Antarvasna kahani खाला के घर में - Page 3 - SexBaba
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Antarvasna kahani खाला के घर में

गतान्क से आगे......................
अब्बू के जाने के बाद मैं मुस्करती हुई सर से लिपट गई और बोली, सर मैं बहुत खुश किस्मत हूँ जो इतनी देर तक आप से चुदवा कर मज़े कर सकती हूँ. सर राज शर्मा ने भी मुझे कस कर लिपटा लिया और बोले, हा मेरी जान ये तुम्हारी खुश नसीबी है जो तुम्हे चुदवाने का इतना मोका मिल रहा है और अब मोका मिला है तो फयडा उठाना चाहिए. फिर सर राज शर्मा ने मोके का खूब फयडा उठाया अब्बू के आने तक मुझे चोद चोद कर बहाल कर दिया. अब्बू को आते आते 1 बज गया और 1 बजे तक सर ने दिल खोल कर मेरी चुदाई की. अब्बू आए तो बड़े शर्मिंदा हुए और कहने लगे, राज शर्मा साहब मेरी वजह से आपको बहुत तकलीफ़ उठानी पढ़ रही है. सर राज शर्मा ने कहा, अरे अहमद साहिब इस तरह आप ये कह कर मुझे शर्मिनटदा ना करो स्टूडेंट्स को तवज्जो से पढ़ाना तो मेरा फ़र्ज़ है. अब्बू कहने लगे, राज शर्मा साहिब आप जैसे टीचर तो अब बहुत कम रह गये हैं जो अपने स्टूडेंट्स को इतनी मेहनत से पढ़ाते हैं. सर राज शर्मा मुस्कुराए और बोले, अहमद साहिब आप तो मुझे शर्मिंदा कर रहे हैं. अब्बू कहने लगे, राज शर्मा साहिब रात तो काफ़ी हो गई हैं आप मुनासिब समझे तो आज यही रुक जाए. सर राज शर्मा अब्बू की बात सुनकर खुश तो बहुत हुए पर रात मे रुकने का मना करने लगे. अब्बू ने इसरार किया तो सर राज शर्मा मान गये.

अब्बू ने मुझ से कहा, ग़ज़ल तुम राज शर्मा साहिब को अपने बराबर वाला कमरा दे दो. थोड़ी देर बाते करने के बाद अब्बू सोने चले गये जब कि सर राज शर्मा अपने कमरे मे जाने की बजाए मेरे कमरे मे आ गये. मैं खुशी के मारे सर राज शर्मा से लिपट गई. सर ने मुझ से कहा, ग़ज़ल डार्लिंग किस्मत बार बार मुझे मोका दे रही है कि मैं अभी तुम्हे और चोदु. मैं मुस्कुराइ और बोली, सर ये तो किस्मत का फ़ैसला है और किस्मत के आ गे मैं क्या कर सकती हूँ जब किस्मत मे ही मेरी चुदाई लिखी है तो मैं इनकार कैसे कर सकती हूँ. फिर सर ने मुझे फॉरन ही नंगा कर दिया और मुझे चोदने लगे और रात भर मुझे कुत्तों की तरह चोद्ते रहे. सुबह को मैं ने नाश्ता बनाया और हम तीनो ने नाश्ता किया. उसके बाद अब्बू तो ऑफीस चले गये जब कि मैं सर राज शर्मा के साथ स्कूल आ गई.

दोसरे पररैयड मे मैं किसी काम से स्टॅफरुम मे आई तो वाहा सर राज शर्मा और सर अभिषेक प्रियदर्शी बैठे थे. मुझे अकेला देख कर दोनो ने मुझे दबोच लिया. थोड़ी देर मे ही उन दोनो ने मुझे बिल्कुल नंगा कर दिया और मुझे टेबल पर लिटा दिया. सर राज शर्मा तो मेरे मम्मो को चूसने लगे जब कि सर अभिषेक प्रियदर्शी मेरी चूत को चाटने लगे. मैं लज़्ज़त के आलम मे सिसकियाँ लेने लगी. अभी थोड़ी देर ही हुई थी कि स्टॅफरुम मे सर अशोक और उन के साथ 3 और टीचर स्टाफ रूम मे आ गये. (बाकी तीनो टीचर्स के नाम सर रियाज़, सर धरम सिंग, सर नरेन्दर थे). अंदर जो उन्हो ने मंज़र देखा तो बाकी तीनो टीचर तो हक्का बक्का रह गये जब कि सर अशोक मुस्कराने लगे. बाकी तीनो टीचर्स को देख कर सर राज शर्मा और सर अभिषेक प्रियदर्शी परेशान हुए तो सर अशोक ने मुस्कुराते हुए उन तीनो को मेरे बारे मे सब बता दिया कि किस किस तरह उन तीनो ने मिल कर मुझे चोदा था. बाकी तीनो टीचर्स ने जो मेरी चुदाई की ज़बरदस्त कहानी सुनी तो वो भी सर राज शर्मा और सर अभिषेक प्रियदर्शी के साथ शामिल हो गये. अभी उन 6 टीचर्स को मेरे जिस्म से खेलते हुए 15 मिनट ही हुए थे कि स्कूल का चोकीदार किसी काम से स्टाफ रूम मे आ गया. उस ने जो ये मंज़र देखा तो वो वापिस पलट गया और उस ने जा कर प्रिन्सिपल साहिब को सब बता दिया. प्रिन्सिपल साहिब ने आकर छापा मारा और हम सब को रंगे हाथो पकड़ लिया.


फिर हम सब को प्रिन्सिपल साहिब के रूम मे ले जाया गया. प्रिन्सिपल साहिब ने कहा, आप लोग टीचर्स हैं और टीचर्स की क्या ज़ेमेदारी होती है किया आप लोगो को मालूम नही है आप लोगो ने ये हरकत कर के उस्ताद के रुतबे का मज़ाक उड़ाया है. आप लोगो ने जो हरकत की है वो मैं सब स्टाफ मेंबर के इल्म मे लाऊंगा ताकि वो सब मिल कर आप लोगो के लिए सज़ा तजवीज़ करे . हमारा ये स्कूल गर्ल्स स्कूल था जब कि इसमे सारा स्टाफ मर्दो पर मुश्तमिल था. छुट्टी की बाद प्रिन्सिपल साहब ने सब टीचर्स और स्टाफ की मीटिंग कॉल करली. मुझे अभी तक पहनने की लिए कपड़े नही दिए गये थे. मीटिंग स्टॅफरुम मे थी और मैं प्रिन्सिपल साहिब के रूम मे बैठी थी. कुछ देर बाद चोकीदार प्रिन्सिपल साहिब के रूम मे आया और मुझे चलने के लिए बोला. मैं चलने की लिए खड़ी हुई तो मेरा सेक्सी जिस्म देख कर चोकीदार की नियत खराब हो गई और उसने मुझे पकड़ कर दीवार से लगा दिया और अपने होन्ट मेरे होंटो से मिला दिए. मैं ने कोई ऐतराज ना किया और उसको अपनी मन मानी करने दी. चोकीदार काफ़ी देर तक मेरे बड़े बड़े मम्मो को दबा दबा कर मुझे किस करता रहा. उस ने मुझ से कहा, मेरी जान प्रिन्सिपल साहिब तुम्हारे साथ जो भी सलूक करे मगर मैं तुम्हे चोद कर रहूँगा. मैं ने उसका कोई जवाब नही दिया और कमरे से बाहर आ गई. जब मे चोकीदार के साथ स्टॅफरुम मे दाखिल हुई तो वाहा सारा स्टाफ मोजूद था. (स्कूल के स्टाफ मे 1 प्रिन्सिपल, 1 वाइस प्रिन्सिपल, 24 टीचर्स और मॅनेज्मेंट डिपार्टमेंट मे 6 अफ़राड थे उस के अलावा 2 चोकीदार थे) मैं स्टॅफरुम मे आई तो वाहा मेरे अलावा 34 अफ़राड थे. चोकीदार ने मुझे ले जाकर सब के सामने खड़ा कर दिया. प्रिन्सिपल साहिब ने सब को बताया कि किस तरह 6 टीचर्स मेरे साथ नंगी हालत मे पकड़े गये हैं. अब आप लोग बताए कि इन लोगो को क्या सज़ा दी जाय. वाइस प्रिन्सिपल ने कहा, सर पहले तो हमे सारा मामला पता हो कि किस तरह टीचर्स का ग़ज़ल के साथ जिन्सी ताल्लुक़ बना? फिर वाइस प्रिन्सिपल साहिब ने सर अशोक से कहा कि वो सारी बात बताए.
 
सर अशोक कहने लगे, पूरी बात आप को सर राज शर्मा बताएँगे क्यूँ कि सब से पहले ग़ज़ल को सर राज शर्मा ने ही चोदा था. वाइस प्रीसिपल ने सर राज शर्मा से पूछा तो सर राज शर्मा ने मुझे अपने घर अपने दोस्त के साथ मिल कर मेरी चुदाई से लेकर अब तक की चुदाई की सारी दास्तान सुना दी. मेरी ज़बरदस्त चुदाई की दास्तान सुनकर सब ही मेरी तरफ ललचाई हुई नज़रो से देखने लगे. फिर प्रिन्सिपल साहब मुझ से कहने लगे, हा तो ग़ज़ल अब तुम बताओ कि तुम्हारे साथ क्या किया जाए? मैं कहने लगी, प्रिन्सिपल मैं क्या कह सकती हूँ अब तो जो भी करना आप सब ने मिल कर करना है. मेरी बात सुनकर प्रिन्सिपल साहब मुस्कुराए और बोले यानी हम जो भी सज़ा तुम्हे दो वो तुम्हे मंज़ूर होगी. मैं बोली, जी हा सर मुझे मंज़ूर होगी बल्कि मैं रिक्वेस्ट कारूगी कि मुझे ऐसी सज़ा दी जाए जिस मे सब का फ़ायदा हो. मेरी बात सुनकर प्रिन्सिपल साहब हंस दिए और बोले हा तुम्हे वो ही सज़ा दी जाए गी जिस मे हम सब का फ़ायदा हो. फिर प्रिन्सिपल साहब ने कहा, अब मैं तुम को सज़ा सुनाता हूँ कि अब स्कूल मैं मोजूद हर मर्द से तुम ने चुदवाना होगा. प्रिन्सिपल साहिब की बात सुनकर मैं मुस्करा दी और बोली, सर मुझे आप की सज़ा दिल-ओ-जान से मंज़ूर है अब ये आप लोगो ने फ़ैसला करना है कि मुझे कब और कैसे चोदा जाए गा. प्रीसिपल साहब ने मेरी बात सुनकर सब से कहा, किया आप सब लोगों को ग़ज़ल को दी जाने वाली सज़ा मंज़ूर है? प्रिन्सिपल साहिब की बात सुनकर सब ने खुशी का इज़हार किया. फिर मेरी चुदाई का स्टेज स्टॅफरुम मे ही लग गया. पहले मैं ने सब के लंड बारी बारी चूसे फिर मुझे टेबल पर लिटा दिया गया. फिर सब से पहले प्रीसिपल साहिब ने मेरी चुदाई शुरू की. प्रिन्सिपल साहिब का लंड 9 इंच लंबा था. उन्हो ने ऐसे शानदार झटके मारे की मैं लज़्ज़त और दर्द की वजा से तड़प तड़प गई. फिर मुझे वाइस प्रीसिपल साहिब ने चोदा और फिर एक एक कर के सारे टीचर्स और मॅनेज्मेंट की 6 अफ़राड ने मेरी चुदाई की उसकी बाद चोकीदारों का नंबर आया. पहले वो चोकीदार मुझे चोदने आया जिस ने प्रीसिप्ले साहिब के रूम मे मेरे किस लिए थे. मैं उस से मुस्करा कर बोली, तुम्हारी ख्वाहिश बहुत जल्द पूरी हो गई है अब मुझे जी भर कर चोदो. फिर चोकीदार ने मेरी वो चुदाई की कि मैं उसकी चुदाई की देवानी हो गई.

जब सब ने मुझे एक एक बार चोद लिया तो फिर मुझे 2, 2 की ग्रूप मे चोदा गया. दूसरा राउंड पूरा होने मे ही शाम हो गई. प्रिन्सिपल साहिब ने कहा, अभी ग़ज़ल की चुदाई यहा ख़तम की जाती है कल स्कूल की छुट्टी की बाद इस की चुदाई दोबारा से की जाए गी. फिर सारे टीचर्स और स्टाफ मेंबर तो अपने अपने घर चले गये. जब मैं सर राज शर्मा के साथ घर आ गई. सर राज शर्मा मुझे से कहने लगे, ग़ज़ल आज जो भी तुम्हारे साथ हुआ है तुम उस की लिए मुझ से या किसी और से नाराज़ तो नही हो. मैं मुस्कुराइ और बोली, अरे नही सर इस मे नाराज़गी की क्या बात है आप लोगो ने वोही किया जो किसी मर्द को एक लड़की की साथ करना चाहिए. मैं आप लोगो से नाराज़ नही हूँ बल्कि मैं तो बहुत खुश हूँ और आज की तरह बार बार आप लोगो से चुदवाना चाहती हूँ. सर राज शर्मा मुस्कुराए और बोले ये तो बहुत अच्छी बात है अब तुम देखना कि अब हम किस किस तरह तुम्हारी चुदाई करते हैं.

अभी ये बात ही चल रही थी कि अब्बू घर आ गये. अब्बू घर आए तो बड़ी जल्दी मे थे. अब्बू सर राज शर्मा से कहने लगे, राज शर्मा साहिब मैं आप को एक तकलीफ़ और देना चाहता हूँ. सर राज शर्मा ने कहा, अरे अहमद साहिब केसी बाते करते हैं आप कहो क्या बात है. अब्बू कहने लगे, दरअसल मुझे एक ऑफीस के काम के सिलसिले मे इस्लामाबाद जाना है और मुझे वापिस आते आते तकरीबन 1 वीक लग सकता है अगर आप मेरे आने तक यही रहें तो मुझे ग़ज़ल की तरफ से परेशानी नही होगी. अब्बू की बात सुनकर मैं और सर राज शर्मा खुश हो गये. सर राज शर्मा कहने लगे, अरे अहमद साहिब कोई मसला ही नही है आप बेफेकर होकर ज़ाइन ग़ज़ल की तरफ से बेफेकर रहें मैं इस का ख्याल रखू गा. सर राज शर्मा की बात सुनकर अब्बू खुश हो गये और सर राज शर्मा का शुक्रिया अदा करने लगे. सर राज शर्मा बोले, अरे अहमद साहिब इस मे शुक्रिए की कोई बात नही ये तो मेरा फ़र्ज़ है. सर राज शर्मा की बात सुनकर अब्बू मुत्माइन हो गये और वो थोड़ी देर बाद अपना समान पॅक कर के चले गये. अब्बू के जाते ही सर ने मुझे लिपटा लिया और बोले, ग़ज़ल डार्लिंग अब आए गा मज़ा अब तो हम सब मिल कर बेफेकर होकर तुम्हे चोदेन्गे और मज़े करेंगे. मैं मुस्कुराइ और बोली, हा सर ये तो मेरी खुश नसीबी है कि मुझे इतने दिनो तक इतने सारे लोगो से चुदवाने का मोका मिले गा. सर ने मुझे लिपताया और बोले बाकी दिन तो तुम्हे पूरी फोज चोदे गी आज की रात मे तुम्हे अकेला चोद्ना चाहता हूँ. मैं मुस्कुराइ और कहने लगी, सर आप को किस ने मना क्या है पूरी रात पड़ी है मोका भी है और दस्तूर भी है शुरू हो जाओ. मेरी बात सुनकर सर ने मुझे गोद मे उठाया और मुझे लेकर बेडरूम मे आ गये. फिर पूरी रात सर ने मेरी खूब खूब चुदाई की.
 
दूसरे दिन जब मे स्कूल गई तो सर राज शर्मा ने सब को बता दिया कि ग़ज़ल का बाप 1 वीक के लिए शहर से बाहर गया हुआ है अब ग़ज़ल की दिल खोल कर चुदाई होगी. प्रिन्सिपल साहब को जब पता चला कि मेरे अब्बू 1 वीक के लिए इस्लामाबाद गये हैं तो उन्हो ने मुझे उसी वक़्त 1 वीक की छुट्टी दे दी और कहा तुम 1 वीक तक छुट्टी करो और सब से खूब चुदवाओ. पर मसला ये था कि इतने दिनो तक इतने सारे लोगों का मेरे घर आना जाना मोहल्ले के लोगों को शक मे डाल सकता था इस लिए प्रिन्सिपल साहिब ने मेरे लिए एक दोसरि जगह का इंतज़ाम किया. प्रीसिपल साहिब ने एक स्टेट एजेन्सी से महीने भर तक के लिए एक फ्लॅट रेंट पर ले लिया और मुझे ले कर वाहा आ गये और फ्लॅट मे आते ही उन्हो ने मुझे चोद डाला. प्रिन्सिपल साहब मुझे दोपेहर 12 बजे तक चोद्ते रहे. 12 बजे की बाद स्कूल का पूरा स्टाफ चोकीदारों समेत उस फ्लॅट पर पहुच गया. अब मुझे अब्बू के आने तक यही रहना था इस लिए जब तक अब्बू वापिस ना आ गये मैं वाहा इन सब लोगों से सुबह शाम चुदवाति रही और मज़ा लेती रही.

अब्बू के वापिस आने के बाद भी मेरी चुदाईयाँ चलती रही. कभी मुझे स्कूल की छुट्टी के बाद स्कूल मे ही चोदा जाता कभी वो सब लोग मेरे घर आजाते या फिर मुझे उसी फ्लॅट मे ले जाते और शाम तक मेरी चुदाई करते. स्टेट एजेन्सी वाले को भी पता था कि हम लोगों ने फ्लॅट किस मक़सद के लिए रेंट पर लिया है इस लिए उस स्टेट एजेन्सी वाले ने भी कई बार मुझे चोद कर माज़ा लिया. अब मेरे पेपर्स शुरू होने वाले थे और जब पेपर्स शुरू हुए तो मुझे पेपर नही देने पड़े क्यूँ कि प्रीसिपल साहब की मेट्रिक बोर्ड मे जान पहचान थी इस लिए मैं बगैर पेपर्स दिए अच्छे नंबर्स से पास हो गई मगर मुझे पास होने के लिए मेट्रिक बोर्ड वालों से भी चुदवाना पड़ा. मेरे शानदार रिज़ल्ट पर अब्बू बहुत खुश थे और वो सर राज शर्मा की शूकर गुज़ार थे. पेपर्स के बाद भी मेरी चुदाईयाँ चलती रही पर ये ज़्यादा दिनो तक नही चल पाई क्यूँ अगले मंथ ही अब्बू का लाहोर मे ट्रान्स्फर हो गया और मैं अब्बू के साथ लाहोर आ गई. यहा मेरी कहानी ख़तम नही हुई है बल्कि ये तो मेरी चुदाइयो की शुरूवात थी लाहोर आकर मैं ने क्या गुल खिलाए मैं ये आप को अपनी अगली कहानी मे बताउन्गि मेरी अगली कहानी का इंतिज़ार की जिए गा.

समाप्त
 
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