behen sex kahani मेरी तीन मस्त पटाखा बहनें - Page 2 - SexBaba
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behen sex kahani मेरी तीन मस्त पटाखा बहनें

लेकिन मैं कुछ नहीं बोला तो दीदी ने दरवाजा खोला और बाहर निकल गई और वापस जोर से दरवाजा बंद कर दिया लेकिन ये मैंने गलत समझा था क्योंकि उस वक्त हुआ कुछ और ही था।

दरवाजा बंद होने के बाद मैंने आँखे खोली और अपने आप से बाते करने लगा।।।।।।

'दीदी मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ सच्चे दिल से और मैं आपके बगैर नहीं रह सकता हूँ आप मुझे इस तरह छोड़ कर चली गई ये आपने ठीक नहीं किया लेकिन दीदी आई लव यू सो मच।।।'

'दीदी मुझे आपके जिस्म ने पागल कर दिया है और आपके होठो ने मेरा चेन छीन लिया है दीदी जब मैं आपकी गांड पर अपना लंड रगड रहा था तब मुझे बहुत अच्छा फील हो रहा था दीदी मैं आपके बिना नहीं रह सकता सच दीदी कल मैं आपसे माफ़ी मांगूंगा आप बेशक मुझे कुछ ना करने दे ये मेरे लिए मुश्किल तो है लेकिन आपके लिए मैं बर्दाश्त कर लूंगा बिकॉज़ आई लव यू सो मच, आई लव यू दीदी आई लव यू ।।।।।।आई लव यू।।।आई लव यू।।।।।'

'दीदी मैं आपके साथ प्यार करना चाहता हूँ उफ़ मैं क्या करू कहाँ जाउ।।।।। देखो दीदी मेरा लंड आपका नाम लेते ही खड़ा हो गया है पता नहीं अब मेरा क्या होगा आप भी तो मेरा साथ नहीं देती है उफ।।।।। दीदी मेरा लंड हाथ में लो' कह कर मैंने अपना लंड पकड़ा और आँखे बंद करके दीदी को इमेजिन करके उफ्फ्।।।। आह्ह्ह्ह।।। की आवाज़ें निकालते हुए अपने लंड को मसलने लगा और बोलने लगा 'यः दीदी मुझे बहुत मजा आरहा है प्लीज दीदी मेरे लंड पर गृप मजबूत करो एस्।।।येस।।।।'


अचानक मुझे झटका लगा जब मेरे हाथ पर किसी का हाथ आया मैं झट से उठा तो क्या देखता हूँ की दीदी मेरे बेड के पास जमीन पर बैठी हुई है और मैंने अपना हाथ लंड से अलग कर लिया और मेरा हाथ हटते ही दीदी ने मेरा लंड पकड़ लिया और उसे अपने नरम हाथो से हिलाने लगी ऊऊफफफफ मुझसे तो बर्दाश्त नहीं हो रहा था दीदी मेरे लंड को पकड़ कर हिला रही थी।

"भाई आई ऍम सो सॉरी तुम मुझसे इतना प्यार करते हो और मैं ने, पता नहीं क्यों मना कर दिया तुम्हे भाई सच मुझे बहुत मजा आया था कल रात और मैं और भी मजे लेना चाहती हूँ, मुझे भी सेक्स का कोई एक्सपीरियंस नहीं है लेकिन मैं तुम्हारे साथ मजे लेना चाहती हूँ, भाई तुम्हारा लंड बहुत अच्छा है भाई आई लव योर डिक ओह्ह उफ़ कितना होट कितना मोटा और लम्बा है, इस छोटी सी उमर में भी क्या लंड पाल रखा है तुमने" 

"दीदी आई लव यू सो मच, दीदी प्लीज बेड पर मेरे साथ सो जाओ ना।।।।।।आई लव यू दीदी" मैं बोला।


दीदी उठ कर मेरे साइड पर लेट गई लेकिन मेरा लंड नहीं छोड़ा था और मुझे किसिंग करने लगी मैंने भी दीदी को पकड़ रखा था और मजे से किसिंग करने लगा दीदी की साँसे तेज थी और धड़कने बढ़ गई थी उफ्फ्फ्फफ्।। ।।।दीदी का गरम जिस्म मुझे बहुत मजे दे रहा था।

दीदी ने मेरा लंड और जोर से पकड़ लिया और मेरी मुठ मारने लगी मैं तो जैसे हवा में उड़ रहा था मैंने जल्दी से दीदी की कुर्ती ऊपर को और दीदी के बूब्स पकड़ लिए जो दीदी की ब्लैक ब्रा में क़ैद थे और उन्हें मसलने लगा और उनके साथ खेलने लगा।
 
"भैया आह्ह्ह्ह।।।।।।आराम से दबाओ दर्द होता है उफ्फफ्फ्फ़ भाई तुम्हारा लंड बहुत अच्छा है भाई एस्।।।।।आराम से धीरे धीरे सच्ची बहुत दर्द होता है आज तक किसी ने मेरे इनको हाथ नहीं लगाया है पहली बार है सो प्लीज आराम से करो।।।।।" दीदी सिसकते हुए बोली "अरे यार आराम से उफफहहहहहहह आह्ह्ह्हह्ह राज ऐसे नहीं प्लीज़, रुको मैं ब्रा निकालती हूँ वैट।।।उउउफफफ।।।।।।ब्रा फट जाएगा एक मिनट रुको ना क्या जल्दी है अब मैं तुम्हारी हूँ"।

"दीदी क्या करूँ सबर नहीं हो रहा है मुझसे प्लीज जल्दी से निकाल दो ना अपनी ब्रा और मुझे आपके प्यारे बूब्स को नंगा फील करने दो ना आह्ह्ह्हह" मैं दीदी के बूब्स मसलते हुए बोला। 

दीदी ने उठ कर अपनी कुर्ती और ब्रा निकाली और मैं झट से उनसे लिपट गया और उनको गर्दन पर कानो पर हर जगह पागलो की तरह किस्स करने लगा और एक हाथ से दीदी के बूब्स दबाने लगा मैं बहुत मजे में था और दीदी भी अब मेरा लंड पकड़ कर मेरी मुठ मारने लगी।

"भैया आह्ह्ह्हह आराम से दबाओ क्या कर रहे हो प्लीज राज दर्द होता है सच, आह्ह्ह्हह हाँ ऐसे अब मेरे निप्पल्स को भी मुँह में डालो और सक करो आहहहह यस भाई मजा आरहा है उफ्फ्फफ्फ्फ़ अपने दाँत मत गढ़ाओ दर्द होता है आराम से करो अब ये तुम्हारे ही है इन्हे आराम से प्यार करो ओह्ह भैया यू मेक मी सो होट सो वेट यस प्लीज बी स्लोली बी केरफुल्ली यस लीक दिस सक्क देम स्लोली लेटस एन्जॉय ब्रदर माय स्वीट लवली राज आई लव यू" दीदी बोली।

"दीदी जोर से करो मैं झड़ने ही वाला हूँ मेरी कम निकलने वाली है दीदी टाइट योर गृप ऑन माय डिक यस दीदी जोर से" कह कर मैंने दीदी के एक बूब को जोर से मस्ला और दूसरे को मुँह में लेकर चबाने लगा दीदी को दर्द हुआ जिससे उन्होंने अपने हाथ की पकड़ मेरे लंड पर मजबूत की और जोर से दो तीन झटके मारे तो मेरे लंड से पानी निकलने लगा उफ़ क्या मजा आरहा था उस वक्त।

दीदी ने मुझे अपने आप से चिपका लिया और अपनी बॉडी में दबा लिया मुझे बहुत अच्छा लग रहा था दीदी ने अभी तक मेरा लंड नहीं छोड़ा था लेकिन आगे पीछे नहीं कर रही थी सिर्फ टाइट पकड़ा हुआ था वो इस काम में एक्सपर्ट लग रही थी।

कुछ देर में मैं शांत हो गया और मैंने दीदी को बेड पर सीधा किया और उनके ऊपर लेट गया और उनके बूब्स सक्क करने लगा और एक हाथ दीदी की सलवार में डाल दिया उफ़ दीदी की चूत बहुत गीली थी मैंने दीदी की चूत के लिप्स पर ऊँगली घुमाई और वो मचलने लगी दीदी बहुत गरम थी और झड़ने के बिलकुल करीब थी थोड़ी ही देर ऊँगली रगड़ने से वो झड़ने लगी और मुझे कस कर पकड़ लिया और हम वैसे ही बेड पर लेटे रहे।।।।।।।।।।।।।।।।


"दीदी कैसा लगा आपको? मजा आया या नहीं और क्या पहले भी कभी किया है ये सब" थोड़ी देर बाद मैंने पूछा।

"नही भैया पहले कभी किसी के साथ नहीं किया लेकिन सच बहुत मजा आया मुझे, आज तुमने मुझे बहुत मजा दिया है राज अब मैं क्या बताऊँ की मुझे कितना मजा आया है आज मैं दूसरी बार झडी हूँ लाइफ में लेकिन ये पहली बार से अच्छा था सच" दीदी बोली।

"दीदी पहले कब झडी थी आप और किसने आपको झड़ाया था" मैंने पूछा।

"वो क्या है ना जब मैं १८ साल की थी तब मेरी एक सहेली की शादी हुई तो उसने मुझे सेक्स के बारे में बताया था तब मैं रात को उसकी बात सोचते हुए सोयी तो सपने में मैंने फील किया की कोई मेरे साथ सेक्स कर रहा है और मजे में मैं झड़ गई लेकिन तब मुझे पता नहीं था तो मैंने मेरी उसी सहेली से इस बारे में पूछा तो उसने बताया की इसे झड़ना कहते है, और सच भैया आज तुम्हारी वजह से मैंने जागते हुए भी फील कर लिया आई लव यू" दीदी मेरे गाल की किस लेती हुई बोली "आज से तुम मेरे लवर हुए अभी जब चाहे हम मजे कर पाएंग़े, ओके तो अब मैं जाती हूँ बहुत रात हो गई है"।

कह कर दीदी ने अपने कपड़े पहने और मुझे गुड नाईट किस करके अपने रूम में चली गई।
।।।।।।।।।।।।।
 
कल दिन जब मैं स्कूल से वापस आया तो सीधे दीदी के रूम में गया लेकिन वो बाथरूम में थी।

"दीदीइइइइइइ।।।" मैंने उसे पुकारा।

"क्या बात है राज, क्यों बुला रहे हो" दीदी ने पूछा।

"दीदी जल्दी से दरवाजा खोलो मुझे आपसे काम है" मैं बोला।

"थोडी देर रुको मैं बस आती ही हूँ" दीदी बोली।

"नही दीदी जल्दी दरवाजा खोलो प्लीज" मैं बेसब्री से बोला।

मेरी इतनी बेसब्री से दीदी घबरा गई की मुझे कुछ हुआ तो नहीं है और बोली "दरवाजा खुला है अंदर आ जाओ"।

जैसे ही मैं अंदर गया सामने का नजारा देख कर मेरे होश उड़ गए सामने दीदी सुसु कर रही थी लेकिन मेरे आने की वजह से उसने अपनी कुर्ती का सामने वाला हिस्सा नीचे कर लिया था जिससे मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था।

मैन दीदी के पास गया और उसके सामने बैठ गया।

"क्या बात है इतने घबराये हुए क्यों थे तुम्" दीदी ने पूछा।

"दीदी ओ।।।।व।।।।।" कहते हुए मैंने दीदी की कुर्ती का सामने वाला हिस्सा जो उसकी चूत को छुपाये हुए था की उठा दिया और दीदी की चूत को देख कर बोला "में ये देखने आया था"।

"शर्म कर मेरे भाई, चल अब बाहर निकल कहीं कोई आ न जाए" दीदी हँस कर बोली।

मै उठा और बाहर आने लगा तो देखा की रूम में मेरी छोटी बहन रानी खड़ी थी तो मैं जल्दी से वापस बाथरूम में आया और दीदी को इशारा किया की वो चुप रहै।

दीदी समझ गई और इशारे से कहा देखा जिसका डर था वही हुआ खैर दीदी उठि और सलवार पहन ली की तभी रानी ने आवाज दी।

"दीदी आप कहाँ हो" रानी बोली।

"मैं बाथरूम में नहा रही हूँ अभी आती हूँ" दीदी बोली।

"ओके मैं वेट कर रही हूँ आप जल्दी आओ" रानी बोली।

"बस अब तो हो गया काम वो वहीँ बैठ गई है अब क्या करे" रीमा दीदी बोली वो बहुत घबरा गई थी।

"दीदी आप जाओ मैं यहीं रुकता हूँ" मैं भी घबराते हुए बोला।

"नही पागल अगर वो कहीं यहाँ आगई तो।।।।।" दीदी बोली।

"हाँ ऐसा तो हो सकता है, अच्छा उसे वेट करने दो हो सकता है वैसे ही चली जाए" मैं बोला।

"तु भी न जरा भी सबर नहीं हुआ तुझसे, रात को देख लेता जो देखना था।।।।आ गया यहीं मुँह उठा कर हे भगवान अब क्या करूँ में" दीदी थरथराते हुए बोली।

"अच्छा चलो अब कुछ नहीं होता आप इधर आजाओ" कहते हुए मैंने दीदी को दीवार से चिपका दिया और खुद उसके साथ चिपक गया।

दीदी से चिपकते ही मैं उसे किस्स करने लगा लेकिन वो डरी हुई थी लेकिन धीरे धीरे उसे भी मजा आने लगा तो उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और किसिंग में मेरा साथ देने लगी।

मैने अपने पैंट की ज़िप खोली और अपना लंड बाहर निकाल लिया और दीदी से बोला "दीदी प्लीज इसे अपने हाथ में पकड़ो ना"।

मेरी बात सुनकर दीदी ने मेरा लंड अपने नरम हाथ में पकड़ लिया जो आधा खड़ा था और दीदी के हाथ लगते ही फुल हार्ड हो गया था।

"दीदी प्लीज आप मेरी तरफ बैक कर लो मैं आपकी गांड पर अपना लंड रगडना चाहता हूँ" मैं बोला।

दीदी भी फुल मजे में थी वो झट से घूम गई और उसकी मस्त गांड मेरे सामने आगई।

मैने जल्दी से दीदी की इलास्टिक वाली सलवार दीदी के घुटनो तक नीचे कर दी। अंदर दीदी ने चड्ढी तो पहनी नहीं थी जिससे उसके गोल गोल चूतड़ मेरी आँखों के सामने नंगे थे।

मेरे ऐसा करते हो दीदी ने झट से पलट कर मुझे देखा और बोली "पागल हो गए हो क्या, अभी नहीं फिर कभी कर लेंगे प्लीज अभी मौका नहीं है तुम भी ना।।।।।।"।

"दीदी लंड अंदर थोड़े ही ना डाल रहा हूँ बस ऊपर ऊपर से रगडना है चोदना थोड़े ही है" मैं बोला।

"अच्छा ठीक है लेकिन धीरे धीरे बगैर आवाज किये समझे" दीदी बोली वो मेरी बात समझ गई और वापस घूम गई।

मैने लंड पकड़ कर दीदी की गांड की दरार में रखा और धीरे धीरे मूव करने लगा दीदी को लंड टच हुआ तो बहुत अच्छा फील हुआ और उसने अपनी गांड सिकोड़ ली।

" दीदी प्लीज अपनी गांड टाइट मत करो लाइन में तो जाने दो वहीँ मजा आएगा" मैं बोला।

"मैं कहाँ कर रही हूँ वो खुद ही हो रही है क्योंकि तुम्हारा लंड गरम है ना, चलो ट्राय करती हूँ की अब ना हो" दीदी मजे से बोली। 

दीदी फिर वैसे ही खड़ी हो गई तो मैंने लंड पर थूक लगाया और थोड़ी थूक दीदी की गांड की दरार पर भी लगा दी।

"अब ये क्या कर रहे हो? उफ्फ्फफ्फ्फ्।।।।।।तुम भी ना।।।।रोज नए नए तरीके क्या होगा मेरा" दीदी बोली।

"दीदी बस स्लिप होगा थूक से इसलिए लगाया है अब प्लीज चुप करके खड़ी रहो मजा ख़राब मत करो" कह कर मैंने लंड दीदी की क्रैक में रखा और हिलने लगा मुझे बहुत अच्छा लगने लगा।
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"दीदी अब कैसा लग रहा है" मैंने पूछा।
 
दीदी ने आँखे बंद की हुई थी और आहे भर रही थी।

"भैया बहुत अच्छा लग रहा है जोर से घसीट कर धक्के मारो मजा आरहा है" दीदी सीसियाते हुए बोली।

मैने दीदी की बात मान कर दीदी की गांड की लाइन में अपना लंड जोर से ऊपर नीचे करने लगा कुछ देर बाद दीदी ने अपना हाथ मुँह के पास किया और अपने हाथ में थूक लेकर मुझे अलग करके अपनी गांड पर बहुत सी थूक डाली और मेरा लंड पकड़ कर वहां रख दिया।

"अब करो जितना स्लिप होता है मजा भी उतना ही आता है, सूखा हो गया था ना इसलिए मैंने थूक लगा दी है" दीदी बोली।

अब मैं पहले से ज्यादा जोर से लंड हिल रहा था और दीदी भी अपनी गांड पीछे कर रही थी की अचानक दीदी झुक गई।

"भैया जरा जोर से रगड़ो मुझे मजा आरहा है मैं जल्दी ही झड़ जाउन्गी, हाँ जरा जोर से" दीदी झूकते ही बोली।

दीदी की बात सुनकर जब मैंने जोर लगाया तो मेरा लंड दीदी की गांड के छेद पर जाकर अटक गया मैंने पीछे किया और फिर जोर लगाया तो मेरा लंड उसकी गांड में घूसने लगा।

दीदी इतनी मदहोश थी की उसे अभी तक महसूस नहीं हुआ था की मेरा लंड उसकी गांड में झाँकने लगा था मैं दीदी की गोरी गांड को देख रहा था दीदी झुकि हुई थी तो उसकी गांड का छेद साफ़ नजर आरहा था।

मैंने लंड पीछे किया और अपने मुँह से थूक गिराया जो सीधे दीदी की गांड की लाइन पर गिरा और बहते हुए दीदी की गांड के छेद तक आ गया और जैसे ही थूक वहां आया तो मैंने लंड को छेद पर सेट करके जोर लगाया तो मेरे लंड का सुपाडा दीदी की गांड में घुस गया।

"ऊऊफ़्फ़फ़ तूने क्या कर दिया हाईईईए.... माँ जलन हो रही है आआहहहहह..." दीदी के मुह से निकला ।


दीदी की कराह सुनकर मैं डर गया और लंड बाहर निकालने लगा तो दीदी ने गांड और टाइट कर ली और बोली "नहीं... अभी रुको दर्द हो रहा है हिलो मत जलन होती है, क्यों डाला तूने अपना लंड मेरी गांड में गंदे कहीं के ूहःहःहमाआ.... दर्द हो रहा है"।

थोड़ी देर तक हम दोनों वैसे ही खड़े रहे फिर मैं बोला "दीदी धीरे से निकाल लू या फिर झटके से निकाल लेता हूँ सच दीदी मुझे नहीं पता की अचानक कैसे अंदर चला गया" मैं बोला।

"नही तुम रुको मैं खुद निकालती हूँ " कह कर दीदी ने अपनी गांड का जोर मेरे लंड पर दिया और फिर थोड़ी आगे हुई लेकिन सुपाडा अटका हुआ था दीदी फिर से पीछे हुई और फिर आगे हुई और मजे से अपना लंड दीदी की गांड में आता जाता देख रहा था दीदी की गांड का छेद अब दर्द और जलन से लाल हो गया था लेकिन मुझे अब परेशानी से ज्यादा मजा आरहा था।

"दीदी आप रुको मैं खुद आराम से निकाल लेता हूँ लेट मी ट्राय" मैं बोला।

"ओके लेकिन एकदम धीरे धीरे आराम से निकालना आगे पीछे होकर निकालोगे तो आसानी से बाहर आ जाएगा" दीदी मज़बूरी में बोली।

मैं थोड़ा सा आगे हुआ तो लंड भी थोड़ा अंदर घुस गया तो दीदी बोली "बस इतना ही अब पीछे करो" और अपने होंठ दाँतो में दबा लिए।
मैने धीरे से बाहर निकालना चाहा लेकिन फिर सुपाडा अटक गया तो मैंने वापस आगे धकेला तो लंड थोड़ा और अंदर हो गया।
 
इस तरह करते हुए धीरे धीरे मेरा आधा लंड दीदी की गांड में घुस गया था और मैंने दीदी के बूब्स पकड़ लिए और दबाने लगा अब दीदी भी थोड़ी शांत हो गई थी और वो मेरे लंड के अंदर बाहर होने के साथ अपनी गांड हिला रही थी।

मैने अपना एक हाथ दीदी के बूब पर और दुसरा हाथ उसकी चूत पर रखा और बूब को मसलते हुए चूत को रब करने लगा जिससे दीदी फिर गरम हो गई और कुछ ही देर में झड़ गई और वहीँ जमीन पर डॉगी स्टाइल में हो गई।

वह क्या नजारा था दीदी अभी होश में नहीं थी तो मैंने लंड को पहले से ज्यादा जोर से अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और ५ - ७ धक्को में ही दीदी की गांड में झड गया।

मेरी कम को अपनी गांड में गिरती हुई महसूस करके दीदी ने मेरी तरफ देखा और हँस कर बोली "गंदे कहीं के इतना दर्द दिया और तुरंत ही उतना मजा भी दे दिया सच में बहुत पहूँची हुई चीज हो तुम्, सच आई लव यू सो मच् राज यू आर ग्रेट योर लंड इज आल्सो ग्रेट बहुत अच्छा लग रहा था जबकि मेरे अंदर गरम गरम पानी गिर रहा था उफ़ इतना मजा दिया तुमने और दर्द भी की पूछो मत, बस अब आराम से बाहर निकाल लो ये ना हो की फिर खड़ा हो जाये और मेरी गांड फट जाए"।

इत्ना कह कर दीदी हॅसने लगी और मैंने धीरे धीरे अपना लंड बाहर निकालना शुरू कर दिया तो दीदी ने आँखे बंद कर ली और गांड हिलने लगी जिससे मेरा लंड जल्दी ही बाहर आगया।

तभी अचानक ही रानी ने फिर आवाज दी "दीदी मैं जारही हूँ आप भी नहा कर नीचे आजा जाना"।

रानी नीचे जा चुकी थी और हम दोनों भाई बहन हँसते हुए उठे मैं अपने पैंट की ज़िप लगा कर बाहर निकल गया और दीदी नहा कर जल्दी से बाहर आगई।

लेकिन उनकी गांड में सूजन थी तो वो टांगे फैला कर धीरे धीरे चल रही थी मैंने जब देखा तो मुझे उस पर बहुत तरस आया लेकिन दीदी के चेहरे पर नॉटी साइड स्माइल देख कर मैं भी हँस दिया। ।।।।।।।।।।।।।

रात को मैं दीदी का वेट कर रहा था लेकिन बहुत देर होने के बाद भी वो नहीं आई तो मैं उठ कर उसके रूम में चला गया तो देखा की दीदी के साथ मेरी छोटी बहन राखी सो रही थी।

"दीदी आज का क्या प्रोग्राम है?" मैंने धीरे से पूछा।

"अभी तो राखी मेरे पास सो रही है इसलिए आज मुश्किल है कल देखते है" दीदी बोली।

"दीदी मुझे नींद नहीं आरही है और न ही आएगी, प्लीज दीदी कुछ तो करो.... अच्छा आप मेरे रूम में आ जाना कुछ देर बाद" मैं उसे मनाते हुए बोला।

"राज... कहा ना नहीं, अभी मैं भी जग रही हूँ लेकिन कहीं ये उठ गई और मुझे ना देख कर ढूँढ़ने लगी तो, पागल आज रात भर सबर कर लो कहा न कल देखते है" दीदी बोली।

दीदी की बात सुनकर मैंने बुरा सा मुँह बना लिया जिसे देख कर दीदी हॅसने लगी।

"अच्छा बाबा ठीक है मैं आती हूँ तुम्हारे रूम में लेकिन ज्यादा टाइम नहीं रहूँगी जो करना है जल्दी करना, और हाँ अपनी शकल ठीक कर लो नौटंकी कहीं के...." दीदी हँसते हुए बोली.

दीदी की बात सुनकर मैं खुश होकर अपने रूम में आगया और कोई १५ मिनट बाद दीदी भी मेरे रूम में आगई।
 
दीदी ने आते ही मुझे किस्स करना शुरू कर दिया और मुझे गले से लगा कर दबाने लगी और गहरी गहरी साँसे लेने लगी।



मैंने दीदी को पकड़ कर नीचे लेटा दिया और उसके ऊपर लेट गया और अपने लिप्स दीदी के लिप्स पर रख कर उन्हें किस करने लगा दीदी की साँसे गरम हो गई थी और मेरा लंड भी अकडने लगा था दीदी ने मुझे पहले से भी जोर से कस के पकड़ा हुआ था।

हम अभी तक बिना बात किये ही ये सब कर रहे थे दीदी मेरी कमर पर अपना हाथ फिरा रही थी और जैसे ही उसका हाथ मेरे लंड के पास आया उसने मेरा लंड पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी।

मै भी साइड पर हुआ और कपड़ो के ऊपर से ही दीदी के एक बूब को दबाते हुए दूसरे हाथ से उसकी चूत रगड़ने लगा हमने इसी तरह कोई १० मिनट तक बहुत प्यार किया अब तक दीदी बहुत गरम हो गई थी।

"भैया अब बस करो मुझे जाने दो कहीं राखी उठ ना जाये बाकि का कल कर लेंगे..... आह्ह्ह्ह...... भाई मुझे और मत छेड़ो मैं पागल ही जाउँगी उफ़ भैया आराम से... थोड़ा सा और दबाओ अपनी ऊँगली को मेरी चूत पर बहुत अच्छा लग रहा है ऐसे ही.... उफफ बस भाई अब छोडो मुझे जाने दो" दीदी मस्ती में बोली।

"क्या दीदी जब भी मजा आने लगता है आप जाने की बात करने लगती हो जबकि आप जानती हो की मैं आपको ऐसे जाने ही नहीं दूंगा फिर भी बेकार में बार बार एक ही बात करती हो" मैं दीदी के बूब को जोर से दबाते हुए बोला।

"ओूंमम्माआ.... अच्छा बाबा कर लो हो करना है लेकिन जल्दी करो अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है, एक तो तेरा ये लंड जब भी इसे पकडती हूँ तो दिल करता है के इसे अंदर ले लूँ और कभी बाहर न नि कालूँ उफ़ हाय हाय भैया आराम से करो ना कम से कम कुर्ती तो ऊपर कर लो फिर किस्स करना।।।।।" दीदी मचलते हुए बोली।


मैने दीदी की कुर्ती ऊपर कर दी और दीदी के बूब्स ब्रा से बाहर निकाल कर उन्हें चाटने लगा किस करने और चूसने लगा दीदी बहुत गरम हो गई थी और मचल रही थी मैंने दीदी की सलवार नीचे कर दी और उठ कर अपना लोअर और चड्ढी उतार कर पूरा नंगा हो गया दीदी ने जब देखा की मैं नंगा हो गया हूँ तो वो झट से उलटी होकर लेट गई।

"दीदी इस तरह नहीं आज मैं आपकी चूत में अपना लंड डालूँगा गांड तो सुबह मार ली थी अब चूत की बारी है" दीदी को पलट'ते देख मैं बोला।

"नही भाई चूत आज नहीं फिर कभि, अभी तो मेरी गांड में ही लंड डालो पहले मेरी गांड के पूरे मजे ले लो फिर चूत की बारी आएगी, अब बाते मत करो और डाल दो लंड मेरी गांड में और भर दो उसे अपने गरम पानी से" दीदी अपनी गांड हिलाते हुए बोली "वैसे भी मैं अपनी चूत में पानी नहीं डलवाउंगी क्योंकि बच्चा होने का डर है लेकिन पीछे तो कोई प्रॉब्लम ही नहीं है इसलिए अभी तुम सिर्फ मेरी गांड ही मारा करो चूत का बाद में सोचेंगे अब डाल भी दो यार।।।।।।"
 
अब मुझसे भी सबर नहीं हो रहा था और दीदी की बात भी सही थी वैसे भी मुझे सिर्फ छेद से मतलब था जहाँ मेरा लंड घुसे और अपना पानी निकाले मैंने देर नहीं की और बिना थूक लगाये अपना लंड दीदी की गांड में पेल दिया तो दीदी तिलमिला उठी।



उउइइइइइइइ.......... यार आराम से डालो ना आह्ह्ह्हह........ ठोड़ा थूक तो लगाओ ऐसे रूखे रूखे कैसे जायेगा भैया आराम से उउइइइ माँ यार थूक तो लगा लो पहले मेरी गांड फाडनी है क्या बिना थूक लगाये ही मार रहे हो उफ़ भैया नहीं जारहा है अंदर और बेकार ही दर्द भी हो रहा है" दीदी तडपते हुए बोली



"दीदी तेल लगा कर करे क्या आज, उससे दर्द बहुत कम होगा" मैं दीदी पर रहम करते हुए बोला।

"हाँ तो रोका किसने है जाओ तेल लेकर आओ" दीदी बोली।

अब मैं उठा और तेल लेकर आगया और दीदी की गांड और अपने लंड पर अच्छे से लगा लिया और दीदी के पेर फैला कर उनके बीच बैठ गया और दीदी की गांड के छेद पर लंड लगा कर धीरे धीरे अंदर करने लगा तेल की वजह से लंड आराम से दीदी की गांड में जाने लगा।

"भैया धीरे धीरे डालते जाओ आह्ह्ह्ह..... हाँ आराम से डालो जल्दी मत करो आह..... उफ..... अब तो सुबह से कम दर्द हो रहा है उउइइ ..... भाई धीरे धीरे हाँ उफ्फ्....... रुको मत ड़ालते जाओ पूरा लंड घुसा दो मेरी गांड में हाँ ऐसे ही उफ़ भैया अभी रुक जाओ दर्द हो रहा है" दीदी बड़बड़ायी।

"दीदी मुझे बहुत अच्छा लगता है जब चुदाई में आप दर्द से चीखती है,ज़ब आप दर्द से सिसियाती है, जब आप दर्द से अपनी गांड टाइट कर लेती है सच मुझे बहुत मजा आता है और मेरा दिल करता है की मैं जोर जोर से धक्के लगा कर आपको और दर्द दूँ और साथ ही मजा भी, दीदी अब थोड़ा सहन करना मैं जोर के धक्के लगाने जा रहा हूँ" कह कर मैंने लंड बाहर निकाल कर वापस जोर का धक्का लगा दिया और मेरा लंड दीदी की गांड को फाड़ते हुए अंदर जाकर कहीं टकराया।

जब लंड अंदर कहीं टकराया तो दीदी को बहुत दर्द हुआ और दीदी ने फ़ौरन अपनी गांड फुल टाइट कर ली और उसके मुँह से जोर की आह निकली और फिर अपना सर बेड पर पटक दिया।

अब मैंने फिर से पूरा लंड बाहर निकाल कर अंदर घुसेड दिया दीदी बेचारी मुझे रोक तो नहीं रही थी लेकिन उसे बहुत दर्द हो रहा था वो अपना सर बेड पर पटक रही थी और किसी तरह अपनी चीख रोके हुए थी दीदी की पहली आह के बाद मुझे बहुत मजा आरहा था मैं दीदी की गांड को हर झटके के बाद देख रहा था मेरे हर झटके के साथ दीदी के चूतड़ जोर से हिलते थे और कुछ ही देर में दीदी के चूतड़ लाल हो गए थे और मेरी कम निकलने ही वाली थी तो मैंने पूरा लंड दीदी की गांड में डाला और वहीँ रोक दिया मेरे लंड से तेज तेज पिचकारी की धार निकल कर दीदी की गांड में गिरने लगी अब दीदी को जोष आया तो उसने अपनी गांड हिलाना शुरू कर दी और गांड टाइट करके झटके देने लगी।
 
मुझे होश ही नहीं था की कब तक दीदी ने गांड हिला हिला कर चुदवाया और कब वो भी झड़ गई लेकिन मजा बहुत आया और जब मैं होश में आया तो दीदी सुकून से मेरा लंड अपनी गांड में लिए हुए मेरे नीचे पड़ी हुई थी।

"बस भाई अब तो खुश हो ना जैसा तुम चाहते थे मैंने बिलकुल वैसे ही चुदवाया है आज, अब तो जाऊँ मैं। मजा तो कर लिया ना तुमने और भाई सच तो ये है की मुझे भी तब बहुत मजा आता है जब तुम्हारा लंड मुझे दर्द देता है, जब तुम जज़बाती होकर मेरी चुदाई करते हो, सच दिल करता है की तुम्हारा लंड मेरी गांड फाड़ दे उफ्फ्फ्फ़ भैया आई लव यू सच बहुत मजा आया मुझे" दीदी बोली और मुझे चुम लिया।

फिर दीदी ने उठ कर अपने कपड़े पहने और एक बार फिर मुझे किस करके अपने रूम में चली गई और मैं भी अपना लोअर पहन कर बेड पर लेट गया।।।।।।।।।।।।।।।

इस तरह दीदी की गांड मारने की जो शुरुआत हुई तो उसके बाद लगभग मैं दो महीनो तक दीदी की गांड मारता रहा लेकिन अभी तक दीदी ने मुझे अपनी चूत चोदने का मौका नहीं दिया था जब भी मैं उनकी चूत चोदने को कहता वो कोई ना कोई बहाना बना देती।

अगले महीने मेरे बर्थडे पर दीदी ने मुझे प्यारा परफ्यूम गिफ्ट किया और हम लोग मेरा बर्थडे सेलिब्रेट करते रहे।

पता ही नहीं चला की कब रात के १२ बज गए तो सभी अपने अपने रूम में सोने के लिए चले गए मैं और दीदी सोने के लिए ऊपर अपने रूम में आने लगे तो राखी दीदी के साथ सोने के लिए साथ आने लगी तो दीदी ने उसे मना कर दिया की आज मैं थकि हुई हूँ तुम कल मेरे साथ सोना।

मैने सोचा की दीदी आज थकि है तो आज शायद कुछ नहीं होगा खैर कोई बात नहीं वैसे भी हम रोज रात ही सेक्स करते थे तो एक रात नहीं भी करते तो फरक नहीं पड़ने वाला था।

उपर आकर जब मैं दीदी को गुड नाईट कह कर अपने रूम में जाने लगा तो दीदी ने मुझे अजीब नजरो से देखा।

"उधर कहाँ जा रहे हो? चलो मेरे रूम में आओ" दीदी बोली और अपने रूम की तरफ बढ़ गयी।

मै भी दीदी के पीछे उनके रूम में आगया और बेड पर बैठ गया जबकि दीदी बाथरूम में चली गई और कुछ देर बाद जब वापस आयी तो बहुत सेक्सी मूड में थी क्योंकि वो बहुत सेक्सी स्टाइल से चल रही थी और बहुत सेक्सी नजरो से मुझे देख रही थी और उसने ड्रेस भी बहुत सेक्सी पहन रखी थी।



मैं दीदी का इशारा समझ गया और दरवाजा बंद करके भाग कर दीदी के पास आया और उसे बेड पर पटक कर किस्स करने लगा।

"नही आज तुम कुछ नहीं करोगे जो करना है मैं करुँगी, ओर अभी तुम अपनी आँखे बंद करो" दीदी मुझे अपने ऊपर से हट' ते हुए बोली।

"ओके" मैं बोला और मैंने अपनी आँखे बंद कर ली।

दीदी ने पास पड़ा उसका दुपट्टा उठाया और मेरी आँखों पर बांध दिया फिर मेरे सारे कपड़े उतार दिए मैं दीदी के सामने नंगा पड़ा था और रूम की लाइट भी ऑन थी फिर दीदी ने अपने भी कपड़े उतार दिए और मुझे माथे पर किस्स किया और फिर वो नहीं रुकि और मेरे सारे बदन पर किस्स करने लगी सिर्फ लंड पर किस्स नहीं किया और फिर दीदी ने अपना एक बूब मेरे मुँह में डाल दिया।
 
"भैया मेरे बूब को किस्स करो इनको बारी बारी मुँह में लो और खुब चूसो और चोटो मेरे निप्पल्स को भी चूसो और अपने दाँतो से काटो, आज जरा भी रहम नहीं करना इनके साथ उफ़ भैया आह्ह्ह्हह....." दीदी बोली तो मैं भी वैसा ही करने लगा।

मैं दीदी का बूब सक्क करने लगा और दीदी बारी बारी अपने बूब्स मेरे मुँह में चेंज करने लगी मुझे बहुत मजा आरहा था।

"भैया जानते हो मैं चुदाई से पहले हर वक्त तुम्हे क्यों कहती थी की बस करो मुझे जाने दो भाई असल में जब मैं बहुत गरम हो जाती थी तब मुझसे बर्दाश्त नहीं होता था और डायरेक्ट कहने में शर्म आती थी की भाई मुझे चोदो और मुझे पता था की तुम मुझे चोदे बिना मानोगे नहीं इसीलिए मैं ऐसा कहती थी" दीदी बोली।

और इधर मैं दीदी की बाते सुनते हुए उसके बूब्स के साथ लगा हुआ था।

"और भाई जब मैं कहती थी की भाई आराम से चोदो मुझे दर्द हो रहा है धीरे करो तो मैं ऐसा इसलिए कहती थी की मेरे ऐसा करने से तुम उल्टा जोर से चोदना शुरू कर दोगे और मुझे दर्द में देख कर तुम्हे बहुत मजा आएगा और वो दर्द मुझे भी बहुत मजा देता था इसीलिए मैं बिना चिल्लाये मजे से चुद्वाती थी" दीदी ने आगे बताया।

दीदी अपने बूब्स को मेरे मुँह में जोर से दबा दबा कर चुस्वा रही थी मुझे बहुत मजा आरहा था दीदी की सेक्सी बाते सुनने में और बूब्स चाटने मे।

"भैया तुम रोज कहते थे की तुम्हे मेरी चूत में लंड डालना है और मैं मना कर देती थी वो मैं इसलिए करती थी क्योंकि मैंने सोच रखा था की तुम्हारे बर्थडे वाले दिन तुम्हे ये प्यारा सा सेक्सी गिफ्ट दूंगी जो आज तुम्हारे लिए हाजिर है और हाँ भाई आज के बाद तुम मुझे एक बार नहीं बल्कि हर रात ३ बार चोदोगे, भाई सिर्फ मैं ही जानती हूँ की आज तक तुम्हारा लंड चूत में ना लेकर मैंने कैसे बर्दाश्त किया है" दीदी की बात जारी रही।

दीदी की बात सुनकर मैं बहुत खुश हो गया पहले तो मुझे आज रात लग रहा था की कुछ नहीं होगा जबकि यहाँ रोज मुझे अपनी चूत चोदने दे रही थी जो मैं कब से चोदना चाहता था।

"लेकिन दीदी ३ बार क्यों चोदना है रोज....." मैंने पुछा

"भैया मेरे पास ३ होल है और तुम डेली इन तीनो को अपने लंड से चोदोगे" कहते हुए दीदी नीचे हुई और मेरे लंड को अपने मुँह में लिया और उसे पागलो की तरह सक्क करने लगी।



मुझे बहुत मजा आने लगा था क्योंकि दीदी के दाँत भी नहीं लग रहे थे और वो बहुत अच्छे से लंड चूस रही थी

"दीदी आप तो लंड चूसने में बहुत एक्सपर्ट लग रही हो कहाँ से सिखा आपने ये" मैंने मजे से पूछा।

"भैया जब से मैंने तुमसे सेक्स करना शुरू किया तब से मेरा दिल करता था की मैं तुम्हारा लंड मुँह में लूँ लेकिन मुझे पता नहीं था की ये कैसे करते है इसलिए मैं रोज रात अपनी ऊँगली चुस कर प्रैक्टिस करती थी और आज मैं पूरी तरह एक्सपर्ट हो गई हूँ और अपने प्यारे भाई का लंड चूस कर उसे मजा दे रही हूँ, भैया आज तुम्हे पता चलेगा की मैं तुमसे कितना प्यार करती हूँ" दीदी बोली। 
 
"दीदी सच आप बहुत अच्छी हो और मुझसे बहुत प्यार करती हो, दीदी अब आप मेरे झड़ने तक मेरा लंड चूसो मैं आज सारी रात आपको चोदना चाहता हूँ और आपके सभी होल्स में अपना माल गिराना चाहता हूँ ऊफ्फ दीदी जोर से मेरा लंड पूरा अपने मुँह को बहुत मजा आरहा है, हाँ दीदी यस यस ऐसे ही ओह्ह दीदी प्ल्ज़ थोड़ा इधर हो जाओ मैं आपका बूब दबाना चाहता हूँ दीदी आपको पता नहीं है की मैं आपके बूब्स का कितना दिवाना हूँ अहहहह दीदी कितने सॉफ्ट और बड़े बड़े है आपके बूब्स उफ़ दीदी और जोर से चूसो मेरा बस निकलने ही वाला है" मैं दीदी का सर अपने लंड पर दबाते हुए बोला।

और दीदी जोर जोर से मेरे लंड चूसने लगी जब मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो मैंने दीदी का सर पकड़ कर दो चार धक्के जोर के लगाये और मेरा लंड दीदी के मुँह में ही फट पड़ा और दीदी का मुँह मेरे माल से भर गया दीदी भी कहाँ पीछे रहने वाली थी वो मेरे माल की एक एक बून्द पी गई।।।।।।।।।।।।

फिर दीदी उठी और अपनी चूत मेरे मुँह पर रख दी वववओऊववव क्या स्मेल थी दीदी की चूत की।

"ले भैया आज चाट मेरी चूत को और जब अच्छे से गीली हो जाये तब इसमें अपना लंड घुसा कर जबरदस्त चुदाई करना इसकी" दीदी बोली।

ओर फिर दीदी मेरे सीने पर दोनों तरफ पेर डाल कर बैठ गई उसकी चूत मेरे मुँह से लगी हुई थी और मैं उसे चाटे जारहा था और अपनी जीभ भी चूत की लाइन पर घुमा रहा था।

मेरे मुँह की गर्मी और मेरी जीभ की हरकतो को दीदी की चूत सहन नहीं कर पायी और दीदी मेरे मुँह में ही झड़ गई उसका पूरा नमकिन पानी मैं पी गया।

झडने के बाद दीदी जैसे ही होश में आयी वो मेरे ऊपर से हट कर साइड में दोनों टांगे फैला कर लेट गई।

"चल मेरे भाई अब तोड़ दे मेरी सील और कर ले अपने मन की पूरी। ये तेरे लिए मेरी तरफ से बर्थडे गिफ्ट है" दीदी बोली।
मेरी आँखों के सामने बहुत ही दिलकश नजारा था दीदी की गुलाबी चिकनी बिना बालो वाली रस बहातीचूत मुझे अपनी तरफ बुला रही थी।

ओर फिर मैंने भी देर नहीं की और दीदी की टाँगों के बीच आगया।

"दीदी पहली बार है दर्द होगा" मैं बोला।

"तु टेंशन मत ले मैं सहन कर लूँगी" दीदी बोली।

दीदी की बात सुनकर मैंने अपना लंड उसकी चूत के छेद पर लगाया और धीरे धीरे आगे बढ़ने लगा लेकिन दीदी की चूत बहुत टाइट थी तो लंड अंदर जा ही नहीं रहा था।

"भाई ऐसे नहीं होगा एक जोर का धक्का लगा वरना मुझे दर्द भी होगा और हम कुछ कर भी नहीं पाएँगे" दीदी बोली और पास पड़ा कपडा अपने मुँह में भर लिया।
 
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