरी भी पेन्टी उतारते हुए बोला हाय देर क्यों करती हो मेरी जान ।
और मै खड़ी हुई तो मेरी पेन्टी उतारने लगा था। और वो मेरी पेन्टी उतार कर फेक दिया ।
फिर वो मेरी बूर में वो उगली को डाल दिया था और मैं सिसक उठी थी।
हाय मे। इतना मदहोश हो चूकि थी कि क्या कहना और मैं वेचैन होकर उसके लण्ड को अपनी मूठी मे भर कर मैं दवाने लगी थी। तब वो कोशिश कर बोला हाय रानी।
जब मैं देखी कि लड़कि नंगह है वह लड़के को लण्ड को वो देख रही थी तभी वो मुझकों खीच कर गोद में बैठा लिया था और मेरी चूतर कके बीच अपना लण्ड को फसा दिया ।
वो लण्ड को फसा करके अपना लण्ड को मेरी बूर से सटा लिया था तब मैं सिसक ने लगी थी हाय मेरी बूर वो वो लण्ड से सहला रहा था और मेरी बूर पर लण्ड को रगड़ रहा था।
वो लड़का लेटा हुआ था । वो भी उसकसें उपर लेट गयी थी फिर वो उसके लण्ड को पकड़ कर वो सहला रही थी।
ईधर पन्टी भी अपने लण्ड से मेरी जांघों को विच में वो तेजी से रगड़ रहा था। वो फिर अपने लण्ड को मेरी बूर में पेलने कि कोशिश में था और दूसरा हाथ से मेरी चूची को मसल रहा था।
जब वो मेरी चूची को दवाने लगा तो मैं वेचैन हो उठी थी फिर बोली रानी । तो मैं उस वक्त मदहोश बोली क्यों न हम लोग भी इस तरह से चोदाई कि जाय।
क्यों तुम उसके जैसा नही कर सकती हो हां बन्टी क्यों नही मैं कर सकता हूं है।
ओर मैं फिर उसके लण्ड को दवाने लग गयी थी हाय रानी तू ईसे अपनी बूर में लकर छूप लो ना । रिकी बाल विधवा थी उसकि शादी सिमा पूर में हुई थी। वो अपने ताऊ के पास रहती थी।
उसकि उम्र 25 वर्ष की हो रही थी वो बहूत हि खूबसूरत लड़की थी और वो चड़ती जवानी कि औरत थी।
रिकी के ताउ एक किरायेदार के घर पर अच्छी नौकरी करता था उसका कोई बाल बच्चा नही था।
इसलिए वो अपना बाल बिधवा बच्चे को वो पअने ही पास रख्ने थे। रिकी कि चाची भी एक अच्छी औरत थी वो भी रिकी
के साथ बहुत प्यार करती थी बिना पूरूष से बिना गर्मा कर बोली थी।
मेरी उम्र सिर्फ साठ बर्ष की थी जब से छोटी थी तो मेरे पिताजी मेरी शादी कर दी थी।
कि मेरा दूर भाग्य था कि मेरे पति एक एकसिडेन्ट में चल बसे थे उस समय मतें 15 बर्ष की थी।
मेरी चड़ती जवानी कि सूरूयात हुई तो उसका दो तीन महीने के बाद मेरी चूची बड़ी हो रही थी।
मेरी सास फुलने लगी थी मेरी चूतर भी उपर नीचे होने लगी थी घर के लोग भी मुझ पर तना कसी कर लिया करतें थे मजूबूरन हमें उसे छोड़ देना पड़ा ।
दूसरी शादी के लिए मैं एक दम परे सानी सी हो गयी थी। उसके बाद मेरा जिवन तहस नहस हो गया था।
आज उस बात का करीब दस साल बित चूकें है मगर घाव अभी तक ताजें लग रहे है। - मैने सूहाग रात मनाने के लिए रूम मे गया सिकरी सिमटी सकू चाई वो मेरा इन्तजार कर रही थी। वो भी आदीवासी नयी नवेली लड़कि थी उसे देखतें ही दोस्तों कि बातें मेरे दिमाग में खलवली मचाने लगी तूम उस पर जोर मजत करना समझे ।
तुम उस पर एक बैक एटेक मत करना उसका नखरा होगा तूम उसे घड़ घ्ज्ञडा कर उसे चोद देना तब वो तूम्हें सम्पूर्ण मर्द रमझेगा बरर्ना तूम्हें कमजोर समझेगी। तूम्हे हवश का सैतान समझेगा मैं नही उसकि घूघट उठाया और नही उसे प्यार भरी बातें कि । - मैने एक दम से झपट कर उसे दवोच लिया और मैं उसके कपड़ें खोलने लगा।
इस कदर वो तेज हमले से घवरा गई उसकि आंखों में जो समने थे वो एकदम से विखर गये । - उसकि मुंह से घूटी घूटी सी चिख सी नीकल गयी थी। उसे शायद मेरे मुंह से उठतें शराब कि बदबू भी लग गयी थी। तभी तो उसकि चेहरे पर एक सौफ उभरा हुआ था।
मैने उसके कपड़े क सती लड़ने वाले स्टाईल से उसके कपड़ें को खोल दिया जरा सा भी उसके बदन पर कपड़े नही रहा और मैं लाल लाल आंखों से उस कि नंगी बदन को देखा हलाकि नशे के कारन मेरी नजर उसकि बर पर नही जा रही थी फिर भी उसने नंगी औरत कि चमक ही अलग होती है। - वो उसकों देख कर वो थर थर काप रही भी जहा। उसकि आंखों में शोखी मादकता होनी चाहें दि थी वही वह खौफ के मारे नंगी सिकरी बैठी ही वो काप रही थी। ___ मैने कपकपातें हाथों से अपने भी कपडे झट से उतारे
और पहले से अधिक तेजी के साथ उसे मैं पकड़ कर उसकों मैं दवोच लिया वो फिर चिखी मानों शेर ने बकरी को दवोच लिया हो।
पता नही मैं किने कस कर उसकी चूची को तथा सारे हीस्से को दवाया कि वो काप उठी थी खौफ ओर शर्म केसाथ साथ उसे दर्द भी होने लगा था मैने तो नंगा हो चूका था उस मैं बकरी की तरह मैं उसे विस्तर पर दवोचे। उसके बूर पर मैं अपना लण्ड को रगड़ने लगा था। उसने बौखला कर अपनी टागें सिकोड जी और खौफ और डर से विलबिला कर बोली नही नही
क्या क्या हिच्च नही हरामजादी तूझे तो मै एक झटके में पेल दूगा देखा।
नशे के कारण मूझे भी अपने पर भी काबू नही था। फिर मैं अपने दिल में गुस्सा भी भर लिया थां
पता नही मूझाकें किस कदम से भयानक आवाजें निकली थी कि मेरी बीबी खिसिया उठी थी।
मूझे हलका हल्का ये याद हे कि मै। उसके बाद में उसकों टांग को चिरकर अपनी तरपु को खीचा तो तो उसने घबरा कर अपनी बूर पर हाथ रख कर वोजोर से दवा ली थी।
मैने उसकि हाथों को देखा भी नही और मैं अपने लण्ड को उसकि बूर पर में पहला मेरा लण्ड उसकों हाथ पर ठोकर मार कर बो लौट आया आगे का रास्ता उसने बन्द कर रखा था।
फिर मैं कछ देर बाद मैने तब जाना जब उसकि जांघों के बिच में मेरी नजर कुछ ठहरी ।
हो भी अपनी भयानक आंखों से मेरी लण्ड को वो देख रही थी। -उसे ईस समय वो मेरा लण्ड नही बल्ली ललकार या खंजर नजर आ रहा था।
ईतने कडियल रूख को भला कौन लडकि बर्दाश्त कर सकती थी। और तो यह बात है। पिरि मैं ठंठा कर हंसा अभी मैं देख लेता हूं में।
साली कों मैने उसका हाथ पकड़ कर झटके दिये जैसे वो फेवी कॉल में हाथ डूवों कर अपनी बूर पर चिपकाली हो हाथ उसने नही हटा या था नही नही मूझे को मत चोदो मैं मर जाउगी । उसके घूटें घटे से शब्द मेरे कानों में गूजने लगे थे।
मेरे दोस्तों ने कहा था कि वो नखरा करेगी इस नखरे को मै। तोड़ना चाहता था। मैने उसके हाथ को जोर से मैं झटके दिये पता नही कि कितनी जान थी उसकि जांघों कि उसका हाथ तो मैं नही हटा सका मगर मैं ईस कोशिश में 'मेरी टागों में उलझी उस कि टांगें निकल गई और वो पलटी खा गइ थी।
मेरी पकड़ से वो निकल कर उसने कही भाग जाना वों चाहा मगर नशे में भी मुझे इतना होश था कि मै। उसकि कमर को थाम कर मैं वही पर गिरा लिया ।
वो उल्टी है किसी थी मैने यह भी नही देखा उसकि बदन पर मैने गीर गया बूरी तरह से और मैं उसे जाकड़ लिया था।और फिर मैने अपने लण्ड को उसकि गांड पर घड़ा पड़ माने लगा इतने में उसकों जोर से चिखने कि आवाज आई।
घूस गया । घूसगया मैने उसकि चिख कि और ध्यान दिये बिना मैने खूशी हो कर नारा सा लगा था।
वाकई मरा लण्ड गांड में घूसा चूका था सटाक से मगर जहाँ पर घूसना चाहिए था वहा नही मगर गांड में घूस चूका था उसकि बदन में एक दम से भूकम्प आ गई थी।
मेरी पकड से वो निकल कर वो भाग जाना चाहा मगर मुझे नशे में भी इतना होथ था कि मैं उसकि कमर थाम कर मैं उसको वही पर गीरा दिया था।
और फिर मैने उसे उठने ही नही दिया था वो उल्टी है कि सिधी मैने यह भी नहीं देखा उसके बदन पर गीर कर मैं उसें बुरी तरह से जकड लिया था।
और फिर अपने लण्ड को उसके गांड पर मैने धड़ा घडे अपने लण्ड स मैं चोदने लगा।
ईतने में उसे जोर से चिखने कि आवाज आई में तो उसकि गांड को चोदता रहा कभी भीतर कभी बाहर लण्ड को निकालता रहा और वो चिख रही थी रो रही थी।
उस बेचारी ने ईतनी कष्ट सही थी कि उसने दर्द से बोझल शरीर के उपर मूझ को नही लपाई।
वो घूटी घूटी सांसों के बीच वो पूरी तरह से रो रही थी पअनी समझ के अनूसार मैने तो उसकि चोदाई कर ली ।
मगर उस वेचारी को अधमरी हालत में पहचा दिया था सूबह जब आंख खुली तो घर में हगामा सा पाया ।
मेरी नयी नवेली बीबी कमरे में मौजूद नहीं थी पता नही वो रात को या सूबह पहर वो किस समय घर से निकल पड़ी थी।
मै क्या लि खू आप यू समझ लिजिए कि मेरा ससूराल. वाले गुस्से की हालत में आये मूझे और मेरे घर वालों को काफी गाली बकि ।
मेरी रात की गन्दी हरकत के विश्य में बताया और यह भी कहा कि उनकी लड़कि यहां पर कभी नही आयेगी । यह तो ऐयास शराबि को नही आ सकती मैं फौरन उसे मैं तलाक दे देना चाहिए।
मुझे पिछली रात के विसय में हल्की हल्की थी उसकि जानबर पंना सून कर मैं सनन रह गया वैसे मेरा कोई ईरादा नही था दोस्तों ने मूझकों शराब पिलादी यह सब उसी की ब जह से हुआ ।
मै चिख चिख कर बताना चाहता था लेकिन मेरी अब सून्नता ही कौन।
गरज यह कि मेरी बीबी जिसकी में सूरत तक पर मै। उसें गौर नही किया था। वह अच्छी थी या बूरी गोरी थी