Antarvasna kahani गाओं की मस्ती - Page 3 - SexBaba
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Antarvasna kahani गाओं की मस्ती

इस समय दोनो बहने अगाल बगल अपने घुटने के बल झुक कर अपनी चूत मे लंड पिलवा रही थी और पिछे से उनकी चूटर पकर कर जगन और देव उनको पेल रहा था. दोनो बहने एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा रही थी और अपनी अपनी कमर हिला कर हर धक्के का जवाब दे रही थी. देव अपनी आँख बंद करके बस जया को चोद रहा था और फिर एक ज़ोर दार झटके के साथ अपना पानी जया की चूत के अंदर छोड दिया जिससे जया की चूत फिर से भर गयी. थोरी देर के बाद देव जया से बोला,

"भाई जया सॉरी, मैं बहुत जल्दी झार गया. लेकिन मैं मजबूर था." जया देव से बोली,

"नही भाई साहब, इसमे सॉरी की कोई बात ही नही है. मुझको आपसे अपनी चूत चुदवा कर बहुत मज़ा मिला. जब भी आप को मेरी चूत चोदने की इच्छा हो मुझसे ज़रूर कहिएगा, मैं हुमेशा आपके लंड का इंतेजार करोनगी." दोनो जीजा और साली एक दूसरे के बाहों पर लेट गये और जगन और देवकी की चुदाई देखते रहे. थोरी देर के बाद वे भी झार गये और बिस्तेर पर ढेर हो गये. चारों अब चुदाई करते करते बहुत थक चुके और आपस मे बात करते करते सो गये.

इस तरफ से उन चार लोगों की चुदाई भरी जिंदगी चलने लगी. जगन और देव को पता लग चुक्का था कि दोनो बहने देवकी और जया बहुत ही चुदासी औरत है और यह दोनो बहने कभी भी जगन और देव से अपनी चूत चोदने के लिए कह सकती है. यह तो बहुत अच्छी बात थी की इन लोगों का घर गाओं के बिल्कुल किनारे पर था नही तो कोई भी इन चार लोगों को कभी भी एक साथ सामूहिक चुदाई करते देख लेते. देव की परेशानी अभी भी वहीं थी.

देव का लंड तभी खरा होता जब वो जगन को या तो देवकी के साथ या जया के साथ चुदाई करते देखता था. जब भी देव का लंड खरा हो जाता था तो जो कोई भी बहन खाली रहती उनकी चूत मे अपना लंड डाल उसकी चुदाई शुरू कर देता. दोनो बहनो मे भी इस बात का कोई फरक नही परता था की कौन उनको चोद रहा है, उनको तो बस अपनी हुमेशा भूखी चूत के लिए खरा लंड की ज़रूरत थी, चाहे वो लंड जगन का हो या देव हो, क्या फ़र्क परता, उनकी चूत तो लंड खाती.

क्रमशः............
 
गतान्क से आगे............

बस और क्या चाहिए. जया अपनी चुदाई से जल्दी ही पेट से हो गयी. जैसे जैसे जया की दिन पूरे होते गये तो वो जगन या देव का लंड चूस कर ही अपना काम चल लिया करती थी. और जगन और देव बारी बारी से जया का चूत चूस दिया करते थे. देवकी दोनो मर्दों का पूरा का पूरा ख़याल रखती थी और इससे जया को कभी कभी जलन महसूस हुआ करता था. .देवकी और जया की मा अपनी बेटी को संभालने जया के अन्तीम हफ्ते मे इन लोगों के घर पहुँच गयी.

मा के आने से इन लोगों का सारा का सारा मामला बंद हो गया और सब चुप चाप रहने लगे. एक दिन शाम को जया को दर्द चढ़ा और उसको हस्पताल मे भरती कर दिया गया. हस्पताल मे जया को एक रात के लिया रखा गया और सब मिल कर जया के पास ही रात को रुक गये. सुबेरा होने पर डॉक्टर ने बताया की जया को बच्चा होने मे अभी कुच्छ समय और लगेगा और हो सकता है कि जया का बच्चा रात को हो. फिर यह तय हुआ कि देवकी अपनी बहन के पास रात के लिए रुक जाएगी और मा घर जा कर आराम करेंगी. देव भी देवकी के रुकने के लिए तैइय्यार हो गया और जगन फिर अपनी सास के साथ घर वापस चला आया.

जगन अपने सास के साथ करीब सुबह दस बजे गाओं पहुँचा. जगन रास्ते की दुकान से डबल रोटी नाश्ते के लिए खरीद लिया. घर जाकर वो पहले नहा लिया और कमरे मे बैठ कर अख़बार परहने लगा. जगन की सास, छ्हम्मो देवी, अपने कमरे मे नहाने के लिए तैयारिया कर रही थी. छ्हम्मो अपने कमरे से बोली,

"जगन मैं नहा लेती हूँ फिर तुमको चाइ बना कर पिलाती हूँ." अख़बार से अपनी आँख उठा कर अपनी सास को देख जगन चौंक गया. इस समय छ्हम्मो सिर्फ़ अपने पेटिकोट मे थी और उस पेटिकोट को उन्होने अपने चूंची तक उठा बाँध रखा था और इस'से सास की आधे से ज़्यादा सुडोल चिकनी जंघें खुली दिख रही थी. उनकी चूंची भी करीब आधे से ज़्यादा पेटिकोट के बाहर दिख रहा था. छ्हम्मो अपने एक हाथ से अपने कपरे ले रखी थी. जैसे ही जगन की सास दरवाजे के पास खरी हुई तो जगन को बाहर की लाइट से उनकी सुडोल जंघे और चूतर साफ साफ देखाई परा. जगन को अपना लंड के खरा होने का आभास लगने लगा क्योंकि उसकी लूँगी धीरे धीरे उठ रही थी.

जगन जल्दी से दूसरी तरफ देख कर हामी भर दिया. छ्हम्मो बाथरूम मे जाकर नहा धो कर बाहर निकल चाइ बनाने लगी. जगन की अपने सास की तरफ देखने की हिम्मत नही पर रही थी, लेकिन वो बिना देखे रुक भी नही सकता. इस समय छ्हम्मो एक सफेद रंग का ब्लाउस पहने हुए थी, लेकिन गीला होने से लग रहा था उनके ब्लाउस के नीचे और कुच्छ भी नही है. उनका पेटिकोट इस समय उनके चूतर पर थी लेकिन यह यकीन था कि पेटिकोट के नीचे भी कुच्छ नही है. जैसे ही छ्हम्मो अप'ने कमरे मे गयी तो वो जगन के तरफ देख कर मुस्कुरई. जगन उनके हिलते हुए चूतर देखता रहा.

जगन अख़बार परहने के बहाने अपने कमरे मे बैठ कर अपने सास का इन्तिजार करने लगा. छ्हम्मो जल्दी ही कमरे से बाहर निकल कर किचन की तरफ गयी, लेकिन उनका पहनावा अभी भी वही था. जल्दी ही छ्हम्मो किचन से चाइ बना कर नाश्ता लेकर निकली. उन्होने चाइ और नाश्ता ज़मीन पर आमने सामने रखा और जगन को नाश्ता लेने बुलाई. जगन कमरे मे आ कर ज़मीन पर पालती मार कर अपनी सास के सामने बैठ गया और नाश्ते के लिए इंतिज़ार करने लगा.

छ्हम्मो भी तब ज़मीन पर पालती मार कर बैठ गयी. पालती मार कर बैठने से छ्हम्मो की पेटीकोआट उनकी ज्ञगहों तक उठ गयी और जगन को अपने सास की सुडोल, चिकनी और गोरी गोरी जंघे दिखने लगी. छ्हम्मो झुक कर कुच्छ ब्रेड के टुकड़े उठाए और जगन से भी ब्रेड लेने के लिए बोली. जगन ब्रेड लेकर खाते खाते अपने सास के जांघों के देख रहा था. जैसे ही छ्हम्मो अपने पैर थोरी फैलाई तो जगन को उनकी भरा पूरा शेव किया हुआ चूत दिखने लगा.
 
जैसे जैसे वो लोग नाश्ता करने लगे, छ्हम्मो खुद ही जगन से हल्की फुल्की बात करना शुरू कर दिया. लेकिन जगन को अपने सास के बातों मे कोई ध्यान नही था. छ्हम्मो तब अपनी दोनो टाँगों को फैला दिया और अब जगन को छ्हम्मो की चूत कमरे की रोशनी मे साफ साफ दिखाई देने लगा. जगन को अपना आँख छ्हम्मो की चूत पर से हटाना मुश्किल पर गया. जगन का लंड अब पूरी तरह से खरा हो गया. जगन अपने खरा लंड को अपने हाथों से छुपाने की कोशिस करने लगा लेकिन उसका 10" लूंबा खरा लंड उसके हाथों से छुप नही रहा था.

"तुम्हे पसंद है?" जगन की सास पूछी.

"उन! क्या पुछा?" जगन छ्हम्मो से पुचछा.

"मुझको लग रहा है की जो तुम अपनी आँख गढ़ा कर देख रहे हो, वो तुम्हे पसंद है और तुम्हारा खरा लंड इस बात की गवाही है," छ्हम्मो जगन से बोली. जगन अब दोनो हाथों से खरा लंड को च्छुपाने की कोशिस करने लगा. इस बात से जगन की सास हंस परी और जगन से बोली,

"जगन, बेबकूफी मत करो. तुम्हारा उतना बरा लंड जो कि इस समय खरा हो गया है हाथों से च्छुपाना मुश्किल है. तुम मत घबराव, हुमारी बेटी ने हमसे तुम्हारे लंड के बारे मे सब कुच्छ बता दिया है. अब तुम से क्या च्चिपाना, मैं भी इस लंड का स्वाद लेना चाहती हूँ. मैने करीब पेच्छ'ले एक-दो हफ्ते से अपनी चूत नही चुडवाई है, और यह बात मेरे जैसी चुद्दकऱ औरत के बर्दस्त के बाहर है. मेरी चूत मे तीन-चार दीनो से खुजली हो रही है. चलो जल्दी से अपना नाश्ता ख़तम करो, मुझे तुमसे अभी चुद्वना है." जगन जब सास की यह सब बात सुनी तब वो छ्हम्मो से बोला,

"अगर एही आपकी इक्च्छा है तो मैं आपकी इक्च्छा को टाल नही सकता हूँ," और जगन जल्दी जल्दी अपना नाश्ता ख़तम किया और उठ कर अपना हाथ धोने चला गया. च्चाम्मो भी अपनी नाश्ता जल्दी से ख़तम करके हाथ धो लिया और कमरे का दरवाजा बंद कर दिया और जगन के पास जाकर खरी हो गयी. जगन का खरा लंड को जो कि लूँगी से बाहर निकल चुक्का था पाकर कर अप'ने हाथों से धीरे धीरे सहलाने लगी.

"ओह! तुम्हारा लंड तो वाकई बहुत बरा और मोटा है. मेरी बेटियाँ बहुत ही भाग्यशाली हैं जो तुमको पाया है. ओह! कितना करा है, चलो जल्दी से मुझको चोदो," इतना कहा कर छ्हम्मो हाथों से जगन को पकर कर बेडरूम मे ले गयी. बेडरूम मे घुस कर छ्हम्मो जल्दी से अपनी पेटिकोट का नारा खींच कर खोल दिया और उनकी पेटिकोट ज़मीन पर गिर गया. अब जगन के सामने उसकी सास नंगी खरी थी और जगन उनके नंगे रूप को देख कर मचल गया. तब छ्हम्मो घूम कर जगन के सामने पीठ करके खरी हो गयी और अपनी ब्लाउस को उतारने के लिए बोली.

जैसे जैसे जगन उनकी ब्लाउस के हुक खोल रहा था, उसका लंड तन कर उनकी चूतर से रगड़ रहा था. चूतर पर जगन के लंड की ठोकर महसूस करने के बाद छ्हम्मो ने अपनी चूतर पिछे की तरफ धकेल दिया और अपनी चूतर जगन के लंड पर मलने लगी. जगन अपनी सास का ब्लाउस उतार दिया और इनकी नंगी पीठ पर चुम्मा देने लगा. फिर उसने अपना हाथ आगे करके उनकी चूंचियो से खेलने लगा. फिर अपना लंड छ्हम्मो के गंद पर रख कर घुमाने लगा और उसकी इस हरकत से छ्हम्मो अपनी गंद हिला करके जगन के तरफ कर दिया. अब छ्हम्मो जगन के तरफ घूम गयी और उससे बोली,

"चलो अपना लॉरा मुझको दो, मैने बहुत दीनो से लौरा नही चूसा है, मैं तुम्हारे लौरे को चूसना चाहती हूँ," और छ्हम्मो झुक कर जगन के सामने बैठ गयी और जगन का लौरा को बच्चो जैसा चूसने लगी. छ्हम्मो के मूह से लार बह रही थी और वो जगन के लौरे को जितना हो सके मूह मे घुसेर कर बरे आराम से चूस रही थी. जगन को सुपरे पर सास की जीव का स्पर्श बहुत अच्छा लग रहा था. छ्हम्मो सर को आगे पिछे कर के जगन के लौरे को धीरे धीरे मूह मे घुसेर रही थी और नीकाल रही थी और होठों से सुपरा को चूस रही थी. जगन का लौरा खरा हो कर तन्ना गया था और अपनी सास की मूह के अंदर थुकी मार रहा था. जगन की सास को लंड चुसाइ की कला बहुत अच्छे तरह से आती थी और बरे मज़े लेकर दामाद का लंड चूस रही थी.

"बहुत अच्च्चे, मा, ऊ! बहुत मज़े आ रहा है, हाँ ऐसे ही मेरे लौरे को चुसिये. आप बहुत अच्छे तरह से लंड चूस रही हैं." जगन धीरे धीरे अपना कमर चला कर अपना लंड सास के मूह मे डाल रहा था और निकाल रहा था.

"और ज़ोर से चूसो माजी, और ज़ोर से मेरे लंड की चुसिये," जगन सास से बोला. लेकिन छ्हम्मो को मालूम था कि कैसे दामाद का लंड चूसना है और वो कोई जल्दबाज़ी नही कर रही थी. छ्हम्मो धीरे धीरे ज़मीन पर बीछे बिस्तेर पर लेट गयी और पैरों को फैला कर जगन से बोली,

क्रमशः........................
 
गतान्क से आगे............

"आओ मेरे जमाई राजा, आओ अब तुम मेरी चूत का स्वाद लो. मेरी चूत, चूत से निकल रही सहद को तुम जीव से चॅटो और उसका स्वाद लो. अब जल्दी से मेरी चूत चूसो. जल्दी आओ मेरे जमाई राजा, मेरी चूत को संभलो. अब आज से मेरी बेटिओं के साथ साथ मेरी चूत का भी चुदाई तुम्हारे ज़िम्मे मे है"

जगन अब बहुत उत्तेजित हो गया था और उसे अपने सास की बिना झांतों वाली चूत को नज़दीक से देखना था और उसका स्वाद लेना था. वो जल्दी से सास के उपर चढ़ कर उनकी चूत को टटोलने लगा. फिर उनकी पैर के बीच जा कर उनकी चूत को गौर से देखने लगा. जगन को सास की बिना झांतों वाली चूत देख कर बहुत गर्मी आ गयी. उनके मोटे मोटे चूत के होंठ साफ साफ दिख रहे थे और उनकी चूत की घुंडी तना हुआ था और काफ़ी आगे निकल रहा था. जगन दोनों हाथों से उनकी चूत को खोल कर लाल लाल अन्द्रुनि हिस्से को देखने लगा.

फिर जगन अपना जीव निकाल कर आप'ने सास की चूत को धीरे धीरे चाटने लगा. जगन अपनी सास की चूत को उपर से नीचे अपनी जीव से चट रहा था. फिर जगन अपनी जीव की नोक को सास की चूत के अंदर डाल दिया और घुमाना शुरू कर दिया. उसको सास की चूत से निकल रही भेनी भेनी खुश्बू बहुत अच्छा लग रहा था. जगन को सास की चूत का मीठा मीठा रस और उसकी खुसबू बहुत उत्तेजित कर रहा था और वो जीव से उनकी चूत को खूब ज़ोर ज़ोर से चट रहा था और चूस रहा था. जैसे जैसे जगन अपनी सास की चूत को चट और चूस रहा था, वो भी अपनी दामाद का 10" का खरा लंड मूह मे भर कर चूस रही थी.

छ्हम्मो दामाद का लंड, जो क उनके चहेरे के सामने था, मूह मे भर कर अपनी जीव से सहला रही थी. वो लंड को दो उंगलेओं से पकर कर उस पर अपनी जीव फिरा रही थी, फिर उसको मूह मे भर कर अपना सर आगे पिछे कर के उसको मूह के अंदर और बाहर कर रही थी और गाल्लों से उसको दबा रही थी. उधर, जगन अपना जीव सास की चूत के अंदर डाल कर उनकी चूत का रस पी रहा था. जगन जितना ज़ोर से उनकी चूत को चूस्ता था छ्हम्मो उतने ही ज़ोर से अपनी चूत जगन के मूह पर दबा रही थी.
 
जगन तब अपना कमर हिला हिला कर अपना लंड से अपनी सास का मूह चोदना शुरू कर दिया और अपना वीर्या सास के मूह के अंदर छोड दिया. ठीक उसी समय मे छ्हम्मो भी दोनो जगहों से दामाद का सर कस कर दबा कर अपनी चूतर उठा कर चूत का पानी छोड दिया. छ्हम्मो झरने के बाद भी जगन का लंड हाथों से पकर कर चुस्ती रही और उसको जीव से चट चट कर साफ कर दिया.

" मेरी चूत की चुसाइ मुझे बहुत अच्छी लगी. तुम और तुम्हारा लंड बहुत ही अच्छा है और मैं जब तक तुम्हारे घर रहूंगी मेरी चूत की बहुत ही बरहिया खातिरदारी होगी" छ्हम्मो दामाद का मुरझाया लंड हाथों मे लेकर मसल्ते हुए बोली. उन्होने दामाद का लंड हाथों मे लेकर उसको एक चुम्मा दिया और फिर उसको जीव से चाटना शुरू कर दिया. थोरी देर के बाद जगन का लंड फिर से खरा होने लगा. छ्हम्मो तब जगन का लंड को हाथों मे लेकर चूस्ते हुए जगन से बोली,

"हुमारी बेटिओं की तकदीर बहुत ही अच्छी है. अब मैं तुम को चोदने वाली हूँ और मेरी चुदाई बहुत ही ज़ोर दार रहेगी." फिर उसके बाद छ्हम्मो खरी हो गयी और जगन के उपर दोनो तरफ पैर करके बैठ गयी और उसका लंड हाथों मे लेकर अपनी चूत से भीरा दिया और धीरे धीरे नीचे बैठ कर पूरा का पूरा लंड अपनी चूत मे भर लिया. जगन चित लेट लंड को सास के चूत मे आराम से घुसते देख रहा था. उसको इस बात का बहुत ताज़्ज़ूब हो रहा थी उसकी सास बिना कोई तकलीफ़ के उसका पूरा का पूरा लंड आसानी से अपनी चूत मे घुसेर लिया. छ्हम्मो की चूत बहूत ढीली नही थी और उसकी पकर जगन को बहुत मज़ा दे रहा था. छ्हम्मो आँख बंद कर लिया और दोनो हाथों को जगन के पेट पर रख कर चूतर उठा उठा कर जगन को चोदना शुरू कर दिया.

"हाँ! हाँ! और ज़ोर से मसलो मेरी निपल को, मुझे तुमसे अपनी निपल मसलवाने मे बहुत मज़ा आ रहा है," छ्हम्मो अपनी चूंची को जगन के तरफ करते हुए बोली. अब छ्हम्मो दामाद को चोद्ते हुए उस पर झुक गयी और अपनी चूंचियो को चूसने के लिए बोली. जगन उन चूंचियो को ज़ोर ज़ोर से चूस रहा था और वो जितना ज़ोर से चूंचियो को चूस्ता था उसकी सास उतनी ही ज़ोर से उसके लंड को चूत मे डाले उस पर उछलती थी. इस समय छ्हम्मो के शरीर से काफ़ी पसीना निकल रहा था और उससे उसकी चूंचियो का स्वाद कुच्छ नमकीन सा होगआया था. थोरी देर तक दामाद को चोद कर थक गयी और दामाद के उपर से नीचे उतर कर चारों हाथ और पैर के सहारे घुटने के बल कुतिया बन कर बिस्तेर पे आ गयी. जगन तब झट सास के पिछे जा कर और उनकी चूत को हाथों से खोल कर उसके अंदर अपना लंड एक झटके के साथ पेल दिया और उनकी कमर को पकर कर चोदना शुरू कर दिया.

"ओह! ससुमा! तुम्हारी चूत तो पूरा का पूरा ज़न्नत है. मुझको तुम्हारी चूत चोदने मे बहुत मज़ा मिल रहा है. तुम्हारी चूत कितना गर्म और टाइट है. मन करता है कि मैं तुमको ऐसे ही हुमेशा चोद्ता रहूं. तुम बहुत सेक्सी हो, अब तुमको तुम्हारे बेटिओं के सामने भी चोदुन्गा और दिखौँगा की उनकी मा कितनी चुड़दकर है, जो की दामाद का लंड चूत से खा रही है. और तुम जो चूत पर से झांतों का अस्तर उतार दिया है इससे तुम्हारी चूत और भी सेक्शी लग रही है. तुम्हारी बेटिओं को समझाना की वो भी अपनी चूतो से झांतों का अस्तर उतार दे," जगन बोलता जा रहा था और अपनी सास के चूत मे अपना लंड पेल रहा था. वो अपना लंड जर तक डालता था और एक खाटके के साथ उसे चूत से निकाल कर फिर से पेल रहा था.

"हाँ! हाँ! मेरे राजा, मेरी जमाई राजा और ज़ोर से पेलो, फार दो आज मेरी चूत को लंड के चोट से. जबसे मेरी बेटिओं ने इस लंड के बारे मे मुझे बताया तब से ही मेरी चूत इस लंड को खाने के लिए परेशान थी. आज मौका मिला है, खूब जी भर कर चोद दो. इसको बहुत दीनो से ऐसे ही लंबा और मोटा लंड से चुद्वने की ख्वाहिश थी. इसकी सारी आज तुम पूरा कर दो.

ओह! ओह! आह! हाँ! ऐसे ही चोद्ते रहो. बहुत मज़ा मिल रहा है तुम्हारे लौरे के धक्को से. मैं तुमसे वादा करती हूँ की जब हुमारी बेटियाँ घर आ जाएँगी, मैं ऐसे ही उनके सामने नंगी हो कर उनके साथ एक ही बिस्तेर पर लेट तुमसे अपनी चूत मे तुम्हारा लंड पिल्वन्गी. चाहे तुम मेरे सामने हुमारी बेटिओं को चोद लेना, मुझे कोई एतराज नही होगा. बस इस समय तुम रुकना मत, मुझे लॉंड के झटकों के साथ चोदो और मेरी चूत को झार दो, अब मुझसे सहा नही जा रहा, मेरी चूत मे बहुत जोरो की ख़ाज़ हो रही है. अपना लंड के झटकों से मेरी चूत की खज़ दूर करो."
 
छ्हम्मो बार्बरा रही थी और अपनी चूतर ज़ोर ज़ोर से आगे पिच्चे करके जगन के हर धक्के का जवाब दे रहीं थी. जब जब छ्हम्मो चूतर पिछे करती थी और जगन उनके चूत मे अपना लंड पेलता था तो छ्हम्मो को लगता था की उनके दामाद का लंड उनके बछेदनी मे घुस रहा है. जगन सास की चूतर पकर कर उनकी गंद मे अपनी एक उंगली डाल कर ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था और थोरी देर ऐसे ही चोद्ते चोद्ते उसने अपना माल सास के चूत मे डाल कर उनकी चूत को भर दिया.

छ्हम्मो को लगा जैसे की उनकी जलती हुए चूत के अंदर कोई ठंडा पानी छिड़क कर अंदर की आग को बुझा दिया और वो भी अपनी पानी छोड दी. थोरी देर ऐसे ही सास के पीठ पर रुक कर जगन अपना लंड उनकी चूत से निकाल लिया और जैसे लंड बाहर निकल आया उसकी सास के छ्होट से ढेर सारा सफेद सफेद गाढ़ा पानी उनकी झंघों से बह कर नीचे गिरने लगा.

उस दिन देव शाम को हस्पताल से वापस आया और यह खबर दिया कि जया को एक लर्की उसी दिन दोफर को हुई है. देवकी हस्पताल मे मा और बेटी की देख भाल कर रही है. हो सकता है कि जया को अगले दिन शाम तक हस्पताल से छोड दिया जाए. जया की बेटी पैदा होने की खबर सुन कर छ्हम्मो और जगन बहुत खुस हुए. जगन को पहली बार बाप (पता नहीं बच्ची उसकी है कि नही) और छ्हम्मो पहली बार नानी बनी थी. रात होते होते तीनो जल्दी खाना खा कर सोने की तायारी कर ली क्योंकी अगले दिन सुबह सुबह उन लोगों को हस्पताल जाना था. देव बिस्तेर मे लेट ते ही सो गया क्योंकी वो हस्पताल मे सो नही पाया था.

हालाँकि छ्हम्मो की उमर करीब 45-46 साल थी लेकिन चुद्वने मे वो कोई 25 साल की औरत को भी मात दे सकती थी. छ्हम्मो की शरीर का हर हिस्सा सेक्सी था और उनको देख कर किसी भी मर्द का खरा हो जाना स्वाभबिक था. कमरे के अंदर घुसते ही छ्हम्मो जगन से बोली,

"कपड़े उतार लो" और खुद उतारने लगी. जगन जल्दी से अपना लूँगी और बनियान उतार कर नंगा हो गया और लंड को पकर कर सहलाते हुए सास को कपरे उतारते हुए देखने लगा. जब छ्हम्मो भी पूरी तरह से नंगी हो गयी तो वो उनको बाहों मे भर कर चूमने लगा. लेकिन इस समय छ्हम्मो को शुरू-आती खेल पसंद नही था वो इस समय बहुत चुदसी थी. छ्हम्मो एक कुर्सी के सहारे झुक कर खरी हो गयी और जगन से बोली,

"चलो जल्दी से मुझको धीरे धीरे चोदो." इतना सुनते ही जगन अपना लंड सास की चूत मे लगा कर धीरे से अंदर कर दिया और उनकी चूतर को पकर कर हल्के हल्के झटके के साथ चोदने लगा. छ्हम्मो की चूत पहले से ही पनिया गयी थी और इसलिए जगन के हर धक्के के साथ उनकी चूत से फक! फक! की आवाज़ निकल रही थी. यह चुदाई कुच्छ देर तक चला और थोरी देर के बाद दोनो झार गये. छ्हम्मो बहुत थक चुकी थी, इसलिए जैसे ही जगन अपना पानी से अपनी सास की चूत भर दिया, वो ज़मीन पर बेछे बिस्तेर पर लुढ़क गयी और अपनी दोनो टाँगों को फैला कर सो गयी.

जगन अपनी सास की खुले टाँगों को देख कर झट उनके बीच बैठ गया और फिर से अपना लंड उनके चूत मे डाल दिया. जगन सास की चूत ज़ोर ज़ोर झट'कों के साथ चोदने लगा. अपने झटकों के साथ जगन को महसोस हो रहा था की उसके अंडे सास की चूतर पर टकरा रहे है. थोरी देर इस तरह से अपनी सास को चोदने के बाद जगन उनको बाहों मे भर कर ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा. इस धीमी चुदाई से जगन और उसकी सास दोनो को बहुत मज़ा आया. छ्हम्मो चूत को सिकोर कर जगन के लंड को कभी कभी दबा देतीं थी और इससे उसे बहुत मज़ा मिल रहा था. छ्हम्मो चूत की चुदाई से गरमा कर जगन से बोलने लगी,

"चोदो मुझे और ज़ोर से चोदो, मेरी चूत बहुत प्यासी है, इसको लंड के पानी से भर दो. आन! हाँ! ऐसे तुम अपने हाल से मेरी इस छोटी सी ज़मीन को और ठीक तरीके से जोतो, और गहरा जोतो, आने दो अपना मेरी चूत की गहराइयों मे, पूरा का पूरा लंड पेल दो, बिल्कुल मत घबराना, मेरी तुम्हारे लिए खुली रहेगी, अया! हाँ! हाँ! मेरे चुड़दकर जमाई राजा ऐसे ही चोद्ते रहो." छ्हम्मो अपनी चूतर उठा उठा कर जगन के झटकों को चूत पर ले रही थी.

जब जगन लंड को पूरे ज़ोर से अपनी सास की चूत मे घुसेर्ता था, उस समय सुपरा उनके बच्चेड़नी मे चोट कर रहा था और इस'से छ्हम्मो को बहुत मज़ा मिल रहा था, और वो हाथ और पैरों से दामाद को पकर अपनी चूत उससे चूड़ा रही थी. ठीक उसी समय छ्हम्मो देखी की देव उनके कमरे के दरवाजे पर खरा हो कर उनकी और जगन की चुदाई देख रहा है और हाथों से अपना लंड को कपड़ो के उप्पेर से मसल रहा है.

छ्हम्मो जैसे ही देव को कमरे के दरवाजे पर खरा देखी तो उसको बुला लिया. जैसे ही वह उनके नज़दीक आया तो छ्हम्मो हाथ बढ़ा कर उसका धोती खींच कर निकाल दिया और उसको नंगा कर दिया.

"चलो मेरे मूह को लौरे से चोदो", च्चाम्मो देव से बोली. देव झट से अपनी सास की बात मान ली और उनके पास घुटने के बल बैठ कर उनके मूह मे अपना लंड पेल दिया. छ्हम्मो बरे जमाई का लंड मूह से पागलों की तरह चूसने लगी. देव का चूस्ते चूस्ते छ्हम्मो के मूह से लार बहना शुरू हो गया. छ्हम्मो इस समय अपने सर को आगे पिछे कर के लंड मूह के अंदर बाहर कर रही थी. देव अपना पूरा का पूरा लंड सास के मूह मे घुसेर रहा था और निकाल रहा था और उसका लंड सास के गले तक पहुँच रहा था.

लेकिन देव की सास बिना कोई परेशानी के देव के लंड से अपना मूह चुदवा रही थी. छ्हम्मो इस तरह से देव का लंड चूस रही थी की जैसे वो उसके लंड के साथ साथ उसके अंडों को भी खा जाएगी. छ्हम्मो चूत मे जगन का लंड और मूह मे देव का लंड ले कर बहुत उत्तेजित हा गयी थी और इसीलिए वो जल्दी जल्दी दो-तीन बार जगन के झरने के पहले झार गयी. लेकिन देव अभी तक नही झारा था.

देव अपना लंड सास के मूह मे खुला छोड दिया और उनको ही जो करना था करने दिया. तब देव अपना लंड सास के मूह से निकल कर उनको उल्टा लेटा दिया और खुद उनके पिछे जाकर उनकी बिना झांतों की चूत मे अपना लंड थॅन्स दिया. इस समय छ्हम्मो की चूत जगन के पानी से भरी थी लेकिन इसका परवाह देव को नही था. चूत अभी भी चुदासी थी और जैसे ही देव अपना लंड उनकी चूत मे घुसेरा तो उनकी गले से खुशी का आवाज़ निकल ने लगी और वो चुप चाप अपनी चूतर उठाए चुड़ाने लगी.

देव इस समय रोज की ताक़त से ज़्यादा ज़ोर से अपनी सास की चूत को चोद रहा था. उसके दिमाग़ मे यह बात चल रहा था कि वो नंगी सास को चोद रहा है और इस बात से वो इतना गरम हो रहा था कि उसका लंड रोज से ज़यादा कऱ था और दनादन सास की चूत मे धक्के मार रहा था. देव हाथों से छ्हम्मो की चूतरों को मसल रहा था और उनकी चूत को लंड से बजा रहा था. छ्हम्मो की चूतर, चूंची और सारा शरीर देव के ज़ोर दार धक्कों के साथ बुरी तरह हिल रहा था. देव पागलों की तरह अपनी सास को चोद रहा था और ऐसे ही चोद्ते चोद्ते अपना पिचकारी छोड दिया. दोनो सास और दामाद इस भयंकर चुदाई से हाँफ रहे थे और झरते ही दोनो लुरख कर सो गये.

दोनो दमादों के बीच छ्हम्मो लेटी रहीं और हाँफ रही थी. थोरी देर के बाद जगन और देव दोनो सास के तरफ करवट ले कर लेट गये और सास के शरीर से खेलने लगे.

"आप बाकाई मे बहुत अच्छी सासू मा हो," जगन सास से बोला.

"इस दुनिया में कितने इतने भाग्यवान दामाद है जो की सास को चोद पाते है, और वो भी एक साथ?" तब छ्हम्मो बोली,

"हाँ, मैं बहुत भाग्यशाली हूँ, कितने आदमी मेरा ख़याल रखते है. घर मे मेरे पती और देवर हैं, और इन्हा मेरे दो दो दामाद हैं जो की मेरा हर तरह से ख़याल रखतें हैं. मैं आज बरे दामाद से बहुत खुश हूँ, क्योंकी देवकी मुझसे बोली थी कि देव बहुत जल्दी जल्दी काम ख़तम कर देता है. चिंता मत करो. मैं इन्हा रहा कर तुमको पक्का कर दूँगी. तब तुम भी चुदाई करने मे जगन के जैसा माहीर हो जाओगे." देव यह सुन कर सास की चूंची को मसल्ते हुए बोला,

क्रमशः......
 
गतान्क से आगे............

"मैं आपको बहुत प्यार करता हूँ, मा" मुझे आप पक्का बना देना.

फिर छ्हम्मो दोनो दमादों के लंड दोनो हाथों से पकर उनसे खेलते खेलते सो गयी. सुबह जब आँख खुली तो छ्हम्मो ने देखा की जगन का पैर उनके उपर चढ़ा हुआ है और उसका लंड बुरी तरह से खरा हुआ है. देव उनसे दूर सो रहा है. धीरे धीरे छ्हम्मो दमादों को बिना जगाए उठ कर बैठ गयी. उनको चूत पर खुजली महसूस हुए तो उन्होने चूत पर हाथ फेरा. हाथ फेरने से उन्होने पाया कि कल रात की चुदाई से दोनो दमादों का वीर्या उनके चूत के चारो तरफ सुख कर फैला हुआ है. जगन का खरा लंड देख कर छ्हम्मो अपने आप को रोक नही पायी. वो जगन के बगल मे घुटने के बल बैठ कर जगन का लंड चूसने . जगन लंड की चुसाइ से जाग गया और अपना लंड सास के मूह मे देखा और उनकी तरफ देख मुस्कुरा दिया.

"यह तो बरा अच्छा जगाने का तरीका है" . देव भी अब तक जाग गया था और उठ कर जगन और सास को देख कर बोला,

"तुम लोगों ने सुबह सुबह ही शुरू कर दिया" और वो बैठ कर उनकी हरकतों को देखने लगा. थोरी देर के बाद देव का लंड भी खरा होना शुरू कर दिया. देव हाथों से अपना लंड सहलाते हुए छ्हम्मो को जगन का लंड चूस्ते देखने लगा. कुच्छ देर के बाद देव उठ कर सास के पिछे चला गया और उनके पिछे जा कर उकूड़ू बैठ गया और उनकी गंद हाथों से उठा लिया. देव हाथों से सास की बिना झांतों वाली बूर को मसल रहा था और देखा की चूत के चारों तरफ कल रात की चुदाई से ढेर सारा वीर्या जमा परा है. उसने फिर सास की चूत को हाथों से फैलाया और उसमे मूह लगा कर उसको चूसना शुरू कर दिया. छ्हम्मो अब धीरे धीरे गरम हो रही थी. वह गंद हिला हिला कर देव को अपनी चूत को चूसने मे मदद करने लगी.

देव का लंड अब तक काफ़ी हद तक खरा हो गया था और वो झुक कर अपना लंड सास की चूत पर लगा दिया और उसे एक ही झतके के साथ अंदर गुसेर कर उनको चोदने लगा. छ्हम्मो बरे दामाद की करतूतों से बहुत खुस थी और चकित भी थी और अपनी गंद हिला हिला कर अपनी चूत बारे दामाद से चुदवा रही थी. छ्हम्मो अपनी चूत को दामाद से पिछे से चुदवा रही थी और मूह से छोटे दामाद का लंड चूस रही थी. थोरी देर के बाद जगन सास के मूह मे ही अपना पिचकारी छोड दिया जिस को छ्हम्मो बारे मज़े लेकर पी गयी. देव अभी तक झारा नही था और वो सास को पिछे से पकर कर चोदना चालू रखा. थोरी देर तक इस तरह से चोद्ते हुए देव उनकी चूत मे पिचकारी छोड दिया और चूत वीर्या से भर गयी.

"वाह, जागने और जगाने का यह क्या अच्छा तरीका है" छ्हम्मो यह सोचते हुए अपनी सारी को पहनते हुए कमरे के बाहर बाथरूम के तरफ चल दी.

छ्हम्मो बाथरूम से चूत और जांघों को धो कर बाहर आई और दमादों के लिए चाइ नाश्ता बनाया. जगन और देव भी सॉफ सफाई करके साथ बैठ कर चाइ नाश्ता लिया. नहाते वक़्त तीनो तय किया सब के सब एक साथ नहाएँगे, जिस'से की समय की बचत होगी. तीनो बाथरूम एक साथ घुस गये और नहाने लगे. जगन और देव पहले पंप चला कर बाल्टियो मे भर लिया और छ्हम्मो ने उनके शरीर पर साबुन लगा कर मल मल कर उनको साफ सुथरा किया फिर दोनो मिल कर सास को भी साबुन लगा कर साफ किए. जगन का लंड नहाते वक़्त भी खरा हो गया था, लेकिन छॅमो यह देख कर भी ज़्यादा ध्यान नही दी और बाद के लिया छोड दिया. फिर सब हस्पताल पाहूंचे. हस्पताल मे जगन और देव के ससुरजी और उनके भाई भी आ गये थे. सब के सब जया और उसकी बची को देख कर काफ़ी खुस थे.
 
सब लोग एक दूसरे के गले मिल रहे थे. थोरी देर के बाद डॉक्टर बोला की वो लोग जया को घर ले जा सकते हैं. सब लोग घर वापस चले आए और घर पर सबने जया की बच्ची को स्वागत किया. शाम होते होते ससुर जी और उनके भाई घर वापस चले गये. शाम तक घर मे आने जाने वालों का ताँता बना हुआ था. उनके सारे परोसी जया और उसकी बच्ची को देखने के लिए उनके घर आ जा रहे थे. जया डेलिवरी के बाद बहुत सुस्त पर गयी थी और उसको इस समय बहुत नीद लग रही थी और देवकी जो की दो रातों से ठीक से सो नही पाई थी सोने चली गयी.

जगन बीवी और बच्चे से बहुत खुश था और वो भी बीवी के कमरे मे चला गया. अब सिर्फ़ देव और छ्हम्मो ही जाग रहे थे. वो लोग वारंडे मे बैठ कर इधर उधर की बातें कर रहे थे और थोरी देर के बाद उनकी बात सेक्स की तरफ मूर गयी. देव सास से कहा कि कैसे उसका लंड सिर्फ़ दूसरे की चुदाई देखने के बाद खरा होता है. सास उसकी बात सुन कर बोली,

"तुम्हे या तो अपने आप पर भरोसा नही है या तुम्हे कोई अन्द्रुनि बीमारी है, लेकिन कोई बात नही, मैं जब तक इन्हा हूँ तुम्हे ठीक करने की कोशिश करूँगी. लेकिन सबसे पहले मुझे तुमको टेस्ट करना है."

तबसासू ने देव की धोती खींच कर उतार दिया और देव का मुरझाया हुआ लंड को देखने लगी. वो उस लंड को हाथों मे लेकर खेलने लगी और देव से बताना शुरू किया कैसे उसका ससुर और चाचिया ससुर उनको एक मिहीना के बाद उनके घर जाने के बाद एक के बाद दूसरा उनको उलट पलट कर चोदेन्गे और कैसे वो उनकी चुदाई का मज़ा लूटेंगी, सिर्फ़ महीना दिन को छ्होर्के. महीने के दीनो मे भी वो पती और देवर का लंड चूस चूस कर उनको झारेगी और उनके लंड से निकला वीर्या को पीएगी. इन सब चुदाई की बातों को सुन कर भी देव का लंड खरा नही हुआ. फिर छ्हम्मो ने दामाद का लंड को चूसना शुरू किया लेकिन थोरी देर के बाद हार कर चुप पर गयी.

देव भी अपनी उंगलेओं से अपनी सास की चूत को उनके सारी के अंदर हाथ डाल कर खोद रहा था फिर भी उसका लंड नही खरा हुआ. आख़िर मे छ्हम्मो हार कर अपनी सारी अपनी कमर तक उठा कर लेट गयी और देव से चूत को चाटने के लिए बोली. देव खुशी खुशी सास के कहने के अनुसार उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया और मन भर कर उनकी चूत को चटा और तब तक चटा जब तक की उसकी सास के चूत से मीठा मीठा रस ना निकलने लगा. फिर भी देव का लंड खरा नही हुआ. छ्हम्मो को इस'से बहुत तकलीफ़ हुई और अपनी बेटी की भाग्या पर अफ़सोस करने लगी.

अगले कुच्छ दिन बहुत जल्दी जल्दी बीत गये. छ्हम्मो और देवकी बहुत ब्यस्त थी दोनो को जया और उसकी बची की देख भाल करनी पर रही थी. छ्हम्मो को खाना भी पकना पर रहा था. शानिबार और इतबार को घर के दोनो मर्द लोग भी बीवी और सास की मदद कर रहे थे. अब जया का नहाने का समय आ पहुँचा. वह अब पहली बार बचा पैदा होने के बाद नहाने वाली थी और इसके लिए उसको तेल लगाना ज़रूरी था और नहाने के बाद उसको जरी बूटी के धुंवा से सेकई भी करनी थी.

छ्हम्मो पिच्छ'ले रात जया के लिए जरी बूटी वाला तेल बना चुकी थी. उस दिन सुबह जब सूरज काफ़ी उपर चढ़ आया तो छ्हम्मो जया को बुलाई और तेल लगवाने को तैइय्यार होने के लिए बोली. छ्हम्मो हॉल के अंदर ज़मीन पर चटाई बीच्छा रखी थी और जब जया अप'ने कमरे से बाहर निकली तो उसको ज़मीन पर बीछे चटाई पर कपरे उतार के लेटने के लिए बोली.

जया ने वैसे ही किया और उसकी मा घर के मर्दों को बुला कर मालीश मे मदद करने के लिए बोली. जगन और देव बहुत खुशी खुशी जया की मालीश के लिए तैइय्यार हो गये. जब वो दोनो कमरे मे आए तो छ्हम्मो उनसे धोती और शर्ट उतार करके सिर्फ़ ताओलिया पहनने के लिए बोली, क्योंकी तेल लगाते समय धोती और शर्ट गंदी हो जाएगी. जया को ज़मीन पर पेट के बल लेटने के लिए बोली.

जगन और देव दोनो तरफ़ घुटने के बल बैठ गये और जया के सर से पावं तक गरम गरम तेल लगाना शुरू किया. फिर वो दोनो जया की गर्दन, कंधों, पीठ, चूतर, जांघों और पैरों को धीरे धीरे मालीश करना शुरू कर दिया. जया मालीश से बहुत खुश हो रही थी क्योंकी मालीश से उसकी बदन की हर जोरों का दर्द निकल रहा था. फिर उन लोगों ने जया को चित लेटा दिया और फिर से सर से पावं तक तेल लगा करके मालीश करनी शुरू कर दिया. जैसे ही उंदोनों का हाथ चूंचों पर परा जया खुशी से उच्छाल परी. जगन ने एक चूंची दबा कर थोरा सा दूध निकल दिया. फिर दोनो मिल कर जया की पेट, पेरू, जानहघों और पैर की भी मालीश किए. अब तक जगन का लंड खरा हो गया था और जया उस खरे लंड को पकर कर हाथों से उसको सहलाने लगी.

"ओह! मैं कब से इस खरे लंड को नही देखी, कब से इस को मैने अंदर नही लिया है बेचारा कब से यह भूखा है," जया जगन के लंड को हाथों से टोटालते हुए बोली.

"छोटी तू बिल्कुल चिंता ना कर, हम लोग इनका ठीक से ख़याल रख रहे हैं." जया की मा बोली, और उनकी बातों को सुन कर सब के सब हंस परे. देवकी एक गमले मे गरम पानी लेकर आई और साथ तौलिया भी. छ्हम्मो तौलिया को गरम पानी मे भेगो करके जया के सारे शरीर को पोंच्छना शुरू कर दिया. फिर इसके बाद जया को देवकी और छ्हम्मो दोनो पकर कर बाथरूम ले गयी और उसको नहलाया गया. फिर उसके शरीर को पोंच्छ करके उसको कमरे मे बैठा करके कुच्छ जरी बूटी का धुआँ किया गया. छ्हम्मो अपनी बेटी के गुप्तांगों को सहलाती रही. छ्हम्मो एक गमले मे आग ला करके उसमे जरी बूटी डाल के उसका धुआँ से जया की चूत को सेंक लगाई.

"यह धुआँ जितना तेरी चूत पर जाएगा, तेरी चूत फिर से पुरानी शकल मे आ जाएगी और फिर से तेरी चूत टाइट हो जाएगी," छ्हम्मो अपनी बेटी को समझती रही और जरी बूटी की धुआँ जया की चूत पर लगाती रही. छ्हम्मो अपनी बेटी से कहती रही,

"यह जरी बूटी के धुआँ से सेंक की बात मेरे को मेरी मा बतलाई थी." इस सब के बाद देवकी और छ्हम्मो भी नहा धो लिए.
 
घर के दोनो दामाद जिनके शरीर पर अब तक तेल लगा हुआ था वो भी देवकी और छ्हम्मो के साथ बाथरूम मे घुस गये. सबसे पहले देव पंप चला कर पानी भर लिया और दूसरे लोग कपड़े उतार कर एक दूसरे को तेल लगाते रहे. देवकी हाथों से तेल देव को लगाई और छ्हम्मो तेल जगन के शरीर पर मली. जब देवकी और छ्हम्मो ने जगन और देव को तेल लगा दिया तो जगन और देव देवकी और छ्हम्मो के शरीर के हर कोने और छेदो मे तेल लगाया और उनके शरीर को काफ़ी मला. जगन का लंड हमेशा की तरह इस प्रक्रिया से खरा हो गया था, लेकिन देव का लंड अभी भी झुका हुआ था. यह देख छ्हम्मो ने देव को खींच लिया.

"आओ मेरे जमाई राजा, मैं आज तुम्हारे लंड की तेल से मालीश कर दूँगी, देखती हूँ कि इस'से तुम्हारा लंड खरा होता है की नही" छ्हम्मो देव से बोली. फिर छ्हम्मो घुटने के बल देव के सामने बैठ गयी और हाथों मे तेल ले कर देव के लॉड पर तेल लगाने लगी. तेल लगाते लगाते च्चाम्मो देव के लंड को हाथों से खींच भी रही थी. वह अंगूठे और एक उंगली से देव का लंड खींच रही थी की जैसे कोई भैंस के थन को खींच खींच कर दुहुता है. देवकी और जगन उनके पास खरे हो कर देख रहे थे. जैसे जैसे छ्हम्मो दामाद के लौरे को खीच रही थी वैसे वैसे देव का लंड धीरे धीरे खरा होना शुरू किया. फिर छ्हम्मो हाथों से देव के अंडों को लेकर उनको मलने लगी.

छ्हम्मो हाथों से देव के अंडों और लौरे को मलती रही. फिर छ्हम्मो देव के अंडों और गंद के बीच की जगह को तेल लगा कर मालीश किया. फिर छ्हम्मो देव की गंद के अंदर अपनी उंगली मे तेल लगा कर पेल दिया और उंगली को घूमने लगी और थोरी देर के बाद वो फिर से देव के लौरे को मालीश करनी शुरू किया. अब तक के प्रक्रिया और छ्हम्मो के मेहनत से देव का लंड आधे से ज़्यादा खरा हो गया था. यह देख कर देवकी अपने आप को जगन के साम'ने ले गयी और जगन का लंड पकर कर गंद के उपर फिराने लगी. जगन तब उसको पिक्फ से पकर कर अपना लॉरा देवकी के जांघों के बीच अऱ दिया. देवकी तब जगन के लौरे को जगहों से दबा कर अपनी कमर हिलाने लगी.

दोनो के बदन मे तेल लगा हुआ था और इस लिए जगन का लॉरा बारे आराम से जांघों के बीच आगे पिछे हो रहा था. देवकी अब जगन के आगे झुक गयी और जगन ने अपना लंड देवकी की चूत मे पिछे से ही डाल दिया. जगन का लंड देवकी की चूत मे घुसते ही देवकी की मूह से खुशी के मारे चीख निकल गयी और देव तब अपना सर घुमा कर देखा कि जगन और देवकी चुदाई मे ब्यस्त हैं. जैसे जैसे देव उनकी चुदाई का सीन देखता रहा, देव का लंड खरा हो गया और तन्ना कर सख्त हो गया.

"तुम दोनो मिल कर हुमारी सारी महेनट पर पानी फेर दिया" छ्हम्मो अपनी बेटी से कही.

"फिर भी मैं अपनी महेनट बेकार नही होने दूँगी" और यह कह कर छ्हम्मो देव का लंड मूह मे ले लिया और उसको चूसने लगी. देव का लंड अब पूरे जोश मे था क्योंकी वो बीवी और जगन को चुदाई करते हुए देख रहा था. छ्हम्मो दामाद का लॉरा बरा मन लगा कर चूस रही थी. उसने दामाद के चूतर को पकर कर अपना सर हिला हिला कर लॉरा मूह मे ले रही थी और निकाल रही थी.

उधर जगन और देवकी ज़ोर दार तरीके से एक दूसरे को चोद रहे थे. जगन अपना लंड देवकी की चूत मे पिछे से डाल कर जल्दी जल्दी से अंदर बाहर कर रहा था. देवकी चूत के सुख से ज़ोर से चिल्ला रही थी. जया कमरे मे इन लोगों की आवाज़ सुन कर इनके कमरे मे आई और चारों को चुदाई मे लिपटा देख कर बहुत खुश हुई और बोलने लगी,

"क्या करूँ मैं तुमलोग के साथ नही दे सकती हूँ, लेकिन मैं खरी खरी तुम लोगों की चुदाई देखती रहूंगी." तुम लोग थोड़े दिन रुक जाओ, फिर मैं तुम मे से किसी को भी नही छ्होरंगी" यह कहती हुए जया कमरे के तरफ चली गयी क्योंकी उसको डर था की अगर वो उनकी चुदाई और देर तक देख ले गी तो उसको भी गर्मी चढ़ जाएगी और वो भी उनके साथ शामिल हो जाएगी. छ्हम्मो अब अपने आप को आगे झुका कर देव से बोली,

"चलो मेरे जमाई राजा, मेरी छूत मे अपना खरा लंड डाल कर मेरे को चोदो." कमरे का माहौल बरा अजीब सा था.
 
दोनो मा और बेटी ने अपने आप को घुटने के बल झुका लिया और एक दामाद सास को और जीजा बरी साली को पीछे से उनपर झुक कर चोद रहे हैं. दोनो मा और बेटी अपनी चुदाई से खुश हो कर गले से आवाज़ निकाल रही थी और चूतर हिला हिला कर चूत के अंदर लंड पिलवा रही थी. दोनो मा बेटी बोल रही थी,

"आह! आह! ओह! ज़ोर से, और ज़ोर से चोदो, हाई मेरी तो चूत को आज बहुत दीनो के बाद लॉरा मिला है खाने को, दो दो हाँ, और ज़ोर से दो, फार दो आज मेरी चूत, रुकना मत, बस ऐसे ही पेलते रहो अपना लंड मेरी चूत मे. बहुत मज़ा मिल रहा. पूरा का पूरा लंड से पेलो, डरो नही खूब चोदो." जगन और देव अपना अपना लंड सास और बरी साली के चूत मे दना दान पेल रहे थे और हाथों से कभी उनकी चूंची और कभी चूतर को मसल रहे थे.

थोरी देर इसी तरह से चोद्ते चोद्ते जगन और देव ने वीर्या की धार छोड डी और ज़मीन पर लुढ़क गये. थोरे देर के बाद सांस ठीक हो जाने के बाद चारों मिल कर एक दूसरे को साबुन मल मल के नहलाए और बाथरूम से बाहर आ गये. बाहर निकल कर छ्हम्मो अपनी बेटी देवकी से बोली,

"मेरे ख़याल से मैं तेरे आदमी को ठीक कर सकती हूँ. मैने तेल मालिश से तेरे पिताजी और चाचा को भी ठीक किया है. तेरे आदमी का भी आज मालिश से काफ़ी कुच्छ ठीक हो रहा था, लेकिन तूने और जगन ने अपनी चुदाई शुरू कर के मेरी सारी मेहनत पर पानी फेर दिया. कल से मैं अकेली देव को ले कर बाथरूम मे जौंगी और उसका इलाज करूँगी. देखना देव कुच्छ दीनो मे ही ठीक हो जाएगा." मा से यह बात सुन कर देवकी बहुत खुश हो गयी और मा से लिपट कर मा के चूंचों को दबाते दबाते उनका गाल चूम'ने लगी. तब छ्हम्मो देवकी से च्छूराते हुए बोली,

"हट च्चिनाल, तेरे चूत ने तो अभी अभी जगन के लंड को खाया है, फिर भी तू अभी भी चुदसी है, और मेरी सोच. मैने तो सिर्फ़ देव का आधा खरा लंड ही खाया है और मेरी चूत मे अभी भी ख़ाज़ भरी परी है, तू जल्दी से खाना पका ले, मैं जगन को लेकर दूसरे कमरे मे जाती हूँ और चूत को जगन के वीर्या से ठंडा करती हूँ." जया कमरे से अपनी मा और दीदी की बात सुन रही थी और बोल परी,

"मा तुम तो बरी चुदक्कर निकली, अरे कम से कम मेरा ख़याल करते हुए मेरे जगन को छोड दो, तुम अगर उसका लंड अपनी चूत मे डलवओगी तो मेरी चूत के लिया क्या बचेगा. मा तुम बस देव से ही अपनी चूत चुदवाओ और जगन को मेरे और देवकी दीदी के लिए छोड दो."

छ्हम्मो करीब 15 दिन और अपनी बेटियों और दामादो के पास रुकी फिर अपने गाओं चली आई. इस बीच देव के लंड की मालिश करके उसने देव को बहुत हद तक ठीक कर दिया. परंतु यह कोई ख़ास चिंता की बात नहीं थी. देव कभी जगन से देवकी को चुद्ते देख लेता था तो कभी जया को चुद्ते और वह भी इस मस्त और नशीले खेल में शामिल हो जाता.

एंड
 
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