hotaks444
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रिसेशन की मार पार्ट--11
गतान्क से आगे..........
पता नही कितनी देर सोती रही, बेल से आँख खुली तो देखा के 2 बज रहे थे. पहले तो मेरी समझ मे नही आया के क्या साउंड आ रही है. फिर आँख खोल के दीवानो की तरह से कमरे को इधर उधर देखने लगी और सोचने लगी के मैं कहा हू. ओओप्स मुझे फॉरन ही याद आगया के मैं मुंबई मे हू और मेरा इंटरव्यू है और मैं होटेल के रूम मे हू. मैं बेड से उठी और दूर खोला तो देखा एक 14 – 15 साल का रूम बॉय यूनिफॉर्म पहने खड़ा था. रूम बॉय ने पूछा के मेडम आपका लंच यही रूम मे लाउ या आप नीचे आओगी तो मुझे इम्मीडियेट फील हुआ के मुझे तो बड़ी ज़ोर की भूक लगी है. मैं ने बोला के मैं नीचे ही आ जाउन्गी तो उसने भी मुस्कुराते हुए बोला के ठीक है मेडम नीचे रेस्टोरेंट मैं ही आपको खाना गरम मिल सकता है. फिर मैं ने उसको पूछा के लंच मे क्या क्या होता है तो उसने पूछा के आप वेज लोगि या नोन वेज तो मैं ने कहा के मैं दोनो ही खा लेती हू कोई प्राब्लम नही है. वैसे बाइ दा वे सतीश को भी नोन वेज पसंद था और हमारे घर मे भी सब चलता था हम लोग थोड़े लिबरल टाइप के थे इसी लिए नोन वेज भी खा लिया करते थे. रूम बॉय ने बोला के मेडम वेज और नॉन वेज मे बोहोत वेराइटी है आप थाली भी ले सकती हो जिस्मै सब ही आइटम्स होते है और आपको वेज और नॉन वेज दोनो ही थाली मिल जाएगी. मैं ने उसको थॅंक्स बोला और बोला के मैं खुद ही नीचे आ रही हू. वो रूम बॉय चला गया. मैं बाथरूम मे आ गई और हाथ मूह धो के फ्रेश हो गयी और खाने के लिए नीचे उतर गयी.
होटेल का रेस्तटोरेंट ठीक ही था. यह कोई कमर्षियल टाइप का भी नही था बॅस होटेल के रेसिडेंट्स के लिए ही था और बोहोत ज़ियादा क्वांटिटी मे भी नही बनाते थे इसी लिए सब टाइम से ख़तम हो जाता था. मैं ने स्पेशल वेज थाली मंगाई और खाने लगी. खाना बोहोत ही टेस्टी था. पेट भर के खाना खाया और कॉफी पीने के बाद वेट करने लगी के बिल आएगा पर कोई भी बिल नही लाया तो मैं ने सर्व करने वाले को बोला के मेरा बिल लाओगे या रूम के अकाउंट मे लिखोगे तो उसने बोला के मुझे नही पता मैं पूछ के आता हू और वो चला गया. थोड़ी देर मे वापस आ के बोला के मेडम आपके रूम के अकाउंट मे आ जाएगा आप फिकर ना करो. मैं ने पूछा के यह स्पेशल थाली कितने की है तो उसने बोला के 35.00 रुपीज़ की है यह सिर्फ़ होटेल के गेस्ट्स के लिए स्पेशल रेट्स है आपको ऐसी थाली बाहर 60 – 70 रुपीज़ से कम नही मिलेगे. मैं ने सोचा के चलो ठीक ही है ज़ियादा कॉस्ट्ली भी नही है. फिर मैं ऊपेर अपने रूम मे आ गयी. टाइम देखा तो 4 बज रहे थे अभी बाहर अछी ख़ासी गर्मी थी.
मैं अपने रूम मे वापस आ गयी और शवर लेने का सोचने लगी. इतने मे फोन की घंटी बजी. फोन उठाया तो राज की आवाज़ आई तो मैं एक दम से खुशी हो गयी और बोली के ओह राज कहा हो तुम, आइ मिस यू सो मच राज प्लीज़ यहा आओ ना मैं बोहोत अकेली हू तो उसने बोला के अभी तो थोड़ा काम है, मैं तकरीबन 7 या 8 बजे तक आ जाउन्गा और फिर हम डिन्नर बाहर खाएगे, इन दा मीनटाइम तुम तुम्हारी इंटरव्यू वाली बिल्डिंग मे जा के फ्लोर नंबर एट्सेटरा चेक कर्लो तो मैं ने बोला के ठीक है मैं वेट कर रही हू, तुम्हारे बिना तो मैं बोहोत अकेला फील कर रही हू, मैं ने सेक्सी और हस्की आवाज़ मे बोला के आइ नीड यू राज तो उसने बोला के मी टू स्नेहा डार्लिंग आइ नीड यू इन माइ आर्म्स तो मैं ने बोला के तो फिर आ जाओ ना तो उसने फोन पे एक किस दिया और बोला के जस्ट वेट आंड गेट फ्रेश आइ विल बी विथ यू टुनाइट और फिर फोन कट गया तो मैं फिर से उदास हो गयी. थोड़ी देर ऐसे ही बेड पे लेटी रही और आने वाले टाइम के बारे मे सोचने लगी फिर उठ के अपना सूट केस खोल के कपड़े सेलेक्ट करने लगी. क्रीम कलर की सारी शाम के टाइम के लिए अछी लगी जिसपे गुलाबी फूल थे और स्लीव्ले ब्लाउस निकाल के बेड पे रखा और अपने ट्रॅवेल मे पहने हुए सलवार सूट को निकाला. शलवार का नाडा खोल दिया तो शलवार नीचे फ्लोर पे गिर पड़ी झुक के उठाने लगी तो मेरा दिल एक दम से धाक्क कर गया, सहलवार मे चूत वाली जगह का पोर्षन मेरी और राज के सूखे हुए कुम्म से अकड़ गया था और वाहा पे खून लगा हुआ था. मैं एक दम से हैरान रह गयी के कही मेरी मोन्थ्लि तो नही स्टार्ट हो गयी फिर सडन्ली ख़याल आया का राज के मूसल से चुदवाने से छोटी चूत से खून नही तो औरक्या निकलेगा फिर मुझे राज की ज़बरदस्त पवरफुल चुदाई याद आगेई तो मेरा हाथ ऑटोमॅटिकली अपनी चिकनी चूत पे चला गया और मिरर मैं देख के मैं अपनी चूत का मसाज करने लगी. मिरर मे देख के चूत का मसाज करना बोहोत अछा
लग रहा था. चूत के दाने को मसला और उंगली चूत के सुराख मे डाल के चोदा तो थोड़ी ही देर मे मेरी आँखें बंद हो गयी और हाथ तेज़ी से चलने लगा और देखते ही देखते मेरी चूत से ढेर सारा जूस निकल गया और बदन हल्का हो गया और मैं बेड पे लेट गयी. थोड़ी देर मे जब साँसें ठीक हुई तो उठ गयी और बाथरूम मे चली, सारे बदन पे साबुन लगा के गरम पानी का शवर लिया तो एक दम से फ्रेश हो गयी. बाथरूम से बहेर आ गयी और कपड़े पहेन लिए और थोड़ा सा मेक अप भी किया तो मुझे खुद ही अपने आप पे प्यार आ गया और मैं ने मिरर मे अपने आप को ही एक फ्लाइयिंग किस दे दिया. फ्रेश होने के बाद मेरा मूड बोहोत ही बोहोत अछा हो गया था और पता था के थोड़ी देर मे राज भी आने वाला है. टाइम देखा तो 6 बज रहे थे, मैं नीचे उतर के आ गयी तो मॅनेजर मुन्ना भाई बैठे थे मैं ने विश किया तो उन्हो ने बोला के मेडम चाय या कॉफी क्या पिएँगे आप तो मुझे याद आया के मैं ने लंच के बाद कॉफी नही पी थी तो मैं ने मुस्कुरा के बोला के मुन्ना भाई कॉफी मंगवा दीजिए तो मुन्ना भाई ने सोफे की तरफ इशारा कर के बोला के आप इधर बैठिए मेडम मैं अभी मँगवाता हू और फिर एक बॉय को बुला के बोला के मेडम के लिए जल्दी से एक फर्स्ट क्लास कॉफी ला. थोड़ी देर मे बॉय कॉफी ले के आगेया. कॉफी की खुश्बू बोहोत ही अछी महसूस हो रही थी, कॉफी भी गरम और बोहोत टेस्टी थी. कॉफी पी के मैं बाहर जाने का सोच रही थी तो मुन्ना भाई ने मुझे होटेल का विज़िटिंग कार्ड दिया और बोला के मेडम यह रख लीजिए कभी टॅक्सी से आना पड़े तो उसको बता देना तो मैं ने थॅंक्स बोला और अपने पर्स मे कार्ड रख लिया और बहेर निकल गयी. नोकिया के बोर्ड वाली बिल्डिंग मे जा के देखा तो पता चला के आर.के. इंडस्ट्रीस का ऑफीस 10थ फ्लोर पे था. मुझे इटमेनान हो गया के मैं अब ठीक टाइम पे यहा आ सकती हू ज़ियादा दूर भी नही है हार्ड्ली 10 मिनिट्स की वॉकिंग पे है. मैं थोड़ी देर इधर उधर घूमती रही. यह एरिया कोई बेज़ार टाइप का था जहा डिफरेंट टाइप के शॉप्स थे. मेरी नज़र एक कॉल कॅबिन पे पड़ी तो मैं ने सोचा के मैं ने अभी तक सतीश को भी फोन नही किया, मैं कॅबिन के अंदर आ गयी और सतीश को कॉल किया तो वो बोहोत खुश हो गया फिर मैं ने उसको बताया के बस के ही एक पॅसेंजर को यह एरिया का पता था और उसी ने मुझे करीब के होटेल मे भी ठहरने का बंदोबस्त कर दिया तो उसने भी इतमीनान का साँस लिया. सतीश ने पूछा के कैसा लगा मुंबई तो मैं ने बोला के यह तो एक दम से मेकॅनिकल सिटी है, यहा किसी को किसी की परवाह नही, सब अपने काम से काम रखते है, किसी के पास किसी के लिए टाइम नही है और शाएद यहा की सोशियल लाइफ भी नही है तो उसने बोला के तुमको अकले डर तो नही लग रहा तो मैं ने बोला के सतीश तुम्है पता है मे ज़िंदगी मे पहली बार बॅंगलुर से बाहर निकली हू और कैसे डर नही लगेगा, मैं तो डर के मारे मरी जा रही हू मेरी तो समझ मे नही आ रहा के मैं यहा कैसे जॉब कर सकती हू तो उसने बोला के हिम्मत से
काम लो और देखो अगर तुम्है जॉब मिलती है और तुम अपने आप को अड्जस्ट कर सकती हो तो करो नही तो कोई बात नही हम यही पे कोई छोटा मोटा जॉब देख लेंगे तो मैं ने बोला के ठीक है. फिर उसकी सेहत का पूछा तो उसने बोला के हा अभी थोडा बीमार हू, दवा ले रहा हू ठीक हो जाउन्गा तुम मेरी फिकर ना करो तो मेरी आँख मे आँसू आ गये के कैसे उसकी फिकर ना करू. उसने फिर बोला के तुम मेरी फिकर ना करो बस अपने इंटरव्यू पे ध्यान दो तो मैं ने बोला के ठीक है और फिर थोडी देर इधर उधर की बात कर के फोन कट कर दिया. कॉल कॅबिन से बाहर निकल के इधर उधर की दुकानो मे देखते हुए टाइम पास करने लगी फिर थोड़ी देर के बाद 7 बजे के आस पास वापस होटेल आ गयी और अपने कमरे मे जा के लेट गयी और राज का वेट करने लगी.
तकरीबन आधे घंटे के बाद डोर बेल बजी तो मैं ऑलमोस्ट दौड़ती हुई आई और डोर खोला तो राज खड़ा मुस्कुरा रहा था, उसको देखते ही मैं ख़ुसी ही पागल हो गयी और मेरी आँख मे खुशी के आँसू आ गये और मैं ने उसकी टीए पकड़ के उसको रूम के अंदर खेच लिया और अपने पैर से डोर को धक्का दिया और वो बंद हो गया और उसको टीए पकड़ के झुका लिया और उसको किस करने लगी और उस से लिपट गयी. हम दोनो एक दूसरे से किसी लवर्स की तरह लिपटे हुए थे और दीवानो की तरह से किस कर रहे थे. मैं वासना की आग मे जलने लगी और फॉरन ही उसके पॅंट के ऊपेर से ही उसके लंड को पकड़ लिया और दबाने लगी. एक ही सेकेंड के अंदर उसका लंड किसी लोहे जैसा हो गया. उसकी ज़िप खोल के उसके अंडरवेर के अंदर से हाथ डाल के उसके लंड को अपनी मुट्ठी मे पकड़ के दबाने लगी और उसके कान मे धीमी आवाज़ से बोली आइ नीड दिस राज प्लीज़ गिव दिस टू मी तो उसने भी बोहोत आहिस्ता से बोला के ऑल युवर्ज़ डार्लिंग टेक इट आंड डू वॉटेवर यू वॉंट टू डू तो मैं ने फॉरन ही उसके पॅंट का बेल्ट खोल डाला तो पॅंट नीचे तक स्लिप हो गये और मैं बेड पे बैठ गयी और उसके अंडरवेर को नीचे कर दिया जिस से उसका लंड फ्री हो गया और किसी स्प्रिंग की तरह से हिलने लगा तो मैं ने फॉरन ही उसके लंड को अपने हाथो से पकड़ लिया और अपने मूह मे डाल के चूसने लगी. उसका इतना बड़ा लंड मेरे मूह मे बिल्कुल टाइट हो गया था और बड़ी मुश्किल से ही मैं अंदर बाहर कर रही थी. फिर राज ने ही मेरे सर को पकड़ लिया और मेरे मूह को चोदने लगा. उसको देख के मुझे एक ब्लू फिल्म की याद आ गयी जो मैं ने कॉलेज लाइफ मे देखी थी उस्मै भी हीरो ऐसे ही सूट पहेने हुए था और उसकी हेरोइन उसका ऐसे ही बेड पे बैठ उसका लंड चूस रही थी, उसका पॅंट भी नीचे तक गिर चुका था और उसका अंडरवेर भी उसके घुटनो तक अटका हुआ था और वो भी ऐसे ही शर्ट और टाइ मे था और यहा राज भी ऐसी ही पोज़िशन मे था. मैं उसके लंड को चूस्ति रही इतनी देर मे राज ने अपने हाथो से टाइ और शर्ट निकाल दिया और अब वो एक दम से मेरे सामने नंगा खड़ा था और मेरे मूह को चोद रहा था. उसका लंड इतना बड़ा था के मेरे दोनो हाथो से पकड़ने का बाद भी उसका सूपड़ा
और कुछ हिस्सा हाथो से बाहर था जिसे मे चूस रही थी. राज ने झुक के मेरे ब्लाउस के हुक्स को खोल दिया तो मैं ने हाथ पीछे कर के ब्लाउस उतार दिया. उसके लंड से मेरे हाथ जैसे ही हटे उसने एक धक्का ज़ोर का मारा तो उसका मूसल मेरे हलक तक घुस गया और गगगगगगगगगगगघह की आवाज़ के साथ मेरी आँखें बाहर निकल गयी और मैं थोड़ा पीछे हट गयी. थोड़ी देर मे बैठे ही बैठे मैने अपनी सारी के फोल्डिंग्स को खोल दिया और अपने पेटिकोट के नाडा भी खोल दिया और एक मिनिट के लिया अपनी जगह से खड़ी हो गयी तो सारी और पेटिकोट नीचे गिर गयी. मैं ने कपड़े उठा के चेर पे डाल दिए और फिर से बेड पे बैठ गयी और उसके लंड को चूसने लगी. मेरी चूत का बुरा हाल था वो अंदर से जल रही थी और राज से चुदवाने के ख़यालो से ही मे झाड़ गयी थी.
राज ने मुझे बेड पे लिटा दिया और खुद नीचे बैठ के मेरी चूत पे किस किया तो मैं ने फॉरन ही उसका सर पकड़ लिया और अपनी चूत मे घुसा लिया. उसकी जीभ मेरी चूत के अंदर जैसे ही लगी, मैं ने उसका सर पकड़ के अपनी चूत मे घुसा लिया और मैं झड़ने लगी. मेरा मन कर रहा था के बस राज अब अपने लंड को मेरी चूत मे घुसा के मेरी चूत को चोद डाले और उसकी खुजली को मिटा दे पर राज तो अभी मेरी चूत को चाटने मे भी बिज़ी था और फिर उसने पूरी चूत को मूह मे ले के दांतो से काटा तो मे एक बार फिर से झाड़ गयी. मैं ने राज के सर पे धीरे से चोदने का इशारा किया तो वो वही फ्लोर पे खड़े खड़े मेरे ऊपेर झुक गया और मुझे किस करने लगा. उसके मूह से मुझे अपनी चूत के जूस का टेस्ट करने को मिला जिसे मैं दीवानो की तरह से उसकी जीभ चूसने लगी और अपनी चूत के जूस को टेस्ट करने लगी. राज का लंड मेरी चूत से टच कर रहा था तो मेरा हाथ ऑटोमॅटिकली उसके लंड पे चला गया और मैं उसके लंड को पकड़ के अपनी चूत मे रगड़ने लगी. उसके लंड के प्री कम से चूत और स्लिपरी हो गयी थी. राज अब मेरे बूब्स को चूस रहा था और मैं उसके लंड को चूत मे रगड़ रही थी और रगड़ते रगड़ते लंड के सूपदे को अपनी चूत के सुराख मे अटका दिया और उसके कान मे धीरे से बोला फक मी राज फक मी ब्रेन्स आउट आइ नीड युवर आइरन लंड इन माइ बर्निंग चूत नाउ, प्लीज़ फक मी डार्लिंग आइ नीड दिस इन माइ हॉट वेट कंट, फक मी हार्ड राज और उसके बॅक पे अपनी टाँगें लपेट के उसके चूतदो को पकड़ के अपनी ओर खेचा तो उसने एक ही पवरफुल धक्का मारा तो लंड मेरी चूत को चीरता हुआ आधा लंड मेरी चूत के अंदर घुस गया और मेरे मूह से एक चीख ही निकल गयी ऊऊऊऊऊईईईईईईईईईईईईइ म्म्म्मममममममाआआआ उउउउउउउउउउफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ और मैं ने राज को बोहुत टाइट पकड़ लिया. राज थोड़ी देर आधा लंड चूत के अंदर डाले ही डाले चोदने लगा और फिर एक और झटका मारा तो उसका लंड घहुप्प की आवाज़ के साथ मेरी चूत की गहराइयों मे चूत की जड़ तक घुस्स गया ईईईईहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स और
उसका लंड अंदर तक घुसते ही मेरा बदन अकड़ गया मैने उसको टाइट पकड़ लिया. उसके मोटे लंड की मोटाई से मेरी चूत भर गयी थी. राज फ्लोर पे पैर रखे मेरे बदन पे झुका हुआ मुझे घचा घच चोदे जा रहा था किसी मशीन की तरह से उसके धक्के मेरी चूत पे पड़ रहे थे. मेरी चूत से तो पता नही कितने टाइम जूस निकल गया. चूत बे इंतेहा गीली हो चुकी थी. राज मुझे धना धन चोदे जा रहा था किसी पागलो की तरह से मेरे शोल्डर्स को पकड़ के मेरे बूब्स को चूस रहा था और फुल स्पीड से पवरफुल धक्के मार मार के चोदे जा रहा था. मेरे पूरे बदन मे मीठा मीठा सा दरद होने लगा, मेरे बदन का जोड़ जोड़ हिल रहा था मुझे उसके मोटे लंड सेचुदवाना सब से अछा लग रहा था. राज की चुदाई ने स्पीड पकड़ ली और बोहोत ही पवरफुल धक्के मार मार के चोद रहा था और फिर मुझे महसूस हुआ के उसका लंड मेरी चूत के अंदर ही फूल रहा हो और ज़ियादा मोटा हो गया था और फिर एक इतनी ज़ोर का फाइनल झटका मारा के मैं बेड पे ऊपेर की ओर खिसक गयी और राज के मूसल लंड से गाढ़ी गाढ़ी गरम गरम मलाई की पिचकारियाँ निकलने लगी और निकलती ही चली गयी. मैं ने राज को ज़ोर से पकड़ लिया और उसकी पहली पिचकारी के साथ मैं भी झड़ने. अब उसके धक्के स्लो हो गये थे और फिर वो अपना लंड मेरी चूत के अंदर ही डालके मेरे ऊपेर कोलॅप्स हो गया. उसका लंड मेरी चूत के अंदर ही पड़ा था और थोड़ा भी नरम नही हुआ था. मैं सोचने लगी के क्या मस्त लंड है राज का काश ऐसा लंड सतीश का भी होता. अब तक मैं सतीश को ऑलमोस्ट भूल ही चुकी थी. अब मेरे दिल ओ दिमाग़ मे सिर्फ़ और सिर्फ़ राज और उसका शानदार लंड था बॅस मुझे अब दुनिया मे और कुछ नही राज और उसका यह मोटा लंड ही चाहिए था. मैं आश्चर्या से सोचने लगी के मैं इतनी चुदासी तो नही थी पर अब कैसे हो गयी. मुझे तो चुदाई चाहिए थी बॅस और राज के मस्त लंड से चुदवाने के बाद मुझे सतीश का लंड बोहोत छोटा और नरम लगने लगा था और अब मैं तो राज के लंड की दीवानी हो चुकी थी. राज मेरे ऊपेर पड़ा था और हम दोनो ही गहरी गहरी साँसें ले रहे थे. राज ने मेरे कान मे धीमी आवाज़ से कहा स्नेहा मेरी जानू यू आर दा बेस्ट, आइ लव यू वेरी मच तो मैं ने भी कहा यू आर दा बेस्ट राज, सतीश नेवेर फक्ड मी लाइक यू फक्ड मी, यू आर दा महाराजा ऑफ फक्किंग आंड आइ लव यू टू फ्रॉम दा बॉटम ऑफ माइ हार्ट आंड सौल आइ नीड यू ऑल्वेज़ विथ मी राज प्लीज़ कीप मी विथ यू ऑल्वेज़, आइ डॉन’ट वॉंट टू गो टू बॅंगलुर अनीमोर और मैं उस से लिपट गयी और मेरी आँखो मे फिर से आँसू आ गये तो उसने मेरी आँखो को चूम लिया और आँसू को अपने होंठो से सॉफ किया और बोला के डॉन’ट वरी डार्लिंग आइ विल फाइंड आ वे आंड ए जॉब फॉर यू और फिर तुम यही रहना मेरे साथ फॉरेवर तो मैं खुश हो गयी.
क्रमशः......................
गतान्क से आगे..........
पता नही कितनी देर सोती रही, बेल से आँख खुली तो देखा के 2 बज रहे थे. पहले तो मेरी समझ मे नही आया के क्या साउंड आ रही है. फिर आँख खोल के दीवानो की तरह से कमरे को इधर उधर देखने लगी और सोचने लगी के मैं कहा हू. ओओप्स मुझे फॉरन ही याद आगया के मैं मुंबई मे हू और मेरा इंटरव्यू है और मैं होटेल के रूम मे हू. मैं बेड से उठी और दूर खोला तो देखा एक 14 – 15 साल का रूम बॉय यूनिफॉर्म पहने खड़ा था. रूम बॉय ने पूछा के मेडम आपका लंच यही रूम मे लाउ या आप नीचे आओगी तो मुझे इम्मीडियेट फील हुआ के मुझे तो बड़ी ज़ोर की भूक लगी है. मैं ने बोला के मैं नीचे ही आ जाउन्गी तो उसने भी मुस्कुराते हुए बोला के ठीक है मेडम नीचे रेस्टोरेंट मैं ही आपको खाना गरम मिल सकता है. फिर मैं ने उसको पूछा के लंच मे क्या क्या होता है तो उसने पूछा के आप वेज लोगि या नोन वेज तो मैं ने कहा के मैं दोनो ही खा लेती हू कोई प्राब्लम नही है. वैसे बाइ दा वे सतीश को भी नोन वेज पसंद था और हमारे घर मे भी सब चलता था हम लोग थोड़े लिबरल टाइप के थे इसी लिए नोन वेज भी खा लिया करते थे. रूम बॉय ने बोला के मेडम वेज और नॉन वेज मे बोहोत वेराइटी है आप थाली भी ले सकती हो जिस्मै सब ही आइटम्स होते है और आपको वेज और नॉन वेज दोनो ही थाली मिल जाएगी. मैं ने उसको थॅंक्स बोला और बोला के मैं खुद ही नीचे आ रही हू. वो रूम बॉय चला गया. मैं बाथरूम मे आ गई और हाथ मूह धो के फ्रेश हो गयी और खाने के लिए नीचे उतर गयी.
होटेल का रेस्तटोरेंट ठीक ही था. यह कोई कमर्षियल टाइप का भी नही था बॅस होटेल के रेसिडेंट्स के लिए ही था और बोहोत ज़ियादा क्वांटिटी मे भी नही बनाते थे इसी लिए सब टाइम से ख़तम हो जाता था. मैं ने स्पेशल वेज थाली मंगाई और खाने लगी. खाना बोहोत ही टेस्टी था. पेट भर के खाना खाया और कॉफी पीने के बाद वेट करने लगी के बिल आएगा पर कोई भी बिल नही लाया तो मैं ने सर्व करने वाले को बोला के मेरा बिल लाओगे या रूम के अकाउंट मे लिखोगे तो उसने बोला के मुझे नही पता मैं पूछ के आता हू और वो चला गया. थोड़ी देर मे वापस आ के बोला के मेडम आपके रूम के अकाउंट मे आ जाएगा आप फिकर ना करो. मैं ने पूछा के यह स्पेशल थाली कितने की है तो उसने बोला के 35.00 रुपीज़ की है यह सिर्फ़ होटेल के गेस्ट्स के लिए स्पेशल रेट्स है आपको ऐसी थाली बाहर 60 – 70 रुपीज़ से कम नही मिलेगे. मैं ने सोचा के चलो ठीक ही है ज़ियादा कॉस्ट्ली भी नही है. फिर मैं ऊपेर अपने रूम मे आ गयी. टाइम देखा तो 4 बज रहे थे अभी बाहर अछी ख़ासी गर्मी थी.
मैं अपने रूम मे वापस आ गयी और शवर लेने का सोचने लगी. इतने मे फोन की घंटी बजी. फोन उठाया तो राज की आवाज़ आई तो मैं एक दम से खुशी हो गयी और बोली के ओह राज कहा हो तुम, आइ मिस यू सो मच राज प्लीज़ यहा आओ ना मैं बोहोत अकेली हू तो उसने बोला के अभी तो थोड़ा काम है, मैं तकरीबन 7 या 8 बजे तक आ जाउन्गा और फिर हम डिन्नर बाहर खाएगे, इन दा मीनटाइम तुम तुम्हारी इंटरव्यू वाली बिल्डिंग मे जा के फ्लोर नंबर एट्सेटरा चेक कर्लो तो मैं ने बोला के ठीक है मैं वेट कर रही हू, तुम्हारे बिना तो मैं बोहोत अकेला फील कर रही हू, मैं ने सेक्सी और हस्की आवाज़ मे बोला के आइ नीड यू राज तो उसने बोला के मी टू स्नेहा डार्लिंग आइ नीड यू इन माइ आर्म्स तो मैं ने बोला के तो फिर आ जाओ ना तो उसने फोन पे एक किस दिया और बोला के जस्ट वेट आंड गेट फ्रेश आइ विल बी विथ यू टुनाइट और फिर फोन कट गया तो मैं फिर से उदास हो गयी. थोड़ी देर ऐसे ही बेड पे लेटी रही और आने वाले टाइम के बारे मे सोचने लगी फिर उठ के अपना सूट केस खोल के कपड़े सेलेक्ट करने लगी. क्रीम कलर की सारी शाम के टाइम के लिए अछी लगी जिसपे गुलाबी फूल थे और स्लीव्ले ब्लाउस निकाल के बेड पे रखा और अपने ट्रॅवेल मे पहने हुए सलवार सूट को निकाला. शलवार का नाडा खोल दिया तो शलवार नीचे फ्लोर पे गिर पड़ी झुक के उठाने लगी तो मेरा दिल एक दम से धाक्क कर गया, सहलवार मे चूत वाली जगह का पोर्षन मेरी और राज के सूखे हुए कुम्म से अकड़ गया था और वाहा पे खून लगा हुआ था. मैं एक दम से हैरान रह गयी के कही मेरी मोन्थ्लि तो नही स्टार्ट हो गयी फिर सडन्ली ख़याल आया का राज के मूसल से चुदवाने से छोटी चूत से खून नही तो औरक्या निकलेगा फिर मुझे राज की ज़बरदस्त पवरफुल चुदाई याद आगेई तो मेरा हाथ ऑटोमॅटिकली अपनी चिकनी चूत पे चला गया और मिरर मैं देख के मैं अपनी चूत का मसाज करने लगी. मिरर मे देख के चूत का मसाज करना बोहोत अछा
लग रहा था. चूत के दाने को मसला और उंगली चूत के सुराख मे डाल के चोदा तो थोड़ी ही देर मे मेरी आँखें बंद हो गयी और हाथ तेज़ी से चलने लगा और देखते ही देखते मेरी चूत से ढेर सारा जूस निकल गया और बदन हल्का हो गया और मैं बेड पे लेट गयी. थोड़ी देर मे जब साँसें ठीक हुई तो उठ गयी और बाथरूम मे चली, सारे बदन पे साबुन लगा के गरम पानी का शवर लिया तो एक दम से फ्रेश हो गयी. बाथरूम से बहेर आ गयी और कपड़े पहेन लिए और थोड़ा सा मेक अप भी किया तो मुझे खुद ही अपने आप पे प्यार आ गया और मैं ने मिरर मे अपने आप को ही एक फ्लाइयिंग किस दे दिया. फ्रेश होने के बाद मेरा मूड बोहोत ही बोहोत अछा हो गया था और पता था के थोड़ी देर मे राज भी आने वाला है. टाइम देखा तो 6 बज रहे थे, मैं नीचे उतर के आ गयी तो मॅनेजर मुन्ना भाई बैठे थे मैं ने विश किया तो उन्हो ने बोला के मेडम चाय या कॉफी क्या पिएँगे आप तो मुझे याद आया के मैं ने लंच के बाद कॉफी नही पी थी तो मैं ने मुस्कुरा के बोला के मुन्ना भाई कॉफी मंगवा दीजिए तो मुन्ना भाई ने सोफे की तरफ इशारा कर के बोला के आप इधर बैठिए मेडम मैं अभी मँगवाता हू और फिर एक बॉय को बुला के बोला के मेडम के लिए जल्दी से एक फर्स्ट क्लास कॉफी ला. थोड़ी देर मे बॉय कॉफी ले के आगेया. कॉफी की खुश्बू बोहोत ही अछी महसूस हो रही थी, कॉफी भी गरम और बोहोत टेस्टी थी. कॉफी पी के मैं बाहर जाने का सोच रही थी तो मुन्ना भाई ने मुझे होटेल का विज़िटिंग कार्ड दिया और बोला के मेडम यह रख लीजिए कभी टॅक्सी से आना पड़े तो उसको बता देना तो मैं ने थॅंक्स बोला और अपने पर्स मे कार्ड रख लिया और बहेर निकल गयी. नोकिया के बोर्ड वाली बिल्डिंग मे जा के देखा तो पता चला के आर.के. इंडस्ट्रीस का ऑफीस 10थ फ्लोर पे था. मुझे इटमेनान हो गया के मैं अब ठीक टाइम पे यहा आ सकती हू ज़ियादा दूर भी नही है हार्ड्ली 10 मिनिट्स की वॉकिंग पे है. मैं थोड़ी देर इधर उधर घूमती रही. यह एरिया कोई बेज़ार टाइप का था जहा डिफरेंट टाइप के शॉप्स थे. मेरी नज़र एक कॉल कॅबिन पे पड़ी तो मैं ने सोचा के मैं ने अभी तक सतीश को भी फोन नही किया, मैं कॅबिन के अंदर आ गयी और सतीश को कॉल किया तो वो बोहोत खुश हो गया फिर मैं ने उसको बताया के बस के ही एक पॅसेंजर को यह एरिया का पता था और उसी ने मुझे करीब के होटेल मे भी ठहरने का बंदोबस्त कर दिया तो उसने भी इतमीनान का साँस लिया. सतीश ने पूछा के कैसा लगा मुंबई तो मैं ने बोला के यह तो एक दम से मेकॅनिकल सिटी है, यहा किसी को किसी की परवाह नही, सब अपने काम से काम रखते है, किसी के पास किसी के लिए टाइम नही है और शाएद यहा की सोशियल लाइफ भी नही है तो उसने बोला के तुमको अकले डर तो नही लग रहा तो मैं ने बोला के सतीश तुम्है पता है मे ज़िंदगी मे पहली बार बॅंगलुर से बाहर निकली हू और कैसे डर नही लगेगा, मैं तो डर के मारे मरी जा रही हू मेरी तो समझ मे नही आ रहा के मैं यहा कैसे जॉब कर सकती हू तो उसने बोला के हिम्मत से
काम लो और देखो अगर तुम्है जॉब मिलती है और तुम अपने आप को अड्जस्ट कर सकती हो तो करो नही तो कोई बात नही हम यही पे कोई छोटा मोटा जॉब देख लेंगे तो मैं ने बोला के ठीक है. फिर उसकी सेहत का पूछा तो उसने बोला के हा अभी थोडा बीमार हू, दवा ले रहा हू ठीक हो जाउन्गा तुम मेरी फिकर ना करो तो मेरी आँख मे आँसू आ गये के कैसे उसकी फिकर ना करू. उसने फिर बोला के तुम मेरी फिकर ना करो बस अपने इंटरव्यू पे ध्यान दो तो मैं ने बोला के ठीक है और फिर थोडी देर इधर उधर की बात कर के फोन कट कर दिया. कॉल कॅबिन से बाहर निकल के इधर उधर की दुकानो मे देखते हुए टाइम पास करने लगी फिर थोड़ी देर के बाद 7 बजे के आस पास वापस होटेल आ गयी और अपने कमरे मे जा के लेट गयी और राज का वेट करने लगी.
तकरीबन आधे घंटे के बाद डोर बेल बजी तो मैं ऑलमोस्ट दौड़ती हुई आई और डोर खोला तो राज खड़ा मुस्कुरा रहा था, उसको देखते ही मैं ख़ुसी ही पागल हो गयी और मेरी आँख मे खुशी के आँसू आ गये और मैं ने उसकी टीए पकड़ के उसको रूम के अंदर खेच लिया और अपने पैर से डोर को धक्का दिया और वो बंद हो गया और उसको टीए पकड़ के झुका लिया और उसको किस करने लगी और उस से लिपट गयी. हम दोनो एक दूसरे से किसी लवर्स की तरह लिपटे हुए थे और दीवानो की तरह से किस कर रहे थे. मैं वासना की आग मे जलने लगी और फॉरन ही उसके पॅंट के ऊपेर से ही उसके लंड को पकड़ लिया और दबाने लगी. एक ही सेकेंड के अंदर उसका लंड किसी लोहे जैसा हो गया. उसकी ज़िप खोल के उसके अंडरवेर के अंदर से हाथ डाल के उसके लंड को अपनी मुट्ठी मे पकड़ के दबाने लगी और उसके कान मे धीमी आवाज़ से बोली आइ नीड दिस राज प्लीज़ गिव दिस टू मी तो उसने भी बोहोत आहिस्ता से बोला के ऑल युवर्ज़ डार्लिंग टेक इट आंड डू वॉटेवर यू वॉंट टू डू तो मैं ने फॉरन ही उसके पॅंट का बेल्ट खोल डाला तो पॅंट नीचे तक स्लिप हो गये और मैं बेड पे बैठ गयी और उसके अंडरवेर को नीचे कर दिया जिस से उसका लंड फ्री हो गया और किसी स्प्रिंग की तरह से हिलने लगा तो मैं ने फॉरन ही उसके लंड को अपने हाथो से पकड़ लिया और अपने मूह मे डाल के चूसने लगी. उसका इतना बड़ा लंड मेरे मूह मे बिल्कुल टाइट हो गया था और बड़ी मुश्किल से ही मैं अंदर बाहर कर रही थी. फिर राज ने ही मेरे सर को पकड़ लिया और मेरे मूह को चोदने लगा. उसको देख के मुझे एक ब्लू फिल्म की याद आ गयी जो मैं ने कॉलेज लाइफ मे देखी थी उस्मै भी हीरो ऐसे ही सूट पहेने हुए था और उसकी हेरोइन उसका ऐसे ही बेड पे बैठ उसका लंड चूस रही थी, उसका पॅंट भी नीचे तक गिर चुका था और उसका अंडरवेर भी उसके घुटनो तक अटका हुआ था और वो भी ऐसे ही शर्ट और टाइ मे था और यहा राज भी ऐसी ही पोज़िशन मे था. मैं उसके लंड को चूस्ति रही इतनी देर मे राज ने अपने हाथो से टाइ और शर्ट निकाल दिया और अब वो एक दम से मेरे सामने नंगा खड़ा था और मेरे मूह को चोद रहा था. उसका लंड इतना बड़ा था के मेरे दोनो हाथो से पकड़ने का बाद भी उसका सूपड़ा
और कुछ हिस्सा हाथो से बाहर था जिसे मे चूस रही थी. राज ने झुक के मेरे ब्लाउस के हुक्स को खोल दिया तो मैं ने हाथ पीछे कर के ब्लाउस उतार दिया. उसके लंड से मेरे हाथ जैसे ही हटे उसने एक धक्का ज़ोर का मारा तो उसका मूसल मेरे हलक तक घुस गया और गगगगगगगगगगगघह की आवाज़ के साथ मेरी आँखें बाहर निकल गयी और मैं थोड़ा पीछे हट गयी. थोड़ी देर मे बैठे ही बैठे मैने अपनी सारी के फोल्डिंग्स को खोल दिया और अपने पेटिकोट के नाडा भी खोल दिया और एक मिनिट के लिया अपनी जगह से खड़ी हो गयी तो सारी और पेटिकोट नीचे गिर गयी. मैं ने कपड़े उठा के चेर पे डाल दिए और फिर से बेड पे बैठ गयी और उसके लंड को चूसने लगी. मेरी चूत का बुरा हाल था वो अंदर से जल रही थी और राज से चुदवाने के ख़यालो से ही मे झाड़ गयी थी.
राज ने मुझे बेड पे लिटा दिया और खुद नीचे बैठ के मेरी चूत पे किस किया तो मैं ने फॉरन ही उसका सर पकड़ लिया और अपनी चूत मे घुसा लिया. उसकी जीभ मेरी चूत के अंदर जैसे ही लगी, मैं ने उसका सर पकड़ के अपनी चूत मे घुसा लिया और मैं झड़ने लगी. मेरा मन कर रहा था के बस राज अब अपने लंड को मेरी चूत मे घुसा के मेरी चूत को चोद डाले और उसकी खुजली को मिटा दे पर राज तो अभी मेरी चूत को चाटने मे भी बिज़ी था और फिर उसने पूरी चूत को मूह मे ले के दांतो से काटा तो मे एक बार फिर से झाड़ गयी. मैं ने राज के सर पे धीरे से चोदने का इशारा किया तो वो वही फ्लोर पे खड़े खड़े मेरे ऊपेर झुक गया और मुझे किस करने लगा. उसके मूह से मुझे अपनी चूत के जूस का टेस्ट करने को मिला जिसे मैं दीवानो की तरह से उसकी जीभ चूसने लगी और अपनी चूत के जूस को टेस्ट करने लगी. राज का लंड मेरी चूत से टच कर रहा था तो मेरा हाथ ऑटोमॅटिकली उसके लंड पे चला गया और मैं उसके लंड को पकड़ के अपनी चूत मे रगड़ने लगी. उसके लंड के प्री कम से चूत और स्लिपरी हो गयी थी. राज अब मेरे बूब्स को चूस रहा था और मैं उसके लंड को चूत मे रगड़ रही थी और रगड़ते रगड़ते लंड के सूपदे को अपनी चूत के सुराख मे अटका दिया और उसके कान मे धीरे से बोला फक मी राज फक मी ब्रेन्स आउट आइ नीड युवर आइरन लंड इन माइ बर्निंग चूत नाउ, प्लीज़ फक मी डार्लिंग आइ नीड दिस इन माइ हॉट वेट कंट, फक मी हार्ड राज और उसके बॅक पे अपनी टाँगें लपेट के उसके चूतदो को पकड़ के अपनी ओर खेचा तो उसने एक ही पवरफुल धक्का मारा तो लंड मेरी चूत को चीरता हुआ आधा लंड मेरी चूत के अंदर घुस गया और मेरे मूह से एक चीख ही निकल गयी ऊऊऊऊऊईईईईईईईईईईईईइ म्म्म्मममममममाआआआ उउउउउउउउउउफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ और मैं ने राज को बोहुत टाइट पकड़ लिया. राज थोड़ी देर आधा लंड चूत के अंदर डाले ही डाले चोदने लगा और फिर एक और झटका मारा तो उसका लंड घहुप्प की आवाज़ के साथ मेरी चूत की गहराइयों मे चूत की जड़ तक घुस्स गया ईईईईहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स और
उसका लंड अंदर तक घुसते ही मेरा बदन अकड़ गया मैने उसको टाइट पकड़ लिया. उसके मोटे लंड की मोटाई से मेरी चूत भर गयी थी. राज फ्लोर पे पैर रखे मेरे बदन पे झुका हुआ मुझे घचा घच चोदे जा रहा था किसी मशीन की तरह से उसके धक्के मेरी चूत पे पड़ रहे थे. मेरी चूत से तो पता नही कितने टाइम जूस निकल गया. चूत बे इंतेहा गीली हो चुकी थी. राज मुझे धना धन चोदे जा रहा था किसी पागलो की तरह से मेरे शोल्डर्स को पकड़ के मेरे बूब्स को चूस रहा था और फुल स्पीड से पवरफुल धक्के मार मार के चोदे जा रहा था. मेरे पूरे बदन मे मीठा मीठा सा दरद होने लगा, मेरे बदन का जोड़ जोड़ हिल रहा था मुझे उसके मोटे लंड सेचुदवाना सब से अछा लग रहा था. राज की चुदाई ने स्पीड पकड़ ली और बोहोत ही पवरफुल धक्के मार मार के चोद रहा था और फिर मुझे महसूस हुआ के उसका लंड मेरी चूत के अंदर ही फूल रहा हो और ज़ियादा मोटा हो गया था और फिर एक इतनी ज़ोर का फाइनल झटका मारा के मैं बेड पे ऊपेर की ओर खिसक गयी और राज के मूसल लंड से गाढ़ी गाढ़ी गरम गरम मलाई की पिचकारियाँ निकलने लगी और निकलती ही चली गयी. मैं ने राज को ज़ोर से पकड़ लिया और उसकी पहली पिचकारी के साथ मैं भी झड़ने. अब उसके धक्के स्लो हो गये थे और फिर वो अपना लंड मेरी चूत के अंदर ही डालके मेरे ऊपेर कोलॅप्स हो गया. उसका लंड मेरी चूत के अंदर ही पड़ा था और थोड़ा भी नरम नही हुआ था. मैं सोचने लगी के क्या मस्त लंड है राज का काश ऐसा लंड सतीश का भी होता. अब तक मैं सतीश को ऑलमोस्ट भूल ही चुकी थी. अब मेरे दिल ओ दिमाग़ मे सिर्फ़ और सिर्फ़ राज और उसका शानदार लंड था बॅस मुझे अब दुनिया मे और कुछ नही राज और उसका यह मोटा लंड ही चाहिए था. मैं आश्चर्या से सोचने लगी के मैं इतनी चुदासी तो नही थी पर अब कैसे हो गयी. मुझे तो चुदाई चाहिए थी बॅस और राज के मस्त लंड से चुदवाने के बाद मुझे सतीश का लंड बोहोत छोटा और नरम लगने लगा था और अब मैं तो राज के लंड की दीवानी हो चुकी थी. राज मेरे ऊपेर पड़ा था और हम दोनो ही गहरी गहरी साँसें ले रहे थे. राज ने मेरे कान मे धीमी आवाज़ से कहा स्नेहा मेरी जानू यू आर दा बेस्ट, आइ लव यू वेरी मच तो मैं ने भी कहा यू आर दा बेस्ट राज, सतीश नेवेर फक्ड मी लाइक यू फक्ड मी, यू आर दा महाराजा ऑफ फक्किंग आंड आइ लव यू टू फ्रॉम दा बॉटम ऑफ माइ हार्ट आंड सौल आइ नीड यू ऑल्वेज़ विथ मी राज प्लीज़ कीप मी विथ यू ऑल्वेज़, आइ डॉन’ट वॉंट टू गो टू बॅंगलुर अनीमोर और मैं उस से लिपट गयी और मेरी आँखो मे फिर से आँसू आ गये तो उसने मेरी आँखो को चूम लिया और आँसू को अपने होंठो से सॉफ किया और बोला के डॉन’ट वरी डार्लिंग आइ विल फाइंड आ वे आंड ए जॉब फॉर यू और फिर तुम यही रहना मेरे साथ फॉरेवर तो मैं खुश हो गयी.
क्रमशः......................