desiaks
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- Aug 28, 2015
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[font=verdana, geneva, lucida,]अचानक ज़िंदगी ने एक रोमांचक मोड़ ले लिया था ...
जो अब तक मैं जी रहा था ..वो केवल सूखी नदी की तरह था ....
और अब ऐसा लग रहा था जैसे ज़िंदगी में रस ही रस आ गया हो ....
अब तक किताबो या लोगो से सुने सभी सामाजिक विचार मुझे बेकार लगने लगे थे ...
इज्जत, सम्मान, मर्यादा सब आपके दिल में ही अच्छे लगते हैं ...दिखावट करने से ये आपको जंजीरों में जकड़ लेते हैं ...
मैं अगर इन सब में पड़ता ...तो अब तक जूली से लड़ झगड़ कर ... हम दोनों की जिंदगी नरक बना लेता ...
मगर मेरी सोच अलग है ....
लण्ड किसी की भी चूत में जाए ..इससे ना तो लण्ड को फर्क पड़ता है ..और ना ही चूत का ही कुछ नुकसान होता है ...
परन्तु बदलाव आने से ...एक अलग मजा आता है ..और जवानी बरकरार रहती है ...
मैं देख रहा था ...की जूली के चेहरे पर एक अनोखी चमक बरकरार रहती है ...
ये सब उसके चंचल जीवन के कारण ही था ...
हम तीनो को ही खाना ..खाते हुए मस्ती करने में बहुत मजा आ रहा था ...
मैंने जूली को चुप कराते हुए कहा ...
मैं: तू चुप कर जान ...मुझे भी तो पता चले ..कि मेरे पीछे उस साले डॉक्टर ने क्या किया ..??
हा हा हा हा ..
मैं जोर से हंसा भी ..जिससे माहौल हल्का ही बना रहे ..
अनु:हाँ भैया ...मेरे को चिड़ा रही हैं भाभी ...जब आप यहाँ नहीं थे तब ...ना
मैं: पुच च च च ..(मैंने अनु को अपने पास करके उसके गाल को चूमते हुए पूछा) बता बेटा ..क्या किया डॉक्टर ने ...
जूली अपने चेहरे को नीचे कर खाते हुए ही ...आँखे ऊपर को चढ़ा ..हम दोनों को घूर रही थी ...
उसके चेहरे पर कई भाव आ जा रहे थे ...
उसके चेहरे के भावो को देख ..मुझे लग रहा था कि ..जरूर कुछ ..अलग राज़ खुलने वाला है ...
क्या डॉक्टर ने ..मेरे पीछे जूली की चुदाई की थी ...वो भी अनु के सामने ...????
क्या इसीलिए जूली ...अनु को मेरे से इतना ..क्लोज कर रही है ...
मैंने अपने सीधे हाथ से अनु की नंगी ..चिकनी जांघे सहलाते हुए उसको बढ़ावा दिया ...
अनु: वो भैया ..भाभी की तबियत खराब नहीं हो गई थी ... जब ...
तब आपने ही तो भेजा था ना डॉक्टर को ...
भाभी बिलकुल चल ही नहीं पा रही थी ..
तब ना ..उन डॉक्टर ने भाभी को नंगा करके ...सुई लगाईं थी ...
मैं: क्याआआआआ ....
जूली: एएएएए मारूंगी ..क्या वकवास कर रही है ...
मैं: क्यों मारेगी ...वही कौन सी सुई लगाई थी ..हा हा हा हा
मैंने बिलकुल ऐसे जाहिर किया ..जैसे कुछ हुआ ही नहीं ...
मेरे इस वर्ताब से माहौल सामान्य बना रहता है ..
जूली जो कुछ बैचेन हो गई थी ..अब मजे ले रही थी ...
जूली: अरे नहीं जानू ...मैं तो बिलकुल बेजान ही हो गई थी उस दिन ....
मेरा ब्लड प्रेशर बहुत काम हो गया था ...
मैं: हाँ मुझे पता है जान ...सॉरी यार उस समय मैं तुम्हारे पास नहीं था ..
जूली: ओह थैंक्स माय लव ..
मैं :फिर डॉक्टर ने कहाँ इंजेक्शन लगाया ...
जूली: अरे उस दिन मैंने पीला वाला .लॉन्ग गाउन पहना था ना ...बस ...उसी कारण...
मैं: अरे तो क्या हुआ जान ... डॉक्टर जब चूतड़ों पर इंजेक्शन ठोंकता है ...तो उसके सामने तो सभी को नंगा होना ही पड़ता है ...
अनु: हाँ भैया ... मगर भाभी ने तो उस दिन ..कच्छी भी नहीं पहनी थी ...
डॉक्टर ने तो भाभी के चूतड़ और सुसू पूरी नंगी देखी थी ..हे हे ..
अनु को कुछ ज्यादा ही मस्ती चढ़ गई थी ...
मगर अब हम दोनों ही उसकी बातों से मजा ले रहे थे ..
जूली: इसे देखो जरा ..कितनी चुगली कर रही है ..
अरे जानू वो गाउन ..केवल नीचे से ऊपर ही हो सकता है ना ...
मुझे तो पता ही नहीं था ..की वो इंजेक्शन लगाएंगे ...
वरना मैं कोई पजामा जैसा कपडा डाल लेती ..
मैं: अरे तो क्या हुआ जान ... क्या फरक पड़ता है ..
जूली: मुझे तो बाद में समझ आया ... फिर बहुत शर्म भी आई ..
पहली बार मुझे लगा कि ..कच्छी पहननी चाहिए थी ..
पर तब तो उन्होंने इंजेक्शन लगा गाउन ठीक भी कर दिया था ...
अनु: नहीं भाभी ..बहुत देर तक उन्होंने आपके चूतड़ सहलाये थे .. मैंने देखा था ...
अनु ने तो जैसे पूरा मोर्चा संभाल लिया था ... उसको लगा आज जूली कि डांट पढ़बा कर ही रहेगी ...
जूली: ओह ... नहीं जान ..मुझे कोई होश नहीं था ..मुझे नहीं पता ..ये क्या बक रही है ....
मैं: हा हा हा हा ...मुझे पता है जान ...
मैंने अनु को और भी अपने से चिपका ..उसके जांघो के जड़ तक अपना हाथ पंहुचा दिया ...
आश्चर्य जनक रूप से उसने अपने दोनों पैरो के को खोल ...एक गैप बना दिया ...
मेरी उँगलियों ने एक बार फिर उसकी कोरी ..छोटी से चिकनी ..फ़ुद्दी को सहलाना शुरू कर दिया ...
मैं: मेरी प्यारी बच्ची ...वो जो डॉक्टर है ना सुई लगाने से पहले ..उस जगह को मुलायम करने के लिए ..मलते हैं ....
अनु: अहा ह्ह्ह्ह्ह......... जज्जी ........भैया
जूली: समझी पागल ...
अनु: मुझे लगा ..कि वो भाभी के साथ कोई गन्दी हरकत कर रहे हों ...
मैं: नहीं बेटा ...
ऐसी बातें करते हुए और ... मजे लेते हुए हम तीनो ने खाना खत्म किया ...
अब बारी थी सोने कि .........
मेरे मन में ना जाने कितने विचार चल रहे थे ... कि आज रात अनु के साथ कुछ न कुछ तो करता हूँ ...
मगर अनु जब भी आती है ... वो बाहर के कमरे में ही सोती है ....
अब उसको अपने बैडरूम में तो सुला नहीं सकता था ...
और अगर रात को सोते हुए उठकर कुछ करता हूँ तो .कैसे ...
यही सब प्लान मेरे दिमाग में चल रहे थे ....
मगर ये पक्का था कि आज यार कुछ करूँगा जरूर ..
जब जूली भी लगभग साथ दे रही है ...
और अनु भी मजे ले रही है ...कोई विरोध नहीं कर रही ..
तो ये मौका नहीं छोड़ना चाहिए ...
मेरा लण्ड भी बैठने का नाम नहीं ले रहे था ...
उसको भी एक टाइट माल कि ख़ुश्बू आ रही थी ...
किचिन के सब काम निबटने और बिस्तर लगाने तक ..कई बार मैंने अनु को छेड़ा ...
उसके नंगे चूतड़ों को मसला ... उसकी चूची को सहलाया ...
अनु ने हर बार मेरा साथ दिया ....
दो बार तो उसने खुद मेरे लण्ड को पकड़ दबाया ...
मैंने सोच लिया ..कि आज रात को ये ...उसके किसी न किसी छेद में तो डालूँगा ही ....
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जो अब तक मैं जी रहा था ..वो केवल सूखी नदी की तरह था ....
और अब ऐसा लग रहा था जैसे ज़िंदगी में रस ही रस आ गया हो ....
अब तक किताबो या लोगो से सुने सभी सामाजिक विचार मुझे बेकार लगने लगे थे ...
इज्जत, सम्मान, मर्यादा सब आपके दिल में ही अच्छे लगते हैं ...दिखावट करने से ये आपको जंजीरों में जकड़ लेते हैं ...
मैं अगर इन सब में पड़ता ...तो अब तक जूली से लड़ झगड़ कर ... हम दोनों की जिंदगी नरक बना लेता ...
मगर मेरी सोच अलग है ....
लण्ड किसी की भी चूत में जाए ..इससे ना तो लण्ड को फर्क पड़ता है ..और ना ही चूत का ही कुछ नुकसान होता है ...
परन्तु बदलाव आने से ...एक अलग मजा आता है ..और जवानी बरकरार रहती है ...
मैं देख रहा था ...की जूली के चेहरे पर एक अनोखी चमक बरकरार रहती है ...
ये सब उसके चंचल जीवन के कारण ही था ...
हम तीनो को ही खाना ..खाते हुए मस्ती करने में बहुत मजा आ रहा था ...
मैंने जूली को चुप कराते हुए कहा ...
मैं: तू चुप कर जान ...मुझे भी तो पता चले ..कि मेरे पीछे उस साले डॉक्टर ने क्या किया ..??
हा हा हा हा ..
मैं जोर से हंसा भी ..जिससे माहौल हल्का ही बना रहे ..
अनु:हाँ भैया ...मेरे को चिड़ा रही हैं भाभी ...जब आप यहाँ नहीं थे तब ...ना
मैं: पुच च च च ..(मैंने अनु को अपने पास करके उसके गाल को चूमते हुए पूछा) बता बेटा ..क्या किया डॉक्टर ने ...
जूली अपने चेहरे को नीचे कर खाते हुए ही ...आँखे ऊपर को चढ़ा ..हम दोनों को घूर रही थी ...
उसके चेहरे पर कई भाव आ जा रहे थे ...
उसके चेहरे के भावो को देख ..मुझे लग रहा था कि ..जरूर कुछ ..अलग राज़ खुलने वाला है ...
क्या डॉक्टर ने ..मेरे पीछे जूली की चुदाई की थी ...वो भी अनु के सामने ...????
क्या इसीलिए जूली ...अनु को मेरे से इतना ..क्लोज कर रही है ...
मैंने अपने सीधे हाथ से अनु की नंगी ..चिकनी जांघे सहलाते हुए उसको बढ़ावा दिया ...
अनु: वो भैया ..भाभी की तबियत खराब नहीं हो गई थी ... जब ...
तब आपने ही तो भेजा था ना डॉक्टर को ...
भाभी बिलकुल चल ही नहीं पा रही थी ..
तब ना ..उन डॉक्टर ने भाभी को नंगा करके ...सुई लगाईं थी ...
मैं: क्याआआआआ ....
जूली: एएएएए मारूंगी ..क्या वकवास कर रही है ...
मैं: क्यों मारेगी ...वही कौन सी सुई लगाई थी ..हा हा हा हा
मैंने बिलकुल ऐसे जाहिर किया ..जैसे कुछ हुआ ही नहीं ...
मेरे इस वर्ताब से माहौल सामान्य बना रहता है ..
जूली जो कुछ बैचेन हो गई थी ..अब मजे ले रही थी ...
जूली: अरे नहीं जानू ...मैं तो बिलकुल बेजान ही हो गई थी उस दिन ....
मेरा ब्लड प्रेशर बहुत काम हो गया था ...
मैं: हाँ मुझे पता है जान ...सॉरी यार उस समय मैं तुम्हारे पास नहीं था ..
जूली: ओह थैंक्स माय लव ..
मैं :फिर डॉक्टर ने कहाँ इंजेक्शन लगाया ...
जूली: अरे उस दिन मैंने पीला वाला .लॉन्ग गाउन पहना था ना ...बस ...उसी कारण...
मैं: अरे तो क्या हुआ जान ... डॉक्टर जब चूतड़ों पर इंजेक्शन ठोंकता है ...तो उसके सामने तो सभी को नंगा होना ही पड़ता है ...
अनु: हाँ भैया ... मगर भाभी ने तो उस दिन ..कच्छी भी नहीं पहनी थी ...
डॉक्टर ने तो भाभी के चूतड़ और सुसू पूरी नंगी देखी थी ..हे हे ..
अनु को कुछ ज्यादा ही मस्ती चढ़ गई थी ...
मगर अब हम दोनों ही उसकी बातों से मजा ले रहे थे ..
जूली: इसे देखो जरा ..कितनी चुगली कर रही है ..
अरे जानू वो गाउन ..केवल नीचे से ऊपर ही हो सकता है ना ...
मुझे तो पता ही नहीं था ..की वो इंजेक्शन लगाएंगे ...
वरना मैं कोई पजामा जैसा कपडा डाल लेती ..
मैं: अरे तो क्या हुआ जान ... क्या फरक पड़ता है ..
जूली: मुझे तो बाद में समझ आया ... फिर बहुत शर्म भी आई ..
पहली बार मुझे लगा कि ..कच्छी पहननी चाहिए थी ..
पर तब तो उन्होंने इंजेक्शन लगा गाउन ठीक भी कर दिया था ...
अनु: नहीं भाभी ..बहुत देर तक उन्होंने आपके चूतड़ सहलाये थे .. मैंने देखा था ...
अनु ने तो जैसे पूरा मोर्चा संभाल लिया था ... उसको लगा आज जूली कि डांट पढ़बा कर ही रहेगी ...
जूली: ओह ... नहीं जान ..मुझे कोई होश नहीं था ..मुझे नहीं पता ..ये क्या बक रही है ....
मैं: हा हा हा हा ...मुझे पता है जान ...
मैंने अनु को और भी अपने से चिपका ..उसके जांघो के जड़ तक अपना हाथ पंहुचा दिया ...
आश्चर्य जनक रूप से उसने अपने दोनों पैरो के को खोल ...एक गैप बना दिया ...
मेरी उँगलियों ने एक बार फिर उसकी कोरी ..छोटी से चिकनी ..फ़ुद्दी को सहलाना शुरू कर दिया ...
मैं: मेरी प्यारी बच्ची ...वो जो डॉक्टर है ना सुई लगाने से पहले ..उस जगह को मुलायम करने के लिए ..मलते हैं ....
अनु: अहा ह्ह्ह्ह्ह......... जज्जी ........भैया
जूली: समझी पागल ...
अनु: मुझे लगा ..कि वो भाभी के साथ कोई गन्दी हरकत कर रहे हों ...
मैं: नहीं बेटा ...
ऐसी बातें करते हुए और ... मजे लेते हुए हम तीनो ने खाना खत्म किया ...
अब बारी थी सोने कि .........
मेरे मन में ना जाने कितने विचार चल रहे थे ... कि आज रात अनु के साथ कुछ न कुछ तो करता हूँ ...
मगर अनु जब भी आती है ... वो बाहर के कमरे में ही सोती है ....
अब उसको अपने बैडरूम में तो सुला नहीं सकता था ...
और अगर रात को सोते हुए उठकर कुछ करता हूँ तो .कैसे ...
यही सब प्लान मेरे दिमाग में चल रहे थे ....
मगर ये पक्का था कि आज यार कुछ करूँगा जरूर ..
जब जूली भी लगभग साथ दे रही है ...
और अनु भी मजे ले रही है ...कोई विरोध नहीं कर रही ..
तो ये मौका नहीं छोड़ना चाहिए ...
मेरा लण्ड भी बैठने का नाम नहीं ले रहे था ...
उसको भी एक टाइट माल कि ख़ुश्बू आ रही थी ...
किचिन के सब काम निबटने और बिस्तर लगाने तक ..कई बार मैंने अनु को छेड़ा ...
उसके नंगे चूतड़ों को मसला ... उसकी चूची को सहलाया ...
अनु ने हर बार मेरा साथ दिया ....
दो बार तो उसने खुद मेरे लण्ड को पकड़ दबाया ...
मैंने सोच लिया ..कि आज रात को ये ...उसके किसी न किसी छेद में तो डालूँगा ही ....
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