desiaks
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- Aug 28, 2015
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घर से गाड़ी लेकर मैं जब ऑफिस के लिए निकला तो बहुत खुश था ....
रंजू भाभी ने मुझे असीम सुख दिया था ...
उनके साथ नंगे होकर मैंने बहुत मजे किये थे ...
उनकी चूत को जमकर चोदा था ...साथ ही साथ उनकी गांड के भी मजे लिए थे ...
उन्होंने भी बहुत जमकर चुदाई करवाई थी ...किसी भी बात के लिए मना नहीं किया था ...
वल्कि खुद आगे बढ़ चढ़कर साथ दिया था ...
दोनों अच्छी तरह नंगे होकर बाथरूम में नहाये थे ...
उससे भी ज्यादा उनका दादाजी के साथ मस्त व्यबहार ने मुझे मदमस्त कर दिया था ...
इतना कुछ होकर भी मेरा मन अशांत था ...
मैं कभी जुली के बारे में सोचने लगता कि वो क्या कर रही होगी ...
अभी तिवारी अंकल के साथ ही होगी ..या स्कूल में होगी ...
तिवारी अंकल के साथ मस्ती कर रही होगी ...
या फिर स्कूल में विकास के साथ ....
केवल मस्ती ही कर रही होगी या फिर चुदाई का भी आनंद ले रही होगी ...
फिर मेरा मन भटककर रंजू भाभी की ओर चला जाता ..
भले ही मुझसे चुदवाकर वो पूरी तरह संतुष्ट हो गई थीं ..
मगर ये साला सेक्स ऐसी चीज है जो मन कभी नहीं भरता ...
और ऊपर से वो दादाजी ....क्या रंजू भाभी को पूरा नंगा ऐसे देखकर उनका लण्ड भी खड़ा हो गया होगा ...
कितने मजे से वो रंजू भाभी की नंगी गांड का मजा ले रहे थे ,..
उनके हाथ लगातार ही भाभी के चूतड़ को सहला रहे थे ...
और भाभी भी तो कोई ऑब्जेक्शन नहीं कर रही थीं ...
मैं अभी ये सब सोच ही रहा था कि मेरे सेल फ़ोन बजने लगा ...
अरे ये तो रंजू भाभी की कॉल थी .............
इस समय वो मुझे क्यों कल कर रही हैं ....???
मैं अभी उठाने वाला ही था ...कि "वाट्स अप" पर भाभी कि वीडियो कॉल आई ...
अब ये क्या ??? वो क्या बताना चाह रही थी ...
मैंने फोन सही से एडजस्ट किया और वीडिओ शुरू किया ....
वाह भाभी जी तुस्सी तो बहुत ही ग्रेट निकली ..जो मैंने अभी तक नहीं सोचा था ....वो उन्होंने करके दिखा दिया ..
अब तो इस ट्रिक से मैं बहुत ही मजा ले सकता था ..वो भी लाइव शो के ...
उन्होंने अपना फोन मेरे बेडरूम में ही बेड के कॉर्नर टेबल पर रखा था ....
अब कैसे....... ये तो उनको ही पता होगा ...
पर मुझे मेरा बेड और कमरे का काफी हिस्सा नजर आ रहा था .....
उस दृश्य को देखकर मुझे इतनी ख़ुशी नहीं हुई ...जितनी ये सोचकर हो रही थी ...
इस तरह तो मैं आगे बहुत कुछ लाइव देख सकता था ...
...............
इस समय बेड पर दादाजी अपने पैर नीचे लटकाकर बैठे थे...
ख़ास बात ये थी कि उन्होंने पेंट नहीं पहनी थी ...उनकी पेंट उनके पास ही बिस्तर पर रखी थी ...
रंजू भाभी उनके पैरों के पास नीचे बैठी थी ...
पहली नजर में तो मुझे लगा कि वो उनके लण्ड के साथ खेल रही हैं ...
या उनके लण्ड को चूस रही हैं ...
मगर ऐसा नहीं था ..
वो नीचे बैठकर उनके घुटने पर कोई दबाई लगा रही थी ..
या फिर किसी तेल से मालिस कर रही थी ...
ध्यान से देखने पर मैंने ये भी देख लिया कि दादाजी ने अंडरवियर भी पहना हुआ है ...
पर हाँ रंजू भाभी अभी तक नंगी ही थी ...
उन्होंने अभी तक कुछ नहीं पहना था ...
अब ये वो ही जाने कि उन्होंने खुद नहीं पहना था ..या दादाजी ने उनको कुछ ना पहनने के लिए फ़ोर्स किया था ...
मगर पूरी नंगी रंजू भाभी ....जो इस समय दादाजी की सेवा में लगी थी उनको इस तरह देखना...... मुझे किसी भी ब्लू फिल्म से... कहीं ज्यादा सेक्सी लग रहा था .......
अब मैंने अपने फोन का वॉल्यूम भी ओन किया ..
मैं अब सुनना भी चाह रहा था कि वो आपस में क्या बात कर रहे हैं ....
मैंने पूरा ध्यान उन्ही पर लगाने के लिए एक सही सी जगह देख गाड़ी पार्क कर ली ...
और उस वीडिओ का मजा लेने लगा ....
मुझे उनकी आवाजें भी साफ़ साफ़ सुनाई देने लगी ...
दादाजी: अहा अहा अह्ह्ह्ह बस बेटा अब लगता है सही हो गया है ...अब रहने दे ...
रंजू भाभी: दादाजी आप भी ना इस उम्र में भी इधर उधर घूमते फिरते रहते हैं ...
घर बैठा करो ना ...कहीं रोड पर गिर जाते ना तो कोई न कोई गाड़ी काम कर जाती ...
दादाजी: हा हा तू भी ना रंजू ...अगर घर बैठा रहा तब तो वैसे ही मर जाऊंगा ...
चलता फिरता रहता हूँ तभी इतने वसंत देख भी लिए ..
रंजू भाभी: अच्छा अभी भी वसंत देखने की बात करते हो ...जबकि पुरे पिलपिले हो गए हो ....
दादाजी: बेटा जी आम जितना पिलपिला हो जाता है ..उतना मजा देता है ...
रंजू भाभी : हाँ हाँ बस रहने दीजिये अब नहीं खाना मुझे पिलपिला आम ...बस एक से ही भरपाई मैं तो ...
दादाजी: तो क्या तिवारी बेकार हो गया है ....छोड़ तू उसको एक बार मेरे को चख ले फिर कहना ....
रंजू भाभी हसते हुए उठी... पता नहीं वो मान गईं थीं या सिर्फ दादाजी का मजाक उड़ा रही थीं ...
मगर वो बड़े ही सेक्सी अंदाज़ में नंगी ही बिस्तर पर चढ़कर खड़ी हुईं ...फिर एक अंगड़ाई ली ..और फिर अपने हाथ सर के नीचे रख लेट गई ...
उनके पैर दादाजी की ओर ही थे ...
दादाजी ने भी उनकी ओर अपने को घुमा लिया ...
और अपना एक हाथ भाभी की चिकनी जांघ पर रख दिया ....
मेरा दिल धड़कने लगा ..क्या भाभी अब दादाजी से भी चुदवायेंगी ...
कैसा लगेगा जब ८० साल का एक बुड्ढा ....इतनी मस्त जवानी को पेलेगा ...
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रंजू भाभी ने मुझे असीम सुख दिया था ...
उनके साथ नंगे होकर मैंने बहुत मजे किये थे ...
उनकी चूत को जमकर चोदा था ...साथ ही साथ उनकी गांड के भी मजे लिए थे ...
उन्होंने भी बहुत जमकर चुदाई करवाई थी ...किसी भी बात के लिए मना नहीं किया था ...
वल्कि खुद आगे बढ़ चढ़कर साथ दिया था ...
दोनों अच्छी तरह नंगे होकर बाथरूम में नहाये थे ...
उससे भी ज्यादा उनका दादाजी के साथ मस्त व्यबहार ने मुझे मदमस्त कर दिया था ...
इतना कुछ होकर भी मेरा मन अशांत था ...
मैं कभी जुली के बारे में सोचने लगता कि वो क्या कर रही होगी ...
अभी तिवारी अंकल के साथ ही होगी ..या स्कूल में होगी ...
तिवारी अंकल के साथ मस्ती कर रही होगी ...
या फिर स्कूल में विकास के साथ ....
केवल मस्ती ही कर रही होगी या फिर चुदाई का भी आनंद ले रही होगी ...
फिर मेरा मन भटककर रंजू भाभी की ओर चला जाता ..
भले ही मुझसे चुदवाकर वो पूरी तरह संतुष्ट हो गई थीं ..
मगर ये साला सेक्स ऐसी चीज है जो मन कभी नहीं भरता ...
और ऊपर से वो दादाजी ....क्या रंजू भाभी को पूरा नंगा ऐसे देखकर उनका लण्ड भी खड़ा हो गया होगा ...
कितने मजे से वो रंजू भाभी की नंगी गांड का मजा ले रहे थे ,..
उनके हाथ लगातार ही भाभी के चूतड़ को सहला रहे थे ...
और भाभी भी तो कोई ऑब्जेक्शन नहीं कर रही थीं ...
मैं अभी ये सब सोच ही रहा था कि मेरे सेल फ़ोन बजने लगा ...
अरे ये तो रंजू भाभी की कॉल थी .............
इस समय वो मुझे क्यों कल कर रही हैं ....???
मैं अभी उठाने वाला ही था ...कि "वाट्स अप" पर भाभी कि वीडियो कॉल आई ...
अब ये क्या ??? वो क्या बताना चाह रही थी ...
मैंने फोन सही से एडजस्ट किया और वीडिओ शुरू किया ....
वाह भाभी जी तुस्सी तो बहुत ही ग्रेट निकली ..जो मैंने अभी तक नहीं सोचा था ....वो उन्होंने करके दिखा दिया ..
अब तो इस ट्रिक से मैं बहुत ही मजा ले सकता था ..वो भी लाइव शो के ...
उन्होंने अपना फोन मेरे बेडरूम में ही बेड के कॉर्नर टेबल पर रखा था ....
अब कैसे....... ये तो उनको ही पता होगा ...
पर मुझे मेरा बेड और कमरे का काफी हिस्सा नजर आ रहा था .....
उस दृश्य को देखकर मुझे इतनी ख़ुशी नहीं हुई ...जितनी ये सोचकर हो रही थी ...
इस तरह तो मैं आगे बहुत कुछ लाइव देख सकता था ...
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इस समय बेड पर दादाजी अपने पैर नीचे लटकाकर बैठे थे...
ख़ास बात ये थी कि उन्होंने पेंट नहीं पहनी थी ...उनकी पेंट उनके पास ही बिस्तर पर रखी थी ...
रंजू भाभी उनके पैरों के पास नीचे बैठी थी ...
पहली नजर में तो मुझे लगा कि वो उनके लण्ड के साथ खेल रही हैं ...
या उनके लण्ड को चूस रही हैं ...
मगर ऐसा नहीं था ..
वो नीचे बैठकर उनके घुटने पर कोई दबाई लगा रही थी ..
या फिर किसी तेल से मालिस कर रही थी ...
ध्यान से देखने पर मैंने ये भी देख लिया कि दादाजी ने अंडरवियर भी पहना हुआ है ...
पर हाँ रंजू भाभी अभी तक नंगी ही थी ...
उन्होंने अभी तक कुछ नहीं पहना था ...
अब ये वो ही जाने कि उन्होंने खुद नहीं पहना था ..या दादाजी ने उनको कुछ ना पहनने के लिए फ़ोर्स किया था ...
मगर पूरी नंगी रंजू भाभी ....जो इस समय दादाजी की सेवा में लगी थी उनको इस तरह देखना...... मुझे किसी भी ब्लू फिल्म से... कहीं ज्यादा सेक्सी लग रहा था .......
अब मैंने अपने फोन का वॉल्यूम भी ओन किया ..
मैं अब सुनना भी चाह रहा था कि वो आपस में क्या बात कर रहे हैं ....
मैंने पूरा ध्यान उन्ही पर लगाने के लिए एक सही सी जगह देख गाड़ी पार्क कर ली ...
और उस वीडिओ का मजा लेने लगा ....
मुझे उनकी आवाजें भी साफ़ साफ़ सुनाई देने लगी ...
दादाजी: अहा अहा अह्ह्ह्ह बस बेटा अब लगता है सही हो गया है ...अब रहने दे ...
रंजू भाभी: दादाजी आप भी ना इस उम्र में भी इधर उधर घूमते फिरते रहते हैं ...
घर बैठा करो ना ...कहीं रोड पर गिर जाते ना तो कोई न कोई गाड़ी काम कर जाती ...
दादाजी: हा हा तू भी ना रंजू ...अगर घर बैठा रहा तब तो वैसे ही मर जाऊंगा ...
चलता फिरता रहता हूँ तभी इतने वसंत देख भी लिए ..
रंजू भाभी: अच्छा अभी भी वसंत देखने की बात करते हो ...जबकि पुरे पिलपिले हो गए हो ....
दादाजी: बेटा जी आम जितना पिलपिला हो जाता है ..उतना मजा देता है ...
रंजू भाभी : हाँ हाँ बस रहने दीजिये अब नहीं खाना मुझे पिलपिला आम ...बस एक से ही भरपाई मैं तो ...
दादाजी: तो क्या तिवारी बेकार हो गया है ....छोड़ तू उसको एक बार मेरे को चख ले फिर कहना ....
रंजू भाभी हसते हुए उठी... पता नहीं वो मान गईं थीं या सिर्फ दादाजी का मजाक उड़ा रही थीं ...
मगर वो बड़े ही सेक्सी अंदाज़ में नंगी ही बिस्तर पर चढ़कर खड़ी हुईं ...फिर एक अंगड़ाई ली ..और फिर अपने हाथ सर के नीचे रख लेट गई ...
उनके पैर दादाजी की ओर ही थे ...
दादाजी ने भी उनकी ओर अपने को घुमा लिया ...
और अपना एक हाथ भाभी की चिकनी जांघ पर रख दिया ....
मेरा दिल धड़कने लगा ..क्या भाभी अब दादाजी से भी चुदवायेंगी ...
कैसा लगेगा जब ८० साल का एक बुड्ढा ....इतनी मस्त जवानी को पेलेगा ...
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