hotaks444
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सूरज-"माँ आज वही शार्ट ड्रेस पहनो जो मैंने दिलबाई थी"
रेखा-" वो तो में घर ही छोड़ आई,लेकिन एक ड्रेस लाई हूँ,कुर्ता और लेगी बाली ड्रेस,उसी को पहन लेती हूँ"
सूरज-"ठीक है माँ,बही पहन लो"रेखा शरमाती हुई कमरे से निकल कर अपने कमरे में आ जाती है, रेखा अपने बेग से ड्रेस निकालती है, रेखा ने आज तक सलवार कुर्ता नहीं पहना,आज पहली बार पहनने से पहले शर्मा रही थी,क्यूंकि कुर्ता थोडा शार्ट था,और नीचे लेगी थी, रेखा अपनी मेक्सी उतार देती है,लाल ब्रा और लाल पेंटी में खड़ी होकर शीशे के सामने अपना गदराया हुआ शरीर देखती है, रेखा फेसनेवल जालीदार पेंटी पहनी थी,जो सिर्फ चूत को ही ढकी हुई थी,पेंटी बहुत टाइट थी,चूत का उभार साफ़ दिखाई दे रहा था, 40 साइज़ की चूचियाँ ब्रा से बाहर आने के लिए आतुर थी, रेखा दोनों हांथो से अपने बूब्स को हाँथ से दबाती है,ऐसा लग रहा था जैसे वो उनका मापन कर रही थी। रेखा की लंबाई 5 फुट 6 इंच थी,भरा हुआ बदन और मोटी चौड़ी गांड, किसी का भी लंड खड़ा कर दे, मोटी मोटी जांघे,सफ़ेद दूधिया जिस्म चमक रहा था, रेखा लेगी उठाकर पहनने लगती है,सफ़ेद रंग की लेगी बहुत कोमल और सॉफ्ट थी लेकिन बहुत टाइट थी, लेगी पहनते ही शीशे में देखती है,लेगी टांगो में चुपक गई थी,और गांड का आकर लेगी में साफ़ उभर कर आ गया, सामने उसकी जांघे और जांघो के बीच चूत का उभार झलक रहा था, रेखा लेगी पहनने के बाद भी ऐसा लग रहा था जैसे नंगी खड़ी है, रेखा को बहुत शर्म आ रही थी। रेखा सोचती है सूरज देख कर क्या सोचेगा,रेखा कुर्ता भी पहन लेती है,और शीशे में देखती है,कुर्ता उसके जिस्म से चुपका हुआ था,उसकी चूचियों की खाई एक गुफा की तरह दिखाई दे रही थी।
रेखा ज्यादा देर न करते हुए जल्दी से मेकअप करती है। और शीशे में अपने आपको देखती है।
आज रेखा बाकई में किसी जवान लड़की की तरह लग रही थी, कुरता शार्ट होने के कारण सिर्फ उसकी जांघो तक ही था,रेखा पीछे अपनी गांड की तरफ नज़र मारती है, गांड बाहर की ओर निकली दिखाई देती है, रेखा शरमाती हुई अपने कमरे से बाहर निकल कर सूरज के कमरे में जाने लगती है, रेखा की धड़कन बहुत तेज थी और हलकी घबराहट भी थी, चूँकि आज पहली बार साडी को त्याग कर कुरता लेगी पहनी थी आज उसने अपना नया रूप देखा था और अब सूरज को अपना नया रूप दिखाने जा रही थी ।
इधर सूरज बाथरूम से फ्रेस होने के बाद कच्छा बनियान में बाहर निकल कर खड़ा ही था तभी रेखा सूरज के कमरे में प्रवेश करती है। सूरज जैसे ही रेखा को देखता है तो हैरान रह जाता है, उसने कभी सोचा भी नहीं था रेखा इतनी कामुक और हॉट लगेगी, सूरज की नज़र रेखा की बाहर निकली हुई गांड पर जाती है जो सफ़ेद लेगी में साफ़ झलक रही थी, गांड को देखने के बाद सूरज की नज़र रेखा की चुचियों की तरफ जाती है जिनका आकर साफ पता चल रहा था और थोडा सा गला खुला हुआ था जिसमे उसकी खाई एक नाली की तरह दिखाई दे रही थी, सूरज का लंड उसके कच्छे में तन जाता है,इधर रेखा सूरज के इस तरह देखने से शर्मा रही थी । रेखा की नज़र सूरज के फ्रेंच कच्छे में जाती है तो हैरान रह जाती है,उसका लंड कच्छा फाड़ कर बाहर आने के लिए बेकाबू हो रहा था। रेखा की धड़कने और बढ़ जाती हैं। खुद के बेटा का लंड खड़ा हो जाना उसके लिए किसी परिक्षण से कम नहीं था, रेखा समझ जाती है की वो बाकई इस ड्रेस में बहुत कामुक लग रही है । रेखा अपनी धड़कने काबू करते हुए सूरज से बोली।
रेखा-"सूरज तू अभी तैयार नहीं हुआ" रेखा के बोलने पर भी सूरज ध्यान नहीं देता है और आँखे फाड़े जिस्म का एक्सरा अपनी आँखों से कर रहा था। रेखा इस बार तेजी से बोलती है ।
रेखा-"सूरज" सूरज एक दम हड़बडाता हुआ कल्पना से निकल कर आता है ।
सूरज-"ह हाँ म माँ, बस अभी तैयार हो रहा हूँ" सूरज जैसे ही नीचे अपने कच्छे को देखता है तो चोंक जाता है,अपनी ही माँ को देख कर लंड खड़ा था, सूरज अपनी जीन्स की पेंट उठा कर बाथरूम में भाग जाता है शर्म के कारण, रेखा के चेहरे पर हलकी मुस्कान आ जाती है यह देख कर ।जीन्स की पेंट में बड़ी मुश्किल से अपने लंड को कैद करता है,लेकिन फिर भी लंड का उभार साफ़ दिखाई दे रहा था, सूरज जल्दी से टीशर्ट पहन लेता है,जिससे लंड का उभार छिप जाए । कपडे पहनने के बाद सूरज कमरे में आता है, रेखा अभी भी सोफे पर बैठी थी ।
सूरज-"माँ चलें अब" शर्माता हुआ बोला।
रेखा-"हाँ चलो" हेलिना आ चुकी थी और बाहर गाडी के पास खड़ी सूरज का इंतज़ार कर रही थी। हेलिना सुरज को गुड़ मॉर्निंग विश करती है और गले लगा कर हग करती है । हेलिना आज भी बहुत हॉट लग रही थी, सूरज हेलिना को वाटर फॉल और बिच पर घूमने के लिए अंग्रेजी में बोलता है, रेखा उन दोनों की बातें समझ नहीं पा रही थी, चूँकि रेखा 10वीं तक पढ़ी थी । सूरज आगे बाली सीट पर बैठ जाता है और रेखा पीछे की सीट पर बैठ जाती है, हेलिना गाडी दौड़ा देती है । रेखा गाडी के शीशे से बाहर अमेरिका की खूबसूरती देखने में व्यस्त थी इधर सूरज फ्रंट शीशे से रेखा के बूब्स देख रहा था। हेलिना समझ जाती है की सूरज रेखा की चूचियाँ देख रहा है,हेलिना के चेहरे पर कुटिल मुस्कान तैर जाती है, हेलिना अपना एक हाँथ ले जाकर सूरज के पेंट पर रख कर लंड मसल देती है, सूरज घबरा जाता है और हेलिना को देखने लगता है, हेलिना एक आँख मारती हुई अपनी जांघे खोल कर दिखती हुई इशारा करती है, हेलिना पेंटी पहनी हुई थी, सूरज हेलिना की जांघे और पेंटी देख कर ललचा जाता है। हेलिना एक हाँथ अपनी पेंटी खिसका कर चूत दिखती हुई मुस्कराती है, सूरज का लंड झटके मारने लगता है। सूरज को डर था की कहीं माँ न देख ले इसलिए हेलिना को माँ की ओर इशारा करते हुए मना करता है । हेलिना चुपचाप गाडी चलाने लगती है । कुछ ही देर में दोनों बीच पर पहुँच जाते हैं । रेखा जैसे ही बीच पर लड़कियां और औरतो को ब्रा और पेंटी में देखती है तो हैरान रह जाती है ।
रेखा और सूरज जैसे ही बीच पर जाते हैं, रेखा हैरत भरी नज़रो से ब्रा पेंटी में नहाती लड़कियों को देख कर शर्म से पानी पानी हो रही थी।
रेखा-"सूरज ये कैसी जगह है, तू मुझे यहाँ क्यूँ लाया है?"
सूरज-"माँ यह समुद्री तट है,यहाँ लोग घूमने और मौज मस्ती करने आते हैं"
रेखा-' मुझे यहाँ बहुत शर्म आ रही है,यहाँ तो सभी लोग नंगे घूम रहें हैं, तू यहाँ से चल सूरज"
सूरज-"माँ आपकी शर्म दूर करने ही तो यहाँ लाया हूँ, यहाँ का नज़ारा देखो आप,कैसे लोग पानी में मस्ती कर रहें हैं" सूरज रेखा को दूर ले जाता हैं,जहाँ पहाड़ थे,और सुनसान जगह थी, पहले तान्या को लेकर भी गया था।
रेखा-" मुझे तो इन कपड़ो में शर्म आ रही है" सूरज एक बार फिर से रेखा को ऊपर से निचे तक देखता है।
सूरज-"माँ आप इन कपड़ो में बहुत हॉट लग रही हो,पापा देखते तो पीछे ही पड़ जाते आपके"सूरज हसते हुए बोला।
रेखा-" तेरे पापा को फुरसत ही कहाँ है मुझे देखने के लिए,हमेसा अपने बिजनेस में ही लगे रहते हैं"
सूरज-'माँ आप फिकर मत करो,आज देखना पापा आपके पीछे पीछे भागेंगे" रेखा हैरत से सूरज को देखती है ।
रेखा-'ऐसा क्या करेगा तू?"
सूरज-"आज में आपको बढ़िया सी नायटी दिलबाउंगा,और हॉट ड्रेस भी,फिर देखना आज पापा कैसे आपके पीछे पीछे भागेंगे"रेखा शर्मा जाती है।
रेखा-" ओह्ह्ह सूरज,तू कैसी बात करता है,तेरी बात सुनकर मुझे तो शर्म आती है,अपनी ही माँ को सलाह देता है"
सूरज-"अरे माँ,आप भूल गई डॉक्टर ने बोला था.....?" सूरज बोलते बोलते रुक गया, रेखा समझ जाती है सूरज सेक्स के लिए बोलने बाला था।
रेखा-"क्या बोला था तुझसे?" रेखा और सूरज रेतीले जगह पर बैठ जाते हैं, रेखा के बैठते ही कुरता ऊपर हो जाता है, सूरज की नज़र रेखा के झांघो के बीच चली जाती है, जहाँ लेगी चुस्त होने के कारण फूली हुई चूत का उभार दिखाई दे जाता है, सूरज लगातार चूत के उभार और आकृति को देखने लगता है ।
रेखा-"बोल न सूरज क्या बोला था डॉक्टर ने तुझसे" सूरज अपनी नज़रे हटाते हुए बोला।
सूरज-"डॉक्टर ने बोला था की आपकी नसों में पानी जम गया है,पानी निकलना बहुत जरुरी है"रेखा शर्मा जाती है । यह बात सुनकर रेखा की चूत गीली होने लगती है।
रेखा-"हाँ बोला था डॉक्टर ने" रेखा शरमाती हुई बोली।
सूरज-'इसलिए माँ,पापा ही आपकी इस काम में मदद कर सकते हैं" रेखा फिर से शरमाती हुई देखती है, रेखा की चूत गीली होने से उसे सूरज से बात करने में बड़ा मजा आ रहा था,लेकिन शर्म भी बहुत आ रही थी ।
रेखा-"ह्म्म्म्म",
सूरज-'माँ क्या पापा ने अभी तक कुछ किया नहीं है" इस बार रेखा फिर से सूरज की खुली बाते सुनकर हैरान थी ।
रेखा-'ओह्ह्ह सूरज तू अपनी माँ से कैसी बात करता है,मुझे तो बहुत शर्म आ रही है"
सूरज-"माँ में इसलिए पूछ रहा हूँ,ताकि आपकी मदद कर सकूँ, बोलो न माँ कुछ किया है पापा ने"
रेखा-"अभी नहीं"रेखा शरमाती हुई बोली।
सूरज-"ओह्ह्ह माँ,आप इतनी खूबसूरत हो,पापा की जगह कोई और होता तो अब तक रोक पाना उसके लिए मुश्किल होता" रेखा हैरानी से सूरज की बात सुनती है, उसका अपना बेटा उसके बदन की खूबसूरती की तारीफ़ कर रहा था ।
रेखा-"ओह्ह्ह सूरज कैसी बात करता है तू,अपनी माँ के बारे में"
सूरज-"माँ सच कह रहा हूँ,अच्छा माँ एक बात पुछू?" रेखा को अंदर ही अंदर बहुत मजा भी आ रहा था ।
रेखा-"हाँ पूछ"
सूरज-" डॉक्टर ने आपको मालिस करने के लिए बोला था,क्या आप रोज करती हो मालिस"सूरज की बात सुनकर रेखा की चूत से पानी की बून्द टपक कर लेगी को भिगाने लगती है, सूरज भीगती लेगी को चूत बाले स्थान को देख रहा था।
रेखा-"हाँ करती हूँ सूरज"रेखा की बात सुन कर सूरज का लंड पेंट में झटके मारने लगता है।
सूरज-"पानी निकलता है अब" आज बिना ऊँगली किए ही रेखा की चूत बह रही थी,सूरज की बातें सुन कर ।
रेखा-"हाँ निकलता है"रेखा को समझ नहीं आ रहा था वो सूरज के हर सवाल का जवाब क्यूँ दे रही है, दोनों लोग बात ही कर रहे थे तभी हेलिना अपने कपडे उतार कर ब्रा पेंटी में सूरज और रेखा के पास आती है । और सूरज से नहाने के लिए बोलती है।सूरज तो हेलिना के ब्रा से बाहर निकलते बूब्स को देख रहा था कभी उसकी पेंटी को जिसमे सिर्फ चूत ही ढकी थी,मोटी और चौड़ी गांड साफ़ दिखाई दे रही थी, हेलिना और सूरज अंग्रेजी में बात करते है, इधर रेखा हेलिना के इस अधनंगे जिस्म को आँखे फाड़े देख शर्मा रही थी, तभी रेखा बोलती है।
रेखा-"तुम लोग अंग्रेजी में क्या बोल रहे हो मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा है",
सूरज-"माँ ये समुद्र में नहाने के लिए बोल रही है, आप अपने कपडे उतार कर नहा लो", सूरज अपनी पेंट और टीशर्ट उतारते हुए बोला।
रेखा-"नहीं तुम नहा लो, में नहीं नहाउंगी"
सूरज-"अरे माँ आप उस पहाड़ के पीछे नहा लेना,कोई नहीं देखेगा"हेलिना भी बहुत कहती है तो रेखा मान जाती है, इधर रेखा सूरज के कच्छे में खड़े लंड को देख रही थी,सूरज भी समझ जाता है माँ क्या देख रही है, तभी हेलिना सूरज को लेकर पानी में कूद जाती है, दोनों लोग पानी में मस्ती करते देख रेखा को हेलिना से जलन होने लगती है, रेखा भी अपनी लेगी और कुरता उतार कर पहाड़ की आढ में नहाने घुस जाती है, पानी रेखा की गर्दन तक था, इधर हेलिना पानी में सूरज के लंड को बाहर निकाल कर हिलाने लगती है और अपनी पेंटी को उतार कर किनारे पर रख देती है। सूरज तो दो दिन का भूकास था,हेलिना और सूरज एक पहाड़ की चट्टान के पीछे जाकर हेलिना की चूत चाटने लगता है और हेलिना सूरज का लंड चूसने लगती है,काफी देर चूसने के बाद हेलिना सूरज को चट्टान पर लेटा कर उसके लंड पर बैठ कर चुदाई करने लगती है,इधर रेखा को सूरज और हेलिना दिखाई नहीं देते हैं तो वह चट्टान से निकल कर दूसरी चट्टान के पीछे देखती है तो हैरान रह जाती है, सूरज का मोटा लंड हेलिना की चूत में अंदर बाहर हो रहा था,रेखा हैरान थी की हेलिना की चूत में सूरज का इतना मोटा लंड कैसे घुस गया,सूरज अब हेलिना को घोड़ी बना कर चोद रहा था, रेखा यह देख कर बहुत गुस्से में थी,इधर उसकी चूत भी गीली हो गई, रेखा अपनी चूत में ऊँगली करने लगती है,सूरज ताबड़ तोड़ चुदाई करते हुए झड़ने बाला होता है तभी हेलिना सूरज के लंड को चूत से निकाल कर मुह में लेकर हिलाने लगती है,रेखा की उंगलिया तेजी से चूत में चलने लगती है,सूरज का मोटा लंबा लंड और उसका लाल सुपाड़ा देख आज पहली बार रेखा आकर्षित हुई थी, इधर जैसे ही सूरज के लंड से पानी निकलता है,तभी उसे रेखा की सिसकी सुनाई देती है, सूरज और रेखा की नज़रे आपस में टकरा जाती हैं, रेखा भी झड़ने लगती है,इधर सूरज के झड़ते ही हेलिना सारा पानी चाट लेती है, रेखा शर्म से भाग कर छुप जाती है और अपने कपडे पहन लेती है। सूरज भी पानी से निकल कर अपने कपडे पहन कर रेखा के पास आता है, रेखा के हाँथ में भीगी हुई ब्रा और पेंटी थी । सूरज और रेखा आपस में नज़रे नहीं मिला पा रहे थे।
सूरज-"माँ अब चलें?" रेखा सिर्फ हाँ में गर्दन हिलाती हुई सूरज के साथ चल देती है और गाडी में बैठ कर एक मॉल में आ जाते हैं। रेखा के दिमाग में अभी भी सूरज और हेलिना की चुदाई घूम रही थी।
दोनों आपस में बात करने में भी शर्मा रहे थे,इस बीच कई बार सूरज रेखा को देखता तो रेखा सूरज को देखती । हेलिना और रेखा दोनों लोग मॉल में आकर शार्ट नायटी की शॉप में जाकर हॉट सी नायटी खरीद लेती है। और बहुत से हॉट कपडे,जिसमे स्कर्ट और जीन्स भी थी । रेखा एक ब्रा पेंटी की लेटेस्ट जोड़ी खरीदती है, जिसे सूरज सिर्फ खड़ा देख रहा था । हेलिना ने जानबूझ कर सभी हॉट ड्रेस दिलबाई । सूरज तो बस मन ही मन कल्पना कर रहा था की माँ इन कपड़ो में कैसी लगेगी। रेखा और हेलिना सूरज के पास आती है।
रेखा-"सूरज मेरी खरीदारी हो गई, तुझे कुछ लेना है"पहली बार रेखा सामान्य व्यबहार करते हुए बोली जिससे सूरज की हिम्मत बढ़ गई ।
सूरज-"नहीं माँ,मुझे कुछ नहीं लेना है, आप लेलो"
रेखा-"मैंने जो कपडे लिए हैं वो ठीक तो है न"
सूरज-'हाँ माँ ठीक है" हेलिना गाडी के पास चली जाती है । तभी सूरज रेखा से माफ़ी मांगने लगता है।
सूरज-' माँ मुझे माफ़ कर दो"
रेखा-"ऐसे माफ़ नहीं करुँगी,पहले घर चल मुझे तुझसे बात करनी है" रेखा की बात सुन कर सूरज डर जाता है । दोनों लोग घर के लिए निकल जाते हैं। रेखा गाडी से उतर कर घर में घुसने लगती है,सूरज जैसे ही उतरता है उसे गाड़ी में रेखा की गीली ब्रा और पेंटी दिखाई देती है, सूरज ब्रा और पेंटी को उठाकर घर में घुसता है । रेखा अपने कमरे में जा चुकी थी । सूरज पेंटी को देखने लगता है जिसमें रेखा का सफ़ेद पानी लगा हुआ था, सूरज समझ जाता है माँ भी आज झड़ गई है और इसी पेंटी से चूत को साफ़ किया है, सूरज का लंड खड़ा हो जाता है, सूरज रेखा के कामरस को सूंघने लगता है,खुशबु सूंघते ही सूरज का लंड झटके मारने लगता है, एक हाँथ से अपना लंड मसलता है और पेंटी को सूंघता है, सूरज का मन पेंटी पर लगे कामरस को चाटने का करता है, इधर रेखा को अपनी गीली ब्रा पेंटी की याद आती है जो गाडी में भूल आई थी उन्हें लेने के लिए जैसे ही कमरे से
निकलती है उसे सूरज दिखाई दे जाता है जो उसकी पेंटी को सूंघ कर अपना लंड मसल रहा था,रेखा ये देख कर चोंक जाती है, उसकी चूत गीली होने लगती है, रेखा छुप कर देख रही थी, तभी उसे झटका लगता है जब सूरज उसकी पेंटी पर लगे कामरस को चाटने लगता है । रेखा के होश उड़ जाते है । रेखा की उत्तेजना बढ़ने लगती है । सूरज पेंटी को चाटने के बाद रेखा के कमरे में जाने लगता है तभी रेखा जल्दी से अपने कमरे में जाकर सोफे पर बैठ जाती है । सूरज के आते ही रेखा खड़ी हो जाती है, सूरज के हाँथ में उसकी ब्रा पेंटी थी।
सूरज-"माँ आपकी ब्रा पेंटी गाडी में रह गई थी"ब्रा पेंटी देते हुए बोला ।
रेखा-"ओह्ह हाँ में तो भूल ही गई" सूरज ब्रा पेंटी देकर जाने लगता है,तभी रेखा बोलती है ।
रेखा-"जा कहाँ रहा है, मुझे तुझसे कुछ बात करनी है", सूरज पलट कर रेखा के पास आता है।
सूरज-"ओह्ह माँ सॉरी आज जो भी आपने देखा उसके लिए"
रेखा-"कबसे चल रहा है ये"
सूरज-"पिछली बार जब तान्या दीदी के साथ आया था तब से"
रेखा-'ओह्ह अच्छा,तू पहले भी उसके साथ कर चूका है"
सूरज-"हाँ माँ"
रेखा-"अब तक कितने बार किया है उसके साथ"
सूरज-'तीन चार बार"रेखा यह सुन कर हैरान रह जाती है।
रेखा-'वो तेरी माँ की उम्र की है,तुझे शर्म नहीं आई"
सूरज-"इसमें उम्र नहीं देखि जाती है"
रेखा-"मतलब तू किसी के साथ भी सेक्स कर सकता है"पहली बार रेखा सेक्स शब्द जोड़ती है।
सूरज-"सबके साथ नहीं माँ"
रेखा-" चल कोई बात नहीं, हवस के आगे लोग अंधे हो जाते हैं"
सूरज-"माँ यह हवस की आग ही ऐसी होती है, इस पर किसी का जोर नहीं होता"
रेखा-"ओह्ह्ह तुझे तो बहुत ज्ञान है इन बातो का, कितनो के साथ तूने सेक्स किया है अब तक"
सूरज-"तीन चार के साथ"रेखा यह सुनकर हैरान थी चुकी उसने तो सिर्फ अपने पति से ही चुदवाया था।
रेखा-"ओह्ह्हो तुझे कैसे बर्दास्त कर लेती है लड़कियां" रेखा अब सामान्य होकर हसते हुए बोली।
सूरज-"समझा नही माँ" इस बार रेखा सूरज से थोडा खुल कर बोली।
रेखा-"तेरा बहुत बड़ा साइज़ है,दर्द नहीं होता"रेखा शरमाते हुए बोली,लेकिन सूरज इस बार रेखा को हैरत से देखता है ।
सूरज-"पहली बार में दर्द होता है फिर नहीं"
रेखा-'मुझे तो इसी बात की टेंसन है,में दर्द बर्दास्त नहीं कर पाउंगी,अगर तेरे पापा ने कुछ किया तो"
सूरज-"माँ आप उसकी फ़िक्र मत करो,मेरे पास एक क्रीम है उसको लगा कर सेक्स करना" रेखा चोंकती हुई बोली।
रेखा-'सच में,फिर तो वो क्रीम मुझे दे देना"
रेखा-" वो तो में घर ही छोड़ आई,लेकिन एक ड्रेस लाई हूँ,कुर्ता और लेगी बाली ड्रेस,उसी को पहन लेती हूँ"
सूरज-"ठीक है माँ,बही पहन लो"रेखा शरमाती हुई कमरे से निकल कर अपने कमरे में आ जाती है, रेखा अपने बेग से ड्रेस निकालती है, रेखा ने आज तक सलवार कुर्ता नहीं पहना,आज पहली बार पहनने से पहले शर्मा रही थी,क्यूंकि कुर्ता थोडा शार्ट था,और नीचे लेगी थी, रेखा अपनी मेक्सी उतार देती है,लाल ब्रा और लाल पेंटी में खड़ी होकर शीशे के सामने अपना गदराया हुआ शरीर देखती है, रेखा फेसनेवल जालीदार पेंटी पहनी थी,जो सिर्फ चूत को ही ढकी हुई थी,पेंटी बहुत टाइट थी,चूत का उभार साफ़ दिखाई दे रहा था, 40 साइज़ की चूचियाँ ब्रा से बाहर आने के लिए आतुर थी, रेखा दोनों हांथो से अपने बूब्स को हाँथ से दबाती है,ऐसा लग रहा था जैसे वो उनका मापन कर रही थी। रेखा की लंबाई 5 फुट 6 इंच थी,भरा हुआ बदन और मोटी चौड़ी गांड, किसी का भी लंड खड़ा कर दे, मोटी मोटी जांघे,सफ़ेद दूधिया जिस्म चमक रहा था, रेखा लेगी उठाकर पहनने लगती है,सफ़ेद रंग की लेगी बहुत कोमल और सॉफ्ट थी लेकिन बहुत टाइट थी, लेगी पहनते ही शीशे में देखती है,लेगी टांगो में चुपक गई थी,और गांड का आकर लेगी में साफ़ उभर कर आ गया, सामने उसकी जांघे और जांघो के बीच चूत का उभार झलक रहा था, रेखा लेगी पहनने के बाद भी ऐसा लग रहा था जैसे नंगी खड़ी है, रेखा को बहुत शर्म आ रही थी। रेखा सोचती है सूरज देख कर क्या सोचेगा,रेखा कुर्ता भी पहन लेती है,और शीशे में देखती है,कुर्ता उसके जिस्म से चुपका हुआ था,उसकी चूचियों की खाई एक गुफा की तरह दिखाई दे रही थी।
रेखा ज्यादा देर न करते हुए जल्दी से मेकअप करती है। और शीशे में अपने आपको देखती है।
आज रेखा बाकई में किसी जवान लड़की की तरह लग रही थी, कुरता शार्ट होने के कारण सिर्फ उसकी जांघो तक ही था,रेखा पीछे अपनी गांड की तरफ नज़र मारती है, गांड बाहर की ओर निकली दिखाई देती है, रेखा शरमाती हुई अपने कमरे से बाहर निकल कर सूरज के कमरे में जाने लगती है, रेखा की धड़कन बहुत तेज थी और हलकी घबराहट भी थी, चूँकि आज पहली बार साडी को त्याग कर कुरता लेगी पहनी थी आज उसने अपना नया रूप देखा था और अब सूरज को अपना नया रूप दिखाने जा रही थी ।
इधर सूरज बाथरूम से फ्रेस होने के बाद कच्छा बनियान में बाहर निकल कर खड़ा ही था तभी रेखा सूरज के कमरे में प्रवेश करती है। सूरज जैसे ही रेखा को देखता है तो हैरान रह जाता है, उसने कभी सोचा भी नहीं था रेखा इतनी कामुक और हॉट लगेगी, सूरज की नज़र रेखा की बाहर निकली हुई गांड पर जाती है जो सफ़ेद लेगी में साफ़ झलक रही थी, गांड को देखने के बाद सूरज की नज़र रेखा की चुचियों की तरफ जाती है जिनका आकर साफ पता चल रहा था और थोडा सा गला खुला हुआ था जिसमे उसकी खाई एक नाली की तरह दिखाई दे रही थी, सूरज का लंड उसके कच्छे में तन जाता है,इधर रेखा सूरज के इस तरह देखने से शर्मा रही थी । रेखा की नज़र सूरज के फ्रेंच कच्छे में जाती है तो हैरान रह जाती है,उसका लंड कच्छा फाड़ कर बाहर आने के लिए बेकाबू हो रहा था। रेखा की धड़कने और बढ़ जाती हैं। खुद के बेटा का लंड खड़ा हो जाना उसके लिए किसी परिक्षण से कम नहीं था, रेखा समझ जाती है की वो बाकई इस ड्रेस में बहुत कामुक लग रही है । रेखा अपनी धड़कने काबू करते हुए सूरज से बोली।
रेखा-"सूरज तू अभी तैयार नहीं हुआ" रेखा के बोलने पर भी सूरज ध्यान नहीं देता है और आँखे फाड़े जिस्म का एक्सरा अपनी आँखों से कर रहा था। रेखा इस बार तेजी से बोलती है ।
रेखा-"सूरज" सूरज एक दम हड़बडाता हुआ कल्पना से निकल कर आता है ।
सूरज-"ह हाँ म माँ, बस अभी तैयार हो रहा हूँ" सूरज जैसे ही नीचे अपने कच्छे को देखता है तो चोंक जाता है,अपनी ही माँ को देख कर लंड खड़ा था, सूरज अपनी जीन्स की पेंट उठा कर बाथरूम में भाग जाता है शर्म के कारण, रेखा के चेहरे पर हलकी मुस्कान आ जाती है यह देख कर ।जीन्स की पेंट में बड़ी मुश्किल से अपने लंड को कैद करता है,लेकिन फिर भी लंड का उभार साफ़ दिखाई दे रहा था, सूरज जल्दी से टीशर्ट पहन लेता है,जिससे लंड का उभार छिप जाए । कपडे पहनने के बाद सूरज कमरे में आता है, रेखा अभी भी सोफे पर बैठी थी ।
सूरज-"माँ चलें अब" शर्माता हुआ बोला।
रेखा-"हाँ चलो" हेलिना आ चुकी थी और बाहर गाडी के पास खड़ी सूरज का इंतज़ार कर रही थी। हेलिना सुरज को गुड़ मॉर्निंग विश करती है और गले लगा कर हग करती है । हेलिना आज भी बहुत हॉट लग रही थी, सूरज हेलिना को वाटर फॉल और बिच पर घूमने के लिए अंग्रेजी में बोलता है, रेखा उन दोनों की बातें समझ नहीं पा रही थी, चूँकि रेखा 10वीं तक पढ़ी थी । सूरज आगे बाली सीट पर बैठ जाता है और रेखा पीछे की सीट पर बैठ जाती है, हेलिना गाडी दौड़ा देती है । रेखा गाडी के शीशे से बाहर अमेरिका की खूबसूरती देखने में व्यस्त थी इधर सूरज फ्रंट शीशे से रेखा के बूब्स देख रहा था। हेलिना समझ जाती है की सूरज रेखा की चूचियाँ देख रहा है,हेलिना के चेहरे पर कुटिल मुस्कान तैर जाती है, हेलिना अपना एक हाँथ ले जाकर सूरज के पेंट पर रख कर लंड मसल देती है, सूरज घबरा जाता है और हेलिना को देखने लगता है, हेलिना एक आँख मारती हुई अपनी जांघे खोल कर दिखती हुई इशारा करती है, हेलिना पेंटी पहनी हुई थी, सूरज हेलिना की जांघे और पेंटी देख कर ललचा जाता है। हेलिना एक हाँथ अपनी पेंटी खिसका कर चूत दिखती हुई मुस्कराती है, सूरज का लंड झटके मारने लगता है। सूरज को डर था की कहीं माँ न देख ले इसलिए हेलिना को माँ की ओर इशारा करते हुए मना करता है । हेलिना चुपचाप गाडी चलाने लगती है । कुछ ही देर में दोनों बीच पर पहुँच जाते हैं । रेखा जैसे ही बीच पर लड़कियां और औरतो को ब्रा और पेंटी में देखती है तो हैरान रह जाती है ।
रेखा और सूरज जैसे ही बीच पर जाते हैं, रेखा हैरत भरी नज़रो से ब्रा पेंटी में नहाती लड़कियों को देख कर शर्म से पानी पानी हो रही थी।
रेखा-"सूरज ये कैसी जगह है, तू मुझे यहाँ क्यूँ लाया है?"
सूरज-"माँ यह समुद्री तट है,यहाँ लोग घूमने और मौज मस्ती करने आते हैं"
रेखा-' मुझे यहाँ बहुत शर्म आ रही है,यहाँ तो सभी लोग नंगे घूम रहें हैं, तू यहाँ से चल सूरज"
सूरज-"माँ आपकी शर्म दूर करने ही तो यहाँ लाया हूँ, यहाँ का नज़ारा देखो आप,कैसे लोग पानी में मस्ती कर रहें हैं" सूरज रेखा को दूर ले जाता हैं,जहाँ पहाड़ थे,और सुनसान जगह थी, पहले तान्या को लेकर भी गया था।
रेखा-" मुझे तो इन कपड़ो में शर्म आ रही है" सूरज एक बार फिर से रेखा को ऊपर से निचे तक देखता है।
सूरज-"माँ आप इन कपड़ो में बहुत हॉट लग रही हो,पापा देखते तो पीछे ही पड़ जाते आपके"सूरज हसते हुए बोला।
रेखा-" तेरे पापा को फुरसत ही कहाँ है मुझे देखने के लिए,हमेसा अपने बिजनेस में ही लगे रहते हैं"
सूरज-'माँ आप फिकर मत करो,आज देखना पापा आपके पीछे पीछे भागेंगे" रेखा हैरत से सूरज को देखती है ।
रेखा-'ऐसा क्या करेगा तू?"
सूरज-"आज में आपको बढ़िया सी नायटी दिलबाउंगा,और हॉट ड्रेस भी,फिर देखना आज पापा कैसे आपके पीछे पीछे भागेंगे"रेखा शर्मा जाती है।
रेखा-" ओह्ह्ह सूरज,तू कैसी बात करता है,तेरी बात सुनकर मुझे तो शर्म आती है,अपनी ही माँ को सलाह देता है"
सूरज-"अरे माँ,आप भूल गई डॉक्टर ने बोला था.....?" सूरज बोलते बोलते रुक गया, रेखा समझ जाती है सूरज सेक्स के लिए बोलने बाला था।
रेखा-"क्या बोला था तुझसे?" रेखा और सूरज रेतीले जगह पर बैठ जाते हैं, रेखा के बैठते ही कुरता ऊपर हो जाता है, सूरज की नज़र रेखा के झांघो के बीच चली जाती है, जहाँ लेगी चुस्त होने के कारण फूली हुई चूत का उभार दिखाई दे जाता है, सूरज लगातार चूत के उभार और आकृति को देखने लगता है ।
रेखा-"बोल न सूरज क्या बोला था डॉक्टर ने तुझसे" सूरज अपनी नज़रे हटाते हुए बोला।
सूरज-"डॉक्टर ने बोला था की आपकी नसों में पानी जम गया है,पानी निकलना बहुत जरुरी है"रेखा शर्मा जाती है । यह बात सुनकर रेखा की चूत गीली होने लगती है।
रेखा-"हाँ बोला था डॉक्टर ने" रेखा शरमाती हुई बोली।
सूरज-'इसलिए माँ,पापा ही आपकी इस काम में मदद कर सकते हैं" रेखा फिर से शरमाती हुई देखती है, रेखा की चूत गीली होने से उसे सूरज से बात करने में बड़ा मजा आ रहा था,लेकिन शर्म भी बहुत आ रही थी ।
रेखा-"ह्म्म्म्म",
सूरज-'माँ क्या पापा ने अभी तक कुछ किया नहीं है" इस बार रेखा फिर से सूरज की खुली बाते सुनकर हैरान थी ।
रेखा-'ओह्ह्ह सूरज तू अपनी माँ से कैसी बात करता है,मुझे तो बहुत शर्म आ रही है"
सूरज-"माँ में इसलिए पूछ रहा हूँ,ताकि आपकी मदद कर सकूँ, बोलो न माँ कुछ किया है पापा ने"
रेखा-"अभी नहीं"रेखा शरमाती हुई बोली।
सूरज-"ओह्ह्ह माँ,आप इतनी खूबसूरत हो,पापा की जगह कोई और होता तो अब तक रोक पाना उसके लिए मुश्किल होता" रेखा हैरानी से सूरज की बात सुनती है, उसका अपना बेटा उसके बदन की खूबसूरती की तारीफ़ कर रहा था ।
रेखा-"ओह्ह्ह सूरज कैसी बात करता है तू,अपनी माँ के बारे में"
सूरज-"माँ सच कह रहा हूँ,अच्छा माँ एक बात पुछू?" रेखा को अंदर ही अंदर बहुत मजा भी आ रहा था ।
रेखा-"हाँ पूछ"
सूरज-" डॉक्टर ने आपको मालिस करने के लिए बोला था,क्या आप रोज करती हो मालिस"सूरज की बात सुनकर रेखा की चूत से पानी की बून्द टपक कर लेगी को भिगाने लगती है, सूरज भीगती लेगी को चूत बाले स्थान को देख रहा था।
रेखा-"हाँ करती हूँ सूरज"रेखा की बात सुन कर सूरज का लंड पेंट में झटके मारने लगता है।
सूरज-"पानी निकलता है अब" आज बिना ऊँगली किए ही रेखा की चूत बह रही थी,सूरज की बातें सुन कर ।
रेखा-"हाँ निकलता है"रेखा को समझ नहीं आ रहा था वो सूरज के हर सवाल का जवाब क्यूँ दे रही है, दोनों लोग बात ही कर रहे थे तभी हेलिना अपने कपडे उतार कर ब्रा पेंटी में सूरज और रेखा के पास आती है । और सूरज से नहाने के लिए बोलती है।सूरज तो हेलिना के ब्रा से बाहर निकलते बूब्स को देख रहा था कभी उसकी पेंटी को जिसमे सिर्फ चूत ही ढकी थी,मोटी और चौड़ी गांड साफ़ दिखाई दे रही थी, हेलिना और सूरज अंग्रेजी में बात करते है, इधर रेखा हेलिना के इस अधनंगे जिस्म को आँखे फाड़े देख शर्मा रही थी, तभी रेखा बोलती है।
रेखा-"तुम लोग अंग्रेजी में क्या बोल रहे हो मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा है",
सूरज-"माँ ये समुद्र में नहाने के लिए बोल रही है, आप अपने कपडे उतार कर नहा लो", सूरज अपनी पेंट और टीशर्ट उतारते हुए बोला।
रेखा-"नहीं तुम नहा लो, में नहीं नहाउंगी"
सूरज-"अरे माँ आप उस पहाड़ के पीछे नहा लेना,कोई नहीं देखेगा"हेलिना भी बहुत कहती है तो रेखा मान जाती है, इधर रेखा सूरज के कच्छे में खड़े लंड को देख रही थी,सूरज भी समझ जाता है माँ क्या देख रही है, तभी हेलिना सूरज को लेकर पानी में कूद जाती है, दोनों लोग पानी में मस्ती करते देख रेखा को हेलिना से जलन होने लगती है, रेखा भी अपनी लेगी और कुरता उतार कर पहाड़ की आढ में नहाने घुस जाती है, पानी रेखा की गर्दन तक था, इधर हेलिना पानी में सूरज के लंड को बाहर निकाल कर हिलाने लगती है और अपनी पेंटी को उतार कर किनारे पर रख देती है। सूरज तो दो दिन का भूकास था,हेलिना और सूरज एक पहाड़ की चट्टान के पीछे जाकर हेलिना की चूत चाटने लगता है और हेलिना सूरज का लंड चूसने लगती है,काफी देर चूसने के बाद हेलिना सूरज को चट्टान पर लेटा कर उसके लंड पर बैठ कर चुदाई करने लगती है,इधर रेखा को सूरज और हेलिना दिखाई नहीं देते हैं तो वह चट्टान से निकल कर दूसरी चट्टान के पीछे देखती है तो हैरान रह जाती है, सूरज का मोटा लंड हेलिना की चूत में अंदर बाहर हो रहा था,रेखा हैरान थी की हेलिना की चूत में सूरज का इतना मोटा लंड कैसे घुस गया,सूरज अब हेलिना को घोड़ी बना कर चोद रहा था, रेखा यह देख कर बहुत गुस्से में थी,इधर उसकी चूत भी गीली हो गई, रेखा अपनी चूत में ऊँगली करने लगती है,सूरज ताबड़ तोड़ चुदाई करते हुए झड़ने बाला होता है तभी हेलिना सूरज के लंड को चूत से निकाल कर मुह में लेकर हिलाने लगती है,रेखा की उंगलिया तेजी से चूत में चलने लगती है,सूरज का मोटा लंबा लंड और उसका लाल सुपाड़ा देख आज पहली बार रेखा आकर्षित हुई थी, इधर जैसे ही सूरज के लंड से पानी निकलता है,तभी उसे रेखा की सिसकी सुनाई देती है, सूरज और रेखा की नज़रे आपस में टकरा जाती हैं, रेखा भी झड़ने लगती है,इधर सूरज के झड़ते ही हेलिना सारा पानी चाट लेती है, रेखा शर्म से भाग कर छुप जाती है और अपने कपडे पहन लेती है। सूरज भी पानी से निकल कर अपने कपडे पहन कर रेखा के पास आता है, रेखा के हाँथ में भीगी हुई ब्रा और पेंटी थी । सूरज और रेखा आपस में नज़रे नहीं मिला पा रहे थे।
सूरज-"माँ अब चलें?" रेखा सिर्फ हाँ में गर्दन हिलाती हुई सूरज के साथ चल देती है और गाडी में बैठ कर एक मॉल में आ जाते हैं। रेखा के दिमाग में अभी भी सूरज और हेलिना की चुदाई घूम रही थी।
दोनों आपस में बात करने में भी शर्मा रहे थे,इस बीच कई बार सूरज रेखा को देखता तो रेखा सूरज को देखती । हेलिना और रेखा दोनों लोग मॉल में आकर शार्ट नायटी की शॉप में जाकर हॉट सी नायटी खरीद लेती है। और बहुत से हॉट कपडे,जिसमे स्कर्ट और जीन्स भी थी । रेखा एक ब्रा पेंटी की लेटेस्ट जोड़ी खरीदती है, जिसे सूरज सिर्फ खड़ा देख रहा था । हेलिना ने जानबूझ कर सभी हॉट ड्रेस दिलबाई । सूरज तो बस मन ही मन कल्पना कर रहा था की माँ इन कपड़ो में कैसी लगेगी। रेखा और हेलिना सूरज के पास आती है।
रेखा-"सूरज मेरी खरीदारी हो गई, तुझे कुछ लेना है"पहली बार रेखा सामान्य व्यबहार करते हुए बोली जिससे सूरज की हिम्मत बढ़ गई ।
सूरज-"नहीं माँ,मुझे कुछ नहीं लेना है, आप लेलो"
रेखा-"मैंने जो कपडे लिए हैं वो ठीक तो है न"
सूरज-'हाँ माँ ठीक है" हेलिना गाडी के पास चली जाती है । तभी सूरज रेखा से माफ़ी मांगने लगता है।
सूरज-' माँ मुझे माफ़ कर दो"
रेखा-"ऐसे माफ़ नहीं करुँगी,पहले घर चल मुझे तुझसे बात करनी है" रेखा की बात सुन कर सूरज डर जाता है । दोनों लोग घर के लिए निकल जाते हैं। रेखा गाडी से उतर कर घर में घुसने लगती है,सूरज जैसे ही उतरता है उसे गाड़ी में रेखा की गीली ब्रा और पेंटी दिखाई देती है, सूरज ब्रा और पेंटी को उठाकर घर में घुसता है । रेखा अपने कमरे में जा चुकी थी । सूरज पेंटी को देखने लगता है जिसमें रेखा का सफ़ेद पानी लगा हुआ था, सूरज समझ जाता है माँ भी आज झड़ गई है और इसी पेंटी से चूत को साफ़ किया है, सूरज का लंड खड़ा हो जाता है, सूरज रेखा के कामरस को सूंघने लगता है,खुशबु सूंघते ही सूरज का लंड झटके मारने लगता है, एक हाँथ से अपना लंड मसलता है और पेंटी को सूंघता है, सूरज का मन पेंटी पर लगे कामरस को चाटने का करता है, इधर रेखा को अपनी गीली ब्रा पेंटी की याद आती है जो गाडी में भूल आई थी उन्हें लेने के लिए जैसे ही कमरे से
निकलती है उसे सूरज दिखाई दे जाता है जो उसकी पेंटी को सूंघ कर अपना लंड मसल रहा था,रेखा ये देख कर चोंक जाती है, उसकी चूत गीली होने लगती है, रेखा छुप कर देख रही थी, तभी उसे झटका लगता है जब सूरज उसकी पेंटी पर लगे कामरस को चाटने लगता है । रेखा के होश उड़ जाते है । रेखा की उत्तेजना बढ़ने लगती है । सूरज पेंटी को चाटने के बाद रेखा के कमरे में जाने लगता है तभी रेखा जल्दी से अपने कमरे में जाकर सोफे पर बैठ जाती है । सूरज के आते ही रेखा खड़ी हो जाती है, सूरज के हाँथ में उसकी ब्रा पेंटी थी।
सूरज-"माँ आपकी ब्रा पेंटी गाडी में रह गई थी"ब्रा पेंटी देते हुए बोला ।
रेखा-"ओह्ह हाँ में तो भूल ही गई" सूरज ब्रा पेंटी देकर जाने लगता है,तभी रेखा बोलती है ।
रेखा-"जा कहाँ रहा है, मुझे तुझसे कुछ बात करनी है", सूरज पलट कर रेखा के पास आता है।
सूरज-"ओह्ह माँ सॉरी आज जो भी आपने देखा उसके लिए"
रेखा-"कबसे चल रहा है ये"
सूरज-"पिछली बार जब तान्या दीदी के साथ आया था तब से"
रेखा-'ओह्ह अच्छा,तू पहले भी उसके साथ कर चूका है"
सूरज-"हाँ माँ"
रेखा-"अब तक कितने बार किया है उसके साथ"
सूरज-'तीन चार बार"रेखा यह सुन कर हैरान रह जाती है।
रेखा-'वो तेरी माँ की उम्र की है,तुझे शर्म नहीं आई"
सूरज-"इसमें उम्र नहीं देखि जाती है"
रेखा-"मतलब तू किसी के साथ भी सेक्स कर सकता है"पहली बार रेखा सेक्स शब्द जोड़ती है।
सूरज-"सबके साथ नहीं माँ"
रेखा-" चल कोई बात नहीं, हवस के आगे लोग अंधे हो जाते हैं"
सूरज-"माँ यह हवस की आग ही ऐसी होती है, इस पर किसी का जोर नहीं होता"
रेखा-"ओह्ह्ह तुझे तो बहुत ज्ञान है इन बातो का, कितनो के साथ तूने सेक्स किया है अब तक"
सूरज-"तीन चार के साथ"रेखा यह सुनकर हैरान थी चुकी उसने तो सिर्फ अपने पति से ही चुदवाया था।
रेखा-"ओह्ह्हो तुझे कैसे बर्दास्त कर लेती है लड़कियां" रेखा अब सामान्य होकर हसते हुए बोली।
सूरज-"समझा नही माँ" इस बार रेखा सूरज से थोडा खुल कर बोली।
रेखा-"तेरा बहुत बड़ा साइज़ है,दर्द नहीं होता"रेखा शरमाते हुए बोली,लेकिन सूरज इस बार रेखा को हैरत से देखता है ।
सूरज-"पहली बार में दर्द होता है फिर नहीं"
रेखा-'मुझे तो इसी बात की टेंसन है,में दर्द बर्दास्त नहीं कर पाउंगी,अगर तेरे पापा ने कुछ किया तो"
सूरज-"माँ आप उसकी फ़िक्र मत करो,मेरे पास एक क्रीम है उसको लगा कर सेक्स करना" रेखा चोंकती हुई बोली।
रेखा-'सच में,फिर तो वो क्रीम मुझे दे देना"