hotaks444
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पायल ने अपनी नज़रें झुका ली और भागकर ड्रेसिंग टेबल से वही जादुई तेल की शीशी निकाल लाई...
तब तक कामिनी अपने बेड पर लेट चुकी थी...
पायल ने तेल उसकी कमर पर उड़ेलकर मालिश करनी शुरू कर दी...
और जैसे ही पायल के सख़्त हाथ उसके नर्म बदन पर पड़े, उसके मुँह से एक मादकता से भरी सिसकारी निकल गयी.
''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स अहहssssssss ''
ऐसा आज तक नही हुआ था, आज से पहले कभी भी कामिनी ने ऐसा उजागर ही नही होने दिया था जिससे लगे की उसे शारीरिक रूप से सुख की प्राप्ति हो रही है...
वो बस चुपचाप लेटी रहती और पायल उसका बदन तेल से मसलकर चली जाती..
पर आज पायल को ना जाने क्यों पहले ही लग गया था की कुछ अलग बात है...
कामिनी इस वक़्त पेट के बल लेटी थी और वो जान बूझकर अपनी गांड वाले हिस्से को उपर की तरफ उभारकर लहरा सी रही थी...
पायल समझ गयी की वो वहां की मालिश ज़्यादा से ज़्यादा करवाना चाहती है, इसलिए उसने एक लंबी तेल की धार उसके सफेद चूतड़ों पर छोड़ी और अपने हाथों से उन गुदाज कुल्हो को मसलना शुरू कर दिया..
और वो भी जल बिन मछली की तरह उसके हाथो को अपनी गांड पर महसूस करके तड़पने लगी..थिरकने लगी...
और थिरकते -2 उसने अपनी गांड के चीरे में पायल की उंगलियों को जकड़ लिया...
पायल को ऐसे लगा जैसे किसी चूने की भट्टी में उसके हाथ फँस गये हैं...
पर उसने उन्हे निकालने की जुर्रत नही की क्योंकि कामिनी ने अपनी गांड की पकड़ उनपर ऐसे बनाई हुई थी जैसे वो यही चाहती हो...
पायल अपनी उंगलियो को धीरे-2 हिलाकर उसकी अंदरूनी दीवारों को मसलने लगी...
कामिनी के शरीर में लाखों वॉट की बिजली दौड़ रही थी, एकदम गर्म सा हो चुका था उसका बदन...
उसका खुद पर जैसे कोई कंट्रोल ही नही रह गया था...
उसे बंद आँखो से सिर्फ़ और सिर्फ़ कुणाल का मोटा लंड दिखाई दे रहा था, जो उसने अपनी पेंट के अंदर अकड़ा कर रखा था, उसे महसूस हुआ की वो लंड उसकी पेंट में नही बल्कि उसकी खुद की गांड में आकर बंद सा हो चुका है, और पायल उसे निकालने की कोशिश कर रही है..
और वो ऐसा हरगिज़ नही होने देना चाहती थी... इसलिए उसने अपना हाथ पीछे करके पायल का हाथ पकड़ा और उसे अपनी चूत की तरफ धकेल दिया...
पायल ने आज से पहले अपनी मालकिन की बुर को हाथ तक नही लगाया था, वो खुद ही नही लगाने देती थी, हालाँकि वो उसके सामने पूरी नंगी होकर मालिश करवाती थी, पर चूत के करीब आते ही वो उसके हाथ को दूर खिसका देती थी...
पर आज ऐसा नही था, वो खुद उसके हाथों को पकड़कर अपनी चूत पर ले गयी और उसकी कड़क उंगलियों को अपनी शहद की शीशी जैसी चूत में डुबो कर सीसीया उठी...
''आआआआआआआआआआआआआआअहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.... उम्म्म्मममममममममम....''
और फिर पायल के हाथों को अंदर बाहर करते हुए उसने ये इशारा किया की ऐसे ही करो...
पायल बेचारी पहली बार अपनी मालकिन का ये रूप देख रही थी...
वो अपने दाँये हाथ से उसकी चूत में उंगलियाँ डालकर उसे मसलने लगी...
उसे तो ऐसा लग रहा था जैसे उसने वो उंगलियाँ जेम की शीशी में डाली हुई है...
एकदम गाढ़ापन लिए उसकी चूत बहुत बड़िया खुश्बू फेंक रही थी..
अब उसका खुद पर भी कण्ट्रोल नहीं रह गया था
आज कुछ स्पेशल होने वाला था उस कमरे में.
कामिनी ने आँखे खोल कर देखा की पायल की साँसे तेज होने लगी है, उसका सुडोल सीना उपर नीचे होकर उसकी उत्तेजना का इज़हार कर रहा था..
शुरू से ही शाही शानोंशोकत में पली कामिनी का मन एक बार फिर से डोल गया...
पहले वो पायल के पति कुणाल को देखकर गर्म हो गयी थी और अब उसे देखकर.
ये क्या हो रहा था उसे, ऐसा तो आज तक उसने फील नही किया था...
शायद उसकी हमेशा से कुछ नया ट्राइ करने की आदत ने इस वक़्त उसे बहका सा दिया था, तभी वो पायल को अब खा जाने वाली नज़रों से देख रही थी.
पायल ने एक कॉटन की साड़ी पहनी हुई थी...कामिनी ने उसकी साड़ी का पल्लू खींचकर नीचे गिरा दिया.
पायल सकपका कर रह गयी, पर अपनी मालकिन के सामने कुछ भी बोलने की हिम्मत नही थी उसकी.
कामिनी अब उसके उठते-गिरते सीने को कसे हुए ब्लाउज़ में सॉफ देख पा रही थी, उसके ब्लाउज़ का कट काफ़ी लो था, जिसकी वजह से उसकी सैक्सी क्लीवेज़ सॉफ दिख रही थी..
कामिनी सोचने लगी पता नही इन ग़रीब लोगो को क्या शॉंक होता है, इस तरह के लो-कट गले के ब्लाउज़ पहनने का, वो खुद अगर ऐसा ब्लाउज़ पहन कर निकल जाए तो शहर में क़त्ले-आम हो जाए.
पर इस वक़्त उसे वही 'ग़रीबी से भरे' बूब्स आकर्षक लग रहे थे...
नीचे उसका सपाट पेट था, पायल ने साड़ी भी नेवल से काफ़ी नीचे पहनी हुई थी...
उसकी अंदर की तरफ़ धँसी हुई नाभि भी आकर्षक लग रही थी..
कुल मिलाकर आज पहली बार उसने पायल की सुंदरता को नोट किया था...
उसका मस्त बदन नंगा होकर कैसा लगेगा, ये सोचकर ही वो वेट हो गयी....और उसकी चूत से निकले इस पानी की गर्माहट पायल ने सॉफ महसूस की.
अचानक कामिनी ने उसके ब्लाउज़ के उपर से ही उसके बूब्स पकड़ कर ज़ोर से दबा दिए.
''आआआआआआआआअहह....सस्स्स्स्स्स्स्सस्स.... बीबी जी........ई का कर रहे हो.....''
बदले में कामिनी ने उसे अपनी आँखे दिखा दी, बेचारी वहीं चुप सी होकर सिसकती रह गयी.
कामिनी ने उसके बूब्स की कसावट को अच्छे से अपनी हथेलियों के नीचे महसूस किया...
ऐसे कड़क बूब्स तो उसके 16 की उम्र में थे, उसके बाद तो इनपर इतना काम हुआ की वो गुब्बारे जैसे मुलायम होते चले गये..
उसे इस वक़्त उन्हे मसलने में काफ़ी मज़ा आ रहा था, उसने एक-2 करके उसके ब्लाउज़ के बटन खोलने शुरू कर दिए...
बेचारी पायल कुछ भी नही कर पाई और एक ही पल में उसके ब्लाउज़ के दोनो पाट अंदर के दर्शनो के लिए खुल गये.
तब तक कामिनी अपने बेड पर लेट चुकी थी...
पायल ने तेल उसकी कमर पर उड़ेलकर मालिश करनी शुरू कर दी...
और जैसे ही पायल के सख़्त हाथ उसके नर्म बदन पर पड़े, उसके मुँह से एक मादकता से भरी सिसकारी निकल गयी.
''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स अहहssssssss ''
ऐसा आज तक नही हुआ था, आज से पहले कभी भी कामिनी ने ऐसा उजागर ही नही होने दिया था जिससे लगे की उसे शारीरिक रूप से सुख की प्राप्ति हो रही है...
वो बस चुपचाप लेटी रहती और पायल उसका बदन तेल से मसलकर चली जाती..
पर आज पायल को ना जाने क्यों पहले ही लग गया था की कुछ अलग बात है...
कामिनी इस वक़्त पेट के बल लेटी थी और वो जान बूझकर अपनी गांड वाले हिस्से को उपर की तरफ उभारकर लहरा सी रही थी...
पायल समझ गयी की वो वहां की मालिश ज़्यादा से ज़्यादा करवाना चाहती है, इसलिए उसने एक लंबी तेल की धार उसके सफेद चूतड़ों पर छोड़ी और अपने हाथों से उन गुदाज कुल्हो को मसलना शुरू कर दिया..
और वो भी जल बिन मछली की तरह उसके हाथो को अपनी गांड पर महसूस करके तड़पने लगी..थिरकने लगी...
और थिरकते -2 उसने अपनी गांड के चीरे में पायल की उंगलियों को जकड़ लिया...
पायल को ऐसे लगा जैसे किसी चूने की भट्टी में उसके हाथ फँस गये हैं...
पर उसने उन्हे निकालने की जुर्रत नही की क्योंकि कामिनी ने अपनी गांड की पकड़ उनपर ऐसे बनाई हुई थी जैसे वो यही चाहती हो...
पायल अपनी उंगलियो को धीरे-2 हिलाकर उसकी अंदरूनी दीवारों को मसलने लगी...
कामिनी के शरीर में लाखों वॉट की बिजली दौड़ रही थी, एकदम गर्म सा हो चुका था उसका बदन...
उसका खुद पर जैसे कोई कंट्रोल ही नही रह गया था...
उसे बंद आँखो से सिर्फ़ और सिर्फ़ कुणाल का मोटा लंड दिखाई दे रहा था, जो उसने अपनी पेंट के अंदर अकड़ा कर रखा था, उसे महसूस हुआ की वो लंड उसकी पेंट में नही बल्कि उसकी खुद की गांड में आकर बंद सा हो चुका है, और पायल उसे निकालने की कोशिश कर रही है..
और वो ऐसा हरगिज़ नही होने देना चाहती थी... इसलिए उसने अपना हाथ पीछे करके पायल का हाथ पकड़ा और उसे अपनी चूत की तरफ धकेल दिया...
पायल ने आज से पहले अपनी मालकिन की बुर को हाथ तक नही लगाया था, वो खुद ही नही लगाने देती थी, हालाँकि वो उसके सामने पूरी नंगी होकर मालिश करवाती थी, पर चूत के करीब आते ही वो उसके हाथ को दूर खिसका देती थी...
पर आज ऐसा नही था, वो खुद उसके हाथों को पकड़कर अपनी चूत पर ले गयी और उसकी कड़क उंगलियों को अपनी शहद की शीशी जैसी चूत में डुबो कर सीसीया उठी...
''आआआआआआआआआआआआआआअहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.... उम्म्म्मममममममममम....''
और फिर पायल के हाथों को अंदर बाहर करते हुए उसने ये इशारा किया की ऐसे ही करो...
पायल बेचारी पहली बार अपनी मालकिन का ये रूप देख रही थी...
वो अपने दाँये हाथ से उसकी चूत में उंगलियाँ डालकर उसे मसलने लगी...
उसे तो ऐसा लग रहा था जैसे उसने वो उंगलियाँ जेम की शीशी में डाली हुई है...
एकदम गाढ़ापन लिए उसकी चूत बहुत बड़िया खुश्बू फेंक रही थी..
अब उसका खुद पर भी कण्ट्रोल नहीं रह गया था
आज कुछ स्पेशल होने वाला था उस कमरे में.
कामिनी ने आँखे खोल कर देखा की पायल की साँसे तेज होने लगी है, उसका सुडोल सीना उपर नीचे होकर उसकी उत्तेजना का इज़हार कर रहा था..
शुरू से ही शाही शानोंशोकत में पली कामिनी का मन एक बार फिर से डोल गया...
पहले वो पायल के पति कुणाल को देखकर गर्म हो गयी थी और अब उसे देखकर.
ये क्या हो रहा था उसे, ऐसा तो आज तक उसने फील नही किया था...
शायद उसकी हमेशा से कुछ नया ट्राइ करने की आदत ने इस वक़्त उसे बहका सा दिया था, तभी वो पायल को अब खा जाने वाली नज़रों से देख रही थी.
पायल ने एक कॉटन की साड़ी पहनी हुई थी...कामिनी ने उसकी साड़ी का पल्लू खींचकर नीचे गिरा दिया.
पायल सकपका कर रह गयी, पर अपनी मालकिन के सामने कुछ भी बोलने की हिम्मत नही थी उसकी.
कामिनी अब उसके उठते-गिरते सीने को कसे हुए ब्लाउज़ में सॉफ देख पा रही थी, उसके ब्लाउज़ का कट काफ़ी लो था, जिसकी वजह से उसकी सैक्सी क्लीवेज़ सॉफ दिख रही थी..
कामिनी सोचने लगी पता नही इन ग़रीब लोगो को क्या शॉंक होता है, इस तरह के लो-कट गले के ब्लाउज़ पहनने का, वो खुद अगर ऐसा ब्लाउज़ पहन कर निकल जाए तो शहर में क़त्ले-आम हो जाए.
पर इस वक़्त उसे वही 'ग़रीबी से भरे' बूब्स आकर्षक लग रहे थे...
नीचे उसका सपाट पेट था, पायल ने साड़ी भी नेवल से काफ़ी नीचे पहनी हुई थी...
उसकी अंदर की तरफ़ धँसी हुई नाभि भी आकर्षक लग रही थी..
कुल मिलाकर आज पहली बार उसने पायल की सुंदरता को नोट किया था...
उसका मस्त बदन नंगा होकर कैसा लगेगा, ये सोचकर ही वो वेट हो गयी....और उसकी चूत से निकले इस पानी की गर्माहट पायल ने सॉफ महसूस की.
अचानक कामिनी ने उसके ब्लाउज़ के उपर से ही उसके बूब्स पकड़ कर ज़ोर से दबा दिए.
''आआआआआआआआअहह....सस्स्स्स्स्स्स्सस्स.... बीबी जी........ई का कर रहे हो.....''
बदले में कामिनी ने उसे अपनी आँखे दिखा दी, बेचारी वहीं चुप सी होकर सिसकती रह गयी.
कामिनी ने उसके बूब्स की कसावट को अच्छे से अपनी हथेलियों के नीचे महसूस किया...
ऐसे कड़क बूब्स तो उसके 16 की उम्र में थे, उसके बाद तो इनपर इतना काम हुआ की वो गुब्बारे जैसे मुलायम होते चले गये..
उसे इस वक़्त उन्हे मसलने में काफ़ी मज़ा आ रहा था, उसने एक-2 करके उसके ब्लाउज़ के बटन खोलने शुरू कर दिए...
बेचारी पायल कुछ भी नही कर पाई और एक ही पल में उसके ब्लाउज़ के दोनो पाट अंदर के दर्शनो के लिए खुल गये.