Antarvasna kahani माया की कामुकता - Page 4 - SexBaba
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Antarvasna kahani माया की कामुकता

"अहहहहहहा यॅ उम्म्म....." भारत सिर्फ़ इतना ही बोल पाता....


"यॅ हाहाहा.. एंजायिंग ना स्वीटी अहहहहः..." कहके शालिनी ने भारत के लंड से हाथ हटाया और एक ही झटके में पूरा का पूरा लंड अपने मूह में ले लिया...


"उम्म्म्म अहहहहा गुइलपपप गुलपप्प्प्प अहहहहा... उम्म्म्म उम्म्म्मम अहहहः ओमम्म गुलपप्प्प गुलपप्प्प्प अहहहहाहा" शालिनी भारत के मूसल को अपने मूह के अंदर बाहर करने लगी.... भारत का लंड शालिनी के गले के अंदर तक जा रहा था.. यह देख भारत को और जोश आ गया और वो शालिनी को थ्रोट फक करने लगा


"आहहहहाहा यॅ टेक इट मोर अहहहहा और अंदर ले ना हाहहहा" कहके भारत अपनी टाँगें उपर नीचे करने लगा तेज़ी से, उसका लंड शालिनी के मूह के अंदर बाहर हो रहा था... शालिनी की साँसें अटकने लगी थी, उसका चेहरा लाल हो चुका था, उसका दम घुटने लगा था, पर वो उसके लंड को अपनी पूरी हिम्मत से ले रही थी अपने मूह में..


"उम्म्म्ममम अहहहहाहा अहहहहहाहहा और अंदर ले अहहहहहहा अहहहहहा" भारत अपने लंड के धक्कों को तेज़ करते हुए बोला 



"उम्म्म्म अहाहौऊम्म्म्मम उम्म गुणन्ं गुणन्ं गन अहहहाहा गन गन अहहा उम्म्म्मम " शालिनी के मूह से सिर्फ़ इतनी ही आवाज़ें निकल रही थी


जब शालिनी से और सहा नहीं गया, उसने भारत के लंड को मूह से निकाला और साँसें लेने लगी..


"अहहहहाहा उम्म्म्म अहााह.. जानवर कहीं के अहहहाहा.... किसको याद करके चोद रहे हो आहाहाहा... मज़ा आ रहा है अहहाहा उम्म्म्म...." कहके शालिनी ने फिर भारत के लंड को मूह में ले लिया और उसे अंदर लेने लगी.. पर इस बार शालिनी ने कंट्रोल लिया और ज़ोर से भारत के लंड को अपने हाथ में पकड़ा हुआ था..... भारत के लंड को मूह से निकाल के, शालिनी अपनी ज़बान भारत के लंड पे फेरने लगी


'अहहहहहा सीईईईईईईई... कितना टेस्टी है यह अहहहहहा.. " कहके शालिनी भारत के टट्टों को मूह में लेने लगी....


"उम्म्म्म अहहहः फक यू बिच अहहहःवह.. " भारत मज़े में डूबता हुआ बोला


"अहाहहा.. हहहही... फक यू भारत अहहहहहा" कहके शालिनी ने भारत के लंड को अपने मूह से निकाला, और अपने पर फेला के अपनी चूत को भारत के लंड पे सेट किया.. धीरे धीरे शालिनी भारत के लंड पे बैठ गयी...


"ओह अहहहहा.... बोल ना अहहहहहा...... क्या किया तूने अहहहहाः.. मेरी नौकरी का अहहहहा.. उस रांड़ रूबी को अहहहहा ओह्ह्ह" शालिनी ने इतना कहके भारत के लंड पे उछलना चालू किया....





"अहहाहा ओह्ह्ह अहहहहहः फक मी हार्ड अहहहहहा... येआः आइ एम युवर बॉस अहहहः आज मैं तेरी मालकिन हूँ साले अहहहाहा और चोद मुझे आहाहाहूंम्म...." शालिनी भारत के लंड पे जूम देने लगी, और उसके धक्कों का मज़ा लेने लगी.. "यआहहहा यआःहः अहाहा अहहा ऑश,.अहहहहमम्म. ओह्ह्ह्ह अहाहहाहहहहा.... अहाहहाः...ओह यआःहाहा अहहहहहा ययएअहह य्स्स येस्स्स अहहहहा येस फक युवर बॉस अहाहाः यस अहहहहहहा " शालिनी भारत के लंड पे उछलने लगी, उसके खुले हुए बाल और चुचे उपर नीचे होते देख भारत पागल हो रहा था,....


"त्तापोपप्प ठप्प्प्प.. ठप्प्प अहहहहा ओह..अहहहहाः यॅ बॉस अहहहाः मैं तेरा नौकर हूँ मालकिन अहहहः चुदवा ना मुझसे अहहहहा.. ठप्प्प ठप्प्प्प ठप्प्प्प ठप्प्प....." रूम में लंड और चूत टकराने की आवाज़ें गूंजने लगी.. " ठप्प्प ठप्प्प अहहहः ओह्ह्ह. अहहहहहाहा" इन आवाज़ों से भारत और शालिनी दोनो पागल होते जा रहे थे .... भारत ने शालिनी को आगे आने का इशारा किया जिसे शालिनी ने बिना किसी ऐतराज़ के माना और आगे बढ़ गयी... आगे बढ़ते ही दोनो के होंठ एक दूसरे से जुड़ गये...






"उम्म्म्म अहहहा यूम्मम्म अहाहाः.... उम्म्म्मम सक माइ लिप्स अहहहहः....उम्म्म्मम " चूमने की आवाज़ के साथ चोदने की आवाज़ें "ठप्प ठप्प्प्प अहहहहहहा ऑश" अहहहाहा... "और चूसो ना मेरे होंठों को अहहहहः अहहहहा " शालिनी और भारत अब पागल हुए जा रहे थे... अपना चुंबन तोड़के, शालिनी को अपने लंड से हटाए बिना, भारत ने शालिनी को अपने नीचे किया और उसकी चूत चोदने लगा....


"एहहहः अहाहहा और अहहहा.... टेक दिस बिच आहाहः....और ले अंदर तेरी मा को चोदु आहाहाहा...." कहके भारत अब शालिनी की चूत को तेज़ी से चोदने लगा.....


"एहहहा अहहहहा.. फक मी हार्डर बेबी अहाहहा.... मेरी माँ को भी चोदना ना अहहहाहा... यआःहा यआहहहा यआहहहा अहहहः....." शालिनी भी भारत का साथ देने लगी उसकी बातों में......" अहहहाहा मेरे यार आहाहा.. मर्द है तू उम्म्म अहहहहः और चोद ना अहहहहा यॅ आआहहहहहा... " शालिनी से अब बर्दाश्त नही हो रहा था....



"उम्म्म्म अहहहहः... बेब अहहहः.. आइआम कमिंग अहहहहहहहः" भारत ने अपना लंड अंदर बाहर करते हुए कहा... हर बार की तरह शालिनी अपनी चूत से लंड निकाल के अपने मूह में उसका स्पर्म लेने जा रही थी.. पर भारत ने उसका साथ नहीं दिया..


"अहहहहहा आइ वॉंट टू कम इनसाइड यू अहहहहहा... हियर आइ कम अहहहहः ओह्ह्ह....यॅ आहहहा ओह" कहके भारत ने अपना सारा माल शालिनी की चूत में ही छोड़ दिया.... शालिनी की चूत अब भारत के रस में भीग चुकी थी.. कुछ सेकेंड्स में जब भारत ने अपनी साँसें थाम के देखा तो शालिनी थोड़ी उदास लग रही थी.. 


"अहहहहा.. उम्म्म... क्या हुआ जान" कहके भारत शालिनी के पास गया और उसके फेस को पकड़ के बोला


"अंदर क्यूँ छोड़ा ईडियट... तुझे अकल है के नहीं..." शालिनी ने गुस्से में कहा


"आइ आम सॉरी, पता नहीं आज क्या हो गया था... आंड डोंट वरी. टॅब्लेट्स आती है ना, वो खा लेना..." भारत फिर ज़ोर ज़ोर से साँसें लेने लगा
 
"वो तो मैं लूँगी ही... अब प्लीज़ बता कुछ किया कि नहीं.. नहीं तो मैं तुझे मार डालूंगी.." शालिनी ने हंस के कहा


"अरे कर दिया है.. डोंट वरी..." कहके भारत वहाँ से उठा और बाथरूम में जाने लगा.... 


"मुझे भी तो ले चल रे..." शालिनी ने पीछे से अपनी बाहें खोली और भारत को इशारा किया.... भारत और शालिनी अंदर जाके एक दूसरे को सॉफ करने लगे... 10 मिनट बाद दोनो बाहर आए और अपने कपड़े पहनने लगे...


"अच्छा यह तो बता, तूने किया क्या... " शालिनी ने अपनी नाइटी पहनते हुए पूछा


"ये देख..." भारत ने उसे अपना मोबाइल पकड़ाया और वीडियो दिखाया... वीडियो देख शालिनी की आँखें फटी की फटी रह गयी...


"यह क्या है. कब" शालिनी सिर्फ़ इतना ही कह पाई, कि भारत ने उसे टोक दिया


"बेब.. जब भार्गव तेरे लिए पेपर लेने आया था नीचे, मैं छुप के उसे फॉलो करने लगा.. जब वो तेरे कमरे में आया और उसने तुझे पेपर पकड़ाया, मैने तब यह रेकॉर्ड किया.. तेरा दरवाज़ा खुला था, चाहता तो पूरी वीडियो क्लिप उतार सकता था... पर वो नहीं किया... यह वीडियो मैने भार्गव को भेजा... मुझे पता था रूबी उसके पास जाएगी, क्यूँ कि कुछ देर पहले मैने रूबी से फोन पे बात की थी, और उसे यकीन दिलाया कि तू प्लेसमेंट में नहीं बैठेगी.. मुझे लगा कि वो मेरी बात नहीं मानेगी और भार्गव के पास जाएगी.. भार्गव ने भी उसे मना कर दिया.. कैसे ना करता, वो हमारे कॉलेज का डीन बनने वाला है.. उस आदमी को रेप्युटेशन की परवाह है, अगर उसका यह कांड बाहर आएगा तो उसका करियर ख़तम हो जाएगा...." भारत ने अपनी टी-शर्ट पहनते कहा


"बट रूबी ऐसा क्यू कर रही है... मैं अब तक नहीं समझ पाई...." शालिनी ने भारत को जवाब दिया


"इसका जवाब तुझे सिड देगा स्वीटहार्ट... जवाब ले पाएगी तू उससे.." भारत ने शालिनी के पास बैठते हुए कहा


"हां, वो भी तो मर्द है, देगा कैसे नहीं.." शालिनी ने इतराते हुए कहा


"तेरे लिए एक चॅलेंज है... उसको सिड्यूस मत कर, फॉल इन लव विद हिम.. तेरा गुलाम बन जाएगा.." भारत ने शालिनी के गालों को किस करते हुए कहा


"आइ डोंट लव हिम यार... आंड फ्रॅंक्ली स्पीकिंग.. आइ थिंक आइ आम फॉलिंग फॉर यू.. प्लीज़ गुस्सा मत होना समझा.." शालिनी ने भारत की आँखों में देखते हुए कहा


"शालिनी... आइ डोंट हॅव टाइम फॉर लव बेब... " भारत ने अपनी नज़रें चुरा के जवाब दिया


"ई नो बेबी.. पहले बता, मेरे लिए यह सब क्यू कर रहा है.. चुदाई तो तुझसे रूबी भी करवाती है ना.. आंड आइ डोंट वॉंट टू ड्रग इट.. जैसा तू बोले वो सही बस..." शालिनी ने भारत को आज पकड़ लिया... शालिनी जानती थी कि भारत कभी उसे रूड जवाब नहीं देगा.. कॉलेज के टाइम में भारत और शालिनी की दोस्ती के चर्चे तो थे ही, पर भारत को कहीं ना कहीं, शालिनी के लिए सॉफ्ट कॉर्नर भी था.. शायद शालिनी घर वालों से दूर थी इसलिए... 



"बेब, प्लीज़ डोंट गेट देअर... मैं तुझे क्या, किसी को प्यार नही कर पाउन्गा.. आंड तेरे लिए दिल में एक सॉफ्ट कॉर्नर है. प्लीज़ उसे खराब मत कर.. मैं तुझे हर्ट नहीं कर पाउन्गा..." कहके भारत उसके रूम से जाने लगा


"अरे मेरी जान, बता तो सही, मैं सिड के साथ क्या करूँ.. " शालिनी ने पीछे से भारत को आवाज़ दी
 
शालिनी के साथ हुई चुदाई का पूरा मज़ा भारत के दिमाग़ से उतर चुका था.. उसके वो शब्द उसके कान में गूँज रहे थे... अपने कमरे में जाके भारत बेड पे लेट गया और सोचने लगा आने वाले प्लेस्मेंट्स के बारे में.. लेकिन प्रीति , सीमी.. और शालिनी... इन तीनो के बारे में उसका दिमाग़ ज़्यादा सोच रहा था.. शालिनी को भारत आज भी माँ की हद्द से ज़्यादा प्यार नहीं करता था.. उसे पता था सीमी ने उसे क्यूँ सिड्यूस किया और वो बात अब पीछे रह गयी थी.. लेकिन प्रीति और शालिनी... प्रीति के साथ वो फिर नॉर्मल हो जाएगा, नॉर्मल मतलब , उसके साथ रिश्ता कट.. पहले की तरह वो उससे दूर ही रहेगा, पर शालिनी का क्या.. वो शालिनी से दूर नहीं हो सकता था.. शालिनी को जितना विश्वास भारत पे था, उतना उसे अपने माँ बाप पे भी नहीं था... यह भरोसा वो खोना नहीं चाहता था.. निधि के बाद शालिनी एक अकेली ऐसी लड़की थी भारत के काफ़ी करीब थी.. शालिनी और भारत का रिश्ता सिर्फ़ सेक्स का नहीं था... भारत को फिर याद आया वो दिन जब शालिनी ने पूरे क्लास के आगे उसका हाथ थामा था..


उस दिन भारत क्लास में लेट पहुँचा था.. बात शुरुआत के दिनो की है जब भारत ना तो फुटबॉल टीम का हिस्सा था, ना ही वो इतना पॉपुलर था...


"मे आइ कम इन सर..." भारत ने क्लास के दरवाज़े पे खड़े रहके पूछा


"व्हाई आर यू लेट... क्लास शुरू हुए 15 मिनट हो चुकी है" अंदर से सर ने कहा अपनी कड़क आवाज़ में


"उः सर... थोड़ा लेट हो गया.. " भारत ने अपनी आँखें मीच के कहा, उसकी आँखें एक दम लाल थी, शायद रात को वो निधि को याद करके फिर रोया था..


"कम इन... बट तुम सबसे अलग बैठो... दूर जाओ उस कॉर्नर में.. आंड पूरा दिन तुम उधर बैठोगे अकेले, तभी एहसास होगा तुम्हे के लेट आने की सज़ा क्या है" कहके सर ने उसे अंदर आने की इजाज़त दी... भारत सबसे आँख चुरा के जाके कॉर्नर में अकेला बैठ गया.. उसकी आँखों में अभी भी गुस्सा था, पर वो अपना गुस्सा किसी पे उतारना नहीं चाहता था.. इसलिए वो चुप चाप जाके बैठ गया और अपनी बुक देखने लगा.... चाहे कितनी भी आँख बचा ली हो भारत ने, पर सेकेंड बेंच पे बैठी शालिनी ने उसकी आँखें देख ली थी... 



"एक्सक्यूस मी सर... आइ वॉंट टू चेंज माइ सीट.. प्लीज़ डोंट माइंड" कहके शालिनी अपनी सीट से जाके भारत के पास बैठ गयी


"मिस.. आप दोनो बाहर जा सकते हैं इफ़ यू वॉंट प्राइवसी.." सर ने शालिनी को ताना मार दिया


"थॅंक यू सर... आइ विल डू तट.. चलो मेरे साथ बाहर" शालिनी ने भारत का हाथ पकड़ा और उसे बाहर ले गयी... शालिनी के इस बिहेवियर ने क्लास के काफ़ी लंडन के दिल को घायल किया.. नये नये लोंडे जहाँ शालिनी से बात करने को तरसते थे, वहीं यह खुद किसी के पास गयी.. कुछ तो बात होगी इन दोनो की...बाहर आके शालिनी भारत को कॅंटीन में ले गयी


"आइ आम शालिनी वेर्मा.. तुम्हारा नाम क्या है.." शालिनी ने भारत से कहा


"आइ आम भारत..." भारत ने सिर्फ़ इतना ही कहा


"देखो भारत. आज 2 महीने हो गये, आंड मैं नोटीस कर रही हूँ तुमको.. ना तो किसी से बात करते हो, ना तो दोस्त.. क्यूँ ऐसा" शालिनी ने भारत की आँखों में देखते हुए कहा



"कुछ दोस्त हैं मेरे. पर वो" भारत ने सिर्फ़ इतना ही कहा के शालिनी ने फिर उसे टोका



"देखे हैं मैने.. आइ डोंट लाइक देम... तुम अपनी कंपनी चेंज करो... आंड आम सॉरी अगर मेरी बातें बुरी लग रही हैं तो, बट आइ कन्नोट सी यू लाइक दिस..." शालिनी ने भारत से कहा


"सॉरी... पर मैं थोड़ा टाइयर्ड हूँ, थ्ट्स इट.." भारत ने उसे जवाब दिया


"कूल.. चलो तुम्हारी थकान ख़तम करती हूँ मैं... आंड तुम स्पोर्ट्स खेलते हो कोई.." शालिनी ने भारत से सवाल किया


"हां.. फुटबॉल, बुत वाइ" भारत ने कन्फ्यूज़ होके जवाब दिया


"चलो, टीम में तुम्हारा नाम एनृोल्ल करवाओ.. 3 दिन बाद मॅच है.. उसमे तुम्हे खेलना है ओके... आंड तुम्हारे डॅड क्या करते हैं.." शालिनी ने एक बार फिर अपनी उँची आवाज़ में कहा


"मेरे डॅड बिज़्नेसमॅन हैं.." भारत ने सिर्फ़ इतना ही कहा के शालिनी फिर बीच में बोली


"ग्रेट... मेरे डॅड बिल्डर हैं, और हम आज से दोस्त हैं समझे.... चलो अब यहाँ से" कहके शालिनी भारत के साथ बाहर गयी...
 
" तुम्हे गुस्सा नहीं आया सर पे.. तुमने उसे जवाब नहीं दिया, क्यूँ ऐसा" शालिनी ने भारत से फिर सवाल किया


"गुस्सा तो आया.. बट डॅड ने मुझे समझाया है, सेफ युवर एनर्जी.. मैं अपना गुस्सा किसी पे निकालु उसके बदले वो एनर्जी में किसी प्रोडक्टिव काम में लगाना चाहता हूँ.. " भारत ने शालिनी को आगे बढ़ के जवाब दिया


भारत का यह जवाब शालिनी को बहुत भाया...


"भारत.. वी कॅन बी गुड फ्रेंड्स हाँ.. शर्त है कि तुम ऐसे मायूस नहीं रहोगे अब ओके.. शायद मैं भी तुमसे कुछ सीख लूँ"



वो दिन है और आज का दिन है... भारत की जो पॉप्युलॅरिटी थी कॉलेज में, शालिनी का उसमे काफ़ी हाथ था... पर शालिनी और भारत के बीच में कभी यह बात नहीं आई... जहाँ शालिनी अटकती, वहाँ भारत उसकी मदद करता.. और जहाँ भारत कभी अकेला महसूस करता, शालिनी उसका ध्यान रखती


"ओक बेब.. आइ कन्नोट लव यू, बट विल ऑल्वेज़ बी वित यू..." भारत ने खुद से कहा और आराम से अपने बेड पे सो गया



दूसरी सुबह.. कॅंपस में नॉर्मल सुबह थी.. इतनी शांति कभी नहीं देखी थी... जहाँ कॅंपस में 7 बजे से ही स्टूडेंट्स की भीड़ जमा होती, वहाँ आज 9 बज गये थे पर कॅंपस बिल्कुल सुना था.. भारत अपने रेग्युलर टाइम पे उठा और फ्रेश होके कॅंटीन में नाश्ता करने चला गया... कॅंटीन में जाते ही जो नज़ारा उसने देखा.. उसकी आँखें खुली की खुली.. पहले तो उसे शॉक लगा, लेकिन फिर कुछ याद आया और अंदर ही अंदर मुस्कुरा के जाके उनके पास गया....


"हाई शालिनी.... कॅन आइ प्लीज़ टेक आ सीट" भारत ने शालिनी से पूछा. वो जानता था इसका जवाब


"हे.. कुछ तकलीफ़ है" सिड ने इतना ही कहा, के शालिनी ने उसे रोक दिया


"सिड.. प्लीज़ चिल डियर... आंड भारत, तुम्हे अकल नहीं है.. जाके कहीं और बैठो ओके.. प्लीज़ डोंट डिस्टर्ब मी ऑर सिड... आंड हो सके तो आज के बाद मुझे अपनी शकल नहीं दिखाना... " कहके शालिनी फिर सिड की तरफ पलटी और उससे बातें करने लगी....


"साला, इतनी ओवेरक्टिंग.. तू मिल अकेले में.. आए डेम्पो, सॅंडविच और पेप्सी प्लीज़.." भारत अपनी सीट पे बैठते हुए बोला


"हां सॉरी सिड फॉर दट... मैं बोल रही थी, आइ आम नोट शुवर दिस ईज़ लव ओर व्हाट.. बट तुमसे मिलके, बातें करके अच्छा लगता है.. आइ फील लाइट आफ्टर टॉकिंग टू यू.. हां बहुत कम बात करती हूँ तुमसे, बट अभी पिछले 15 मिनट से मुझे लग रहा है, बस मैं यहीं तुम्हारे साथ बैठी रहूं. कोई डिस्टर्बेन्स ना हो.... बस तुम और मैं" शालिनी ने सिड की आँखों में देखते हुए कहा


"शालिनी.. आइ आम सो हॅपी टुडे.. तुम अपना टाइम लो, मुझे कोई प्राब्लम नहीं है.. बट मैं शुवर हूँ के तुम ही वो लड़की हो जिसके साथ मैं अपनी पूरी ज़िंदगी स्पेंड करना चाहता हूँ... आज से तुम्हारी खुशी में ही मेरी खुशी है.. शालिनी... " सिड ने शालिनी का हाथ पकड़ के कहा


"बट सिड.. मैं अभी खुश नहीं हूँ, थोड़ी टेन्स्ड हूँ.. ' शालिनी ने अपना हाथ छुड़ाया और सर नीचे करके रोने की आक्टिंग करने लगी


"व्हाट इस बॉदरिंग यू बेबी.. प्लीज़ टेल मी, आइ विल हेल्प यू.. प्लीज़ डोंट क्राइ" सिड ने शालिनी का सर उपर करते हुए कहा


"आइ डोंट नो सिड.. कॅंपस में कुछ लोग हैं जो नहीं चाहते मैं करियर में सेट्ल हो जाउ.. कुछ लोग नहीं चाहते के मैं प्लेसमेंट में बैठू... तुम बोलो, मैने किसी का कुछ बिगाड़ा है... क्यूँ मेरे साथ ऐसा कर रहे हैं लोग..." शालिनी ने फिर अपनी रोनी आवाज़ में कहा



"नहीं डियर, तुमने क्या बिगाड़ा किसी का.. आंड कौन है वो, तुम बताओ, आइ विल टेक केर..." सिड ने शालिनी से कहा


"पता नहीं सिड... तुम कुछ जानते हो तो प्लीज़ बताओ मुझे. मैं ज़िंदगी भर तुम्हारा एहसान मानूँगी..." शालिनी ने सिड की आँखों में देख के कहा.. सिड अब फस चुका था, वो जानता था रूबी के बारे मे.. जहाँ रूबी ने उसे मना किया था, वहीं शालिनी उसका प्यार, उसके सामने थी.. यह वक़्त सिड खोना नहीं चाहता था.. उसने शालिनी से कहा



"शालिनी... आइ नो.. रूबी नहीं चाहती कि तुम प्लेस्मेंट्स में बैठो.. वो भारत से प्यार करती है.. तुम भारत के इतनी नज़दीक हो वो इसलिए ऐसा चाहती है.. आंड इट्स क्लियर नाउ.. तुम भारत से दूर हो जाओ, मेरे पास आओ.. मैं सब ठीक कर दूँगा प्रॉमिस... भारत और रूबी.. तुम और मैं.. सब क्लियर है.... साची" सिड ने शालिनी से कहा



"ओके सिड... तुम जो कहोगे वो मैं करूँगी... प्लीज़ नेवेर एवर लीव मी...." शालिनी ने इस बार सिड का हाथ ज़ोर से पकड़ा और उसके हाथो को चूमने लगी... सिड यह देख बहुत खुश था... उसे लगा कि उसने रूबी का भी काम किया और उसका अपना काम भी हो गया.. करीब 10 मिनट बाद फिर शालिनी ने सिड से कहा


"सिड.. तुम जाओ अपने रूम में.. 30 मिनिट्स में हम कहीं बाहर चलते हैं.. ओके ना बेबी.." शालिनी ने क्यूट फेस बना के कहा


"ओह येस डियर.. व्हेअर एवर यू से... चलो मिलते हैं इन 30 मिनिट्स, आज का दिन इस वेरी स्पेशल फॉर अस..... लव यू, सी या सून" कहके सिड वहाँ से निकला और अपने रूम में पहुँचा.. उसके दिमाग़ में ख़याली पुलाव पकना चालू हो गये थे.. शालिनी और भारत अभी भी दूर ही बैठे थे.. वो दोनो एक दूसरे के पास नहीं गये... भारत अपनी सीट से उठा, और आँखों ही आँखो में शालिनी को कुछ इशारा करके अपने रूम में जाने लगा... भारत के जाते ही कुछ देर में, शालिनी भी अपनी सीट से उठी और कॅंटीन से निकल गयी.. 
 
कॅंटीन से कुछ दूरी पे कॅंपस का ग्राउंड था जहाँ भारत अकेला टेहल रहा था.. यह देख शालिनी के चेहरे पे स्माइल आ गयी, और वो भी धीरे धीरे भारत के पास जाने लगी.....


"सो... फिर अकेले.. क्यूँ ऐसा..." शालिनी ने भारत के पास जाते हुए कहा



"क्या करूँ यार... आज तुमने भी मेरा साथ छोड़ दिया ना... कैसा है सिड... गुड?" भारत ने हँसते हुए शालिनी से कहा



"फर्गेट इट.... वो बहुत जल्दी पिघल गया.. मर्द नहीं है साला, बट हां, एक बात है.. रूबी तुम्हारी और मेरी नज़दीकियों से जल रही है.. इसलिए वो नहीं चाहती मैं प्लेसमेंट में बैठू.." शालिनी और भारत अब ग्राउंड पे वॉक करने लगे थे..




"तो तू क्या चाहती है... " भारत ने अपने ग्लासस उतार के पूछा



"वोही, जो वो चाहती थी.... पर इसमे तुम्हे मेरा साथ देना पड़ेगा.. " शालिनी ने भारत के ग्लासस छीन के खुद पहेन लिए



"हहहहा... मैं तो दे दूं, बट मुझे क्या मिलेगा..." भारत ने आगे बढ़ के पूछा



"वोही, जो मैं देती आई हूँ.. उसके अलावा है क्या मेरे पास" शालिनी का जवाब, जवाब कम, सवाल ज़्यादा था



"मुझे एक प्रॉमिस दे प्लीज़... दे पाएगी" भारत ने रुक के कहा



"तेरे लिए तो जान भी दे दूं यार.... मेरे खानदान से ज़्यादा तुझपे विश्वास है मुझे. बोल, कैसा प्रॉमिस" शालिनी ने भी अपनी बुलंदी वाली आवाज़ में कहा



"शालिनी वेर्मा.... मैं तुझसे क्या, कभी किसी से भी प्यार नहीं कर पाउन्गा.. लेकिन मैं चाहता हूँ तू हमेशा मेरे साथ रहे.. जब मुझे तेरी ज़रूरत हो, जब मैं तुझे बुलाऊ, तू मेरे साथ होगी.. चाहे कुछ हो जाए,, मेरी एक आवाज़ पे क्या तू मेरे पास आएगी... मैं किसी लिव इन रीलेशन की बात नहीं कर रहा.. पर फिर भी, मैं तेरा साथ नहीं खोना चाहता.... हो पाएगा तुझसे.." भारत ने शालिनी की आँखों से ग्लासस निकाले और उसकी आँखों में देखने लगा.... यह सुनके शालिनी को थोड़ा दुख तो पहुँचा, शायद वो भारत से प्यार करती थी, पर उसे खुशी थी के भारत उससे दूर नहीं हुआ,. और ना ही रूबी की तरह इग्नोर किया..



"ओफ़कौर्स... यह क्या बात है... तू जब बोलेगा मैं वहाँ आ जाउन्गि... आंड मैं झूठ नहीं बोल रही..." शालिनी ने अपना जवाब हँस के दिया



"आइ नो स्वीटहार्ट.. तभी तो तुझसे प्रॉमिस माँगा... चल, और रूबी के साथ क्या करना है.. मैने कुछ सोच लिया है.. हॅपी नाउ माइ प्रिन्सेस...." भारत के मूह से खुद ब खुद यह शब्द निकला... "प्रिन्सेस...." यह शब्द वो सिर्फ़ निधि के लिए यूज़ करता था



"हाहहहा.. प्रिन्सेस... तेरी प्रिन्सेस एक बात जानना चाहती है. जवाब देगा प्लीज़. इग्नोर मत करियो..." शालिनी ने भारत की बाहों में अपना हाथ डाल के पूछा



"पूछ ना..." भारत ने सिर्फ़ इतना ही कहा



"क्यूँ किसी से प्यार नहीं कर पाएगा... ऐसा क्या हुआ है तेरे साथ.. ऐसा कौनसा पार्ट है तेरी लाइफ का.. आज मुझे बता दे प्लीज़.. कॉलेज के 2 साल में तूने कभी मुझसे झूठ नहीं कहा... इन 2 सालों में तेरे मूह से हमेशा रिश्तों के लिए नफ़रत ही निकली है... आख़िर क्यूँ ऐसा...." शालिनी ने भारत की आँखों में आँखें डाल के पूछा
 
यह सुनके भारत की आँखें फिर सुर्ख होने लगी.. उसे सब कुछ याद आने लगा... याद आते ही उसकी आँखें गीली होने लगी... लेकिन शालिनी को वो दिखाना नहीं चाहता था इसलिए उसने फिर अपने ग्लासस पहनने की कोशिश की, लेकिन शालिनी ने उसे रोक लिया



"क्यूँ छुपा रहा है... बता मुझे, आइ वॉंट टू फिनिश दिस वन्स इट फॉर ऑल... नाउ टेल मी" शालिनी अब अपना ज़ोर लगाने लगी..



"यह ले.... मैं तुझसे कभी झूठ नहीं बोल पाउन्गा... जाके देख ले खुद बस.. और फिर मुझे आके रूम में मिलना. तेरी रूबी को ठिकाने लगाएँगे.." भारत ने अपनी गाड़ी की चाबी शालिनी को दी और वहाँ से चला गया


जहाँ पुणे में भारत को शालिनी की वजह से थोड़ा हल्का महसूस होने लगा था, वहीं मुंबई में सीमी की चिंता बढ़ती जा रही थी.. सीमी और प्रीति ने रूम को अच्छी तरह चेक किया, पर उन्हे कहीं भी भारत की डाइयरी नहीं मिली... जहाँ सीमी चिंता से आधी होती जा रही थी, वहीं प्रीति की चूत चीख चीख के लंड को पुकार रही थी.. प्रीति को 4 दिन हो गये थे अपने बाय्फ्रेंड से दूर हुए और यहाँ आके भी उसे भारत का लंड काफ़ी पसंद आ गया था.. अभी ना तो उसके बाय्फ्रेंड रॉकी का लंड था उसके पास, ना ही भारत था... इन्ही ख़यालों में प्रीति खोई हुई थी



"प्रीति.. लगता है भारत को पता चल गया है कि हम ने उसकी डाइयरी पढ़ी थी, तभी तो वो शायद अपने साथ ले गया है डाइयरी.. पर उसे पता चला कैसे, कहीं तुमने ही तो नहीं बताया उसे हाँ" सीमी डाइनिंग टेबल पे बैठ के बोली



'ओफ़कौर्स नोट मासी.. क्या आप भी.. यह जूस पीजिए आप और आराम कीजिए., मैं रूम में जाती हूँ थोड़ी देर.." कहके प्रीति अपने रूम में चली गयी.. अपने रूम में जाते ही प्रीति ने दरवाज़ा बंद किया और बेड पे लेट गई.. बेड पे लेट के प्रीति जल्द से जल्द नंगी हो गयी... 



"आहहाः उफ़फ्फ़..... आआहहःसीईईई.... आहहा लंड दे दो कोई अहहहाहा... " नंगी होके प्रीति अपनी चूत में उंगलियाँ डालने लगी.. प्रीति की चूत एक दम गीली हो चुकी थी.. "आहाहमम्म्मम यॅ अहहहहाहा... फक मी हार्ड ना अहहहहहा.. यॅ भारत अहहहहः.... यॅ रॉकी अहहहहाः... कोई भी लंड दिलवा दो अहहहामम्म... ओह्ह्ह अहहहहहाः" कहके प्रीति अपनी उंगलियाँ तेज़ी से अंदर बाहर करने लगी... "अहहहाहा उम्म्म अहहहहाहाः ओह्ह अहहहहाः.....अहहाहा मेरे निपल्स भी तुझे याद कर रहे हैं 






"अहहहहहा मेरे भारत आआहहहः आके चोद दे ना अपनी बहेन को अहहहहः.... अहहहहा रॉकी अहहाआह.. आके चोद ना अपनी गर्लफ्रेंड को अहहहहहा... उहह अहहा,,,, अहहहः हाननान यस आइ एम कमिंग अहहहहहहाहा" प्रीति बस झड़ने ही वाली थी कि..



"प्रीति लेट्स गो आउट आंड ......." सीमी दरवाज़ा खोलके चिल्लाती अंदर आई, पर जैसे ही उसकी नज़र प्रीति पे पड़ी..वो वहीं रुक गयी...



"ओह.. सॉरी मासी... प्लीज़ वेट .." कहके प्रीति ने खुद को अपने हाथ से ढकने की कोशिश की और अपने कपड़े पहनने लगी....



"उः प्रीति बेटा.. सॉरी, कंटिन्यू, फ्री होके बाहर आ जाना ओके..." कहके सीमी रूम से भाग गयी... सीमी के जाते ही प्रीति ने अपने कपड़े पहने,और मन ही मंन कुछ सोचने लगी... कुछ सोच के उसके चेहरे पे शैतानी मुस्कान आई और वो सीमी के पीछे चली गयी..



"मासी... मासी... व्हेअर आर यू..." प्रीति बाहर आके चिल्लाने लगी



"हां बेटा, इधर हूँ मैं, बोलो क्या हुआ" सीमी नॉर्मल बिहेव कर रही थी 



"सॉरी मासी... मुझे पता नहीं था आप आओगे और दरवाज़ा बंद रखना था.." प्रीति ने सीमी के कंधे पे हाथ रख के कहा



"थ्ट्स ओके डियर... आइ अंडरस्टॅंड... डोंट बी सॉरी... बोलो, हो गयी तुम रिलॅक्स.." सीमी ने हल्की सी स्माइल देके प्रीति को कहा



जहाँ सीमी ने इस बात को नॉर्मल बात समझ के झटक दिया, प्रीति ने दिल ही दिल में सोच लिया था.. वो जब तक यहाँ रहेगी, वो तब तक एक न्यू चीज़ को एक्सपीरियेन्स ज़रूर करेगी...




उधर पुणे में, शालिनी ने बहुत कोशिश की थी कि भारत की गाड़ी में क्या चीज़ है आख़िर... भारत की गाड़ी में जाके उसने इधर उधर सब जगह देखा, पर उसे कुछ नहीं मिला.. थक हार के जब वो वापस जाने लगी, तब उसकी नज़र गाड़ी के ड्रॉयर पे पड़ी. उसने उसे खोल के देखा तो कुछ सीडी'स के नीचे थी भारत की डाइयरी... शालिनी ने वो डाइयरी उठाई और उसके कवर पेज पे पढ़ा "लाइफ ईज़ ब्यूटिफुल..."



"स्ट्रेंज... भारत ने कभी जिकर नहीं किया इसका कुछ..." शालिनी ने खुद से कहा और वो डाइयरी लेके गाड़ी लॉक करके अपने रूम में चल दी.. वक़्त सुबह के 11 बज रहे थे और शालिनी ने सिड के 15 कॉल्स का अब तक कोई जवाब नहीं दिया था... जब फिर से सिद्धार्थ का कॉल आया.. शालिनी ने कट करके टेक्स्ट किया



"फीलिंग वेरी सिक.. कॉल यू लेटर प्लीज़"





सिड को इग्नोर करके शालिनी अपने रूम में भागती चली गयी.. एक बार शालिनी जब अपने रूम में पहुँची, शालिनी ने दरवाज़े और खिड़की सब बंद कर दिए.. बेड पे बैठ के उसने अपना फोन स्विच ऑफ किया और डाइयरी पढ़ने लगी...



"लाइफ ईज़ ब्यूटिफुल... नाम इतना अच्छा रखा है तो फिर खुद क्यूँ ऐसा है.. चलो पढ़ते हैं इसे भी.." शालिनी ने खुद से कहा और अपने रूम की सब लाइट्स दीं करके सिर्फ़ बेड लॅंप चालू किया और भारत की किताब का एक एक पन्ना पढ़ने लगी..



"यू ईडियट... शालिनी प्लेड यू... हाउ कॅन यू डू दिस टू मे हाँ" रूबी ने सिड को चिल्ला के कहा जब सिड उसके पास गया सुबह की घटना बताने



"शालिनी ऐसा नहीं कर सकती रूबी.. आइ नो हर, ट्रस्ट हर ओके.." सिड ने रूबी को ठंडा करने की कोशिश की



"तुम सही में गधे हो सिड... शालिनी किसकी दोस्त हो जानते हो ना.. भारत की.. शालिनी पे ट्रस्ट करना मतलब, भारत पे ट्रस्ट करना... " रूबी ने अपना चिल्लाना चालू रखा
 
सिड यह सब सुनके शॉक्ड था.. उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि कोई ऐसा भी कर सकता है, स्पेशली शालिनी , जिसे वो बहुत प्यार करता था.... उसके नीचे से ज़मीन खिसकने लगी, उसका सर चकराने लगा...



"रूबी.. प्लीज़ लिसन.." सिड ने सिर्फ़ इतना ही कहा कि रूबी फिर चिल्लाई



"यू लिसन टू मी सिड... अब मेरा तो छोड़ो, तुम्हारी नौकरी भी ख़तरे में है समझे.. एक लड़की आके तुमसे सब निकल्वाके गई और तुम हो के बेवकुफों की तरह इधर खड़े हो.." रूबी ने उंगली दिखाते हुए सिड को गालियाँ देती गयी



"क्या तुम भूल गये हो.. प्लेसमेंट कोवोर्डिनेटर ने हमे सॉफ सॉफ बताया था कि मॅग्ज़िमम 2 स्टूडेंट्स रेक्रूट होंगे फॉर इंटरनॅशनल बाँक्स.. यह बात शालिनी और भारत नहीं जानते.. अरे वो दोनो क्या, हम दो के अलावा कोई नहीं जानता यह बात.." रूबी ने सिड को कहा



"आइ आम नोट आ लूज़र रूबी.. आइ विल मॅनेज भारत" सिड ने थोड़ा जोश दिखाया, पर रूबी से यह भी नहीं देखा गया



"व्हाट दा हेल... बस बोलते ही रहो, एक लौंडिया तुम्हारे नीचे से सब इन्फो निकल गयी, और तुम बस इधर खड़े खड़े धमकी दो... तुमसे कुछ नहीं होना सिड...कुछ नहीं. समझे तुम" रूबी का गुस्सा था कि कम ही नहीं हो रहा था.. सिड मूह लटकाए वहीं खड़ा था, आज उसे एहसास हुआ कि भारत ने गुस्सा नहीं दिखाया कहीं , बस वो तो दिमाग़ से ही लड़ता रहा



"सुनो तुम अभी..." रूबी ने इतना ही कहा के उसके दरवाज़े पे नॉक हुई...



"हू ईज़ इट..." रूबी ने अंदर से चिल्लाके पूछा



"रूबी, भारत हियर यार" बाहर खड़े भारत ने जवाब दिया



"ईडियट.. नाउ चेंज युवर एक्सप्रेशन्स" रूबी ने सिड को धीमी आवाज़ में कहा और दरवाज़ा खोलने चली गयी



"हेलो.. हाउ आर यू डियर..." रूबी ने दरवाज़ा खोलके भारत को अंदर आने को कहा



"आम फाइन स्वीटहार्ट... व्हाट अबाउट...." भारत कहके रुक गया जब उसने सामने सिड को खड़े देखा



"शेल आइ लीव, मैं डिस्टर्ब तो नहीं कर रहा" भारत ने सिड को देखा और फिर रूबी को देखा



"ना... हम परसो के इंटरव्यू की तैयारी कर रहे हैं.. यू ऑल्सो जाय्न अस.." रूबी ने दरवाज़ा बंद करके कहा



"इंटरव्यू की तैयारी.. मैं.. रूबी यू मस्ट बी किडिंग.." भारत ने हंस के कहा और जंप देके रूबी के बेड पे लेट गया



"क्यूँ.. तुम तो स्कॉलर नहीं हो.." सिड ने बीच में टोका



"हाहहहा.. स्कॉलर... मेरे भाई, तू है ना... मैं तो चाहता हूँ यह नौकरी तुझे मिले... हॅपी नाउ... चल अब वंटास की गोली ले, मुझे रूबी से अकेले में कुछ बात करनी है... " भारत ने सीरीयस होके कहा



"और अगर ना जाउ तो..." सिड ने अपने बाइसेप्स दिखाते हुए कहा..



"हहहहा... आए रूबी, इसको समझा ज़रा, " भारत ने रूबी को कहा



"सिड, लीव नाउ ओके.. " रूबी ने दरवाज़ा खोलके कहा.. आज सिड ने जो बेइज़्ज़ती सही थी वो उसके लिए बहुत ज़्यादा थी.. आज वो बहुत फ्रस्टरेट हो चुका था.. बिना कुछ आर्ग्युमेंट किए, सिड वहाँ से निकल गया..



"बोल, कैसा है स्वीटहार्ट.." रूबी ने दरवाज़ा बंद किया और भारत के पास आती हुई बोली



"रूबी.. यू नो मैं किसको प्यार करता हूँ" भारत ने रूबी की आँखों में देख के पूछा



"भारत, तुमने कभी बताया ही नहीं तो हाउ डू आइ नो.." रूबी उसके सामने बैठ के हँस के जवाब देने लगी



"यही तो फरक है... तूने कैसे अस्यूम कर लिया कि मैं शालिनी से प्यार करता हूँ... और तूने इसके लिए राहुल का इस्तेमाल किया... तू ऐसा सोच भी कैसे सकती है हाँ... आंड वेट्स रॉंग विद यू.. तेरे ग्रेड्स शालिनी से बेटर हैं , तुझे उससे क्या प्राब्लम है" भारत ने अपनी आँखें बड़ी करके कहा



"याअ.. तो यहाँ तुझे आग लगी है, कि मैने शालिनी के साथ क्यूँ ऐसी कोशिश की" रूबी भी खुल के जवाब देने लगी



"एग्ज़ॅक्ट्ली... शालिनी ने तेरा कुछ नहीं बिगाड़ा तो फिर क्यूँ..." भारत ने इतना ही कहा कि रूबी ने उसे फिर टोक दिया



"भारत, अगर यहाँ शालिनी की वकालत करने आया है तो प्लीज़ बाहर जा..." रूबी ने भी गुस्से में जवाब दिया



"यह नौकरी पाने के लिए मैं कुछ भी कर सकती हूँ समझा... और सुन, 2 लोग ही रेक्रूट होने वाले हैं उस के लिए, तो मेरे और शालिनी में से अगर मैं नहीं हुई तो शालिनी को भी नहीं होने दूँगी.." रूबी ने गुस्से में आके भारत को सब बता दिया जो भारत को नहीं पता था...



"हाहहहहा.. दैट्स माइ गर्ल... डार्लिंग, आइ प्राउड्ली से "आइ लव यू नाउ".. मैं यह देखना चाहता था कि तू किस हद्द तक जा सकती है.. तेरा कमीनपन अब मेरे कमीनेपन से मॅच कर रहा है.. यू आर आ डार्लिंग हाँ.." कहके भारत ने रूबी को गले लगाया और उसकी गर्दन को किस करने लगा
 
रूबी को कुछ समझ नहीं आया वो क्या बोल रहा है.. उसे लगा जैसे सिड को शालिनी चूतिया बना गयी, वैसे भारत भी वोही कोशिश कर रहा है...



"भारत.. डोंट प्ले मी ओके. मैं सिड नहीं हूँ, सीधे सीधे बोल क्या कह रहा है" रूबी ने भारत से अलग होते हुए कहा

"सुन डियर... मैं शालिनी से कोई प्यार नहीं करता, उसके और मेरे डॅड में डील चल रही है.. इसी लिए मुझे उसके करीब रहना पड़ा... नहीं तो तू मुझे जानती है ना, मैं क्यूँ उसके साथ रहूँगा यार" भारत ने रूबी के सर को अपने हाथों में लिया और बोलता रहा



"आइ डॉन'ट ट्रस्ट यू भारत" रूबी ने कहा 



"यू डोंट ट्रस्ट मी.. तुझे भार्गव पे ट्रस्ट है बोल, " भारत ने कहा



"भार्गव कहाँ से आया बीच में" रूबी ने अस्चर्य में आके पूछा



'वेट.. लेट मी प्रूव माइसेल्फ... मैं कभी किसी के आगे खुद को प्रूव नहीं करता, बट तू है इसलिए.... समझी..." कहके भारत ने भार्गव को कॉल किया.. फोन को उसने स्पीकर पे रखा



"हेलो.. सर, भारत बोल रहा हूँ..."



"हां भारत, टेल मी" भार्गव ने सामने से जवाब दिया



"सर, क्या मैने आपको यह नहीं कहा कि अट एनी कॉस्ट, यूएस बॅंक के लिए रूबी का रेक्रूटमेंट होना चाहिए. और किसी का नहीं"



"यस भारत.. आइ आम वर्किंग ऑन इट.. बार बार याद मत दिलवाओ भाई, मेरी मेमोरी अच्छी है" भार्गव ने हंस के जवाब दिया



"थॅंक यू सर.. बाय" कहके भारत ने फोन कट किया



"सुन लिया... अब भी अगर तुझे ट्रस्ट नहीं है तो आइम लीविंग ओके..हॅव आ नाइस ईव" कहके भारत बाहर जाने लगा



"भारत.. आइम सॉरी प्लीज़.." रूबी ने अपनी धीमी और रोनी आवाज़ में कहा
 
भारत ने पलट के देखा तो रूबी अपनी बाहें खोल के उसको हग करने के लिए बुला रही थी.. भारत धीरे धीरे उसकी तरफ बढ़ा और जैसे ही उसके पास पहुँचा रूबी ने उसे कस्के एक हग दिया और फुट फुट के रोने लगी










"सॉरी भारत.. मैं डर गयी थी.. प्लीज़ डोंट गो अवे.. आइ लव यू अ लॉट भारत.. प्लीज़" रूबी रो रो के उसे बोलने लगी



आइ लव यू. यह भारत से बर्दाश्त नहीं हुआ, पर उसने खुद पे कंट्रोल रखा



"हे स्वीटहार्ट.. प्लीज़ डोंट क्राइ... चल अब मूह धोके आ और साथ में कोई मूवी देखते हैं तेरे लॅपटॉप पे.. बहुत दिन हो गये तूने मुझे कोई मूवी नहीं दिखाई हाँ" कहके भारत ने उसके फोर्हेड पे किस किया और बेड पे बैठ गया.. जब रूबी बाथरूम में गयी भारत ने शालिनी के फोन पे कॉल लगाया.. 



"थर्ड टाइम स्विस्ड ऑफ... व्हाट्स रॉंग स्वीटहार्ट.." भारत खुद से कहने लगा, जिसे रूबी ने बाहर आते सुना



"क्या हुआ भारत.. व्हाट्स रॉंग, हू स्वीटहार्ट" रूबी ने हँस के कहा



"मेरी मोम यार.. उनका फोन बंद है, बुत एनीवेस, चलो आओ मूवी ऑन करो..." कहके भारत ने बेड पे उसे अपनी बाँहो में आने का इशारा किया.. रूबी यह देख बहुत खुश थी, उसने झट से बेड पे भारत के उपर जंप दिया और उसके साथ लिपट गयी... दोपहर से शाम हुई, भारत और रूबी लिपट के मूवी देख रहे थे, फिर बातें करते और बीच बीच में थोड़ी स्मूचिंग भी कर लेते... शाम के 7 बजे थे भारत ने रूबी से कहा



"रूबी, आइ वान्ट टू स्पेंड सम क्वालिटी टाइम वित यू" भारत ने रूबी के माथे पे चूमते हुए कहा



"मी टू यार, बट व्हेअर" रूबी ने जवाब दिया



"कल सुबह तैयार रहना.. पहले मैं तुम्हे मेरी मोम से मिलाने ले चलूँगा, फिर देखेंगे ओके.." भारत ने जवाब में कहा
 
उसकी मोम की बात सुनके, रूबी को लगा वो बिल्कुल सच बोल रहा है.. उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा और वो भारत को बेतहाशा चूमने लगी.... फाइनली 7.15 बजे भारत रूबी के कमरे से बाहर निकला... सीधे वो शालिनी के कमरे के बाहर गया और उसका दरवाज़ा नॉक किया



"वेट..." अंदर से शालिनी ने आवाज़ दी...



जैसे ही शालिनी ने दरवाज़ा खोला, भारत बिल्कुल पसीने पसीने हो गया



"व्हाट्स रॉंग... यह क्या हालत है" भारत ने शालिनी को देख के कहा जिसकी आँखें रो रो के बिल्कुल लाल हो चुकी थी, उसके बाल बिखरे हुए थे.. उसके कमरे में कुछ सामान टूटा हुआ था, रूम में हल्की सी रोशनी थी बस... अंदर आके सबसे पहले भारत ने दरवाज़ा बंद किया और लाइट्स ऑन कर दी



"यह सब क्यूँ ..." भारत इतना बोलके चुप हो गया, क्यूँ कि उसकी नज़र पड़ी उसकी डाइयरी पे जो शालिनी के बॅड पे थी...



"भारत.. आइ रियली हेट यू.. हाउ कॅन यू...." कहके शालिनी फिर रोने लगी, और भारत को गले लगा दिया... 



"बेब.. प्लीज़ चुप हो जा.. प्लीज़"



"हाउ कॅन यू डू दिस... अपना सारा प्यार किसी एक को ही दे दिया.. इतना प्यार कोई किसी को कैसे कर सकता है.. भारत, व्हाई हॅव यू डन दिस यार... " कहके शालिनी फिर भारत से गले लगी और रोने लगी... इस बार भारत ने उसे कुछ नहीं किया और बस उसे कस्के गला लगा दिया... भारत शालिनी के हर एक आँसू को महसूस कर रहा था.. काफ़ी देर तक भारत ने कंट्रोल किया, लेकिन फिर ना चाहते हुए भी उसकी आँखें नम होने लगी... लेकिन फिर भी भारत ने अपने आँसू पी लिए और शालिनी को खुद से अलग किया जो अब तक रो रही थी..



"लिसन नाउ बेब... प्लीज़ स्टॉप क्राइयिंग, नहीं तो मैं यहाँ से चला जाउन्गा" भारत ने दरवाज़े की तरफ इशारा करके कहा



"आइ विल किल यू फॉर दट.. डोंट एवर लीव मी प्लीज़... " शालिनी ने इस बार भारत का हाथ पकड़ा और उसपे किस कर दी



"चल नाउ फ्रेशन अप.. कुछ बात करनी है" भारत ने शालिनी को बाथरूम में धकेलते हुए कहा.. शालिनी के बाथरूम में जाते ही भारत ने अपनी आँखें सॉफ की, डाइयरी को बेड से हटा के बेड को ठीक किया.. रूम में टूटा हुए सामान को साइड में रख दिया...



"अरे यह सब मत कर यार, आइ विल डू तट" शालिनी ने बाथरूम से बाहर आके कहा



"बट यह किया ही क्यूँ तूने" भारत ने टूटे हुए सामान की तरफ इशारा करते हुए कहा



"तो और क्या करती.. तूने इतना प्यार किया ही क्यूँ निधि से, किसी और का भी नहीं सोचा हाँ.. और अपना भी नहीं सोचा..." शालिनी ने अपनी धीमी आवाज़ में कहा.. उसकी आवाज़ में दर्द अब भी था... इससे पहले के भारत कुछ जवाब देता, शालिनी फिर बोली
 
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