hotaks444
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कुछ सन्नाटे के बाद मनीषा बेहताशा हँसने लगी- “तो ये बात है… तुम जल रही हो… तुम्हारी इतनी हिम्मत कि यहाँ आकर मुझे शिक्षा दो जबकि तुम खुद अपने बेटे को चोद रही हो… लोगों को क्या ज्यादा बुरा लगेगा… मेरा सजल को चोदना या तुम्हारा…”
“हम घर जा रहे हैं…” कोमल बोली।
“नहीं, तुम कहीं नहीं जा रही हो… जब तुम यहाँ आई हो तो मेरी भी सुनती जाओ… तुमने सालों से मुझे कचरे की तरह समझा है, जबसे मेरा पति मुझे छोड़कर चला गया। तुम्हें हमेशा यह डर रहा कि मैं तुम्हारे पति को न चोदूं। मैं तुम्हें एक अच्छी खबर देना चाहती हूँ… न सिर्फ मैंने सजल को चोदा है बल्कि मैं सुनील को भी चोद चुकी हूँ… क्या तुम्हें इस बारे में कुछ कहना है…”
“हरामजादी…” कोमल ने गुस्से से हाथ घुमाया, पर सजल ने अपनी फुर्ती दिखाई और उसे बीच में ही पकड़ लिया।
“अब इतनी भोली न बनो, कोमल…” मनीषा ने व्यंग्य किया- “तुम जो सजल को चोदती हो, और उस दिन तुम्हारे घर से सजल के कालेज का प्रिन्सिपल जो जा रहा था…”
“वो तो सजल से मिलने आया था, हमारे बीच में कुछ नहीं हुआ…”
पर सजल की शक भरी निगाहें उसे भेद रही थीं- “तुमने मुझे बताया नहीं कि कर्नल मान आए थे…” सजल ने पूछा।
“इसीलिये नहीं बताया क्योंकी इसने उसे चोदा था, सजल…” मनीषा ने मुश्कुराते हुए कहा- “मुझे पता है क्योंकी उस दिन ये परदे डालना भूल गई थी और मैंने पूरी चुदाई इन आंखों से देखी थी…”
कोमल को यह पता नहीं था कि मनीषा ने कुछ देखा नहीं था, पर अंधेरे में तीर मार रही थी। पर मनीषा ने बात कुछ इस अंदाज़ में कही थी जैसे कि वह सच ही बोल रही हो। मनीषा ने अब अपने वार को और तीखा करने की ठानी। उसने अपने नहाने वाले गाऊन का नाड़ा खोलकर उसे उतार फेंका और अब वो सिर्फ सैंडल पहने उसी अवस्था में आ गयी जिस अवस्था में थोड़ी देर पहले सजल ने उसे चोदा था। उसका नंगा तन चमकने लगा।
“मुझे आश्चर्य है कि सजल मुझे चोदने के लिये क्यों आया… क्या वो तुम्हें चोदने से ऊब गया है…” उसने अपने शरीर को सजल के जिश्म से रगड़ते हुए कहा।
वो दोनों मम्मी बेटे कुछ कहने की हालत में नहीं थे।
मनीषा ने कोमल को और छेड़ते हुए इठलाते हुए कहा- “अब तुम समझ सकती हो कि सजल और सुनील दोनों को मेरे पास आने की ज़रूरत क्यों पड़ी। मेरे पास वो सब कुछ है जिसकी उन्हें आस है। बड़े मम्मे और एक तंग गाण्ड… अब जब तुम यहीं हो सजल तो क्यों न हम उस काम को अंजाम दें जो हमने शुरू कर दिया है… मेरे ख्याल से तुम्हारी मम्मी यह जानने को उत्सुक होगी कि मैं कैसे चुदवाती हूँ…”
“हम घर जा रहे हैं…” कोमल बोली।
“नहीं, तुम कहीं नहीं जा रही हो… जब तुम यहाँ आई हो तो मेरी भी सुनती जाओ… तुमने सालों से मुझे कचरे की तरह समझा है, जबसे मेरा पति मुझे छोड़कर चला गया। तुम्हें हमेशा यह डर रहा कि मैं तुम्हारे पति को न चोदूं। मैं तुम्हें एक अच्छी खबर देना चाहती हूँ… न सिर्फ मैंने सजल को चोदा है बल्कि मैं सुनील को भी चोद चुकी हूँ… क्या तुम्हें इस बारे में कुछ कहना है…”
“हरामजादी…” कोमल ने गुस्से से हाथ घुमाया, पर सजल ने अपनी फुर्ती दिखाई और उसे बीच में ही पकड़ लिया।
“अब इतनी भोली न बनो, कोमल…” मनीषा ने व्यंग्य किया- “तुम जो सजल को चोदती हो, और उस दिन तुम्हारे घर से सजल के कालेज का प्रिन्सिपल जो जा रहा था…”
“वो तो सजल से मिलने आया था, हमारे बीच में कुछ नहीं हुआ…”
पर सजल की शक भरी निगाहें उसे भेद रही थीं- “तुमने मुझे बताया नहीं कि कर्नल मान आए थे…” सजल ने पूछा।
“इसीलिये नहीं बताया क्योंकी इसने उसे चोदा था, सजल…” मनीषा ने मुश्कुराते हुए कहा- “मुझे पता है क्योंकी उस दिन ये परदे डालना भूल गई थी और मैंने पूरी चुदाई इन आंखों से देखी थी…”
कोमल को यह पता नहीं था कि मनीषा ने कुछ देखा नहीं था, पर अंधेरे में तीर मार रही थी। पर मनीषा ने बात कुछ इस अंदाज़ में कही थी जैसे कि वह सच ही बोल रही हो। मनीषा ने अब अपने वार को और तीखा करने की ठानी। उसने अपने नहाने वाले गाऊन का नाड़ा खोलकर उसे उतार फेंका और अब वो सिर्फ सैंडल पहने उसी अवस्था में आ गयी जिस अवस्था में थोड़ी देर पहले सजल ने उसे चोदा था। उसका नंगा तन चमकने लगा।
“मुझे आश्चर्य है कि सजल मुझे चोदने के लिये क्यों आया… क्या वो तुम्हें चोदने से ऊब गया है…” उसने अपने शरीर को सजल के जिश्म से रगड़ते हुए कहा।
वो दोनों मम्मी बेटे कुछ कहने की हालत में नहीं थे।
मनीषा ने कोमल को और छेड़ते हुए इठलाते हुए कहा- “अब तुम समझ सकती हो कि सजल और सुनील दोनों को मेरे पास आने की ज़रूरत क्यों पड़ी। मेरे पास वो सब कुछ है जिसकी उन्हें आस है। बड़े मम्मे और एक तंग गाण्ड… अब जब तुम यहीं हो सजल तो क्यों न हम उस काम को अंजाम दें जो हमने शुरू कर दिया है… मेरे ख्याल से तुम्हारी मम्मी यह जानने को उत्सुक होगी कि मैं कैसे चुदवाती हूँ…”