hotaks444
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आधे घंटे में भारत और शालिनी अपने दिए हुए अड्रेस पे पहुँचे... जैसे ही घर के बाहर पहुँचे , उन दोनो की आँखों में एक तनाव सा घिरने लगा.. बिल्कुल देर ना करते हुए भारत ने दरवाज़े को नॉक किया, पर कोई जवाब नहीं.. दो तीन बार नॉक किया बट नो रिप्लाइ... भारत पागल सा होने लगा था जिसे देख शालिनी भी घबरा गयी थी.. भारत पागलों की तरह दरवाज़े को पीटने लगा..
"भारत.. यहाँ से आओ, जल्दी.." शालिनी ने घर के पीछे बने लॉन का रास्ता दिखाया.. भारत और शालिनी दोनो वहाँ गये लेकिन वहाँ कोई दरवाज़ा नहीं था... कुछ देर वहीं खड़े रहके भारत ने एक काँच की खिड़की देखी.. भारत उस खिड़की की तरफ बढ़ा और काँच तोड़ दिया.. काँच तोड़ के वो घर के अंदर गया और जाके पीछे का दरवाज़ा खोला जिससे शालिनी भी अंदर आई.. घर के अंदर आते ही दोनो इधर उधर देखने लगे... सब नॉर्मल था, सब कुछ ठीक पड़ा था, कुछ गड़बड़ नहीं थी... भारत को समझ नहीं आ रहा था वो कहाँ जाए.. उसने जल्दी से अपने मोबाइल को निकाला और उस नंबर पे कॉल किया.. एक दम शांत माहॉल में शालिनी और भारत के कान में पड़ी मोबाइल बजने की आवाज़...
"भारत. इट्स कमिंग फ्रॉम डाउन देअर...." शालिनी ने बेसमेंट की तरफ इशारा करके कहा.. घर के लिविंग रूम के कोने में थी एक सीडी जो बेसमेंट में जाती थी.. वो दोनो धीरे धीरे उस सीडी की तरफ बढ़ने लगे... जैसे जैसे वो दोनो उस सीढ़ी की तरफ जाते, दोनो के दिल ज़ोर ज़ोर से धड़कते. शालिनी भारत से चिपक कर चल रही थी, और भारत भी ध्यान से धीरे धीरे बढ़ रहा था, शालिनी का एक हाथ भारत के लेफ्ट साइड में था जिससे उसने भारत की हार्ट बीट्स महसूस की... दोनो के दिल धड़कने की आवाज़ सॉफ सुनी जा सकती थी ऐसी डरावनी खामोशी में.. रूम में सीधी के नज़दीक बनी खिड़की से हल्की धूप आ रही थी जो हल्की रोशनी रूम में थी... शालिनी और भारत धीरे धीरे सीढ़ी के नीचे जाने लगे, जैसे जैसे वो आगे बढ़ते मोबाइल की रिंग की आवाज़ तेज़ होती जाती... बेसमेंट में पहुँच के पहले भारत ने लाइट का बटन खोजने की कोशिश की, और लाइट ऑन कर दी... बेसमेंट रूम में पड़े एक कोने की तरफ इशारा करते हुए शालिनी ने कहा
"भारत... इ... ट.... त... थिंक इट्स कमिंग फ्रॉम देअर..." शालिनी ने कोने में रखे एक क्ले बॅग की तरफ इशारा करते हुए कहा.
क्ले बॅग देख भारत के नीचे से ज़मीन खिसक गयी, उसकी ज़िंदगी बर्बाद सी लगने लगी..
"शालिनी... उपर जाओ, शायद तुम यह ना देख पाओ.." भारत ने शालिनी से कहा
"नहीं, आम स्केर्ड... दोनो देखते हैं प्लीज़" शालिनी ने भारत को कस के पकड़ लिया और दोनो आगे बढ़ने लगे.. क्ले बॅग के बाहर से ही भारत को अंदाज़ा आ गया कि अंदर क्या है
"बेबी, प्लीज़ टर्न अराउंड" भारत ने शालिनी से कहा और शालिनी ने अपना चेहरा मोड़ दिया.. शालिनी का चेहरे पलटते ही, भारत ने उस क्लॅबेग को काँपते हाथों से खोलने की कोशिश की.. धीरे धीरे भारत ने उस क्ले बॅग को खोला... क्लॅबेग के अंदर देख भारत का दिल रुक सा गया, उसकी रूह काँप गयी
"निधि ईज़ डेड शालिनी....." भारत ने शालिनी से कहा और दोनो फुट फुट के रोने लगा...
मलेशिया और यूएस से एक साथ कॉल्स आना मतलब कुछ सही नहीं है.. भारत के दिमाग़ में यह बात बैठ चुकी थी... निधि की बॉडी क्ले बॅग में पड़ी मिली थी, उसकी गर्दन पे किसी ने बेखौफ़ छुरा घुमाया था, और फिर घसीट घसीट के उसे बेसमेंट में लाके क्ले बॅग में डाल दिया.. बॅग में बॉडी को डालने के बाद कातिल ने घर के हालत को ठीक किया और अंदर से लॉक करके, उपर टेरेस वाले रास्ते से भाग गया... निधि की बॉडी देख के शालिनी से रहा नहीं गया और वो वहीं उसी वक़्त बेहोश हो गयी.. भारत ने जल्दी से जल्दी बाहर जाके कुछ पड़ोसियों की मदद ली और आंब्युलेन्स और पोलीस को इनफॉर्म किया.. आंब्युलेन्स के आने तक एक पड़ोसी ने शालिनी की देखबाल की..
"सो हाउ कम डिड यू नो अबाउट दिस थिंग.." सामने खड़े पोलीस वाले ने भारत से पूछा
"डे बिफोर येस्टरडे आइ मिस्ड टू कॉल्स फ्रॉम माइ फ्रेंड नंबर्स.. वन फ्रॉम यूएस आंड अनदर फ्रॉम हर.. आइ गॉट टू हियर अबाउट माइ फ्रेंड्स डेत इन यूएस दिस मॉर्निंग, सो आइ सस्पेक्टेड दट ईवन शी माइट बी इन ट्रबल.. हेन्स आइ केम अप ऑल दा वे हियर फ्रॉम इंडिया टू चेक ऑन हर.." भारत ने उदासी में जवाब दिया
"मिस्टर भारत.. यू माइट नीड टू स्टे बॅक हियर फॉर क्वाइट आ लोंग टाइम नाउ.. कम विद मी टू दा पोलीस स्टेशन" पोलीस वाले ने सीट से खड़े होके कहा
"इनस्पेक्टर... आइएम शुवर देअर ईज़ नो प्राब्लम इफ़ आइ मेक आ कॉल, जस्ट वन कॉल" भारत ने पोलीस वाले से कहा... पोलीस वाले ने उसे इजाज़त दे दी.. भारत ने उस वक़्त राकेश को तंग करना सही नहीं समझा,
उसने तुरंत आदि को कॉल किया..
"डोंट वरी माइ बॉय.. तुम जब तक पोलीस स्टेशन में पहुँचोगे, मेरा फ्रेंड तुम्हारे साथ होगा.. ही ईज़ आ लॉयर. कहीं भी अटको, टेल मी... आंड वन्स इन मुंबई, मीट मी ओक.." आदि ने भारत को आश्वासन दिया
आदि से बात करके भारत ने एक बार शालिनी को देखा, वो अभी भी सो रही थी.. उसने उस पड़ोसी से कुछ बातें की और फिर पोलीस वाले के साथ चल पड़ा.... निधि के घर से निकलते ही, उसकी बुटीक का नाम पढ़ के भारत का दिल भर आया... वो काफ़ी कोशिशों के बाद संभला था, और अब यह.. आज तक उसे इतना दर्द नहीं हुआ था जितना उसे अभी मिल रहा था.... निधि की वो आखरी साँसें,
कैसे तड़प तड़प के गुज़ारी होगी उसने, जब उसका कतल हुआ होगा, उस वक़्त कितना तडपी होगी वो.. वो तड़प अभी भारत महसूस कर रहा था... अपने दर्द को छुपाने के लिए भारत ने अपनी आँखों पे डार्क ग्लासस चढ़ा लिए और इनस्पेक्टर के साथ निकला... करीब 10 मिनट की ड्राइव के बाद, भारत और वो पोलीस वाला स्टेशन पहुँच गये.. पोलीस स्टेशन में भारत की हर चीज़ की वेरिफिकेशन कराई गयी, उसके आइडी कार्ड्स, जेपीएम के साथ उसकी एंप्लाय्मेंट.. हर वो चीज़ जो भारत ने उधार दी यह प्रूव करने के लिए कि उसे निधि के साथ हुई घटना का आभास पहले से था.. करीब आधे घंटे की पूछताछ के बाद इनस्पेक्टर ने फिर कहा
"मे बी यूआर नोट गेटिंग अस मिस्टर भारत"
"ही इस राइट इनस्पेक्टर.." एक आवाज़ पीछे से आई.. जैसे इनस्पेक्टर और भारत ने पीछे मूड के देखा, एक लंबा सा, करीब 6 फुट का आदमी, आँखों में ग्लासस, हाथ में ब्रीफकेस और मूह में सिगार... आदमी ने दो कदम आगे आके कहा
"हाई.. आइ आम लॉरेन्स.. आड्वोकेट ऑफ दा लोकल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट... मिस्टर भारत हॅज़ हाइयर्ड मी.." आदमी ने हाथ बढ़ा के कहा
"इनस्पेक्टर चांग... मिस्टर लॉरेन्स, थ्ट्स ओके, आइ डोंट थिंक मिस्टर भारत विल नीड यू एनीवेस... दिस वाज़ आ नॉर्मल रुटीन इंक्वाइरी, आंड वी हॅव ऑल्सो इनफॉर्म्ड दा इंडियन एंबसी हियर. दे आर कोपरेटिन्ग विद अस.. जस्ट वन थिंग, मिस्टर भारत, वी माइट कॉल यू एनिटाइम ऑफ दा डे, टॉक टू अस इफ़ पासिबल, ऑलराइट ?" चांग ने भारत से हाथ मिला के कहा
"नो वरीस मिस्टर चांग... आइ आम मोर क्यूरियस टू क्लोज़ दिस वन.. इनफॅक्ट इट मे ऑल्सो हॅपन दट यू माइट गेट आ कॉल फ्रॉम मी टू ट्रॅवेल टू इंडिया आंड शूट दिस केस फॉरेवर..." भारत ने अपने ग्लासस पहेन के कहा और लॉरेन्स के साथ बाहर आ गया
"थॅंक्स मिस्टर लॉरेन्स.. युवर फीस..." भारत ने पर्स निकाल के कहा
"नो प्राब्लम, मिस्टर आदित्य ईज़ आ फ्रेंड... एनी अदर हेल्प यू नीड फ्रॉम मी" लॉरेन्स ने भारत से पूछा
"यस.. आइ वुड बी वेरी प्लीज़्ड इफ़ आइ आम अलोड टू डू दा फाइनल क्रिमेशन ऑफ दा बॉडी इन इंडिया.. आफ्टर ऑल दा पोस्ट मॉर्टेम ईज़ डन" भारत ने अपनी नज़रें नीची करके कहा
"आइ विल ट्राइ टू अरेंज इट... इट माइट टेक फ्यू डेज़ बट" लॉरेन्स ने अपनी गाड़ी का दरवाज़ा खोला और भारत के साथ निकल गया
निधि के घर के पास जाके देखा, तो पोलीस ने उस एरिया को सील कर दिया था, पोलीस के स्निफर्स पूरे घर में घूम रहे थे... एक पोलीस वाले के पास निधि के घर का सारा समान पड़ा हुआ था
एक बॉक्स में.. हल्की सी नज़र मारी भारत ने तो निधि की एक फोटो फ्रेम भी थी वहाँ.. भारत दिल की सुन के उस इनस्पेक्टर के पास गया.. काफ़ी गुज़ारिश करने के बाद उसे पोलीस वाले ने कहा
"ओके ओके.. वन्स वी आर थ्रू ऑल दा रुटीन इन्वेस्टिगेशन, यू कॅन टेक इट.."
"भारत.. यहाँ से आओ, जल्दी.." शालिनी ने घर के पीछे बने लॉन का रास्ता दिखाया.. भारत और शालिनी दोनो वहाँ गये लेकिन वहाँ कोई दरवाज़ा नहीं था... कुछ देर वहीं खड़े रहके भारत ने एक काँच की खिड़की देखी.. भारत उस खिड़की की तरफ बढ़ा और काँच तोड़ दिया.. काँच तोड़ के वो घर के अंदर गया और जाके पीछे का दरवाज़ा खोला जिससे शालिनी भी अंदर आई.. घर के अंदर आते ही दोनो इधर उधर देखने लगे... सब नॉर्मल था, सब कुछ ठीक पड़ा था, कुछ गड़बड़ नहीं थी... भारत को समझ नहीं आ रहा था वो कहाँ जाए.. उसने जल्दी से अपने मोबाइल को निकाला और उस नंबर पे कॉल किया.. एक दम शांत माहॉल में शालिनी और भारत के कान में पड़ी मोबाइल बजने की आवाज़...
"भारत. इट्स कमिंग फ्रॉम डाउन देअर...." शालिनी ने बेसमेंट की तरफ इशारा करके कहा.. घर के लिविंग रूम के कोने में थी एक सीडी जो बेसमेंट में जाती थी.. वो दोनो धीरे धीरे उस सीडी की तरफ बढ़ने लगे... जैसे जैसे वो दोनो उस सीढ़ी की तरफ जाते, दोनो के दिल ज़ोर ज़ोर से धड़कते. शालिनी भारत से चिपक कर चल रही थी, और भारत भी ध्यान से धीरे धीरे बढ़ रहा था, शालिनी का एक हाथ भारत के लेफ्ट साइड में था जिससे उसने भारत की हार्ट बीट्स महसूस की... दोनो के दिल धड़कने की आवाज़ सॉफ सुनी जा सकती थी ऐसी डरावनी खामोशी में.. रूम में सीधी के नज़दीक बनी खिड़की से हल्की धूप आ रही थी जो हल्की रोशनी रूम में थी... शालिनी और भारत धीरे धीरे सीढ़ी के नीचे जाने लगे, जैसे जैसे वो आगे बढ़ते मोबाइल की रिंग की आवाज़ तेज़ होती जाती... बेसमेंट में पहुँच के पहले भारत ने लाइट का बटन खोजने की कोशिश की, और लाइट ऑन कर दी... बेसमेंट रूम में पड़े एक कोने की तरफ इशारा करते हुए शालिनी ने कहा
"भारत... इ... ट.... त... थिंक इट्स कमिंग फ्रॉम देअर..." शालिनी ने कोने में रखे एक क्ले बॅग की तरफ इशारा करते हुए कहा.
क्ले बॅग देख भारत के नीचे से ज़मीन खिसक गयी, उसकी ज़िंदगी बर्बाद सी लगने लगी..
"शालिनी... उपर जाओ, शायद तुम यह ना देख पाओ.." भारत ने शालिनी से कहा
"नहीं, आम स्केर्ड... दोनो देखते हैं प्लीज़" शालिनी ने भारत को कस के पकड़ लिया और दोनो आगे बढ़ने लगे.. क्ले बॅग के बाहर से ही भारत को अंदाज़ा आ गया कि अंदर क्या है
"बेबी, प्लीज़ टर्न अराउंड" भारत ने शालिनी से कहा और शालिनी ने अपना चेहरा मोड़ दिया.. शालिनी का चेहरे पलटते ही, भारत ने उस क्लॅबेग को काँपते हाथों से खोलने की कोशिश की.. धीरे धीरे भारत ने उस क्ले बॅग को खोला... क्लॅबेग के अंदर देख भारत का दिल रुक सा गया, उसकी रूह काँप गयी
"निधि ईज़ डेड शालिनी....." भारत ने शालिनी से कहा और दोनो फुट फुट के रोने लगा...
मलेशिया और यूएस से एक साथ कॉल्स आना मतलब कुछ सही नहीं है.. भारत के दिमाग़ में यह बात बैठ चुकी थी... निधि की बॉडी क्ले बॅग में पड़ी मिली थी, उसकी गर्दन पे किसी ने बेखौफ़ छुरा घुमाया था, और फिर घसीट घसीट के उसे बेसमेंट में लाके क्ले बॅग में डाल दिया.. बॅग में बॉडी को डालने के बाद कातिल ने घर के हालत को ठीक किया और अंदर से लॉक करके, उपर टेरेस वाले रास्ते से भाग गया... निधि की बॉडी देख के शालिनी से रहा नहीं गया और वो वहीं उसी वक़्त बेहोश हो गयी.. भारत ने जल्दी से जल्दी बाहर जाके कुछ पड़ोसियों की मदद ली और आंब्युलेन्स और पोलीस को इनफॉर्म किया.. आंब्युलेन्स के आने तक एक पड़ोसी ने शालिनी की देखबाल की..
"सो हाउ कम डिड यू नो अबाउट दिस थिंग.." सामने खड़े पोलीस वाले ने भारत से पूछा
"डे बिफोर येस्टरडे आइ मिस्ड टू कॉल्स फ्रॉम माइ फ्रेंड नंबर्स.. वन फ्रॉम यूएस आंड अनदर फ्रॉम हर.. आइ गॉट टू हियर अबाउट माइ फ्रेंड्स डेत इन यूएस दिस मॉर्निंग, सो आइ सस्पेक्टेड दट ईवन शी माइट बी इन ट्रबल.. हेन्स आइ केम अप ऑल दा वे हियर फ्रॉम इंडिया टू चेक ऑन हर.." भारत ने उदासी में जवाब दिया
"मिस्टर भारत.. यू माइट नीड टू स्टे बॅक हियर फॉर क्वाइट आ लोंग टाइम नाउ.. कम विद मी टू दा पोलीस स्टेशन" पोलीस वाले ने सीट से खड़े होके कहा
"इनस्पेक्टर... आइएम शुवर देअर ईज़ नो प्राब्लम इफ़ आइ मेक आ कॉल, जस्ट वन कॉल" भारत ने पोलीस वाले से कहा... पोलीस वाले ने उसे इजाज़त दे दी.. भारत ने उस वक़्त राकेश को तंग करना सही नहीं समझा,
उसने तुरंत आदि को कॉल किया..
"डोंट वरी माइ बॉय.. तुम जब तक पोलीस स्टेशन में पहुँचोगे, मेरा फ्रेंड तुम्हारे साथ होगा.. ही ईज़ आ लॉयर. कहीं भी अटको, टेल मी... आंड वन्स इन मुंबई, मीट मी ओक.." आदि ने भारत को आश्वासन दिया
आदि से बात करके भारत ने एक बार शालिनी को देखा, वो अभी भी सो रही थी.. उसने उस पड़ोसी से कुछ बातें की और फिर पोलीस वाले के साथ चल पड़ा.... निधि के घर से निकलते ही, उसकी बुटीक का नाम पढ़ के भारत का दिल भर आया... वो काफ़ी कोशिशों के बाद संभला था, और अब यह.. आज तक उसे इतना दर्द नहीं हुआ था जितना उसे अभी मिल रहा था.... निधि की वो आखरी साँसें,
कैसे तड़प तड़प के गुज़ारी होगी उसने, जब उसका कतल हुआ होगा, उस वक़्त कितना तडपी होगी वो.. वो तड़प अभी भारत महसूस कर रहा था... अपने दर्द को छुपाने के लिए भारत ने अपनी आँखों पे डार्क ग्लासस चढ़ा लिए और इनस्पेक्टर के साथ निकला... करीब 10 मिनट की ड्राइव के बाद, भारत और वो पोलीस वाला स्टेशन पहुँच गये.. पोलीस स्टेशन में भारत की हर चीज़ की वेरिफिकेशन कराई गयी, उसके आइडी कार्ड्स, जेपीएम के साथ उसकी एंप्लाय्मेंट.. हर वो चीज़ जो भारत ने उधार दी यह प्रूव करने के लिए कि उसे निधि के साथ हुई घटना का आभास पहले से था.. करीब आधे घंटे की पूछताछ के बाद इनस्पेक्टर ने फिर कहा
"मे बी यूआर नोट गेटिंग अस मिस्टर भारत"
"ही इस राइट इनस्पेक्टर.." एक आवाज़ पीछे से आई.. जैसे इनस्पेक्टर और भारत ने पीछे मूड के देखा, एक लंबा सा, करीब 6 फुट का आदमी, आँखों में ग्लासस, हाथ में ब्रीफकेस और मूह में सिगार... आदमी ने दो कदम आगे आके कहा
"हाई.. आइ आम लॉरेन्स.. आड्वोकेट ऑफ दा लोकल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट... मिस्टर भारत हॅज़ हाइयर्ड मी.." आदमी ने हाथ बढ़ा के कहा
"इनस्पेक्टर चांग... मिस्टर लॉरेन्स, थ्ट्स ओके, आइ डोंट थिंक मिस्टर भारत विल नीड यू एनीवेस... दिस वाज़ आ नॉर्मल रुटीन इंक्वाइरी, आंड वी हॅव ऑल्सो इनफॉर्म्ड दा इंडियन एंबसी हियर. दे आर कोपरेटिन्ग विद अस.. जस्ट वन थिंग, मिस्टर भारत, वी माइट कॉल यू एनिटाइम ऑफ दा डे, टॉक टू अस इफ़ पासिबल, ऑलराइट ?" चांग ने भारत से हाथ मिला के कहा
"नो वरीस मिस्टर चांग... आइ आम मोर क्यूरियस टू क्लोज़ दिस वन.. इनफॅक्ट इट मे ऑल्सो हॅपन दट यू माइट गेट आ कॉल फ्रॉम मी टू ट्रॅवेल टू इंडिया आंड शूट दिस केस फॉरेवर..." भारत ने अपने ग्लासस पहेन के कहा और लॉरेन्स के साथ बाहर आ गया
"थॅंक्स मिस्टर लॉरेन्स.. युवर फीस..." भारत ने पर्स निकाल के कहा
"नो प्राब्लम, मिस्टर आदित्य ईज़ आ फ्रेंड... एनी अदर हेल्प यू नीड फ्रॉम मी" लॉरेन्स ने भारत से पूछा
"यस.. आइ वुड बी वेरी प्लीज़्ड इफ़ आइ आम अलोड टू डू दा फाइनल क्रिमेशन ऑफ दा बॉडी इन इंडिया.. आफ्टर ऑल दा पोस्ट मॉर्टेम ईज़ डन" भारत ने अपनी नज़रें नीची करके कहा
"आइ विल ट्राइ टू अरेंज इट... इट माइट टेक फ्यू डेज़ बट" लॉरेन्स ने अपनी गाड़ी का दरवाज़ा खोला और भारत के साथ निकल गया
निधि के घर के पास जाके देखा, तो पोलीस ने उस एरिया को सील कर दिया था, पोलीस के स्निफर्स पूरे घर में घूम रहे थे... एक पोलीस वाले के पास निधि के घर का सारा समान पड़ा हुआ था
एक बॉक्स में.. हल्की सी नज़र मारी भारत ने तो निधि की एक फोटो फ्रेम भी थी वहाँ.. भारत दिल की सुन के उस इनस्पेक्टर के पास गया.. काफ़ी गुज़ारिश करने के बाद उसे पोलीस वाले ने कहा
"ओके ओके.. वन्स वी आर थ्रू ऑल दा रुटीन इन्वेस्टिगेशन, यू कॅन टेक इट.."