desiaks
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- Aug 28, 2015
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अपडेट 104
जूली की इतनी सेक्सी बातें सुनकर मेरे पर तो ज्यादा असर नहीं हुआ ....
पर शायद लगता है कि पिंकी कुछ ज्यादा ही उत्त्सुक दिख रही थी ....
अब मुझे सब कुछ सम्भालना था ...
उसको बड़े आराम से ही सब कुछ बताना था ....
उसकी आँखों में मेरे लिए इस समय केवल सीम्पेथी ही नजर आ रही थी ...
वो अभी केवल इतना ही समझ रही थी कि जिस पति को अपनी पत्नी की बेवफाई के बारे में पता चले तो उस पर क्या गुजरती है ....
अब मुझे उसकी वो सारी ग़लतफहमी दूर करनी थी ...और उसका दृष्टिकोण बदलना था ....
पिंकी : ओह सर ये आपकी वाईफ थी न .....मुझे यास्मीन ने बताया था ...उनका नाम जूली ही है ना ....
अब फिर से मेरा माथा ठनका ...
यास्मीन ने इसको क्या क्या बताया ..???
मैं : हाँ यार मेरी प्यारी बीवी ही है ....क्या बताया यास्मीन ने तुमको ...इसके बारे में ...
पिंकी : बस इतना ही कि उनका नाम जूली है ...और बहुत मोर्डर्न हैं ...
मैं : हाँ यार बहुत मॉडर्न है वो ..अब तो तुम समझ ही गई होगी ....
पिंकी : छिइइइइइइइइइइइ कितनी गन्दी हैं वो ...ये सब भी कोई करता है क्या ..????????
मैं : हा हा हा हा वाह यार तुम भी क्या बात करती हो ??? अरे इसमें क्या हुआ ??????
पिंकी : क्यों आपको बुरा यही लगा ....वो ये सब ....
मैं : कमाल करती हो ..... इसमें बुरा क्या लगेगा ...अरे यार उसका जीवन है ....और जो उसको अच्छा लगता है ..उसको करने का पूरा हक़ है ....
पिंकी : मगर ऐसे ..ये तो गलत है न ....उनको आप जैसा इतना अच्छा पति मिला है ...फिर तो कुछ और नहीं .........
मैं : अरे यार किस पिछड़ी दुनिया में जी रही हो ...आजकल सब कुछ चलता है ....
अभी कुछ देर पहले हमने जो कुछ किया ..क्या वो सही था ....
अरे हम दोनों को अच्छा लगा तो किया ना .......
..................
पिंकी : ह्म्म्म्म्म्म पर मुझे अगर आप जैसा पति मिलता तो फिर तो कभी कुछ और नहीं सोचती ....
मैं : क्यों अभी क्या खराब मिला है ....अरे यार ये पति सिर्फ १-२ साल तक ही अच्छे लगते हैं फिर सब कुछ पुराना जैसा हो जाता है ....
पिंकी : जी नहीं मेरे साथ ऐसा नहीं है ....वो तो ...
मेरे लिए सेक्स ही सब कुछ नहीं है ...मुझे तो बस दिल से प्यार करने वाला और मुझे समझने वाला ही अच्छा लगता है .....
मैं : अरे तो क्या इसीलिए तुम मेरे साथ वो सब ....
पिंकी : जी हाँ मुझे आप बहुत अच्छे लगे ...तभी तो मैंने जूली जी के बारे में वो सब कहा ,,,,
मैं : अरे मेरी जान ऐसा कुछ नहीं है ....वो बहुत अच्छी है ...मुझे बहुत प्यार करती है ....और मैं भी उसको बहुत प्यार करता हूँ ....
पिंकी : फिर ये सब ..क्या आपको बिलकुल भी बुरा नहीं लगा ....
मैं : बिलकुल नहीं ....मैं ये सब केवल थोड़ा सा शारीरिक सुकून ही मानता हूँ ....
क्या किसी के साथ थोड़ा बहुत मस्ती करने से इंसान का कुछ घिस जाता है ...नहीं ना ...तो फिर कयके हल्ला ....
पिंकी : हाँ मगर हमारा ये समाज ....इसी को सब कुछ समझता है ...
मैं : अरे छोड़ो यार ये सब फ़ालतू की बातें ....कुछ नहीं रखा इनमे .....
सच बताओ ....हमने जो अभी किया ....मुझे पता है वो तुम्हारी नजरों में गलत है ....पर सच बताना तुमको अच्छा लगा या नहीं ....
उसने बहुत ही शरमाते हुए हाँ में जवाब दिया ....
मैं : फिर सब बात बेकार हैं ... अगर किसी बात से हमको ख़ुशी मिलती है ...और कुछ नुक्सान नहीं होता ...तो वो बात गलत हो ही नहीं सकती ...
मुझे नहीं लगता कि किसी भी मर्द को अगर कोई लड़की सेक्स का ऑफर दे तो वो मना कर दे ...
वो एक बार भी तुम्हारी तरह नहीं सोचेगा ...
जब उसका कुछ नहीं घिसता तो फिर यार तुम लड़कियों को क्यों चिंता होती है ...
इस बात पर हम दोनो बहुत तेज हसने लगते हैं .....
पिंकी : आप सच बहुत मजेदार बात करते हो ...आप बहुत अच्छे हैं ...
मैं : अच्छा पिंकी सच बताओ .... क्या तुम्हारे हस्बैंड तुको परेसान करते हैं ...
पिंकी : ना ऐसी कोई बात नहीं ...पर वो अच्छे इंसान नहीं हैं ...
..................
फिर मुझे लिजी कि याद आ गई ....
मैंने उसको फोन मिलाया ....
कुछ ही देर में उसने कॉल रिसीव कर लिया ....
मैं : हाँ जी लिजी जी क्या हो रहा है ....आपके ये कपडे ...इनका क्या करना है ..???
लिजी : ओहो जीजू ...व्व्वो ववो ...अह्हा
वहां से बड़ी ही खतरनाक आवाजें आ रही थी ....
मैं : अरे क्या हुआ ....लगता है बहुत जरुरी काम चल रहा है ...हा हा
मैं जानबूझकर हंसा ....
लिजी : अह्हा हा हाँ जीजू ...वो कुछ खुदाई का काम चल रहा है ....ऐसा करो ...अभी तो मैं कपडे पहन ही नहीं सकती ...आप उनको अपने पास ही रखो ...फिर कभी ले लुंगी ...
ओह ये लिजी तो सैतान की नानी निकली ...उसको कोई शरम नहीं थी ....
वो बड़ी आसानी से सब बात बोल जाती है ....
मैं भी उससे ज्यादा कुछ नहीं कहता ..
मैं : ठीक है डिअर फिर तुम खुदाई करवाओ ...मैं बाद में चेक कर लूंगा कि सही से हुई है या नहीं ....
लिजी : और अगर नहीं हुई होगी तो क्या फिर आप भी सही से करोगे ....हा हा आःह्हाआआ
मैं : वो तो देखने के बाद ही पता चलेगा ....ओके बाई..
और उसने भी फोन रख दिया ....
मैं काफी थक गया था ....इसलिए जल्दी से घर पहुंचा ...
वहां जूली और अनु किचन में काम करने में व्यस्त थे ....
......................
अनु को देखकर मैं बहुत खुश हुआ ....
वो बहुत ही खूबसूरत लग रही थी ....
उसने सफ़ेद लांचा और कुर्ती पहनी थी ...लांचा पर नीले रंग के चमकदार फूल थे ....
मुझे देखकर दोनों ही बहुत खुश हुए ....
जूली : अरे आ गए आप ...चलो अच्छा हुआ ...
जूली भी क़यामत लग रही थी ...उसने नै प्रिंटेड साडी पहनी हुई थी ....
मुझे नहीं पता की उसने खुद पहनी या अंकल ने हेल्प की ...
मगर साडी बहुत ही फैशनेबल स्टाइल में बंधी हुई थी ...
उसका ब्लाउज भी बहुत ही मॉडर्न था ...कुल मिलाकर जूली क़यामत लग रही थी ...,
मैं : हाँ यार आज बहुत थक गया हूँ ....क्या हुआ ...?? कहीं जा रही हो क्या .???
मैंने जानबूझकर थकान के लिए कहा ...कि वो कहीं जाने को ना कह दे ....
जूली : अरे नहीं बस वो मेहता जी कि बेटी कि शादी है ना तो उन्ही के यहाँ आज महिला संगीत है ...मैंने सोचा अनु को भी ले जाती हूँ ...
मैं : ठीक किया ....
जूली : पर अब आपका चाय नास्ता लगा दूँ क्या ????
मैं : नहीं यार अभी तो नहीं ....पहले तो में फ्रेश होऊंगा ...कोई नहीं ..तुम चली जाओ ...मैं खुद कर लूंगा ...
.जूली : अरे नहीं ...कोई बात नहीं कुछ देर बाद चली जाउंगी ...
तभी रंजू भाभी भी आवाज देने आ गई ....
मैं : अरे तुम लोग चले जाओ ना ....
अनु : दीदी आप चले जाओ ...मैं काम निबटाकर आ जाउंगी ....
मेरी आँखों में चमक आ गई ....फिर भी मैंने कहा ...
मैं : अरे नहीं अनु तू भी चली जा ...मैं मैनेज कर लूंगा ...
जूली : अरे नहीं ठीक ही तो कह रही है ...आप खुद कैसे करोगे ...कभी कुछ किया भी है ...
ये बाद में आ जाएगी ...
सुन अनु सही से सब कुछ करके आ जाना ...
मैं सोच रहा था ...कि क्या यार कितने प्यार से सब समझाकर जा रही है ....
और वो दोनों चले गए .....
अब मैं और अनु दोनों ही घर पर अकेले थे ...
मैंने मुस्कुराकर अनु की ओर देखा ....
वो भी मुस्कुरा रही थी ....
........
जूली की इतनी सेक्सी बातें सुनकर मेरे पर तो ज्यादा असर नहीं हुआ ....
पर शायद लगता है कि पिंकी कुछ ज्यादा ही उत्त्सुक दिख रही थी ....
अब मुझे सब कुछ सम्भालना था ...
उसको बड़े आराम से ही सब कुछ बताना था ....
उसकी आँखों में मेरे लिए इस समय केवल सीम्पेथी ही नजर आ रही थी ...
वो अभी केवल इतना ही समझ रही थी कि जिस पति को अपनी पत्नी की बेवफाई के बारे में पता चले तो उस पर क्या गुजरती है ....
अब मुझे उसकी वो सारी ग़लतफहमी दूर करनी थी ...और उसका दृष्टिकोण बदलना था ....
पिंकी : ओह सर ये आपकी वाईफ थी न .....मुझे यास्मीन ने बताया था ...उनका नाम जूली ही है ना ....
अब फिर से मेरा माथा ठनका ...
यास्मीन ने इसको क्या क्या बताया ..???
मैं : हाँ यार मेरी प्यारी बीवी ही है ....क्या बताया यास्मीन ने तुमको ...इसके बारे में ...
पिंकी : बस इतना ही कि उनका नाम जूली है ...और बहुत मोर्डर्न हैं ...
मैं : हाँ यार बहुत मॉडर्न है वो ..अब तो तुम समझ ही गई होगी ....
पिंकी : छिइइइइइइइइइइइ कितनी गन्दी हैं वो ...ये सब भी कोई करता है क्या ..????????
मैं : हा हा हा हा वाह यार तुम भी क्या बात करती हो ??? अरे इसमें क्या हुआ ??????
पिंकी : क्यों आपको बुरा यही लगा ....वो ये सब ....
मैं : कमाल करती हो ..... इसमें बुरा क्या लगेगा ...अरे यार उसका जीवन है ....और जो उसको अच्छा लगता है ..उसको करने का पूरा हक़ है ....
पिंकी : मगर ऐसे ..ये तो गलत है न ....उनको आप जैसा इतना अच्छा पति मिला है ...फिर तो कुछ और नहीं .........
मैं : अरे यार किस पिछड़ी दुनिया में जी रही हो ...आजकल सब कुछ चलता है ....
अभी कुछ देर पहले हमने जो कुछ किया ..क्या वो सही था ....
अरे हम दोनों को अच्छा लगा तो किया ना .......
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पिंकी : ह्म्म्म्म्म्म पर मुझे अगर आप जैसा पति मिलता तो फिर तो कभी कुछ और नहीं सोचती ....
मैं : क्यों अभी क्या खराब मिला है ....अरे यार ये पति सिर्फ १-२ साल तक ही अच्छे लगते हैं फिर सब कुछ पुराना जैसा हो जाता है ....
पिंकी : जी नहीं मेरे साथ ऐसा नहीं है ....वो तो ...
मेरे लिए सेक्स ही सब कुछ नहीं है ...मुझे तो बस दिल से प्यार करने वाला और मुझे समझने वाला ही अच्छा लगता है .....
मैं : अरे तो क्या इसीलिए तुम मेरे साथ वो सब ....
पिंकी : जी हाँ मुझे आप बहुत अच्छे लगे ...तभी तो मैंने जूली जी के बारे में वो सब कहा ,,,,
मैं : अरे मेरी जान ऐसा कुछ नहीं है ....वो बहुत अच्छी है ...मुझे बहुत प्यार करती है ....और मैं भी उसको बहुत प्यार करता हूँ ....
पिंकी : फिर ये सब ..क्या आपको बिलकुल भी बुरा नहीं लगा ....
मैं : बिलकुल नहीं ....मैं ये सब केवल थोड़ा सा शारीरिक सुकून ही मानता हूँ ....
क्या किसी के साथ थोड़ा बहुत मस्ती करने से इंसान का कुछ घिस जाता है ...नहीं ना ...तो फिर कयके हल्ला ....
पिंकी : हाँ मगर हमारा ये समाज ....इसी को सब कुछ समझता है ...
मैं : अरे छोड़ो यार ये सब फ़ालतू की बातें ....कुछ नहीं रखा इनमे .....
सच बताओ ....हमने जो अभी किया ....मुझे पता है वो तुम्हारी नजरों में गलत है ....पर सच बताना तुमको अच्छा लगा या नहीं ....
उसने बहुत ही शरमाते हुए हाँ में जवाब दिया ....
मैं : फिर सब बात बेकार हैं ... अगर किसी बात से हमको ख़ुशी मिलती है ...और कुछ नुक्सान नहीं होता ...तो वो बात गलत हो ही नहीं सकती ...
मुझे नहीं लगता कि किसी भी मर्द को अगर कोई लड़की सेक्स का ऑफर दे तो वो मना कर दे ...
वो एक बार भी तुम्हारी तरह नहीं सोचेगा ...
जब उसका कुछ नहीं घिसता तो फिर यार तुम लड़कियों को क्यों चिंता होती है ...
इस बात पर हम दोनो बहुत तेज हसने लगते हैं .....
पिंकी : आप सच बहुत मजेदार बात करते हो ...आप बहुत अच्छे हैं ...
मैं : अच्छा पिंकी सच बताओ .... क्या तुम्हारे हस्बैंड तुको परेसान करते हैं ...
पिंकी : ना ऐसी कोई बात नहीं ...पर वो अच्छे इंसान नहीं हैं ...
..................
फिर मुझे लिजी कि याद आ गई ....
मैंने उसको फोन मिलाया ....
कुछ ही देर में उसने कॉल रिसीव कर लिया ....
मैं : हाँ जी लिजी जी क्या हो रहा है ....आपके ये कपडे ...इनका क्या करना है ..???
लिजी : ओहो जीजू ...व्व्वो ववो ...अह्हा
वहां से बड़ी ही खतरनाक आवाजें आ रही थी ....
मैं : अरे क्या हुआ ....लगता है बहुत जरुरी काम चल रहा है ...हा हा
मैं जानबूझकर हंसा ....
लिजी : अह्हा हा हाँ जीजू ...वो कुछ खुदाई का काम चल रहा है ....ऐसा करो ...अभी तो मैं कपडे पहन ही नहीं सकती ...आप उनको अपने पास ही रखो ...फिर कभी ले लुंगी ...
ओह ये लिजी तो सैतान की नानी निकली ...उसको कोई शरम नहीं थी ....
वो बड़ी आसानी से सब बात बोल जाती है ....
मैं भी उससे ज्यादा कुछ नहीं कहता ..
मैं : ठीक है डिअर फिर तुम खुदाई करवाओ ...मैं बाद में चेक कर लूंगा कि सही से हुई है या नहीं ....
लिजी : और अगर नहीं हुई होगी तो क्या फिर आप भी सही से करोगे ....हा हा आःह्हाआआ
मैं : वो तो देखने के बाद ही पता चलेगा ....ओके बाई..
और उसने भी फोन रख दिया ....
मैं काफी थक गया था ....इसलिए जल्दी से घर पहुंचा ...
वहां जूली और अनु किचन में काम करने में व्यस्त थे ....
......................
अनु को देखकर मैं बहुत खुश हुआ ....
वो बहुत ही खूबसूरत लग रही थी ....
उसने सफ़ेद लांचा और कुर्ती पहनी थी ...लांचा पर नीले रंग के चमकदार फूल थे ....
मुझे देखकर दोनों ही बहुत खुश हुए ....
जूली : अरे आ गए आप ...चलो अच्छा हुआ ...
जूली भी क़यामत लग रही थी ...उसने नै प्रिंटेड साडी पहनी हुई थी ....
मुझे नहीं पता की उसने खुद पहनी या अंकल ने हेल्प की ...
मगर साडी बहुत ही फैशनेबल स्टाइल में बंधी हुई थी ...
उसका ब्लाउज भी बहुत ही मॉडर्न था ...कुल मिलाकर जूली क़यामत लग रही थी ...,
मैं : हाँ यार आज बहुत थक गया हूँ ....क्या हुआ ...?? कहीं जा रही हो क्या .???
मैंने जानबूझकर थकान के लिए कहा ...कि वो कहीं जाने को ना कह दे ....
जूली : अरे नहीं बस वो मेहता जी कि बेटी कि शादी है ना तो उन्ही के यहाँ आज महिला संगीत है ...मैंने सोचा अनु को भी ले जाती हूँ ...
मैं : ठीक किया ....
जूली : पर अब आपका चाय नास्ता लगा दूँ क्या ????
मैं : नहीं यार अभी तो नहीं ....पहले तो में फ्रेश होऊंगा ...कोई नहीं ..तुम चली जाओ ...मैं खुद कर लूंगा ...
.जूली : अरे नहीं ...कोई बात नहीं कुछ देर बाद चली जाउंगी ...
तभी रंजू भाभी भी आवाज देने आ गई ....
मैं : अरे तुम लोग चले जाओ ना ....
अनु : दीदी आप चले जाओ ...मैं काम निबटाकर आ जाउंगी ....
मेरी आँखों में चमक आ गई ....फिर भी मैंने कहा ...
मैं : अरे नहीं अनु तू भी चली जा ...मैं मैनेज कर लूंगा ...
जूली : अरे नहीं ठीक ही तो कह रही है ...आप खुद कैसे करोगे ...कभी कुछ किया भी है ...
ये बाद में आ जाएगी ...
सुन अनु सही से सब कुछ करके आ जाना ...
मैं सोच रहा था ...कि क्या यार कितने प्यार से सब समझाकर जा रही है ....
और वो दोनों चले गए .....
अब मैं और अनु दोनों ही घर पर अकेले थे ...
मैंने मुस्कुराकर अनु की ओर देखा ....
वो भी मुस्कुरा रही थी ....
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