desiaks
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- Aug 28, 2015
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[font=verdana, geneva, lucida,]मैं : तेरा बाप तो बहुत हरामी है साला ...
पति : पर ये आप क्या कर रहे हो ...??? मेरी रानी के साथ ....
मैं : बदला ....जब वो खुलकर कर रहा है ...तो क्या मैं ऊपर से भी नहीं कर सकता ...
मैंने उसको बरगलाया ...
उसको ऐसा दिखाया कि मैं ऊपर-ऊपर से ही कर रहा हूँ ...
जबकि मेरा लण्ड ..रानी की चूत में गहराई तक आ ..जा रहा था .....
रानी के पति को अपने बाप के ऐसे कृत्य को देखते हुए कोई पछतावा नजर नहीं आ रहा था ....
वल्कि वो पूरा मजा ले रहा था ....
उनकी चुदाई देखते हुए वो खुद अपना लण्ड जोर जोर से हिला रहा था ......
उसका ध्यान मेरी या फिर रानी की ओर बिलकुल नहीं था ....
रानी को मैंने लगभग पूरा नंगा कर दिया था ....
उसकी चूत में लण्ड भी डाल दिया था ...
मगर उसको जैसे पता ही नहीं चला था ......
और वो बड़बड़ा भी रहा था ....
आह्ह्हा यार कुछ भी बोलो ...तुम्हारी बीवी है बहुत मस्त माल ...
मेरा बाप तो कई साल से भूखा है ....अगर मैं भी होता तो खुद को नहीं रोक पाता...
इसको पूरा नंगा करके खूब चोदता ....
मैं : साले ..हरामी ....मेरे सामने ही ऐसा बोल रहा है ...
मैंने एक चपत उसके सर पर लगाई ....
सॉरी यार ....पर क्या करूँ ??? वो है ही ऐसी ...
काश इसको पूरा नंगा करके ....कमरे में खड़ा करके ...इसको घुमा घुमाकर ...चारों ओर से देखता ...
बस उसका इतना कहना था ...
मामाजी ने उधर ...जूली की चूत से अपना लण्ड बाहर निकल लिया ....
जूली अब आँखे खोलकर उनको देख रही थी .......
उन्होंने अपनी बनियान ..हाथ ऊपर करके उतार दी ...
फिर जूली को उठाकर खड़ा किया ...
उसकी बाँहों में फंसे हुए ब्लाउज और ब्रा को उसके शरीर से अलग कर एक ओर फेंक दिया ....
जूली : नहीईइइइइइइइइइइइ अरे कोई आ जायेगा ...
..............................[/font]
[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]मामाजी : चुप्प्प्प्प्प्प्प कुछ नहीं होगा ........
और फिर उन्होंने जूली के पेटीकोट का नाड़ा भी खोल दिया ...
पेटीकोट टाइट था ...वो एक दम नहीं उतरा ...
उन्होंने उसको अपने हाथ से जूली के चूतड़ों से उतारा ...
जूली मदहोशी सी हालत में थी ...
वो उस कमरे में मामाजी के सामने पूरी नंगी खड़ी थी ...
और मामाजी भी पूरे नंगे खड़े अपने लण्ड को हाथ से सहला रहे थे ...लण्ड जूली के चूत से अभी ही निकला था ...
अतः वो चूत के रस से भीगा हुआ था और चमक रहा था .....
जूली ने एक मस्त अंगड़ाई ली ....
उसकी चूचियाँ और चूतड़ दोनों ही उठे और हिले ...
कमरे में जैसे भूचाल सा आ गया ....
मामाजी ने जोर से सिसकारी ली ...
उनका लण्ड उछल उछल कर हिल रहा था ....
उन्होंने अपने दोनों हाथो से जूली के योवन को सहलाना शुरू कर दिया ....
वो कभी उसकी चूचियों को मसलते तो कभी उसके चूतड़ों को ....
जूली कमरे में घूम घूम कर मस्ती ले रही थी ....
तभी जूली ने मामाजी के लण्ड को अपने मुट्ठी में भर लिया ...
वो उसको पागलो की तरह हिला रही थी ...
मामाजी ने जूली को बालो से पकड़ उसके सिर को अपने लण्ड की ओर झुकाया .....
जूली तो जैसे नशे में थी ....
वो घुटनो पर बैठ उनके लण्ड को अपने होंठों के बीच दबा लेती है ....
रानी का पति और भी कमीनपने पर उतर आता है ...
देख मैं सही बोल रहा था ना ...ये तो बिलकुल रंडी जैसा चूस रही है ...
साली कितनी मस्त है यार ....
मुझे गुस्सा आ जाता है ...
मैं गप्प्प्प्प्प्प की आवाज के साथ अपने लण्ड को रानी की चूत से बाहर निकाल लेता हूँ ....
वो चौंककर मुझे देखता है ....
मैं उसके बालो को कसकर खींचता हूँ ...
साले तेरा बाप तो हरामी है ही ...तू उससे भी बड़ा हरामी है ...
कमीने चल अपने बाप का क़र्ज़ अब तू चुकाएगा ...
साले चूस मेरे लण्ड को वैसे ही ...
और मैं अपने लण्ड को उसके खुले मुहं में घुसेड़ देता हूँ ...
बहुत ही गरम माहोल हो गया था ....
?????????????????
………….
……………………….[/font][/size]
पति : पर ये आप क्या कर रहे हो ...??? मेरी रानी के साथ ....
मैं : बदला ....जब वो खुलकर कर रहा है ...तो क्या मैं ऊपर से भी नहीं कर सकता ...
मैंने उसको बरगलाया ...
उसको ऐसा दिखाया कि मैं ऊपर-ऊपर से ही कर रहा हूँ ...
जबकि मेरा लण्ड ..रानी की चूत में गहराई तक आ ..जा रहा था .....
रानी के पति को अपने बाप के ऐसे कृत्य को देखते हुए कोई पछतावा नजर नहीं आ रहा था ....
वल्कि वो पूरा मजा ले रहा था ....
उनकी चुदाई देखते हुए वो खुद अपना लण्ड जोर जोर से हिला रहा था ......
उसका ध्यान मेरी या फिर रानी की ओर बिलकुल नहीं था ....
रानी को मैंने लगभग पूरा नंगा कर दिया था ....
उसकी चूत में लण्ड भी डाल दिया था ...
मगर उसको जैसे पता ही नहीं चला था ......
और वो बड़बड़ा भी रहा था ....
आह्ह्हा यार कुछ भी बोलो ...तुम्हारी बीवी है बहुत मस्त माल ...
मेरा बाप तो कई साल से भूखा है ....अगर मैं भी होता तो खुद को नहीं रोक पाता...
इसको पूरा नंगा करके खूब चोदता ....
मैं : साले ..हरामी ....मेरे सामने ही ऐसा बोल रहा है ...
मैंने एक चपत उसके सर पर लगाई ....
सॉरी यार ....पर क्या करूँ ??? वो है ही ऐसी ...
काश इसको पूरा नंगा करके ....कमरे में खड़ा करके ...इसको घुमा घुमाकर ...चारों ओर से देखता ...
बस उसका इतना कहना था ...
मामाजी ने उधर ...जूली की चूत से अपना लण्ड बाहर निकल लिया ....
जूली अब आँखे खोलकर उनको देख रही थी .......
उन्होंने अपनी बनियान ..हाथ ऊपर करके उतार दी ...
फिर जूली को उठाकर खड़ा किया ...
उसकी बाँहों में फंसे हुए ब्लाउज और ब्रा को उसके शरीर से अलग कर एक ओर फेंक दिया ....
जूली : नहीईइइइइइइइइइइइ अरे कोई आ जायेगा ...
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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]मामाजी : चुप्प्प्प्प्प्प्प कुछ नहीं होगा ........
और फिर उन्होंने जूली के पेटीकोट का नाड़ा भी खोल दिया ...
पेटीकोट टाइट था ...वो एक दम नहीं उतरा ...
उन्होंने उसको अपने हाथ से जूली के चूतड़ों से उतारा ...
जूली मदहोशी सी हालत में थी ...
वो उस कमरे में मामाजी के सामने पूरी नंगी खड़ी थी ...
और मामाजी भी पूरे नंगे खड़े अपने लण्ड को हाथ से सहला रहे थे ...लण्ड जूली के चूत से अभी ही निकला था ...
अतः वो चूत के रस से भीगा हुआ था और चमक रहा था .....
जूली ने एक मस्त अंगड़ाई ली ....
उसकी चूचियाँ और चूतड़ दोनों ही उठे और हिले ...
कमरे में जैसे भूचाल सा आ गया ....
मामाजी ने जोर से सिसकारी ली ...
उनका लण्ड उछल उछल कर हिल रहा था ....
उन्होंने अपने दोनों हाथो से जूली के योवन को सहलाना शुरू कर दिया ....
वो कभी उसकी चूचियों को मसलते तो कभी उसके चूतड़ों को ....
जूली कमरे में घूम घूम कर मस्ती ले रही थी ....
तभी जूली ने मामाजी के लण्ड को अपने मुट्ठी में भर लिया ...
वो उसको पागलो की तरह हिला रही थी ...
मामाजी ने जूली को बालो से पकड़ उसके सिर को अपने लण्ड की ओर झुकाया .....
जूली तो जैसे नशे में थी ....
वो घुटनो पर बैठ उनके लण्ड को अपने होंठों के बीच दबा लेती है ....
रानी का पति और भी कमीनपने पर उतर आता है ...
देख मैं सही बोल रहा था ना ...ये तो बिलकुल रंडी जैसा चूस रही है ...
साली कितनी मस्त है यार ....
मुझे गुस्सा आ जाता है ...
मैं गप्प्प्प्प्प्प की आवाज के साथ अपने लण्ड को रानी की चूत से बाहर निकाल लेता हूँ ....
वो चौंककर मुझे देखता है ....
मैं उसके बालो को कसकर खींचता हूँ ...
साले तेरा बाप तो हरामी है ही ...तू उससे भी बड़ा हरामी है ...
कमीने चल अपने बाप का क़र्ज़ अब तू चुकाएगा ...
साले चूस मेरे लण्ड को वैसे ही ...
और मैं अपने लण्ड को उसके खुले मुहं में घुसेड़ देता हूँ ...
बहुत ही गरम माहोल हो गया था ....
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